बुधवार, 12 दिसंबर 2018

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी 



पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जेसलमेर में सम्पन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नो में से आठ सीट जीत कर परचम लहरा दिया मगर कांग्रेस के लिए विश्लेषण का विषय है कि इस बार कांग्रेस को उसके परंपरागत जाट और दलित वोट नही मिले मगर इन वोटों की भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान वोटरों ने कर नया जातीय समीकरण बना कांग्रेस को आठ सीट जितवा दी।



बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में मेवाराम जैन की बड़ी जीत का आधार स्वाभिमान सेना ने रखा।।मेवाराम जैन के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 2014 में हराने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी थे।।सोनाराम चौधरी की टिकट फाइनल होते ही कर्नल को हराने के लक्ष्य स्वाभिमान सेना ने रखा। कांग्रेस के परंपरागत वोट जाट और दलित का बिखराव कर्नल और निर्दलीय राहुल बामनिया के पक्ष में हो जाने के बाद स्वाभिमान सेना ने मेवाराम की बागडौर संभाल ली।।मानवेन्द्र सिंह समर्थकों के कांग्रेस से जुड़ जाने कर बाद मेवाराम की सीट सुरक्षित हो गई ।इसी तरह सबसे प्रतिष्ठा वाली शिव विधानसभा जहां मानवेन्द्र सिंह विधायक थे से वरिष्ठ नेता अमीन खान को उम्मीदवार बनाया तो उन्हें हराने के लिए आर एल डी से दलित नेता उदाराम मेघवाल को उतारा।।दलित और जाट मतदाताओं का गठबंधन उन्हें उतारा गया।


जिससे कांग्रेस के परम्पतगत वोट छिटक गए।।इसकी भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान समर्थकों ने को।।राजपूत,रावण राजपूत सहित अन्य जातियां अमीन खान के साथ जुड़ कर इसकी भरपाई कर कांग्रेस के खाते में यह सीट बड़े अंतर से जीत ली।।खुद अमीन खान ने अपनी जीत को स्वाभिमान की जीत बताया।।चोहटन ,गुड़ामालानी,पचपदरा, बायतु,में भी यही स्थति बनी।।गुडा में राजपूत रावणा राजपूत वोट कांग्रेस से जुड़े तो पचपदरा में मदन प्रजापत को जाटों और दलितों के वोट नही मिले मगर इसकी पूर्ती स्वाभिमानियो ने कर दी।।बायतु में आर एल पी ,भाजपा,बसपा ,कांग्रेस के बीच जाटों और दलित वोटों का ध्रुवीकरण होने से आर एल पी के उम्मेदाराम कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे थे।।कई राउंड में उम्मेदाराम आगे रहे।।मानवेन्द्र सिंह समर्थक पटौदी बेल्ट से कांग्रेस को वोट मिलने से हरीश चौधरी जीत पाए।

जेसलमेर में कांग्रेस प्रत्यासी रूपाराम धनदे को बसिया क्षेत्र जो मानवेन्द्र सिंह समर्थक बेल्ट है के वोट थोक में मिलने से बड़ी जीत दर्ज की।।पोकरण में राहुल गांधी की सभा मे स्वाभिमान अमर रहे के नारे लगे।साले मोहम्मद को यहां स्वाभिमान वोट मिले।।जिससे उनकी जीत हुई। कांग्रेस में स्वाभिमानियो के वोटों का ध्रुवीकरण होने से कांग्रेस जीत दर्ज करा पाई।।बाकी कांग्रेस के परंपरागत दलित और जाट मतदाताओं ने हराने में कोई कमी नही रखी।कोई स्वीकार करे न करे यह कड़वी सच्चाई है।

कांग्रेस को इस पर मंथन करना चाहिए कि उनके परंपरागत वोट कितने मिले। मानवेन्द्र सिंह खुद झालावाड़ से मुख्यमंत्री के सामने चुनाव लड़ रहे थे मगर उनके कार्यकरता कांग्रेस के साथ जुड़ जिताने में लगे थे इसमे सफल रहे। सिवाणा में टिकट वितरण में कमी के कारण जरूर हारे बाकी भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया।स्वाभिमानियो ने वसुंधरा राजे को सत्ताच्युत करने में सफल रहे। कर्नल सोनाराम चौधरी को हराकर जसवंत सिंह को हराने के बदला ले लिया।

2 टिप्‍पणियां:

  1. Baitu me to sare swabhimani bsp me jor laga rahe the,shiv me khumansighjee ko 600000 vote kisne diye??pokaran dalit &jat ke karan hi jit hui, pachpadra me booth manege menagement nahi kar paye amra ram jee,guda me swabhiman vale vote he nahi the, chohtan me jit ka antar kam hua&jaisalmer me Rupa ram jee apni yogyata se jite???kanha he swabhiman? ???

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    1. अचा आंकलन पेश किया भाई शिव में यदि 60000 मिले तो आरा एल पी को शिव में केसे वोट मिले जबकि भाजपा के समर्थन के हिसाब से तो भाजपा उम्मीदवार को वोट जाने चाहिए रूपा राम जी अपनी योग्यता से जीतते तो 2013 में भी जित जाते अब यह मत कहना अकी मेवा राम की अछि जीत भी जाट मतदाताओ के कारण हुई पचपदरा में एक तरफ़ा अमरा राम को जाट वोट मिले हे दूसरी साडी जातिया एक तरफ हो गयी थी पोकरण में प्रताप पूरी जी को कितने मत दिए जाट विश्नोई समुदाय ने वो आंकड़ो में स्पष्ट हे ज्यादा मत बुलवाओ

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