तंग गलियों में ऐसी लाइफ जीते हैं ट्रांसजेंडर्स, मजबूरी में बन जाते हैं सेक्स वर्कर
मुंबई:इंडियन रेलवे ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग का दर्जा दे दिया है। रेलवे के बुकिंग फार्म में इसके लिए कॉलम बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। हमारे देश में आज भी ट्रांसजेंडर्स की लाइफ मुश्किलों से भरी हुई है। स्पेन के फोटोग्राफर अलेसांड्रो विंसेंसजी ने मुंबई में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स की लाइफ को अपने कैमरे के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया था। बताई ये सच्चाई..
- फोटोग्राफर अलेसांड्रो विंसेंसजी अक्सर अपने प्रोजेक्ट्स के लिए इंडिया आते रहते हैं।
- ऐसे ही एक प्रोजेक्ट के तहत उन्होंने मुंबई में रहने वाले ट्रांसजेंडर की लाइफ कैमरे में कैद किया था।
- अलेसांड्रो ने मुंबई की तंग गलियों में पसरे सन्नाटे और अंधेरों में मुश्किल से रहते हुए कुछ ट्रांसजेंडर की लाइफ को दिखाया था।
- उनसे बातचीत करने के दौरान अलेसांड्रो को इस बात का अहसास हो गया कि पेट पालने के लिए कुछ गलियों में नाचकर, तो कुछ प्रोस्टीट्यूट बनकर पैसे कमाते हैं।
- अलेसांड्रो ने इनकी लाइफ की मुश्किलें को अपने फोटोज में दिखाने का प्रयास किया है।
एक याचिका पर रेलवे ने लिया यह फैसला
- रेलवे टिकट कैंसिल कराने वाले फॉर्म में महिला और पुरुषों के साथ-साथ अब ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के तौर पर शामिल कर लिया गया है।
- एक वकील के आवेदन पर यह फैसला लिया गया है। टिकट बुकिंग और रद्द कराने के अलावा यह सुविधा ऑनलाइन टिकटिंग प्रणाली पर भी मिलेगी।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने एक वकील के माध्यम से आई इस जनहित याचिका पर कार्रवाई के लिए रेल मंत्रालय को कार्रवाई करने के लिए कहा था।
- न्यायालय के अप्रैल-2014 के निर्देशों को मानते हुए रेल मंत्रालय ने हिजड़ा, किन्नर और बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए अब उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दे दी है।
- जनहित याचिका में ट्रांसजेंडर को सामाजिक और आर्थिक तौर पर रियायत देने की मांग की गई थी।
- इसके अलावा उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय की देखभाल एवं अधिकारों की रक्षा के लिए सभी ट्रेनों में स्पेशल कोटा देने की मांग भी की गई थी लेकिन रेलवे ने अभी ट्रांसजेंडर को किसी भी प्रकार की सुविधा देने से इंकार किया है।
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