बालोतरा की कंपनी के लोगों के खिलाफ पैसे हड़पने का मामला दर्ज
कंपनी के मैनेजर ने इस्तगासे के आधार पर दर्ज करवाया नामजद मुकदमा
जालोर बाड़मेर की एक निवेशक कंपनी पर धोखाधड़ी कर लोगों के लाखों रुपए हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। जालोर कोतवाली थाने में इस्तगासे के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार आशापूर्णा कॉलोनी निवासी निलाभ सक्सेना पुत्र रमेशचंद्र सक्सेना ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उन्होंने रिपोर्ट में बताया है कि अमित कुमार दवे व अन्य लोगों ने धोखाधड़ी करने की नियत से रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन कंपनी की स्थापना बालोतरा (बाड़मेर) में 2009 में की। मैं अमित कुमार दवे एवं उनके पिता पृथ्वीराज दवे को पहले से ही जानता था, इसलिए उन्होंने मुझे रिसर्च इंडिया इन कार्पोरेशन कंपनी बालोतरा (बाड़मेर) की जालोर शाखा में ब्रांच मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद जालोर के लोगों से संपर्क कर कंपनी में लाखों रुपए का निवेश किया। इस बीच जिन लोगों ने कंपनी में पैसे जमा करवाए उनके खाते पूरे होने पर उन्हें पैसे वापस लौटाए गए, जिससे लोगों में पैठ बन गई और कई लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया।
लेकिन मार्च 2013 के बाद में कंपनी की ओर से लोगों को करीब करीब पैसे देने बंद कर दिए। कंपनी की ओर से नवंबर 2013 में जालोर का ऑफिस बंद कर दिया। इस बारे में कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क किया तो वे कुछ दिन में पैसे देने का कहकर बात टालते रहे। वर्तमान में कंपनी में कई लोगों के करोड़ों रुपए अटके पड़े है, कंपनी की ओर से अब बहाना बनाया जा रहा है और पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कंपनी की पूरी जानकारी के बाद ही जमा करवाएं अपनी रकम, कई कंपनियां कम दिनों में धन दुगुना, तिगुना करने का लालच देकर जमा कर ठगा, अब ऑफिस कर दिए बंद, निवेशक हो रहे परेशान
जालोर
यदि आप अपनी मेहनत की कमाई अधिक ब्याज मिलने के लालच में किसी कंपनियों में जमा करवा रहे है तो सावधान हो जाए, वरना आपकी ओर से जमा करवाई गई राशि डूब सकती है। कई शातिर लोग कम समय में धन दुगुना व तिगुना करने का लालच देकर लोगों की गाढ़ी कमाई की राशि लूटने में लगे हुए हैं।
जिले में ऐसे कई लोग है जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई किसी ऐसी कंपनी में जमा करवाई जो डूब गई है, और कंपनी वाले अब उन्हें कोई जवाब तक नहीं दे रहे हैं। ऐसी कंपनियों की ओर से जिले भर में अपने एजेंट भी बनाए जाते हैं, यह एजेंट गांव गांव में घूम घूम कर लोगों को अधिक ब्याज देने का लालच देते हैं, जिससे लोग इनके झांसे में आकर अपने पैसे उनके पास जमा करवा देते हैं, लेकिन जब समय सीमा पूरी हो जाती है तो उन्हें वह पैसे वापस नहीं मिलते। ऐसी कंपनियों या उनकी फर्म की ओर से लोगों को प्रभावित करने के लिए अपने दफ्तर खोले जाते हैं तथा दफ्तरों में सारी सुविधाएं होती है जिसे देखकर लोग कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं।
तथा अपने पैसे जमा करवा देते हैं। इस तरफ का गोरखधंधे करने वाले लोग सोची समझी साजिश के तहत लोगों को ठगने का कारोबार चलाते हैं, कई लोग चैन सिस्टम की आड़ में भी लोगों को लूटने का कार्य किया जाता है। जिले में कई लोग ऐसे है जिन्होंने ऐसी कंपनियों में पैसे जमा करवाए, लेकिन अब समय सीमा पूरी हुई तो वे अपने दफ्तर पर ताला लगाकर रातों रात खाली कर चले गए। लोग अब पैसे के लिए इधर उधर चक्कर काट रहे हैं, मगर उनको कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
शर्म के मारे नहीं करवाते मुकदमा
कई लोग ऐसी कंपनियों के जाल में फंस जाते हैं, लेकिन जब समय सीमा पूरी होने के बाद उन्हें पैसे नहीं मिलते तो वे ठगी का पता चलने के बाद भी लोगों की शर्म के मारे वे पुलिस में इसकी रिपोर्ट करने से डरते हैं।
अधिक ब्याज दें तो पहले सोचे
फर्जी कंपनियों वाले लोगों को कम समय में अधिक ब्याज देने का लालच देते हैं, कई बार वे इस पैसे के बदले में किसी स्थान की जमीन भी बता देते हैं, लालच देते है कि यदि पैसे नहीं चाहिए तो आप कंपनी की जमीन भी खरीद सकते हैं। यदि किसी कंपनी, बैंक या सोसायटी का कोई प्रतिनिधि या एजेंट आपको कम समय में धन दुगुना, तिगुना या अधिक ब्याज देने का लालच देता हो तो पहले सके बारे में सोचे समझे और कंपनी का पता करें इसके बाद ही अपनी पूंजी जमा करवाए।
॥इस्तगासे के आधार पर आशापूर्णा कॉलोनी निवासी निलाभ सक्सेना पुत्र रमेशचंद्र सक्सेना ने बालोतरा की कंपनी के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, रिपोर्ट के आधार पर धारा 420, 406 में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। -मांगीलाल, कोतवाल, जालोर
पूरी जांच पड़ताल के बाद ही जमा करवाएं पूजी
इस प्रकार की ठगी के मामले सामने आते रहते हैं, इसलिए अपना धन किसी सोसायटी, बैंक या कंपनी के एजेंट के पास पैसे जमा करवाने से पहले उस कंपनी की पूरी जांच पड़ताल करें, इसके बाद ही उस कंपनी या बैंक या एजेंट के पास पैसे जमा करवाए, वरना अधिक ब्याज के चक्कर में मूल धन भी वापस नहीं मिलेगा।
यदि आपके साथ भी ऐसी घटना हुई है तो हमें बताए
यदि आपके साथ भी इस प्रकार की कोई घटना हुई हो तो आप हमें इसकी जानकारी मोबाइल नंबर 9587653030 पर दें सकते हैं, हम आपकी इस घटना का हमारे समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे ता कि इस पर कोई कार्रवाई हो और दूसरे लोग इस प्रकार की कंपनियों के बहकावे आकर अपना धन नहीं गवाएं।
जालोर के राजेंद्र नगर निवासी सुरेंद्रसिंह पुत्र मदनसिंह ने रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन कंपनी में करीब 1 लाख रुपए जमा करवाए थे, समय पूरा हुआ जितने में कंपनी ने जालोर से ऑफिस बंद कर दिया, अब उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है।
बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी निवासी उम्मेदसिंह पुत्र भीकसिंह ने जालोर में रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन की स्थानीय शाखा में दो साल पहले अपने परिवार के सदस्यों के नाम करीब 3 लाख रुपए जमा करवाए थे, अब इस कंपनी का ऑफिस बंद हो गया है, कंपनी की ओर से उन्हें चेक भी दिए गए थे, जब इन्होंने बैंक में चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया। कंपनी के मुख्य कार्यालय बालोतरा में संपर्क किया तो वहां से कोई जवाब नहीं मिल रहा।
जालोर बाड़मेर की एक निवेशक कंपनी पर धोखाधड़ी कर लोगों के लाखों रुपए हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। जालोर कोतवाली थाने में इस्तगासे के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार आशापूर्णा कॉलोनी निवासी निलाभ सक्सेना पुत्र रमेशचंद्र सक्सेना ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उन्होंने रिपोर्ट में बताया है कि अमित कुमार दवे व अन्य लोगों ने धोखाधड़ी करने की नियत से रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन कंपनी की स्थापना बालोतरा (बाड़मेर) में 2009 में की। मैं अमित कुमार दवे एवं उनके पिता पृथ्वीराज दवे को पहले से ही जानता था, इसलिए उन्होंने मुझे रिसर्च इंडिया इन कार्पोरेशन कंपनी बालोतरा (बाड़मेर) की जालोर शाखा में ब्रांच मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद जालोर के लोगों से संपर्क कर कंपनी में लाखों रुपए का निवेश किया। इस बीच जिन लोगों ने कंपनी में पैसे जमा करवाए उनके खाते पूरे होने पर उन्हें पैसे वापस लौटाए गए, जिससे लोगों में पैठ बन गई और कई लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया।
लेकिन मार्च 2013 के बाद में कंपनी की ओर से लोगों को करीब करीब पैसे देने बंद कर दिए। कंपनी की ओर से नवंबर 2013 में जालोर का ऑफिस बंद कर दिया। इस बारे में कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क किया तो वे कुछ दिन में पैसे देने का कहकर बात टालते रहे। वर्तमान में कंपनी में कई लोगों के करोड़ों रुपए अटके पड़े है, कंपनी की ओर से अब बहाना बनाया जा रहा है और पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कंपनी की पूरी जानकारी के बाद ही जमा करवाएं अपनी रकम, कई कंपनियां कम दिनों में धन दुगुना, तिगुना करने का लालच देकर जमा कर ठगा, अब ऑफिस कर दिए बंद, निवेशक हो रहे परेशान
जालोर
यदि आप अपनी मेहनत की कमाई अधिक ब्याज मिलने के लालच में किसी कंपनियों में जमा करवा रहे है तो सावधान हो जाए, वरना आपकी ओर से जमा करवाई गई राशि डूब सकती है। कई शातिर लोग कम समय में धन दुगुना व तिगुना करने का लालच देकर लोगों की गाढ़ी कमाई की राशि लूटने में लगे हुए हैं।
जिले में ऐसे कई लोग है जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई किसी ऐसी कंपनी में जमा करवाई जो डूब गई है, और कंपनी वाले अब उन्हें कोई जवाब तक नहीं दे रहे हैं। ऐसी कंपनियों की ओर से जिले भर में अपने एजेंट भी बनाए जाते हैं, यह एजेंट गांव गांव में घूम घूम कर लोगों को अधिक ब्याज देने का लालच देते हैं, जिससे लोग इनके झांसे में आकर अपने पैसे उनके पास जमा करवा देते हैं, लेकिन जब समय सीमा पूरी हो जाती है तो उन्हें वह पैसे वापस नहीं मिलते। ऐसी कंपनियों या उनकी फर्म की ओर से लोगों को प्रभावित करने के लिए अपने दफ्तर खोले जाते हैं तथा दफ्तरों में सारी सुविधाएं होती है जिसे देखकर लोग कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं।
तथा अपने पैसे जमा करवा देते हैं। इस तरफ का गोरखधंधे करने वाले लोग सोची समझी साजिश के तहत लोगों को ठगने का कारोबार चलाते हैं, कई लोग चैन सिस्टम की आड़ में भी लोगों को लूटने का कार्य किया जाता है। जिले में कई लोग ऐसे है जिन्होंने ऐसी कंपनियों में पैसे जमा करवाए, लेकिन अब समय सीमा पूरी हुई तो वे अपने दफ्तर पर ताला लगाकर रातों रात खाली कर चले गए। लोग अब पैसे के लिए इधर उधर चक्कर काट रहे हैं, मगर उनको कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
शर्म के मारे नहीं करवाते मुकदमा
कई लोग ऐसी कंपनियों के जाल में फंस जाते हैं, लेकिन जब समय सीमा पूरी होने के बाद उन्हें पैसे नहीं मिलते तो वे ठगी का पता चलने के बाद भी लोगों की शर्म के मारे वे पुलिस में इसकी रिपोर्ट करने से डरते हैं।
अधिक ब्याज दें तो पहले सोचे
फर्जी कंपनियों वाले लोगों को कम समय में अधिक ब्याज देने का लालच देते हैं, कई बार वे इस पैसे के बदले में किसी स्थान की जमीन भी बता देते हैं, लालच देते है कि यदि पैसे नहीं चाहिए तो आप कंपनी की जमीन भी खरीद सकते हैं। यदि किसी कंपनी, बैंक या सोसायटी का कोई प्रतिनिधि या एजेंट आपको कम समय में धन दुगुना, तिगुना या अधिक ब्याज देने का लालच देता हो तो पहले सके बारे में सोचे समझे और कंपनी का पता करें इसके बाद ही अपनी पूंजी जमा करवाए।
॥इस्तगासे के आधार पर आशापूर्णा कॉलोनी निवासी निलाभ सक्सेना पुत्र रमेशचंद्र सक्सेना ने बालोतरा की कंपनी के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, रिपोर्ट के आधार पर धारा 420, 406 में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। -मांगीलाल, कोतवाल, जालोर
पूरी जांच पड़ताल के बाद ही जमा करवाएं पूजी
इस प्रकार की ठगी के मामले सामने आते रहते हैं, इसलिए अपना धन किसी सोसायटी, बैंक या कंपनी के एजेंट के पास पैसे जमा करवाने से पहले उस कंपनी की पूरी जांच पड़ताल करें, इसके बाद ही उस कंपनी या बैंक या एजेंट के पास पैसे जमा करवाए, वरना अधिक ब्याज के चक्कर में मूल धन भी वापस नहीं मिलेगा।
यदि आपके साथ भी ऐसी घटना हुई है तो हमें बताए
यदि आपके साथ भी इस प्रकार की कोई घटना हुई हो तो आप हमें इसकी जानकारी मोबाइल नंबर 9587653030 पर दें सकते हैं, हम आपकी इस घटना का हमारे समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे ता कि इस पर कोई कार्रवाई हो और दूसरे लोग इस प्रकार की कंपनियों के बहकावे आकर अपना धन नहीं गवाएं।
जालोर के राजेंद्र नगर निवासी सुरेंद्रसिंह पुत्र मदनसिंह ने रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन कंपनी में करीब 1 लाख रुपए जमा करवाए थे, समय पूरा हुआ जितने में कंपनी ने जालोर से ऑफिस बंद कर दिया, अब उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है।
बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी निवासी उम्मेदसिंह पुत्र भीकसिंह ने जालोर में रिसर्च इंडिया इन कॉर्पोरेशन की स्थानीय शाखा में दो साल पहले अपने परिवार के सदस्यों के नाम करीब 3 लाख रुपए जमा करवाए थे, अब इस कंपनी का ऑफिस बंद हो गया है, कंपनी की ओर से उन्हें चेक भी दिए गए थे, जब इन्होंने बैंक में चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया। कंपनी के मुख्य कार्यालय बालोतरा में संपर्क किया तो वहां से कोई जवाब नहीं मिल रहा।
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