बिरजू ठेकेदार की हत्या का आरोपी पांड्या सांचौर जेल से फरार हुआ था साथी संजय के साथ वैष्णो देवी दर्शन के लिए जा रहा था, जम्मू में दबोचा टीम ने सांचौर दारिया एनकाउंटर के गवाह बिरजू ठेकेदार की हत्या करने वाले अनिल पांड्या और संजय को राजस्थान एटीएस ने शुक्रवार शाम को जम्मू में दबोच लिया। दोनों आरोपियों को हत्या के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था मगर दोनों पिछले साल अक्टूबर में सांचौर जेल से फरार हो गए थे। दोनों के बारे में एटीएस को सूचना मिली थी कि वे वैष्णो देवी दर्शन के लिए जा रहे है। इस पर स्पेशल टीम जम्मू भेजी गई। जहां से दोनों को दबोच लिया। एटीएस टीम दोनों को लेकर जयपुर रवाना हो गई है।
एटीएस के एसपी डॉ. रवि ने बताया कि पांड्या और संजय के बारे में सूचना मिली थी कि वे वैष्णों देवी जा रहे है। सूचना के बाद टीम ने दोनों का पीछा किया और दबोच लिया। दोनों ने अन्य साथियों की मदद से बिरजू ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी थी और फरार हो गए थे। कुछ समय बाद दोनों को गिरफ्तार करके सांचौर जेल में रखा गया था, लेकिन वे फरार हो गए थे।
दर्ज हैं लूट, हत्या सहित 20 मुकदमे : फतेहपुर के खांजी का बास गांव का रहने वाला अनिल उर्फ पांड्या पुत्र जगदीश प्रसाद फतेहपुर सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में लूट, हत्या,शराब तस्करी, मारपीट व अपहरण के 20 मुकदमे दर्ज हैं। 2006 में उसके खिलाफ फतेहपुर कोतवाली थाने में मारपीट का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।
उसके बाद लगातार अपराध करता गया। सालासर व रतनगढ़ थानों में उसके खिलाफ हत्या के मुकदमे दर्ज हैं। बिरजू ठेकेदार हत्याकांड और सांचौर जेल से फरार होकर उसके साथ अपराध के कई किस्से जुड़ गए। वहीं पांड्या की गैंग पर 27 से ज्यादा मामले राजस्थान व हरियाणा में हैं।
सीकर पुलिस के लिए एक चिंता हुई खत्म, लेकिन नई बन रही गैंग भी चुनौती : सीकर. बलवीर बानूड़ा, राजू ठेहट और आनंदपालसिंह के बाद जरायम की दुनिया में नया नाम अनिल उर्फ पांड्या उभर रहा था। पांड्या सीकर पुलिस के साथ-साथ राजस्थान एटीएस व अन्य प्रदेशों की पुलिस के निशाने पर भी था। सीकर पुलिस के लिए वर्तमान में सिर्फ पांड्या ही सिर दर्द बना हुआ था। बाकी तमाम अपराधी सींखचों के पीछे हैं। अब एटीएस के द्वारा पकड़ में आने पुलिस के लिए बड़े अपराधियों की चिंता एकबारगी कम हुई है। क्योंकि उसके निशाने पर इलाके के कई भू माफिया थे। इसके अलावा गैंगवार की आशंका भी थी। अब पुलिस को सिर्फ उन अपराधियों को दबाना है, जो नई गैंग बनाकर सक्रिय होना चाहते हैं। हालांकि पांड्या गैंग पिछले कई महीनों से सीकर जिले में सक्रिय थी। इसका सबूत यह हैकि खूड़ के फार्म हाउस पर छापेमारी के दौरान उसके साथी के मौजूद होने की पुष्टि हुई थी।
॥एटीएस टीम ने पांड्या को गिरफ्तार करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। फिलहाल एटीएस टीम उसे जयपुर लाकर मामले में कार्रवाई करेगी। जरूरत पडऩे पर सीकर पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाएंगी और पूछताछ करेगी। - हैदर अली जैदी, एसपी
नवंबर 2012 में की थी बिरजू की हत्या
14 नवंबर 2012 : बिरजू ठेकेदार की चूरू जिले में हत्या के बाद चर्चा में आया।
22 अप्रैल 2013 : साथियों रामकुमार व महेश उर्फ पपिया के साथ पकड़ में आया। अवैध हथियार और बिरजू की हत्या में काम में ली गई पिस्टल बरामद।
23 अक्टूबर 2013 : सांचौर जेल से भाग निकला। जेल पहुंचे पांड्या के साथी बदमाशों ने प्रहरियों पर फायरिंग की। इन्होंने प्रहरियों से चाबी छीन ली और पांड्या, रामकुमार व एक अन्य बदमाश को छुड़ा लिया।