सहकारिता ने सरसब्ज किया मरुधरा के लोकजीवन को
किसानों को मिला सम्बल, खुशहाली पाकर हुए अव्वल
- डॉ . दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
पारस्परिक सहयोग, समन्वय तथा सामूहिक विकास की कल्पनाआें को साकार करने का सशक्त माध्यम बना सहकारी आन्दोलन रेगिस्तान की धरती जैसलमेर जिले में आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय खुशहाली के रंग-बिरंगे, समृद्धि की महक भरे फूल खिला रहा है।
किसानों, महिलाओं और आम ग्रामीणों से लेकर जरूरतमंदों के लिए सम्बलन व मदद का पर्याय बना सहकारिता क्षेत्र इस सरहदी जिले में नया जमाना ला रहा है।
बात सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन की हो या ब्याजमुक्त फसली ऋणी वितरण की, या फिर दूसरी योजनाओं की, राज्य सरकार ने प्रदेश में सहकारी आन्दोलन के सृदृढ़ीकरण व इसे व्यापक लाभदायी बनाने के जो ऎतिहासिक काम किये है उनका पूरा-पूरा लाभ पाने में जैसलमेरवासी भी पीछे नहीं रहे।
सहकारिता से जुड़ी योजनाओं, कार्यक्रमों व अभियानों का ही कमाल है कि सहकारिता ने धोरों की धरती के निवासियों को विकास की नई रोशनी से रूबरू कराया है।
गांव-ढांणियों तक सहकारिता की गूंज
जैसलमेर जिले में सहकारिता के क्षेत्र में हाल के वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की गई हैैं। सहकारिता की दृष्टि से नये माहौल का सृजन हुआ है। सहकारिता की बदौलत जिले में आर्थिक एवं सामाजिक विकास को नई गति प्राप्त होने लगी है।
अल्पकालीन फसली ऋण वितरण
जिले में वर्ष 2012-13 में 22 हजार किसानाें को 54 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाकर राहत प्रदान की गई। इस प्रकार जैसलमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा गत चार वर्षों में जिले के 1 लाख 2 हजार 999 काश्तकारों को 29437.30 लाख रुपए के अल्पकालीन फसली ऋण प्रदान किये गये जो कि एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
इन ऋणों के माध्यम से जिले के काश्तकारों की फसलों में तो इजाफा हुआ ही है साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है। जिले में उपनिवेशन क्षेत्र में 24 हजार 787किसानाें को 2788.74 लाख रुपए की ब्याज माफी की छूट का लाभ प्रदान किया गया।
काश्तकारों को ब्याज अनुदान उपलब्ध
बैंक द्वारा गत चार वर्षों में जिले के काश्तकारों को 87.02 लाख रुपये ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया गया है। उक्त ब्याज अनुदान राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप प्राप्त कर किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया गया है।
मिनी बैंकों का सुदृढ़ीकरण
राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर मिनी बैंक का संचालन करने के लिए 46 केन्द्रों पर राशि रुपये 41.40 लाख का फर्नीचर उपलब्ध कराया है तथा 46 केन्द्रों पर कम्प्यूटर सुविधाओें के लिए रुपये 27.60 लाख की धनराशि अनुदान हेतु उपलब्ध कराई गई है।
महिला उत्थान ने पाया सहारा
महिला सशक्तिकरण एवं उनके आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा रिद्धि-सिद्धि योजना आरम्भ की गई, जिसमें महिला सहकारी समितियों को खाद-बीज का उपभोक्ता व्यवसाय करने हेतु राशि रुपये 9 लाख ऋण पेटे एवं राशि रुपये 12 लाख प्रबन्धकीय अनुदान उपलब्ध कराया गया है। राशि रुपये 8 लाख का भुगतान भी महिला सहकारी समिति को कर दिया गया है।
काश्तकारों को मिली राहत
संवत् 2066 में फसल खराबा एवं अभावग्रस्त क्षेत्र फसल खराबा के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि रुपये 937.43 लाख कृषि आदान अनुदान दिया गया था, जिसमें से 30 हजार444 किसानों को राशि रुपये 926.01 लाख का भुगतान कर दिया गया है व शेष राशि रुपये 11.42 लाख राजकोष में वापिस जमा करा दी गई है।
संवत् 2069 में रबी फसल का शीत लहर एवं पाला पड़ने से फसलों को हुआ नुकसान के लिए राज्य सरकार द्वारा कुल सदस्यों को राशि रुपये 222.60 लाख कृषि अनुदान उपलब्ध कराया गया जिसमें से 3 हजार 546 सदस्यों को कुल राशि रुपये 213.79 लाख का भुगतान किया गया है।
आहत को मिली मदद
इसी प्रकार वर्ष 2008 से 2012 तक जिले में अकाल पड़ने के कारण पिछले चार वर्षों में 59 हजार 084 काश्तकारों को राशि रुपये 7081.08 लाख की क्लेम राशि की सहायता प्रदान की गई है जिसके कारण किसानों को अपने ऋणों की राशि बैंकों को चुकाने में काफी सहायता मिली है।
किसानों को मिला आधार
जैसलमेर जिले में पिछले चार वर्ष में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक लि. की ओर से किसानों को विभिन्न ऋण योजनाओं में लाभान्वित किया गया। जिले में वर्ष 2009-10 में 1 हजार 238 किसानों को 893.75 लाख, वर्ष 2010-11 में 1 हजार 534 किसानों को 1231.23 लाख, वर्ष 2011-12 में 861 किसानों को 733.99 लाख रुपए तथा वर्ष 2012-13में अब तक 545 किसानों को 429.08 लाख रुपए लघु सिंचाई योजना, एफएमएस, अकृषि, विविधकृत, ग्रामीण आवास तथा फसली ऋण प्रदान कर लाभान्वित किया गया।