लॉकडाउन पर फैसला / राजस्थान के 14 इलाके रेड कैटेगरी में, ग्रीन और येलाे कैटेगरी वाली 18 जगहों पर मिलेगी राहत
आज लॉकडाउन का आखिरी दिन है। ऐसे में अगर 15 अप्रैल से यहां मोडिफाइड लॉकडाउन लागू किया जाता है तो उसके लिए प्रदेश को चार जोन में बांटा जा सकता है। ऐसे इलाके जो हाॅटस्पाॅट बने हुए हैं और बड़ी संख्या में कोरोना पाॅजिटिव मिल रहे हैं, उन क्षेत्रों और शहरों को रेड कैटेगरी के तहत रखा जाएगा। यानी वहां लाॅकडाउन पूर्व की तरह लागू रहेगा। वहीं, जिन इलाकों में अब तक कोई भी रोगी नहीं आया है, वहां राहत दी जा सकती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके लॉकडाउन को लेकर स्मार्ट समाधान खोजने की बात कही है, ऐसे में राजस्थान उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है....
रेड कैटेगरी - जयपुर, बांसवाड़ा, टोंक, भरतपुर में वैर और बयाना, भीलवाड़ा, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर का पोकरण, झालावाड़ का पिड़ावा, झुंझुनू का गुढ़ा गौड़जी और मंडावा, दौसा, कोटा और चूरू।
रेड कैटेगरी में क्याें?- यहां अब तक 10 से ज्यादा पाॅजिटिव केस आ चुके हैं। हर जगह क्वारेन्टाइन में 100 से ज्यादा लोग रखे गए हैं।
आगे क्या : चूंकि यहां अब भी खतरा बना हुआ है, ऐसे में लॉकडाउन और कर्फ्यू पहले की तरह लागू रहेगा। हाई रिस्क जोन में रहने वाले लोगों को दफ्तर सहित सभी गतिविधियाें पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसके अलावा जो कर्मचारी हार्ट, कैंसर या किड़नी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें दफ्तर नहीं बुलाया जाएगा। उनके लिए सरकार एडवाइजारी जारी करेगी।
ऑरेंज कैटेगरी - अलवर, डूंगरपुर, नागौर, खेतड़ी, अजमेर।
क्याें- इन 5 सिटी में कुल पाॅजिटिव की संख्या 5 से 10 के बीच है। डूंगरपुर को छोड़कर सभी जगह 100 से अधिक क्वारैन्टाइन हैं।
आगे क्या : यहां चूंकि हालात बहुत खराब नहीं हैं, इसलिए फेजवाइज छूट देने पर विचार किया जा रहा है। कुछ छोटे उद्योगों को रियायत दी जा सकती है। इस बारे में सीएम गहलोत आज ऐलान कर सकते हैं।
येलो कैटेगरी: धौलपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, करौली, पाली, सीकर, उदयपुर, प्रतापगढ़, झालावाड़।
क्याें- इस सभी जिलों में 85 दिन में 5 से कम कोरोना पाॅजिटिव हैं। इनमें नए संक्रमित लोग भी सामने नहीं आ रहे हैं। 10 जिले ऐसे हैं जिनमें कोरोना का फैलाव बहुत धीमा है। इनमें एक से लेकर 2 या 3 तक कुल पाॅजिटिव केस हैं।
आगे क्या : दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए ऑड-ईवन जैसा फाॅर्मूला लागू किया जा सकता है। आधे-आधे कर्मचारियों को रोटेशन के आधार पर बुलाया जाएगा।
ग्रीन कैटेगरी: श्रीगंगानगर, बारां, बूंदी, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, जालौर, सिरोही।
क्याें? : ये वे जिले और सिटी हैं, जिनमें अभी तक एक भी कोरोना रोगी नहीं मिला। न किसी पॉकेट विशेष में संक्रमण भड़का है। इन 8 जिलों में बाजार खोले जा सकते हैं।
आगे क्या : यहां सरकारी और प्राइवेट संस्थान, उद्योगों को लॉकडाउन में फेज वाइज छूट दी जाएगी, लेकिन यह छूट भी सशर्त होगी। शर्त यह होगी कि काम करने वाले स्थानीय लोग ही होंगे। इन कर्मचारियों की उम्र भी 50 साल से ज्यादा नहीं होगी। इसके अलावा उद्योगों में सैनिटाइजेशन, मास्क जैसी चीजों की अनिवार्यता भी रखी जाएगी।
अब तक 11 राज्य लाॅकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा चुके हैं
प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले ही देश के 11 राज्यों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ चुका है। ये राज्य हैं- दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी, मिजाेरम।
काेराेना मामलाें के हिसाब से राज्याें का आकलन
यहां संघर्ष: महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश
सुधार की राह पर: आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, केरल, तेलंगाना
अनिश्चितता बरकरार: कर्नाटक, तमिलनाडु। तमिलनाडु के 1173 मामलाें में से 31 की उम्र 10 वर्ष से कम है।
केंद्र के लिए लाॅकडाउन में छूट के ये 3 आधार संभव
यानी काेराेना के अत्यधिक मामले
जिस जिले में काेराेना संक्रमण के 15 से अधिक मामले हाेंगे या हाॅटस्पाॅट घाेषित हाेंगे, उसे रेड जाेन माना जाएगा। यहां सारी गतिविधियाें पर लाॅकडाउन की तरह प्रतिबंध जारी रहेंगे। सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओं जैसे दूध, दवा, सब्जी की सुविधा मिलेगी।
यानी काेराेना के सीमित मामले
जिन जिलों में काेराेना के सीमित यानी 15 से कम केस हैं और संक्रमितों की संख्या नहीं बढ़ी, वे ऑरेंज जोन में रखे जा सकते हैं। यहां गतिविधियाें के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देशाें का पालन करना हाेगा। सीमित सार्वजनिक परिवहन शुरू हाे सकेगा।
यानी काेराेना का एक भी मामला नहीं
जिस जिले में एक भी संक्रमण का केस नहीं हाेगा, उसे ग्रीन जाेन माना जाएगा। ग्रीन और ऑरेंज जोन में एेसे 276 जिले हैं। यहां बाहर से आने वालों पर रोक लगाते हुए स्थानीय गतिविधियाें को छूट मिल सकती है। लघु एवं मध्यम उद्याेग शुरू हाे सकेेंगे।
काम पर न लौटने वाले कामगारों का वेतन काटने की छूट मिले
उद्योग मंत्रालय ने एक सिफारिश यह भी की है कि जिन उद्योगों को शुरू करने की मंजूरी मिले, वह अपने कामगारों को भी वापस बुलाएं। बुलाए जाने पर भी अगर कोई कामगार ड्यूटी पर नहीं लौटता है, तो नियोक्ता को उसके पारिश्रमिक का भुगतान न करने की छूट भी दी जाए।