रविवार, 6 जुलाई 2014

बाड़मेर अंधेरगर्दी कोतवाली पुलिस ने भगाया ,महिला पुलिस ढूंढ रही हे अब छेड़छाड़ के आरोपी को

बाड़मेर अंधेरगर्दी कोतवाली पुलिस ने भगाया ,महिला पुलिस ढूंढ रही हे अब छेड़छाड़ के आरोपी को

बाड़मेर बाड़मेर पुलिस की सुस्त और कर्तव्यमुंढ कार्यवाही चर्चा में हैं। शनिवार को बीच चौराहे महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को जनता के दबाव में हिरासत में लेने बिना की क़ानूनी कार्यवाही के भगा दिया अब महिला पुलिस थाना उसी आरोपी को तलाश रही हैं। पुलिस विभाग में मची अंधेरगर्दी का ही नतीजा हे की बाड़मेर जैसे शहर में खौफ मनचलो के मन से ख़त्म हो गया ,शहरी क्षेत्र में दिन अहिंसा चौराहे पर सरे आम एक विवाहिता के साथ छेड़छाड़ हुई.जनता ने आरोपी को पकड़ा ,पुलिस के हवाले किया ,मागय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय भीड़ छांटते ही आरोपी को भगा दिया ,अब पीड़ित महिला ने जब महिला थाने में मुक़दमा कराया तो महिला पुलिस तलाश में जुट गयी ,बाड़मेर पुलिस की शिथिल कार्यवाही के कारन ही शहरी क्षेत्र में अब अपराधी सरे राह घटनाओ को अंजाम दे रहे हैं ,इधर कोतवाली पुलिस की बेशर्मी देखिये दिन भर ठाणे के बेसिक फोन पर कॉल करने के बावजूद कोई उसे उठा ही नहीं रहा ,पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर लोगो में आक्रोश हैं ,इधर छेड़छाड़ के मामले में को चेतावनी दी हैं की छोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की को तत्काल गिरफ्तार किया जाये नहीं तो थानो का घेराव कर प्रदर्शन किया जायेगा ,अब पुलिस के गल्ले आ गयी ,हाथ आये आरोपी को छोड़ने पर पुलिस को जवाब देना भरी पद रहा हैं

पढ़िए क्या था  पूरा मामला 

बाड़मेर
शनिवार को शहर के रेलवे स्टेशन के सामने राह चलती एक महिा के छेड़छाड़ के मामले ने तूल पकड़ लिया। घटना के बाद मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई, वहीं सूचना के बाद भी कोतवाली पुलिस काफी देर बाद घटनास्थल पर पहुंची। इस बीच आरोपी एक दुकान में जाकर छिप गया। आक्रोशित लोग महिला थाने पहुंच गए और पुलिसकर्मियों की आनाकानी के बाद मामला दर्ज करवाया।
बाड़मेर शहर में दूसरे दिन भी बीच चौराहे पर महिला के साथ छेड़छाड़ की घटना ने शर्मसार कर दिया। इतना ही घटनाओं से पुलिस सबक नहीं ले रही है। शनिवार को बलाऊ गांव निवासी एक महिला अपने पति के साथ बच्चों के लिए किताबें कॉपियां लेने बाजार आई थी। खरीदारी के बाद वापस तिलक बस स्टैंड की तरफ जाते व्यक्त अहिंसा सर्किल पर ही एक बाइक सवार युवक ने महिला के साथ छेड़छाड़ की। जिसके बाद बीच-बचाव में आए उसके पति के साथ ही बदतमीज धक्का-मुक्की की। इस घटना को देख आसपास के लोगों की भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई। लोगों ने आक्रोश जताते हुए युवक जयेश खत्री को पकड़ने की कोशिश की। इस बीच एक मिठाई की दुकान के कुछ लोग बीच-बचाव में आए और युवक को दुकान के अंदर लेकर चले गए। इस घटना के बाद बवाल मच गया। लोगों ने छेड़छाड़ की घटना की निंदा की। वहीं कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। घटना के आधा घंटा बाद पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को इतर-बीतर कर युवक को पकड़ कर ले गई।




"हरियाणा के सभी कुंवारों की बिहार की लड़कियों से शादी करवा देंगे" -



गुड़गांव। भाजपा नेता और किसान मोर्चो के अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है कि पार्टी हरियाणा के कुंवारे लड़कों की बिहार की लड़कियों से शादी करवा देगी। निरवाना में शुक्रवार को किसान महासम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
BJP leader gives controversial statement in Haryana, promises brides from Bihar
हरियाणा में रहने वाले पूर्वाचल के लोगों ने बयान की निंदा करते हुए धनखड़ को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है। धनखड़ ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो पार्टी बिहार से लड़कियां लाकर हरियाणा के सभी पुरूषों की शादी करवा देगी। जब पूर्वाचल के समूहों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी तो धनखड़ ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।

बकौल धनखड़ मीडिया ने मेरे बयान को गलत अर्थ में पेश किया गया है। हम चाहते हैं कि बिहार के गरीब क्षेत्रों से तस्करी के जरिए हरियाणा लाई जाने वाली लड़कियों को सुरक्षा और सम्मान दिया जाए। यहां के लड़कों से शादी करवाकर उन्हें सही तरीके से पुनर्वासित किया जाए। पूर्वाचल एकता मंच ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि अगर धनखड़ ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

मंच के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि धनखड़ ने सिर्फ बिहार का जिक्र किया लेकिन यह पश्चिम बंगाल,ओडिशा सहित कई अन्य राज्यों में होता है। हमने लोकसभा चुनाव भाजपा को वोट दिया था। हमें यही अच्छे दिन देखने थे। हरियाणा में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या सबसे कम है। 2011 के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 1000 पुरूषों पर महिलाओं की संख्या 879 है।

जमीन के लिए विधवा से अपनों ने की हैवानियत

widow women private parts Put in the wood

उदयपुर। राजसमंद जिले के देवपुरिया गांव में 10 बीघा जमीन के लिए विधवा ऎजीबाई की देवरानी-जेठानियों और उनकी बहूओं ने पीट-पीटकर हडि्डयां तोड़ दी। इतने पर भी जी नहीं भरा तो उसके गुप्तांग में लकड़ी डाल दी। इससे ऎजीबाई तीन घंटे बेसुध पड़ी रही। जख्मों से रिसते खून पर चीटियां चिपटने लगीं लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। यह घटना पिछले 27 जून की है। पीडिता के अनुसार घटना वाले दिन सुबह वह पशुओं को संभालने पहुंची थी। इस दौरान देवरानी-जेठानी और उनकी बहुओं सहित घर की 7 महिलाएं आई और उस पर हमला कर दिया।सबने मिलकर उसे जमकर पीटा। घर की चाबी छीन ली। बाद में पूर्व सरपंच की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया। दोनों पांवों, कुहनी और घुटनों में फ्रैक्चर के चलते उसे 7 यूनिट रक्त चढ़ाया गया। उसका आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज होने के 8 दिन बाद भी पुलिस एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई।

यह कैसी दीवानगी, प्रेमी के लिए घरवालों को दिया जहर

भरतपुर। जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र के गंाव नगला बोहरा में शनिवार रात एक युवती परिजनों को भोजन में विषाक्त पदार्थ खिलाकर घर से जेवरात व नकदी लेकर चंपत हो गई। घटना की जानकारी रविवार सुबह अन्य परिजन के घर पर पहुंचने पर हुई। Young girl gave parents poisoning in Bharatpur
जिस पर चारों अचेत लोगों को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें जयपुर रैफर कर दिया। उधर, पुलिस कोई जानकारी नहीं दे पा रही, हालांकि मामला प्रेम-प्रसंग का प्रतीत हो रहा है। जिस कारण अन्य परिजन चुप्पी साधे हुए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार गांव नगला बोहरा निवासी अमर सिंह (48) पुत्र फूल सिंह जाट की बड़ी पुत्री (20) ने रात में भोजन में विषाक्त पदार्थ मिला दिया। भोजन करने के बाद अमर सिंह, उसकी पत्नी गंगादेवी (45), पुत्र चेतन (18), पुत्री नीतू (17) अचेत हो गए।

रविवार सुबह अमर सिंह के भतीजे की बहू घर पर चीनी लेने आई थी, उसने परिजनों को जगाया तो नहीं उठे, इस पर उसने घर जाकर सूचना दी।

मौके अमर सिंह के ताऊ व अन्य परिजन पहुंच गए, इनके अचेतावस्था में होने पर चारों को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उपचार के बाद जयपुर रैफर कर दिया। उधर, सूचना मिलने पर एएसआई अर्जुन सिंह अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली है।

जेवरात व नकदी गायब
प्रकरण में अन्य परिवारीजन चुप्पी साधे हुए हैं और ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि भोजन में कुछ गिर गया था, जिससे सभी अचेत हो गए। जबकि घर की एक बुजुर्ग महिला ने बड़ी पुत्री पर जेवरात व नकदी ले जाने की बात कही है।

छोटे भाई-बहन बचे
घटना में अमर सिंह की छोटी पुत्र व पुत्री बच गए। ये लोग शनिवार रात घर में ताऊ व अन्य परिजनों के घर पर ही सो गए थे, जिससे ये भोजन करने से बच गए।

इकलौते 'कल्पवृक्ष' का वजूद खतरे में



वाराणसी। छावनी क्षेत्र में एक ऐसा भी वृक्ष है जिसके साथ लोगों की आस्था और विश्वास जुड़ा है। अनंत फलदायी कल्पवृक्ष के रूप में पूजित वृक्ष कल्पतरु की शाखा है या नहीं, सवाल श्रद्धालुओं की भावनाओं पर ही छोड़ दें तो भी लगभग 34 फीट की विशाल परिधि वाला यह वृक्ष पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी संरक्षण और संवर्धन के प्रयास मांगता है।

चिंता की बात यह है कि समय के थपेड़े झेलते-झेलते जर्जर हो चला पूर्वाचल में अपने वंश का यह बिरला पेड़ वजूद के संकट के दौर से गुजर रहा है। उसकी छाल ढीली पड़ चुकी है और स्थूल तनों तथा सुपुष्ट शाखाओं में कीड़े लग जाने से छिद्र भी दीखने लगे हैं।

बंगला नंबर 29 है पता - हरियाले छावनी क्षेत्र में वृक्ष का पता बंगला नंबर 29 है जो स्व. प्रो. बीबी सिंह बिसेन के नाम है। बताते हैं कि करीब पांच वर्ष पूर्व स्व. श्री विसेन के बंगले पर मांगलिक समारोह था जिसमें शामिल होने के लिए तत्कालीन वन संरक्षक (वाराणसी मंडल) आर हेमंत कुमार भी पहुंचे थे। उनकी नजर वृक्ष पर पड़ी तो वे ठिठक गए। सुबह फिर बंगले पर पहुंचे तो जांच में वृक्ष कल्पतरु निकला। 134 फीट मोटा है वृक्ष का तना - बताते हैं कि जब आर हेमंत कुमार ने जांच की थी तो उस वक्त पेड़ के तने की मोटाई करीब 30 फीट थी लेकिन वर्तमान में उसके तने की मोटाई करीब 34 फीट हो गई है। पेड़ की दो शाखाओं की मोटाई भी काफी अधिक है

वृक्ष से जुड़ी जरूरी जानकारियां

-फ्रांसीसी वैज्ञानिक माइकल अडनसन ने वर्ष 1775 में अफ्रीका में सेनेगल में सर्वप्रथम देखा था। पाया जाता है फ्रांस, इटली, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया। भारत में रांची, अल्मोड़ा, नर्मदा के तटीय क्षेत्रों और कर्नाटक आदि में। औसत आयु 2500-3000 साल। मोटा तना, टहनी लंबी, कमल के फूल में रखी किसी छोटी गेंद में निकले मरमरी रेशे वाले फूल, नारियल की तरह फल।

वृक्ष से स्वास्थ्य लाभ

आयुर्विज्ञानियों के अनुसार वृक्ष की 3 से 5 पत्तियों का सेवन करने से दैनिक पोषण की जरूरत पूरी, उम्र बढ़ाने में सहायक।

कब मिलेगी रेल लाइन की स्वीकृति

जैसलमेर। जैसलमेर से बाड़मेर को जोड़ने के लिए रेल लाइन बिछाने की योजना अभी भी स्वीकृति के इंतजार में है। रेल बजट से पहले इस रेल लाइन को मंजूरी मिलने का जैसलमेर व बाड़मेर के बाशिंदे हर बार इंतजार करते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। जैसलमेर से बाड़मेर के बीच रेल लाइन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाए तो यह लाइन जैसलमेर को बड़े स्टेशनों से सीधा जोड़ने के साथ देश की सुरक्षा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी। जैसलमेर से बाड़मेर से बीच प्रस्तावित रेल लाइन को सीमा के सटे गांवों से निकालने का प्रस्ताव तो बना था, लेकिन अभी तक इसे स्वीकृति मिलनी शेष है। there is a hidden treasure in this stream
कई बार हो चुका सर्वे
जैसलमेर से बाड़मेर के बीच रेल लाइन बिछाने को लेकर रेलवे विभाग व सुरक्षा एजेंसियां कई बार सर्वे करवा चुकी है और इस रेल लाइन के स्वीकृति की अनुशंसा भी कर चुकी है, बावजूद इसके इस लाइन को स्वीकृति नहीं मिल पा रही है।

सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण
जैसलमेर-बाड़मेर की प्रस्तावित रेल लाइन को इस रेल बजट में स्वीकृति मिले तो पश्चिमी छोर की सुरक्षा को मजबूती मिल सकेगी। भारत-पाकिस्तान सीमा का बड़ा भाग बाड़मेर व जैसलमेर से सटा होने के कारण यह लाइन देश की सुरक्षा व भारतीय सेना के लिए बड़ी उपयोगी साबित हो सकती है।

आय में भी बढ़ोतरी
जैसलमेर-बाड़मेर के बीच रेल लाइन चलाने से जैसलमेर व बाड़मेर में निकल रहे खनिज की ढुलाई कर रेलवे को इस लाइन से करोड़ों की आय अर्जित हो सकेगी। बाड़मेर में निकले पेट्रोल और जैसलमेर का लाइम स्टोन व अन्य खनिज देश रेल लाइन के सहारे देश व भारतीय रेल की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकेंगे।

लोकसभा क्षेत्र में नहीं रेल लाइन
जैसलमेर-बाड़मेर एक ही लोकसभा क्षेत्र मे शामिल हैं, बावजूद इसके दोनों को जिलों को अभी रेल लाइन से जुड़ने का इंतजार ही है। दोनो जिलो के बाशिंदो को रेल लाइन बिछने और ट्रेन शुरू होने की उम्मीद अभी भी है।

हैरतअंगेज, अरबो का खजाना दबा पड़ा हिमाचल की इस झील में

आज हम आपको एक ऎसी झील के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में कहा जाता है की उसमे अरबो रूपए का खजाना दफन है।there is a hidden treasure in this stream
यह है हिमाचल प्रदेश के पहाड़ो में स्थित कमरूनाग झील।

पूरे साल में 14 और 15 जून को यानी देसी महीने के हिसाब से एक तारीख और हिमाचली भाषा में साजा। गर्मियों के इन दो दिनों में बाबा कमरूनाग पूरी दुनिया को दर्शन देते है। इसलिए लोगों का यहां जन सेलाव पहले ही उमड़ पड़ता है। क्योंकि बाबा घाटी के सबसे बड़े देवता हैं और हर मन्नत पूरी करते हैं।

हिमाचल प्रदेश के मण्डी से लगभग 60 किलोमीटर दूर आता है रोहांडा, यहीं से पैदल यात्रा शुरू होती है। कठिन पहाड़ चड़कर घने जंगल से होकर गुजरना पड़ता है। इस तरह लगभग 8 किलोमीटर चलना पड़ता है।

कहां से आया यह खजाना?
मंदिर के पास ही एक झील है, जिसे कमरूनाग झील के नाम से जाना जाता है। यहां पर लगने वाले मेले में हर साल भक्तों की काफी भीड़ जुटती है और पुरानी मान्यताओं के अनुसार भक्त झील में सोने-चांदी के गहनें तथा पैसे डालते हैं। सदियों से चली आ रही इस परम्परा के आधार पर यह माना जाता है कि इस झील के गर्त में अरबों का खजाना दबा पड़ा है।

बाबा कमरूनाग की पौराणिक गाथा
कमरूनाग जी का जिक्र महाभारत में भी आता है। इन्हें बबरूभान जी के नाम से भी जाना जाता था। ये धरती के सबसे शक्तिशाली योद्धा थे। लेकिन कृष्ण नीति से हार गए। इन्होने कहा था कि कौरवों और पांडवों का युद्ध देखेंगे और जो सेना हारने लगेगी में उसका साथ दूंगा। लेकिन भगवान् कृष्ण भी डर गए कि इस तरह अगर इन्होने कौरवों का साथ दे दिया तो पाण्डव जीत नहीं पाएंगे।

कृष्ण जी ने एक शर्त लगा कर इन्हे हरा दिया और बदले में इनका सिर मांग लिया। लेकिन कमरूनाग जी ने एक खवाइश जाहिर की कि वे महाभारत का युद्ध देखेंगे। इसलिए भगवान् कृष्ण ने इनके काटे हुए सिर को हिमालय के एक उंचे शिखर पर पहुंचा दिया। लेकिन जिस तर्फ इनका सिर घूमता वह सेना जीत की ओर बढ्ने लगती।

तब भगवान कृष्ण जी ने सिर को एक पत्थर से बाँध कर इन्हे पांडवों की तरफ घुमा दिया। इन्हें पानी की दिक्कत न हो इसलिए भीम ने यहाँ अपनी हथेली को गाड कर एक झील बना दी।

खजाने की चोरी करने वाले को सजा
यह भी कहा जाता है कि इस झील में सोना चांदी चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है। लोग अपने शरीर का कोई भी गहना यहाँ चढ़ा देते हैं। झील पैसों से भरी रहती है, ये सोना-चांदी कभी भी झील से निकाला नहीं जाता क्योंकि ये देवताओं का होता है।

ये भी मान्यता है कि ये झील सीधे पाताल तक जाती है। इस में देवताओं का खजाना छिपा है। हर साल जून महीने में 14 और 15 जून को बाबा भक्तों को दर्शन देते हैं। झील घने जंगल में है और इन् दिनों के बाद यहाँ कोई भी पुजारी नहीं होता। यहाँ बर्फ भी पड़ जाती है।

यहाँ से कोई भी इस खजाने को चुरा नहीं सकता। क्योंकि माना जाता है कि कमरूनाग के खामोश प्रहरी इसकी रक्षा करते हैं। एक नाग की तरह दिखने बाला पेड इस पहाड के चारों ओर है। जिसके बारे मे कहते हैं कि ये नाग देवता अपने असली रूप में आ जाता है। अगर कोई इस झील के खजाने को हाथ भी लगाए।

एक अद्भूत मंदिर: राधा-कृष्ण के इस स्वर्ण मंदिर पर रीझेगी दुनिया



मथुरा। ब्रज भूमि में अब भव्यता की बहार है। प्रेम मंदिर से भव्य देवालयों की शुरुआत हुई। अब ब्रह्मजी की नगरी चौमुहां में हाइवे किनारे श्रीराधा-कृष्ण का स्वर्ण मंदिर बनेगा, जो दुनिया में संभवत: सबसे भव्य और महंगा होगा। 108 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित मंदिर के चारों ओर ताज की तरह चार मीनार जैसे स्ट्रकचर होंगे।

वैदिक संस्कृति, विज्ञान व नौ गृहों के प्रारूप से प्रस्तावित मंदिर का शिलान्यास भी शानदार होगा। भगवान श्री लक्ष्मीनारायन महाशक्ति पीठ धाम नई दिल्ली द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। देश के नामचीन दो दर्जन इंजीनियरों की टीम पिछले एक साल से मंदिर की डिजायन बनाने के लिए दुनियाभर में भव्य मंदिर, गुरुदारा, मस्जिद व खास इमारतों का अध्ययन कर रही है।

कान्हा की नगरी मथुरा के वृंदावन में भव्य मंदिरों के निर्माण का सिलसिला शुरू हुआ। प्रेम मंदिर और वैष्णो माता मंदिर बनने के बाद वात्सल्य ग्राम में सर्वमंगला मंदिर और भव्य चंद्रोदय मंदिर निर्माणाधीन हैं। इसके बाद अब श्रीराधा-कृष्ण स्वर्ण मंदिर का प्रस्ताव तैयार है। भगवान श्रीलक्ष्मी नारायन धाम नई दिल्ली के महासचिव गुरुदास सुशील वर्मा और चीफ कोर्डिनेटर विश्व रमण निर्मल ने 'जागरण' को बताया कि प्रस्तावित मंदिर के लिए 108 एकड़ जमीन में मंदिर खास होगा। इसमें ताज जैसी कुछ झलक मिलेंगी। इसमें राधा-कृष्ण की स्वर्ण जड़ित मूर्तियां होंगी और मंदिर भी सोने का ही होगा। सभी प्रमुख देवी-देवताओं की स्वचालित झांकियां मंदिर में स्थापित होंगी। इसके लिए दुनियाभर में अध्ययन का दौर चल रहा है। उन्होंने बताया कि एक टीम तिरुपति बालाजी के पास नारायणी स्वर्ण मंदिर गई है, जो वहां प्लान नोट करेगी।

मनचाही भाषा में दिखेंगी कान्हा की लीलाएं- प्रस्तावित मंदिर में आधा घंटे में भगवान श्री कृष्ण व राधा की सभी बाल लीलाओं का सजीव चित्रण होगा। इसमें बहुभाषी डबिंग होगी। हिंदी, अग्रेजी, बंगाली, ब्रजभाषा, भोजपुरी, राजस्थानी, हरियाणवी, तमिल व अन्य मनचाही भाषा को क्लिक कर राधा-कृष्ण की लीलाओं का बखान भी सुन सकेंगे। मंदिर में दर्शनार्थियों के ठहरने का इंतजाम भी होगा, जो पांच सितारा होटल से कम नहीं होगा। अस्पताल, स्कूल, विधवाश्रम और गौशाला भी- धर्म लोगों के हित के लिए होता है। यह बात अब तेजी से समझ आ रही है। इसीलिए मंदिर प्रांगण में आयुर्वेद, होम्योपैथिक, एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के अस्पताल बनेंगे। दिव्य बीज मंत्रों के जरिए सभी रोगों का इलाज मुफ्त में होगा। कष्ट निवारक कक्ष में बैठने मात्र से रोगी की जांच हो सकेगी। यह भी जनहित के काम

-पांच एकड़ की गौशाला ब्रज की गायों को संरक्षण देगी।

-स्कूल में गरीब छात्र-छात्रओं को हाईटेक एजुकेशन व प्लेसमेंट की व्यवस्था होगी।

-विधवा महिलाओं के संरक्षण को एक आश्रम भी बनाया जाएगा।

-मंदिर में 24 घंटे नि:शुल्क लंगर चलेगा।

शराब से भरी बोलेरो केम्पर पलटी, चालक घायल

बालोतरा। जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाइवे पर सरहद दूदवा में शराब से भरी बोलेरो केम्पर बेकाबू होकर पलट गई।हादसे में चालक को चोटें आई है।बाड़मेर स्थित आबकारी विभाग के डिपो से भारत निर्मित अंग्रेजी शराब के कर्टन लादकर चालक कैलाश पुत्र जालूराम ब्राह्मण निवासी ब्लाऊ जाटी सिमरखिया के लिए रवाना हुआ था। The alcohol-fired Kemper Bolero, driver injured
सरहद दूदवा में शनिवार मध्याह्न चालक के हाथों से बेकाबू होकर वाहन पलट गया। इससे इसमें भरे शराब के कर्टन बिखर गए। शराब की बोतलें फूट गई। चालक कैलाश घायल हो गया। सूचना मिलने पर 108 एम्बुलेंस बालोतरा के पायलट उम्मेदसिंह, ओमप्रकाश माली व ईएमटी धर्मपालसिंह जुगतावत ने मौके पर पहुंचकर घायल चालक को बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। -  

शनिवार, 5 जुलाई 2014

नए राज्यपालों के नामों की घोषणा कर सकता है केंद्र



नई दिल्ली: केंद्र सरकार आज उन राज्यों के लिए राज्यपाल की घोषणा कर सकती है जहां के राज्यपालों ने हाल के दिनों में इस्तीफ़ा दिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं को इन राज्यों का राज्यपाल नियुक्त कर सकती है।
Centre may announce names of new Governors
यशवंत सिन्हा, लालजी टंडन, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह सहित कई नेताओं को राज्यपाल बनाए जाने की अटकलें हैं। नई सरकार बनने के बाद से अब तक पांच राज्यों के राज्यपालों ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा है, जिनमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, गोवा के राज्यपाल बीवी वांचू हैं, जबकि कर्नाटक के राज्यपाल एचआर भारद्वाज और त्रिपुरा के राज्यपाल देवानंद कुंवर पिछले महीने रिटायर हो गए।

बिहार के एक स्कूल में मिड-डे मील में निकला सांप, 54 बच्चे बीमार



सितामढ़ी। सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में लापरवाही बरते जाने के मामले हर दिन सामने आते रहते हैं। अब ताजा मामला बिहार के सितामढ़ी जिले का हैं, जहां पर एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में एक सांप निकला है। मिड-डे मील खाने के बाद स्कूल के 54 बच्चें बीमार हो गए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि जिले के मेघपुर मिडल स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील खाने के बाद उल्टियों की शिकायत होने लगी और फिर वे बेहोश हो गए। बाद में बच्चों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि बच्चों की स्थिती नियंत्रण में बताई गई है।
`Snake` found in mid-day meal, 54 children taken ill in Bihar
एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों को दी गई खिचड़ी को जब्त कर लिया गया है। साथ ही बताया कि उसमें एक काले रंग की कोई लंबी चीज पाई गई है। हमें उसके सांप होने की आशंका है, जिसे खाने के साथ पकाया गया था। खिचड़ी के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।

वहीं पुलिस का कहना है कि छात्रों को खाना परोसे जाने के बाद देखा गया कि मिड-डे मील में एक काले रंग की लंबी चीज है, जो कि खाने के साथ पकाई गई है। खाना खाने के बाद बच्चों की तबियत खराब होनी शुरू हो गई और उन्होंने उल्टियां करनी शुरू कर दी।

गौरतलब है कि एक साल पहले बिहार के सारण जिले में जहरीला मिड-डे मील खाने की वजह से एक स्कूल के 23 छात्रों की मौत हो गई थी।

बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर चार रोज पूर्व भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित अंतराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव की टोह लेते पकड़ा गया बांग्ला देशी कट्टरपंथी युवक सम्मासुदीन आंतकवादी गतिविधि को अंजाम देने आया था,उसके साथ कितने साथी बाड़मेर में रह रहे हैं , ख़ुफ़िया एजेंसियों के दिमाग में घूम रहा हैं। समशुदीन के पकडे जाने के बाद बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की धमकी मुस्लिम कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो से मिलना साज़िश का एक हिस्सा लगती हैं ,


सम्शुद्दीन पर गहराया शक ?
शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन सप्ताह पहले मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर सीमा सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ा था ,चूँकि वह रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था इसीलिए उसे रेल वे पुलिस को सुपुर्द किया गया ,उसके पास पाकिस्तानी सिम थी जिसे उसने तत्काल तोड़ कर नष्ट करने का प्रयास किया। सवाल यह उठता हेमन की मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर देश की आधा दर्जन से अधिक ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसिया कार्य करती हैं ,इनसे आँख बचा कर सम्शुद्दीन मुनाबाव रेलवे स्टेशन पहुंचा कैसे ,पहुंचा तो स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे क्यों नहीं पकड़ा ,सम्शुद्दीन पकडे जाने के बाद बाड़मेर लाया गया मगर वह रेलवे देकर भगा गया। चार दिन बादफ उसे पुनः पकड़ा ,इन चार दिनों मरे वह कहा पनाह लिए था इसकी तहकीकात जरुरी हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में ही रेलवे कुआं नंबर तीन के पास स्थित एक मदरसे में रह कर मौलवी बन कर कार्य करता रहा सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी ,


देवबंद से प्रशिक्षित हे सम्शुद्दीन?

पकड़ा गया बांग्लादेशी सम्शुद्दीन सहारनपुर में देवबंद के मडराओ में प्रशिक्षित मौलवी हैं ,उसने उर्दू जुबान और शिक्षा वाही से प्राप्त की ,सम्शुद्दीन के हाव भाव और व्यव्हार से साफ़ लगता हैं की वह बाड़मेर जिले में किसी गतिविधि को अंजाम देने आया था। उसके कुछ साथी बाड़मेर जिले के विभिन स्थानो पर होने की संभावना हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में लम्बे समय से रह रहा था ,आखिर किस उद्देश्य से वह बाड़मेर ठहरा था ,


आंतकवादी संगठनो की धमकी , तो उन्होंने की हे तैयारी ?


बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की आंतकवादी संगठनो की धमकी से साफ़ हैं की वो इन क्षेत्रो में अपने गुर्गे उतार चुके हैं जो धीरे धीरे तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। इन आंतकवादी संगठनो के प्रशिक्षित लोग आम लोगो के साथ रह कर कार्य कर रहे हैं ,सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को इसकी भनक नहीं ,सम्शुद्दीन किसी भी तरह से बंगलादेशी प्रतीत नहीं होता , फिर उसका भारतीय निर्वाचन आयोग से पहचान पात्र कैसे बना बड़ा सवाल हैं।

सरहद पर कट्टरता का पाठ क्यों?

भारत पाकिस्तान की सीमा पर बेस बाड़मेर जिले में कोई साढ़े पांच सौ मदरसे संचालित हो रहे हैं ,इन मदरसो में बाहरी प्रांतो के मुल्ला मौलवी कार्य कर रहे हैं ,इन लोगो के बारे ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं ,सरहदी इलाको में यह लोग धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं। सरहदी क्षेत्र के मुस्लिम परिवारो के पारम्परिक जीवन शैली में पिछले पांच सालो तेजी से बदलाव आया हैं। सम्शुद्दीन जैसे सेकड़ो संदिग्ध मदरसो में कार्य ,जिससे देश की सरहद की सुरक्षा को हैं। इन बाहरी प्रांतो के मौलाना मौलवियो बाड़मेर में भारतीय निर्वाचन आयोग से मतदाता पहचान पात्र भी हासिल कर लिए , जिसकी जाँच होना जरुरी हैं ,फ़िलहाल उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं।





त्वरित टिपणी। … वसुंधरा राजे की मनरेगा को योजना में बदलने की सार्थक पहल ,स्वागत होना चाहिए


त्वरित टिपणी। … वसुंधरा राजे की मनरेगा को योजना में बदलने की सार्थक पहल ,स्वागत होना चाहिए

चन्दन  सिंह भाटी 

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय ग्रामीण मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिख कर मनरेगा को गारंटी कानून से योजना में बदलने को लिख सार्थक और दूरदर्शी प्रयास किया हैं जिसका स्वागत होना चाहिए ,वसुंधरा मनरेगा की धरातलीय स्थति लिखी हैं की इस कानून से कोई फायदा जनता को नहीं हो रहा ,यही हकीकत हैं ,इस समय मनरेगा में सर्वाधिक भरष्टाचार ,हैं इस स्कीम से जुड़ा हर अधिकारी और कर्मचारी योजना का आनंद लेकर अपने घर भर रहे हैं ,जबकि जिन लोगो कानून को लाया गया उन्हें एक ढेले का फायदा नहीं हो रहा ,इस योजना से जुड़े अंतिम सरकारी व्यक्ति मेट से लेकर उच्च स्तरीय अधिकारी प्रति माह लाखो रुपयो से खेलते हैं जिन आवाम को रोजगार और मज़दूरी उपलब्ध करनी थी नहीं करा पाये ,कानून तो बना दिया मगर इसे व्यवस्थित रूप से लागु करने की सरकार नाकाम ,रही आज ग्राम पंचायत का सरपंच ,और ग्राम सेवक करोड़पति हो गए मेट लाखो में खेलता हैं ,मगर मज़दूर को उसकी मज़दूरी नहीं मिल रही। वसुंधरा की यह सोच की इसे योजना के रूप में चलाया सकारात्मक रूख हैं ,बाड़मेर हे ग्राम पंचायतो में आबादी से अधिक जॉब कार्ड जारी हो रखे हैं ,प्रत्येक में पचास से साठ फीसदी जॉब कार्ड फर्जी बने हे जिसका भुगतान सहायक से लेकर सरपंच तक मिलजुल कर बांटते हैं ,मनरेगा में एक भी काम सार्थक रूप से पुरे राजस्थान में नज़र नहीं आ रहा ,कहने को इस योजना में को दो लाख टांके बाड़मेर जिले हे मगर ऐसी से नब्बे फीसदी टांको का निर्माण हुए बिना भुगतान उठा लिया ,इस योजना में स्वीकृत कार्यो की उच्च स्तरीय जाँच हो जाये तो साड़ी पोल पट्टी सामने आ जाएगी ,बाड़मेर जिले में गत तीन सालो में कोई अठारह मगर धरातल पर पंचायत में कोई काम होता आपको दिखाई नहीं देगा ,मनरेगा कागजी गयी हे जिसका फायदा चंद प्रभावी लोग उठा रहे हैं ,इसे कानून से योजना में बदलने से शायद आम जान को रोजगार उपलब्ध हो जाये ,

प्रेमियों की मुराद पूरी करते हैं यह भगवान


प्रेमियों का मिलन करवाने वाले मंदिर

यूं तो हर मुहल्ले और शहर में मंदिर मिल जाएंगे। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जो किसी खास बात को लेकर बहुत प्रसिद्घ हो जाते हैं।

ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो प्रेमियों का मिलन करवाने के लिए बहुत प्रसिद्घ हो चुके हैं। इन मंदिरों के विषय में माना जाता है कि यहां आकर जो प्रेमी मिलन की मन्नत मांगते हैं उनकी मुराद पूरी होती है।



गणेश जी करवाते हैं प्रेमियों का मिलन

राजस्थान का जोधपुर शहर, यहां गणेश जी का एक प्रसिद्घ मंदिर है। यहां हर बुधवार भक्तों की लंबी कतार लगती है।

इनमें अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जो गणेश जी से यह मन्नत मांगने आते हैं कि जिसे चाहते हैं उससे शादी हो जाए। इस कारण गणेश जी इश्किया गजानन के नाम से भी प्रसिद्घ हैं।

गणेश जी की ख्याति इसलिए भी ही है कि यहां मांगी गई प्रेम की मिन्नतें गणेश जी पूरी करते हैं। किसी समय गणेश जी का यह मंदिर गुरु गणपति के नाम से जाना जाता था।


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प्रेमियों की शादी करवाते हैं हनुमान
मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर है आगासौद कस्बा। यहीं पर है हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर जो पूरे इलाके में शादी वाले हनुमान जी के नाम से प्रसिद्घ है।

माना जाता है कि शादी वाले हनुमान जी को लाल गुलाब का फूल बहुत पसंद है। जो भक्त हनुमान जी को लाल गुलाब का फूल भेंट करते हैं हनुमान जी उसकी मनोकामना पूरी करते हैं।

मंदिर के पुजारी पंडित राजकुमार का कहना है कि शादी वाले हनुमान जी यूं तो सभी तरह की मुरादें पूरी करते हैं। लेकिन यहां ऐसे युवक युवतियां अधिक आते हैं जिनकी शादी में बाधा आ रही होती है। हनुमान जी की कृपा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

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प्रेम के देवता विनायक
उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारत में भी गणेश और हनुमान जी का एक मंदिर प्रेमियों के बीच काफी प्रसिद्घि है। तमिलनाडु में गणेश जी का एक मंदिर है जो कधाल विनयागार यानी प्रेम के देवता विनायक के नाम से प्रसिद्घ है।

यहां प्रेमी प्रेमिका विवाह की प्रार्थना लेकर गणेश जी के पास आते हैं। इस मंदिर में कई प्रेमी युगलों की शादी हो चुकी है।



खम्मम में प्रेम का प्रसिद्घ मंदिर
आंध्रप्रदेश के खम्मम जिले में हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी के साथ उनकी पत्नी के भी दर्शन प्राप्त होते हैं। यह मंदिर इकलौता गवाह है हनुमान जी के विवाह का।

मान्यता है कि हनुमान जी के इस मंदिर में आकर जो दंपत्ति हनुमान और उनकी पत्नी के दर्शन करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम और आपसी तालमेल बना रहता है। वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं विवाहित हनुमान जी।

 


शब्दों में ऊँ इसलिए है अलग



देखा जाए तो हर धर्म में कोई न कोई प्रतीक चिह्न हुआ ही करता है। हिंदुओं में ऊँ को पवित्र अक्षर माना जाता है। हर धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत ऊँ के उच्चारण से किया जाता है।

ऊँ शब्द तीन अक्षरों अ, उ और म से मिलकर बना है। पर इसमें ऐसा क्या खास है कि इसे हिन्दुओं ने अपना पवित्र धार्मिक प्रतीक मान लिया है। असंख्य शब्दों और चिह्नों में से ऊँ और स्वास्तिक को ही क्यों चुना गया। ये सवाल महत्त है। जरा देखें ओम के उच्चारण से क्या घटित और परिवर्तित होता है।


ऊँ की ध्वनि मानव शरीर के लिए प्रतिकूल डेसीबल की सभी ध्वनियों को वातावरण से निष्प्रभावी बना देती है।

विभिन्न ग्रहों से आनेवाली अत्यंत घातक अल्ट्रावायलेट किरणें ओम उच्चारित वातावरण में निष्प्रभावी हो जाती हैं।



इसके उच्चारण से इंसान को वाक्य सिद्धि की प्राप्त होती है।


चित्त एवं मन शांत एवं नियंत्रित हो जाते हैं।

सनातन धर्म ही नहीं, भारत के अन्य धर्म-दर्शनों में भी ऊँ को महत्व प्राप्त है।

बौद्ध दर्शन में ऊँ का प्रयोग जप एवं उपासना के लिए प्रचुरता से होता है। इस मंत्र के अनुसार, ऊँ को मणिपुर चक्र में अवस्थितमाना जाता है। यह चक्र दस दल वाले कमल के समान है। जैन दर्शन में भी ऊँ के महत्व को दर्शाया गया है। कबीर निर्गुण संत एवं कवि थे। उन्होंने भी ऊँ के महत्व को स्वीकारा और इस पर साखियां भी लिखीं।

गुरुनानक ने ऊँ के महत्व को प्रतिपादित करते हुए लिखा- ओम सतनाम कर्ता पुरुष निर्भोनिर्बेरअकालमूर्त। ऊँ सत्य नाम जपने वाला पुरुष निर्भय, बैर-रहित एवं अकाल-पुरुष के सदृश हो जाता है।

इस तरह ऊँ के महत्व को सभी संप्रदाय के धर्म-गुरुओं, उपासकों, चिंतकों ने प्रतिपादित किया है, क्योंकि यह एकाक्षरी मंत्र साधना में सरल है और फल प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ।

यह ब्रह्मांड का नाद है एवं मनुष्य के अंतर में स्थित ईश्वर का प्रतीक। किसी भी मंत्र के पहले ऊँ जाेडने से वह शक्ति संपन्न हो जाता है। एक बार ऊँ का जाप हजार बार किसी मंत्र के जाप से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

 

देवशयनी एकादशी:कर्म की एकाग्रता का समय हुआ शुरू



किसी भी समुदाय की परंपराएं उसके लोग, मौसम, जीवन-शैली, आर्थिक स्थिति और लोगों की मानसिकता को आधार मानकर विकसित की जाती है।

हम इन परंपराओं के पीछे की मान्यता और दर्शन से चाहे अनभिज्ञ हों, लेकिन हम उनका पालन इसलिए करते हैं कि वे हमें विरासत में मिली होती है, लेकिन यदि हम उन परंपराओं के पीछे के दर्शन को भी समझेंगे तो शायद अपनी विरासत के प्रति हममें और सम्मान भी जागेगा।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को हमारी मान्यता में देवताओं की रात शुरू हो जाती है। ये माना जाता है कि विष्णु इस दिन से शयन में चले जाते हैं। हमारे यहां हर शुभ कार्य में विष्णु की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है और चूंकि विष्णु शयन में होते हैं, इसलिए इस पूरे अंतराल में सारे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी के बीच के समय में विष्णु क्षीरसागर चले जाते हैं। इस बीच गृह-प्रवेश, विवाह, देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा, यज्ञ-हवन, संस्कार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यता ये भी है कि एक-के-बाद-एक देवता शयन की अवस्था में आते हैं। विष्णु के लौटने के बाद शिव इस अवस्था में जाते हैं।

भारतीय संस्कृति में व्रत नियमों एवं पूजा का विधान मौसम एवं प्रकृति को ध्यान में रखकर भी किया गया है। देवशयनी एकादशी का दर्शन भी यही है। इस दिन से चातुर्मास का समय शुरु होता है। चातुर्मास का समय वर्षा ऋतु का होता है। प्राचीन काल से ही भारत कृषि प्रधान देश है।

इसलिए वर्षा ऋतु के चार माह खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस समय में किसान अपने सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर रहकर चार महीने अपना खेती का काम निश्चिंत होकर कर सके इसलिए भी यह व्यवस्था की गई है।

साथ ही नदी-नालों के कारण कहीं आवागमन भी संभव नहीं हो पाता था। इसलिए लगातार कृषि कार्य में लगे किसान को चार माह तक खेती के साथ ही अध्यात्म ज्ञान प्राप्ति के लिए समय दिया गया है एवं इस समय में कथा, पुराण, वेद पाठ व धर्म-ग्रंथों पर विचार द्वारा धर्मावलंबियों को प्रेरित करने की परंपरा प्रारंभ की गई।

सभी हिन्दू धर्म स्थानों पर धार्मिक गतिविधियां दिखाई देती है। त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-शिव में भगवान विष्णु को पालनहार माना गया है। व्यवहार दृष्टि से विचार करें तो किसान को विष्णु के समान सम्मान प्रदान किया गया है, क्योंकि हमारा जीवन अन्ना पर निर्भर होता है और अन्ना किसान ही पैदा करता है।

अत: किसान ही अन्नादाता है। चातुर्मास के समय में धर्म ज्ञान का लाभ ही नहीं वरन शरीर तथा मन को सबल बनाने की क्रियाएं भी शामिल की गई हैं।

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ख़ुदा की इबादत में महीने भर सजदे करना ही रमजान



रमजान का महीना रोजेदारों को अपने आचरण की पवित्रता से आत्मिक शुद्धि का अवसर देता है। इस्लाम में रमजान के महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। माह-ए-रमजान या रमजानुल मुबारक हमें अपने भीतर के गुणों और अच्छाइयों को परखने व उन्हें निखारने का अवसर देता है।

जब हम रोजा (उपवास) रखकर अच्छाइयों की राह पर चल देते हैं, तो अल्लाह हमसे प्रसन्न हो जाते हैं। जाहिर है, ऐसे में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं और शैतान (बुरी प्रवृत्तियां) बांध दिए जाते हैं।

रोजे रखने का मतलब भूखा-प्यासा रहना ही नहीं है। यह मनुष्य के अंतस में अच्छाइयों और सद्भावनाओं को जगाने की प्रक्रिया है। रोजे के दौरान अपनी इंद्रियों को वश में रखना बहुत जरूरी है। इस दौरान वर्जित और बुरी बातों की तरफ जाना तो दूर, उनके बारे में सोचना भी गुनाह माना जाता है।

रोजे के दौरान बुरा कहने, बुरा देखने और बुरा करने की ही मनाही नहीं, बुरा सोचने, झूठ बोलने, किसी को तकलीफ पहुंचाने, पीठ पीछे बुराई करने की भी मनाही है। रोजेदार को मन, वचन और कर्म से खुद को सात्विक और अनुशासित रखना होता है। आचरण की शुचिता का खयाल रखना होता है। इस दृष्टि से यह आत्मिक शुद्धि का महीना है।

शुरुआत फर्ज की नमाज से होती है, जो सुबह चार-पांच बजे के बीच होती है। रोजेदार सहरी के वक्त कुछ खा लेते हैं और पूरे दिन के उपवास (रोजे) के लिए तैयार हो जाते हैं। वे मस्जिद में फर्ज की नमाज अदा करते हैं और रोजाना के कामों में व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन उनके अंतस में रोजे की कैफियत बनी रहती है। पांचों वक्त की नमाज, रात में तरावीह की नमाज में कुरआन का चिंतन व श्रवण आदि। इस्लाम में रोजे को फर्ज माना गया है। रोजे बीमारी, लाचारी या दुख-तकलीफ में ही छोड़े जा सकते हैं।

इस माह में नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर मिलता है और प्रत्येक फर्ज का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है। अल्लाह तआला रोजेदारों के पिछले सारे गुनाह माफ कर देता है। जो लोग किसी रोजेदार को इफ्तार करवा देते हैं तो इस कारण उस व्यक्ति के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं।

अल्लाह तआला फरमाते है कि मोमिन की रोजी बढ़ा दी जाती है। रमजानुल मुबारक एक दूसरे के हमदर्दी का भी महीना है। सब्र करने का महीना है रमजानुल मुबारक रमजान त्याग का महीना है। अल्लाह ने अपने बंदों को बुराइयों को त्याग कर अच्छे मार्ग पर चलने का यह सुनहरा मौका प्रदान किया है।

इंसान गलतियों का पुतला है और अक्सर वह गलतियां करता है। इसलिए इस मौके को हाथ से जाने न दें और ईमानदारी से अल्लाह की इबादत करें। बुराइयों को त्यागने वाला ही सही मायनों में अल्लाह की इबादत करने का सच्चा हकदार है। रोजा आत्मा की शुद्धता का सबसे उत्तम साधन है।

रोजेदार के मन में किसी तरह का गलत ख्याल तक नहीं होना चाहिए। रोजे का मतलब भूखे पेट रहकर अल्लाह की इबादत करना नहीं है, बल्कि सही मायनों में जीवन से बुराइयों को मिटाकर अच्छाइयों को अपनाना है, जिससे समाज में शांति और अमन कायम रहे।

रोजा इफ्तार में हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मो के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह समाज में भाईचारा बढ़ाने का एक जरिया है। अल्लाह भी अपने बंदों से यही उम्मीद करता है कि सब मिल-जुलकर रहें। सही मायनों में रमजान प्रेम का महीना है।

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शुक्रवार, 4 जुलाई 2014

बाड़मेर सहित राजस्थान दस रेलवे स्टेसन उड़ाने की धमकी ,हाई अलर्ट पर राजस्थान

बाड़मेर सहित राजस्थान दस रेलवे स्टेसन उड़ाने की धमकी ,हाई अलर्ट पर राजस्थान


बाड़मेर आंतकवादी संगठन ने राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर सहित दस रेलवे स्टेसनो को उड़ने का धमकी भरा पत्र भेजा ,इस पात्र के बाद राजस्थान में हड़कम्प मच गया ,सरकार ने राजस्थान के समस्त जिलो की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर हाई अलर्ट पर रखा हैं ,बाड़मेर के रेलवे स्टेसन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी हैं।

लश्कर-ए तोयबा के एरिया कमांडर करीम अंसारी ने पंजाब को खून से रंग देने की धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों की एक बार फिर नींद उड़ा दी है। फिरोजपुर डिवीजन के रेलवे मैनेजर एनसी गोयल को 30 जून को भेजे पत्र में उसने पंजाब और राजस्थान के प्रमुख स्टेशनों और जालंधर के देवी तालाब मंदिर समेत प्रमुख धार्मिक स्थानों को एक सप्ताह के भीतर उड़ा देने की धमकी दी है।

अंतर्देशीय पत्र के माध्यम से फिरोजपुर कार्यालय को भेजे अपने पत्र में करीम अंसारी ने पंजाब के दो दर्जन प्रमुख स्थानों का नाम लिया है। उसने लिखा है कि आगामी 10 जुलाई को फिरोजपुर छावनी समेत दर्जन भर प्रमुख स्टेशनों को विस्फोट कर उड़ा दिया जाएगा और 12 जुलाई को जालंधर के प्रमुख मंदिर देवी तालाब समेत दर्जन भर प्रमुख मंदिरों को उड़ा दिया जाएगा।

अंत में उसने लिखा है कि पंजाब को खून से रंग देने पर ही उसे सुकून मिलेगा। फिरोजपुर कार्यालय में पहुंचने के बाद से ही रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ को अलर्ट करते हुए फिरोजपुर, फरीदकोट, भटिंडा, पटियाला, नवांशहर और गुरुदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मांगी है। पत्र में पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश का भी जिक्र है। पत्र भेजने वाले ने अपना नाम करीम अंसारी, एरिया कमांडर, आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा, करांची पाकिस्तान लिखा है।

- पंजाब में फिरोजपुर छावनी, बठिंडा, फरीदकोट, धूली, जोखल, हिसार, पटियाला और राजस्थान में जयपुर, बीकानेर, गंगानगर, बाड़मेर, कोटा, जोधपुर, अलवर और नामची स्टेशनों को 10 जुलाई को उड़ाने की धमकी। इसके साथ ही बठिंडा, फरीदकोट, पटियाला के प्रमुख मंदिर, जालंधर के श्री देवी तालाब मंदिर, लुधियाना का वेद मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, फगवाड़ा का हनुमान गढ़ी, पा रावण, अमृतसर का काली मंदिर, रामतीर्थ, बटाला और गुरुदासपुर के प्रमुख मंदिरों को 12 जुलाई को उड़ाने की धमकी दी।

- विभागीय सूत्र बताते हैं कि करीम अंसारी की पिछले दस सालों में यह पांचवीं धमकी है। हर बार वह तरह-तरह से धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा देता है, लेकिन दूसरी ओर पिछले दस सालों से भारत की खुफिया ब्यूरो उसका पता नहीं लगा पा रही है।

- जीआरपी के एसपी आरएस घुम्मण ने कहा कि सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश दे दिए गए हैं। प्लेटफार्म पर और गाड़ियों में रैंडम चेकिंग करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

- उन्होंने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार के संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति के दिखाई देने पर उसकी सूचना तत्काल नजदीकी जीआरपी, आरपीएफ जवान या रेलवे कर्मचारी या फिर 100 नंबर पर दें। जालंधर सिटी स्टेशन समेत आसपास के स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।





भूत ने खींची सेल्फी और पोती को बताया कि मैं परेशान हूं



बुखारेस्ट। सेल्फी यानी मोबाइल फोन के जरिए खुद की खींची तसवीर का क्रेज दुनियाभर में कुछ इस कदर छाया है कि इंसान तो क्या, भूत भी खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन रोमानिया की एक महिला ने यही दावा किया है कि उनकी दादी के भूत ने उनके मोबाइल पर सेल्फी खींची है। इस सेल्फी के जरिए भूत दादी ने चेताया है कि उन्हें मौत के बाद दंड दिया जा रहा है।
Dead grandmother`s ghost `took selfie to send family help message
इस खबर के बाद दक्षिण पूर्वी रोमानिया के स्कर्टेस्टी चर्च में डरे-सहमे स्थानीय लोगों का जमावड़ा लग गया है। 34 वर्षीय जिना मिहाई नाम की इस महिला का कहना है कि एक भविष्यवक्ता के मुताबिक दादी ने उन्हें सेल्फी के जरिए संदेश देने की कोशिश की है। संदेश यह कि दादी के लिए प्रार्थना किए जाने की जरूरत है।

मिल रही पाप की सजा
मिहाई ने कहा कि जब मैंने अपना मोबाइल फोन ऑन किया तो मरी दादी का चेहरा मोबाइल स्क्रीन पर देखकर दंग रह गई। ऎसा लग रहा था कि उनकी गर्दन में सांप लपेटा गया है। मैं इस तसवीर को एक भविष्यवक्ता के पास ले गई। उसने मुझे बताया कि गले में सांप लपेटे होने का मतलब यह है कि उन्हें इस धरती पर किए गए किसी पाप की सजा दी जा रही है। उन्होंने यह संदेश दिया है कि अगर हम उनके लिए प्रार्थना करें, तो शायद उनकी आत्मा को अभी भी मुक्ति मिल सकती है। जब से यह वाकया सामने आया है, तब से मिहाई समेत दर्जनों स्थानीय लोग चर्च में घंटों प्रार्थना में अपना वक्त निकाल रहे हैं।

परंपरा न तोड़ने की चेतावनी
असल में रोमानिया में गुजर गई पीढ़ी के लिए वष्ाü मे एक बार गरीबों को खिलाने की परंपरा रही है। मिहाई का कहना है कि उनकी दादी को मरे तीन वर्ष हुए हैं और इन बीते तीन वर्षो में उन्हें अपनी मरी दादी के नाम पर किसी गरीब को खाना खिलाने का मौका नहीं मिल पाया है। फ्लोरिका मिहाई नाम की एक अन्य परिजन ने बताया कि पुजारी के मुताबिक हमे बीते दिनों गरीबों को खाना नहीं खिलाने के एवज में अब लगातार 40 दिनों तक ऎसा करना होगा और हम यही कर रहे हैं। हम दादी की आत्मा की मुक्ति चाहते हैं।

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शादी ना कराने पर 23 लड़कियों ने अपने माता-पिता पर ठोका मुकदमा



रियाद। सऊदी अरब की 23 महिलाओं ने पिछले साल अपने माता-पिता पर इसलिए मुकदमा कर दिया, क्योंकि उन्होंने उनकी शादी नहीं कराई। नेशनल सोसायटी फॉर ±यूमन राइट्स (एनएसएचआर) ने यह जानकारी दी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रियाद में 11, मदीना में 4, दम्माम में 2 मक्का में 2, जेद्दाह में 2 और जजान में ऎसे 2 मामले सामने आए हैं। इन मामलों को अरबी में "अदहल" कहा जाता है।
Denied marriage, 23 Saudi women sue guardians
एनएसएचआर की सदस्य और सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता सुहेला जेन अल-अबिदीन हम्माद ने सरकार से अपील की है कि वह "अदहल" से महिलाओं के बचाव के लिए एक कानून बनाए। साथ ही कहा कि एक ऎसा कानून बनाना जरूरी है, जिसमें एक निश्चित आयु होने पर लड़कियां खुद शादी कर सकें। इसके लिए मां-बाप की अनुमति की कोई जरूरत न हो। महिलाएं अपने माता-पिता के दया की पात्र बन गई है।

एनएसएचआर ने हाल ही में ऎसे कई मामलों को निपटाया, जिसमें लड़कियों के माता-पिता ने उनकी शादी करवाने से इंकार कर दिया। क्योंकि उन्होंने या तो लड़के को नापसंद कर दिया या फिर वह अपनी बेटियों की तनख्वाह पर ही जीना चाहते थे। हम्माद ने कहा कि "अदहल" के कारण लड़कियां अवसाद, आत्महत्या की प्रवृत्ति और नशीली दवाओं की लत समेत कई मानसिक समस्याओं की शिकार हो जाती हैं।

रसोई में लगेगी आग: 250 रूपए महंगा होगा गैस सिलेण्डर! -



महंगाई की मार झेल रही आम जनता पर मोदी सरकार जल्द ही एक और बोझा डाल सकती है। सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय रसोई गैस और केरोसिन के दाम में बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकता है।

समाचार चैनलों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय विशेषज्ञ पैनल की रसोई गैस के दाम में 250 रूपए और केरोसिन की कीमत में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश को राजनीतिक मामलों की समिति के समक्ष रख सकती है। आधिकरक सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय इस संबंध में ड्राफ्ट नोट तैयार कर रहा है।
Oil Ministry may propose to hike LPG price by Rs 250 per cylinder
सूत्रों के मुताबिक पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के डीजल की कीमतों में प्रति माह 40 से 50 पैसे की बढ़ोतरी का समर्थन करते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय यह प्रस्ताव रख सकता है कि जब तक डीजल(प्रति लीटर)पर 3.40 रूपए का घाटा पूरा नहीं हो जाता तब तक मासिक संशोधन जारी रहे। पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए पेट्रोल की तरह डीजल के दाम को भी बाजार के हवाले करने पर मुहर लगा दे।

जून 2010 में पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया गया था। पेट्रोल की कीमतें हर महीने की पहली तारीख और 16 तारीख को संशोधित होती है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारिख की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों पर विचार करे।

अक्टूबर 2013 में किरीट पारेख की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। यूपीए सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों के उचित तंत्र को विकसित करने के लिए पारिख की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गैस सिलेण्डर के दाम में 250 रूपए,डीजल के दाम में 5 रूपए और केरोसिन के दाम में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। ये सिफारिश 72,000 करोड़ की ईंधन सब्सिडी के बिल में कटौती के लिए की गई थी।

गुरुवार, 3 जुलाई 2014

बाड़मेर जी आर पी की हिरासत से भाग बांग्लादेशी फिर पकड़ा गया

बाड़मेर जी आर पी की हिरासत से भाग बांग्लादेशी फिर पकड़ा गया

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में जी आर पी पुलिस की कस्टडी से चार रोज भाग निकला बांग्लादेशी को पुनः गिरफ्तार कर लिया ,,आज उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं। सूत्रानुसार चार रोज पहले जी आर पी पुलिस ने सरहद के निकट एक बांलादेशी युवक को पाकिस्तान जाने की फिराक में गिरफ्तार किया था। प्रारंभिक पूछताछ में इसने शहर स्थित एक मदरसे में ठहराव करने को सीकर था ,इस युवक ने गिरफ़्तारी के बाद अपना सिम कार्ड नष्ट कर दिया था ,जी आर पी पुलिस को चकमा देकर यह फरार हो , इस बात को जी आर पी पुलिस ने छुपाये रखा मगर आज विशेष टीम ने उसे पुनः पकड़ लिया ,बताया जा रहा हैं यह युवक पाकिस्तान जाने की फिराक में सरहदी क्षेत्र में था ,पूछताछ में उसने खुद को पहले भारतीय नागरिक बताया उसके पास भारतीय नागरिकता का सबूत भी मिला ,बाद में इसने स्वीकार किया की वह ढाका बांलादेश का निवासी हैं ,इस युवक ने अपना नाम शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन बताया ,बाड़मेर आने के बाद इसने एक मदरसे में नौकरी लग गया था ,काफी दिनों तक क्षेत्र की जानकारी लेने के बाद पाकिस्तान जाने के लिए निकल गया मगर सरहद पर पकड़ा गया। गुरूवार को उसे विशेष टीम के साथ जयपुर भेजा हैं जहां उससे सयुंक्त रूप से एजेंसिया पूछताछ करेगी ,उसने उत्तर प्रदेश में कई मदरसो में मौलवी के रूप में काम करना भी स्वीकार किया

आश्चर्य, महिला ने जने दस साल के दो जुड़वां बच्चे!

लंदन। आपने कभी दस साल के बच्चों के जन्म लेने की खबर इस से पहले नहीं सुनी होगी। और तो और पैदा हुए दोनों बच्चे जुड़वां भी निकल।

जिंबाब्वे की राजधानी हरारे में घटी एक रहस्यमयी घटना में एक महिला ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।

सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इन बच्चों की उम्र दस साल है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि यह महिला पिछले दस सालों से अपने पेट में यह गर्भ लिए थी।

महिला को अपने ऊपर कोई शैतानी साया होने का अंदेशा था। पिछले दस सालों में उसका पेट काफी फूल गया था व उसे हमेशा पेट में कुछ हिलता सा प्रतीत होता था।
amazing woman gave birth to two ten year old twins
इस असामान्य गर्भ के इलाज के लिए उसने काफी दरवाजे खटखटाए लेकिन उसे हर जगह से निराशा ही हाथ लगी।

फिर उसके एक रिशतेदार ने उसे एक चर्च के पादरी को दिखाने को कहा। सब तरफ से घोर निराशा को झेलने के बाद इस महिला को बिलकुल भी विश्वास नहीं था कि उसकी इस समस्या को कोई दूर कर सकता है।

लेकिन मन को मारते हुए उसने इस पादरी के पास जाकर अपना इलाज करवाने का निर्णया लिया।

चर्च के पादरी ने उसकी हालत देखने के बाद उसे भरोसा दिलाया कि उसे प्रार्थनाओं की शक्ति के द्वारा शैतानी ताकतों से मुक्त करवा लिया जाएगा।

इलाज शुरू किया गया और दो हफ्ते बाद ही नतीजे दिखाई देने लगे। धीरे-धीरे उसके पेट पर एक घाव उभरा जिसमें काफी दर्द होता था। वह घाव जब फूटा तो उसके पेट से दो मरे बच्चे निकले।

इसके बाद महिला का पेट वापस पहले जैसा सामान्य नजर आने लगा। - 

 

शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह 8 जुलाई को रामसर और गडरारोड़ में करेंगे जन सुनवाई



मानवेन्द्र सिंह रामसर और गडरारोड़ में करेंगे जन सुनवाई



बाड़मेर, 03 जुलाई।शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह 8 जुलाई को विधानसभा क्षैत्र शिव के उपखण्ड रामसर व तहसील मुख्यालय गडरारोड़ मंे जिला व ब्लाॅक स्तर के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों से रूबरू होकर जन सुनवाई करेगे।

विधायक मानवेन्द्रसिह के निजी सचिव रामसिह ने बताया कि शिव विधायक 8 जुलाई को प्रातः 11 बजे रामसर उपखण्ड पर तहसील के बैठक हाॅल में रामसर तहसील के समस्त गांवो के ग्रामीणों की जन सुनवाई कर मौके पर उपस्थित अधिकारियों से समस्या निस्तारण करने के लिए निर्देशित करेगे। इसी तरह विधायक दोपहर 2.30 बजे गडरारोड़ तहसील में सीमावर्ती क्षैत्र के गांवो के ग्रामीणों की जन सुनवाई कर समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियो को पाबंद करेगे।


विधायक की जन सुनवाई के उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी, अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों एवं नर्मदा परियोजना से संबंधित अधिशाषी अभियंता के साथ जन सुनवाई करेगे। इसमे सीमावर्ती क्षैत्र की पेयजल बिजली सडक, चिकित्सा, चारा, विद्यालयो मे अध्यापकों की कमी आदि समस्या की सुनवाई कि जावेगी। इस जन सुनवाई मे तहसील स्तर के ग्रामीण अपनी समस्याओं के साथ बैठक स्तर पर उपस्थित होवे। इसके साथ ही नर्मदा परियोजना की समीक्षा कर निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारियो को निर्देशित करेगे।

आज है राजकुमार की पुण्य तिथि: दमदार संवादों से जीता था दर्शकों का दिल -


मुंबई। हिन्दी सिनेमा जगत में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारों ने दर्शकों के दिलो पर राज किया लेकिन एक ऎसा भी सितारा हुआ जिसने न सिर्फ दर्शकों के दिल पर राज किया बल्कि फिल्म इंडस्ट्री ने भी उन्हें "राजकुमार" माना। वह थे संवाद अदायगी के बेताज बादशाह कुलभूषण पंडित उर्फ "राजकुमार"।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 8 अक्टूबर 1926 को जन्मे राजकुमार स्नातक करने के बाद वह मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेकटर के रूप में काम करने लगे। यहीं उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता बलदेव दुबे से हुई।

वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने राजकुमार से अपनी फिल्म "शाही बाजार" में अभिनेता के रूप में काम करने की पेशकश की। वर्ष 1952 मे प्रदर्शित फिल्म "रंगीली" में एक छोटी सी भूमिका कर ली। यह फिल्म सिनेमा घरो में कब लगी और कब चली गयी। इसके बाद फिल्म शाही बाजार भी प्रदर्शित हुई। इसके बाद वह कई फिल्मों में दिखाई दिए।

महबूब खान की वर्ष 1957 मे प्रदर्शित फिल्म "मदर इंडिया" में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिए। फिर भी वह अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद वह अभिनेता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए।

वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म "पैगाम" में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राज कुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिए दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद दिल अपना और प्रीत पराई, घराना, गोदान, दिल एक मंदिर और दूज का चांद जैसी फिल्मों में मिली कामयाबी के जरिए उन्होंने दर्शकों के बीच अपने अभिनय की धाक जमा दी।

बी. आर. चोपड़ा की फिल्म वक्त में राजकुमार का बोला गया एक संवाद "चिनाय सेठ" जिनके घर शीशे के बने होते है वो दूसरों पे पत्थर नहीं फेंका करते, दर्शकों के बीच क ाफी लोकप्रिय हुए। इसी तरह पाकीजा में उनका बोला गया एक संवाद "आपके पांव देखे बहुत हसीन हैं इन्हें जमीन पर मत उतारिएगा मैले हो जायेगें" इस कदर लोक प्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे उनकी आवाज की नकल करने लगे।

उन्होंने हमराज, नीलकमल, मेरे हुजूर, हीर रांझा और पाकीजा जैसी फिल्मों में रूमानी भूमिकाएं भी स्वीकार कीं और दर्शकों की वाहवाही लूटी। वर्ष 1978 मे प्रदर्शित फिल्म "कर्मयोगी" में राज कुमार के अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले। इस फिल्म मे उन्होंने दो अलग-अलग भूमिकाओं मे अपने अभिनय की छाप छोड़ी।

वर्ष 1991 में सुभाष घई की फिल्म सौदागर में राज कुमार वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म "पैगाम" के बाद दूसरी बार दिलीप कुमार के सामने थे और अभिनय की दुनिया के इन दोनों महारथियों का टकराव देखने लायक था। नब्बे के दशक में राजकुमार ने फिल्मों मे काम करना काफी कमकर दिया। इस दौरान उनकी तिरंगा, पुलिस और मुजिरम, इ ंसानियत के देवता, बेताज बादशाह, जवाब, गाड और गन जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई।

नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है, इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होंने अपने पास बुला लिया और कहा कि देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना।

मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिलपर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार आज ही के दिन 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।

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जयपुर में आयकर अधिकारी के घर में चल रहा था सेक्स रैकेट -

जयपुर। राजधानी जयपुर के श्याम नगर में एक आयकर अधिकारी के मकान में छह महीने से किराए से रह रही युवतियां यहां वेश्यावृत्ति का धंधा कर रही थी। एसीपी सोढाला की टीम ने बुधवार शाम इसका भंडाफोड़ कर तीनों युवतियों और एक ग्राहक को गिरफ्तार कर लिया।sex racket busted in jaipur four arrested
सोढ़ाला एसीपी प्रेमदान रत्नू ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि श्याम नगर स्थित मकान नंबर के 74 में बाहर से लड़कियां बुलाकर देह व्यापार किया जा रहा है। तस्दीक के लिए श्याम नगर एसएचओ चंद्रप्रकाश चौधरी को निर्देश दिए गए।

पुलिस की ओर से भेजे गए बोगस ग्राहक के इशारे पर पुलिस टीम ने उक्त मकान पर छापा मारा तो दो अलग-अलग कमरों से फालना पाली निवासी प्रिया सेठ (22), मुंबई निवासी पूनम (21), दिल्ली निवासी अरविना खातून (22) तथा नागौर हाल रजत पथ मानसरोवर निवासी ग्राहक गजानंद शर्मा (33) को गिरफ्तार किया गया।

तलाशी में महिला दलाल प्रिया के पास 50 हजार, पूनम के पास 12 हजार तथा अरविना के पास 18 हजार रूपए व अन्य अनैतिक कार्ये का सामान मिला।

तीनों ने ये रकम देह व्यापार से कमाना बताया। प्रिया सेठ लड़कियों को लेकर आती थी और उसी ने मकान किराए पर ले रखा था।

महाराष्ट्र में 21 मर्डर किए लेकिन नहीं पकड़ा गया,बेंगलूरू में 22 वीं हत्या करते ही जेल



बेंगलूरू। महाराष्ट्र में 21 हत्याएं करने के बाद चंद्रकांत एस.शर्मा बेंगलूरू शिफ्ट हो गया। यहां उसने 22 वीं हत्या की। पत्नी और अपने दो बेटों के साथ मिलकर शर्मा ने हत्या को अंजाम दिया। तीन दिन के अंदर ही पूरा परिवार जेल चला गया।

शर्मा को पहले की गई हत्याओं में शायद ही दोषी करार दिया जाए क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस ने हत्या के सभी 21 मामले बंद कर दिए हैं। 54 साल के शर्मा,उसकी पत्नी हर्षा (49) और बेटे मोंटू शर्मा (27)को पिछले महीने एसवी राघवन की हत्या में दोषी करार दिया गया। 10 जनवरी 2008 को राघवन की हत्या हुई थी। पेशे से इंजीनियर राघवन चामराजपेट के नानजांबा अग्रहारा इलाके में रहते थे।

शर्मा और उसका परिवार सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। पहले की गई 21 हत्याओं का राज पूछताछ के दौरान खुला। शर्मा ने स्वीकार किया कि उसने अकेले महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में 21 हत्याएं की थी। ये हत्याएं 1978 से 1981 के दौरान की थी। 1985 में वह बेंगलूरू शिफ्ट हो गया।

शर्मा ने इंस्पेक्टर केपी गोपाल रेड्डी की अध्यक्षता वाली पुलिस टीम के समक्ष 21 हत्याओं की बात कबूली। केपी गोपाल रेड्डी केजी नगर पुलिस थाने के इंस्पेक्टर थे,जो अब मल्लेश्वरम के एसीपी हैं। रेड्डी उन स्थानों पर गए जहां शर्मा ने हत्याएं की थी लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। आईजी(जनशिकायत)आलोक कुमार ने बताया कि शर्मा ने पूछताछ के दौरान 21 लोगों की हत्या की बात कबूल की।
Murder convict got away with 21 killings
हमने उसके दावों की पुष्टि के लिए महाराष्ट्र में टीमें भेजी लेकिन पुलिस ने सभी मामले बंद कर दिए हैं। कई फाइलें उपलब्ध नहीं है क्योंकि उन्हें नष्ट कर दिया गया है। शर्मा ने पुणे की होटल आम्रपाली में चार हत्याएं की थी। आलोक कुमार ने बताया कि शर्मा ने क्लोरोफॉर्म सूंघाकर पीडितों को बेहोश करने की कला सीख ली थी। उसने कुछ लोगों को चाकू से गोदकर मार डाला जबकि अन्य को गला दबाकर मारा। शर्मा ने दावा किया कि उसने दुबई स्थित इब्राहिम की हत्या की थी। इब्राहिम सोने का तस्कर था। इब्राहिम और शर्मा के बीच बिजनेस को लेकर विवाद हुआ था।

एसवी राघवन ने शर्मा को अपना मकान किराए पर दिया था। शर्मा ने नौ महीने का किराया नहीं दिया था। शर्मा ने 10 जनवरी 2008 को राघवन को किराए लेने के लिए अपने घर बुलाया। राघवन किराया लेने शर्मा के घर पहुंचा। शर्मा ने अपनी पत्नी और बेटों के साथ मिलकर राघवन का तकिए से मुंह दबाकर हत्या कर दी। उन्होंने राघवन पर चाकू से वार किए। शर्मा राघवन के शव को तमिलनाडु के सूलीगेरे ले गया। वहां शव को जला दिया।

एसीपी गोपाल रेड्डी ने बताया कि शर्मा ने फर्जी कागजात तैयार किए और दावा किया कि राघवन ने एचबीआर लेआउट प्रोपर्टी उसे बेच दी थी। जब राघवन के बेटे ने अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो शर्मा ने हमें बताया कि राघवन एक महिला के साथ आए थे। वह बकाया किराया और 50 लाख रूपए सेल्क एडवांस के रूप में लेकर चले गए। एसीपी ने बताया कि शर्मा से हत्या की बात उगलवाना आसान नहीं था लेकिन जब हमने उसे बताया कि राघवन का शव मिल गया है तो वह हमारी चाल में फंस गया।

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foto...खास खबर हाफ़िज़ सईद स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से कट्टरपंथ का पाठ पढ़ा रहा हैं सिंध प्रान्त में








खास खबर कुख्यात आंतकवादी हाफिज सईद का एक और चेहरा ,सिंध के लोगो का हे रॉबिनहुड  ?


हाफ़िज़  स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से कट्टरपंथ का पाठ पढ़ा रहा हैं सिंध प्रान्त में


बाड़मेर मुंबई हमले का मुख्य आरोपी कुख्यात आंतकवादी हाफिज सईद पाकिस्तान में महफूज हैं। इन दिनों हाफिज पाकिस्तान के राजस्थान प्रान्त से साते सिंध प्रान्त के गाँवो में अपनी स्वयं सेवी संस्था फलह ए इंसानियत तंज़ीम के सेवा कार्यो का जायजा लेने के साथ लोगो को रहत पहुंचा रहा हैं। हाफिज को पाकिस्तान की खिफिया एजेंसी आई इस आई ने सिंध प्रान्त को हिन्दू मुक्त करने का टारगेट दे रखा हैं।

सीमा पर से मिली जानकारी के अनुसार हाफिज सईद का एन जी ओ चार वर्ष पूर्व सिंध प्रान्त में आए बाढ़ के समय सक्रीय हुआ था ,हाफिज के संस्था का मुखिया शफकत हुसैन अब्बासी और चेयरमैन अब्दुल गफ्फूर सिद्दीकी हैं ,इस संस्था द्वारा सिंध प्रान्त के ग्रामीण इलाको में चिकित्सा सेवा का कार्य किया जा रहा हैं ,संस्था द्वारा बड़ी संख्या में एम्बुलैंस सेवा आम लोगो के लिए उपलब्ध करा राखी हैं साथ ही एक खैराती अस्पताल भी खोल रखा हैं जिसमे आधुनिक चिकित्सा सुविधाए आम जान के लिए उपलब्ध हैं। चूँकि हाफिज सईद पर पाकिस्तान में किसी तरह का कोई प्रतिबन्ध नहीं हे ऐसे में वह खुले में आसानी से कहीं भी आ जा रहा हैं। अमूमन सिंध प्रान्त वह तीन माह के अंतराल के बाद आता रहता हैं। सूत्रों की माने तो हाफिज की संस्था आम लोगो के लिए सेवार्थ कार्य करने के साथ सरहदी क्षेत्रो में कट्टरपंथ का पाठ पद्धति हैं इसी के चलते कट्टरपंथियों के निशाने पर सिंध के हिन्दू परिवार आ गए ,इनसे परेशान हिन्दू परिवार थार एक्सप्रेस के जरिये पाकिस्तान से भारत पलायन कर रहे हैं। गत दो सालो में सिंध से करीब दस हज़ार से अधिक परिवार राजस्थान के विभिन जिलो में आकर बस चुके हैं।


सिंध प्रान्त के सिंधी मुस्लिम जिन्हे मुहाजिर मन जाता हे को मुस्लिम धर्म की मुख्य धरा में शामिल कर उन्हें कटटर पंथ की रह में रहा हैं हाफिज वाही सिंध के युवाओ को आंतकवादी प्रशिक्षण शिविरो में भी भेज रहा हैं। सूत्रानुसार हाफिज सईद की संस्था मीठी ,छाछरो ,सांगड ,बहावलपुर ,,नौकात, गड़रा सिटी ,खैपुर ,नवाब सिटी ,जेकबाबाद ,लरकाना ,सक्कर ,दादु आदि जगहों पर काम कर रहा हैं। सईद करींबी चार दिन से सिंध हैं ,सामान्य लोगो की तरह आम जन के साथ घुल मिल रहा हैं। अपनी संस्था द्वारा उपलब्ध कराई जा रही राहत का जायजा ले रहा हैं ,सूत्रानुसार हाफिज सिंध के पश्चिमी सीमावर्ती गाँवो में पड़े भीषण अकाल के मदीनज़र राहत शिविर शुरू करने जा रहा हैं। सूत्रानुसार हाफिज की संस्था में कचरा संग्रह के दो बड़े ख़रीदे हैं।


सिंध प्रान्त में हाफिज खुले आम आंतकी गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनते। परदे के पीछे रह कर अपनी कार्य योजना को समाज सेवा के माद्फ्ह्यम से अंजाम तक पहुँचाने का प्रयास में जूता हैं। हाफिज सईद संस्था के लिए पैसो का इंतज़ाम खुद करता हैं। बहरहाल सिंध प्रान्त में हाफिज का ठहराव होने से पश्चिमी सरहद पर चर्चा अवश्य हैं मगर हाफिज के कारन हाई अलर्ट की स्थति नहीं हैं। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो का कहना हैं की सरहद पर सीमा सुरक्षा बल सदैव हाई अलर्ट रहता हैं। हाफिज के सिंध आने से हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर कोई असर नहीं पडेगा ,

भारत और चीन के बीच राजस्थान में होगा युद्धाभ्यास



जोधपुर। विश्वस्तरीय ट्रेनिंग के आधारभूत ढांचे से सुसज्जित भारतीय सेना की दक्षिणी-पश्चिमी कमान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में नवम्बर 2014 में भारत व चीन की थलसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास होगा। यह चौथा अवसर होगा जब भारत और चीन की थलसेना के जवान संयुक्त अभ्यास के दौरान युद्ध कौशल व क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। युद्घाभ्यास दस दिन तक चलेगा।
Indo-China Manoeuver in Rajasthan`s Mahajan field firing range
150 भारतीय सैनिकों का दल करेगा शौर्य प्रदर्शन
रक्षा सूत्रों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान के सूरतगढ़ के पास स्थित महाजन फील्ड फाइरिंग रेंज में दोनो देशों के सैनिक रक्षा, युद्धकौशल, संयुक्त हमला, रणनीति व बचाव का अभ्यास करेंगे। दस दिवसीय युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के 150 सैनिकों का दल भाग लेगा।

भारत-चीन युद्घाभ्यास एक नजर में
4 पहला युद्घाभ्यास वर्ष 2007 में चीन के कुन्मिंग शहर में।
4 दूसरा युद्घाभ्यास वर्ष 2008 में कर्नाटक के बेलगांव में।
4 तीसरा युद्घाभ्यास नवम्बर 2013 में चीन के चेंगदू शहर में।

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आखिर प्रसन्न हुए इंद्रदेव, जयपुर समेत कई जगहों पर जोरदार बरसात -



जयपुर। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इंद्र देवता प्रसन्न हुए और राजस्थान के कई हिस्सों में मानसून की बारिश हुई। प्रदेश की राजधानी जयपुर में गुरूवार अल सुबह 4 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ जो सुबह 8 बजे तक चला। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने शहर के सभी हिस्सों को जमकर भिगोया। बारिश के चलते गर्मी से परेशान लोगों को जमकर राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार अगले बरसात का यह दौर अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा।
Heavy rain lashes out in Jaipur, Monsoon reaches in Mumbai
तेज बारिश से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया, वहीं सड़कें भी पानी से लबालब हो गई। जयपुर के आसपास के इलाकों में भी जोरदार बारिश हुई। ग्रामीण इलाकों में देर राते से ही बारिश होने की खबर है। हालांकि अभी मौसम विभाग की ओर से मानसून के राजस्थान में प्रवेश की पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अगले दो-चार दिनों में मानसून राजस्थान में दस्तक दे देगा। बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।

वहीं मुंबई में भी बुधवार को जोरदार बरसात हुई और सड़के नालों की तरह उफन पड़ी। मौसम विभाग के अनुसार मुंबई के पश्चिमी तटीय हिस्सों तक मानसून पहुंच गया है। बारिश का पानी मेट्रो ट्रेन और स्टेशन पर भी पानी भर गया। इसके चलते लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। मेट्रो में पानी आने की फोटो टि्वटर और अन्य सोशल साइट्स पर वायरल हो गई। तेज बारिश के कारण मेट्रो की एक एसी यूनिट की छत में दरार आ गई और पानी अंदर आ गया। बुधवार दोपहर तक मुंबई में 105 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। देश की राजधानी दिल्ली में भी बुधवार को जोरदार बरसात हुई।

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बाड़मेर फर्जी ईमेल आईडी से उड़ाए लाखों रूपए

जोधपुर। हैकरों द्वारा ईमेल आईडी हैक कर लाखों रूपए की ठगी की वारदातें होने लगी है। ऎसी ही एक वारदात शहर के हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी के साथ हुई। उसकी आईडी हैक कर फर्जी ईमेल आईडी बना दी गई। the hackers made account and stollen 10 lakhs rupees
इस फर्जी आईडी से जर्मनी की फर्म से करीब साढ़े दस लाख रूपए अपने अकाउन्ट में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का मामला बासनी थाने में दर्ज में किया है। साइबर क्राइम के मामले की जांच में जुटी पुलिस को अभी कुछ हाथ नहीं लगा है।

यूं हुई ठगी
बासनी पुलिस के अनुसार कुम्पलिया बाड़मेर निवासी चुन्नीलाल पुत्र पन्नालाल गोदारा ने रिपोर्ट दी कि उसकी हैण्डीक्राफ्ट फैक्ट्री बासनी सैकण्ड फैज में हस्तकलां हैण्डीक्राफ्ट नाम से है।

यहां लोहे के आर्टकलस व फर्नीचर बनते हैं। कम्पनी ने गत दिनों जर्मनी की एक फर्म को गत 16 जून को 15 लाख रूपए का वूडन व आयरन का माल भेजा। इसके पेटे उसे तीस प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किया। शेष राशि 26 जून को देना तय हुआ था।

तभी 28 जून को जर्मनी की फर्म का एक मेल आया कि उसकी मेल से नया अकाउन्ट नम्बर मिला है। जर्मनी के फर्म मालिक से व्यवसायी ने अपने ऑपरेटर रावतराम की व्हाट्सएप पर वार्तालाप की।

इसमें पता चला कि उसने नए अकाउन्ट नम्बर में 17 हजार 4 सौ 46 अमेरिकन डॉलर यानी करीब दस लाख अड़सीस हजार रूपए ट्रांसफर किए है। जबकि चुन्नीलाल के खाते में यह राशि जमा नहीं हुई।

चुन्नीलाल की ईमेल से कोई नया अकाउन्ट नम्बर नहीं दिया। पड़ताल में पता चला कि अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी ईमेल आईडी बनाकर जर्मनी की फर्म से रकम मंगवा ली।

याहू कम्पनी से मांगी यह डिटेल की मांग की है जिसमें व्यवसायी की ईमेल आईडी, हैकर कौन व किस सर्वर से जुड़ा, अकाउन्ट नम्बर किस व्यक्ति का, कैसे हैक हुई ईमेल आईडी का ब्योरा मांगा है।

डिटेल के बाद ही पता चलेगा
साइबर क्राइम से जुड़ा मामला है। याहू कम्पनी से आईडी की डिटेल मांगी है। उसके बाद ही जांच आगे बढ़ पाएगी। मामले की स्थानीय स्तर पर भी गहनता से जांच की जा रही है।

पुलिसवालों पर चढ़ा दी जीप

जोधपुर।डांगियावास थाना क्षेत्र के खात्यासनी रोड पर बुधवार शाम एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस की जीप पर हिस्ट्रीशीटर ने बोलेरो चढ़ा दी। इसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सहित तीन जनों को गिरफ्तार कर लिया। हमले में पुलिस जीप पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान हिस्ट्रीशीटर की जीप भी पलट गई इससे उसके भी चोटे आई।Uploaded on police jeep

पुराना अपराधी है विकास: पुलिस के अनुसार रूडकली निवासी विकास उर्फ रौनक पुत्र वीरमाराम विश्नोई डांगियावास थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट आए हुए हैं व उसके खिलाफ पूर्व में 14 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। वह पुलिस पर फायर भी कर चुका है।

उतरकर भागा, तब दबोचा


इस दौरान हिस्ट्रीशीटर की गाड़ी भी पलट गई। वह अपने साथियों से पुलिस की जीप को आग लगाने का कहने लगा और उतरकर भागने लगा तो पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। जीप में सवार उसके साथी पीपाड़ निवासी जितेन्द्र पुत्र भगवान सिंह राजपूत व सोहनलाल पुत्र हरसुखराम विश्Aोई को भी गिरफ्तार किया। तीनों से देर रात तक पूछताछ जारी थी। पुलिसकर्मियों का प्राथमिक उपचार करवाया है। तीनों आरोपियों के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहंुचाने, जानलेवा हमले करने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।



गुप्त सूचना पर गए थे पकड़ने


पुलिस को शाम को सूचना मिली कि वह गाड़ी में सवार होकर खात्यासनी रोड की ओर जा रहा है। एक मामले में वह फरार है उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अपनी जीप लेकर शाम करीब साढ़े छह बजे निकली। हिस्ट्रीशीटर के पास बोलेरो जीप थी। उसने अपनी जीप (बोलेरो) पुलिस की जीप पर चढ़ा दी। इससे पुलिस की जीप क्षतिग्रस्त हो गई तथा उसमें सवार हैडकांस्टेबल गोरधनराम, कांस्टेबल परसाराम, कांस्टेबल नानकराम घायल हो गए। 

कागजों में चल रही हैं संभाग की 450 स्कूलें

जोधपुर।जोधपुर संभाग में करीब 450 ऎसी निजी स्कूलें है, जिन्हें बंद हुए एक लम्बा अरसा हो गया। लेकिन शिक्षा विभाग के कागजों में यह स्कूलें संचालित हो रही हैं। विभाग की ओर से बाकायदा मान्यता दी हुई है। अब इन स्कूलों की जांच शुरू हो गई है। 450 schools are in operation in the papers division

शिक्षा विभाग अपने कार्य को लेकर कितना सजग है। इसका खुलासा हाल ही में सरकार को सभी जिलों से मिली रिपोर्ट में हुआ है। हर वष्ाü प्रदेश में सैंकड़ों नई निजी स्कूलें खुलती है। शिक्षा विभाग मान्यता तो दे देता है लेकिन यह स्कूलें खुलकर कब बंद हो जाती है यह विभाग को भी पता नहीं है। प्रदेश में ऎसी 1200 व जोधपुर संभाग में 450 स्कूलें सामने आई है जो बंद है। लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से जांच नहीं होने से इनकी मान्यता खत्म नहीं की गई।
यह है जोधपुर संभाग की स्थिति


जोधपुर जिले में 152 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलें ऎसी है जो कागजों में मान्यता प्राप्त चल रही है। जबकि मौके पर स्कूलों का नामोनिशान तक नहीं है। इनमें लूणी, बिलाड़ा में 7-7, फलोदी में 5, बालेसर में 4 व जोधपुर शहर की 129 स्कूलें शामिल है। यह तो प्रारम्भिक रिपोर्ट है। यह संख्या करीब 150 से ऊपर जाएगी। अब इन स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों ने सरकार को भेजी है। इसी प्रकार संभाग के पाली में 68, बाड़मेर में 53, जैसलमेर में 36, सिरोही में 25, जालोर में 41 व नागौर में 67 स्कूलें ऎसी है जो बंद हो गई लेकिन मान्यता खत्म नहीं हुई।

कैसे खुले नए सरकारी विद्यालय


निजी स्कूलों के चलते सरकार ऎसे क्षेत्रों में नई सरकारी स्कूलें खोलने से बचती है। क्योंकि अधिकांश बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश लेते हैं। ऎसे में बंद स्कूलों की सूचना शिक्षा विभाग को समय पर मिलती है तो नई स्कूलें खुलने की राह प्रशस्त हो सकती है। अब सरकार इस बात की जांच कर रही है कि बंद स्कूलों में कोई ऎसी स्कूल तो नहीं है जिसने सरकार से रियायती दर पर जमीन ली और बाद में स्कूल ही बंद कर दी। ऎसी बंद स्कूलों को मिली जमीन वापस ली सकती है।

सूचना मांगी है

प्रदेश के किस जिले में कितनी निजी स्कूलें बंद है। इसकी सूचना सभी डीईओ से मांगी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -रवि जैन, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थान -  

उदयपुर 9 महिलाओं सहित 20 को उम्रकैद



उदयपुर। नाई थाना क्षेत्र के डोडावली गांव में पांच वर्ष पूर्व मौत के बदले मौत की आग में पिता-पुत्र के हत्या करने वाले एक ही परिवार के बीस जनों को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपियों में नौ महिलाएं शामिल है। निर्णय के बाद आरोपियों के परिजन व मासूम न्यायालय परिसर में बिलख पड़े।
9 Women gets life imprisonment in murder case with 20 people
डोडावली के आम्बा खादरा में गत 26 जून 2009 को दो परिवार के बीच हुए खूनी संघर्ष मे नारू गमेती (45) व उसका पुत्र नानजी (20) की मौत हो गई और नारू की पत्नी झमकू (40) व कुछ परिवार के सदस्य घायल हो गए थे। पुलिस ने झमकू की रिपोर्ट पर दोहरा हत्याकांड का मामला दर्ज कर बीस आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।

सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक सैय्यद हुसैन बंटी ने 28 गवाह व 111 दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रम-2 की पीठासीन अधिकारी ईश्वरीलाल वर्मा ने सभी आरोपियो को उम्र कैद की सजा सुनाई। पढ़ें उम्रकैद ञ्च पेज 21

इन्हे मिली सजा

न्यायालय ने आम्बा का खादरा निवासी वक्ता पुत्र धन्ना, लोगर पुत्र वक्ता, तकुड़ी पत्नी वक्ता, लीला पत्नी लोगर, वजा पुत्र चतरा, हरकू पत्नी चतरा, कमला पत्नी मोहन, मंगला पुत्र वागा, कालिया पुत्र मंगला, तकतिया पुत्र मंगला, चम्पा पत्नी तकतिया, देवला पुत्र भीमा, लक्ष्मी पत्नी देवला, चोखला पुत्र खीमा, झमकू पत्नी राजू, प्रभू पुत्र खीमा, सवली पत्नी कालिया, राजू पुत्र बागा, धूलिया पुत्र कन्ना व वरदी पत्नी धूलिया गमेती को धारा 302 व विभिन्न धाराओं में उम्रकैद व 38-38 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी लोगर व वक्ता को धारा 4/25 में दो-दो वर्ष की कैद व दो-दो हजार रूपए जुर्माने की अलग से सजा सुनाई।

घटनास्थल पर ही तोड़ा था दम

आरोपियों ने नारू के परिवार पर पहले पथराव किया और बाद में मकान में घुसकर तलवार, कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर दिए। हमले में नारू की एक टांग कट कर अलग हो गई व सिर में गहरी चोट लगी। उसके पुत्र नानजी के सिर व पेट में गंभीर चोटें आई। दोनों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था।

मौत का बदला मौत से

परिवादिया झमकू ने रिपोर्ट में बताया था कि घटना से करीब आठ माह पूर्व उसके पुत्र केसूलाल ने उसकी पत्नी वालकी को डोडावली निवासी मोहन पुत्र वक्ता के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था। केसू ने आवेश में आकर मोहन की हत्या कर दी थी। तब से वह जेल में ही है। इस हत्या के बाद मृतक के परिवार वालों के भय से केसा का पूरा परिवार गांव छोड़कर जंगल में चला गया। जून माह में बारिश होने यह परिवार खेतीबाड़ी के लिए वापस डोडावली गांव आया था। इन्हें देखते ही आरोपी वक्ता व उसके परिवार ने हमला कर दिया।

 

जायका। … पुरानी दिल्ली के पकवान



जायका।  … पुरानी दिल्ली के पकवान



चांदनी चौक क्षेत्र

जब आप पुरानी दिल्ली में आओगे, तो आप यहां के खानों को नहीं भूल पाओगे। यहां चहल-पहल भरी गलियां मिलेंगी, जो विभिन्न व्यंजनों की महक से सरोबर होती हैं। व्यंजनों के कद्रदानों के लिए करीम जैसे रेस्तरां हैं, साथ ही मांसाहारी खानों के पुराने शौकीन हैं, वे मोती महल में बटर-चिकन का लुत्फ उठा सकते हैं।


स्ट्रीट फूड




चांदनी चौक को प्रायः भारत की फूड-कैपिटल भी कहा जाता है, जो अपने स्ट्रीट फूड के लिए प्रसिद्ध है। यहां अनेक प्रकार के स्नैक्स, विशेषकर चाट, मिलते हैं।
टदि आप इनका आनंद लेना चाहते हैं तो सब-कुछ भूलकर इनके स्वाद और खुश्बुओं में खो जाएं। आप सभी यहां आएं...और मिल-जुलकर इनका आनंद उठाएं। चांदनी चौक में प्रतिदिन मेले जैसा माहौल रहता है। गलियों में हलवाई, नमकीन बेचने वालों तथा परांठे-वालों की कतार में दुकाने हैं।

बेहतर होगा कि आप परांठे वाली गली से शुरुआत करें, 1870 के दशक से, जब यहां परांठों की दुकान खुली थी, तभी से यह स्थान चटोरों के स्थान के नाम से लोकप्रिय हो गया था। इस गली में भारत की कई नामी हस्तियां आ चुकी हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पं.जवाहरलाल नेहरु और उनके परिवारजन - इंदिरा गांधी और विजयलक्ष्मी पंडित यहां आ चुके हैं तथा यहां के परांठों का स्वाद ले चुके हैं। नियमित रूप से आने वाली हस्तियों में जयप्रकाश नारायण और अटल बिहारी बाजपेयी का नाम भी शामिल है।




यद्यपि इस गली में कई दुकानें अब नहीं रही हैं, आपको अचरज होगा कि इनके मालिक मैकडॉनाल्डकी फ्रैंचाइज़ी में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं - अब पुराने दौर की कुछ ही दुकानें यहां रह गई हैं। संभवतः इनमें सबसे पुरानी दुकान 1872 में स्थापित, पंडित गया प्रसाद-शिव चरण की है। अन्यों में पंडित देवी दयाल (1886) और कन्हैया लाल-दुर्गा प्रसाद (1875) की दुकानें अभी मौजूद हैं। परांठों को लोहे की कड़ाही में देसी घी में फ्राई किया जाता है। इन परांठों के साथ पोदीने की चटनी, केले व इमली की चटनी, सब्जी के अचार तथा आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है। आधा सदी पहले यहां कुछ किस्में जैसे - आलू परांठा, गोभी परांठा और मटर परांठा, क्रमशः आलू, फूलगोभी और मटर से भरकर बनाया जाता था। इनके अलावा कई नई किस्में जैसे मसूर की दाल, मैथी, मूली,पापड़, गाजर और मिक्स परांठे शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ महंगे परांठे भी हैं, जो पनीर, पोदीने, नींबू, मिर्ची, सूखे मेवों, काजू, किशमिश, बादाम, रबड़ी, खुर्चन केले, करेले, भिंडी तथा टमाटर के बनते हैं।




दिल्ली स्ट्रीट फूड का प्रमुख स्वादिष्ट व्यंजन यहां की चाट है। मूल चाट में उबले आलू के टुकड़े, करारी तली ब्रेड, दही भल्ले, छोले तथा स्वादिष्ट चाट मसाले मिले होते हैं। इस मिश्रण को मिर्च और सौंठ (सूखी अदरक और इमली की चटनी) से बनी चटनी ताजे हरा धनिया और मट्ठे की दही के साथ सजाकर परोसा जाता है। बहरहाल, इसके अलावा और भी मशहूर व्यंजन हैं, जिनमें आलू की टिक्की भी शामिल है। कुछ चाट की दुकानों जैसे - श्री बालाजी चाट भंडार (1462, चांदनी चौक; दोपहर से रात्रि 10 बजे तक) चांदनी चौक की संभवतः सबसे मशहूर और सर्वश्रेष्ठ दुकान है। हम विशेषकर चाट-पापड़ी, जिसमें कचालू की चटनी, खस्ता पापड़ी और सौंठ शामिल है, खाने के लिए आपसे आग्रह करेंगे। दूसरी मशहूर दुकान बिशन स्वरूप (1421, चांदनी चौक; प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक) की है, जो चांदनी चौक की बाईं लेन में है, इसका भी अपना विशेष आकर्षण, विशेष स्वाद है।

1923 से इस छोटे से स्टाल में केवल तीन आइटम : सुस्वादु आलू चाट, आलू के स्वादिष्ट कुल्ले और फ्रूट चाट बेचे जाते हैं।




आप लाला बाबू चाट भंडार (77, चांदनी चौक, मैक्डॉनाल्ड्स के निकट; प्रातः 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक) भी जाना न भूलें। यहां स्वादिष्ट गोलगप्पों के साथ हींग वाला पाचक जलजीरा भरकर परोसा जाता है। साथ ही आलू और मटर की स्टफ कचौड़ी, गोभी मटर के समोसे, दही-भल्ले तथा मटर-पनीर की टिक्की यहां ज्यादा बिकती है। फ्रूट-चाट के लिए जुगल किशोर-रामजी लाल (23, दुजाना हाउस, चावड़ी बाज़ार, चांदनी चौक; प्रातः 10.30 बजे से रात्रि 10 बजे तक) सुविख्यात है, हालांकि यहां पाव-भाजी और आलू की टिक्की भी मिलती है किंतु फ्रूट चाट अधिक बिकती है। दही-भल्ले सदैव चाट के साथ नहीं दिए जाते बल्कि इसे नटराज दही भल्ले वाले के यहां मुख्य व्यंजन के तौर पर बेचा जाता है। दही-भल्ले उड़द की दाल की पिट्ठी से डीप फ्राई करके बनाए जाते हैं और दही-सौंठ के साथ परोसे जाते हैं। नटराज चांदनी चौक के मेट्रो स्टेशन के मोड़ पर भाई मतिदास चौक के निकट स्थित है।



एक अन्य सुस्वादु व्यंजन कचौड़ी है, जो पिसी दालों और आलू की करी के साथ परोसी जाती है, जो आपके मुंह में पानी ले आएगी। जंग बहादुर कचौड़ी वाला (1104, छत्ता मदन गोपाल, चांदनी चौक; प्रातः 10.30 बजे से रात्रि 8 बजे तक) संभवतः उड़द की दाल की कचौड़ी के लिए मशहूर है जिसे आलू की चटपटी सब्जी के साथ परोसा जाता है। यह जगह वस्तुतः जाने लायक है।




मिठाई में सबसे पहला नाम, रबड़ी फलूदा का आता है। इसके लिए फतेहपुरी मस्जिद के निकट ज्ञानी दी हट्टी पर पधारें। अब यह आइसक्रीम पार्लर बन गया है जहां लीची और बबलगम तक के ज़ायके मिल सकते हैं। आइसक्रीम के अलावा यहां मिल्क-शेक, फ्रूट-शेक, आइसक्रीम-शेक और सनडीज़ भी उपलब्ध हैं। यदि आप कुल्फी (ज़ायकेदार जमाया गया दूध) के शौकीन हैं तो अजमेरी गेट की तरफ जाएं, सियाराम-नन्नूमल कुल्फी वाले (629, गली लोडन, अजमेरी गेट; प्रातः 7 जे से सायं 4 बजे तक) मशहूर नाम है। यहां की कुल्फी बेहद स्वादिष्ट है। आप किसी भी ज़ायके जैसे -केसर, पिस्ता, रोज़, केवड़ा, बनाना, मैंगो और अनार से बनी ज़ायकेदार कुल्फी उपलब्ध हैं अथवा इससे भी बेहतर होगा...इनमें से प्रत्येक का आनंद उठाएं!



वापस चांदनी चौक की बात करें तो आपको दरीबां कलां में प्रवेश करते समय दाहिने ओर प्राचीन एवं प्रख्यात जलेबीवाला दिखाई देगा। आप यहां गर्मा-गर्म जलेबी का आनंद उठाएं, जलेबी - एक मिष्ठान है जो मैदे के खमीर से बनाई जाती है, इसे सेंककर, चाश्नी में डुबाकर छाना जाता है। साथ ही, चहल-पहल से भरपूर जामा मस्जिद क्षेत्र की ओर जाना भी न भूलें। जामा मस्जिद के गेट नं. 1 के आगे उर्दू बाज़ार और अंदर जाती मटियामहल नामक सड़क पर भी विभिन्न व्यंजनों के स्टाल देखने को मिलेंगे। यहां आपको मछली, खुश्बूदार कबाब और फ्राइड चिकन की महक की नुभूते होगी। यहां आपको दुकानदार रुमाली रोटी (पतली रोटी) में लिपटे सस्ते दाम वाले कबाब और टिक्का (भैंस के मांस से बने) बेचते दिखेंगे। यहां शहर का सबसे अच्छा मटन-बर्राह बेचा जाता है। यह एक ऐसा स्थान है जहां आपको निहारी और पाया मिल सकते हैं, जो प्रातः 8.30 बजे तक बिक जाते हैं। अन्य मुख्य व्यंजनों में इस्टु, मटन कोरमा, शामी कबाब और शाहजहानी कोरमा शामिल है।




चांदनी चौक स्थित घंटेवाला हलवाई 200 वर्ष से भी अधिक पुराना है। यहां मिठाइयां शुद्ध देसी घी में तैयार की जाती हैं। सोहन हलवा पापड़ी, पिस्ता समोसा और बादाम की बर्फी- धरती पर वस्तुतः जैसे स्वर्गिक आनंद की अनुभूति देते हैं।


दिल्ली का एकमात्र टी-बुटीक अपना नाम सिद्ध करता है, यहां का माहौल देखने लायक होता है। यह नई और पुरानी दिल्ली के मध्य स्थित है, यहां स्टोर-सह-ड्राइंग रूम के अद्भुत कुप्पे मिलेंगे। यदि आपको चाय पसंद नहीं है, तो आप अपने दोस्तों के लिए अन्य उपहार चुन सकते हैं। इस रेस्तरां में शहर के विख्यात व्यंजन जैसे - दाल मक्खनी, बटर चिकन, रेशमी कबाब, मुर्ग मुसल्लममिलते हैं। तंदूरी चिकन हमेशा से रसीला व्यंजन रहा है। चोर बिजारे में कुछ ऐसे रेस्तरांओं में से एक है, जहां कश्मीरी व्यंजन परोसे जाते हैं। यहां की सजावट में 'चोर-बाज़ार' का रूप प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। तबाक माज़ मांसाहारी के शौकीनों के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है। साथ ही यहां रोचक ग्रीन्स हॉक के अलावा यखनी, रिश्ता और गोश्तबा भी बहुत अच्छे हैं।



दिल्ली में बटर चिकन

बटर चिकन की शुरुआत 1950 के दशक में मोती महल, दरिया गंज में हुआ था। यह अपने तंदूरी चिकन के लिए मशहूर है। यहां के खानसामे चिकन जूस में मक्शन और टमाटर मिक्स करके इसे रिसाइकिल करते हैं। इसे संयोग कहिए या डिजाइन, इस चटनी को तंदूरी चिकन के टुकड़ों के साथ सजाकर परोसा जाता है। इस प्रकार इस बटर चिकन का आविष्कार हुआ और पूरे विश्व में यह मन-पसंदीदा व्यंजन बन गया। बटर चिकन मक्खन और गाढ़े लाल टमाटर की ग्रेवी से बनाया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है। मुंह में घुल जाने वाला बटर चिकन तंदूरी रोटी या नान के साथ खाया जाता है।