20 महीने पहले हुई थी प्रेमिका की हत्या, जेल से बाहर आते ही प्रेमी ने ऐसे लिया बदला
बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय जिले के कोठिया गांव में 20 माह पहले एक युवती की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। उस समय युवती का प्रेमी जेल में बंद था। जैसे ही वह जेल से बाहर आया उसने प्रेमिका के पिता और चाचा को गोली मार दी। चाचा की मौत हो गई वहीं पिता की हालत गंभीर है। घरवालों ने ही सिर काटकर कर दी थी हत्या...
पुलिस के अनुसार 20 महीने पहले प्रगति उर्फ अंजलि की उसके घरवालों ने ही सिर काटकर हत्या कर दी थी। उन्होंने उसका सिर काट कर गंगा नदी में फेंक दिया था।
प्रेमिका के हत्या के समय प्रेमी था जेल में
जिस वक्त अंजलि की हत्या हुई उस वक्त उसका प्रेमी मुन्नू सिंह जेल में बंद था। 20 माह बाद जेल से बाहर आने पर मुन्नू सिंह ने प्रेमिका की हत्या का बदला लेने के लिए 27 नवंबर को दिनदहाड़े अपने साथियों के साथ प्रेमिका के पिता की दुकान पर हमला कर दिया। इस हमले में प्रेमिका के चाचा कमलकांत उर्फ बिजली की मौत हो गई और प्रेमिका के पिता संजीव कुंवर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हालांकि मृतक के परिजन 7 लाख रुपये लूट के लिए हत्या की बात कह रहे हैं।
शादीशुदा प्रेमी के साथ बगैर शादी के रह रही थी अंजलि
सदर एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि अंजली अपने मौसेरे भाई के शादीशुदा मित्र मुन्नू के प्रेम में इस कदर दीवानी हुई कि बगैर शादी के ही उसके साथ रहने लगी। यह प्रेम कहानी वर्ष 2014 से शुरू हुई थी। वह बिना शादी के ही प्रेमी के ननिहाल खम्हार में रहने लगी।
प्रेमी के जेल जाने के बाद प्रेमिका की हुई थी हत्या
13 अप्रैल 2014 को चचेरे मामा सुबोध सिंह पर जानलेवा हमला करने के आरोप में मुन्नू को जेल जाना पड़ा। तब अंजलि प्रेमी मुन्नू के घर राहटपुर रहने चली गई। 23 अप्रैल को मुखिया और सरपंच के समक्ष स्टांप पेपर पर अंजलि के साथ गलत व्यवहार नहीं करने का वादा कर परिजन अंजली को अपने साथ कोठिया लेकर चले आए। कोठिया आने के पांच दिन बाद 28 अप्रैल को शाम्हो थाना क्षेत्र के सोनवर्षा बहियार के गंगा सोती में एक युवती का सिर कटी लाश मिली थी। पोस्टमार्टम के दौरान मृतका के पास एक कागज के टुकड़े पर लिखा हुआ मोबाइल नंबर मिला, जो जेल में बंद उसके प्रेमी मुन्नू का था। इसी आधार पर उसकी पहचान अंजली के रूप में हुई। पुलिस ने प्रगति की हत्या के आरोप में उसके मौसा ग्यासनंदन सिंह उर्फ गेशो सिंह और प्रगति के पिता संजीव कुंवर को जेल भेज दिया था।