महंगाई की मार झेल रही आम जनता पर मोदी सरकार जल्द ही एक और बोझा डाल सकती है। सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय रसोई गैस और केरोसिन के दाम में बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकता है।
समाचार चैनलों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय विशेषज्ञ पैनल की रसोई गैस के दाम में 250 रूपए और केरोसिन की कीमत में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश को राजनीतिक मामलों की समिति के समक्ष रख सकती है। आधिकरक सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय इस संबंध में ड्राफ्ट नोट तैयार कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के डीजल की कीमतों में प्रति माह 40 से 50 पैसे की बढ़ोतरी का समर्थन करते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय यह प्रस्ताव रख सकता है कि जब तक डीजल(प्रति लीटर)पर 3.40 रूपए का घाटा पूरा नहीं हो जाता तब तक मासिक संशोधन जारी रहे। पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए पेट्रोल की तरह डीजल के दाम को भी बाजार के हवाले करने पर मुहर लगा दे।
जून 2010 में पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया गया था। पेट्रोल की कीमतें हर महीने की पहली तारीख और 16 तारीख को संशोधित होती है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारिख की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों पर विचार करे।
अक्टूबर 2013 में किरीट पारेख की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। यूपीए सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों के उचित तंत्र को विकसित करने के लिए पारिख की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गैस सिलेण्डर के दाम में 250 रूपए,डीजल के दाम में 5 रूपए और केरोसिन के दाम में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। ये सिफारिश 72,000 करोड़ की ईंधन सब्सिडी के बिल में कटौती के लिए की गई थी।
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