राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे
नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सवाल यह उठने लगा कि वहां मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि, पायलट और गहलोत दोनों ने ही इस पर फैसला लेने के लिए पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. बुधवार को हुई विधायक दलों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि 'मुख्यमंत्री कौन होगा?' इस पर आलाकमान ही फैसला लेगा. बताया जा रहा है कि आलाकमान के हाथों में फैसला देने का प्रस्ताव अशोक गहलोत ने दिया और इसका अनुमोदन सचिन पायलट ने किया. सूत्रों की मानें तो दो तिहाई विधायक सचिन के साथ हैं और बैठक में सचिन-सचिन के नारे भी लगे हैं.
बता दें, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन सुगमता से किया जाएगा. राहुल ने कहा, ‘हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को हरा दिया है... मुख्यमंत्रियों (के चयन) को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा. यह सुगमता से किया जाएगा.'' दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछा गया था कि हिन्दी पट्टी के इन तीन राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री कौन-कौन होंगे, जिसके जवाब में राहुल ने यह बात कही.
बता दें, राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंह देव, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत, प्रदेश पार्टी प्रमुख भूपेश बघेल और ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू इस शीर्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
राहुल ने यह भी कहा कि पार्टी ने चुनावों से पहले विभिन्न राज्यों में पार्टी के अंदर नेताओं के बीच तनाव को प्रभावी तरीके से दूर किया. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एकजुट होकर काम किया, जिसने पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में विजेता बनकर उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों की जीत है. अब कांग्रेस पार्टी पर बड़ी जिम्मेदारी है.''
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, वहीं राजस्थान में 99 और मध्य प्रदेश में 114 सीटें मिली हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सवाल यह उठने लगा कि वहां मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि, पायलट और गहलोत दोनों ने ही इस पर फैसला लेने के लिए पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. बुधवार को हुई विधायक दलों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि 'मुख्यमंत्री कौन होगा?' इस पर आलाकमान ही फैसला लेगा. बताया जा रहा है कि आलाकमान के हाथों में फैसला देने का प्रस्ताव अशोक गहलोत ने दिया और इसका अनुमोदन सचिन पायलट ने किया. सूत्रों की मानें तो दो तिहाई विधायक सचिन के साथ हैं और बैठक में सचिन-सचिन के नारे भी लगे हैं.
बता दें, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन सुगमता से किया जाएगा. राहुल ने कहा, ‘हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को हरा दिया है... मुख्यमंत्रियों (के चयन) को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा. यह सुगमता से किया जाएगा.'' दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछा गया था कि हिन्दी पट्टी के इन तीन राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री कौन-कौन होंगे, जिसके जवाब में राहुल ने यह बात कही.
बता दें, राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंह देव, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत, प्रदेश पार्टी प्रमुख भूपेश बघेल और ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू इस शीर्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
राहुल ने यह भी कहा कि पार्टी ने चुनावों से पहले विभिन्न राज्यों में पार्टी के अंदर नेताओं के बीच तनाव को प्रभावी तरीके से दूर किया. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एकजुट होकर काम किया, जिसने पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में विजेता बनकर उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों की जीत है. अब कांग्रेस पार्टी पर बड़ी जिम्मेदारी है.''
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, वहीं राजस्थान में 99 और मध्य प्रदेश में 114 सीटें मिली हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
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