प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की दावेदारी को लेकरराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले कई दिनों से भाजपा नेताओं की नब्ज टटोल रहा है। इस कड़ी में पिछले सप्ताह लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी तथा भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी से संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी और संघ में भाजपा के राजनीतिक मामलों को देख रहे सुरेश सोनी ने बातचीत की। संघ नेताओं ने भाजपा के जिन लोगों से बात की है वह सभी पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। संसदीय बोर्ड को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रत्याशी तय करना है। (
छिटक सकता है जदयू जैसा पुराना साथी
सूत्रों का कहना है कि सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए नरेंद्र मोदी की योग्यता और क्षमता को स्वीकार तो किया है, लेकिन सियासी माहौल को मोदी के प्रतिकूल बताया है। भाजपा नेताओं ने तर्क दिया है कि मोदी को प्रोजेक्ट करने से कांग्रेस को अल्पसंख्यक वोटों और उनकी पैरोकारी करने वाले क्षेत्रीय दलों को लामबंद करने का अवसर मिल जाएगा। साथ ही एनडीए का जदयू जैसा पुराना और बड़ा घटक दूर जा सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की दावेदारी पर मोदी के नाम पर मना कर चुके हैं। शिवसेना प्रमुख ने इस पद के लिए सुषमा स्वराज को बेस्ट बताया है। माना जा रहा है कि संघ ने भाजपा नेताओं के इस आकलन को नरेंद्र मोदी के साथ साझा किया है।
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