सोमवार, 6 जनवरी 2014

एक खूबसूरत हसीना का खौफनाक जाल



इश्क और हुस्न सदियों से इंसानी जिंदगी का हिस्सा रहे हैं. लेकिन इसी इश्क और हुस्न के चलते नामालूम कितनी जिंदगियां तबाह हुई हैं. बात करते हैं उस हसीना की जिसे देख कर कोई भी आशिक मिजाज उस पर मर मिटेगा. इस बात का इल्म इस हसीना को भी था और उसके साथ रहनेवाले दो दोस्तों को भी. और फिर एक रोज इस तिकड़ी ने जो कुछ किया, वो किसी की सोच से भी परे था.
इंटरनेट पर हुस्न का जाल बिछाने वाली लड़कियों से सावधान!
तीनों ने बुनी एक गहरी साजिश. एक ऐसी साजिश, जिसमें शिकार हुस्न के जाल में कुछ ऐसा फंसा कि फिर वहीं फंस कर रह गया, क्योंकि ये था हुस्न का जाल. आशिकी की चाल. बंद कमरा और ब्लैकमेल!

ये कहानी आपको चौंका देगी क्योंकि ये कहानी है उस खूबसूरत जाल की, जिसमें जो एक बार फंसा बस समझ लीजिए कि बर्बाद हो गया. मुमकिन है आपके इर्द-गिर्द भी कोई ऐसा हो, जो ये जाल बुन रहा हो. तो देखिए और बचिए.

इस जाल में जो फंसा, वो काम से भी गया और नाम से भी. क्योंकि ये वो जाल है जो अब तक ना मालूम कइयों के जी का जंजाल बन चुका है. हैरानी की बात तो ये है कि इस जाल में फंसने वाले शख्स को इस बात की जरा भी भनक नहीं लगती की वो हुस्न और फरेब के एक ऐसे जाल में उलझने वाला है कि जिससे वो जितना बाहर निकलने की कोशिश करेगा वो उसमें उतना ही उलझता जाएगा.

जाल बुनने वाले सिर्फ तीन लोग
ये पूरा जाल एक बंद कमरे मे बुना जाता है. जाल बुनने वाले सिर्फ तीन लोग हैं. और इन्हीं तीनों के हाथ में जाल का पूरा सिरा है. ये तीनों इस वक्त इस कमरे में खास मिशन के लिए इकट्ठा हुए हैं. मिशन ऑपरेशन जाल में शिकार फांसना और इन्हें इतंजार है तो बस एक अदद शिकार की.

कमरे में कुछ खास तैयारी के बाद तीनों अपने साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बेकरार होने लगते हैं. कमरे के अंदर का काम पूरा हो चुका था. अब मसला कमरे के बाहर का है. लिहाजा तीनों होटल से बाहर निकलते हैं और फिर उसकी तलाश शुरू हो जाती है जिसे इनके जाल में फंसना है.

थोड़े से इंतजार के बाद ये तलाश भी पूरी हो जाती है. मोनिका उस तक पहुंच चुकी थी जो अब शिकार होने वाला था.

अब फिर से वही जगह, वही होटल और वही कमरा... लेकिन इस बार मोनिका के दोनों आशिक कमरे और सीन दोनों से गायब हैं. कमरे में पहुंचते ही मनिका तमाम खिड़की-दरवाज़े बंद कर देती है. कमरा बंद होते ही मोनिका फौरन अपने रंग में आ जाती है. अब कमरे में सिर्फ दो लोग हैं.

लेकिन इस वक्त इस कमरे में नजर भले ही दो ही लोग आ रहे हैं पर ऐसा है नहीं. इस कमरे में इस वक्त कई आंखें हैं जो लगातार दोनों को घूर रही हैं. जो लगातार दोनों की हरकतों को अपनी नजरों में कैद कर रही हैं.

जाहिर है इस खेल को अब आप थोड़ा-थोड़ा समझ रहे होंगे. आपको एहसास हो रहा होगा कि बंद कमरे में आखिर कौन सा जाल बुना जा रहा है? एक खूबसूरत लड़की. कमरे में कैमरे का खेल... और इनके जाल में एक शिकार फंस भी चुका है और उसे इस बात का ज़रा भी इल्म नहीं कि जैसे ही वो इस कमरे के बाहर कदम रखेगा तो उसके साथ भी ब्लैकमेलिंग का वो खेल शुरू हो जाएगा. जिससे वो चाह कर भी बाहर नहीं निकल पाएगा.

इंटरनेट पर सोशल साइट बनाकर बिछाया जाल
दरअसल ब्लैकमेलिंग का ये धंदा मोनिका ने अपने दो विदेसी दोस्तों चिवेंदु और विलियम्स के साथ मिलकर शुरू किया और इंटरनेट पर एक टैग्ड डॉट कॉम के नाम से एक सोशल साइट बनाई. इस वेबसाइट पर मोनिका ने कई खूबसूरत तस्वीरें डाल रखी थी और अपने शिकार को आकर्षित करती थी.

लुधियाना के शख्स को फांसा
एसे ही एक खूबसूरत धोखे का शिकार बने लुधियाना के रहने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट अरुण. अरुण को इन तीनों ने अपने जाल में फंसाकर दिल्ली बुलाया. और मोनिका कार से शुद अरुण को रिसीव करने जनकपुरी पहुंची. और फिर सीआर पार्क में अपने घर पर ले आई. वहां पर मोनिका अरुण के करीब आने की कोशिश करने लगी और इसी बीच पहले से कमरे में छुपे उसके दोनों साथियों ने दोनों की तस्वीरें लेनी शुरू कर दी. इसके बाद उन्होंने अरुण को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और जब बात नहीं बनी तो अरुण को बंधक बनाकर उसके घरवालों से चार लाख की फिरौती की मांग कर डाली.

अश्लील वीडियो बनाने के बाद मांगते थे फिरौती
इन फरेबियों की वेबसाइट की टैगलाइन थी नए लोगों से मिलने की जगह. इस साइट पर अपनी खूबसूरत तस्वीरें डालकर ये लोगों से दोस्ती करती और फिर शुरू होती उनका एक बेहद खूसूरत और कौफनाक खेल. दोस्ती करने के बाद मोनिका अपने शिकार को मिलने के के लिए बुलाती. हुस्न के जाल में फंसकर उसका शिकार खुद ही उसके जाल में फंस जाता. मोनिका पहले तो अपने शिकार को किडनैप करती और फिर उनका अश्लील वीडियो बनाती. और फिर शुरु होता फिरौती का खेल.

हुस्न के इस जाल में उसका साथ देते थे उसके दो विदेशी दोस्त. चिवेंदु और विलियम. फरीदाबाद की मोनिका घर से नाराज होकर दिल्ली आई थी और यहीं उसकी मुलाकात सोशल साइट पर आईटी की पढ़ाई कर रहे चिवोंदु से हुई और दोनों जयपुर में साथ रहने लगे. बाद में इनकी मुलाकात नाइजारिया के रहने वाले विलियम्स से हुई और फिर इन तीनों ने सोशल साइट के जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर पैसे एंठने की योजना बनाई.

इस बार फंस गई मोनिका और उसका गैंग
अरुण मोनिका और उसके दोस्तों के चंगुल में फंस चुका था. और मोनिका ने प्लान के मुताबिक उसके घरवालों को फिरौती के लिए फोन भी कर दिया था. लेकिन उससे एक गलती हो गई. एक ऐसी गलती जिसकी वजह से पुलिस उस तक पहुंच गई.

लुधियाना में मौजूद अरुण के घरवालों ने 4 लाख की फिरौती की रकम मोनिका के एकाउंट में डलवा भी दी. लेकिन इस दौरान दिल्ली पुलिस लगातार मोनिका के फोन को ट्रैप कर रही थी और पुलिस ने सीआर पार्क के एक मकान से मोनिका और उसके दो साथियो को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सीए अरुण वाही को सही सलामत छुड़ा भी लिया.

पुलिस तीनों की गिरफ्तारी के बाद मोनिका के खातों की तलाश कर रही है. पुलिस को शक है कि मोनिका के साथियों ने अरुण के साथ मोनिका की अश्लील वीडियो भी बना रखी है पुलिस इन को मोबाइल की भी गहराई से जांच कर रही है.


 

गेंद से टूटा था कार का शीशा, तो क्या राखी ने झूठ बोला?



नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री राखी बिड़ला की कार का शीशा टूटने के बाद रविवार को खबर फैली कि उनकी कार पर हमला किया गया। राखी ने पुलिस में इसकी शिकायत भी की। लेकिन जब पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि कार का शीशा एक बच्चे की गेंद लगने से टूटा था। खुद उस बच्चे और उसके पिता ने राखी से माफी भी मांगी। लेकिन आरोप है कि राखी ने पुलिस को ये बात नहीं बताई। इलाके के लोगों का कहना है कि राखी के पिता ने बच्चे के परिवार को अपशब्द भी कहे।



दिल्ली की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री राखी बिड़ला रविवार शाम को अपने भाई की वैगन आर कार में एक मंदिर से लौट रही थीं, इसी दौरान उनकी कार पर कोई चीज आकर गिरी और कार का शीशा चटक गया। इसके बाद खबर फैल गई कि राखी की कार पर अज्ञात लोगों ने हमला किया है। राखी ने इस मामले की शिकायत मंगोलपुरी पुलिस स्टेशन में की।



मामला दिल्ली की मंत्री से जुड़ा था, इसलिए पुलिस फौरन हरकत में आई। लेकिन जब मौके पर पुलिस की टीम पहुंची तो जांच में हकीकत कुछ और ही निकली। दरअसल, राखी की कार पर कोई पत्थर नहीं बल्कि एक गेंद गिरी थी। और ये गेंद 11 साल के एक बच्चे की थी। बच्चे के मुताबिक रविवार शाम को जब अपने घर की छत पर खेल रहा था, उसी दौरान उसकी गेंद नीचे से गुजर रही राखी की कार पर जा गिरी और उनकी कार का शीशा टूट गया। इसके बाद बच्चा और उसके पिता ने नीचे आकर राखी बिड़ला से माफी मांगी।



बच्चा ने कहा कि उसकी गेंद से राखी की कार का शीशा टूटा, और उसने इसके लिए माफी भी मांगी। इस बात की गवाही इलाके के लोग भी दे रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि राखी बिड़ला ने ये बात पुलिस से क्यों छिपाई। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बच्चे के माफी मांगने की बात क्यों नहीं बताई। वहीं, घटना के तुरंत बाद जब राखी से ये पूछा गया कि क्या वो सुरक्षा लेंगी तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया।



राखी ने कहा, 'मैं कोई सुरक्षा नहीं लूंगी। यह हमारे सिद्धांत पर आधारित फैसला है। मैं डरी-सहमी नहीं हूं। मैं लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखूंगी।' हमारी पाटच् की नेता संतोष कोली ने समाज के लिए अपनी जान दे दी। हम लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे संतोष कोली से प्रेरणा मिलती है और ऐसी घटनाओं से डरूंगी नहीं।'















राखी मंगोलपुरी इलाके की विधायक भी हैं। लोगों का कहना है कि जिस नेता को उन्होंने खुद चुनकर मंत्री बनाया हो वो भला उन पर क्यों हमला करेंगे। लोगों का कहना है कि इस घटना को लेकर राखी ने जो रवैया अपनाया वो सुर्खियां बटोरने का सियासी स्टंट है। यही नहीं लोगों का आरोप है कि माफी मांगने के बावजूद राखी के पिता ने बच्चे के परिवार को अपशब्द भी कहे।

एमबीएम इंजीनियरिंग हॉस्टल में फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ रैगिंग



जोधपुर. शनिवार दोपहर- एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज। इंजीनियरिंग फस्र्ट ईयर का स्टूडेंट्स देवकिशन (परिवर्तित नाम) कॉलेज की ही किसी लड़की से बात कर रहा था। चार-पांच छात्र वहां आते हैं और देवकिशन के साथ मारपीट करते हैं और चेतावनी देकर चले जाते हैं।
एमबीएम इंजीनियरिंग हॉस्टल में फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ रैगिंग
सीनियर्स बुला रहे हैं, हॉस्टल में चल...
शनिवार रात बारह बजे
देवकिशन और उसके सहपाठी राजेश (परिवर्तित नाम) हॉस्टल में पढ़ रहे थे। रात 12 बजे चार-पांच लड़के आते हैं और कहते हैं हॉस्टल संख्या आठ के कमरा नंबर 15 में चलो 'बॉसÓ बुला रहे हैं। दोनों छात्र कमरा संख्या में 15 में जाते हैं। वहां पहले से ही करीबन 20 छात्र मौजूद थे। इन छात्रों ने पहले तो दोनों के साथ मारपीट की। फिर डराया धमकाया और गाली-गलौच की।

फिर देवकिशन को थप्पड़ मारकर कहा लड़की से बात करता है, चल-बे, मुर्गा बन जा। लड़की से बात करना भूल जाएगा। चल जल्दी से मुर्गा बन। दूसरे छात्र राजेश के साथ भी मारपीट हुई। इससे घबराए दोनों छात्रों ने वार्डन डॉ.एसके सिंह से लिखित में शिकायत की। इस बीच छात्रों के अभिभावक आ गए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने का उलाहना दिया। वार्डन ने कार्रवाई का भरोसा देते हुए अभिभावकों को शांत कर दिया।


बचाने आए तो साथी का पैर तोड़ दिया था

रविवार दोपहर सवा बजे
लाठियों व अन्य हथियारों से लैस होकर कई छात्र हॉस्टल सात व आठ के मेन गेट पर आते हैं। यहां खड़े देवकिशन व राजेश व अन्य छात्रों के साथ मारपीट करते हैं। उन्हें कुछ सीनियर बचाने आए तो उनको भी पीटा गया। इस बीच देवकिशन को बचा रहे एक अन्य छात्र शक्तिसिंह के पैर में फ्रैक्चर हो गया। ये लड़के बचने के चक्कर में हॉस्टल के बाहर भी भागे, लेकिन यहां भी उन छात्रों ने उनकी पिटाई की। पुलिस आने की सूचना मिली तो वे वहां से भाग गए।

रविन्द्र शर्मा त्न जोधपुर
एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज हॉस्टल में सीनियर द्वारा जूनियर के साथ मारपीट का एक और मामला सामने आया है। शनिवार और रविवार कोछात्र देवकिशन को लड़की के साथ बातचीत करना महंगा पड़ गया। सीनियर ने उसके साथ जमकर पिटाई की और रैगिंग लेते हुए मुर्गा बना दिया। देवकिशन के सहपाठी राजेश के साथ भी मारपीट की गई।


इस संबंध में रातानाडा थाना पुलिस ने नौ छात्रों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। पीडि़त पक्ष के एक छात्र शक्तिसिंह के पैर की हड्डी टूटने पर उसे एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घबराए दोनों छात्रों ने वार्डन डॉ.एसके सिंह से लिखित में शिकायत की।



दूसरे गुट के छात्रों ने लाठियों व अन्य हथियारों से लैस होकर रविवार दोपहर करीब सवा बजे हॉस्टल सात व आठ के मेन गेट पर खड़े देवकिशन व राजेश के अलावा कुछ अन्य छात्रों के साथ मारपीट कर दी। इस बीच देवकिशन को बचा रहे शक्तिसिंह के पैर में फ्रैक्चर हो गया। इस बीच पुलिस आने की सूचना मिली तो वे वहां से भाग गए। मारपीट करने के मामले में मनीष मीणा, संतोष मीणा, दीपक मीणा, हेमेंद्र मीणा, सागर मीणा, विकास मीणा, राहुल मीणा, महेंद्र मीणा, अर्जुन मीणा सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

तेलुगु फिल्म अभिनेता उदय किरण ने खुदकुशी की

हैदराबाद। तेलुगु फिल्म अभिनेता उदय किरण (33) ने आत्महत्या कर ली है। प्रारंभिक खबरों के अनुसार उदय ने रविवार रात श्रीनगर कॉलोनी स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगा ली। उदय की पत्नी विशिता व पड़ौसी उन्हें जुबली हिल्स स्थित अपोलो अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उदय की मौत के कारणों का पता अभी नहीं चला है। उदय ने अपने 34वें जन्मदिन से 20 दिन पहले ही जान दे दी।
तेलुगु फिल्म अभिनेता उदय किरण ने खुदकुशी की
प्राप्त जानकारी के अनुसार उदय रविवार रात अपने फ्लैट पर अकेले थे। उनकी पत्नी किसी काम से मनिकोंडा गई थीं। विशिता ने उदय को फोन किया लेकिन उन्होंने उठाया नहीं। बार-बार फोन करने पर भी जब उन्होंने फोन नहीं सिसीव किया तो वे घर आई जहां उदय को फांसी के फंदे से झूलते पाया।


उदय किरण ने चितराम, नुव्वू नेनू, मनसन्था नुव्वे, नी स्त्रेहम जैसी फिल्में कीं। उदय को अंतिम बार एक्शन एंटरटेनर जय श्रीराम में देखा गया था। उदय ने अक्टूबर 2012 में विशिता से शादी की थी।


उदय की मेगा स्टार व केंद्रीय मंत्री चिरंजीवी की बेटी से 2003 में सगाई हुई थी। लेकिन सगाई टूट गई। उदय ने फिल्मों में काम करना जारी रखा लेकिन उन्हें कोई खास सफलता हााथ नहीं लगी।

सावधान! डबल के चक्कर में कहीं डूब न जाए फर्जी कंपनियों में जमा करवाई आपकी पूंजी


सावधान! डबल के चक्कर में कहीं डूब न जाए फर्जी कंपनियों में जमा करवाई आपकी पूंजी


बालोतरा की कंपनी के लोगों के खिलाफ पैसे हड़पने का मामला दर्ज
कंपनी के मैनेजर ने इस्तगासे के आधार पर दर्ज करवाया नामजद मुकदमा
जालोर बाड़मेर की एक निवेशक कंपनी पर धोखाधड़ी कर लोगों के लाखों रुपए हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। जालोर कोतवाली थाने में इस्तगासे के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार आशापूर्णा कॉलोनी निवासी निलाभ सक्सेना पुत्र रमेशचंद्र सक्सेना ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उन्होंने रिपोर्ट में बताया है कि अमित कुमार दवे व अन्य लोगों ने धोखाधड़ी करने की नियत से रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन कंपनी की स्थापना बालोतरा (बाड़मेर) में 2009 में की। मैं अमित कुमार दवे एवं उनके पिता पृथ्वीराज दवे को पहले से ही जानता था, इसलिए उन्होंने मुझे रिसर्च इंडिया इन कार्पोरेशन कंपनी बालोतरा (बाड़मेर) की जालोर शाखा में ब्रांच मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद जालोर के लोगों से संपर्क कर कंपनी में लाखों रुपए का निवेश किया। इस बीच जिन लोगों ने कंपनी में पैसे जमा करवाए उनके खाते पूरे होने पर उन्हें पैसे वापस लौटाए गए, जिससे लोगों में पैठ बन गई और कई लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया।

लेकिन मार्च 2013 के बाद में कंपनी की ओर से लोगों को करीब करीब पैसे देने बंद कर दिए। कंपनी की ओर से नवंबर 2013 में जालोर का ऑफिस बंद कर दिया। इस बारे में कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क किया तो वे कुछ दिन में पैसे देने का कहकर बात टालते रहे। वर्तमान में कंपनी में कई लोगों के करोड़ों रुपए अटके पड़े है, कंपनी की ओर से अब बहाना बनाया जा रहा है और पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कंपनी की पूरी जानकारी के बाद ही जमा करवाएं अपनी रकम, कई कंपनियां कम दिनों में धन दुगुना, तिगुना करने का लालच देकर जमा कर ठगा, अब ऑफिस कर दिए बंद, निवेशक हो रहे परेशान

जालोर

यदि आप अपनी मेहनत की कमाई अधिक ब्याज मिलने के लालच में किसी कंपनियों में जमा करवा रहे है तो सावधान हो जाए, वरना आपकी ओर से जमा करवाई गई राशि डूब सकती है। कई शातिर लोग कम समय में धन दुगुना व तिगुना करने का लालच देकर लोगों की गाढ़ी कमाई की राशि लूटने में लगे हुए हैं।

जिले में ऐसे कई लोग है जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई किसी ऐसी कंपनी में जमा करवाई जो डूब गई है, और कंपनी वाले अब उन्हें कोई जवाब तक नहीं दे रहे हैं। ऐसी कंपनियों की ओर से जिले भर में अपने एजेंट भी बनाए जाते हैं, यह एजेंट गांव गांव में घूम घूम कर लोगों को अधिक ब्याज देने का लालच देते हैं, जिससे लोग इनके झांसे में आकर अपने पैसे उनके पास जमा करवा देते हैं, लेकिन जब समय सीमा पूरी हो जाती है तो उन्हें वह पैसे वापस नहीं मिलते। ऐसी कंपनियों या उनकी फर्म की ओर से लोगों को प्रभावित करने के लिए अपने दफ्तर खोले जाते हैं तथा दफ्तरों में सारी सुविधाएं होती है जिसे देखकर लोग कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं।



तथा अपने पैसे जमा करवा देते हैं। इस तरफ का गोरखधंधे करने वाले लोग सोची समझी साजिश के तहत लोगों को ठगने का कारोबार चलाते हैं, कई लोग चैन सिस्टम की आड़ में भी लोगों को लूटने का कार्य किया जाता है। जिले में कई लोग ऐसे है जिन्होंने ऐसी कंपनियों में पैसे जमा करवाए, लेकिन अब समय सीमा पूरी हुई तो वे अपने दफ्तर पर ताला लगाकर रातों रात खाली कर चले गए। लोग अब पैसे के लिए इधर उधर चक्कर काट रहे हैं, मगर उनको कोई जवाब नहीं मिल रहा है।

शर्म के मारे नहीं करवाते मुकदमा

कई लोग ऐसी कंपनियों के जाल में फंस जाते हैं, लेकिन जब समय सीमा पूरी होने के बाद उन्हें पैसे नहीं मिलते तो वे ठगी का पता चलने के बाद भी लोगों की शर्म के मारे वे पुलिस में इसकी रिपोर्ट करने से डरते हैं।

अधिक ब्याज दें तो पहले सोचे

फर्जी कंपनियों वाले लोगों को कम समय में अधिक ब्याज देने का लालच देते हैं, कई बार वे इस पैसे के बदले में किसी स्थान की जमीन भी बता देते हैं, लालच देते है कि यदि पैसे नहीं चाहिए तो आप कंपनी की जमीन भी खरीद सकते हैं। यदि किसी कंपनी, बैंक या सोसायटी का कोई प्रतिनिधि या एजेंट आपको कम समय में धन दुगुना, तिगुना या अधिक ब्याज देने का लालच देता हो तो पहले सके बारे में सोचे समझे और कंपनी का पता करें इसके बाद ही अपनी पूंजी जमा करवाए।

॥इस्तगासे के आधार पर आशापूर्णा कॉलोनी निवासी निलाभ सक्सेना पुत्र रमेशचंद्र सक्सेना ने बालोतरा की कंपनी के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, रिपोर्ट के आधार पर धारा 420, 406 में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। -मांगीलाल, कोतवाल, जालोर

पूरी जांच पड़ताल के बाद ही जमा करवाएं पूजी

इस प्रकार की ठगी के मामले सामने आते रहते हैं, इसलिए अपना धन किसी सोसायटी, बैंक या कंपनी के एजेंट के पास पैसे जमा करवाने से पहले उस कंपनी की पूरी जांच पड़ताल करें, इसके बाद ही उस कंपनी या बैंक या एजेंट के पास पैसे जमा करवाए, वरना अधिक ब्याज के चक्कर में मूल धन भी वापस नहीं मिलेगा।

यदि आपके साथ भी ऐसी घटना हुई है तो हमें बताए

यदि आपके साथ भी इस प्रकार की कोई घटना हुई हो तो आप हमें इसकी जानकारी मोबाइल नंबर 9587653030 पर दें सकते हैं, हम आपकी इस घटना का हमारे समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे ता कि इस पर कोई कार्रवाई हो और दूसरे लोग इस प्रकार की कंपनियों के बहकावे आकर अपना धन नहीं गवाएं।

जालोर के राजेंद्र नगर निवासी सुरेंद्रसिंह पुत्र मदनसिंह ने रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन कंपनी में करीब 1 लाख रुपए जमा करवाए थे, समय पूरा हुआ जितने में कंपनी ने जालोर से ऑफिस बंद कर दिया, अब उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है।

बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी निवासी उम्मेदसिंह पुत्र भीकसिंह ने जालोर में रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन की स्थानीय शाखा में दो साल पहले अपने परिवार के सदस्यों के नाम करीब 3 लाख रुपए जमा करवाए थे, अब इस कंपनी का ऑफिस बंद हो गया है, कंपनी की ओर से उन्हें चेक भी दिए गए थे, जब इन्होंने बैंक में चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया। कंपनी के मुख्य कार्यालय बालोतरा में संपर्क किया तो वहां से कोई जवाब नहीं मिल रहा।

पति को लिखा खत,मैंने रचा ली है शादी

हिसार। हरियाणा के भिवानी जिले के प्रहलादगढ गांव की एक विवाहिता ने दांत दर्द का बहाना करके दूसरी शादी रचा डाली। सूरजन सिंह की पत्नी और साढ़े तीन साल के बच्चे की मां दांत उखड़वाने का बहाना बनाकर भिवानी के सिविल अस्पताल गई और दूसरी शादी रचा ली। दूसरे दिन महिला ने पत्र भेजकर अपने पति को दूसरी शादी रचाने की बात का खुलासा किया।


अब मासूम बच्चे को लेकर न्याय के लिए भटक रहे पति ने मामले की शिकायत सदर पुलिस थाने में दर्ज करवाई है। पुलिस महिला की खोजबीन में जुटी हुई है। सूरजन सिंह ने बताया कि उसकी शादी करीब चार साल पहले गांव झडोदा निवासी गीता से हुई थी। शादी के बाद उसे एक लड़का हुआ जो अब साढे तीन साल का है। वह मजदूरी कर अपने परिवार को पाल रहा है।

एक जनवरी को उसकी पत्नी गीता सुबह करीब दस बजे भिवानी के सिविल अस्पताल में दांत निकलवाने की बात कहकर गई थी और वापस नहीं लौटी। दूसरे दिन मिले पत्र में गीता ने बताया कि उसने फरीदाबाद के एक लड़के से शादी रचा ली है और बच्चे को अब तुम पालना। पीडित ने बताया कि उसकी पत्नी व उसका कभी कोई झगड़ा तक नहीं हुआ और उसने उसे इस तरह बेवजह धोखा देकर दूसरी शादी रचा ली।

एक महान कवि संत नरसिंह मेहता


संत नरसिंह मेहता गुजरात के एक महान कवि  संत थे| महात्मा गाँधी जी को अति प्रिय भजन “वैष्णव जन तो ते ने कहिये रे जो पीड पराई जाने रे “ नरसिंह मेहता द्वारा ही रचा गाया है| बचपन से ही आप कृष्ण भगवान के भजन गाते थे |



आप का जन्म १४०० इ. के लगभग तलाजा, जिल्हा भावनगर, सौराष्ट्र में हुआ | आप काफी कम उम्र के थे जब आप जी के माता पिता का देहांत हो गाया| माता पिता के देहांत के बाद आप अपने भाई और भाभी के साथ जूनागढ़ में रहने लगे| आप घर के काम काज में बिलकुल भी ध्यान नहीं देते थे| सारा समय कृष्ण भगति में ही लगे रहते| आप के भाई ने आप की शादी मानेकबाई से कार दी ताकि आप घर की जिम्मेदारी सँभालने लगें, लेकिन शादी से भी नरसिंह को कोई फरक नहीं पडा |




नरसिंह मेहता की भाभी आप को बहुत भला बुरा कहती थी| एक दिन भाभी की बातों से तंग आकर आप जंगल चले गए और बिना खाए पिये ७ दिन तक शिवजी के मंदिर में आराधना की | भगवान शिव एक साधु के रूप में प्रगट हुए| नरसिंह जी के अनुरोध पर भगवान शिव आप को वृन्दावन में रास लीला दिखाने को ले गए| आप रास लीला देखते हुए इतने खो गए की मशाल से अपना हाथ जला बेठे | भगवान कृष्ण ने अपने स्पर्श से हाथ पहले जैसा कर दिया और नरसिंह जी को आशीर्वाद दिया | घर आकर आप ने भाभी का धन्यवाद किया |

इसके बाद आप को दो संताने हुई पुत्र श्यामलदास और पुत्री कुंवरबाई | आप हमेशा कृष्ण भगति में खोए रहते, खुद को गोपियों की तरह सजा लेते|

नरसिंह जी सब में परमेश्वर को हि देखते थे| उनके लिये ऊँच नीच कुछ नहीं था | भजन उनके जीवन का अभिन्न अंग था| परमेश्वर के प्रति उनका अपार प्रेम था | जहां नरसिंह अपनी भक्ति के कारण विख्यात हो गये थे वहीं ब्राह्मण समाज उनसे जलने लगा था |



नरसिंह जी के जीवन में कई बार चमत्कार हुए|



एक समय नरसिंह और उनके भाई तीर्थ यात्रा पर जाते समय एक जंगल में से गुजर रहे थे| दोनों बहुत थक चुके थे और भूख भी बहुत लगी थी | कुछ दुरी पर एक गाँव दिखाई दिया | उस गाँव के कुछ लोग इन दोनों के पास आये और कहा की अगर आप कहें तो हम आप के लिये खाना ले आते हैं, पर लेकिन हम शुद्र (नीच ) जाती के हैं | नरसिंह जी ने उन्हें कहा की सभी परमेश्वर की संतान हैं आप तो हरि के जन हैं मुझे आप का दिया भोजन खाने में कोई आपत्ति नहीं | नरसिंह ने खुशी से भोजन खाया लेकिन उनके भाई ने भोजन खाने से इनकार कार दिया | चलने से पहले नरसिंह जब गाँव वालों का धन्यवाद करने के लिये उठे तो उन्हें कहीं भी गाँव नजर नहीं आया |



आचार्य श्री गरीब दास महाराज जी ने भक्त माल में नरसिंह मेहता जी के साथ हुए दो घटनाओं का वर्णन किया है |

१. सांवल शाह की घटना

आये हैं साधु नरसीला के पास | हुंडी करो नै नरसीला जो दास || ५५ ||

पांच सौ रूपये जो दीन्हें जो रोक | करो बेग हुंडी द्वारा नाथ पोष || ५६ ||

सड़ सड़ लिखी बेग कागज मंगाय | टीके दिया शाह सांवल चढाय || ५७ ||

द्वारा नगर बीच पौहंचे हैं संत | पाया न सांवल लिया है जु अंत || ५८ ||

द्वारा नगर के जु बोले बकाल | नहीं शाह सांवल नरसीला घर घाल || ५९ ||

करी है जु करुणा अबरना आनंद | भये शाह सांवल जो साहिब गोविन्द || ६० ||

चिलकी करारे हजारे हजार | दिने दुचंद जो सांवल मुरार || ६१ ||

दोहरी कलम टांक बहियां बिनोद | भये शाह सांवल नरसीला प्रमोध || ६२ ||

चौरे गिने बेग पल्ला बिछाय | देखैं द्वारा नगर के सकल शाह || ६३ ||

खरचे खाये संतौं किन्हें मुकाम | द्वारा नगर बीच दीन्हें जु दाम || ६४ ||

सांवल शाह संतौं से किन्हा बसेख | नरसीला से बन्दगी हुंडी ध्यों अनेक || ६५ ||

पहली नरसीला नै दीन्हा भंडार | पीछे सांवल शाह पौहंचे पुकार || ६६ ||



एक बार द्वारका को जाने वाले कुछ साधु नरसिंह जी के पास आये और उन्हें पांच सौ रूपये देते हुए कहा की आप काफी प्रसिद्ध व्यक्ति हो आप अपने नाम की पांच सौ रुपयों की हुंडी लिख कर दे दो हम द्वारका में जा कर हुंडी ले लेंगे| पहले तो नरसिंह जी ने मना करते हुए कहा की मैं तो गरीब आदमी हूँ , मेरे पहचान का कोई सेठ नहीं जो तुम्हे द्वारका में हुंडी दे देगा, पर जब साधु नहीं माने तो उन्हों ने कागज ला कर पांच सौ रूपये की हुंडी द्वारका में देने के लिये लिख दी और देने वाले (टिका) का नाम सांवल शाह लिख दिया|

( हुंडी एक तरह के आज के डिमांड ड्राफ्ट के जैसी होती थी| इससे रास्ते में धन के चोरी होने का खतरा कम हो जाता था | जिस स्थान के लिये हुंडी लिखी होती थी, उस स्थान पर जिस के नाम की हुंडी हो वह हुंडी लेन वाले को रोख दे देता था | )

द्वारका नगरी में पहुँचने पर संतों ने सब जगह पता किया लेकिन कहीं भी सांवल शाह नहीं मिले | सब कहने लगे की अब यह हुंडी तुम नरसीला से हि लेना |

उधर नरसिंह जी ने उन पांच सौ रुपयों का सामान लाकर भंडारा देना शुरू कर दिया| जब सारा भंडारा हो गाया तो अंत में एक वृद्ध संत भोजन के लिये आए | नरसिंह जी की पत्नी ने जो सारे बर्तन खाली किये और जो आटा बचा था उस की चार रोटियां बनाकर उस वृद्ध संत को खिलाई | जैसे ही उस संत ने रोटी खाई वैसे ही उधर द्वारका में भगवान ने सांवल शाह के रूप में प्रगट हो कर संतों को हुंडी दे दी |

आचार्य जी अन्न्देव की छोटी आरती में भी इस बात का प्रमाण देते हैं| जैसे

रोटी चार भारजा घाली, नरसीला की हुंडी झाली |



(भारजा – पत्नी, घाली- डाली, देना, झाली- हो गई)

सांवल शाह एक सेठ का भेष बनाकर संतों के सामने आए | और भरे चौक में संतों को हुंडी के रूपये दिये | द्वारका के सभी सेठ देखते ही रह गये |





२. नरसीला जी की ध्योती की शादी की घटना



बेटी नरसीला की भेली चढ़ाय | चालो पिता तेरी ध्योती का व्याह || ६७ ||

मैं निर्धन भिखारी नहीं मेरै दाम | आऊंगा बेटी मैं सुमरुन्गा राम || ६८ ||

नरसीला खाली गये पल्ला झार | आगे खरी एक समधनि उजार || ६९ ||

भातई आये हैं जो धी के पिता | करुवे के घाल्या जु हम कूं बता || ७० ||

समधनि कहै सखियों मैं सुनाय | दो भाठे घाले हैं करुवे पिताय || ७१ ||

नरसीला सुनि कर जो हुये आधीन | लज्जा राखो मेरे साहिब प्रबीन || ७२ ||

आये विश्वम्भर जो गाडे लदाय | ल्याये माल मुक्ता जो कीन्ही सहाय || ७३ ||
सुहे जरीबाब मसरू अपार | गहना सुनहरी और मोती हजार || ७४ ||

हीरे हरी भांति लाली सुरंग | चाहै सु देवै छुटी धार गंग || ७५ ||

नगदी और जिनसी खजानें मौहर | उतरैं जरीबाब झीनी दौहर || ७६ ||

चुन्नरी चिदानन्द ल्याये अनूप | झालर किनारी जरीदार सरूप || ७७ ||

समधनि सुलखनी खरी है जु पास | भरे भात नरसी जो हीर्यों निवास || ७८ ||

घोरे तुरंगम दिये हैं जो दान | अरथ बहल पालकी किये हैं कुर्बान || ७९ ||

कलंगी रु झब्बे सुनहरी हमेल | हीरे जड़ाऊँ मोती रंगरेल || ८० ||

नरसी अरसी है समुद्र में सिर | गैबी खजाने अमाने जो चीर || ८१ ||

भाठे परे दोय धूं धूं धमाक | देखें दुनी चिश्म खौलै जो आंख || ८२ ||

चांदी सोने के हैं भाठे जु दोय | समधनि लिया मुख उलटाई गोय || ८३ ||



भेली – गुड की डली ( शगुन के तोर पर दी जाती थी| जैसे आज कल कार्ड के साथ मिठाई का डिब्बा देते है|)

समधनि – कुडमनी (बेटी/बेटे की साँस )

भातई – मामा

भात – नानकशक (लड़की या लड़के के विवाह में नाना / मामा की तरफ से दि जाने वाली सामग्री)

करुवे – कन्यादान

भाठे – मिट्टी के ठेले या बर्तन,





एक समय नरसिंह की ध्योती की शादी थी| नरसिंह की लड़की उन्हें शगुन के तोर पर गुड देते हुए बोली की पिता जी आप ने शादी में जरुर आना है | नरसिंह बहुत गरीब थे उन्होंने कहा की बेटी मेरे पास तो शादी में देने के लिये कुछ भी नहीं है | मैं आ जाऊंगा लेकिन भगवान का नाम ही लूँगा | जब नरसिंह जी ध्योती की शादी में पहुंचे तो किसी स्त्री ने उन की समधनि ने पूछा की लड़की के मामा और नाना में आये है, उन्होंने कन्यादान में क्या दिया है | आगे से समधनि ने मजाक में कह दिया की दो भाठे दिये हैं|

यह सुन कर नरसिंह शर्मिंदा हो गये और भगवान को याद कर उन्हें उसकी इज्जत बचाने को कहने लगे | तभी भगवान बैल गाडी लाद कर सामान की लाए | भगवान लड़की के लिये लाल सूट, चुनरी, विवाह की सारी जरी(कपडे), गहना, मोती, हीरे, घोड़े, पालकी तथा अनेक तरह के उपहार ले कर आए | नरसिंह जी ने खुशी खुशी भात (नानकशक) दिया | तभी दोनों भाठे धूं धूं कर टूट गये और सभी देख कर हैरान रह गये की दोनों भाठे सोने और चांदी से भरे थे | और इस तरह भगवान ने अपार सामग्री देकर अपने प्रिय भगत नरसिंह की लाज रख ली |



इसी तरह भगवान ने कई बार नरसीला की मदत की |

कृष्ण मंदिर में गायी जाती है मुसलिम भक्त के नाम की आरती

राजस्थान के करौली नगर में मदन मोहन का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में भगवान मदन मोहन यानी श्री कृष्ण विराजमान हैं। यहां के निवासियों में मदन मोहन के प्रति अपार श्रद्धा और आस्था है। करौली के मदन मोहन की एक कथा यहां काफी लोकप्रिय है। कथा है कि ताज खां नाम का एक मुसलमान कृष्ण की प्रतिमा की एक झलक पाते ही उनका अनन्य भक्त बन बैठा।

ताज खां कचहरी में एक चपरासी था। एक बार कचहरी के काम से इन्हें मदनमोहन जी के पुजारी गोस्वामी जी के पास भेजा गया। ताज खां मंदिर के बाहर खड़े रहकर ही गोस्वामी जी को अवाज लगाने लगे। इसी समय उनकी नजर मंदिर में स्थित मदनमोहन जी की मूर्ति पर गयी और वे कृष्ण के मुख को देखते रह गये। गोस्वामी जी के आने पर उनका ध्यान भंग हुआ और कचहरी का संदेश गोस्वमी जी को देकर ताज खां विदा हो गये।

ताज खां के मन मस्तिष्क पर मदन मोहन की ऐसी छवि बनी की हर पल उन्हें देखने की ताक में रहने लगे। मुसलमान होने के कारण वह मंदिर में जाने से डरते और बाहर से ही मदनमोहन को निहारते रहते। गोस्वामी जी को जब शंका हुई कि ताज खां छुपकर मदनमोहन का दर्शन करते हैं तो ताज खां को मंदिर आने से मना कर दिया। ताज खां गोस्वामी जी के मना करने के बाद भी मदर्शन के लिए मंदिर पहुंच गये तो एक कार्यकर्ता ने ताज खां को धक्का मार कर भगा दिया।

ताज खां इससे बहुत दुःखी हुए और भोजन पानी त्याग कर मदनमोहन को याद करके रोते रहे। कहते हैं कि भक्त की इस लगन पर भगवान का हृदय करूणा से भर उठा। मंदिर का नियम है कि रात्रि में आरती पूजा के बाद भगवान के सामने प्रसाद का थाल रखकर मंदिर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया जाता है। रात्रि पूजा के बाद जब मंदिर बंद हुआ तो भगवान ने मंदिर के कार्यकर्ता का रूप धारण किया और प्रसाद की थाल लेकर भक्त ताज खां के घर पहुंच गये।

भगवान ने ताज खां से कहा कि गोस्वामी जी ने आपके लिए प्रसाद भेजा है। आप प्रसाद ग्रहण कर लें और सुबह थाल लेकर मंदिर में मदनमोहन के दर्शन के लिए पधारें। ताज खां को विश्वास नहीं हो रहा था कि गोस्वामी जी ने ऐसा कहा है। फिर भी ताज खां ने मंदिर के कार्यकर्ता का रूप धारण किये हुए भगवान की बात मानकर भावुक मन से प्रसाद ग्रहण किया।

इसके बाद भगवान वहां से विदा हो गये। दूसरी ओर गोस्वमी जी को भगवान ने स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि वह प्रसाद की थाल ताज खां के घर छोड़ आये हैं सुबह जब वह प्रसाद की थाल लेकर आए तो उसे मेरे दर्शन से मना मत करना।

गोस्वामी जी सुबह उठे तो देखा सचमुच मंदिर में प्रसाद का थाल नहीं था। गोस्वामी जी दौरकर महाराज के पास गये और सब हाल कह सुनाया। महाराज और गोस्वामी जी दोनों मंदिर लौट आये। मंदिर में पूजा के समय जब ताज खां आया तो उसके हाथ में प्रसाद का थाल देखकर सभी लोग हैरान रह गये। महाराज ने आगे बढ़कर ताज खां को गले से लगा लिया। सभी लोग भक्त ताज खां की जयजयकार कर उठे।

भक्त ताज खां को आज भी करौली के मदनमोहन मंदिर में संध्या आरती के समय 'ताज भक्त मुसलिम पै प्रभु तुम दया करी। भोजन लै घर पहुंचे दीनदयाल हरी।।' इस दोहे के साथ याद किया जाता है।

बालोतरा रंग रेलिया मनाते हुए रंगे हाथो पकड़े जाने का मामला



बालोतरा। शहर के रबारियो के टांके इलाके में रविवार की शाम को एक निजी स्कूल में लडक़े ओर लड़कियो के रंग रेलिया मनाते हुए रंगे हाथो पकड़े जाने का मामला सामने आया हैं। जानकारी के अनुसार स्कूल के पड़ोसियो की इत्तिला पर पुलिस मोके पर पहुची ओर कमरे में बंद लडक़े ओर लडक़ी को थाने लाया। जानकारी के अनुसार पकड़े गये लडक़ो में स्कूल संचालक का लडक़ा ओर एक पुलिस कार्मिक का रिश्तेदार भी शामिल हैं। खबर लिखे जाने तक थाने में मामले को लेकर रिर्पोट दर्ज नही हुुई थी।

रविवार, 5 जनवरी 2014

मुहब्बत, मां और मर्डर... कत्ल गैर मजहब के लड़के के साथ डेटिंग कर रही थी बेटी, करवाया कत्ल



मुहब्बत, मां और मर्डर... कत्ल तो इससे पहले भी हुए और आगे भी होंगे. लेकिन एक लड़की के कत्ल की ये कहानी आपके रौंगटे खड़े कर देगी. क्योंकि रिश्तों के भंवर में उलझी एक आजाद ख्याल लड़की के ये अंत की ये वो वारदात है, जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल लगता है.
पुष्पा और किरण
ये वारदात है फरीदाबाद की. तारीख 28 दिसंबर, 2013. वक्त सुबह 6 बजे. सुबह सुबह यहां के एक मकान के बाहर मौजूद पुलिसवालों की भीड़ ये बता रही थी कि यहां कोई अनहोनी जरूर हुई है. पुलिस को देख कर आस-पड़ोस के लोग भी मौके पर इकट्ठा होने लगे थे.

और फिर मकान के अंदर से अनहोनी की खबर कानों-कान बाहर निकली और देखते ही देखते पूरे शहर में आम हो गई. ये खबर जितनी अजीब थी, उतनी ही डरावनी. इस घर में एक कत्ल हुआ था. घर की इकलौती जवान बेटी का कत्ल. 22 साल की किरण को कोई रात के अंधेरे में घर में घुस कर तेजधार हथियार से गला रेत कर मौत के घाट उतार गया था. जबकि घर के बाकी लोगों को कातिलों ने छुआ तक नहीं.

फरीदाबाद के सेक्टर 45 में ये मकान था बिल्डिंग मेटेरियल के सप्लायर सुरेंद्र कोहली का. सुरेंद्र मोहल्ले के अमनपसंद लोगों में गिने जाते थे और अपने काम से काम रखते थे. जबकि उनके अलावा इस घर में उनकी पत्नी पुष्पा, बेटी किरण, और 15 साल का बेटा कुणाल रहता था. किरण का भी अपने मोहल्ले में लोगों से मिलना-जुलना कम ही होता था. क्योंकि वो नोएडा के किसी रियल स्टेट कंपनी में काम करती थी और अक्सर देर रात को घर लौटती थी. वारदात की रात सुरेंद्र अपने बेटे कुणाल के साथ किसी काम से बाहर थे, जबकि घर में पुष्पा बेटी किरण के साथ मौजूद थी. यानी इस मकान के अंदर हई कत्ल की इस रहस्यमयी वारदात का अगर कोई चश्मदीद था, तो वो थी मरनेवाली लड़की किरण की मां पुष्पा.

चूंकि मामला बेटी की मौत का था. पुलिस भी फौरन पुष्पा से ज्यादा पूछताछ करने से झिझक रही थी. लेकिन मौका ए वारदात की हालत इशारा कर रही थी कि कातिलों ने पहले पुष्पा के हाथ-पांव बांधे और फिर उसकी बेटी की जान लेने के बाद फरार हो गए. चूंकि पुष्पा पहले ही लूटपाट जैसी किसी वारदात से इनकार कर चुकी थी, पुलिस को शक होने लगा कि हो ना हो किसी ने किरण से दुश्मनी निकालने के लिए ही घर में घुस कर उसकी जान ले ली. लेकिन आखिर कौन हो सकता था किरण का कातिल? और किरण से उसकी क्या थी दुश्मनी?

पुष्पा का चौंकाने वाला खुलासा
जाहिर है, सारे सवालों का जवाब किरण की मां पुष्पा के पास ही था. लिहाजा, थोड़े इंतजार के बाद पुलिस ने पुष्पा से ही कातिलों के बारे में पूछताछ शुरू कर दी. लेकिन पुष्पा ने पुलिस को जो कुछ बताया, उसे सुन कर वर्दीवाले बुरी तरह चौंक उठे. पुष्पा ने कहा कि बीती रात उनकी बेटी की दो सहेलियां उससे मिलने आई थी और उन्हीं दोनों ने उनकी बेटी का कत्ल कर दिया. तो, क्या ये एक ओपन एंड शट केस था...? और क्या फकत उन सहेलियों की गिरफ्तारी पर ही मामले की तफ्तीश टिकी थी? लेकिन इसके आगे जो कुछ हुआ, वैसा किसी ने नहीं सोचा था.

घर में दाखिल हुई दो लड़कियों ने आख़िर रातोरात किरण का कत्ल कैसे कर दिया? वो भी तब जब किरण की मां भी घर में में ही मौजूद थी? अगर, वो लड़कियां किरण की दुश्मन थी, तो किरण ने उन्हें पहचाना क्यों नहीं? सवाल कई थे.

तो क्या पुष्पा ने अपनी बेटी की क़ातिल सहेलियों को देखा था? और क्या अब पुलिस के लिए उसकी बताई गई बातों और हुलिए की बिनाह पर कातिल लड़कियों को गिरफ्तार करना ही बाकी रह गया था...? ये सवाल बेहद अहम था.

जाहिर है, अब पुलिस लड़की की कातिल सहेलियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना चाहती थी, ताकि जल्द से जल्द उन तक पहुंचा जा सके. लेकिन पुष्पा से पूछताछ में पुलिस एक कदम आगे बढ़ाती, तो उसे दो कदम पीछे हटाने पड़ते. मामला इतना आसान भी नहीं था जितना लग रहा था.

पूछताछ के दौरान पुष्पा पर हुआ पुलिस को शक
दरअसल, जब पूछताछ आगे बढ़ी तो पुष्पा ने बताया कि ये सहेलियां उसकी बेटी के दफ्तर में ही काम करती हैं. और रात दोनों दफ्तर के काम-काज के सिलसिले में ही यहां पहुंची थीं. रात को उन्होंने यहीं रुक कर काम निपटाने की बात कही और उन्हें सोने के लिए कह दिया. लेकिन सोने से पहले खुद उनकी बेटी किरण ने उन्हें पीने के पानी में कोई ऐसी चीज मिला दी, जिससे वो बेहोश हो गईं और उन्हें बगल में कमरे में हुई अपनी बेटी के कत्ल का पता ही नहीं चला. ये सारी बातें सुनने में ही अजीब लग रही थीं. लेकिन पुलिस जल्दबाजी में किसी नतीजे तक नहीं पहुंचना चाहती थी. लिहाजा, उसने पुष्पा से और पूछताछ करने का फैसला किया.

आखिर कौन थी ये लड़कियां?
अगर वो दोनों वाकई किरण की दुश्मन थी, तो फिर किरण ने उन्हें अपने घर में आने की इजाजत कैसे दी? उसके दफ्तर का ऐसा कौन सा काम था, जिसे दफ्तर में नहीं निपटाया जा सकता था? और किरण उसे अपनी कलीग्स के साथ रात भर में घर में बैठ कर पूरा करना चाहती थी? पुलिस को ये तमाम सवाल लगातार उलझा रहे थे.

अब पुलिस के सवाल लड़कियों के हुलिए को लेकर थे. पुलिस ये जानना चाहती थी कि आखिर उनकी बेटी की कातिल सहेलियां दिखतीं कैसी थीं और उन्होंने क्या पहन रखा था, ताकि हुलिए, डील-डौल और उनकी बोली की बदौलत इन लड़कियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटा कर उन तक पहुंचा जा सके. लेकिन लड़कियों की शक्ल-सूरत के बारे में पूछे गए सवालों ने पुलिस को जैसे किसी दीवार के सामने लाकर खड़ा कर दिया. क्योंकि पुष्पा ने कहा कि लड़कियों की सूरत तो वो तब बताती, जब वो उन्हें देख पातीं. क्योंकि दोनों ही लड़कियां बुर्कानशीं थी. यानी दोनों ने ही बुर्के से अपना चेहरा ढंक रखा था. और जब दोनों ने बुर्का हटाया ही नहीं, तो चेहरा देखने के सवाल ही नहीं उठता था. कुल मिलाकर, पुलिस लड़कियों के हुलिए के बारे में भी ज़्यादा कुछ पता नहीं लगा सकी.

लेकिन इस बातचीत ने पुलिस को एक सुराग जरूर दे दिया कि हो ना हो किरण की जान लेनेवाली दोनों ही लड़कियां मुस्लिम रही होंगी. अब पुलिस ने इस एंगल में किरण के दफ्तर में काम करनेवाली ऐसी दो लड़कियों की तलाश शुरू की, लेकिन इसमें उसे कोई कामयाबी नहीं मिली. लेकिन इसी बीच पुलिस ने इस घर में एक ऐसी अजीब बात नोटिस की, जिसने पूरे मामले की तफ्तीश का ओर-छोर ही बदल कर रख दिया. अब ये केस पूरी तरह यू टर्न ले चुका था.

पुलिस के कान हुए खड़े पुलिस के पास मकतूल भी था. और इस कत्ल का चश्मदीद भी. लेकिन इसके बावजूद पुलिस कातिल का पता नहीं लगा पा रही थी. लेकिन तभी वर्दीवालों के ध्यान में एक ऐसी बात आई, जिसने उनके कान खड़े कर दिए. तो क्या, क़ातिल कोई और था?

पुलिस को इस कत्ल की खबर रात तकरीबन दो बजे ही मिल चुकी थी. बेहोशी से जगी पुष्पा ने पहले तो इसके बारे में अपने पड़ोसियों को बताया और फिर पड़ोसियों ने पुलिस को इत्तिला दी.

पुष्पा का अटपटा रवैया
लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो ना तो पुष्पा ज्यादा रो रही थी और ना ही उसका व्यवहार ही सामान्य था. और तो और जिस कमरे में उसकी बेटी की लाश पड़ी थी, वो पुलिस के आने के बाद यानी रात करीब दो बजे से लेकर अगले दिन सुबह तक एक बार भी उधर झांकने तक नहीं गई. जबकि आम तौर पर कोई भी मां अपनी इकलौती लाडली के कत्ल पर ना सिर्फ रो-रो कर बेहाल हो जाती, शायद बेटी की लाश को भी अपने सीने से लगाकर रोना पसंद करती. लेकिन यहां पुष्पा का रवैया थोड़ा अटपटा जरूर था.

ऊपर से पुष्पा की बताई गई बातें मसलन किरण के हाथों से पानी पीने के बाद ही उसका बेहोश हो जाना, रात को डेढ़ बजे अपने-आप जग जाना और घर में आई किसी भी लड़की का चेहरा ठीक से ना देख पाना, पहले ही शक पैदा कर रहा था. जिस तरह पुष्पा का पति सुरेंद्र कोहली और उसका बेटा कुणाल भी वारदात की रात इस घर से ग़ायब थे, वो भी अपने-आप में एक सवाल था. पुलिस के पूछने पर पता चला कि दोनों को पुष्पा ने ही अपने मायके में अपनी बुज़ुर्ग मां से मिलने के लिए भेजा था.

पुष्पा ने ही ली बेटी की जान
पुष्पा के व्यवहार, बयानों और हालात की बदौलत अब पूरी तफ़्तीश पुष्पा के ऊपर ही जाकर टिक गई. पुलिस को लगने लगा का कि हो ना हो पुष्पा ने ही अपनी बेटी की जान ली है, लेकिन एक मां को अपनी बेटी का कातिल करार देने से पहले पुलिस थोड़ी और तसल्ली करना चाहती थी. लिहाजा, उसने धीरे-धीरे पुष्पा को घेरना शुरू कर किया. और तब पुलिस के सख्ती के सामने उसने घुटने टेक दिए. जी हां, ये पुष्पा ही थी, जिसने अपनी बेटी किरण की जान ली थी. मगर, क्यों और कैसे?

अब पुष्पा ने ये मान लिया था कि उसी ने अपनी बेटी का क़त्ल किया है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही था कि एक मां के लिए आखिर ऐसा करना कैसे मुमकिन है? आखिर वो कौन सी बात है, जिसने पुष्पा को इतना बेकाबू कर दिया कि उसने खुद अपने ही हाथों से अपने खून का खून कर दिया?

पुष्पा ने सिर्फ इसलिए अपनी बेटी के मौत के परवाने पर अपने दस्तखत कर दिए, क्योंकि उसकी हरकतें उसे नागवार गुजरती थी. उसे लगता था कि उनकी बेटी उनके परिवार की इज्जत मटियामेट कर देगी. और बस, इसी झूठी शान में वो बन गई कातिल मां.

बेटी किरण के आजाद ख्याल से नाखुश थी पुष्पा
दरअसल, वो किरण के आजाद ख्याल होने से काफ़ी दिनों से नाखुश रह रही थी. पहले तो किरण ने अपने ही साथ काम करनेवाले एक शख्स से अपनी मर्जी से शादी की और फिर उसे तलाक भी ले लिया. और इन दिनों वो एक और गैर मजहब के लड़के के साथ डेटिंग कर रही थी. बल्कि उससे शादी भी करना चाहती थी. इतना ही नहीं, पिछले कुछ दिनों से किरण अक्सर देर रात तक दोस्तों के साथ पार्टी करती, डिस्कोथेक जाती और शराब के नशे में चूर होकर घर लौटती थी. और तो और उसे समझाने-बुझाने का भी कोई असर नहीं होता था.

पुष्पा को था बदनामी का डर
पुष्पा को लग रहा था कि दूसरे धर्म के लड़के के साथ किरण के दूसरी शादी करने से उनके परिवार की बदनामी हो सकती थी, इसलिए उसने अपने एक मुंहबोले चाचा के साथ मिलकर ये पूरी साजिश रची. उसका ये मुंहबोला चाचा कुलविंदर सिंह पंजाब पुलिस में काम करता है. उसने अपनी बेटी के कत्ल की सुपारी के तौर पर कुलविंदर को एक लाख रुपए और जेवर दिए और कत्ल के लिए 28-29 की रात मुकर्रर कर दी. अपने पति और बेटे को इससे अलग रखने के लिए बहाने से उन्हें शहर से बाहर भेज दिया और फिर वारदात की रात कुलविंदर को घर बुला लिया.

कुलविंदर ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर एक मां के इशारे पर उसकी बेटी की गला रेत कर हत्या कर दी. लेकिन नफरत में पुष्पा इस कदर अंधी हो चुकी थी कि कत्ल के दौरान अपनी बेटी की चीखों से बचने के लिए वो कान में रूई डाल कर दूसरे कमरे में सो गई. और तो और पूछताछ में ये भी साफ हो गया कि एक बार उसने पहले भी तकिए से मुंह दबा कर किरण की जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन तब किरण बच निकली थी.


 

एक गांव ऐसा भी जहां घर में नहीं लगता दरवाजा!



लखनऊ आज जहां चोरी और लूट की वारदात से सबक लेकर गांव-शहर सभी जगह लोग अपने घरों को सुरक्षित रखने के लिए तमाम इंतजाम करते हैं, वहीं इलाहाबाद में एक ऐसा गांव है जहां के लोग अपने घरों में दरवाजे तक नहीं लगाते।
VILLAGE
उनका मानना है कि गांव के बाहर बने मंदिर में विराजमान काली मां उनके घरों की रक्षा करती हैं। इलाहाबाद जिले के सिंगीपुर गांव के किसी भी घर में दरवाजा नहीं है। इस गांव में कच्चे, पक्के और झोपड़े को मिलाकर कुल 150 घर हैं।

सिंगीपुर के रहने वाले सहजू लाल ने कहा, 'यह बात बाकी लोगों को चौंका सकती है, लेकिन हमारे लिए यह एक परंपरा बन चुकी है। हम दशकों से बिना दरवाजों के घरों में रह रहे हैं।' इलाहाबाद शहर के करीब 40 किलोमीटर दूर सिंगीपुर गांव की आबादी करीब 500 है। गांव में निचले मध्यम वर्गीय परिवार और गरीब तबके के लोग रहते हैं, जो फेरी, छोटी-मोटी दुकानें चला कर और मजदूरी से परिवार चलाते हैं। गांव में दलितों, जनजातियों और पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है।

कोरांव थाना प्रभारी सुरेश कुमार सैनी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई दूसरा इस तरह का गांव होगा, जहां लोग घरों में दरवाजे न लगाते हों।' वह कहते हैं, 'जब मुझे पहली बार इस गांव के बारे में पता चला तो मैं आश्चर्यचकित रह गया।' सैनी ने कहा कि उन्होंने गांव के किसी भी घर में पूरी तरह से लगे दरवाजे नहीं देखे। हां, कुछ घरों में यह देखा कि वहां खस (घास) की पर्देनुमा चटाई लटक रही थी ताकि घर के अंदर का दृश्य बाहर से न दिखे।

उन्होंने कहा कि गांव में पिछले कई सालों से चोरी की कोई घटना नहीं हुई है। ग्रामीणों का विश्वास है कि मां काली उनके घरों की रक्षा करती हैं और जो भी उनके घरों में चोरी की कोशिश करेगा, मां उसे दंड देंगी। ग्रामीण बड़े लाल निषाद कहते हैं, 'गांव के बाहर बने मंदिर में विराजमान मां काली पर हमें पूरा भरोसा है, इसीलिए हम अपने घरों की चिंता नहीं करते।' निषाद के मुताबिक, उनके बुजुर्ग कहा करते थे कि जिन लोगों ने इस गांव में चोरी की, उनकी या तो मौत हो गई या वे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो गए।

AAP की मंत्री राखी बिड़ला की कार पर हमला

नई दिल्ली
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में महिला और बाल कल्याण मंत्री राखी बिड़ला की कार पर रविवार को मंगोलपुरी इलाके में कुछ लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। राखी बिड़ला इस हमले में सुरक्षित बताई जा रही हैं। यह हमला क्यों और किसने किया, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। राखी बिड़ला ने इस हमले के बाद हमारे सहयोगी चैनल 'टाइम्स नाउ' से कहा कि वह इस हमले से बिल्कुल में भयभीत नहीं हैं और सुरक्षा की मांग नहीं करेंगी।
Delhi Minister Rakhi Birla's car attacked in Mangolpuri
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम को मंगोलपुरी के आर ब्लॉक में राखी बिड़ला की कार को भीड़ ने निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि राखी स्थानीय लोगों को संबोधित कर रही थीं, तभी किसी ने उनकी कार की ओर पत्थर फेंक दिया। इससे कार का अगला शीशा टूट गया। यह राखी बिड़ला की निजी कार थी। इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ है। राखी बिड़ला ने मंगोलपुरी पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

गौरतलब है कि 26 साल की राखी बिड़ला आप सरकार में सबसे कम उम्र की मंत्री हैं। पद संभालने के बाद से वह काफी ऐक्टिव हैं। रैन-बसेरों में रह रहे लोगों की स्थिति का जायजा लेने के लिए उन्होंने पूरी रात बाहर गुजारी थी। सूत्रों के मुताबिक शनिवार रात दस बजे निरीक्षण किया और सुबह चार बजकर तक काम करती रहीं।

आशिक के प्‍यार में अंधी मां ने तीन मासूम बेटियों को ट्रेन में छोड़ा



अपने आशिक के प्यार में अंधी हो चुकी एक महिला ने अपनी तीन मासूम बच्चियों को एक ट्रेन में लावारिस हालत में छोड़ दिया. महिला अपने प्रेमी के साथ चैन से जीना चाहती थी, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था.
Symbolic Image
ट्रेन में लावारिस मिली बच्चियां एक संस्था में पहुंचाई गईं. बाद में उसके असली पिता को भी खोज निकाला गया. पर मां और उसका प्रेमी नहीं पहुंचे, जिन्होंने इन्हें लावारिस बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा था.

तीन साल से 8 साल तक की इन बहनों को यह तक नहीं मालूम है कि जिस मां ने उन्हें पाल-पोसकर बड़ा किया, अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हें ननिहाल ले जाने के बहाने ट्रेन में छोड़कर फरार हो गई.

दस दिन बाद जब पुलिस ने पिता को खोज निकाला, तब पिता ने इसके लिए इन बच्चों की मां को जिम्मेदार ठहराया, जिसने प्रेम-प्रसंग के चक्कर में इन्हें रास्ते हटाने के लिए ऐसा किया. लड़कियों के मुताबिक इनकी मां और मुंहबोले बाप ने इन्‍हें ट्रेन में छोड़ा.

महिला का प्लान था कि इन बच्चियों को रास्ते से हटाकर हमेशा के लिए ही लावारिस बना दिया जाए. पर होनी को कुछ और ही मंजूर था. जिस गंगासागर ट्रेन पर इन बच्चियों को छोड़ा गया, उस ट्रेन में पुलिस की नजर बच्चियों पर पड़ी. तब ये बच्चियां पटना की एक संस्था में पहुंचा दी गईं.

सबसे बड़ी बच्‍ची 8 साल की, दूसरी 5 साल की और तीसरी 3 साल की है. छोटी बहनों को संभाल रही नंदिनी को मालूम है कि उसकी मां ने उनके साथ जान-बूझकर दगा किया. यही वजह है कि पिता को देखने पर उसे न तो खुशी हुई, न ही वो पिता के साथ जाने तैयार हुई.

बिहार के बरौनी स्टेशन पर 27 दिसंबर को दस बजे जीआरपी ने इन बच्चो को गंगासागर एक्सप्रेस से उतारा और 28 तारीख को 'प्रयास भारती' संस्था को सौंप दिया गया. ये बच्चियां आपस में बहन हैं और अपने पिता का नाम राहुल राज बताती है. गांव का नाम गंगापुर बता रही हैं. बड़ी बहन नंदिनी ही कैमरे पर कुछ बता पा रही है, जबकि दोनों छोटी- निधि और रानी कुछ नहीं बोल पा रही है. बच्चों को लेने आया पिता का नाम नंदलाल विश्वकर्मा है, जो अपनी पत्नी और उसके प्रेमी राहुल राज को बच्चों को छोड़ने का आरोप लगा रहा है. पिता के मुताबिक जिस राहुल राज को उसकी बेटियां पिता कह रही हैं, दरअसल वो उसकी पत्नी का प्रेमी है, जिसने उसकी पत्नी के साथ मिलकर इन बच्चों को छोड़ दिया है.

जिस संस्था 'प्रयास भारती' में बच्चियां लाई गई हैं, उसने फिलहाल इन बच्चियों को पिता के हवाले करने से मना कर दिया है, क्योंकि जो अपने बच्चों को नहीं रख पाया, वो आगे कैस रख पाएगा.

फिलहाल पिता को कहा गया है कि वह कैसे इनका पालन-पोषण करेगा, यह बताए. निधि और रानी इतनी छोटी है कि उसे पता ही नहीं है कि उसके साथ क्या हुआ है. लेकिन नंदिनी के चेहरे पर उदासी यह साफ बता रही है कि वह खुद और अपने दोनों बहनो को लेकर कितनी फ्रिक में है. अब 'प्रयास भारती' ही इनका घर बन चुकी है.

ऐसा पहली बार नहीं है, जब लड़कियों के साथ ऐसा हो रहा है. दरअसल, लड़कियों को मार देने, उन्हें लावारिस छोड़ देने, या उन्हें बेच देने की वारदातें अक्‍सर होती रहती हैं. यह तो इन बच्चियों का सौभाग्य है कि वे बिहार में ही पुलिसवालों के नजर में आ गईं, नहीं तो इनका क्या होता, किसी को नहीं मालूम.



यहां औरतें अपना रेप करवाना चाहती हैं

जोहान्सबर्ग। इस जगह को दुनिया की रेप राजधानी का खिताब मिला है। कुछ आंकड़े ही इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त होंगे ...
हर दूसरी औरत का उसकी जिंदगी में कभी न कभी रेप हुआ...

5 लाख रेप हर साल किए गए...

हर 17 सेकण्ड में एक रेप का होना...

सबसे हैरतअंगेज बात तो यह है कि 20 प्रतिशत पुरूष यह कहते हैं कि महिलाए ने खुद ही उनसे अपना रेप करने के लिए कहा ...

एक चौथाए पुरूषों ने यह माना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार रेप किया ...

तीन चौथाए पुरूषों ने कहा कि उन्होंने 20 साल से कम उम्र की लड़कियों को अपना शिकार बनाया वहीं दसवें हिस्से ने 10 साल से कम उम्र की लड़कियों का रेप किया...

साउथ अफ्रिका में समलैंगिकता वैध है और इसीलिए यहां के पुरूष खुले आम करेक्टिव रेप करने को जायज ठहराते हैं यानि कि महिलाओं को समलैंगिक से विपरीतलैंगिक बनाना।

यहां के पुरूषों का कहना है कि इस से वे महिलाओं को असली औरत बनना सिखा रहे हैं ताकि वे दुबारा ऎसे घटिया काम न कर सके।

एक ऎसे ही घटनाक्रम में एक महिला अधिकार और समलैंगिकता के लिए लड़ने वाली और उसकी महिला दोस्त को एक बार के बाहर कुछ पुरूषों ने घेर लिया और उनका बेरहमी से गैंग रेप व टार्चर किया, उन्हें उनके अंत:वस्त्रों से बांधा और फिर सिर में गोली मार दी।

तंवर को प्रदेश कार्यकरिणी सदस्य बनाया

तंवर को प्रदेश कार्यकरिणी सदस्य बनाया 

पोकरण़ अखिल भारतीय विधार्थी परिषद का 49वां प्रदेश अधिवेशन 3से5 जनवरी को बांरा में समाप्त हुआ। जैसलमेर के सह जिला संयोजक कवराज सिंह तंवर ने बताया कि 49वें प्रदेश अधिवेशन में राणीदान सिंह तंवर को प्रदेश कार्यकरिणी सदस्य बनाया गया। राणीदान सिंह पोकरण़ के रामदेवरा कस्बे के निवासी है तथा पिछले चार वर्षो से एबीवीपी के सकि्रयता कार्यकर्ता है। सह जिला संयोजक कवराज सिंह ने बताया कि राणीदान सिंह तंवर के 6 जनवरी पोकरण नगर के प्रथम आगमन पर स्थानीय कार्यकर्ताओं के द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा।

बाड़मेर के शेर मोहम्मद बने राज्य के मुफ्ती आजम



बाड़मेर के शेर मोहम्मद बने राज्य के मुफ्ती आजम

-इलोलिया गांव में जन्मे है शेर मोहम्मद

-उदर्ू व हिन्दी के तेज वक्ता है

बाड़मेर

बाड़मेर के छोटे से गांव इलोलिया में जन्मे शेर मोहम्मद को राजस्थान राज्य के मुफ्ती आजम के खिताब से नवाजने के बाद बाड़मेर में खुषी की लहर दौड़ पड़ी है। शेर मौहम्मद के बाड़मेर आने पर मुसिलम समुदाय ने उनका गर्मजोषी के साथ स्वागत किया। इलोलिया में बचपन में मवैषी चराने का काम करने वाले शेर मोहम्मद की शुरूआती तालिम मौलाना मुरीद अली की देखरेख में विषाला मदरसें में हुर्इ। 1965 में तत्कालीन मुफित आजम अषफाक हुसैन ने इनके जजबे को देखते हुए इन्हे जोधपुर दारूल उलूम र्इषाकिया दाखिला देकर सिन्धी, उदर्ू और फारसी की तालिम दी और 1968 में महज 16 साल की उम्र में इन्हे मौलाना की पदवी दी। 1968 से अब तक इन्होने हदीस का पाठ और सेखूल हदीस के पाठको आम अवाम के सामने रखा। बीते 15 अक्टूबर को मुफ्ती आजम राजस्थान अषफाक हुसैन के इंतकाल के बाद मुल्क भर के मुफ्तीयों, उलमाओं और धार्मिक गुरूओं ने 17 नवम्बर 2013 को इन्हे राजस्थान का मुफ्ती आजम बना दिया। शेर मोहम्मद का का काम मुसिलम समाज के अगुवार्इकर्ता के रूप में राज्यभर में रहेगा। इस्लामिक कानून के फतवे इन्ही के द्वारा दिये पार्इगें साथ ही राज्य भर में मदरसों और मसिजदों में वर्तमान में कार्य कर रहे मौलाना इनके शार्गिद है साथ ही इनकी छवी राज्य के सबसे तेज तर्रार हिन्दी व उदर्ू वक्ता के तौर पर है। शेर मौहम्मद के बाड़मेर प्रयास पर मुसिलम समुदाय ने स्थानीय जामा मसिजद में इनका इस्तकबाल किया गया इनके इस्तकबाल के लिए आयोजित जलसे में शेरकाजी मौलाना हासम ने कहा कि यह हमारी खुषकिस्मती है बाड़मेर के जन्मे मुफ्ती शेर मौहम्मद ने अपनी मेहनत से मुसिलम कौम के राजस्थान के प्रमुख बने। उन्होने कहा कि जो अल्लाह के मखलुक की खिदमत करता है रब उसे ऊची बुलंदी फरमाता है। इस मौके पर मुफ्ती शेर मौहम्मद ने कहा यह मेरा कमाल नही है यह रब की मेहरबानी और इस माटी ने मुझे ताकत दी जिससे जिससे मै इस बुकाम पर पहुचा मै इस माटी को कभी नही भुलुगा जिसने मुझे इतनी बड़ी र्इज्जत दी। इस मौके पर शहर काजी मौलाना मौहम्मद हासम, पार्षद हादी दीन मौहम्मद हाजी हकीम हाजी गफूर खातेली मुसिलम इंतजामिया कमेटी के पूर्व सदर असरफ अली खिलजी, मौलाना आदम कौनरार्इ, हाजी गुलाम हैदर, हाजी गुलाम नबी, हाजी मुस्ताक, शौकत चड़वा, मौहम्मद उमर, असकर अली, अब्दुल रहमान, अली शेर राठौड़, पीर बक्ष, हाजी फारूक, हाजी नजीर सहित कर्इ गणमान्य लोगो ने षिरकत की।

अधिकारी करेंगे नियमित रूप से आकसिमक निरीक्षण



परिवार कल्याण के लक्ष्य हासिल करने के निर्देष

अधिकारी करेंगे नियमित रूप से आकसिमक निरीक्षण


बाड़मेर। परिवार कल्याण लक्ष्यों को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. फूसाराम बिष्नोर्इ ने सभी स्वास्थ्य कार्मिकों को सख्त निर्देष जारी किए गए हैं। साथ ही आदेषित किया है कि यदि कोर्इ भी परिवार कल्याण कार्यक्रम में लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ अनुषासनात्मक कार्रवार्इ की जााएगी। उन्होंने धोरीमन्ना ब्लाक में विषेष बैठक लेकर कार्मिकों को विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया और लक्ष्यों की समीक्षा की। इस दौरान बीसीएमओ डा. चंद्रषेखर गजराज सहित अन्य अधिकारी व कार्मिक मौजूद थे।

सीएमएचओ डा. फूसाराम बिष्नोर्इ ने बताया कि आगामी दिनों में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न लक्ष्यों को लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जिनमें मुख्यत: जिलास्तरीय व ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का क्षेत्र में आकसिमक निरीक्षण जारी रहेगा ताकि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवार्इ जाए। उन्होंने बताया कि यदि निरीक्षण के दौरान अब कोर्इ कार्मिक अनुपसिथत मिलेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवार्इ अमल में लार्इ जाएगी। डा. बिष्नोर्इ ने बताया कि विभागीय गतिविधियों को तेज करने के लिए नियमित रूप से मासिक बैठकों का आयोजन जिलास्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी में किया जाएगा ताकि कार्मिकों को विभिन्न गार्इडलाइन आदि के बारे में विस्तार से बताया जा सके। यही नहीं राज्यस्तर से प्राप्त दिषा-निर्देषों को भी निचलेस्तर के कार्मिकों को पहुंचाने के लिए जिलास्तरीय अधिकारी ब्लाक बैठकों में मौजूद रहेंगे। इसी तरह पीएचसी स्तर की बैठकों में ब्लाकस्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। सीएमएचओ डा. बिष्नोर्इ ने परिवार कल्याण कार्यक्रम पर जोर देते हुए सभी कार्मिकों को चेतावनी दी कि इस मामले में गंभीरता से कार्य करें अन्यथा लापरवाही पर सख्त कार्रवार्इ होगी। बैठक में मौसमी बीमारियों की तैयारी को लेकर चर्चा की गर्इ और अन्य गतिविधियों की समीक्षा की गर्इ।

"मोटरसाइकिल"के चक्कर में पत्नी की हत्या

मधुबनी। बिहार में मधुबनी जिले के मधेपुर थाना क्षेत्र में रविवार को पति ने पत्नी की जहर खिलाकर हत्या कर दी।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि पकटकी गांव निवासी पति नरेशप्रसाद ने दहेज के रूप में मोटरसाइकिल नहीं मिलने के कारण पत्नी रूबी कुमारी (23) को खाने में जहर खिला दिया।

खाना खाते ही रूबी कुमारी की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी जिसे देखकर उसके परिजनों ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

सूत्रों ने बताया कि रूबी के परिजनों ने पति नरेश कुमार समेत चार लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने शव को पोस्टर्माटम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। इस मामले में अभी तक किसी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

रुखमा बाई के साथ बाड़मेर के सिद्ध पुरुषो के नाम से होंगे पुरस्कार ,भव्य होगा सम्मान समारोह

राजस्थानी भाषा समिति कि बैठक सम्पन

रुखमा बाई के साथ बाड़मेर के सिद्ध पुरुषो के नाम से होंगे पुरस्कार ,भव्य होगा सम्मान समारोह


बाड़मेर अखिल राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के जिला कार्यकारिणी कि बैठक रविवार को डाक बंगलो में डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी के मुख्य आतिथ्य ,प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी कि अध्यक्षता और वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश पुरोहित और महामंत्री भंवर के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित कि गयी। बैठक में समिति द्वारा मांड गायिका स्वर्गीय रुखमा बाई के नाम पर पुरस्कार कि घोषणा पर चर्चा कि गयी। बैठक में निर्णय लिया गया कि बाड़मेर जिले कि विभिन क्षेत्रो कि विभूतियों के नाम से भी कुछ पुरस्कार घोषित किये जाए ,बैठक को सम्बोधित करते हुए इन्दर प्रकाश पुरोहित ने कहा कि समिति का बेहतर प्रयास हें कि विश्व कि एक मात्र मांगणियार महिला मांड गायिका रुखमा बाई के नाम पर पुरस्कार शुरू किये जा रहे हें उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले में कई सिद्ध पुरुष हुए जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रो में उल्लेखनीय कार्य किये उन लोगो के नाम से भी पुरस्कार घोषित होने चाहिए ,भंवर लाल जेलिया ने कहा कि राजस्थानी भाषा कि मान्यता कि मांग के साथ साथ राजस्थानी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार पर भी काम करने कि जरुरत हें ,उन्होंने कहा कि समिति का लक्ष्य निर्धारित हें समिति में वरिष्ठ लोगो कि भागीदारी इसे पूरा करने में सहयोग करेगी। डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा कि राजस्थानी भाषा को प्राथमिक शिक्षा स्तर से लागू करना जरुरी हें ,इसके लिए सतत प[रायसो कि जररत हें। चन्दन सिंह भाटी ने कहा कि नव निर्वाचित जन प्रतिनिधियो को विधानसभा ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा ,राजस्थानी भाषा कि बात विधासभा के सदन तक पहुँचाना जरुरी हें ,दुर्भाग्यपूर्ण स्थति हें कि आज़ादी के पेंसठ साल बाद भी राजस्थान का विधायक राजस्थानी में शपथ नहीं ले सकता ,उन्होंने कहा कि समिति का लक्ष्य हें कि सभी विधायक राजस्थानी भाषा में शपथ लेने कि जिद करे।साहित्यकार गोर्धन सिंह जहरीला ने कहा कि विद्यक्लायो में पारम्परिक राजस्थानी कि शिक्षा को अनदेखी करने के कारन ही हैम अपनी भाषा से पिछड़ते जा रहे हें उन्होंने जोर दिया कि समिति के प्रति आम जन में आस्था बड़ी हें,इस समिति में साहित्यकारो को भी जोड़ने के प्रयास होने चाहिए। डॉ हरपल राव ने कहा कि समिति साहित्यकारो के हस्त लिखित ग्रंथो के प्रकाशन का जिम्मा ले। इस अवसर पर आईदान सिंह इंदा ,अशरफ अली खिलजी ,एडवोकेट रमेश गौड़ जीतेन्द्र छंगाणी ,अनिल सुखानी ,मदन बारुपाल ,भोम सिंह बलाई ने भी विचार रखे , बैठक में नरेश देव सारण ,सुलतान सिंह रेडाणा ,मोटियार परिषद् के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,प्रदेश मंत्री रमेश सिंह इंदा ,दिग्विजय सिंह चुली ,बाबू भाई शेख ,बसंत खत्री ,मुबारक खान ,जीतेन्द्र फुलवरिया,आवड सिंह सोढा ,सवाई चावड़ा ,प्रेम सेन ,महावीर सिंह कोलू ,लोकेन्द्र सिंह ढीमा ,पुष्कर शर्मा,मुकेश दैया ,नेतु जायपाल ,सहित सेकड़ो कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे ,बैठक में सबसे पहले समिति के राष्ट्रिय प्रचारक ओम पुरोहित कागद कि माताजी के देहवासन पर उन्हें शर्धांजलि अर्पित कि गयी ,बैठक में तय किया गया कि समिति द्वारा जनवरी माह में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह का आयोजन भव्य स्तर पर किया जायेगा ,इसके लिए अलग समितिया बनाई जायेगी।

बाप से करा दी बेटी की शादी!

मेरठ। क्या कोई बाप अपनी बेटी से भी शादी कर सकता है, लेकिन यह सच है। बाप द्वारा अपनी ही बेटी को अपनी दुल्हन बनाने की यह घटना हाल ही में मेरठ में हुई है जिसके बारे में सुनने वाला हर शख्स हैरान है।
दरअसल यह घटना मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट की है जहां पर बाप ने अपनी बेटी से रेप करके उसें प्रेगनेंट कर दिया था तथा पता चलने पर मौहल्ले वालों ने पंचायत बैठाकर इन दोनों एक दूसरे से शादी करा दी। साथ ही मोहल्ला छोड़कर जाने का आदेश भी दे डाला।

बताया गया है कि अपनी ही बेटी से शादी करने वाले इस शख्स की पत्नी की मौत 3 साल पहले हो गई थी। इसके तीन बच्चे थे जिनमें से पत्नी की मौद के बाद दो बच्चों को तो उनके ननिहाल खुशहाल नगर रहने के लिए भेज दिया, जबकि बड़ी बेटी को अपने साथ ही रख लिया।

इसके बाद यह लड़की घर में ही रहती थी, लेकिन पिता के किसी काम कारण घर से बाहर जाने के बाद यह घर से बाहर निकली तो लोगों ने देखा की यह प्रेगनेंट थी। लोगों ने जब यह देखकर लड़की से पूछा तो उसने अपने पिता की हैवानियत की दास्तां बयां कर दी।

पिता के वापस घर लौटने पर लोगों ने उसकी जमकर पिटाई करके वहां से भगा दिया। लेकिन जब बात लड़की के नाना नानी के पास पहुंची तो उन्होने पंचायत बैठाई जिसमें शरीयत के मुताबिक इन दोनों का बाप-बेटी का रिश्ता खत्म मानते हुए शादी का फरमान सुनाया दिया। इसके अलावा पंचायत ने इन दोनों को मौहल्ला छोड़कर जाने का भी आदेश दे डाला

मायड भाषा समिति सिवाना की बैठक सम्पन्न

भायल संरक्षक, परिहार नगर अध्यक्ष बने

मायड भाषा समिति 
सिवाना की बैठक सम्पन्न
सिवाना। अखिल भारतीय मायड भाषा राजस्थानी मान्यता संघर्ष समिति घटक सिवाना की ब्लॉक स्तरीय बैठक रविवार को मंडल अध्यक्ष जितेन्द्र जांगिड की अध्यक्षता और महामंत्री प्रकाश सोनी के निर्देशन में सम्पन्न हुई। जिसमे सर्वसम्मती से सुरेन्द्रसिंह भायल पादरडी को संगठन का संरक्षक चुना गया। वहीं महेंद्र परिहार को नगर अध्यक्ष मनोनीत किया गया।
Displaying IMG-20140105-WA0041.jpg
बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए जांगिड ने कहा कि मायड भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए क्षेत्र में निरंतर गतिविधिया संचालित होती रही है। अब आन्दोलन को और तीव्र करने की आवश्यकता है। महामंत्री प्रकाश सोनी ने कहा कि राजस्थानी भाषा हमारी मातृभाषा है और इसे मान्यता न मिलना हर राजस्थानी वासी के लिए शर्म की बात है। हर सतारूढ़ पार्टी द्वारा इस सम्बन्ध में कार्य न करना उनकी उदासीनता को दर्शाता है।

बैठक में ब्लॉक कार्यकारिणी का सर्वसम्मती से पुनर्गठन किया गया है जिसमे सुधीर शर्मा, अशोक चौधरी चिरडिया, शौकत अली और इंद्रजीत सैन को उपाध्यक्ष, मीठालाल मेघवाल को कोषाध्यक्ष, अमित शर्मा को महासचिव, विकाश सोनी को सचिव और विष्णु वैष्णव को प्रवक्ता बनाया गया है।

इसी तरह नगर कार्यकारिणी का भी गठन किया गया जिसमे नवीन शर्मा, ओमप्रकाश प्रजापत और पियूष श्रीमाली को उपाध्यक्ष, मनीष सैन को महामंत्री, सुरेन्द्र वैष्णव को कोषाध्यक्ष, रज्जाक ज़ोया को महासचिव, मोहम्मद खान को संगठन सचिव, नितेश शर्मा और एम् हुसैन पठान को सचिव और देवेन्द्रपाल सिंह को मंत्री मनोनीत किया गया है।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए विशेष अभियान चलाने और आन्दोलन को गति देने का ऐलान किया। वहीं क्षेत्र वासियों को अधिक से अधिक संख्या में संगठन को समर्थन देने का आह्वान किया गया।

लिफ्ट के बहाने विदेशी महिला से रेप


नई दिल्ली। मथुरा से दिल्ली आने के दौरान पोलैंड की महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। कार चालक ने लिफ्ट देने के बहाने वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद पीडित को निजामुद्दीन इलाके में फेंक दिया। महिला ने पहाड़गंज थाने पहुंचकर पुलिस को आपबीती बताई। पीडिता की शिकायत पर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर ली है।

पहाड़गंज थाना पुलिस शनिवार सुबह पीडित महिला को लेकर मथुरा के लिए रवाना हो गई है। जहां दिल्ली पुलिस मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आगे की कार्रवाई के लिए एफआईआर की कॉपी सौंपेगी। पुलिस के अनुसार पोलैंड की रहने वाली 35 वर्षीय महिला ने शुक्रवार रात पहाड़गंज थाने पहुंचकर दुष्कर्म की शिकायत की।

अपनी शिकायत में उसने बताया कि वह मथुरा में तीन साल से किराए के मकान में रहती है। वह भगवान कृष्ण की भक्त है। 2 जनवरी की रात दस बजे वह अपनी दो साल की बेटी के साथ अपने घर से रिक्शा पर सवार होकर हाईवे पर आई।

शीतलहर प्रभावित किसानों को जल्‍द राहत दी जाएगी : मानवेन्‍द्र

शीतलहर प्रभावित किसानों को जल्‍द राहत दी जाएगी : मानवेन्‍द्र

बाड़मेर। बीते एक सप्‍ताह के दौरान शीतलहर से प्रभावित हुए किसानों को जल्‍द से जल्‍द राहत दी जाएगी। शिव विधायक मानवेन्‍द्र सिंह ने बताया कि इस संबध में उनकी मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे से वार्ता हो गयी है और जल्‍द ही शीतलहर प्रभावित इलाकों का सर्वे करवाया जाएगा।



सिंह ने बताया कि मुख्‍यमंत्री से वार्ता के बाद आपदा राहत विभाग के अधिकारियों से भी इस संबध में चर्चा की जा चुकी है और जल्‍द ही सर्वे शुरू होगा। उन्‍होनें कहा कि सर्वे रिपोर्ट आते ही तत्‍काल प्रभाव से प्रभावित किसानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा दिलवाया जाएगा। मानवेन्‍द्र ने कहा कि प्रभावित किसान थोड़ा से धैर्य रखें, सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है और किसी भी प्रभावित व्‍यक्ति को निराश नहीं होने दिया जाएगा।

जॉन की पत्नी शादी से पहले प्रेगनेंट थी

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम और अपनी गर्लफेंड प्रिया रूचाल अचानक शादी के बाद अब चौकाने वाली खबर सामने आई है। खुलासा हुआ है कि जॉन अब्राहम की पत्नी प्रिया रूचाल शादी से पहले से प्रेगनेंट थी।
बॉलीवुड न्यूज की एक वेबसाइट के मुताबिक प्रिया रूचाल शादी से पहले प्रेगनेंट थी शायद इसी वजह से ही जॉन अब्राहम को अपनी शादी की घोषणा अचानक करनी पड़ी।

जॉन अब्राहम और प्रिया रूचाल चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनके घर नया मेहमान आए। खबरों की माने तो प्रिया रूचाल और जॉन अब्राहम ने 2011 में ही शादी कर ली थी लेकिन तब उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया था।

जब प्रिया प्रेगनेंट हो गई तब उसने जॉन पर दबाव डाला कि वह दुनिया को बताएं कि उनकी शादी हो चुकी है। इसके बाद जॉन अब्राहम ने अपने टि्वटर पेज पर पोस्ट किया था कि वह शादीशुदा हैं।

जॉन और प्रिया की मुलाकात 2010 में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी। इससे पहले जॉन बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु को डेट कर रहे थे।

एमपी पुलिस को राज. विधायक की तलाश



धौलपुर/ ग्वालियर। धौलपुर (राजस्थान) से बसपा विधायक एवं ग्वालियर से फरार चिटफंडी बनवारीलाल कुशवाह की तलाश में ग्वालियर पुलिस ने शनिवार को धौलपुर में उसके ठिकानों पर दबिश दी। चिटफंडी बनवारीलाल कुशवाह पुलिस को नहीं मिला।



दबिश की खबर लीक होने से बनवारीलाल पुलिस के पहुंचने से पहले ही भूमिगत हो गया। कुशवाह की तलाश में पुलिस की टीम एएसपी वीरेन्द्र जैन की अगुवाई में सुबह तड़के धौलपुर में घुसी और नेशनल हाई-वे स्थित गरिमा डेयरी के दफ्तर और मनियां स्थित बनवारीलाल के घर पर छापा मारा। यहां के बाद पुलिस ने बनवारीलाल के गांव जमालपुर में दबिश दी।

पुलिस ने गरिमा डेयरी के दफ्तर से तीन संदेहियों को भी उठाया। इनसे सरायछोला थाने में बनवारीलाला कुशवाह का पता ठिकाना पूछा गया, लेकिन पुलिस के शिकंजे में आए लोगों ने ठोस सुराग नहीं दिया तो तीनों को छोड़ दिया। ग्वालियर के थाटीपुर थाने की पुलिस ने बनवारीलाल कुशवाह के खिलाफ दर्ज मामले और चिटफंड संबंधि तहरीर धौलपुर की पुलिस को मुहैया करा दी है।

धौलपुर पुलिस भी इसके बाद फरार बनवारीलाल, बालकिशन सहित शिवराम कुशवाह की तलाश में जुट गई है। इस मामले में ग्वालियर पुलिस ने पहली बार चिटफंडी बनवारीलाल की तलाश में शनिवार को धौलपुर जाकर छापामारा है।


मिली है अहम जानकारी

एएसपी पूर्व वीरेन्द्र जैन ने बताया फरार चिटफंडी का धंधा चला चुके विधायक कुशवाह के बारे में अहम जानकारी मिली है। बनवारीलाल के साथ धोखाधड़ी के मामले में बालकिशन एवं शिवराम भी शामिल हैं। पुलिस इन तीनों फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।


ये है मामला

था टीपुर थाने में करीब 2 साल 9 महीने पहले गरिमा रीयल एस्टेट के संचालक बनवारीलाल कुशवाह पुत्र माधव सिंह कुशवाह उसके भाई बालकिशन सहित शिवराम कुशवाह पर धोखाधड़ी और मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज है।
बनवारीलाल कुशवाह, मप्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री एवं वर्तमान ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के विधायक नारायण सिंह कुशवाह के दामाद बालकिशन का बड़ा भाई है। बालकिशन और शिवराम पर मप्र पुलिस ने दो-दो हजार रूपए का ईनाम घोषित किया है।तियां गठित नहीं हो पाईं। हो पाईं।
नियमानुसार होगी कार्रवाई

ग्वालियर पुलिस की ओर से दिए गए मुकदमे में बनवारी को आरोपी बताया गया है। हम मामले की पड़ताल कर रहे हैं और इसमें नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

हरेन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक धौलपुर




तलाश जारी

पुलिस ने धौलपुर में दबिश देकर बनवारीलाल कुशवाह सहित बालकिशन एवं शिवराम की तलाश की लेकिन तीनों नहीं मिले। आरोपियों की तलाश जारी है। धौलपुर के कई थानों को घटना से अवगत कराया है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

आर्दश कटियार, आईजी ग्वालियर रेंज

अगर दहेज मांगा तो नहीं होगा निकाह



पटना। बिहार के एक जिले में मौलवियों ने कहा है कि वे दहेज लेने या देने वाले लोगों का निकाह नहीं पढ़ाएंगे। मुस्लिमों के बीच दहेज लेने-देने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए बिहार के नालंदा जिले में इमामों की संस्था ने शनिवार की शाम हुई एक बैठक में इस आशय का फैसला लिया।

नालंदा जिले में बिहारशरीफ के इमारत-ए-शरिया के प्रमुख काजी मौलाना मंसूर आलम ने कहा, ""हमने जिले में उन लोगों का निकाह नहीं कराने का फैसला लिया है जो दहेज लेते या देते हैं।""

उन्होंने कहा, ""दहेज को हतोत्साह करने और जागरूकता पैदा करने का यह ऎतिहासिक कदम है। यह दहेज लेने वालों का सामाजिक बहिष्कार का एक तरीका है।""

आलम ने कहा कि नालंदा जिले में इस फैसले के सफल रहने के बाद वे लोग बिहार के अन्य जिलों के इमामों से इसी तरह की कार्रवाई अमल में लाने का अनुरोध करेंगे।

मुस्लिम समुदाय ने दहेज के खिलाफ इस कदम का स्वागत किया है।

अंतरिक्ष में बड़ी सफलता,जीएसएलवी-डी 5 लांच

चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण की तकनीक जीएसएलवी-डी 5 (क्रायोजेनिक इंजन) को लांच कर दिया गया है। वर्ष 2010 में इसरो का पहला प्रयास असफल रहा था। जीएसएलवी-डी5 प्रक्षेपण यान की उल्टी गिनती शनिवार की सुबह 11.18 पर शुरू हो गई थी और अपराह्न 4.18 बजे इस यान का चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर स्थित प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपण किया गया। यह यान कक्षा संचार उपग्रह जीसैट-14 को लेकर रवाना हुआ है।
इसरो के अध्यक्ष ने शनिवार को ही कह दिया था कि परीक्षण यदि सफल रहता है तो न सिर्फ यह स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक इंजन की सफलता होगी बल्कि इससे अंतरिक्ष अनुसंधान में भारी बचत भी होगा। अब साबित हो गया है कि देश में निर्मित क्रायोजेनिक इंजन ठीक तरह से काम कर रहा है। इतना ही नहीं यह देश में प्रौद्योगिकी के विकास का बहुत अहम पड़ाव होगा।

इस अभियान के सफल होने से इसरो द्वारा संचार उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए दूसरे देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों को अदा की जाने वाली कीमत में भारी बचत होगा। बल्कि इस प्रक्षेपण यान के जरिए ट्रांसपोर्डर क्षमता बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक संचार उपग्रह प्रक्षेपित कर अधिक राजस्व भी इकट्ठा किया जा सकता है।

इससे पहले भारत को 3.5 टन के संचार उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए लगभग 500 करोड़ रूपए अदा करने पड़ते रहे हैं, जबकि जीएसएलवी प्रक्षेपण यान द्वारा इसकी लागत 220 करोड़ रूपए ही आएगी। रविवार को प्रक्षेपित किए गए उपग्रह जीसैट-14 के प्रक्षेपण पर 145 करोड़ रूपए की लागत आई है।

इसरो अध्यक्ष राधाकृष्णन ने बताया कि इसरो वर्तमान जीएसएलवी प्रक्षेपण यान के जरिए कई संचार उपग्रह लांच करने की योजना पर काम कर रहा है। राधाकृष्णन ने बताया कि हम जीसैट-6, 7ए, 9 संचार उपग्रह को जीएसएलवी प्रक्षेपण यान के जरिए लांच करने वाले हैं। हम अपने दूसरे चंद्रयान के लिए तथा जीसैट उपग्रह के लिए भी इसी प्रक्षेपण यान का उपयोग करने वाले हैं।

शनिवार, 4 जनवरी 2014

विधुत पोल गिरने से एक की मोत

विधुत पोल गिरने से एक की मोत

छगन सिंह द्वारा 
chhagan singh's profile photo
बाड़मेर में शनिवार शाम हिंगलाज मन्दिर के पास विधुत पोल गिरने से एक मजदुर की मोत हो गई ! मिली जानकारी अनुसार शनिवार शाम हिंगलाज मंदिर के पास एक सीमेंट से भार ट्रक विधुत पोल से टकरा गया जिस से विधुत पोल गिर गया !विधुत पोल की चपेट में आने से एक युवक की मोत हो गयी ! ट्रक चालक मोके से फरार हो गया

गोवा में इमारत गिरी, 14 श्रमिकों की मौत

पणजी। गोवा की राजधानी से 60 किलोमीटर दूर कानाकोना कस्बे में शनिवार को एक निर्माणाधीन इमारत का एक हिस्सा अचानक गिर गया। इस हादसे में कम से कम 14 श्रमिकों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है।
पुलिस के मुताबिक, कानाकोना कस्बे के चावड़ी वार्ड में स्थित रूबी रेजीडेंसी में तीन मंजिली एक इमारत बन रही थी, जिसका एक हिस्सा गिर गया। निर्माण-स्थल पर 50 से अधिक लोग काम कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि मलबे से आठ श्रमिकों के शव निकाल लिए गए हैं। हादसे के वक्त निर्माण-स्थल पर 25 से अधिक लोग मौजूद थे। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के मुताबिक, राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि 11 शव निकाल लिए गए हैं। 13 घायलों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है। मलबे में अभी भी एक दर्जन या उससे अधिक लोग दबे हो सकते हैं। निर्माण कार्य नवी मुंबई की रीयल एस्टेट डेवलपमेंट फर्म "भारत डेवलपर्स एंड रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड" करवा रही थी।

बचाव कार्य की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री पर्रिकर ने कहा कि बचाव कार्य चल रहा है, पुलिस को उन्हें पकड़ने के लिए कहा गया है जो प्रथम दृष्टया इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं। बिल्डर, ठेकेदार और नगरपालिका के प्रभारी इंजीनियर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हम किसी को बख्शेंगे नहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे को देखते हुए आस-पास के इलाकों में राज्य सरकार की ओर से आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।

बेटे ने मर्जी से की शादी,बाप ने ठोका दावा

पटना। बिहार में एक व्यक्ति ने अंतरजातीय विवाह करने वाले बेटे को न केवल बेदखल कर दिया, बल्कि उसके खिलाफ शनिवार को एक अदालत में मानहानि का मामला भी दायर कर दिया।
पटना के वकील सिद्धनाथ शर्मा ने इस बात पर भी जोर दिया है कि उनका बेटा सुशांत जसू उनके नाम का भी इस्तेमाल नहीं कर सकेगा और जितनी बार वह उनके नाम का प्रयोग करेगा उसे हर बार 10,000 रूपए कॉपीराइट शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।

दानापुर की एक अदालत में बेटे पर 1 करोड़ रूपए की मानहानि का दावा ठोकते हुए शर्मा ने कहा कि मेरी छवि और सम्मान को मेरे बेटे ने हमारी इच्छा के विरूद्ध अंतरजातीय विवाह कर धक्का पहुंचाया है। अब उसे इसकी भरपाई करनी चाहिए।

सुशांत जसू गुजरात के पालमपुर कस्बे में केंद्र सरकार का कर्मचारी है और वरिष्ठ कर सहायक के रूप में कार्यरत है। उसने दानापुर में रहने वाली और एक गैर सरकारी बैंक की कर्मचारी से 19 नवंबर 2013 को विवाह कर लिया।

नाराज शर्मा ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी ने वर्षो तक बेटे की देखभाल में समय और धन खर्च किया, लेकिन उसने हमलोगों को धोखा दिया है। वह दो वर्ष पहले अपनी जिंदगी में आई लड़की के प्रेम जाल में उलझ गया। उन्होंने दावा किया कि उनके बेटे के इस कदम से 400 वर्ष पुरानी स्व जाति में विवाह करने की परंपरा ध्वस्त हुई है।

बिहार में अंतरजातीय विवाह को हालांकि सरकार बढ़ावा देती है, लेकिन अभी भी यह सामाजिक रूप से दुष्कर है और आम तौर पर इस तरह का कदम उठाने वाले जोड़े को अपने परिवार और समाज का तीव्र विरोध झेलना पड़ता है।

इस तरह के विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष दिए जाने वाले लाभ को दोगुणा कर दिया। योजना के तहत जाति के बाहर विवाह करने वाली महिला को मिलने वाले 25000 रूपए की राशि को दोगुणा कर 50,000 रूपए कर दिया गया।

खाकी वाले तीन गुंडों ने करा बच्ची से रेप

शिलांग। मेघालय के पश्चिम गारो पर्वतीय जिले में पिछले हफ्ते एक 12 वर्षीय बच्ची को हवस का शिकार बनाने वाले खाकी वर्दी वाले गुंडों को स्थानीय अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जनता का रक्षक बनने की कसम खाने वाले इन शैतानों में एक पुलिस उप निरीक्षक और दो प्रशिक्षु उप निरीक्षक हैं।

पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि इन तीनों को शुक्रवार रात तुरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था और इसके तुरंत बाद निलंबित कर दिया गया।

यह घटना 28 दिसंबर रात 11 बजे की है जब बच्ची अपने चाचा के साथ वाडानाग क्षेत्र से अपनी दुकान बंद करने के बाद आटो रिक्शा से लौट रही थी। इसी बीच पुलिस जिप्सी में मौजूद नशे में धुत इन तीनों हैवानों ने उनका आटो रिक्शा रूकवाया और उसके चाचा पर उग्रवादी होने का आरोप लगाया।

इसके बाद इन तीनों पुलिसकर्मियों ने इस अबोध बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। उन्होंने बताया कि इनके खिलाफ पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच एक महिला उप निरीक्षक स्तर की अधिकारी कर रही है ।

राजस्थानी मान्यता संघर्ष समितिसिवाना बैठक कल

राजस्थानी मान्यता संघर्ष समितिसिवाना बैठक कल 

सिवाना। मायड भाषा राजस्थानी मान्यता संघर्ष समिति के घटक सिवाना मोट्यार परिषद की ब्लॉक स्तरीय बैठक कल सुबह ग्यारह बजे स्थानीय डाक बंगला परिसर में ब्लॉक अध्यक्ष जितेन्द्र जांगिड की अध्यक्षता में होगी। महामंत्री प्रकाश सोनी के अनुसार बैठक में ब्लॉक कार्यकारिणी के पुनर्गठन और नगर अध्यक्ष के मनोनयन को लेकर चर्चा की जाएगी। वहीं राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए चलाये जा रहे अभियान को सिवाना में गति देने के विशेष रुपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने सभी राजस्थानी भाषा प्रेमियों को बैठक में उपस्थित रहने का आह्वान किया है।

भारत बना अंडर-19 एशिया कप चैम्पियन

शारजाह। कप्तान विजय जोल (100) और संजू सैमसन (100) के शानदार शतकों से भारत अंडर 19 टीम ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 40 रन से हराकर अंडर 19 एशिया कप का चैम्पियन बनने का गौरव हासिल कर लिया।
भारत ने निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट पर 314 रन का विशाल स्कोर बनाने के बाद पाकिस्तान की चुनौती को नौ विकेट पर 274 रन पर थाम लिया। भारत ने इस तरह पाकिस्तान से गु्रप चरण में मिली दो विकेट की हार का बदला चुकाया और खिताब भी अपने नाम किया।

पाकिस्तान की टीम ओपनर और कप्तान शमी असलम (87) और कामरान गुलाम (नाबाद 102) की शानदार पारियों के बावजूद लक्ष्य से दूर रह गई।

जोल और सैमसन के शतकों और उनके बीच तीसरे विकेट के लिए 180 रन की जबरदस्त साझेदारी की बदौलत भारत ने विशाल स्कोर बनाया था।

जोल ने कप्तानी की जिम्मेदारी के साथ खेलते हुए 120 गेंदों में 100 रन में सात चौके और दो छक्के लगाए जबकि सैमसन ने आक्रामक रूख अपनाते हुए मात्र 80 गेंदों में आठ चौके और चार छक्के उड़ाते हुए 100 रन ठोके।

भारत ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरूआत की। ओपनर अंकुश बैंस (47) और अखिल हेरवदकर (12) ने पहले विकेट के लिए 65 रन की शानदार साझेदारी मात्र 6.4 ओवर में कर डाली। बैंस ने 34 गेंदों की अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया।

हेरवदकर का विकेट 65 और बैंस का विकेट 85 के स्कोर पर गिरा। इसके बाद जोल और सैमसन ने तीसरे विकेट के लिए 180 रन जोडे। जोल 42वें ओवर में 265 के स्कोर पर और सैमसन 45वें ओवर में टीम के 286 के स्कोर पर आउट हुआ।

सरफराज खान 05, रिकी भुई 06, आमिर गनी 05, और दीपक हुड्डा 13 रन बनाकर आउट हुए। भारतीय पारी में 23 अतिरिक्त रनों का भी योगदान रहा जिसमें17 वाइड थी। पाकिस्तान की ओर से जिया उल हक ने 56 रन पर दो विकेट, जाफर गोहर ने 52 रन पर दो विकेट और करामत अली ने 78 रन पर दो विकेट लिए।

मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान के लिए ओपनर असलम ने 96 गेंदों पर 10 चौकों की मदद से 87 रन की शानदार पारी खेली। लेकिन पाकिस्तान ने 88 रन तक जाते-जाते मोहम्मद उमैर (17) इमाम उल हक (18) हसन रजा (एक) और सैफु ल्लाह खान (तीन) के विकेट गंवा दिए।

कुलदीप यादव ने इनमे से दो विकेट झटके। असलम और कामरान गुलाम ने पांचवे विकेट के लिए 93 रन जोड़कर भारत के सामने संकट पैदा कर दिया लेकिन आमिर गनी ने अपनी ही गेंद पर असलम को कैच कर यह खतरा दूर कर दिया।

असलम का विकेट गिरने के बाद पाकिस्तानी पारी दबाव में आ गई। गुलाम ने हालांकि एकतरफा संघर्ष करते हुए 89 गेंदों में 12 चौकों की मदद से शानदार 102 रन बनाए। लेकिन वह अपनी टीम को जीत की मंजिल पर नहीं ले जा सके।

भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को बांधे रखा। कुलदीप यादव ने 72 रन पर तीन विकेट, चमा मिलिंद ने 44 रन पर दो विकेट, दीपक हुड्डा ने 37 रन पर दो विकेट और आमिर गनी ने 39 रन पर दो विकेट लिए।

राजे कैबिनेट का फैसला, 300 से ज्यादा भाजपा नेताओं को मिलेगी पेंशन

जयपुर. राजस्थान में अब पंचायतीराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया, खान मंत्री कैलाश मेघवाल, पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. महेशचंद्र शर्मा, ललित किशोर चतुर्वेदी जैसे कई प्रमुख भाजपा नेता हर महीने मोटी पेंशन पाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मीसा बंदियों को पेंशन देने के फैसले के बाद भाजपा के ऐसे 300 से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं को हर महीने पेंशन मिलेगी।

पिछली बार यह राशि छह हजार तय की गई थी, अभी यह तय नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह राशि दस हजार रुपए से ज्यादा हो सकती है। घनश्याम तिवाड़ी का कहना है कि हमने चुनाव में इस पेंशन को मार्च 2008 से ही लागू करने का चुनावी वादा किया था और अगर इसे उसी भावना के अनुरूप रखा जाए तो बेहतर होगा।


मीसा बंदी पेंशन, वह सब जो आप जानना चाहते हैं
मीसा और डीआईआर एक्ट के तहत बंद रहे लोगों में पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया और खान मंत्री कैलाश मेघवाल भी हैं। इनके अलावा पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिशंकर भाभड़ा, पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत, भंवरलाल शर्मा, महावीरप्रसाद जैन, रघुवीरसिंह कौशल जैसे प्रमुख नेता भी मीसा और डीआईआर में बंद रहे।
मीसा बंदियों को पेंशन दिलाने के लिए लोकतंत्र रक्षा मंच के बैनर तले आंदोलन करने वाले कौशल किशोर जैन का कहना है कि आपातकाल के दौरान कुल 2222 लोग मीसा, डीआईआर और 107-151 के तहत बंदी रहे थे। लेकिन भाजपा सरकार ने जब पिछली बार मार्च 2008 में हर मीसा और डीआईआर बंदी के लिए पेंशन मंजूर की तो यह छह हजार रुपए प्रति माह थी। 500 रुपए चिकित्सा सहायता के लिए अलग से देने का प्रावधान किया था। इसमें कुल 850 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन सरकार बदली तो कांग्रेस ने इस योजना को रोक दिया। इनमें से पात्रता जांच के लिए जिलों के प्रभारी मंत्रियों की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी।

पेन ड्राइव से लूटा एटीएम

लंदन। यूरोप में लगातार बढ़ रही एटीएम हैकिंग की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जांचकर्ताओं के अनुसौर यह सभी एटीएम सिर्फ एक पेन ड्राइव के जरिए लूटे गए थे। पेन ड्राइव से लूटा एटीएम
पुलिस के अनुसार मामला साइबर चोरों के आ जाने से काफी पेचिदा हो गया था। साइबर चोर वारदात से पहले टागरेट एटीएम में मामूली छेद कर पेनड्राइव लगा देते थे। इस पेन ड्राइव में मालवेयर होता था जो कि एटीएम की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण कर लेता था। इस सॉफ्टवेयर नियंत्रित प्रणाली के जरिए लूटेरे एटीएम को हैक कर बिना किसी के पता चले बड़ी संख्या में कंरसी निकाल लेते थे।

चोरों को नहीं था एक-दूसरे पर भरोसा

जांचकर्ताओं के अनुसार एटीएम चोरों को एक दूसरे पर भी भरोसा नहीं था। एटीएम में इंस्टाल किए गए मालवेयर में दो अलग-अलग कोडवड्üस डालने होते थे वरना मशीन दुबारा सही तरीके से काम करने लगती थी।

पूर्णतया प्री-प्लान्ड होती थी लूट

जांचकर्ताओं ने बताया कि चोरों को एटीएम मशीन की कार्यप्रणाली की गरी समझ थी। गिरोह का सरगना यह भी देखता था कि कही गिरोह के सदस्य अकेले ही लूटने नहीं चले जाए। साथ ही पूरा कार्य चरणबद्ध तरीके से होता था और हर चरण पर एक अलग टीम कार्य करती थी।

अरविंद केजरीवाल नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। केजरीवाल का यह बयान उस समय आया है जब शनिवार की सुबह आम आदमी पार्टी के सदस्य और रणनीतिकार योगेन्द्र यादव ने कहा था कि वे केजरीवाल को देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते है। अरविंद केजरीवाल नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
केजरीवाल ने कहा कि यह योगेन्द्र यादव का उनके प्रति प्यार है। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है। हालांकि केजरीवाल ने कहा कि वे पार्टी के उम्मीदवारों के लिए देशभर में प्रचार करेंगे।

आप की नजर लोकसभा चुनाव पर

दिल्ली में सरकार बनाने के बाद "आप" की नजर अब 2014 के लोकसभा चुनाव पर है, लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तय करने के लिए शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई है।

कार्यकारिणी की बैठक के बाद आप के नेता संजय सिंह ने कहा कि ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी। संजय सिंह ने कहा कि उम्मीदवार बाद में तय होंगे, उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को फायदा होगा या राहुल को इससे हमको मतलब नहीं है, हम बिजली और पानी पर चुनाव लड़ेंगे, अगले एक महीने में सीटों का जायजा लिया जाएगा। आप के नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि जनता के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाएगा, भूषण ने कहा कि आप पूरे देश में चुनाव लड़ेगी।

इससे पहले आप नेता योगेंद्र यादव ने बयान दिया था कि वह अरविंद केजरीवाल को पीएम देखना चाहते हैं, संजय सिंह और प्रशांत भूषण ने कहा है कि पीएम उम्मीदवार तय नहीं किया गया है, लेकिन भूषण ने ये तो माना कि केजरीवाल ही आप के सबसे बड़े नेता हैं।

दिल्ली में दमदार एंट्री के बाद अब आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की योजना बना रही है। 23 सदस्यों की आप की एग्जीक्यूटिव कमेटी की शनिवार सुबह कॉन्सीट्यूशनल क्लब में दो दिनों की बैठक शुरू हो चुकी है। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि अगले 10-15 दिन में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले आप नेताओं की सूची जारी की जाएगी


बैठक में मई में होने वाले लोकसभा चुनाव की योजना और रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। आप ने पहले ही गुजरात में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का निश्चय कर लिया है। साथ ही आप हरियाणा और उत्तरप्रदेश में भी चुनाव लड़ेगी।


आप नेता कुमार विश्वास पहले ही कह चुके हैं कि वे यूपी के अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। विश्वास न केवल राहुल के खिलाफ लड़ना चाहते हैं उन्होंने भाजपा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को भी अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए कहा है। कुमार विश्वास ने एक सप्ताह पहले कहा था कि अमेठी से राहुल गांधी, मोदी और मुझे चुनाव लड़वाईए फिर देखते हैं कौन जीतता है। मैं चाहता हूं कि मोदी अपने एक घंटे के भाषण में 50 मिनट राहुल गांधी के बारे में बात करते हैं उन्हें वह नहीं करना चाहिए। अगर मोदी वाकई में राहुल गांधी का अमेठी से करियर खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें अमेठी से चुनाव लड़ना चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में कहा था कि कांग्रेस और भाजपा सहित सभी पार्टियों के ईमानदार लोग हमारे साथ जुड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ सकते हैं।

किरण बेदी, संतोष हेगड़े 14 जनवरी को भाजपा में शामिल होंगे!

नई दिल्ली। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी व कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदि्दयुरप्पा के बाद अब कुछ बड़े चेहरे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मीडिया में आ रही खबरों पर यकीन करें तो अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगडे व रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी किरण बेदी 14 जनवरी को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
किरण बेदी, संतोष हेगड़े 14 जनवरी को भाजपा में शामिल होंगे!
बेदी और हेगड़े ने अन्ना के हाल के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी जनलोकपाल को लेकर शुरू किए गए आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। ये दोनों उस टीम का भी हिस्सा थे जिसने जनलोकपाल का मसौदा तैयार किया था।


पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का पार्टी में कद बढ़ने से सिविल सोसायटी के कई नेता भाजपा की ओर आकर्षित हुए हैं। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह मोदी के साथ मंच साझा कर चुके हैं। पार्टी का पीएम उम्मीदवार घोषित होने के बाद मोदी ने सितंबर में हरियाणा के रेवाड़ी में पहली रैली को संबोधित किया था। इसमें सिंह भी मोदी के साथ मंच पर थे।

राजस्थानी भाषा समिति कि बैठक रविवार को डाक बंगलो में

राजस्थानी भाषा समिति कि बैठक रविवार को डाक बंगलो में

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति कि जिला कार्यकारिणी कि बैठक रविवार को दोपहर दो बजे डाक बंगलो में आयोजित कि जा रही हें। जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया कि समिति के उनीस जनवरी को आयोजित होने वाले जिला स्तरीय सम्मान समारोह के आयोजन के साथ मांड गायिका रुखमा बाई स्मृति पुरस्कार के सम्बन्ध में चर्चा कि जायेगी वाही समिति के राष्ट्रिय प्रचारक ओम पुरोहित कागद कि माताजी के देहवसान पर शर्धांजलि भी दी जायेगी ,बैठक में प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,संगठन महामंत्री भंवर लाल जेलिया ,महासचिवइन्दर प्रकाश पुरोहित ,सांग सिंह लुणु ,उर्मिला जैन ,डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ,नरेश देव सारण ,डॉ हरपाल राव ,मोटियार परिषद् के प्रदेश मंत्री रमेश सिंह इंदा ,जीतेन्द्र छंगाणी ,अनिल सुखानी ,रहमान जायडू ,काबुल खान ,अशरफ अली ,भोम सिंह बलाई ,सवाई चावड़ा ,बाबू शेख सहित समस्त पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।

जैसलमेर पवन ऊर्जा सयन्त्रों की सुरक्षा हेतु ''विन्ड ड्रेगनस '' की तैनाती

जैसलमेर पवन ऊर्जा सयन्त्रों की सुरक्षा हेतु ''विन्ड ड्रेगनस '' की तैनाती

जैसलमेर जिले के विशाल भू भाग मेें पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन करने के लिए देश के विभिन्न कम्पनियों द्वारा यहां 2000 से अधिक पवन ऊर्जा सयन्त्र स्थापित किये गये है। इन पवन ऊर्जा संयन्त्रों से करीब 2200 मेगावाट से अधिक विधुत उत्पादन हो रहा है जो राज्य की कुल आवश्यकता में एक महत्वपूर्ण योगदान है । इन पवन ऊर्जा संयन्त्रों में विभिन्न प्रकार की मशीनों तथा ताम्बे एवं एल्यूमिनियम तारों का प्रयोग किया जाता है। जिले में कुछ चोरो एवं असमाजिक तत्व जो पहले बिजली के एवं टेलिफोन के तार इत्यादी चुरा लेते थे, ने गत 2-3 वर्षो से इन पवन ऊर्जा संयन्त्रो की ताम्बे की केबल काट कर चोरी करने का कार्य शुरू कर दिया।

वर्ष 2012 में तार चोरी के 56 मुकदमे दर्ज किये गये, जिनमें विभिन्न थानों में 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा उनके कब्जे से करीब 28 लाख रूपये को चोरी किया गया माल बरामद किया गया । पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर हेमन्त शर्मा द्वारा कार्यग्रहण करने के साथ ही यह ध्यान में लाया जाने पर पूरे जिले में एक विशेष अभियान चलाया जाकर इन तार चोरो की पकड़ धकड़ का कार्य शुरू किया गया । पूर्व में यह तथ्य भी मेरे ध्यान में लाया गया कि कर्इ मामलों में पवन ऊर्जा कम्पनियां तार चोरी होने के बाद भी लम्बे समय तक मुकदमा दर्ज नहीं करवाती या मुकदमा बिल्कुल ही दर्जन हीं करवाया जाता था। इस पर सभी पवन ऊर्जा कम्पनियाें के प्रतिनिधियों को बुलाकर विचारविमर्श किया गया तथा उन्हे घटना होते ही पुलिस को सूचित करना एवं तुरन्त मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिये गये जिससे तार चोरो की गिरफतारी की दशा में उनके द्वारा किये सभी अपराधों के प्रकरण पंजीबद्ध हो तथा उनके विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जा सके।

वर्ष 2013 में विधुत केबल चोरी के कुल 140 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिनमें 193 लोगो को गिरफ्तार किया गया तथा इनसे 90 लाख से उपर का चोरी किया गया माल बरामद किया गया । पुलिस को इसमें महत्वपुर्ण सफलता तब हासिल हुर्इ जब एक विशेष सूत्र सुचना के आधार पर जोधपुर पुलिस के सहयोग से कुख्यात र्इनामी तस्कर, नकबजन व तार चोर गोरधनसिंह एवं हालसिंह को उनके 05 अन्य साथियों के साथ तीन गाडियों मय 25 किवंटल चोरी किये गये ताम्बे साथ पकडा गया। उक्त गैंग वर्तमान में विभिन्न थानों में पुलिस रिमांड पर चल रहे हैंं तथा इन की प्रारमिभक पूछताछ में 15 से अधिक तार चोरी की वारदातों तथा लाठी क्षैत्र की नकबजनी की एक महत्वपूर्ण वारदात का खुलाशा हुआ है एवं इनके अन्य साथियो का पता चला है साथ ही इन से माल खरीदने वाले लोगाें के बारे में पूछताछ जारी है । इस प्रकार पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान मे काफी सफलता मिली है । पुलिस का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा तथा पवन ऊर्जा कम्पनियों को भयमुक्त एवं सुरक्षित वातावरण देने के लिए जिला पुलिस प्रतिबद्ध हैं।

इसी क्रम में जिला पुलिस की पहल पर इन पवन ऊर्जा संयन्त्रों की सुरक्षा के लिए एक व्यूहरचनाकार्य योजना बनाकर राज्य सरकार को माह सितम्बर 2013 में प्रेषित की गर्इ जिसमें सरकार की सकारात्मक स्वीकृति प्राप्त हुर्इ। इसके प्रथम चरण में सुजलोन एनर्जी लिमिटेड द्वारा राजस्थान बोर्डर होमगार्ड के 120 जवानाें की सेवाऐंं ली गर्इ है जो जिला पुलिस के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में कार्य करेगी । ये जवान पूर्णत: प्रशिक्षित तथा अत्याधुनिक स्वचालित हथियारों से लैस हैं। कम्पनी द्वारा इन्हे आध्ुानिक संचार सुविधाऐं एवं वाहन उपलब्ध करवाये गये है। इन बोर्डर होमगार्ड के जवानों को ''विन्डड्रेगनस'' का नाम दिया गया है तथा ये हर उस स्थान पर तैनात किये गये है जहा सुजलोन एनर्जी लिमिटेड के पवन ऊर्जा सयन्त्र स्थापित है । ये विन्ड ड्रेगनस पवन की गति से इन क्षैत्रों में 24 घण्टे गश्त करेगे तथा इन पवन उर्जा संयन्त्रो कोे नुकसान पहुंचाने वाली हरताकत को नेस्तनाबूत करेगें। जिले का प्रत्येक पुलिसकर्मी एवं पुलिस थाना इनके लगातार सम्पर्क में रहकर सहयोग करेगा । पिछले कुछ समय से जिला पुलिस द्वारा की गर्इ भारी धरपकड़ गोरधनसिंह गैंग की गिरफ्तारी एवं विन्डड्रेगनस की तैनाती से इन वारदातों पर प्रभावी अंकुश लगेगा तथा पवन ऊर्जा के क्षैत्र में जिले को प्राप्त महत्वपूर्ण स्थान न केवल बरकरार रहेगा वरन इसे और ऊंचाइयां प्राप्त होंगी ।

 

दुनिया का सबसे छोटा वहशी दरिंदा

कुआलालुंपुर। आपने हवस के बहुत से दरिंदों के वहशी किस्से पढ़े होंगे लेकिन यह जानने के बाद आप शर्तिया चौंक जाएंगे।
बालिग होने से बहुत पहले ही वहशी बन एक मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले दुनिया के सबसे छोटे वहशी दरिंदे के बारे में जानिए...

यह शर्मनाक घटना घटी है मलेशिया जैसे ऎशियाई देश में और इस घटना ने तो मेडिकल साइंस के सभी मापदंडों को भी फेल कर दिया है।

आप भी पढ़कर एक बारगी तो भौंचक्के ही रह जाएंगे। घटना के मुताबिक यहां के एक मामूली से परिवार की बुजुर्ग दादी के पैरों तले की जमीन उस वक्त खिसक गई जब उसने अपने ही पोता पोती को न्यूड और आपत्तिजनक अवस्था में देखा।

इतना ही नहीं वह दोनों मम्मी पापा बन कर वह सब कर रहे थे जो कि व्यस्क ही कर सकते हैं यानि कि सहवास। लड़की की मेडिकल जांच में उस के साथ रेप होने की पुष्टि भी हो चुकी है।

दादी के मुताबिक दोनों बच्चे मम्मी-पापा बन कर घर-घर खेल रहे थे तभी शायद यह शर्मनाक वाकया घटा होगा।

सब से ज्यादा अचरज की बात जिसने यहां पर सभी को हैरत में डाल दिया है वह यह है कि... जहां लड़की की उम्र सिर्फ 5 साल है वहीं यह रेप करने वाला लड़का तो सिर्फ 6 वर्ष का ही निकला !

शायद दुनिया का सबसे छोटा रेपिस्ट है यह लड़का...

इसने यह एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या इतनी छोटी उम्र का लड़का यह काम कर सकता है। इसका डॉक्टरों ने यह जवाब दिया कि ऎसा हो सकता है कि किसी पोर्न फिल्म को देखकर कुछ देर के लिए बच्चा भी उत्तेजित होकर यह काम कर सकता है।

तो इस मामले में भी ऎसे ही किसी कारण के होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

मालूम हो कि व्यस्क होने की मेडिकल उम्र लड़कों के लिए 14 साल है जिसके बाद ही वे सहवास कर पाते हैं।

आधी रात धोखा दे गया "दोस्त"



जयपुर। राजधानी जयपुर में एक युवती जिसे दोस्त समझ अपने किराए के मकान में लेकर गई थी उसी ने आधी रात को दगा दे दिया। सदर थाना क्षेत्र में एक युवती ने युवक के विरूद्ध रूपए चोरी करने का मामला दर्ज करवाया है।

पीडिता बक्सावाला निवासी युवती ने आरोप लगाया कि उसके मित्र पंकज के जरिए रोहित नाम के लड़के से मित्रता हुई थी। दोनों ने राजापार्क स्थित एक मॉल से खरीदारी की।


पीडिता का कहना है कि उसके बाद वह रोहित के साथ दुर्गामार्ग बनीपार्क स्थित उसके किराए के मकान पर आ गई। खाना खाकर वह सो गए। रात्रि करीब एक बजे वह जागी और उसने पर्स संभाला तो उसमें से छह हजार रूपए गायब थे। युवती ने युवक पर रूपए चोरी करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने बताया कि मामला संदिग्ध है, जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी।

पति ने करवाया बीवी के आशिक का कत्ल!

जयपुर। बजाज नगर थाना क्षेत्र में कुछ महीनों पहले युवक के आत्महत्या करने के मामले में उसके परिजनों ने हत्या का संदेह जताया है और इस्तगासे से मामला दर्ज करवाया है।
मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार मीणा ने बताया कि उदयपुरवाटी निवासी दयानंद पुत्र हरिचंद ने इस्तगासे में बताया है कि उसका पुत्र रणधीर (32) गत अक्टूबर में बरकत नगर स्थित अपने दोस्त के घर पर फंदे से झूलता मिला था।

मृतक के पिता का कहना है कि वह नागौर में अध्यापक था और किसी महिला से उसका प्रेम संबंध था। जिसका उसके पति व बच्चे को पता चल गया। आरोप है कि महिला व उसके पति ने मिलकर उसको घर बुलाया और शराब पीलाकर गला घोंटकर मार दिया।

आरोपियों ने साक्ष्य छिपाने और आत्महत्या का रूप देने के लिए रणधीर का सुसाइड नोट तैयार किया और उसे फंदे से लटका दिया।
मिला था सुसाइड नोट भी

इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया था और उसे फंदे से उतारा था। उसके पास सुसाइड नोट भी मिला था। मृतक के पिता की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही आरोपों की सच्चाई सामने आएगी।