सोमवार, 28 नवंबर 2016

बाडमेर कृषि मण्डी चुनाव हेतु अस्थायी मतदाता सूची पर सुझाव /आपत्तियां 2 दिसम्बर तक प्रस्तुत की जा सकेगी।-

बाडमेर कृषि मण्डी चुनाव हेतु अस्थायी मतदाता सूची पर सुझाव /आपत्तियां 2 दिसम्बर तक प्रस्तुत की जा सकेगी।-


कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के निर्वाचन हेतु अस्थायी मतदाता सूची राजस्थान कृषि उपज मण्डी नियम 1963 के उपबन्धो के अनुसार तैयार की जाकर दिनांक 17.11.2016 को प्रकाशित की जा चुकी है।

प्राधिकृत अधिकारी एंव एसडीएम बाडमेर अजय ने बताया कि उक्त अस्थायी मतदाता सूची कार्यालय समय के दौरान निर्वाचन प्राधिकारी तथा कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के कार्यालय के साथ ही पंचायत समिति कार्यालय बाडमेर, शिव, रामसर, गडरारोड़, बायतु, गिड़ा, सिणधरी, गुड़ामालानी, धौरीमना, धनाऊ, सेडवा, चैहटन, एवं गौणमण्डी कार्यालय धोरीमना, चैहटन, गुड़ामालानी, सिणधरी एंव बायतु के कार्यालय में निरीक्षण के लिए उपलब्ध है। व्यापारी/दलालों एवं तुलाई/मापको/सर्वेक्षको/भण्डारपालों/अन्य व्यक्तियो की मतदाता सूची का अस्थायी प्रकाशन गौण मण्डी कार्यालय एवं व्यापार संघ तथा हम्माल संघ सहित मण्डी समिति कार्यालय में निरीक्षण के लिए उपलब्ध है।




प्राधिकृत अधिकारी एंव एसडीएम बाडमेर अजय ने बताया कि कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के निर्वाचन हेतु कृषक वर्ग के कुल 08 निर्वाचन क्षैत्र है जिसमें 12 पंचायत समितियों के पंच, सरंपच, पंचायत समिति सदस्य एंव जिला परिषद् के सदस्य मतदाता है।




व्यापारी/दलाल के दो निर्वाचन क्षैत्र है जिसमें वार्ड संख्या 01 में मुख्यमण्डी प्रांगण के भीतर के व्यापारी एंव दलाल तथा वार्ड संख्या 02 में मुख्यमण्डी प्रांगण के बाहर के व्यापारी एंव दलाल, मतदाता है तथा हम्माल/तुलाईकार का 01 निर्वाचन क्षैत्र है। अतः इन तीनो निर्वाचन क्षैत्रों में कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के व्यापारी/दलाल एवं हम्माल आदि अनुज्ञापत्रधारी ही मतदाता है।




प्राधिकृत अधिकारी एंव एसडीएम बाडमेर अजय ने बताया कि यदि सूचियों में नाम का समावेश करने के लिए कोई दावा करना चाहता हो या नाम समावेश किए जाने की आपत्ति हो या किसी प्रविष्ठि की विवरणियों पर कोई आपत्ति हो तो इसे दिनांक 02.12.2016 को 5ः00 पीएम बजे तक या इसके पूर्व दाखिल कर देना चाहिए, ऐसा दावा या आपत्ति लिखित में इस कार्यालय में की जा सकेगी तथा उसमें प्रसंगत निर्वाचन क्षैत्र के आधार जिनसे सूचियों में प्रविष्टि किये जाने वाले किसी व्यक्ति के अधिकार का प्राख्यान या अधिकार का प्रत्याख्यान होता है वह साक्ष्य जिसे दावेदार या आपत्तिकर्ता का पता या उसका सूची में क्रमांक (यदि कोई हो) प्रस्तुत करने का आशय रखता हो।









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