बुधवार, 12 दिसंबर 2018

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'


नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है. कांग्रेस राजस्थान में बहुमत के आंकड़े से भले एक सीट दूर रह गई, मगर अपने सहयोगियों के समर्पाथन से सरकार बनाने के आंकड़े को पार कर चुकी है. बीजेपी के पास मौका था राजस्थान के सियासी इतिहास को बदलने का, मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत की जोड़ी ने वसुंधरा राजे की सरकार को पटखनी दे दी और राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक करवा दिया. चुनावी नतीजों में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो अब बनती दिख रही है, मगर कांग्रेस के भीतर असल माथा-पच्ची अब शुरू होने वाली है. आज के परिणाम के नतीजों से यह स्पष्ट हो चुका है कि राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक तो होगा, मगर मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर पर होगा, यह अभी भी बड़ा सवाल है और इस सवाल पर अब तक कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, यह बात तय है कि अशोक गहलोत या फिर सचिन पायलट में से ही कोई एक राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा. लेकिन सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी एक को सीएम के रूप में चुनना इतना आसान भी नही हैं.


राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

दरअसल, राजस्थान में कुल 199 सीटों पर चुनाव हुए और बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत थी, जिसे कांग्रेस ने यह आंकड़ा सहयोगियों की बदौलत आसानी से पार कर लिया. कांग्रेस ने जबरदस्त चुनावी रणनीति से बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता की चाबी अपने हाथ में रख ली. मगर अब कांग्रेस के हाईकमान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है कि आखिर वह किसे अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. बता दें कि कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं.



दरअसल, बीते दिनों जिस तरह से अशोक गहलोत ने संकेत दिये हैं और अन्य राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस के लिए उनकी भूमिक देखी जा रही है, उससे ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में ही रह सकते हैं. क्योंकि अब कांग्रेस के लिए अगला लक्ष्य है 2019 में केंद्र से बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंकना. वैसे ही एनडीटीवी से बातचीत में अशोक गहलोत इस बात को कह चुके हैं कि अगर पार्टी उन्हें केंद्र की जिम्मेदारी देगी, तो वे केंद्र में रहेंगे और अगर राज्य की जिम्मेदारी देगी तो वह यहां भी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं.


वहीं, सचिन पायलट के लिए इसलिए भी सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि न वो सिर्फ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, बल्कि वह युवा चेहरा भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट को सीएम के रूप में ला सकती है. इसकी वजह यह भी है कि अशोक गहलोत राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के लिए भी पहली पसंद हो सकते हैं. हालांकि, इसका निर्णय पार्टी को ही करना है. मगर जो भी राजस्थान में सचिन पायलट या अशोक गहलोत में से किसी एक को चुनना कांग्रेस के लिए इतना आसान भी नहीं होना वाला है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें