बीजिंग। चीन ने आखिरकार स्कूलों में भी बच्चों को कंडोम बेचने का फैसला कर लिया। टीनएजर्स में बढ़ते सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज को रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान को मजबूती देने के लिए शांग्झी सिटी के स्कूली बच्चों को कंडोम मुहैया कराए जाएंगे। शहर की हेल्थ एंड प्लानिंग कमेटी के अनुसार इस निर्णय से टीनएजर्स को एड्स जैसी घातक बीमारी से बचाया जा सकता है।
हाल ही में जारी रिपोर्टों में बताया गया है कि चीन में एचआईवी एड्स के मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। इनमें ज्यादातर 15 से 24 साल के उम्र के किशोर और युवा हैं। इससे पहले साल 2008 में जारी रिपोर्ट में 482 टीनएजर्स एड्स के शिकार हुए थे, यह संख्या 2012 में बढ़कर 1ए 387 हो गई।
स्कूलों में कंडोम बेचने के फैसले से बच्चों के अभिभावक खुश नहीं है। उनका तर्क है कि बच्चों को कंडोम बेचने से एनएज में सेक्स को और बढ़ावा मिलेगा। वे अभिभावक तो और परेशान हैं जिनके बच्चे इस बार मिडिल स्कूल में दाखिला लेने वाले हैं।
उधर, हेल्थ एंड प्लानिंग कमेटी की डायरेक्टर ल्यू लिंग का कहना है कि हम इस कोशिश में हैं कि 2015 तक एड्स के मरीजों की संख्या में 25 फीसदी कमी लाई जाए। इसी कोशिश को सफल बनाने के लिए स्कूलों में भी कंडोम बेचने का फैसला किया गया। अब स्कूलों में एड्स और अन्य सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचाव की शिक्षा भी दी जा रही है। -
हाल ही में जारी रिपोर्टों में बताया गया है कि चीन में एचआईवी एड्स के मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। इनमें ज्यादातर 15 से 24 साल के उम्र के किशोर और युवा हैं। इससे पहले साल 2008 में जारी रिपोर्ट में 482 टीनएजर्स एड्स के शिकार हुए थे, यह संख्या 2012 में बढ़कर 1ए 387 हो गई।
स्कूलों में कंडोम बेचने के फैसले से बच्चों के अभिभावक खुश नहीं है। उनका तर्क है कि बच्चों को कंडोम बेचने से एनएज में सेक्स को और बढ़ावा मिलेगा। वे अभिभावक तो और परेशान हैं जिनके बच्चे इस बार मिडिल स्कूल में दाखिला लेने वाले हैं।
उधर, हेल्थ एंड प्लानिंग कमेटी की डायरेक्टर ल्यू लिंग का कहना है कि हम इस कोशिश में हैं कि 2015 तक एड्स के मरीजों की संख्या में 25 फीसदी कमी लाई जाए। इसी कोशिश को सफल बनाने के लिए स्कूलों में भी कंडोम बेचने का फैसला किया गया। अब स्कूलों में एड्स और अन्य सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचाव की शिक्षा भी दी जा रही है। -
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