जोधपुर। हैकरों द्वारा ईमेल आईडी हैक कर लाखों रूपए की ठगी की वारदातें होने लगी है। ऎसी ही एक वारदात शहर के हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी के साथ हुई। उसकी आईडी हैक कर फर्जी ईमेल आईडी बना दी गई।
इस फर्जी आईडी से जर्मनी की फर्म से करीब साढ़े दस लाख रूपए अपने अकाउन्ट में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का मामला बासनी थाने में दर्ज में किया है। साइबर क्राइम के मामले की जांच में जुटी पुलिस को अभी कुछ हाथ नहीं लगा है।
यूं हुई ठगी
बासनी पुलिस के अनुसार कुम्पलिया बाड़मेर निवासी चुन्नीलाल पुत्र पन्नालाल गोदारा ने रिपोर्ट दी कि उसकी हैण्डीक्राफ्ट फैक्ट्री बासनी सैकण्ड फैज में हस्तकलां हैण्डीक्राफ्ट नाम से है।
यहां लोहे के आर्टकलस व फर्नीचर बनते हैं। कम्पनी ने गत दिनों जर्मनी की एक फर्म को गत 16 जून को 15 लाख रूपए का वूडन व आयरन का माल भेजा। इसके पेटे उसे तीस प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किया। शेष राशि 26 जून को देना तय हुआ था।
तभी 28 जून को जर्मनी की फर्म का एक मेल आया कि उसकी मेल से नया अकाउन्ट नम्बर मिला है। जर्मनी के फर्म मालिक से व्यवसायी ने अपने ऑपरेटर रावतराम की व्हाट्सएप पर वार्तालाप की।
इसमें पता चला कि उसने नए अकाउन्ट नम्बर में 17 हजार 4 सौ 46 अमेरिकन डॉलर यानी करीब दस लाख अड़सीस हजार रूपए ट्रांसफर किए है। जबकि चुन्नीलाल के खाते में यह राशि जमा नहीं हुई।
चुन्नीलाल की ईमेल से कोई नया अकाउन्ट नम्बर नहीं दिया। पड़ताल में पता चला कि अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी ईमेल आईडी बनाकर जर्मनी की फर्म से रकम मंगवा ली।
याहू कम्पनी से मांगी यह डिटेल की मांग की है जिसमें व्यवसायी की ईमेल आईडी, हैकर कौन व किस सर्वर से जुड़ा, अकाउन्ट नम्बर किस व्यक्ति का, कैसे हैक हुई ईमेल आईडी का ब्योरा मांगा है।
डिटेल के बाद ही पता चलेगा
साइबर क्राइम से जुड़ा मामला है। याहू कम्पनी से आईडी की डिटेल मांगी है। उसके बाद ही जांच आगे बढ़ पाएगी। मामले की स्थानीय स्तर पर भी गहनता से जांच की जा रही है।
इस फर्जी आईडी से जर्मनी की फर्म से करीब साढ़े दस लाख रूपए अपने अकाउन्ट में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का मामला बासनी थाने में दर्ज में किया है। साइबर क्राइम के मामले की जांच में जुटी पुलिस को अभी कुछ हाथ नहीं लगा है।
यूं हुई ठगी
बासनी पुलिस के अनुसार कुम्पलिया बाड़मेर निवासी चुन्नीलाल पुत्र पन्नालाल गोदारा ने रिपोर्ट दी कि उसकी हैण्डीक्राफ्ट फैक्ट्री बासनी सैकण्ड फैज में हस्तकलां हैण्डीक्राफ्ट नाम से है।
यहां लोहे के आर्टकलस व फर्नीचर बनते हैं। कम्पनी ने गत दिनों जर्मनी की एक फर्म को गत 16 जून को 15 लाख रूपए का वूडन व आयरन का माल भेजा। इसके पेटे उसे तीस प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किया। शेष राशि 26 जून को देना तय हुआ था।
तभी 28 जून को जर्मनी की फर्म का एक मेल आया कि उसकी मेल से नया अकाउन्ट नम्बर मिला है। जर्मनी के फर्म मालिक से व्यवसायी ने अपने ऑपरेटर रावतराम की व्हाट्सएप पर वार्तालाप की।
इसमें पता चला कि उसने नए अकाउन्ट नम्बर में 17 हजार 4 सौ 46 अमेरिकन डॉलर यानी करीब दस लाख अड़सीस हजार रूपए ट्रांसफर किए है। जबकि चुन्नीलाल के खाते में यह राशि जमा नहीं हुई।
चुन्नीलाल की ईमेल से कोई नया अकाउन्ट नम्बर नहीं दिया। पड़ताल में पता चला कि अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी ईमेल आईडी बनाकर जर्मनी की फर्म से रकम मंगवा ली।
याहू कम्पनी से मांगी यह डिटेल की मांग की है जिसमें व्यवसायी की ईमेल आईडी, हैकर कौन व किस सर्वर से जुड़ा, अकाउन्ट नम्बर किस व्यक्ति का, कैसे हैक हुई ईमेल आईडी का ब्योरा मांगा है।
डिटेल के बाद ही पता चलेगा
साइबर क्राइम से जुड़ा मामला है। याहू कम्पनी से आईडी की डिटेल मांगी है। उसके बाद ही जांच आगे बढ़ पाएगी। मामले की स्थानीय स्तर पर भी गहनता से जांच की जा रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें