लंदन। यूरोप में लगातार बढ़ रही एटीएम हैकिंग की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जांचकर्ताओं के अनुसौर यह सभी एटीएम सिर्फ एक पेन ड्राइव के जरिए लूटे गए थे।
पुलिस के अनुसार मामला साइबर चोरों के आ जाने से काफी पेचिदा हो गया था। साइबर चोर वारदात से पहले टागरेट एटीएम में मामूली छेद कर पेनड्राइव लगा देते थे। इस पेन ड्राइव में मालवेयर होता था जो कि एटीएम की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण कर लेता था। इस सॉफ्टवेयर नियंत्रित प्रणाली के जरिए लूटेरे एटीएम को हैक कर बिना किसी के पता चले बड़ी संख्या में कंरसी निकाल लेते थे।
चोरों को नहीं था एक-दूसरे पर भरोसा
जांचकर्ताओं के अनुसार एटीएम चोरों को एक दूसरे पर भी भरोसा नहीं था। एटीएम में इंस्टाल किए गए मालवेयर में दो अलग-अलग कोडवड्üस डालने होते थे वरना मशीन दुबारा सही तरीके से काम करने लगती थी।
पूर्णतया प्री-प्लान्ड होती थी लूट
जांचकर्ताओं ने बताया कि चोरों को एटीएम मशीन की कार्यप्रणाली की गरी समझ थी। गिरोह का सरगना यह भी देखता था कि कही गिरोह के सदस्य अकेले ही लूटने नहीं चले जाए। साथ ही पूरा कार्य चरणबद्ध तरीके से होता था और हर चरण पर एक अलग टीम कार्य करती थी।
पुलिस के अनुसार मामला साइबर चोरों के आ जाने से काफी पेचिदा हो गया था। साइबर चोर वारदात से पहले टागरेट एटीएम में मामूली छेद कर पेनड्राइव लगा देते थे। इस पेन ड्राइव में मालवेयर होता था जो कि एटीएम की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण कर लेता था। इस सॉफ्टवेयर नियंत्रित प्रणाली के जरिए लूटेरे एटीएम को हैक कर बिना किसी के पता चले बड़ी संख्या में कंरसी निकाल लेते थे।
चोरों को नहीं था एक-दूसरे पर भरोसा
जांचकर्ताओं के अनुसार एटीएम चोरों को एक दूसरे पर भी भरोसा नहीं था। एटीएम में इंस्टाल किए गए मालवेयर में दो अलग-अलग कोडवड्üस डालने होते थे वरना मशीन दुबारा सही तरीके से काम करने लगती थी।
पूर्णतया प्री-प्लान्ड होती थी लूट
जांचकर्ताओं ने बताया कि चोरों को एटीएम मशीन की कार्यप्रणाली की गरी समझ थी। गिरोह का सरगना यह भी देखता था कि कही गिरोह के सदस्य अकेले ही लूटने नहीं चले जाए। साथ ही पूरा कार्य चरणबद्ध तरीके से होता था और हर चरण पर एक अलग टीम कार्य करती थी।
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