जोधपुर।जोधपुर संभाग में करीब 450 ऎसी निजी स्कूलें है, जिन्हें बंद हुए एक लम्बा अरसा हो गया। लेकिन शिक्षा विभाग के कागजों में यह स्कूलें संचालित हो रही हैं। विभाग की ओर से बाकायदा मान्यता दी हुई है। अब इन स्कूलों की जांच शुरू हो गई है।
शिक्षा विभाग अपने कार्य को लेकर कितना सजग है। इसका खुलासा हाल ही में सरकार को सभी जिलों से मिली रिपोर्ट में हुआ है। हर वष्ाü प्रदेश में सैंकड़ों नई निजी स्कूलें खुलती है। शिक्षा विभाग मान्यता तो दे देता है लेकिन यह स्कूलें खुलकर कब बंद हो जाती है यह विभाग को भी पता नहीं है। प्रदेश में ऎसी 1200 व जोधपुर संभाग में 450 स्कूलें सामने आई है जो बंद है। लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से जांच नहीं होने से इनकी मान्यता खत्म नहीं की गई।
यह है जोधपुर संभाग की स्थिति
जोधपुर जिले में 152 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलें ऎसी है जो कागजों में मान्यता प्राप्त चल रही है। जबकि मौके पर स्कूलों का नामोनिशान तक नहीं है। इनमें लूणी, बिलाड़ा में 7-7, फलोदी में 5, बालेसर में 4 व जोधपुर शहर की 129 स्कूलें शामिल है। यह तो प्रारम्भिक रिपोर्ट है। यह संख्या करीब 150 से ऊपर जाएगी। अब इन स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों ने सरकार को भेजी है। इसी प्रकार संभाग के पाली में 68, बाड़मेर में 53, जैसलमेर में 36, सिरोही में 25, जालोर में 41 व नागौर में 67 स्कूलें ऎसी है जो बंद हो गई लेकिन मान्यता खत्म नहीं हुई।
कैसे खुले नए सरकारी विद्यालय
निजी स्कूलों के चलते सरकार ऎसे क्षेत्रों में नई सरकारी स्कूलें खोलने से बचती है। क्योंकि अधिकांश बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश लेते हैं। ऎसे में बंद स्कूलों की सूचना शिक्षा विभाग को समय पर मिलती है तो नई स्कूलें खुलने की राह प्रशस्त हो सकती है। अब सरकार इस बात की जांच कर रही है कि बंद स्कूलों में कोई ऎसी स्कूल तो नहीं है जिसने सरकार से रियायती दर पर जमीन ली और बाद में स्कूल ही बंद कर दी। ऎसी बंद स्कूलों को मिली जमीन वापस ली सकती है।
सूचना मांगी है
प्रदेश के किस जिले में कितनी निजी स्कूलें बंद है। इसकी सूचना सभी डीईओ से मांगी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -रवि जैन, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थान -
शिक्षा विभाग अपने कार्य को लेकर कितना सजग है। इसका खुलासा हाल ही में सरकार को सभी जिलों से मिली रिपोर्ट में हुआ है। हर वष्ाü प्रदेश में सैंकड़ों नई निजी स्कूलें खुलती है। शिक्षा विभाग मान्यता तो दे देता है लेकिन यह स्कूलें खुलकर कब बंद हो जाती है यह विभाग को भी पता नहीं है। प्रदेश में ऎसी 1200 व जोधपुर संभाग में 450 स्कूलें सामने आई है जो बंद है। लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से जांच नहीं होने से इनकी मान्यता खत्म नहीं की गई।
यह है जोधपुर संभाग की स्थिति
जोधपुर जिले में 152 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलें ऎसी है जो कागजों में मान्यता प्राप्त चल रही है। जबकि मौके पर स्कूलों का नामोनिशान तक नहीं है। इनमें लूणी, बिलाड़ा में 7-7, फलोदी में 5, बालेसर में 4 व जोधपुर शहर की 129 स्कूलें शामिल है। यह तो प्रारम्भिक रिपोर्ट है। यह संख्या करीब 150 से ऊपर जाएगी। अब इन स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों ने सरकार को भेजी है। इसी प्रकार संभाग के पाली में 68, बाड़मेर में 53, जैसलमेर में 36, सिरोही में 25, जालोर में 41 व नागौर में 67 स्कूलें ऎसी है जो बंद हो गई लेकिन मान्यता खत्म नहीं हुई।
कैसे खुले नए सरकारी विद्यालय
निजी स्कूलों के चलते सरकार ऎसे क्षेत्रों में नई सरकारी स्कूलें खोलने से बचती है। क्योंकि अधिकांश बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश लेते हैं। ऎसे में बंद स्कूलों की सूचना शिक्षा विभाग को समय पर मिलती है तो नई स्कूलें खुलने की राह प्रशस्त हो सकती है। अब सरकार इस बात की जांच कर रही है कि बंद स्कूलों में कोई ऎसी स्कूल तो नहीं है जिसने सरकार से रियायती दर पर जमीन ली और बाद में स्कूल ही बंद कर दी। ऎसी बंद स्कूलों को मिली जमीन वापस ली सकती है।
सूचना मांगी है
प्रदेश के किस जिले में कितनी निजी स्कूलें बंद है। इसकी सूचना सभी डीईओ से मांगी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -रवि जैन, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थान -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें