नागाणा छात्रावास में राजस्थानी रो हेल्लो जनजागरण अभियान आयोजित
राजस्थानी भाषा को मान्यता के राह की बाधाये ख़त्म हो रही हें
राजस्थानी भाषा को मान्यता के राह की बाधाये ख़त्म हो रही हें
बाड़मेर। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी मोटियार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के उद्देश्य से नागाणा छात्रावास गाँधी नगर में म्हारी जुबान रो तालो खोलो पोस्टकार्ड अभियान के द्वितीय चरण में रविवार को अभियान के तहत संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के मुख्य आतिथ्य में राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजस्थानी रो हैलो जन जागरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चन्दन सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थानी भाषा समृद्व भाषा है जो हमारी संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। उन्होने कहा कि राजस्थान की ओलखाण राजस्थानी से है। हम अपनी मायड़ भाषा को दरकिनार कर अपनी पहचान खोते जा रहे है। उन्होने कहा कि राजस्थान के विकास में राजस्थान की संस्कृति इतिहास और परंपरा का अहम योगदान रहा है। सात समंदर पार से आने वाला पर्यटक राजस्थानी संस्कृति परंपरा और इतिहास को देखने आता है जब हम अपनी पहचान ही खो देंगे तो पर्यटक राजस्थान क्यों आएगा। उन्होने कहा कि घर की संस्कृति परंपरा को बरकरार रखना हमारा दायित्व हैं। हमें अपनी भाषा को मान्यता दिलाने का पुरजोर प्रयास करे। उन्होने कहा कि बाड़मेर जिले से राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का जो प्रयास हो रहे है उन्हें राष्ट्रपति तक पहूंचाने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होने कहा कि अपनी घर की बोली हमारी धरोहर है। इस धरोहर को ध्वस्त ना होने दे। । उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रांतो की छोटीछोटी बोलियों को संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया गया मगर राजस्थानी भाषा आज भी वंचित है जो कष्टदायी है। इस अवसर पर छात्र परिषद् के जिला संयोजक भोम सिंह बलाई ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलने तक आंदोलन तथा अभियान जारी रहेगा। उन्होने कहा कि पूरे जिले में समिति का नेटवर्क बन गया है। जनता का सीधा जुड़ाव अभियान से होना साबित करता है कि राजस्थानीयों के मन में मायड़ भाषा की हुक उठ चुकी है जो संसद तक जाएगी। इस अवसर पर राजस्थानी मोटियार परिषद के नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ने कहा कि मायड़ भाषा का सम्मान है। जिसका हमे दिल से सम्मान करना होगा।इन्दा ने कहा की ऍन सी आर टी ने भी राजस्थानी भाषा को मायड़ भाषा का दर्ज दे दिया हें . इस अवसर पर दिग्विजय सिंह चुली ने कहा कि युवाओं का ऐसा दल तैयार हुआ जो निस्वार्थ भावना से अपनी मायड़ भाषा को मान्यता दिलाने का पुरजोर प्रयास कर रहा है। उन्होने कहा कि मायड़ भाषा के प्रति युवाओं में सकारात्मक सोच राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए पर्याप्त है। इस अवसर पर राजस्थानी छात्र परिषद् केअध्यक्ष अशोक सारला ने कहा कि बाड़मेर जिले में जो आवाज राजस्थानी भाषा को मान्यता की जुड़ी है वो पूरे राजस्थान में फैल चुकी है। उन्होने कहा कि हस्ताक्षर अभियान तथा पोस्टकार्ड अभियान में आमजन को भागीदारी ने मान्यता का रास्ता तय कर दिया है।समारोह में सवाई चावड़ा ,अदरीम खान रहूमा ,राजाराम चौधरी ,राजूराम नाइ,दिलीप विश्नोई और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ,इस अवसर पर शीत कालीन संसद सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए प्रधानमंत्री ,सांसद और गृह मंत्री के नाम सेकड़ो पोस्ट कार्ड लिखे गए ,. बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और मोटियार परिषद् द्वारा राजस्थानी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए विद्यार्थियों के लिए राजस्थानी साहित्य स्कूलों में भेंट करने का भी आज आगाज़ किया ,समिति के पदाधिकारियों ने राजस्थानी साहित्य पत्रिका कथेसर की प्रतिया छात्रावास प्रबंधन को भेंट की।
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