शनिवार, 15 दिसंबर 2018

सिवाना। लाठी प्रकरण पर ग्रामीणों ने जताया रोष, निष्पक्ष जाँच - मुआवजे की मांग

सिवाना। लाठी प्रकरण पर ग्रामीणों ने जताया रोष, निष्पक्ष जाँच - मुआवजे की मांग


रिपोर्ट :- सुनील दवे / सिवाना
सिवाना। पिछले दिनों जैसलमेर के पोकरण के लाठी गाँव में मतदान दिवस पर असामाजिक तत्वों के बीच हुई लाठी-भाटा जंग में कई लोग चोटिल हुए तो वही एक वृद्ध व्यक्ति की मौत हो गई। लाठी गाँव में हुए इस पुरे घटनाक्रम को लेकर सिवाना कस्बें में ग्रामीणो ने रोष जताया। वही लोगो ने तहसील कार्यालय में पुलिस महानिदेशक के नाम तहसीलदार कालूराम कुम्हार को ज्ञापन सौंपकर दोषी अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए मामले की निष्पक्षता से जांच करवाने एवं पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की।



गौरतलब रहे कि पोकरण के लाठी गाँव में 7 दिसम्बर को मतदान करने जा रहे मतदाताओं पर कुछ असामाजिक तत्वो ने लाठी डंडों से हमला कर दिया था। इस हमले में मतदान करने जा रहे कई बेकसूर आम मतदाता गंभीर रूप से घायल हो गये थे जिसमें से एक गंभीर घायल जुगताराम सुथार ने बीते दिनों ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उक्त प्रकरण में जाँच करवाने की मांग उपस्थित कई संगठनो के पदाधिकारियों द्वारा की गयी।


इस दौरान जोगाराम सुथार, द्वारकाप्रसाद सोनी, तनसिंह देवन्दी, बबलू जांगिड़, एडवोकेट ललित जांगिड़, ललित ओझा, सुरेश जांगिड़, सुरेंद्रसिंह पादरडी, नरेंद्रसिंह, मुकेश लंगेरा, शंकर लाल, गोविंदराम, वीरमाराम, जितेंद्रसिंह राजपुरोहित, तेजपाल, गोविंद लखारा, नितेश शर्मा, जवेरीलाल, किशोर जांगिड़, राणाराम जांगिड़, श्रवण जांगिड़, नीरज जांगिड़, यशवंत, भोपत, ओमप्रकाश, कैलाश, माणक सहित विविध समाज के कई लोग उपस्थित रहे। 

बाड़मेर। राहुल गांधी देश की जनता से माफी मांगे - पालीवाल

बाड़मेर। राहुल गांधी देश की जनता से माफी मांगे - पालीवाल

बाड़मेर। भारतीय जनता पार्टी बाड़मेर के जिला अध्यक्ष दिलीप पालीवाल ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयानों की कड़े निंदा करते हुए उन पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में जो व्यक्ति "चौकीदार चोर है" के जूठे नारे लगा लगा कर विधानसभा चुनाव का लाभ ले रहा था आज वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी गलती को स्वीकार करे। 
दिलीप पालीवाल बाड़मेर के लिए इमेज परिणामपालीवाल ने राहुल गांधी के बयानों की कडी निंदा करते हुए देश की जनता के सामने सार्वजनिक रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राहुल गांधी माफी मांगे वह अपनी गलती स्वीकार करे, उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी मान लिया है कि प्रधानमंत्री पूर्णतः ईमानदार व्यक्तित्व के धनी है एवं राफेल सौदे में किसी तरह का किसी भी व्यक्ति को लाभ दिलाने की उनकी कोई मंशा नहीं थी फिर भी इन पर झूठे आरोप लगाकर बार बार प्रधानमंत्री जी को चोर कह कर गलत तरीके से बयान बाजी की गई इसके लिए कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भारत की जनता से भी माफी मांगे ।पालीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए निर्णय का स्वागत करे एवम भविष्य में इस तरह की हल्की बयानबाजी करके जनता को गुमराह करने का प्रयास नही करे।

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

राजभवन पहुंचे गहलोत,सचिन के साथ मानवेन्द्र सिंह

राजभवन पहुंचे गहलोत,सचिन के साथ मानवेन्द्र सिंह

जेयपुर राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के गठन को लेक्ट अभी अशोक गहलोत ,सचिन पायलट के साथ मानवेन्द्र सिंह राजभवन पहुंचे।।राज्यपाल से मुलाजत कर शोथ ग्रहण के सैन्य और कर्र्यक्रम पर चर्चा की।।

*बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी*

*बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी*

बाड़मेर। प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नाम पर ऊपर से पिछले तीन दिन की माथापच्ची के बाद अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा का गहलोत समर्थकों ने जबरदस्त स्वागत किया है । शुक्रवार शाम जैसे ही अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा हुई बाड़मेर के कांग्रेसजनों मे खुशी की लहर छा गयी। गहलोत समर्थको ने शहर के अहिंसा चैराहे पर आतिशबाजी कर मिठाई बांटी साथ ही गहलोत समर्थकों ने आतिशबाजी कर गहलोत के जयकारे भी लगाए।

पहला विधानसभा चुनाव हारे थे गहलोत,संजय गांधी की खास थे

पहला विधानसभा चुनाव हारे थे गहलोत,संजय गांधी की खास थे

जोधपुर. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे। 67 साल के गहलोत इससे पहले 1998 और 2008 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गहलोत संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं। वे उन नेताओं में से हैं जो गांधी परिवार के काफी करीबी रहे।


अशोक गहलोत 1973 से 1979 तक कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उन्होंने 1977 में सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इस चुनाव में वे हार गए थे। वे संजय गांधी के काफी करीबी माने जाते थे। 1980 के मध्यावधि चुनाव में गहलोत को जोधपुर से लोकसभा प्रत्याशी


घोषित किया गया। वे यहां से सांसद बनकर पहली बार राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचे।




इंदिरा, राजीव और राव के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं गहलोत
गहलोत इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की केंद्र सरकार में पर्यटन, खेल और नागरिक उड्डयन मामलों के राज्य मंत्री रहे हैं। गहलोत को 1989 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा नेता जसवंत सिंह ने हराया था। लेकिन इसके बाद लगातार तीन बार वे जोधपुर के सांसद चुने गए। 1998 में वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद से वे सरदारपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से वे लगातार पांच बार चुनाव जीत चुके हैं।


संगठन पर गहलोत की पकड़
गहलोत को संगठन चलाने की क्षमता में माहिर माना जाता है। 1985 में 34 साल के गहलोत को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। चार वर्ष तक वे इस पद पर रहे। इसके बाद वे दो बार




फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। 2004 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमन्त्रित सदस्‍य बनाया गया। इसी साल उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। पांच वर्ष वे इस पद पर रहने के बाद फिर प्रदेश की राजनीति में लौटे और मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में गहलोत कांग्रेस महासचिव हैं।

तो क्या अब सचिन पायलट की टीम राजस्थान में मुस्तैदी से काम करेगी? अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के पद रहते हुए कितना तालमेल बैठा पाएंगे। प्रियंका गांधी की भी भूमिका। पायलट के लिए आसान नहीं होगा समर्थकों को समझाना।


तो क्या अब सचिन पायलट की टीम राजस्थान में मुस्तैदी से काम करेगी? अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के पद रहते हुए कितना तालमेल बैठा पाएंगे। प्रियंका गांधी की भी भूमिका। पायलट के लिए आसान नहीं होगा समर्थकों को समझाना।
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अब जब दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 14 दिसम्बर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, तब यह सवाल उठता है कि क्या अब सचिन पायलट की टीम प्रदेश में मुस्तैदी से कांग्रेस के लिए काम करेगी। सब जानते हैं कि पिछले पांच वर्षों में पायलट की टीम ने राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2013 में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा और 200 में से मात्र 21 विधायक कांग्रेस के जीत पाए। ऐसी बुरी दशा में पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर संभाली और 2018 में कांग्रेस के सौ उम्मीदवार विधायक बन गए। लेकिन जब मुख्यमंत्री बनने की बात आई तो कांग्रेस हाईकमान ने उन्हीं अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया जिनके कार्यकाल में मात्र 21 सीटें आई थी। यही वजह है कि अब सचिन पायलट की टीम के लोग यह सवाल कर रहे है कि पांच वर्ष तक मेहनत करने का क्या फायदा हुआ? यदि कांग्रेस हाईकमान की नजर में गहलोत ही सब कुछ है तो फिर 2013 में बुरी हार के बाद ही गहलोत को प्रदेश अध्यक्ष बना देना चाहिए था। सब जानते हैं कि उस समय प्रदेशभर में गहलोत का विरोध था, इसलिए उन्हें प्रदेश की र ाजनीति से हटा कर दिल्ली बुला लिया। पायलट ने प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद न केवल उपचुनावों में कांगे्रस को जीत दिलवाई बल्कि पंचायती राज और स्थानीय निकायों के चुनावों में भी मजबूती दिलवाई। 11 माह पहले हुए लोकसभा के दो उपचुनावों में तो कांग्रेस ने सभी 17 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। इससे कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना उसका फायदा विधानसभा के चुनाव में हुआ। प्रदेशभर के लोगों को यही उम्मीद थी कि पायलट ही मुख्यमंत्री बनेगे। लेकिन राहुल गांधी ने गहलोत को ही फिर से मुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे में सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि यदि गहलोत के कार्यकाल के दौरान 2013 वाले हालात उत्पन्न हुए तो फिर कौन जिम्मेदार होगा? मुख्यमंत्री के पद को लेकर पिछले दो दिन से दिल्ली में जो खींचतान हुई उसमें साफ हो गया कि गहलोत और पायलट अलग-अलग हैं। राजस्थान की राजनीति को समझने वाले जानते है कि पूर्व में जब पायलट केन्द्र में मंत्री थे और गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, तब  दोनों में तालमेल नहीं था। जानकारों की माने तो पायलट जिन अधिकारियों के लिए सिफारिश करते थे, उन पर राजस्थान की सरकार कोई कार्यवाही नहीं करती थी। आखिर के दिनों में तो पायलट ने अपने लोगों से यह कहना शुरू कर दिया कि राज्य सरकार को पत्र लिखने से कोई फायदा नहीं हैं। अब जब सचिन पायलट और उनकी टीम की मेहनत का फायदा गहलोत ने उठा लिया है तो यह सवाल भी अपने आप में महत्वपूर्ण है कि सचिन पायलट की गहलोत की सरकार में कितनी चलेगी? सचिन पायलट के समर्थक विधायक भी मंत्री बनना चाहेंगे। आने वाले दिनों में पता चलेगा कि मंत्री मंडल में पायलट के कितने विधायक शामिल होते हैं। यदि दोनों नेताओं में तालमेल नहीं रहा तो मई में होने वाले लोकसभा के चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा। यह तीसरा अवसर होगा, जब अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम बनने जा रहे हैं। इसे अशोक गहलोत का जादू ही कहा जाएगा कि वे सीएम पद की शपथ ले रहे हैं।
प्रियंका का दखल:
गहलोत को मुख्यमंत्री बनवाने में कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी के साथ साथ राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी की भी सक्रिय भूमिका रही हैं। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहते थे, लेकिन सोनिया और प्रियंका की दखल के बाद राहुल को अपना निर्णय बदलना पड़ा, लेकिन जब पायलट ने नाराजगी व्यक्त की तो राहुल गांधी को पायलट के दोस्त भंवर जीतेन्द्र सिंह को बुलाना पड़ा। 14 दिसम्बर की सुबह राहुल के आवास पर भंवर जीतेन्द्र और प्रियंका गांधी के बीच मुलाकात हुई इस मुलाकात में ही पायलट को समझाने की कोशिश की। सूत्रों की माने तो पायलट सशर्त राजी हुए है। यानि गहलोत मंत्री मंडल में पायलट के समर्थकों की संख्या ज्यादा रहेगी। मंत्री मंडल के सदस्यों के नाम पर ही राहुल गांधी के सामने सहमति बनी है।
विधायक दल की बैठक में होगा चयन:
जयपुर के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी और इसी में अब गहलोत को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। गहलोत और पायलट में कोई विवाद नजर न आए इसके लिए पायलट द्वारा गहलोत का नाम प्रस्तावित किया जाएगा। 14 दिसम्बर की रात तक गहलोत को नेता चुने जाने की जानकारी राज्यपाल कल्याण सिंह को दे दी जाएगी। माना जा रहा है कि गहलोत मुख्यमंत्री पद की शपथ जल्द लेंगे।
पायलट के लिए आसान नहीं होगा:
भले ही पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी के सामने गहलोत को सीएम बनाने पर सहमति दे दी हो लेकिन राजस्थान में अपने समर्थकों खास कर अपनी गुर्जर जाति के लोगों को समझाना पायलट के लिए आसान नहीं होगा। प्रदेश भर के गुर्जर समुदाय ने इस बार कांग्रेस के पक्ष में एकतरफ मतदान किया, इसकी वजह यही थी कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। पायलट ने टोंक विधानसभा क्षेत्र ेस चुनाव भी इसलिए लड़ा कि वहां मुस्लिम मतद ाताओं के साथ साथ गुर्जर मतदाताओं की संख्या भी ज्यादा है। 54 हजार मतों की जीत बताती है कि पायलट के पक्ष में किस तरह मतदान हुआ। हालांकि पायलट बार बार छत्तीस कौमों के समर्थ का दावा करते हैं। पायलट ने कांग्रेस को बहुमत मिलने पर सर्व समाज का आभार भी जताया है। पायलट के सीएम बनने बनने से उनके समर्थकों में निराशा है। ऐसे में देखना होगा कि पायलट अपने समर्थकों में किस प्रकार से जोश भरते है।
एस.पी.मित्तल) (14-12-18)
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RCA मामले में बड़ा फैसला, सीपी जोशी की अध्यक्ष के रूप में बहाली , राठौड़ रहेंगे कोषाध्यक्ष

RCA मामले में बड़ा फैसला, सीपी जोशी की अध्यक्ष के रूप में बहाली , राठौड़ रहेंगे कोषाध्यक्ष


राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) मामले में आज एक बड़ा फैसला आया है, जिसमें डॉ. सीपी जोशी की अध्यक्ष के रूप में बहाली हो गई है। RCA को लेकर खेल सचिव के फैसले में एडहॉक गठन का फैसला निरस्त किया गया है।


वहीं इस बहाली के साथ ही पुराना कार्यकारिणी को भी यथावत रहेगी। इस बहाली के साथ ही आरसीए के कोषाध्यक्ष पद बाड़मेर के आजादसिंह राठौड़ ही रहेंगे।

गौरतलब है कि आरसीए मोदी और जोशी गुट के तौर पर खेमों में बंटा नजर आया और विवादों का अखाड़ा ही बनाता जा रहा था जिसके चलते आरसीए की कार्यकारिणी भंग कर दिया गया था।

बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी

बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी

बाड़मेर। प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नाम पर ऊपर से पिछले तीन दिन की माथापच्ची के बाद अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा का गहलोत समर्थकों ने जबरदस्त स्वागत किया है । शुक्रवार शाम जैसे ही अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा हुई बाड़मेर के कांग्रेसजनों मे खुशी की लहर छा गयी। गहलोत समर्थको ने शहर के अहिंसा चैराहे पर आतिशबाजी कर मिठाई बांटी साथ ही गहलोत समर्थकों ने आतिशबाजी कर गहलोत के जयकारे भी लगाए।


बाड़मेर ब्लॉक प्रवक्ता छोटूसिंह पंवार ने बताया कि सभी कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को बधाई दी और अहिंसा सर्किल पर पटाखे फोड़कर गहलोत के मुख्यमंत्री बनने का जश्न मनाया।

इसमें बाड़मेर नगर परिषद के उपसभापति प्रीतमदास जीनगर, उपप्रधान कुटलाराम मेघवाल, पार्षद तरुण सिंधी, खुमानसिंह बोथिया, रफीक भाई, मूलाराम पूनड़, जितेन्द्रसिंह , हुकमाराम माली, थानवीर माली , राजू माली, रवि सेवकानी, अर्जुनसिंह , दिलीपसिंह सहित कई कांग्रेसी मौजूद रहे।

*केंद्रीय अध्ययन दल 16 से बाड़मेर जिले के दौरे पर*

*केंद्रीय अध्ययन दल 16 से बाड़मेर जिले के दौरे पर*

*बाड़मेर, 14 दिसंबर।*
बाड़मेर जिले में सूखे से प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए 16 दिसंबर को केंद्रीय अध्ययन दल आएगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय अध्ययन दल 16 एवं 17 दिसंबर को बाड़मेर जिले के दौरे पर रहेगा। केंद्रीय अध्ययन दल के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान बाड़मेर, सिणधरी एवं शिव उपखंड अधिकारी को समन्वय अधिकारी नियुक्त किया गया है।

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन हुई बहाल,आज़ाद सिंह रहेंगे कोषाध्यक्ष*

*राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन हुई बहाल,आज़ाद सिंह रहेंगे कोषाध्यक्ष*

*राजस्थान के प्रमुख सचिव स्पोर्ट्स ने आर सी ए को बहाल कर दिया।।बहाली के साथ ही पुरानी कार्यकारिणी भी बहाल हो गई।सी पी जोशी अध्यक्ष और आज़ाद सिंह राठौड़ कोषाध्यक्ष रहेंगे।।

जेसलमेर। स्कूली 17 वर्षीय राष्ट्रीय बास्केटबाॅल प्रतियोगिता में जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी के चार खिलाड़ी चयनित अकादमी के राजवीर सिंह भाटी होंगे राजस्थान टीम के कप्तान

जेसलमेर। स्कूली 17 वर्षीय राष्ट्रीय बास्केटबाॅल प्रतियोगिता में जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी के चार खिलाड़ी चयनित
अकादमी के राजवीर सिंह भाटी होंगे राजस्थान टीम के कप्तान
राज्य से सर्वाधिक चार खिलाड़ी अकादमी से है

जैसलमेर। राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग व राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद द्वारा संचालित जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी के खिलाड़ी राजवीर सिंह भाटी, मुकेष बंजारा, नितेष बाॅगड़वा व षिवम कुमावत का चयन स्कूल गेम्स फेडरेषन आॅफ इंडिया द्वारा आयोजित 64 वीं राष्ट्रीय विधालयी 17 वर्षीय बास्केटबाॅल प्रतियोगिता दिल्ली में 14 से 19 दिसम्बर 2018 तक के लिये किया गया है। राजस्थान टीम में सर्वाधिक चार खिलाड़ी जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी से लिये गये है। जैसलमेर अकादमी की टीम हाल ही में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता बाड़मेर में स्वर्ण पदक विजेता रही थी। इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट खेल प्रदर्षन के आधार पर चार खिलाड़ियों का चयन राजस्थान टीम के लिये किया गया है। एवं राजस्थान टीम का कप्तान अकादमी के अन्तराश्ट्रीय खिलाड़ी राजवीर सिंह भाटी को बनाया गया है। इस उपलब्धि के लिये रूपाराम धनदे विधायक जैसलमेर एवं तत्कालीन अध्यक्ष जिला बास्केटबाॅल संघ एवं मुख्य सरंक्षक जिला बास्केबाॅल संघ जैसलमेर ने अपनी ओर से ष्षुभकामनाएं देते हुए आषा जताई कि राष्ट्र स्तर पर भी स्वर्ण पदक प्राप्त करें। ज्ञात रहें जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी की स्थापना में इनकी महती भूमिका रही है। एवं ओम कसेरा जिला कलक्टर एवं पदेन अध्यक्ष जिला क्रीड़ा परिषद जैसलमेर, नारायण सिंह सचिव राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद जयपुर ने, जिला बास्केटबाॅल संघ के अध्यक्ष आषाराम सिंधी एवं सचिव हरीष धनदे ने खेल अधिकारी एवं अकादमी के प्रभारी लक्ष्मण सिंह तंवर, अकादमी के बास्केटबाॅल प्रषिक्षक राकेष बिष्नोई व खिलाड़ियों को ष्षुभकामनाएॅ दी है। सभी खिलाड़ी अमर शहीद सागरमल गोपा राउमावि जैसलमेर के नियमित छात्र है। इस उपलब्धि के लिये विधालय के प्राचार्य नवल किषोर व विधालय स्टाॅफ व जिले के विभिन्न खेल संघों एवं खेल प्रेमियों द्वारा खिलाड़ियों को ष्षुभकामनाएॅ दी है।
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बाडमेर सीमा सुरक्षा बल के महानिरिक्षक ने सीमा चौकियों का किया निरीक्षण

बाडमेर सीमा सुरक्षा बल के महानिरिक्षक ने सीमा चौकियों का किया निरीक्षण

सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक श्री गुरपाल सिंह द्वारा सीमा चौकीयो  तथा सीमांत इलाकों का निरीक्षण किया। इसमें सीमा चौकी नूरी का टिब्बा,न्यू सुंदरा तथा मुनाबाव के सीमा प्रबंधन तथा सक्रियात्मक ड्यूटीयो को देखा एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीमा सुरक्षा बल के जवानों को पड़ोसी देश द्वारा की जा रही हरकतों से आगाह रहने तथा सीमा पर ओर अधिक चौकस तथा मुस्तैदी से ड्यूटी करने की सलाह दी।  इसके उपरांत उप महानिरीक्षक महोदय द्वारा गांव पांचला में सिविक एक्शन प्रोग्राम 2018 का शुभारंभ किया। ग्रामीणों के मध्य खेल भावना को प्रोत्साहन देने हेतु जयसिन्दर स्टेशन,सजनानी,रोहिणी तथा पांचला गाँवो की टीमों के मध्य वॉलीबॉल मैच आयोजित किया जिसमें पांचला गांव की टीम विजेता तथा रोहिणी की टीम उप विजेता रही।  विजेता टीम,उपविजेता टीम को पुरस्कार,ग्रामीणों हेतु नवनिर्मित वॉलीबॉल ग्राउंड,कौशल दक्षता प्रोग्राम के तहत आयोजित मोटर साइकिल मैकेनिक कोर्स के प्रतिभागियों को टूल किट तथा सर्टिफिकेट,आदर्श विद्यालय रोहिणी, पांचला, सुंदरा के विद्यालयों हेतु वरिष्ठ अध्यापकों को विद्यार्थियों हेतु दरी पट्टी,पंखे,टाट पट्टी आदि का वितरण किया गया।  उक्त कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक श्री गुरपाल सिंह,समादेष्टा श्री अजय कुमार,द्वितीय कमान अधिकारी श्री रविंद्र ठाकुर सहित अन्य अधिकारी तथा जवान उपस्थित थे वहीं मुख्य अतिथि गडरा रोड तहसीलदार श्री डालाराम जी,पांचला  गांव के वरिष्ठ ग्रामीण सवाई सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे। महा निरीक्षक श्री गुरपाल सिंह ने सीमावर्ती ग्रामीणों को सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस बताया तथा चिकित्सा सुविधा हेतु सीमा सुरक्षा बल की मदद लेने से गुरेज न करने की सलाह दी। अंत में सवाई सिंह ने सीमा सुरक्षा बल द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।

*जोधपुर एल0डी0सी0 सहदेवसिंह के ब्लाईंट मर्डर का पर्दाफास, सगा साढू निकला हत्यारा*

*जोधपुर एल0डी0सी0 सहदेवसिंह के ब्लाईंट मर्डर का पर्दाफास, सगा साढू निकला हत्यारा*

जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण राजन दुष्यंत ने बताया कि दिनांक 10.12.2018 को लोहावट थानान्तर्गत फतेहसागर स्कूल में कार्यरत एल0डी0सी0 श्री सहदेवसिंह के ब्लाईंड मर्डर के अभियुक्त भगवानसिंह पुत्र स्व. श्री खेतसिंह रावणा राजपूत निवासी फतेहगढ़ पुलिस थाना देचू, श्रीमति जया कंवर पत्नी स्व0 श्री सहदेवसिंह जाति रावणा राजपूत को गिरफ्तार तथा विधि से सघर्षरत 5 बाल अपचारियों को पुलिस संरक्षण में लेकर घटना का पर्दाफाश करने में सफलता अर्जित की है।

*घटना -* दिनांक 11.12.2018 को बमुकाम मौकास्थल पर मृतक सहदेव के भाई दरियावसिंह ने रिर्पोट दी कि मेरा भाई सहदेवसिंह फतेहसागर स्कूल में नौकरी करता है। दिनांक 10.12.18 को सहदेवसिंह अपनी मोटरसाईकल पर घर से स्कूल के लिये निकले। शाम को छुट्टी होने के बाद भी घर नही पहुंचने पर मोबाईल पर सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो मोबाईल फोन बंद मिला। परिजनों द्वारा स्कूल प्रशासन से सम्पर्क किया तो बताया कि सहदेवसिंह परीक्षा की लेखन सामग्री लाने हेतु स्कूल से 10.30 बजे फलोदी गया था। फलोदी में स्टेशनरी की दूकान पर पूछताछ करने पर पता चला कि वह दोपहर स्टेशनरी लेकर वहां से वापस चला गया। परिजनों ने सहदेवसिंह की तलाश सभी संभावित स्थानों पर की गयी तथा पुलिस थाना लोहावट में गुमशुदगी दर्ज करवायी थी। दिनांक 11.12.2018 को पुनः खोजबीन करते हुए परिजन जालोड़ा नहर पुलिया से पास मुडिया रोड के किनारे पहुंचे तो मुडिया रोड़ पर खून बिखरा मिला। आस-पास नजर डालने पर दूर बबुल की झाड़ियों में मोटरसाईकल दिखायी दी तथा पास में सहदेवसिंह की खून से लथपथ लाश पड़ी थी। मौके पर कई व्यक्तियों के पदचिन्ह एवं तीन मोटरसाईकल के टायरों के निशान पाये गये। जिस पर पुलिस थाना लोहावट में हत्या व सबूत नष्ट करने का मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।

*घटना की गंभीरता -* उक्त गंभीर अपराध की तुरन्त ही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सरगर्मी से अनुसंधान प्रारम्भ किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए मृतक सहदेव के परिजनों एवं गांव वालों ने मौके पर लाश के पास धरना देना शुरू कर दिया तथा पुलिस को मौके पर से लाश को उठाने नही दिया। दिनांक 12.12.2018 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी श्री जस्साराम बोस व अन्य अधिकारियों द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण से मौके पर उपस्थित मोजिज व्यक्तियों से जरिये टेलीफोन वार्ता करवाकर सरगर्मी से अनुसंधान करने तथा घटना का शीघ्र पर्दाफाश कर हत्यारों को गिरफ्तार करने के आश्वासन देने पर परिजनों द्वारा घटनास्थल से धरना समाप्त कर मृतक की लाश का पोस्टमार्टम एवं अंतिम संस्कार करवाने हेतु सहमत हुए।

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण राजन दुष्यंत ने घटनास्थल पर एफ0एस0एल0 टीम भेजकर साक्ष्य एकत्रित करवाये गये। मृतक के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी श्री जसाराम बोस, वृताधिकारी फलोदी श्री हरफूलसिंह, थानाधिकारी फलोदी श्री मदनसिंह, थानाधिकारी लोहावट    श्री हरीसिंह राजपुरोहित, थानाधिकारी देचू श्री दीपसिंह, थानाधिकारी जाम्बा श्री चैनप्रकाश, थानाधिकारी चाखू श्री बलदेवराम, श्री इमरान खान उ0नि0 तथा स्पेशल टीम प्रभारी अमानाराम मय टीम को मौके पर भेजकर ब्लाईंड मर्डर के पर्दाफास हेतु अलग-अलग टीमां का गठन किया गया।

*टीमों का गठन -* जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण स्वयं ने पुलिस थाना लोहावट पर कल दिनांक 13.12.2018 को ब्लाईंड मर्डर के पर्दाफाश में लगे अधिकारियों की मीटिंग लेकर घटनास्थल का निरीक्षण कर अनुसंधान में लगी टीमों का लगातार निर्देशन किया।  अनुसंधान के दौरान घटनास्थल से संकलित साक्ष्य एवं मतृक सहदेव एवं उसके परिवार के सम्पर्क में रहने वालों से गहन अनुसंधान किया गया। संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी गयी तथा घटना के हर सम्भव पहलु पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर जालोड़ा, दयोकोर, पीलवा एवं आस-पास के गांवों के आपराधिक प्रवृति के बदमाशान से पूछताछ की गयी। टीमों द्वारा किये गये अनुसंधान, मुखबीरान से प्राप्त सूचना एवं स्पेशल टीम द्वारा संकलित तकनीकी साक्ष्यो के आधार पर भगवानसिंह पुत्र स्व. श्री खेतसिंह रावणा राजपूत निवासी फतेहगढ़ पुलिस थाना देचू को दस्तयाब कर मनोवैज्ञानिक तरीको से गहनतापूर्वक पूछताछ की गयी तो घटना का पर्दाफाश करते हुए अपने 6 अन्य सहयोगियां के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया।

*ब्लाईंड मर्डर का पर्दाफाश -* दस्तयाबसुदा आरोपी भगवानसिंह पुत्र स्व. श्री खेतसिंह रावणा राजपूत निवासी फतेहगढ़ पुलिस थाना देचू को दस्तयाब कर गहनता से पूछताछ की गयी। पूछताछ में रिश्तो को तार-तार करने वाली एवं झंकझोरने वाली घटना सामने आई। मृतक सहदेवसिंह एवं अभियुक्त भगवानसिंह आपस में सगे साढू है। भगवानसिंह की शादी करीबन 10 साल पहले हुई थी तथा मृतक सहदेवसिंह की शादी करीबन 2 साल पहले हुई थी। मृतक की पत्नी जया तथा अभियुक्त भगवान सिंह (साली-जीजा) के आपस में अवैध संबंध बन गये तथा लगातार बाते होने लगी। अभियुक्त भगवानसिंह ने अपने साढू सहदेवसिंह को उसके तथा जया के बीच से हटाने लिये सहदेवसिंह की हत्या करने का प्लान किया।

अभियुक्त भगवानसिंह ग्राम पंचायत फतेहगढ़ में ग्राम सहायक लगा हुआ है तथा साथ में ही श्री देवराज उच्च माध्यमिक विद्यालय आसरलाई में पार्ट टाईम राजनीति विज्ञान पढाता है इसके साथ अभियुक्त पंचायत सहायक संघ का अध्यक्ष है। भगवानसिंह ने अपने प्लान को फलीभूत करने के लिये श्री देवराज उच्च माध्यमिक विद्यालय आसरलाई के 5 विद्यार्थियों एवं उसी स्कूल के प्राईवेट अध्यापक जयराम मेघवाल को साथ लिया। इससे पूर्व भी 2 बार भगवानसिंह एवं उसके उक्त सहयोगियों ने सहदेवसिंह की हत्या हेतु प्लानिंग की तथा आसरलाई से जालोड़ा की तरफ आये परन्तु सहदेवसिंह वहां पर नही आया तो ये लोग वापस चले गये।

हत्या से 2 दिन पूर्व मृतक ने अपनी शादी सालगिरह पर अपने ससुराल जैसलमेर में पार्टी रखी थी। वहां पर हत्यारा भगवानसिंह भी शामिल हुआ था। सहदेवसिंह के ससुराल वालों एवं भगवानसिंह ने उसे जैसलमेर में रूकने का कहा था परन्तु मृतक द्वारा फलोदी से स्कूल के अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पेपर लाने के कारण रूकने में मजबूरी बताकर जैसलमेर से वापस आ गया। इसी बात के आधार पर आरोपी भगवानसिंह को हत्या करने के लिये फलोदी एवं फतेहसागर के बीच नहर के पास सुनसान जगह को चिन्हित करने में आसानी हो गयी। हत्या करने के लिये भगवानसिंह ने कई दिन पहले ही लोहे का लगिया एवं छुरा अपने बैग में छुपाकर रख दिया था तथा लगातार हत्या की साजिश रच रहा था।

घटना के वक्त भगवानसिंह ने मृतक सहदेवसिंह को रूकवाकर कहा कि ‘‘आपके पीछे ए0सी0बी0 टीम (एन्टी करप्शन) लगी हुई है तथा आप अपना फोन बंद कर दो तथा झाडियों में छीप जाओ।’’ सहदेवसिंह ने उन पर विश्वास कर फोन बंद कर दिया तथा रोड़ से साईड मे मुडिया रोड़ पर आ गया। भगवानसिंह एवं उसके सहयोगियों ने सहदेवसिंह को पकड़कर उसके सिर पर लगियें से कई वार कर दिये। जिससे मृतक सहदेसिंह अचेत होकर नीचे गिर गया। भगवानसिंह ने अपने साथियों के सहयोग से अचैत सहदेवसिंह को घसीट बबुल की झाड़ियों में ले जाकर छुरा से गला रेत कर हत्या कर दी।

*हत्यारा था घटनास्थल पर सबसे आगे* - मृतक के हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर परिजनों एवं समाज के लोगों ने एक दिन तक शव नही उठाया तथा घटनास्थल पर धरना देकर रोष प्रकट किया था। धरने के दौरान हत्यारा सगा साढ़ू भगवानसिंह सबसे आगे होकर विरोध प्रदर्शन कर रहा था। उस पर कोई शक नही करे इसलिये उसने हर जगह पर अपनी उपस्थिति रखी तथा किसी शक जाहिर नही होने दिया।

*टीम होगी पुरूस्कृत -*

जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण ने उक्त घटना के पर्दाफाश में *अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी श्री जसाराम बोस के निर्देशन में वृताधिकारी फलोदी श्री हरफूलसिंह, थानाधिकारी फलोदी श्री मदनसिंह, थानाधिकारी लोहावट श्री हरीसिंह राजपुरोहित, थानाधिकारी देचू श्री दीपसिंह, श्री भरतरावत थानाधिकारी मतौड़ा, थानाधिकारी जाम्बा श्री चैनप्रकाश, थानाधिकारी चाखू श्री बलदेवराम, श्री इमरान खान उ0नि0, श्री पुनाराम है0कानि0 थाना देचू एवं स्पेशल टीम के प्रभारी श्री अमानाराम, श्री श्रवणकुमार, श्री देवाराम विश्नोई, श्री झुमरराम, श्री मोहनराम, श्री चिमनाराम, श्री विरेन्द्र एवं श्री मदन* व थाना लोहावट से श्री कानाराम, श्री घासीलाल, श्री महेशमीणा, श्री गोपीकिशन, श्री अचलदान, श्री राजेन्द्रसिंह, श्री सुमेरसिंह, श्री गोपालसिंह श्री प्रदीप तथा थाना देचू के कानि0 श्री कृष्णकुमार, अशोक कुमार, श्री अमरसिंह, श्री महिपाल एवं ओमप्रकाश की मुख्य भूमिका रही है। जिन्हे जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण ने पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

सस्पेंस खत्म ,अशोक गहलोत सीएम, सचिन पायलट बनेंगे उप-मुख्यमंत्री


सस्पेंस खत्म, अशोक गहलोत सीएम, सचिन पायलट बनेंगे उप-मुख्यमंत्री


जयपुर। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में अशोक गहलोत के सीएम बनने पर मुहर लगा दी है. राहुल गांधी का फ़ैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता के वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को सीएम पद और सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री पद दिए जाने की घोषणा की है.




राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 के लिए हुए चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित हुए थे. तब से नए मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची चल रही थी.अशोक गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार जताया.


वह कहते हैं, "मैं राहुल गांधी जी और अपने तमाम विधायकों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे एक बार फिर राजस्थान की सेवा करने का मौका दिया. मैं बस ये कहना चाहूंगा कि हम चुनाव प्रचार के दौरान जिन मुद्दों को लेकर चले थे, राहुल गांधी ने जिस तरह किसानों, युवाओं, और बीते पांच साल के कुशासन पर बात की. उन्होंने कहा है कि किसानों के कर्जे माफ होंगे, युवाओं को रोजगार मिलेगा, जन समस्याओं की सुनवाई होगी. मैं अभी बस ये कहना चाहूंगा कि मैं और मेरे साथी सचिन पायलट जी, राहुल गांधी जी की भावना के अनुरूप राजस्थान में सुशासन देंगे.



तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान गहलोत , अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री

तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान गहलोत , अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री


जयपुर . राजस्थान में कांग्रेस को मिली जीत के बाद से मुख्यमंत्री के पद को लेकर बनी गुत्थी दिल्ली के दरबार में सुलझ गई है. दिल्ली में तमाम मंथन और बैठकों के बाद राजस्थान में बनने वाली अगली सरकार के सीएम के तौर पर अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लग गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की.

गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री की कमान संभालेंगे. हालांकि, इस संबध में अधिकारिक रूप से घोषणा शाम तक की जाएगी. राजस्थान के चुनाव में मिली जीत के बाद से ही कांग्रेस के भीतर सीएम के पद को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ था. जयपुर में दो दौर में विधायक दल की बैठक के बाद भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की गुत्थी सुलझ नहीं पाई थी.

जयपुर में सीएम के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के बाद इस मामले को दिल्ली हाईकमान पर छोड़ दिया गया था. जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से बैठकों का दौर जारी रहा. दिल्ली पहुंचे गहलोत और पायलट से भी राहुल गांधी ने चर्चा की. साथ ही पार्टी स्तर पर बड़े नेताओं के साथ लंबे दौर के मंथन के बाद अंत में गहलोत के नाम पर मुहर लग गई.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस को मिली सीटों के बीच बहुमत सुई की नोक पर टिकी हुई है. इसे और मजबूत करने के लिए तथा 2019 के लोकसभा चुनाव को समीकरण को ध्यान में रखते हुए गहलोत के नाम पर हाईकमान ने सहमति जता दी है. राहुल के आवास से निकलने के दौरान गहलोत के चेहरे की मुस्कान साफ बता रही थी कि उनके नाम पर सहमति बन गई है. हालांकि, अधिकारिक रूप से एलान शाम के विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा.

लेकिन, जयपुर में उनके आगमन से पहले एस्कॉर्ट सहित तमाम व्यवस्थाएं जिस हिसाब से हो रही हैं, उससे साफ संकेत मिलता है कि गहलोत तीसरी बार सूबे की कमान संभालेंगे.
आपको बता दें कि सीएम के पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान चुनाव के पहले से जारी रही है. चुनाव की आहट के दौरान उदयपुर में गहलोत की ओर से बयान देने के बाद ये मुद्दा गरम हो गया था. यहां मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने मुख्यमंत्री के सवाल पर कहा था कि 'जो चेहरा जनता के सामने 10 साल रहा, ऐसे में अब कौनसा चेहरा सामने लाने की जरूरत है'. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि फलक की आवाज खुदा की आवाज होती है.

राहुल गांधी ने जारी की ये फोटो, क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में बन गई बात?

राहुल गांधी ने जारी की ये फोटो, क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में बन गई बात?

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार शाम को जिस तरह से मध्य प्रदेश के घोषित मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो जारी की थी उसी तरह से आज राजस्थान के कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट की फोटो भी जारी की है और साथ में लिखा है 'यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान'।

सचिन पायलट के तीखे तर्कों ने रोकी अशोक गहलोत की ताजपोशी!


सचिन पायलट के तीखे तर्कों ने रोकी अशोक गहलोत की ताजपोशी!


जयपुर.कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी युवा के ऊपर अनुभव यानी सचिन पायलट के ऊपर अशोक गहलोत को तरजीह देकर मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया था. लेकिन सचिन के अड़ जाने और राहुल गांधी के सामने अपने पक्ष में तर्कों के एक के बाद एक तीर ने फिलहाल गहलोत की ताजपोशी रोक दी है. हालांकि इन तर्कों के बाद भी सचिन ने भरे गले से राहुल गांधी से यही कहा कि मैंने अपनी दलील दे दी, अब आपका जो भी फैसला होगा, वो सिर माथे पर.
सूत्रों के मुताबिक, सचिन ने कहा, ‘गहलोत ने अंदरखाने पार्टी के बागियों का साथ दिया. जिससे अगर वो जीतें तो बाद में उनका समर्थन हासिल किया जा सके. पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए कई जगह दिक्कत खड़ी की गई.’

सचिन ने कहा, ‘मैं किसी जाति की राजनीति नहीं करता, तो मेरे गुर्जर होने की बात क्यों फैलाई जा रही है. गलत इरादे से कहा जा रहा है कि सिर्फ 4.5 फीसदी ही गुर्जर हैं, लेकिन मैंने कभी एक जाति की राजनीति नहीं की.’

पायलट ने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ को चुना गया, वहां जाति का मसला क्यों नहीं देखा गया? अगर अभी हमने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नतीजा दिया है तो 2019 में मेरे चयन से सीट नहीं आएगी, ये कैसे कहा जा सकता है? गहलोत 1998 में सीएम बने तब भी 2003 में पार्टी ने क्यों बुरा प्रदर्शन किया. गहलोत ही 2008 में सीएम बने, फिर उसके बाद 2013 और 2014 में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब क्यों हुआ?



पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने तर्क देते हुए कहा कि गहलोत अगर फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे तो 2013 में हार के बाद वो खुद प्रदेश में रहकर ही लड़ाई लड़ते, दिल्ली की राजनीति में क्यो गए? अब वापस क्यों आना चाहते हैं, वो पार्टी के संगठन महासचिव जैसे अहम पद पर हैं और 2019 सामने है. मेरे पक्ष में भी तमाम तर्क हैं. जिसे चुन लिया जाता है, उसके सपोर्ट में तमाम तर्क तैयार कर लिए जा सकते हैं. (युवा का नाम देकर चयन किया जा सकता है)

जाहिर है इन तर्कों ने राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ा दी है और जब राहुल आज यह फैसला लेंगे तो उन्हें सचिन के इन तर्कों को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.

जेसलमेर। जिला प्रशासन की सूझबूझ से लाठी प्रकरण का पटाक्षेप , जिला कलेक्टर ओमकसेरा के सराहनीय प्रयास

जेसलमेर। जिला प्रशासन की सूझबूझ से लाठी प्रकरण का पटाक्षेप , जिला कलेक्टर ओमकसेरा के सराहनीय प्रयास




जेसलमेर/ पोकरण। जिला कलक्टर और आईजीपी की मेहनत लाई रंग, प्रशासन और पुलिस की समझाइश हुई सफल, आज नहीं हो सका बड़ा आंदोलन, लाठी गांव हुए बवाल में घायल अधेड़ की मौत पर शुरू हुआ धरना प्रदर्शन, एसडीएम और एसएचओ को एपीओ सहित कई मांगे मानने की थी मांग, जिला कलक्टर ओम कसेरा और आईजीपी संजीव नार्जरी ने दिया विशेष आश्वासन, मुख्य सचिव सहित आलाधिकारियों को भेजे पत्र की धरने पर बैठे दिग्गजों से सौंपी कॉपियां, फिर मान गए धरना प्रदर्शनकारी....शव लेकर हुए लाठी रवाना, आज होगा अंतिम संस्कार, परिजनों के रो रो के हो रहे बुरेहाल, पुलिस की सुरक्षा व्यवस्थाएं रही चाक चौंबद, चप्पे चप्पे पर पुलिस बल रहा तैनात, वाकई जिला कलक्टर ओम कसेरा ने सुझबूझ से लिया बार बार निर्णय, 'आईजीपी, जिला कलक्टर, एसपी ने बिन्दू अनुसार मांगे स्वीकार के साथ साथ समझाने पर मान गए प्रदर्शनकारी, खैर पोकरण में शांत हुआ माहौल, प्रशासन रहा अलर्ट....पुलिस रही सतर्क, धरने पर बैठे शेरगढ के पूर्व विधायक बाबूसिंह राठौड़, सांगसिंह भाटी, शैंतानसिंह राठौड़, मंहत प्रतापपुरी महाराज, जिला प्रचारक इन्द्रसिंह, मदनसिंह राजमथाई सहित कई दिग्गजों ने दिखाई हर मुद्दें पर समझदारी, आम लोगों की मांग इंटरनेट सेवा को शुरू....ताकि कामगाज में आ सके तेजी। 

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गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

सचिन पायलट नहीं मान रहे, सोनिया और राहुल से बोले- मैंने बहुत मेहनत की: सूत्र

सचिन पायलट नहीं मान रहे, सोनिया और राहुल से बोले- मैंने बहुत मेहनत की: सूत्र

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए करीब 48 घंटे से ज़्यादा हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है. जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं.


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी भी पायलट से बात कर चुकी हैं. सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने राजस्थान में जमकर मेहनत की है और अगर ऐसे में उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा.

बता दें कि दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से ही बैठकों का दौर चल रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी ने घंटों बैठक की. दिल्ली से लेकर जयपुर दोनों जगह दोनों नेताओं के समर्थक लागातार नारेबाजी कर रहे हैं.

सचिन पायलट की दावेदारी
साल 2013 में बीजेपी के हाथों करारी हार के बाद सचिन पायलट को राजस्थान की कमान दी गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी टीम बनाने के साथ सरकार को लगातार घेरा.


अशोक गहलोत
कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति के साथ साथ राजस्थान में भी लगातार सक्रिय हैं. विधानसभा चुनावों में गहलोत लगातार स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रचार किया. गुजरात और कर्नाटक के चुनावों में गहलोत की सक्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा में रही थी. अशेक गहलोत आज राजस्थान के साथ साथ कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति का बड़ा चेहरा हैं.



*सचिन व गहलोत के बीच नही बनी सहमति,तीसरा विकल्प हो सकता सीएम*

*सचिन व गहलोत के बीच नही बनी सहमति,तीसरा विकल्प हो सकता सीएम*

नईं दिल्ली/ *आज रात कांग्रेस का आलाकमान करेगा एक और प्रयास, गहलोत और पायलट के बीच सहमति बनाने का प्रयास, फिर भी यदि नहीं बन पाई सहमति...तो आलाकमान कर सकता किसी तीसरे नाम पर विचार, गहलोत और पायलट दोनों की सहमति से तीसरे नाम पर विचार*गहलोत और पायलट के बीच नहीं बन पा रही सहमति,पायलट अड़े हुए हैं अपने स्टैंड पर,दूसरी ओर आलाकमान बना चुका गहलोत पर अपना मन,हालांकि आलाकमान ने रोक रखी है गहलोत के नाम की घोषणा...*

बाड़मेर। आदिनाथ भगवान जिनालय में वार्षिक ध्वजारोहण कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

बाड़मेर। आदिनाथ भगवान जिनालय में वार्षिक ध्वजारोहण कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन



रिपोर्ट :- सुनील दवे / समदड़ी 

बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बें के आदिनाथ भगवान जिनालय का ध्वज दण्ङ एव कलशारोपण का शुभ मुहूर्त आज आचार्य श्री विजय रविशेखरसूरि म.सा. के मार्गदर्शन में वार्षिक ध्वजरोहण का भव्य समारोह श्री जैन संघ को सहज पुण्यवाणी से अचलगच्छीय तपस्वीरत्न 53वे वर्षीतप के आराधक आचार्य गुणोदय सागर सुरिश्वरी म.सा. के आज्ञानुवर्तनी शासन प्रभाविका पुण्योदयश्री म.सा. की शिष्या प्रवचन प्रभाविका तीर्थगुणाश्री म.सा.आदि ठाणा 3 की पावन निश्रा में हुआ भव्य आयोजन।  श्री जैन मित्र मंडल सचिव कपिल भूरट ने बताया कि भव्य आयोजन में वार्षिक ध्वजारोहण के लाभार्थी कंकुदेवी, शांतिलाल, केवलचंद, गौतमचंद, कामलेश कुमार, अमृतलाल भंसाली परिवार के केवलचंद भंसाली, किशोर कुमार भंसाली ने शासन प्रभाविका पुण्योदयश्री म.सा.व साध्विवन्द के मंत्रोस्सार पर विधिविधान से पूजा अर्चना कर ध्वजा चढ़ाकर क्षैत्र के खुशहाली की मंगलकामना की गई।


इस दौरान श्री जैन संघ अध्यक्ष पूर्व सरपंच छगनलाल भूरट, युवा नेता एवं समाजसेवी हुकम सिंह अजीत, सचिव मनोज भंसाली, खीमराज भंडारी, राजमल पालरेसा, जुगराज भंसाली, ताराचंद भंसाली, धनराज ढ़ेलडिया, विजयराज भंसाली, प्रकाश ढ़ेलडिया, मदनलाल भंसाली, जयन्ती लाल भूरट, हितेश भंसाली, कमलेश कुमार, जवाहर लाल भंसाली एवं समस्त महिला मंडल एवं जैन मित्र मंडल अजीत के पदाधिकारी उपस्थित रहे।


भारत- पाक के बीच फ्लैग मीटिंग हुई आयोजित

भारत- पाक के बीच फ्लैग मीटिंग हुई आयोजित


बाड़मेर। बुधवार को कमांडेंट, सीमा सुरक्षा बल और विंग कमांडर, पाकिस्तान रेंजर्स सिंध के बीच मासिक बॉर्डर मीटिंग का आयोजन 1030 से 1530 बजे तक सीमा स्तम्भ संख्या 814 के पास पाकिस्तानी सीमा चौकी जीरो पॉइंट के कांफ्रेंस हॉल में सौहार्दपूर्ण माहौल में किया गया। इसमें बी एस एफ की तरफ से श्री प्रदीप कुमार शर्मा,कमांडेंट के साथ 05 अन्य अधिकारी और पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल मुहम्मद वकार नवाज़िश, विंग कमांडर के साथ 05 अन्य अधिकारी शामिल हुए। इस मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच मजबूत सीमाप्रबंधन के लिए सांझा पेट्रोलिंग, पागल आदमी व आवारा पशुओं की आवाजाही और सीमा पर चौकसी के मुद्दों पर दोनों पक्षों में सार्थक बातचीत और सहमति हुई।


एक्सक्लूसिव खबर ।। जयपुर ।। अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री...तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान

एक्सक्लूसिव खबर ।। जयपुर ।। अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री...तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान

जयपुर । राजस्थान में कांग्रेस को मिली जीत के बाद से मुख्यमंत्री के पद को लेकर बनी गुत्थी दिल्ली के दरबार में सुलझ गई है. दिल्ली में तमाम मंथन और बैठकों के बाद राजस्थान में बनने वाली अगली सरकार के सीएम के तौर पर अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लग गई है. गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री की कमान संभालेंगे. हालांकि, इस संबध में अधिकारिक रूप से घोषणा शाम तक की जाएगी.

राजस्थान के चुनाव में मिली जीत के बाद से ही कांग्रेस के भीतर सीएम के पद को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ था. जयपुर में दो दौर में विधायक दल की बैठक के बाद भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की गुत्थी सुलझ नहीं पाई थी. जयपुर में सीएम के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के बाद इस मामले को दिल्ली हाईकमान पर छोड़ दिया गया था. जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से बैठकों का दौर जारी रहा. दिल्ली पहुंचे गहलोत और पायलट से भी राहुल गांधी ने चर्चा की. साथ ही पार्टी स्तर पर बड़े नेताओं के साथ लंबे दौर के मंथन के बाद अंत में गहलोत के नाम पर मुहर लग गई. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस को मिली सीटों के बीच बहुमत सुई की नोक पर टिकी हुई है. इसे और मजबूत करने के लिए तथा 2019 के लोकसभा चुनाव को समीकरण को ध्यान में रखते हुए गहलोत के नाम पर हाईकमान ने सहमति जता दी है. राहुल के आवास से निकलने के दौरान गहलोत के चेहरे की मुस्कान साफ बता रही थी कि उनके नाम पर सहमति बन गई है. हालांकि, अधिकारिक रूप से एलान शाम के विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा. लेकिन, जयपुर में उनके आगमन से पहले एस्कॉर्ट सहित तमाम व्यवस्थाएं जिस हिसाब से हो रही हैं, उससे साफ संकेत मिलता है कि गहलोत तीसरी बार सूबे की कमान संभालेंगे.

राहुल गांधी के साथ बैठक खत्‍म होने के बाद अशोक गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं


राहुल गांधी के साथ बैठक खत्‍म होने के बाद अशोक गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं. 


13:15 (IST)
सचिन पायलट ने राहुल गांधी से लगभग 40 मिनट तक मुलाकात की. अशोक गहलोत के राहुल के घर पहुंचने के 15 मिनट बाद सचिन राहुल के घर से निकल गए. पूरे रास्ते सचिन फोन पर बात करते रहे. हालांकि इस दौरान  परेशान भी दिखे. सचिन सुबह जब अपने 5 कैनिंग लेन घर पर थे तो उनके समर्थक 24 अकबर रोड कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे और जब सचिन राहुल के घर पहुचे तो उनके समर्थक राहुल के घर के बाहर प्रदर्शन करते रहे और उन्हें सीएम बनाने की मांग करते रहे. 
13:13 (IST)
जयपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो एस्‍कॉर्ट गाड़ियां पुलिस लाइन में तैयार हैं. सिर्फ ऐलान का इंतजार किया जा रहा है. एक बार ऐलान हो जाए तो इन एस्‍कॉर्ट वाहनों को नवनिर्वाचित सीएम के लिए भेज दिया जाएगा. 
13:13 (IST)
जयपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो एस्‍कॉर्ट गाड़ियां पुलिस लाइन में तैयार हैं. सिर्फ ऐलान का इंतजार किया जा रहा है. एक बार ऐलान हो जाए तो इन एस्‍कॉर्ट वाहनों को नवनिर्वाचित सीएम के लिए भेज दिया जाएगा. 
13:09 (IST)
राहुल गांधी की सचिन और गहलोत के साथ बैठक खत्‍म हो गई है. सचिन के जाने के 20 मिनट बाद गहलोत भी सचिन आवास से बाहर निकल गए. सचिन अपने आवास पर पहुंच गए हैं. अब सीएम पर फैसले का इंतजार किया जा रहा है. 
12:57 (IST)
घटता वोट प्रतिशत बीजेपी के लिए खतरे की घंटी, बढ़ने लगे 

नई दिल्ली: MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री? जानें राहुल गांधी ने क्या जवाब दिया

नई दिल्ली: MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री? जानें राहुल गांधी ने क्या जवाब दिया


नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी जीत की घोषणा के एक दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नामों पर दुविधा में है. राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट, मध्य प्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव में मुख्यमंत्री के नाम को को लेकर रेस जारी है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही लेंगे. तीन राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम पर राहुल गांधी ने पहली प्रतिक्रिया दी है.


MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री? जानें राहुल गांधी ने क्या जवाब दिया

पत्रकारों के सवालों के जवाब में कि तीनों राज्यों में कौन होगा मुख्यमंत्री, कब तक घोषणा होगी, इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है, "हम पार्टी में विभिन्न लोगों से इनपुट ले रहे हैं. हम विधायकों से, कार्यकर्ताओं से इनपुट ले रहे हैं. आपको जल्द ही मुख्यमंत्री मिल जाएगा." बता दें कि तीनों राज्यों के पर्यवेक्षकों ने राज्यों के नव निर्वाचित विधायकों से मिलने के बाद अंतिम फैसला लेने पर कहा कि अब राहुल गांधी ही अंतिम फैसला लेंगे.




इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है, "सभी विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को (छत्तीसगढ़ के) कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत किया है... वह जो भी फैसला लेंगे, विधायक उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं..."




बतादें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. यहां सपा-बसपा और निर्दलीयों ने समर्थन का ऐलान किया है. राजस्थान में कांग्रेस के पास 99 सीटें हैं, बसपा ने भी उसे समर्थन का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 90 में से 67 सीटें मिली हैं.



बुधवार, 12 दिसंबर 2018

राज्यपाल से इण्डियन नेषनल कांग्रेस पार्टी का उच्चस्तरीय षिष्टमंडल मिला

राज्यपाल से इण्डियन नेषनल कांग्रेस पार्टी का उच्चस्तरीय षिष्टमंडल मिला

- जयपुर, 12 दिसम्बर। राज्यपाल श्री कल्याण सिंह से बुधवार को सांय यहां राजभवन में श्री अविनाष पाण्डे के नेतृत्व में इण्डियन नेषनल कांग्रेस पार्टी के एक उच्चस्तरीय                 षिष्टमंडल ने मुलाकात की। दल ने राज्यपाल श्री सिंह को राजस्थान प्रदेष में सरकार बनाने के दावे का पत्र प्रस्तुत किया।

     षिष्ट मंडल ने राज्यपाल श्री सिंह को आग्रह किया है कि इंण्डियन नेषनल कांग्रेस दल के दावे को स्वीकार करें। राज्यपाल श्री सिंह को श्री पाण्डेय ने बताया कि विधायक दल के नेता के नाम पर चर्चा चल रही है, जिसके संबध में जल्द ही अवगत करवा दिया जायेगा।                         

बाड़मेर। एक दिवसीय निरंकारी संत समागम 18 दिसम्बर को

बाड़मेर। एक दिवसीय निरंकारी संत समागम 18 दिसम्बर को



- समागम पंडाल में हजारों निरंकारी श्रद्धालुओं के बैठने की होगी व्यवस्था



बाड़मेर। निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की छत्रछाया में 18 दिसम्बर को शहर के आदर्श स्टेडियम में होने वाले एक दिवसीय निरंकारी संत समागम की तैयारियां श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक शुरू कर दी हैं। निरंकारी मण्डल ब्रांच बाड़मेर के मिडीया सहायक हितेश तंवर ने बताया कि, सतगुरु माता जी के आगमन को लेकर श्रद्धालुओं के चेहरों पर अलौकिक खुशी देखने को मिल रही हैं। छोटे से लेकर बड़े, महिला व पुरूष श्रद्धालु तथा सेवादल के सदस्य दिन रात विभिन्न तरह के सेवा कार्यों में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि, निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का सतगुरु रूप में प्रकट होने के बाद पहली बार बाड़मेर जिले में मानव कल्याण यात्रा के तहत 18 दिसम्बर को आगमन होगा तथा उसी दिन सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की छत्रछाया में सांय 5 बजे से 8 बजे तक एक दिवसीय विशाल निरंकारी संत समागम आयोजित होगा।


इस दौरान निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे। इस निरंकारी समागम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना हैं। समागम में शामिल होने वाले लोगों के लिए अल्प ठहराव, प्याऊ, कैंटीन आदि व्यवस्था की जाएगी। वहीं सत्संग के लिए एक बड़ा पंडाल स्थापित किया जाएगा जिसमें महिला व पुरूष भक्तों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्था रहेंगी। पंडाल के निकट ही स्वागत कक्ष, डिस्पेंसरी, सेवादल कार्यालय, प्रकाशन आदि के कार्यालय भी बनाए जाएंगे। मानव कल्याण के लिए आयोजित इस एक दिवसीय समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज प्रवचन देंगे। 

सुदीक्षा महाराज 16 दिसम्बर को जैसलमेर में सत्संग कर फिर बाड़मेर आगमन करेगी तथा 19 दिसम्बर को जोधपुर में भी निरंकारी सत्संग में शिरकत करेगी। समागम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा गुरु की महिमा गाई जाएगी, कुछ श्रद्धालुओं द्वारा भजन, विचार भी प्रस्तुत किये जाएँगे। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश प्यार, विनम्रता, सहनशीलता, एकता, मर्यादा में रहना, वचनों को कर्म में ढालना व अन्य संदेशो को आगे पहुंचाने के लिए विभिन्न स्थानों पर संत समागमों का आयोजन होता हैं, जिसमें मानवता को मजबूती प्रदान करने के लिए संदेश दिए जाते हैं।

बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत के चुनाव 23 दिसम्बर को

बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत के चुनाव 23 दिसम्बर को


बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत बाड़मेर द्वारा समाज के वर्ष 2018.2020 की अवधि के लिए अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी के सदस्यों के निर्वाचन हेतु चुनाव रविवार 23 दिसम्बर 2018 को होेंगे।

यह जानकरी देते हुए निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार लधड़ ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी सारंग राठी के निर्देशानुसार ढाट माहेश्वरी पंचायत बाड़मेर के अध्यक्ष एवं सदस्यों के निर्वाचन के लिए रविवार 23 दिसम्बर 2018 को चुनाव आयोजित किए जाएगें।

लधड़ ने बताया कि चुनाव हेतु नामांकन फार्म का वितरण दिनांक 14 दिसम्बर एवं 15 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तक किया जाएगा। वहीं नामांकन फार्म जमा कराने की तिथि 16 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि नामांकन फार्म की वापसी दिनांक 19 दिसम्बर 2018 तक सांय 4 से 6 बजे तक की जा सकती है। लधड़ ने बताया कि प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का आंवटन 19 दिसम्बर को ही सांय 7 बजे तक कर दिया जाएगा।

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निर्वाचन अधिकारी मुकेश केला ने बताया कि मतगणना रविवार 23 दिसम्बर 2018 सांय 5 बजे के बाद कर परिणाम की घोषणा की जाएगी। केला ने बताया कि प्रबंध कार्यकारिणी पदाधिकारियों का निर्वाचन सोमवार 24 दिसम्बर 2018 को सांय 4 से 6 बजे तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन
बुधवार 26 दिसम्बर 2018 को सांय 4 बजे किया जाएगा।

केला ने बताया कि सम्पूर्ण निर्विरोध निर्वाचन सम्पन्न होने की स्थिति में प्रबंध कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के चुनाव दिनांक 20 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तथा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन 23 दिसम्बर को सांय 4 बजे किया जाएगा।

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी 



पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जेसलमेर में सम्पन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नो में से आठ सीट जीत कर परचम लहरा दिया मगर कांग्रेस के लिए विश्लेषण का विषय है कि इस बार कांग्रेस को उसके परंपरागत जाट और दलित वोट नही मिले मगर इन वोटों की भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान वोटरों ने कर नया जातीय समीकरण बना कांग्रेस को आठ सीट जितवा दी।



बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में मेवाराम जैन की बड़ी जीत का आधार स्वाभिमान सेना ने रखा।।मेवाराम जैन के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 2014 में हराने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी थे।।सोनाराम चौधरी की टिकट फाइनल होते ही कर्नल को हराने के लक्ष्य स्वाभिमान सेना ने रखा। कांग्रेस के परंपरागत वोट जाट और दलित का बिखराव कर्नल और निर्दलीय राहुल बामनिया के पक्ष में हो जाने के बाद स्वाभिमान सेना ने मेवाराम की बागडौर संभाल ली।।मानवेन्द्र सिंह समर्थकों के कांग्रेस से जुड़ जाने कर बाद मेवाराम की सीट सुरक्षित हो गई ।इसी तरह सबसे प्रतिष्ठा वाली शिव विधानसभा जहां मानवेन्द्र सिंह विधायक थे से वरिष्ठ नेता अमीन खान को उम्मीदवार बनाया तो उन्हें हराने के लिए आर एल डी से दलित नेता उदाराम मेघवाल को उतारा।।दलित और जाट मतदाताओं का गठबंधन उन्हें उतारा गया।


जिससे कांग्रेस के परम्पतगत वोट छिटक गए।।इसकी भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान समर्थकों ने को।।राजपूत,रावण राजपूत सहित अन्य जातियां अमीन खान के साथ जुड़ कर इसकी भरपाई कर कांग्रेस के खाते में यह सीट बड़े अंतर से जीत ली।।खुद अमीन खान ने अपनी जीत को स्वाभिमान की जीत बताया।।चोहटन ,गुड़ामालानी,पचपदरा, बायतु,में भी यही स्थति बनी।।गुडा में राजपूत रावणा राजपूत वोट कांग्रेस से जुड़े तो पचपदरा में मदन प्रजापत को जाटों और दलितों के वोट नही मिले मगर इसकी पूर्ती स्वाभिमानियो ने कर दी।।बायतु में आर एल पी ,भाजपा,बसपा ,कांग्रेस के बीच जाटों और दलित वोटों का ध्रुवीकरण होने से आर एल पी के उम्मेदाराम कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे थे।।कई राउंड में उम्मेदाराम आगे रहे।।मानवेन्द्र सिंह समर्थक पटौदी बेल्ट से कांग्रेस को वोट मिलने से हरीश चौधरी जीत पाए।

जेसलमेर में कांग्रेस प्रत्यासी रूपाराम धनदे को बसिया क्षेत्र जो मानवेन्द्र सिंह समर्थक बेल्ट है के वोट थोक में मिलने से बड़ी जीत दर्ज की।।पोकरण में राहुल गांधी की सभा मे स्वाभिमान अमर रहे के नारे लगे।साले मोहम्मद को यहां स्वाभिमान वोट मिले।।जिससे उनकी जीत हुई। कांग्रेस में स्वाभिमानियो के वोटों का ध्रुवीकरण होने से कांग्रेस जीत दर्ज करा पाई।।बाकी कांग्रेस के परंपरागत दलित और जाट मतदाताओं ने हराने में कोई कमी नही रखी।कोई स्वीकार करे न करे यह कड़वी सच्चाई है।

कांग्रेस को इस पर मंथन करना चाहिए कि उनके परंपरागत वोट कितने मिले। मानवेन्द्र सिंह खुद झालावाड़ से मुख्यमंत्री के सामने चुनाव लड़ रहे थे मगर उनके कार्यकरता कांग्रेस के साथ जुड़ जिताने में लगे थे इसमे सफल रहे। सिवाणा में टिकट वितरण में कमी के कारण जरूर हारे बाकी भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया।स्वाभिमानियो ने वसुंधरा राजे को सत्ताच्युत करने में सफल रहे। कर्नल सोनाराम चौधरी को हराकर जसवंत सिंह को हराने के बदला ले लिया।

CM...के नाम पर...कांग्रेस का दिग्गज जाट विधायक झल्लाया...बैठक के बीच से उठकर चल दिया

CM...के नाम पर...कांग्रेस का दिग्गज जाट विधायक झल्लाया...बैठक के बीच से उठकर चल दिया
   
कांग्रेस ने राजस्थान में चुनाव जीत तो लिया. लेकिन अब उसके लिए सीएम के नाम को लेकर परेशानी बनी हुई है. अशोक गहलोत, सचिन पायलट या फिर कोई और. इसको लेकर कश्मकश की स्थिति है. इस बीच कांग्रेस के एक दिग्गज जाट विधायक ने सीएम के नाम को लेकर आलाकमान के फैसला करने पर झल्ला गया है. बैठक को बीच में छोड़कर निकल गया.


डीग-कुम्हेर से विधायक विश्वेंद्र सिंह सीएम के नाम को लेकर चल रही बैठक के दौरान झल्ला कर बाहर चले गए. उन्होंने कहा कि जब फैसला आलाकमान को ही करना है तो फिर विधायकों की जरूरत क्या है. आखिर क्यों एक-एक विधायक की राय ली जा रही है. हालांकि बैठक से बाहर जाने के बाद उन्होंने वापस आने की बात भी कही. बैठक में एक लाइन में यह प्रस्ताव पास हुआ कि राहुल गांधी ही सीएम का फेस तय करेंगे.

विश्वेंद्र सिंह अपने बयानों को लेकर हरदम चर्चा में रहते हैं. अभी कल ही परिणाम आने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने अपने तेवर फिर से दिखाने शुरु कर दिए हैं. विश्वेंद्रे सिंह पहली बार नहीं है कि जब आलाकमान से नाराज हुए हों. इससे पहले भी एआईसीसी से नाम कटने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की.

विधायक दल की बैठक खत्म,राहुल गांधी करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला,प्रस्ताव पारित जयपुर

विधायक दल की बैठक खत्म,राहुल गां
धी करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला,प्रस्ताव पारित

जयपुर

राजस्थान: विधायक दल की बैठक खत्म, सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत ने कही यह बात


राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है। राज्य में मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस बरकरार है। इसी को लेकर बुधवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें विधायकों से रायशुमारी की गई। इसके बाद राहुल गांधी की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही नाम ऐलान का ऐलान किया जाएगा।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान लेगा। इस पर सीपी जोशी ने भी समर्थन किया। वहीं प्रदेश कांग्रेस मुख्यालस के बाहर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थक भारी संख्या में पहुंचे। दोनों के समर्थक अपने अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी की।

एक-एक विधायक से की रायशुमारी
मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी रायशुमारी के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस पर्यवेक्षक वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने जीते हुए सभी विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक में वेणुगोपाल मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एक-एक विधायक से उनकी राय जानी। इसकी रिपोर्ट आलाकमान को भेजी जाएगी।

सुबह निर्दलीय चुनाव जीते रामकेश मीणा सहित दो विधायक समर्थन देने गहलोत के आवास पर भी पहुंचे। बता दें कि मंगलवार को परिणाम के शुरूआती रुझान आने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अशोक गहलोत और सचिन पायलट को सीएम बनाने के नारे गूंज रहे थे।

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'


नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है. कांग्रेस राजस्थान में बहुमत के आंकड़े से भले एक सीट दूर रह गई, मगर अपने सहयोगियों के समर्पाथन से सरकार बनाने के आंकड़े को पार कर चुकी है. बीजेपी के पास मौका था राजस्थान के सियासी इतिहास को बदलने का, मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत की जोड़ी ने वसुंधरा राजे की सरकार को पटखनी दे दी और राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक करवा दिया. चुनावी नतीजों में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो अब बनती दिख रही है, मगर कांग्रेस के भीतर असल माथा-पच्ची अब शुरू होने वाली है. आज के परिणाम के नतीजों से यह स्पष्ट हो चुका है कि राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक तो होगा, मगर मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर पर होगा, यह अभी भी बड़ा सवाल है और इस सवाल पर अब तक कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, यह बात तय है कि अशोक गहलोत या फिर सचिन पायलट में से ही कोई एक राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा. लेकिन सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी एक को सीएम के रूप में चुनना इतना आसान भी नही हैं.


राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

दरअसल, राजस्थान में कुल 199 सीटों पर चुनाव हुए और बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत थी, जिसे कांग्रेस ने यह आंकड़ा सहयोगियों की बदौलत आसानी से पार कर लिया. कांग्रेस ने जबरदस्त चुनावी रणनीति से बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता की चाबी अपने हाथ में रख ली. मगर अब कांग्रेस के हाईकमान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है कि आखिर वह किसे अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. बता दें कि कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं.



दरअसल, बीते दिनों जिस तरह से अशोक गहलोत ने संकेत दिये हैं और अन्य राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस के लिए उनकी भूमिक देखी जा रही है, उससे ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में ही रह सकते हैं. क्योंकि अब कांग्रेस के लिए अगला लक्ष्य है 2019 में केंद्र से बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंकना. वैसे ही एनडीटीवी से बातचीत में अशोक गहलोत इस बात को कह चुके हैं कि अगर पार्टी उन्हें केंद्र की जिम्मेदारी देगी, तो वे केंद्र में रहेंगे और अगर राज्य की जिम्मेदारी देगी तो वह यहां भी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं.


वहीं, सचिन पायलट के लिए इसलिए भी सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि न वो सिर्फ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, बल्कि वह युवा चेहरा भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट को सीएम के रूप में ला सकती है. इसकी वजह यह भी है कि अशोक गहलोत राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के लिए भी पहली पसंद हो सकते हैं. हालांकि, इसका निर्णय पार्टी को ही करना है. मगर जो भी राजस्थान में सचिन पायलट या अशोक गहलोत में से किसी एक को चुनना कांग्रेस के लिए इतना आसान भी नहीं होना वाला है.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे

नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सवाल यह उठने लगा कि वहां मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि, पायलट और गहलोत दोनों ने ही इस पर फैसला लेने के लिए पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. बुधवार को हुई विधायक दलों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि 'मुख्यमंत्री कौन होगा?' इस पर आलाकमान ही फैसला लेगा. बताया जा रहा है कि आलाकमान के हाथों में फैसला देने का प्रस्ताव अशोक गहलोत ने दिया और इसका अनुमोदन सचिन पायलट ने किया. सूत्रों की मानें तो दो तिहाई विधायक सचिन के साथ हैं और बैठक में सचिन-सचिन के नारे भी लगे हैं.

बता दें, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन सुगमता से किया जाएगा. राहुल ने कहा, ‘हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को हरा दिया है... मुख्यमंत्रियों (के चयन) को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा. यह सुगमता से किया जाएगा.'' दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछा गया था कि हिन्दी पट्टी के इन तीन राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री कौन-कौन होंगे, जिसके जवाब में राहुल ने यह बात कही.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे


बता दें, राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंह देव, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत, प्रदेश पार्टी प्रमुख भूपेश बघेल और ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू इस शीर्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.


राहुल ने यह भी कहा कि पार्टी ने चुनावों से पहले विभिन्न राज्यों में पार्टी के अंदर नेताओं के बीच तनाव को प्रभावी तरीके से दूर किया. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एकजुट होकर काम किया, जिसने पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में विजेता बनकर उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों की जीत है. अब कांग्रेस पार्टी पर बड़ी जिम्मेदारी है.''

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, वहीं राजस्थान में 99 और मध्य प्रदेश में 114 सीटें मिली हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

बाड़मेर। जिले की सात सीटों में से छह पर कांग्रेस तो एक पर भाजपा विजयी

बाड़मेर। जिले की सात सीटों में से छह पर कांग्रेस तो एक पर भाजपा विजयी


बाड़मेर। विधानसभा चुनाव 2018 के मतों की गणना मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय में की गई। मतगणना के बाद छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के उम्मीदवारों एवं एक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार को विजयी घोषित किया गया।

जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि शिव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार अमीन खान, बाड़मेर कांग्रेस के मेवाराम जैन, बायतु से कांग्रेस के हरीश चौधरी, पचपदरा से कांग्रेस के मदन प्रजापत, सिवाना से भाजपा के हमीर सिंह भायल, गुड़ामालानी से कांग्रेस के हेमाराम चौधरी एवं चौहटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पदमाराम विजयी रहे।


शिव विधानसभा क्षेत्र
शिव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अमीन खान को 84338, भाजपा के खंगारसिंह सोढ़ा को 60784, बसपा के नारणाराम को 3316, रालोपा के उदाराम मेघवाल को 50944, बहुजन संघर्ष दल के तोगाराम को 2035 एवं नोटा को 3059 वोट मिले। यहां कांग्रेस के अमीन खान 23554 मतों से विजयी रहे।


बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र
बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से सीपीआई के नानकदास धारीवाल को 2488, कांग्रेस के मेवाराम जैन को 97874, बसपा के राजेन्द्र कुमार को 2325, भाजपा के कर्नल सोनाराम चौधरी को 64827, अभिनव राजस्थान पार्टी के खरथाराम को 1743, निर्दलीय जुगताराम को 1462, निर्दलीय राहुल कुमार को 13678, निर्दलीय शंकरलाल को 1969 एवं नोटा को 2048 मत मिले। जबकि 214 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के मेवाराम जैन ने 33047 मतों से विजय हासिल की।


बायतु विधानसभा क्षे़़त्र
बायतु विधानसभा क्षेत्र से बसपा के किशोरसिंह को 27677, भाजपा के कैलाश चौधरी को 39392, कांग्रेस के हरीश चौधरी को 57703, रालोपा के उम्मेदाराम को 43900, अभिनव राजस्थान पार्टी के करनाराम को 1268, आप के जोगा राम को 714, राष्ट्रीय जनक्रांति पार्टी के भन्ना राम को 701, दलित शोषित पिछडा वर्ग अधिकार दल के मगाराम को 2259, निर्दलीय उम्मेदाराम उर्फ अमित नायक को 2613, निर्दलीय पेमाराम को 1697, नोटा को 2754 मत मिले। जबकि 9 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के हरीश चौधरी ने 13803 मतों से विजय हासिल की।


पचपदरा विधानसभा क्षेत्र
पचपदरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के अमराराम को 66998, कांग्रेस के मदन प्रजापत को 69393, बसपा के श्यामलाल को 6370, भारत वाहिनी पार्टी के नाथूराम को 1073, रालोपा के नारायण राम चौधरी को 6882, शिवसेना के पन्नालाल को 2691, आप के मांगीलाल को 400, भारतीय युवा शक्ति के सुरेश पाल को 640, निर्दलीय बसंत शर्मा को 314, निर्दलीय मदनपुरी को 788, निर्दलीय हुकमसिंह को 3284 एवं नोटा को 3260 मत मिले। जबकि 17 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के मदन प्रजापत 2395 मतों से विजयी रहे।






सिवाना विधानसभा क्षेत्र
सिवाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पंकज प्रतापसिह को 20145, बसपा के सूजाराम को 2625, भाजपा के हमीर सिंह भायल को 50657, शिवसेना के किशनलाल को 2555, आप के जबराराम को 2045, अभिनव राजस्थान पार्टी के डूंगरसिंह को 775, राष्ट्रीय समाज पक्ष के मनोहर सिंह को 564, बहुजन मुक्ति पार्टी के मोती राम को 1566, रालोपा के सत्ताराम को 19124, निर्दलीय कांतिलाल को 1513, निर्दलीय पारसमल को 710, निर्दलीय पोपटलाल को 953, निर्दलीय प्रकाश को 1985, निर्दलीय बालाराम को 49700, निर्दलीय रेंवतकुमार को 1108, निर्दलीय शैतानसिंह को 2806 एवं नोटा को 816 मत मिले। जबकि 76 मत खारिज हुए। यहां भाजपा के हमीरसिंह भायल 957 मतों से विजयी रहे।


गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र
गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पवन कुमार को 2920, भाजपा के लादूराम को 79869, कांग्रेस के हेमाराम चौधरी को 93433, बहुजन मुक्ति पार्टी के आदाराम मेघवाल को 2343, दलित शोषित पिछडा वर्ग अधिकार दल के रामाराम प्रजापत को 534, नया भारत पार्टी के लाधूराम विश्नोई को 492, रालोपा के विजयसिंह को 4461, आप के हनुमान चौधरी को 3031, निर्दलीय भीखाराम प्रजापत को 1896 एवं नोटा को 2012 मत मिले। जबकि 8 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के हेमाराम चौधरी ने 13564 मतो से विजय हासिल की।


चौहटन विधानसभा क्षेत्र
चौहटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के आदूराम मेघवाल को 79339, कांग्रेस के पदमाराम को 83601, बसपा के रविन्द्र कुमार मेघवाल को 3314, बीवाईएस के धूडाराम को 3625, आप के नैनाराम को 1810, रालोपा के सुरताराम मेघवाल को 24036 एवं नोटा को 5391 मत मिलें। जबकि 76 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल 4262 मतों से विजयी रहे।

*चुनाव हारे पर दिल जीते;मानवेन्द्र सिंह*

*चुनाव हारे पर दिल जीते;मानवेन्द्र सिंह*

*झालावाड़ कम समय मे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को टक्कर देने वाले मानवेन्द्र सिंह चाहे चुनाव हार गए मगर झालावाड़ की जनता और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओ का दिल जीत गए।। तीस सालों में पहली बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को गली गली गांव गांव घूमने पर मजबूर किया गया ।।।तो तीस सालों में प्रति चुनाव बढ़ रही बढ़त को काफी नीचे लाने में सफल रहे तो कांग्रेस में नई जान भी फूंक संजीवनी देने में सफल रहे।।मानवेन्द्र सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि पचपदरा में स्वाभिमान रैली के बाद कांग्रेस जॉइन करने के बाद जोधपुर संभाग में कांग्रेस को मजबूत करने का लक्ष्य रखा जुसमे सफल हुए।स्वाभिमान सैनिकों ने बाडमेर जेसलमेर की नो में से आठ सीट कांग्रेस की झोली में डाल सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।।झालावाड़ में अचानक इन वक्त टिकट देकर मैदान में उतारा।।वसुंधरा राजे के काले साम्राज्य के चलते यहां आम जन में भय का वातावरण बना रखा था  ।।किसान परेशान था,विकास के नाम पर छलावा था ।हर व्यक्ति उनके डर से दबा हुआ दिख।।हमने 14 दिन के सफर में इस डर को खत्म किया। वसुंधरा राजे की टीस सालों में लगातार बढ़त को रोकने में कामयाब हुए।काँग्रेज़ कार्यकर्ताओ में उत्साह का संचार हुआ। जिसकी बदौलत कांग्रेस के वोट बैंक में सात फीसदी इजाफा हुआ। अब लोकसभा चुनावों में पूर्ण योजना के साथ कार्यकर्ताओ के साथ उतरेंगे । हार जीत मायने नही रखती। मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी थी पार्टी ने उसे  निष्ठा के साथ पूर्ण किया।।झालावाड़ के विकास के लिए पूरे प्रयास किये जायेंगे। झालावाड़ की सेवा के लिए सदैव ततपर रहेन्गे। उन्होए कार्यकरराओं से आह्वान किया कि निराश होने की जरूरत नही।लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग जाये। चुनाव में उतरने के बाद बहुत कम समय मिल क्षेत्र को समझने में ।।

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

सत्ता परिवर्तन की राजस्थान में नहीं टूटी 20 साल की परंपरा

सत्ता परिवर्तन की राजस्थान में नहीं टूटी 20 साल की परंपरा

राजस्थान में सत्ता बIदलने की 20 साल की परंपरा इस बार भी नहीं टूटी। पिछले 20 सालों से यहां बारी-बारी से बीजेपी-कांग्रेस की सरकार आती रही है। इस बार यहां की सियासत में इतिहास फिर दोहराया गया और कांग्रेस सत्ता की दहलीज तक पहुंच गई। 1952 से अब तक (इस बार के नतीजों को छोड़कर) राजस्थान विधानसभा के 14 चुनाव हो चुके हैं।



वसुंधरा राजे ने दिया सीएम पद से इस्तीफा

वसुंधरा राजे ने दिया सीएम पद से इस्तीफा

राजस्थान विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंप दिया है। इस्तीफा सौंपने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वसुंधरा ने कहा कि हम अच्छे विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। विपक्ष में रहकर जनता की आवाज उठाएंगे। मैं कांग्रेस को बधाई देती हूं। मैं इस जनादेश को स्वीकार करती हूं। बीजेपी ने पिछले पांच सालों के दौरान काफी काम किया। मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार इन कामों और नीतियों को आगे बढ़ाएगी।  राजे ने कहा,  'मैं सभी भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देती हूं।,'

बाड़मेर /जेसलमेर । खुद की करारी हार देखे कर्नल सोनाराम के आंसू निकल पड़े , पोकरण से सालेह मोहम्मद ने बाजी मारी

बाड़मेर /जेसलमेर । खुद की करारी हार देखे कर्नल सोनाराम के आंसू निकल पड़े , पोकरण से सालेह मोहम्मद ने बाजी मारी

बाड़मेर/ जेसलमेर - राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना में बाड़मेर- जैसलमेर की 9 सीटों पर कई उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे है। सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली पोकरण पर कांग्रेस के सालेह मोहम्मद ने साढ़े तीन हजार की बढ़त हासिल कर ली है। व

  1. हीं बाड़मेर जिले में सबसे चौंकाने वाली 36 हजार से कर्नल सोनाराम की बाड़मेर से हार रही। 



बाड़मेर के शिव से कांग्रेस के अमीन खान 23 हजार, बायतु से हरीश चौधरी कड़े मुकाबले में 2647 से, पचपदरा में मदन प्रजापत ने 2395 व चौहटन में कांग्रेस के पदमाराम ने 4838 मत से जीत हासिल की। बुरी तरह से पिछड़ने के दौरान कर्नल सोनाराम के आंसू निकल पड़े और वे वहां से निकल गए।

जैसलमेर
रूपाराम(कांग्रेस) - 10583
सांगसिंह(भाजपा) -  6361
पोकरण
प्रतापपुरी(भाजपा) - 14102
सालेह मोहम्मद(कांग्रेस) - 13415
बाड़मेर
मेवाराम(कांग्रेस)- 94697
सोनाराम(कांग्रेस)- 58343
बायतु
उम्मेदाराम(रालोपा)- 42533
हरीश चौधरी(कांग्रेस)- 45180
चौहटन
पदमाराम(कांग्रेस) - 79695
आदूराम(भाजपा)- 74858
गुड़ामालानी
हेमाराम चौधरी(कांग्रेस)- 62977
लादूराम विश्नोई(भाजपा)- 52969
पचपदरा
मदन प्रजापत(कांग्रेस)- 69393
अमराराम(भाजपा)- 66998
शिव
खंगारसिंह(भाजपा)- 60106
अमीन खान(कांग्रेस)- 83700
सिवाना
हमीरसिंह(भाजपा)- 45603
बालाराम(निर्दलीय)- 42554

बाड़मेर। कॉंग्रेस के मेवाराम जैन की हुई जीत, BJP के कर्नल सोनाराम हारे

ब्रेकिंग । बाड़मेर। कॉंग्रेस के मेवाराम जैन की हुई जीत, BJP के कर्नल सोनाराम हारे

बाड़मेर। बाड़मेर में चुनावी नतीजों ने हर किसी को चौंका दिया है। बाड़मेर विधानसभा की हॉट सीट पर एक तरफा मुकाबला के साथ कांग्रेस के मेवाराम जैन ने 38 हजार के करीब वोटों से जीत दर्ज की। मेवाराम ने भाजपा के कर्नल सोनाराम चौधरी को हराया है। इसी के साथ समर्थकों में ख़ुशी का माहौल है। मेवाराम के कार्यालय के आगे जश्न शुरू हो गया है।

ताजा अपडेट।। बाड़मेर जिले की सभी विधानसभाओं की

ताजा उपडेट।। बाड़मेर जिले की सभी विधानसभाओं की

सिवाना 11 राउंड 5400 वोटों से हमीरसिंह आगे बीजेपी

पचपदरा से 12 राउंड 2200 वोट से मदन प्रजापत आगे कांग्रेस

चौहटन 13 राउंड 3000 वॉट से पदमाराम मेघवाल आगे कांग्रेस

बायतु से नवां राउंड 4000 वोट से उम्मेदाराम आगे आर एल पी

गुडामालानी 6 राउंड 13000 वोट से हैमाराम चौधरी आगे कांग्रेस

बाड़मेर 11 राउंड 41820 वोट से मेवाराम आगे कांग्रेस

शिव 14 राउंड 4548 वोट से अमीनखान आगे कांग्रेस

LIVE:झालरापाटन। झालरापाटन के चुनाव परिणाम पर टिकी सभी की निगाहें

LIVE:झालरापाटन। झालरापाटन के चुनाव परिणाम पर टिकी सभी की निगाहें

राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे एंटी-इनकंबेंसी से जूझ रही हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही इस बार भी राजस्‍थान की ‘महारानी’ झालरापटन से ही चुनाव मैदान में हैं। झालरापाटन सीट राजस्‍थान के झालावाड़ जिले में आता है। विशेषज्ञों की मानें तो वसुंधरा लिए इस बार का मुकाबला पिछले चुनाव की तुलना में ज्‍यादा कठिन रहने के आसार हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने वसुंधरा के खिलाफ युवा मीनाक्षी चंद्रावत को मैदान में उतारा था। लेकिन, इस बार कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को उतारा है। ऐसे में झालरापाटन के चुनाव परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी हैं। 

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वसुंधरा राजे ने वर्ष 2013 में 63% मत हासिल कर कांग्रेस प्रत्‍याशी पर आसान जीत दर्ज की थी। उस वक्‍त झालरापाटन में कुल 2,28,977 रिजस्‍टर्ड मतदाता थे। वसुंधरा को कुल 1,14,384 मत हासिल हुआ था। वहीं, कांग्रेस प्रत्‍याशी मीनाक्षी चंद्रावत को कुल 53,488 मत मिले थे। इन दोनों प्रत्‍याशियों के बाद सबसे ज्‍यादा वोट NOTA (2.06 फीसद) को मिला था।