मंगलवार, 23 जून 2020

बाड़मेर,पाकिस्तान का जीरो लाइन स्टेशन बदला मारवी के नाम से पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की अमर प्रेम कथा की नायिका के नाम पै रखा स्टेशन का नाम मारवी

बाड़मेर,पाकिस्तान का जीरो लाइन स्टेशन बदला मारवी के नाम से 

पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की अमर प्रेम कथा की नायिका के नाम पै  रखा स्टेशन का नाम मारवी 

बाड़मेर भारत पाकिस्तान के मध्य संचालित होने वाली थार एक्सप्रेस हालाँकि अभी लम्बे समय से बंद हैं ,बाड़मेर के मुनाबाव और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के खोखरापार के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस दोनों देशो के अवाम  जोड़ने वाली अहम साप्ताहिक अंतराष्ट्रीय रेल थी ,पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के मध्य रोटी बेटी का रिश्ता आज भी कायम हैं ,गत साल थार एक्सप्रेस को कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद बंद कर दिया था ,बाड़मेर के मुनाबाव रेलवे स्टेशन से महज डेढ़ किलोमीटर तारबंदी के पार पाकिस्तान ने जीरो लाइन पर अपना पहला रेलवे स्टेशन बनाया था ,इसी स्टेशन पर भारत से जाने वाले यात्रियों के दस्तावेजों जाँच ,एमिग्रेशन ,आदि इसी स्टेशन पर होता हैं ,पाकिस्तान रेल वे ने इस दौरान इस जीरो लाइन रेलवे  बदल मारवी कर दिया,मारवी सिंध की अमर प्रेम कथा उमर मारवी की हैं ,सिंध की यह प्रेम कथा बेहद लोकप्रिय हैं ,

प्रेमकथा पर सिंधी में बनी फिल्म, मार्च 1956 में हुई थी रिलीज

उमर-मारवी की प्रेमकथा पर पाकिस्तानी फिल्म 12 मार्च 1956 को रिलीज हुई थी। यह वहां बनी पहली सिंधी फिल्म थी। मारवी का संबंध थार के खानाबदोश कबीले से था। इस पूरे किस्से को शाह अब्दुल लतीफ ने शायरी का विषय बनाया और मारवी को देशप्रेम और अपने लोगों से मोहब्बत की मिसाल बनाकर पेश किया है। पाकिस्तान में मारवी को अब भी प्रेम और सच्चाई की पहचान के रूप में जाना जाता है।

रेलवे स्टेशन के नामकरण के पीछे की कहानी

सिंध में उमर-मारवी की प्रेमकथा काफी प्रचलित है। मारवी को प्यार का प्रतीक माना जाता है। एक समय सिंध के अमरकोट में उमर सुमरो का शासन था। वहीं गांव में एक चरवाहा रहता था। उसकी मारवी नाम की बेटी थी। उसने मारवी का विवाह बचपन में ही खेतसेन से तय कर दिया था। युवावस्था में संपन्न किसान फोगसेन शादी के लिए दबाव डालने लगा।

किसान ने इनकार किया तो वह बादशाह के दरबार में पहुंचा और मारवी के सौंदर्य का बखान किया। बादशाह खुद मारवी को चाहने लगा, मगर मारवी कभी तैयार नहीं हुई। उसने मारवी को एक साल अमरकोट के किले में कैद रखा। अंतत: मारवी की शादी खेतसेन से की गई।

खेतसेन उसे शक की निगाह से देखता था। जब बादशाह को यह पता चला तो वह मारवी के गांव आया और अग्नि परीक्षा दी। इसमें वह बेगुनाह साबित हुए। मारवी गांव में खेतसेन के साथ रही और बादशाह अपने शहर अमरकोट लौट गया।

सोमवार, 15 जून 2020

जैसलमेर रामगढ़ कॉपरेटिव बैंक गबन प्रकरण बैंक प्रशासक को अँधेरे में रखा ,गबन की कोई पत्रावली कलेक्टर तक नहीं पहुंची


जैसलमेर  रामगढ़ कॉपरेटिव बैंक गबन प्रकरण

बैंक प्रशासक को अँधेरे में रखा ,गबन की कोई पत्रावली कलेक्टर तक नहीं पहुंची

जैसलमेर जैसलमेर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक की रामगढ़  शाखा में करीब छह करोड़ के गबन के मामलो में बैंक प्रशासक की कूटरचित चालो के चलते गबन की कोई फाइल बैंक के प्रशासक और जिला कलेक्टर के पास नहीं पहुंची,जबकि गत वर्ष इस मामले के उजागर होने के बाद तीन कार्मिको को निलंबित किया  शेष के खिलाफ कार्यवाही के लिए बैंक के अधिकारियो को रजिस्टर  था,मगर बैंक में काबिज मुख्य प्रबंधक  बैंक प्रशासक और जिला कलेक्टर तक पहुंचने ही नहीं दी ,जनवरी 2020 में अतिरिक्त रजिस्टर धन सिंह देवल द्वारा इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट जारी कर मुख्य प्रबंधक को दोषी कार्मिको के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे ,मगर मुख्य प्रबंधक ने इस जाँच रिपोर्ट को संस्थापन मार्क कर फाइल को दबा दिया इस जाँच रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी बैंक प्रशासक को नहीं दी जबकि बैंक की हर डाक बैंक प्रशासक और जिला कलेक्टर को प्रतिलिपि दी जाती हैं ,जबकि इस गबन प्रकरण की फाइल एक मर्तबा भी प्रशासक के पास नहीं भेजी ,प्रशासक को अँधेरे में रखा ,चूँकि मुख्य प्रबंधक पद पर उप रजिस्टर सहकारी संस्थाए सुजानाराम को अतिरिक्त कार भार दे रखा था ,सुजानाराम खुद इस गबन प्रकरण का मुख्य आरोपी हैं ,जाँच रिपोर्ट को इन्होने आसानी से खुर्द बोर्ड कर प्रशासक से छुपाये राखी ,इस सम्बन्ध में जिला कलेक्टर और बैंक प्रशासक नमित मेहता से बात हुई तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा की इस तरह के रामगढ़ बैंक में गबन को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं हैं ,जाँच रिपोर्ट को लेकर उन्होंने बताया की उनके पास कोई जाँच रिपोर्ट नहीं आई ,न ही गबन प्रकरण की कोई फाइल मेरे तक पहुंची ,उन्होंने बताया की बैंक प्रशासक की हैसियत से न सही लेकिन जिला कलेक्टर की हैसियत से भी बैंक रजिस्टर द्वारा उन्हें जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि नहीं दी गयी ,रामगढ़ बैंक में लगभग छह करोड़ के गबन की जाँच रिपोर्ट उजागर होने के बाद बैंक के दोषी कार्मिको में खलबली मची हैं





बाड़मेर। राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर में पंचों के तुगलकी फरमान का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां जातीय पंचों ने एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर उसका हुक्का पानी बंद कर दिया है। तथाकथित जातीय पंचों ने दुष्कर्म मामले में राजीनामा नहीं करने के चलते इस परिवार को समाज से बहिष्कृत करते हुए उसका हुक्का-पानी बंद करने का फरमान जारी किया है। पीड़िता के परिवार ने शनिवार को एसपी दफ्तार में ज्ञापन सौपकर कार्यवाही की गुहार लगाई है।

बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी थाना इलाके के मीठी बेरी गांव के इस मामले में खुद को समाज का ठेकेदार मानने वाले जातीय पंचों ने एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया। यही नहीं इन पंचों ने समाज से बाहर निकाले गए परिवार का हुक्का-पानी भी बंद कर दिया। मीठी बेरी निवासी पीड़ित परिवार ने बाड़मेर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा को ज्ञापन सौपकर जातीय पंचों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सुरक्षा की गुहार लगाई है।


एक संतान सबसे अपने माता- पिता के पास रहकर सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करती है। लेकिन अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो किसी पर भी विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही घटना बाड़मेर में सामने आई है। दरअसल बाड़मेर पुलिस अधीक्षक से एक युवती ने न्याय व सुरक्षा की गुहार लगाई है। आरोप है कि एक विवाहिता युवती के रिश्तेदारों द्वारा अपहरण कर उसका बलात्कार किया गया और वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया गया । खास बात यह है कि इस मामले में पीड़िता के माता- पिता ही राजीनामे के लिए लगातार उस पर दबाव बना रहे हैं।


एसपी को सौंपा ज्ञापन
जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र में एक विवाहिता ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा करने की गुहार लगाई है। दरअसल विवाहिता की शादी एक वर्ष पूर्व हुई थी,जब पहली बार विवाहिता वापिस अपने पीहर आई तो उसके चेचरे भाई ने जबरदस्ती बलात्कार कर अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।




पति के साथ मारपीट

मिली जानकारी के अनुसार जब पीड़िता के पति को इस संबंध में जानकारी मिली, तो वह ससुराल पहुंचा। लेकिन इस दौरान उसके पति के साथ पीहर पक्ष वालों ने मारपीट की गई। इसके बाद पीड़िता ने गिड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज कर आरोपी चचेरे भाई जगदीश को गिरफ्तार करवाया। इसके बाद से विवाहिता के पीहर पक्ष की ओर से मामले में राजीनामा करने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है । साथ ही उसे जान से मारने की धमकियां दी जा रही है।




भारत-पाक के बीच चलने वाली साप्ताहिक थार एक्सप्रेस कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद से भले ही बंद हाे,लेकिन पाक रेलवे ने भारत के सामने जीरे पॉइंट रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है। पाक रेलवे ने स्टेशन का नाम मारवी रखा है। अब जब भी दोनों देशों की रेल सेवा वापस बहाल होगी तब पाक का जीरो पॉइंट रेलवे स्टेशन नहीं होगा। पाक का ये पहला स्टेशन मारवी होगा। पाक रेलवे की अाेर से स्टेशन का नाम बदलने की कवायद काे सुरक्षा एजेंसियां भी समझ नहीं पाई है। रेलवे स्टेशन के नामकरण से पहले सीमा के उस पार पाक का पहला स्टेशन जीरो पॉइंट स्टेशन था। पाक ने थार एक्सप्रेस बंद कर दी थी, उसके बाद दोनों देशों के बीच रेल सेवा बंद है। अब पाक ने अपने जीरो पॉइंट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रेम एवं सच्चाई की पहचान पाक की एक युवती मारवी के नाम कर दिया है।
प्रेमिका के खातिर अमरकोट के शासक उमर ने दी थी अग्निपरीक्षा
सुमरो के आगे मारवी के सौंदर्य की बखान करने लगा और उमर सुमरो सवार होकर मलीर गया। उसको अमरकोट लेकर चला गया। उमर ने मारवी से शादी करने के लिए बहुत सारी कोशिशें की मगर मारवी ने कभी हां नहीं भरी। सिंध के मशहूर सूफी शायर शाह अब्दुल लतीफ अपने सिंधी रिसाले में लिखते हैं कि मारवी ने उमर को अपनाया नहीं और कहा कि मैं यहां मर जाऊं तो मुझे मेरे गांव में दफनाना। उन्होंने एक साल के बाद मारवी को आजाद कर दिया। फिर मारवी की शादी खेतसेन से की गई। खेतसेन शक की निगाह से देखने लगा। जब इस बात का उमर को पता चला तब मलीर आया और उमर ने अग्नि परीक्षा दी। इसमें वह बेगुनाह साबित हुए। मारवी मलीर में खेतसेन के साथ रही और उमर वापस अपने शहर अमरकोट चला गया।

सिंध में उमर मारवी नाम से प्रेम कथा प्रचलित है। साहस के कारण मारवी को प्यार का प्रतीक माना जाता है। सिंध के अमरकोट में राजा उमर सुमरो का शासन था। उस वक्त मलीर गांव में पालिनी नामक चरवाहा अपनी पत्नी मादुई के साथ रहता था। उसकी एक पुत्री थी जिसका नाम था मारूई (उर्दू में मारवी) था। मारवी के पिता ने बचपन में ही उसका विवाह खेतसेन नामक किसी युवा के साथ तय कर दिया था। वह जब युवा हुई तो उसी गांव का कोई फोगसेन नामक संपन्न किसान शादी करने के लिए परिवार पर दबाव डालने लगा। मारवी के पिता ने यह रिश्ता देने से इनकार किया तो वह सीधा अमरकोट के बादशाह उमर सुमरो के दरबार में पहुंआ।
इस प्रेम कहानी पर बनी सिंधी भाषा में पहली फिल्म हुई थी मार्च 1956 में रिलीज
उमर मारवी की इस लोककथा पर एक पाकिस्तानी फिल्म 12 मार्च 1956 को रिलीज हुई, यह पाकिस्तान में बनी पहली सिंधी भाषा की फीचर फिल्म थी। अमरकोट का नाम वहां के एक किले के नाम पर है, जहां प्रेम और बहादुरी के कई किरदारों की यादें हैं। अमरकोट पर राजपूत और बाद में सुमरो खानदान बादशाहत करता रहा है। मारवी को बादशाह उमर ने वहां कैद कर रखा था। उसे मारवी का कैद खाना कहा जाता है। मारवी का संबंध थार के खानाबदोश कबीले से था। इस पूरे किस्से को शाह अब्दुल लतीफ ने अपनी शायरी का विषय बनाया और मारवी के किरदार को देशप्रेम और अपने लोगों से मुहब्बत की मिसाल बनाकर पेश किया है। मुगल बादशाह अकबर का जन्म अमरकोट के किले में हुआ था।
पाक में उमर-मारवी की प्रसिद्ध एक पेंटिंग
पाक में उमर-मारवी की प्रेम कथा की नायिका मारवी के नाम स्टेशन




प्रेम प्रसंग के  चलते युवक ने आत्महत्या की

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सिणधरी कस्बे में शनिवार को छत्रावास में एक युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस थाना सिणधरी के थानाधिकारी पुलिस बल सहित मौके पर पहुँच गए ,

पुलिस सूत्रानुसार सिणधरी स्थित मेघवाल छत्रावास में अध्ध्ययनरत द्वितीय वर्ष  छात्र मिश्राराम पुत्र राणाराम निवासी करडाली ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली ,मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को निचे उतरा ,थानाधिकारी जेठाराम जयपाल ने बताया की युवक के पास से सुसाइड नॉट बरामद हुआ ,युवक का प्रेम प्रसंग का मामला था ,युवक के परिजनों को सूचित किया गया ,हैं परिजनों के आने के बाद शव का अन्त्य परीक्षण किया जायेगा




बाड़मेर,सामाजिक सुरक्षा पेंशन यजना में 27 लाख के  गबन के प्रकरण में पचपदरा पुलिस ढाई साल से चालान पेश नहीं  कर रही,

बाड़मेर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा कर 27 लाख का गबन काने वाली सामाजिक स्वयं सेवी संस्था रेड्डी संस्था  खिलाफ उप कोष कार्यालय  पचपदरा द्वारा पचपदरा थाना में मुकदमा दर्ज कराये चार साल बीत गए मगर पचपदरा पुलिस ने चालान पेश करने नब्बे दिन की अवधि बीत जाने के चार साल बाद भी न्यायालय में चालान पेश नहीं किया ,जबकि तमान जांचो में रेड्डी संस्था  सचिव देवाराम चौधरी /गोदारा दोषी पाए गए ,

जानकारी के मुताबीख चार आरोपियों ने मिलकर उप कोष कार्यालय पचपदरा में सेवा प्रदाता एजेंसी रेड्डी संस्था के कार्मिक प्रवीण कुमार पुत्र जगदीश कुमार धोबी निवासी बालोतरा ने उप कोष कार्यालय पचपदरा की आई डी और पासवर्ड का दुरूपयोग कर सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में सेंध लगाकर पेंशन जारी करने में हेराफेरी कर दी ,उसके द्वारा पेंशनर्स के रूप में काल्पनिक पुराने पी पी ओ  नंबर दर्ज कर बैंक खाता संख्या फीड क्र दी ,पेंशनर्स के पुराने पी पी ओ नंबर बैंक खाते के साथ फीड कर दिए ,इस रिपोर्ट के आधार पर उप कोष कार्यालय पचपदरा द्वारा पेंशनर्स के खातों में राशि हस्तांतरित होती गई ,364 पेंशनर्स के लाखो रुपये का फर्जी भुगतान संस्था के द्वारा खोले खातों में होता रहा ,जिसकी खबर कोष कार्यालय को भी नहीं लगी मगर एक ग्राम पंचायत के जागरूक कार्मिको ने शिकायत उप कोष कार्यालय और तत्कालीन जिला कलेक्टर को कर दी ,जाँच में फर्जीवाड़े की पोल खुलकर सामने आई ,गांव गांव में गरीबो के साथ यह छलावा होने और लाखो रूपये की फर्जी पेंशन का भुगतान होने की जानकारी मिलने पर अधिकारियो के हाथ पांव फूल गए ,यह बात भी सामने आई की गबनकर्ताओ व् इनके बिचैलियो ने पेंशन शुरू करवाने के नाम पर गरीबो से तीन तीन हजार रूपये भी वसूले। इस गबन के उजागर होने पर उप कोष अधिकारी देवीलाल पुत्र आईदानराम सुथार ने रेड्डी संस्था बालोतरा के द्वारा उपलब्ध कराये गए कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रवीण कुमार ,निविदादाता फर्म रेड्डी के सचिव देवाराम चौधरी ,उम्मीद सिंह पुत्र जालम सिंह  निवासी चारलाई ,तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता मंजू के खिलाफ सांठगांठ का राजकीय राशि के गबन का मामला 27 अक्टूबर 2017 को पचपदरा थाने में दर्ज कराया ,जिसमे बिना दस्तावेजों के काल्पनिक पी पी ओ नंबर दर्ज करने ,फर्जी सहायक लेखाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करणे ,फर्जी पी पी ओ जारी करने लिगेसी पेंशननाश के रूप में डाटा दर्ज करने ,फर्जी लिगेंसी पेंशनर्स के दस्तावेजों को कार्यालय से गायब क्र खुर्द बुर्द करने ,राजकीय कार्य में बढ़ा डालने पेंशनर्स और बिचोलियो से संत गांठ कर राजकीय राशि हड़पने की नियत से गबन और धोखा धड़ी करने के आरोप लगाए , साथ ही गबन की गयी राशि 27 लाख 62 हजारे 7 सौ 50 रूपये की राजकीय राशि ब्याज सहित वसूलने व् आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने का लिखा गया ,मजेदार बात हे की पुलिस थाना पचपदरा में यह मामला 2017 में दर्ज हुआ ,मामले की जाँच पूर्ण हुए अरसा बीत गया ,चालान पेश करने की नब्बे दिन की अवधि बीत जाने के बाद भी इन आरोपियों के खिलाफ चालान पेश नहीं किया ,जिसके चलते जिन पेंशन धरियो के नाम फर्जी पेंशन उठाई उनसे विभाग वसूली के नोटिस जारी कर वसूल कर  रहे जबकि उन्होंने कभी पेंशन उठाई नहीं ,

हमने निविदादाता फर्म रेड्डी संस्था के खिलाफ पचपदरा थाना में मुकदमा दर्ज कराया था ,पुलिस थाना पचपदरा तीन साल भी कजोई कार्यवाही नहीं क्र रहा ,हमने सारे दस्तावेज उपलब्ध करा जाँच में पूर्ण सहयोग किया ,आगे की कार्यवाही पुलिस को करनी हैं ,देवीलाल सुथार ,उप कोषाधिकारी  पचपदरा बाड़मेर

पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने इस प्रकरण को लेकर बताया की इसप्रकरण को मैं खुद देखु  ,जल्द ही कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी ,




जैसलमेर,पी पी पी मोड़ पर दिए स्वास्थ्य केंद्रों के भुगतान के बिल रोके,जांच कमिट गठित* *50 लाख का फर्जी भुगतान के बिल किये पेश,जबकि केंद्रों पे लगे थे ताले*

जैसलमेर,पी पी पी मोड़ पर दिए स्वास्थ्य केंद्रों के भुगतान के बिल रोके,जांच कमिट गठित*

*50 लाख का फर्जी भुगतान के बिल किये पेश,जबकि केंद्रों पे लगे थे ताले*

*जैसलमेर  सरहदी जैसलमेर जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा  जनवरी 18 को पी पी मोड़ पर निजी फर्म को दिए सीमावर्ती क्षेत्र के दो स्वास्थ्य केंद्रों में लम्बे समय से ताले लगे होने के बावजूद फर्म द्वारा फर्जी भुगतान बिल पेश करने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा भुगतान रोक पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमिटी के गठन किया है।इस कमिटी ने प्रथम चरण की जांच कर ली है।।

विभागीय जानकारी के अनुसार एक जनवरी 2018 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग जेसलमेर द्वारा सीमा क्षेत्र के दो स्वास्थ्य केंद्र मदासर और भोरवाला को पी पी मोड़ पर संचालित करने के लिए निजी फर्म मैं नोरंगराम दयानन्द डूकिया शिक्षण संस्था झुंझुनू के मैथ एम ओ यू किया था।जिसमे समस्त स्टाफ निजी फर्म द्वारा रखकर इन स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जाना था।।एक साल तो ठीक ठाक निकाल दिया।बाद में भोरवाला स्वास्थ्य केंद्र पर ताले लग गए।मदासर स्वास्थ्य केंद्र कभी कभार खुलता।।जिसकी समय अंतराल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायते मिली।।वित्तिय अनियमितताओं सहित केंद्र के बन्द रहने लोगो का उपचार न होने ,निर्धारित स्टाफ न लगने की शिकायत पर गत वित्तिय वर्ष में इस फर्म का भुगतान रोक दिया।।इतनी शिकायतों के बाद कभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वादथ्य अधिकारी ने कभी निरीक्षण कर वास्तविकता जांचने की जहमत नहीं उठाई।न ही फर्म को कोई नोटिस जारी किया।।फर्म का करीब पचास लाख रुपये का बकाया भुगतान है।।फर्म द्वारा अद्धिकारियो पर बिल भुगतान करने के लिए निरंतर दबाव डाला जा रहा हैं।मगर मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य विभाग द्वारा अनियमितताओं पर इन्हें नोटिस तक जारी नही किया  न ही फर्म को  डिफाल्टर घोषित किया।नियमानुसार फर्म ने करीब 12 माह से बकाया भुगतान के बिल पास करने के लिए हाथ पांव मारने लगे।।अब करीब 14 माह का करीब पचास लाख रुपये बकाया है जिसे जांच कमिटी की रिपोर्ट के बाद अंतिम निर्णय होगा।

इस फर्म द्वारा एक एक चिकित्सक,2 मेल नर्स, एक लेब टेक्नीशियन,एक कम्प्यूटर ऑपरेटर,3 ए एन एम के वेतन की राशि के भुगतान के बिल करीब 50 लाख के पेश किए है।।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी के बारूपाल ने बताया कि फर्म की शिकायतें बार बार आ रही थी।।इनका भुगतान पिछले साल से बकाया है।।भुगतान के लिए पेश किए बिलो के सत्यापन और मौका जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमिटी गठित की है।।जिसमे लेखाकार नवीन कुमार,ब्लॉक सी एम एच ओ और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण शामिल है।ये जांच कर रिपोर्ट देंगे उसी आधार पर आगे कार्यवाही होगी।।

जैसलमेर, विद्युत विभाग के कार्मिक भरष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़े,बीस हजार रिश्वत लेते धरे गए*

 जैसलमेर, विद्युत विभाग के कार्मिक भरष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़े,बीस हजार रिश्वत लेते धरे गए*

जैसलमेर विद्युत बिल में शुद्धिकरण के लिए बीस हजार की रिश्वत राशि लेते सोमवार को विद्युत विभाग जैसलमेर के दो कार्मिक भरष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए।।ब्यूरो के पुलिस उप अधीक्षक अनिल पुरोहित ने बताया कि आसकन्द्र निवासी नरपत सिंह ने शिकायत पेश की थी कि आसकन्द्र में उनका कृषि कनेक्शन है जिसका बिल अधिक आने पर अभियंता सुनील कुमार ,और आर ओ उमाशंकर से मिला तो उन्होंने बीस हजार की राशि रिश्वत में मांगी ।ये पैसे उमाशंकर को देने थे।उसके बाद बिल शुद्धिकरण का आश्वासन दिया।परिवादी द्वारा असज बीस हजार रुपये आर ओ उमाशंकर मीणा और लाइनमैन मनोज कुमार को देनी थी। तय अनुसार यह राशि परिवादी द्वारा दी गई।।मौके पर गई ब्यूरो टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते विद्युत विभाग नाचना कार्यालय में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।।ब्यूरो टीम दोनो से पूछताछ कर रही है।।

जैसलमेर साईबर सैल की बडी कार्यवाही, आॅनलाईन ठगी का पर्दाफाश, प्रार्थी के खाते से ठगे गए चालीस हजार रूपये प्रार्थी के खाता में जमा हुए वापस




 जैसलमेर  साईबर सैल की बडी कार्यवाही, आॅनलाईन ठगी का पर्दाफाश,
प्रार्थी के खाते से ठगे गए चालीस हजार रूपये प्रार्थी के खाता में जमा हुए वापस 
प्रार्थी ने जताया पुलिस अधीक्षक का आभार

घटना का संक्षिप्त विवरण 


जैसलमेर दिनांक 07.05.2020 को प्रार्थी श्री चंद्रप्रकाश पुरोहित निवासी जैसलमेर ने उपस्थित थाना कोतवाली, जैसलमेर होकर एक रिपोर्ट वदी मजमून की पेश की कि वक्त करीब 03 बजे के आस पास मेरे मोबाईल पर एक विजय नामक व्यक्ति का फोन आया ओर कहा कि मेरे कुछ पैसे आने वाले है लेकिनलाॅन लिया हुआ होने के कारण बैक वालों ने खाता बंद कर दिया आप अगर फोन पे या पेटीएम चलाते हो तो मैं आपके खाता में पैसे डला दुंगा आप मुझे बाद में वापस कर देना तब मैने कहा कि मैं फोन पे वगैरा नहीं चलाता हॅु तो उक्त शख्स ने कहा कि आप अपने खाता नम्बर बता दो मैं उसमें पैसे डाल दुगा तब मैने उसको मेरे खाता नम्बर बताये तो उसने कहा कि लेन देन सफल नहीं हो रहा है आप अपने खाता पर जारी एटीम के नम्बर बताओ तब मैने दोस्त विजय के विश्वास में आकर एटीम के नम्बर बता दिया तथा बाद में ओटीपी भी उसको बता दिये जब मेने फोन काटा तो उस व्यक्ति ने मेरे खाता से चालीस हजार रूपये ठगी करके निकाल दिये वगैरा रिपोर्ट पर प्र्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।जैसलमेर



जैसलमेर कार्यवाही पुलिस


ज्ञात रहे कि साईबर अपराध की रिपोर्ट की जानकारी आने पर जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ0 किरन कंग सिद्वू के आदेशानूसार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार बैरवा के निर्देशन में जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में स्थित साईबर सैल प्रभारी मुकेश बीरा के नेतृत्व में कानि0 भीमराव सिंह व हेमराजसिंह राठौड एवं थाना कोतवाली में तैनात कानि0 राकेश कुमार द्वारा प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी ली जाकर बैक से पता किया कि पैसा किस खाते में गया है जिस पर बैक से प्राप्त जानकारी अनुसार सम्बधित गेटवे सिक्युरिटी एजेन्सी के मेल पर मेल भेजा जाकर त्वरित कार्यवाही की गई। जिस पर उक्त गेटवे कम्पनी के द्वारा ठगे गये चालीस हजार रूपये आगे डिलीवरी होने से रोककर उसका ई मेल जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भिजवाया गया। जिसकी सूचना कानि0 भीमरावसिंह द्वारा प्रार्थी श्री चन्द्रप्रकाश को दी गई तो उन्होने अपना खाता को चैक किया तो उनके खाता में अलग अलग हिस्सों में कुल चालीस हजार रूपये जमा होना पाए गए जिस पर प्रार्थी द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक एवं साईबर टीम का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में इस प्रकार की गलती नहीं दोहराने एवं आमजन को इसके बारे में समझाईस करने की बात कही।

जिला साईबर टीम द्वारा इससे पूर्व भी काफी परिवादीयों को उनकी गाढी कमाई जो कि अन्जान ठगों के द्वारा ठगी जाती थी उसको वापिस दिलवाने में अहम भूमिका निभाई है। इस कडी में जिले की आमजन को जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर द्वारा अपील की जाती है कि आप अपनी मेहनत की कमाई को किसी अन्जान व्यक्ति को ठगी के रूप में न सौपें तथा किसी प्रकार का आॅनलाईन लेन देन करने से पहले विशेष सावधानी बरते तथा निम्नलिखित बातों का ध्यान देवें:-




01 अपनी सोशल आईडी का पासवर्ड अपने मोबाईल नम्बर नहीं रखें तथा पासवर्ड बनाते वक्त स्पेशल करेक्टर का उपयोग करेे।

02 किसी अन्जान फोन पर अपना मोबाईल पर पिन नम्बर, ओटीपी, सीवीसी नम्बर एवं अन्य जानकारी नहीं देवे।

03 फेसबुक पर किसी अन्जान व्यक्ति की रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करे।

04 आपके व्हाटस अप एवं मैसेजर पर आपके किसी जानकार द्वारा पैसे माॅगने पर उसकी सम्पूर्ण तस्सली करने के बाद ही पैसे उसके खाता में जमा करवावे।

05 अपना मोबाईल किसी के हाथ में ना देवे क्यों कि किसी व्यक्ति के द्वारा आपका व्हाटसअप हैक कर जानकारी चुरा ली जावेगी।

06 सोशल साईटस पर प्रापत होने वाले लिंक को बिना जानकारी के टच नहीं करे।

07 ओएलएक्स पर दिखाई जाने वाली मंहगी गाडियों को सस्ती दर पर खरीदने के लालच में नहीं आयें।

08 अपने बैक खाता की जानकारी किसी के साथ में भी शेयन नहीं करे।










बाड़मेर. पीड़ित महिलाओं ने मांग कलेक्टर से न्याय ,आज़ाद सिंह राठोड ने की ज़ोरदार पैरवी






पीड़ित महिलाओं ने मांग कलेक्टर से न्याय ,आज़ाद सिंह राठोड ने की ज़ोरदार पैरवी

बाड़मेर. सदर थाना के पास शिव नगर टाउनशिप की जमीन पर बसे गरीबों के पट्टे सुदा  घरों पर नगरपरिषद की टीम द्वारा रविवार को बुलडोजर चलाने को लेकर आज पीड़ित परिवारों की महिलाऐं कांग्रेस युवा नेता आज़ाद सिंह राठोड के नेतृत्व में जिला कलेक्टर से मिलकर न्याय माँगा, जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने माना  की पट्टासुदा मकानों को तोड़ने का मामला उनके सामने आया हैं ,पुरे मामले की तहकीकात कराएँगे किसी के साथ अन्याय नहीं होगा,।

2009 में टाउनशिप बसाए जाने से पूर्व इन लोगों के कब्जे थे और नगर परिषद ने भूखंड आवंटन के लिए पट्टे भी दे रखे है। करीब 12 सालों से ये परिवार नगर परिषद से कब्जा दिलाने की मांग कर रहे थे, लेकिन नगरपरिषद प्रशासन इस पर सहमत नहीं था।

रविवार सुबह नगर परिषद आयुक्त, आरओ सहित अतिक्रमण दस्ते के साथ मौके पर पहुंचे और सिर्फ दो परिवारों के कच्चे मकानों पर बुलडोजर चला दिया। सालों से रहे रहे इन लोगों के बर्तन और घर का सामान सड़क कर डाल दिया।

जबकि उसी के आसपास 60 फीट की सड़क व अन्य कई रसूखदारों के अतिक्रमण थे, जिन्हें नगर परिषद की टीम ने छुआ तक नहीं। इस कार्यवाही को लेकर काफी आक्रोश दिखा। असहाय परिवारों ने परिश्रम कर कच्चा आशियाना बनाया था, नगर परिषद ने उसे भी बुलडोजर चलाकर गिरा दिया।

अपने घर टूटते देख महिलाएं आक्रोशित हो गई और विरोध में जेसीबी पर पत्थर भी बरसाए। आंखों से बहते आंसू और हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाती महिलाओं के दर्द को देखकर भी अफसरों को रहम नहीं आया। 2009 में टाउनशिप बसाए जाने से पूर्व इन लोगों के कब्जे थे, इन्हें वापस कब्जा दिलाना था, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही से कब्जा दिला नहीं पाए। 12 साल बाद घर तोड़ दिए।

 कई लोग टाउनशिप की जमीन पर अवैध कब्जे करके बैठे है, जिन्हें शिकायतों के बाद भी नगर परिषद नहीं हटा रही है। जबकि जिस गरीब परिवार का 20 साल से कब्जा था और टाउनशिप के समय उसे हटाकर फिर से कब्जा दिया जाना था। इसके लिए नगर परिषद में 2012 में राशि तक जमा है। ऐसे गरीब परिवारों के कब्जों को तोड़ दिया।

नगरपरिषद ने पट्‌टे दिए, आठ साल बाद भी कब्जा नहीं दिया

पुष्पा देवी पत्नी पृथ्वी सिंह निवासी शिव नगर टाउनशिप को 2012 में नगर परिषद ने भूखंड का पट्टा दिया है, लेकिन कब्जा नहीं करवाया गया। 8 साल से गरीब परिवार कब्जे के लिए भटक रहा था।

रहने के लिए गरीब परिवार ने टाउनशिप की खाली पड़ी जमीन पर खुद ही कब्जा कर ईंटों के कच्चे कमरे बनाए थे। ये परिवार टाउनशिप बसने से पूर्व भी यहां रहता था, जब टाउनशिप के समय इसे हटाया गया और कहा कि वापस इसी जगह पट्टा देंगे। पट्टा तो दे दिया, लेकिन कब्जा नहीं दिया।

रसूखदारों के अतिक्रमण नहीं हटाए

गरीबों के घर तोड़ने को लेकर लोगों ने सवाल भी उठाए कि टाउनशिप में कई जगह रसूखदार लोगों के सड़क पर भी अवैध कब्जे कर रहे है। सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई। नगरपरिषद प्रशासन की मनमानी से गरीबों के घरों को तोड़ आसमान तले रहने को मजबूर कर दिया।

टाउन शिप योजना में इन पीड़ित परिवारों को नगर परिषद हे यह कह कर पत्ते जारी किये थे की उन्हें दूसरी जगह प्लाट दिए जायेंगे ,मगर बारह साल बाद भी इन्हे पत्ते जारी नहीं किये ,रविवार को अचानक इनके रहवासी मकान  नगर परिषद टीम ने ,ये गरीबों के साथ अन्याय हे जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा ,कलेक्टर ने मामले  निष्पक्ष जांच और न्याय देने का भरोसा दिया हैं ,न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा

आज़ाद सिंह राठोड ,युवा कांग्रेस नेता बाड़मेर

महिलाएं झूठ बोल रही है: सभापति

टाउनशिप की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था, हटाने के लिए बोला था लेकिन हटाया नहीं इसलिए टीम ने जाकर गिराया है। महिलाएं झूठ बोल रही है कि उन्हें पहले नहीं बताया गया। पट्टे मेरे समय के नहीं है, पूर्व में दिए गए है। 8 साल हो गए अब मैं भी क्या कर सकता हूं।
-दिलीप माली, सभापति, नगर परिषद बाड़मेर।





जेसलमेर निजी बस ऑपरेटर्स ने अपनी बसें परिवहन कार्यालय के आगे छोड़ी




जेसलमेर  निजी बस ऑपरेटर्स ने अपनी बसें परिवहन कार्यालय के आगे छोड़ी 

जेसलमर जेसलमेर   प्राइवेट बस यूनियन द्वारा सोमवार सुबह  जिला परिवहन अधिकारी  पूनड़ को  बसों की चाबियाँ सौंपकर समस्त ट्रेवल एजेंसियों की बसे परिवहन कार्यालय के आगे खड़ी कर छक्का जाम की घोषणा कर दी ,हनुमान ट्रेवल्स के अशोक सिंह तंवर ने बताया की  अनलॉक डाउन में बसों के संचालन की अनुमति देने के बावजूद ऑपरेटर्स को आरही समस्याओं में रियायतें देने को लेकर ज्ञापन जिला कलेक्टर को सुपुर्द
किया था मगर कोई कार्यवाही नहीं की गयी ।छह माह के टेक्स माफ़ी की मांग प्राथमिकता से रखी थी ।जब तक छह माह का टैक्स माफ़ नहीं होता  चक्का  जाम रहेगा निजी बसों का

निजी बस ऑपरेटर्स ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर बताया था कि यूनियन की बसों का संचालन अधिकांस रात्रि के समय होता है।।अभी रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहता है।।लॉक डाउन अवधि में बसे खड़ी रहने से बस मालिको की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।।अतिरिक्त छह माह का टेक्स माफ किया जाए।।वाहन के दस्तावेजों की अवधि एक साल तक बढाई जाए।।उन्होंने लिखा कि यात्री अगर कोविड नियमो की अनदेखी करता है तो ऑपरेटर्स को जिम्मेदार नहीं ठहराया

जाए।।बाहर यात्री नही मिलने के चलते यदि कोई बस मालिक वाहन संचालन में असमर्थता जाहिर करे तो बिना शर्त आर सी सरेंडर की जाए।।राज्य सरकार द्वारा वैट में कटौती कर डीजल की दरें कम करे।।ट्रेवल एजेंसियों के नवीनीकरण में रियायत दी जाए।।जेसलमेर सीमावर्ती जिला होने के कारण ट्रेनों और सरकारी वाहनों की कमी होने के कारण दूर दराज गांवो में लोगो के अंतर राज्य शहरों में इलाज के लिए जाने का एकमात्र साधन निजी बसे है।।तंवर ने बताया बस संचालन से जुड़े लाखो लोगो को राहत प्रदान कर हमारी मांगों पर रियायत बरती जाए।।राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हमारी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी मजबूरन निजी ट्रेवल एजेंसियों और ऑपरेटर्स  को अपनी अपनी बसें परिवहन कार्यालय के सामने खड़ी कर दी.इस दौरान समस्त ट्रेवल्स  मालिक उपस्थित थे ,





बाडमेर में दस नए कोरोना पॉजिटिव केस आये,राजकीय अस्पताल के डॉ गोरधन चौधरी हुए पॉजिटिव कुल 142 पहुंची संख्या,

बाडमेर  में दस नए कोरोना पॉजिटिव केस आये,राजकीय अस्पताल के डॉ गोरधन चौधरी हुए पॉजिटिव कुल 142 पहुंची संख्या,

*बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिले में कोरोना का बूम जारी है ।आज प्रातःकालीन रिपोर्ट में आठ नए पॉजिटिव केस आये।।ये सभी सिवाना क्षेत्र के हैं।शाम की रिपोर्ट में बालोतरा से एक न्य केस सामने आया व्ही बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव का  वाले चिकित्सक डॉ गोरधन चौधरी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई ,डॉ की रिपोर्ट पॉजिटिव आने  अस्पताल में हड़कंप मच गया ,क्यूंकि चौधरी की ओ पी दी सबसे ज्यादा , उनके संपर्क में आये लोगो की तलाश की जा रही हैं ।बालोतरा में एक युवती पॉजिटिव आई हैं ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी ने बताया कि आज कोविड -19 के कुल पोजिटिव केस 9 आये है जिसमे सभी बीसीएमओ सिवाना के एरीये के है । ग्राम मोखणडी के 5, सिलोर के 2 , रानीदेशीपुरा व 1 है। इनमे से 6 मेल व 3 फीमेल है।रविवार को जिले में छह सीमा सुरक्षा बल के जवानों सहित 11 नए पॉजिटिव आये थे।।दो दिन में इक्कीस नए केस सामने आए।।
  


03 साल से फरार 2500 रूपये का ईनामी अपराधी, हिस्ट्रीशीटर रूगनाथराम को गिरफतार करने में सफलता





03 साल से फरार 2500 रूपये का ईनामी अपराधी, हिस्ट्रीशीटर रूगनाथराम को गिरफतार करने में सफलता  
           
         बाड़मेर  आनन्द शर्मा, पुलिस अधीक्षक बाडमेर द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि जिले में वांछित व ईनामी अपराधियों की गिरप्तारी हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के दौरान श्री नरपतंिसह अति पुलिस अधीक्षक बालोतरा व श्री देवाराम पुलिस उप अधीक्षक गुडामालानी के सुपरविजन में श्री प्रेम प्रकाश नि.पु. प्रभारी पुलिस थाना आरजीटी रावली नाडी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा आले दर्जे का पोस्त डोडा तस्कर, जाली नोट के प्रकरणों का अपराधी जो थाना रागेश्वरी व गुडामालानी के विभिन्न प्रकरणों में वांछित व 2500 रूपये का इनामी अपराधी व पुलिस थाना रागेश्वरी का हिस्ट्रीशीट रूगनाथराम पुत्र पूनमाराम जाति विश्नोई निवासी गोलिया गर्वा पुलिस थाना आरजीटी को आज दिनांक 14.6.2020 को गिरप्तार करने में सफलता हासिल की। 
      
 पेमाराम कानि. को मुखबीर से प्राप्त सूचना पर श्री प्रेम प्रकाश नि.पु. प्रभारी पुलिस थाना आरजीटी रावली नाडी के नेतृत्व में श्री हरीराम स.उ.नि. तथा श्री मुकनाराम हैड कानि 740 मय पुलिस जाब्ता की टीम द्वारा तुरन्त कार्यवाही करते हुए आडेल चोराहे पर वांछित ईनामी अपराधी रूगनाथराम पुत्र पूनमाराम जाति विश्नोई निवासी गोंिलया गर्वा पुलिस थाना आरजीटी रावली नाडी नगर को दस्तयाब करने में सफलता हासिल की गई। मुलजिम प्रकरण संख्या 138/17 धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट थाना गुडामालानी, प्रकरण संख्या 75/19 धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट थाना रागेष्वरी तथा प्रकरण संख्या 76/2019 धारा 458, 354, 365, 387, 323 भादस में वांछित चल रहा था जिसकी गिरफतारी हेतु पुलिस अधीक्षक बाडमेर द्वारा इसकी गिरफतारी पर 2500 रूपये का ईनाम भी घोषित किया गया था।  
तरीका वारदात- मुलजिम अवैध पोस्त डोडा, अवैध शराब, जाली नोट, अवैध हथियार तस्करी व मारपीट की वारदाते करने का आदि है। मुलजिम नबिया गैंग का सदस्य है। मुलजिम पुलिस थाना गुडामालानी के एनडपीएस एक्ट के प्रकरण में पिछले 03 साल से फरार चल रहा है। 
आपराधिक पृष्ठभूमि- मुलजिम के विरूध अवैध पोस्त डोडा, अवैध शराब, जाली नोट, अवैध हथियार तस्करी व मारपीट के थाना आरजीटी रावली नाडी, गुडामालानी, जोधपुर व पाली जिलों में   कुल 07 प्रकरण दर्ज है। 



गुजरात के कच्छ में एक बार फिर भूकंप का झटका, कल रात से 11 बार हिली धरती

             गुजरात के कच्छ में एक बार फिर भूकंप का झटका, कल रात से 11 बार हिली धरती


 गुजरात में एक बार भूकंप का झटका महसूस किया गया है. कच्छ में दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर भूकंप का झटका मसहूस किया गया. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 रही. भूकंप का केंद्र कच्छ से 15 किलोमीटर दूर रहा. भूकंप के झटके के बाद लोग घर से बाहर आ गए. इससे पहले रविवार को कच्छ में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था.
आज आए भूकंप का एपीसेंटर भुज के भचाउ के पास रहा. कल रात भी आए भूकंप का भी एपीसेंटर भचाउ के पास था. बताया जा रहा है कि कल रात से लेकर अब तक 11 बार छोटे-बड़े भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. लोग डरे हुए हैं. फिलहाल, किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.गुजरात में रविवार रात 8.13 बजे भूकंप आया, जिसके बाद लोगों में डर का माहौल बन गया और लोग अपने घरों से बाहर निकल गए. भूकंप का केंद्र कच्छ में भचाऊ के पास 10 किलोमीटर अंदर रहा है. इस भूकंप के बाद कच्छ के कई घरों में दरारें तक आ गईं.
दिल्ली में भी कई बार हिली धरती
इससे पहले 8 जून को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.1 थी. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, हरियाणा के गुरुग्राम से 13 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर पश्चिम में कम तीव्रता का भूकंप पैदा हुआ. इसकी गहराई 18 किलोमीटर थी और यह दोपहर एक बजे आया था.


रविवार, 14 जून 2020

"छिछोरे" सुशांत सिंह राजपूत का यूं चले जाना---

"छिछोरे" सुशांत सिंह राजपूत का यूं  चले जाना---


पंडित दयानन्द शास्त्री 

मशहूर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई में अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी है। उनके नौकर ने उनके शव को पंखे से लटकते हुए देखा और पुलिस को इसकी जानकारी दी है। सूत्रों का कहना है कि सुशांत सिंह पिछले छह महीने से डिप्रेशन में थे और दवाइयां ले रहे थे। जिस समय सुशांत ने आत्महत्या की, उनके दोस्त घर में उनके साथ थे, जिनसे पूछताछ हो सकती है। तीन डॉक्टरों की टीम उनका पोस्टमार्टम करेगी। सुशांत पिछले साल दंगल फेम डायरेक्टर नीतेश तिवारी की फिल्म छिछोरे में लीड एक्टर थे। यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही थी।

घर के नौकर ने पुलिस को बताया है कि कल वे बेहद परेशान थे। नौकर ने बताया कि जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो उसने दूसरी चाभी से मेन गेट खोल कर अन्दर प्रवेश किया। अन्दर उनका शव एक कमरे में पंखे से लटका था।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत बॉलीवुड के चहेते और बेहतरीन कलाकारों में से एक थे, सुशांत ने अपने मेहनत और काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। अभिनेता होने के साथ ही वह एक लाजवाब डांसर भी थे। 34 वर्ष के सुशांत का जन्म बिहार के पटना में हुआ है। उनके पिता का नाम के.के सिंह है जो कि एक सरकारी अफसर रह चुके हैं और उनकि माता का नाम किसी को भी नही पता है, लेकिन 2002 में उनकि मृत्यू हो गई थी।

सुशांत कि 4 बहने हैं जिसमें से उनकि बड़ी बहन मीतू सिंह राज्य स्तर की क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सुंशांत के स्कूल कि पढ़ाई पटना के सेंट कैरेंस हाई स्कूल से हुई है जिसके बाद उन्होने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से  मैकेनिल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कि लेकिन बीच में ही छोड़ कर अदाकारी कि तरफ बढ़ गए।

सुशांत का विवरण --
असली नाम: सुशांत सिंह राजपूत
व्यवसाय: अभिनेता, एंटरप्रेनर, फिलांथ्रोपिस्ट

 सुशांत के पसंद नापसंद कि बात करें तो खाने में उऩ्हे राजमा चावल, आलू के पराठे, पूरन पोली, लस्सी और पास्ता बेहद पसंद है। वह डांस करना और विडओ गेम्स खेलना भी पसंद करते हैं। इशा शेरवानी, उनकि पसंदीदा अदाकारा हैं और वह निर्देशक संजयलीला भंसाली के बहुत बड़े फैन हैं, उन्हे क्रिकेट का भी खासा शौख है।
 सुशांत सिंह राजपूत फिल्मी करियर

सुशांत के फिल्मी सफर पर नज़र डालें तो उनका सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है। अपनी कॉलेज कि पढ़ाई के दौरान डांस में उनकि दिलचस्पी बढ़ गई जिसके बाद उऩ्होने ड़ांस सीखने का फैसला किया जिसमें उनका परिवार उनके खिलाफ था, फिर भी उऩ्होने हार नहीं मानी और श्यामक देवेर के डांस ग्रुप का हिस्सा बन गए, श्यामक उनकि कला और लगन से बेहद प्रभावित हुए और उन्हे 2006 के कॉमनवेल्थ खेलों में डांस करने का मौका दिया। मुंबई आने के बाद उन्होंने एक डांस ग्रुप के साथ भी परफॉर्म किया जिसको मशहूर कोरियोग्राफर ऐश्ले लोबो ने प्रशिक्षित किया था। इसके बाद वह थियेटर  का भी हिस्सा रहे और शायद यही कारण है कि वह एक सफल अभिनेता बन कर सामने आए। सुशांत ने मशहूर एक्शन डायरेक्टर अलन अमीन से मार्शल आर्ट्स भी सीखा है।

सुशांत सिंह राजपूत (21 जनवरी 1986 - 14 जून 2020) एक भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेता, डांसर थे। राजपूत ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन धारावाहिकों से की। उनका पहला शो स्टार प्लस का रोमांटिक ड्रामा किस देश में है मेरा (2008) था, इसके बाद ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो पवित्रा रिश्ता (2009-11) किया। इस शो के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला था।

 इन्होंने कई बड़े डांस शो भी किए हुए हैं :- जैसे जरा नच के दिखा 2 और झलक दिखला जा 4 जैसे बड़े डांसिंग शो आदि . इतना ही नहीं जलक दिखलाजा 4 में इनकी परफारमेंस को मद्देनजर रखते हुए इनको मोस्ट कंसिस्टेंट परफारमेंस का टाइटल भी प्रदान किया गया है .

इनका कोई भी फिल्मी बैकग्राउंड ना होने के कारण इनके साथ कोई भी अभिनेत्री काम करना पसंद नहीं करती थी , परंतु इनके इन्हीं स्टार्टअप के वजह से ‘शुद्ध देसी रोमांस’ जैसी बड़ी फिल्म में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के अंदर अपनी पहचान बनाने का मौका मिला . इस फिल्म में अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने इनके साथ मुख्य भूमिका निभाई थी . इसके बाद इन्होंने कई बड़ी फिल्में की , जो भारतीय दर्शकों द्वारा पसंद भी की गई थी . 2016 में भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के ऊपर आई उनकी जीवनी फिल्म में सुशांत राजपूत को धोनी का किरदार करने को मिला था और इस फिल्म ने भारतीय पर्दे पर बड़ी सफलता हासिल की थी . हालांकि उन्होंने 2013 में फिल्म ‘काई पो चे’ से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था , परंतु उन्हें कुछ खास पसंद नहीं किया गया था .
राजपूत ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 2013 दोस्त ड्रामा काई पो चे से की थी। जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष पदार्पण के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकन मिला। फिर उन्होंने रोमांटिक कॉमेडी शुद्ध देसी रोमांस (2013) में अभिनय किया और एक्शन थ्रिलर डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी में टाइटुलर जासूस के रूप में (2015) में काम किया। उनकी सबसे अधिक कमाई वाली फिल्में पीके (2014) में सहायक भूमिका के साथ आईं, इसके बाद स्पोर्ट्स बायोपिक एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी (2016) थी। बाद के अपने प्रदर्शन के लिए, उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए अपना पहला नामांकन मिला। 2019-2020 में सुशांत सिंह राजपूत व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों केदारनाथ (2018) और छिछोरे में शानदार अभिनय किया।
 सुशांत राजपूत को मिले कुछ पुरस्कार ?
 सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी काबिलियत को भलीभांति लोगों के सामने दर्शाया है और उनको भारतीय फिल्म

इंडस्ट्री से सम्मानित किया गया है , जो इस प्रकार हैं .

1 . 2014 में फिल्म ‘काई पो चे,’ के लिए बेस्ट डेब्यू मेल अवार्ड से सम्मानित किया गया . और इसी वर्ष इनको इसी फिल्म के लिए प्रोड्यूसर्स गिल्ड फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया था .

2 . 2017 में एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी फिल्म के लिए उनको बेस्ट एक्टर के अवार्ड से सम्मानित किया गया था .

3 . सुशांत सिंह राजपूत को एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी पार फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का किरदार करने के लिए पुरस्कृत किया गया था .














गुरुवार, 11 जून 2020

जैसलमेर रामगढ़ बैंक में पौने छह करोड़ के गबन के मामले में जाँच में दोषी ,बैंक प्रशासन की मिली भगत से कार्यवाही नहीं


जैसलमेर रामगढ़ बैंक में पौने छह करोड़ के गबन के मामले में जाँच में दोषी ,बैंक प्रशासन की मिली भगत से कार्यवाही नहीं

जैसलमेर जैसलमेर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक की रामगढ़ शाखा में गत वर्ष हुए पौने छह करोड़ के गबन के मामले में धारा 55 के तहत हुई जाँच रिपोर्ट में कार्मिको के दोषी पाए जाने के बावजूद बैंक प्रशासन की मिलीभगत के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है.

जैसलमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की रामगढ़ शाखा में वर्षों पुराने 5.52 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में रजिस्ट्रार , सहकारी समितियां जोधपुर द्वारा इस मामले की जाँच सचिव भूमि विकास बैंक जैसलमेर को दी गयी थी ,सचिव भूमि विकास द्वारा पुरे प्रकरण की जांच धरा 55 में कर रिपोर्ट रजिस्टर ,सहकर समितियां जोधपुर को सुपुर्द की ,अतिरिक्त रजिस्टर धन सिंह देवल द्वारा इसी साल आठ जनवरी को जारी जाँच रिपोर्ट में जबकि धारा 55 की में रामगढ़ बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमृतलाल , जगदीश देवड़ा ,अश्विनी छंगाणी ,के साथ साथ वर्तमान उप रजिस्टर सहकर समितियां जैसलमेर सुजानाराम भी दोषी पाए गए ,बैंक प्रशासन द्वारा जानबूझकर इन दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही ,मजेदार तथ्य हे की इस गबन प्रकरण के जांच में दोषी पाए गए उप रजिस्टर सहकर समितियां जैसलमेर सुजानाराम को जैसलमेर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के मुख्य प्रबंधक का अतिरिक्त चार्ज दे रखा था। अतिरिक्त रजिस्टर ने तीन माह में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए थे ,मगर आरोपी सुजानाराम खुद मुख्य प्रबंधक थे इस उन्होंने अतिरिक्त रजिस्टर द्वारा जारी जांच रिपोर्ट को संस्थापन मारकर कर ठंडे बस्ते में डाल दी ,अन्य दोषी अश्विनी छंगाणी को जिला मुख्यालय मुख्य ब्रांच में प्रबंधक का पद दे रखा था ,पुरे प्रकरण में सात कार्मिक दोषी पाए गए थे ,मगर जांच के 14 महीने बीत जाने के बाद भी बैंक प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की ,

अप्रेल 2019 में रजिस्ट्रार और जनवरी 20 में अतिरिक्त रजिस्टर ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 2 बैंक कार्मिकों को निलम्बित करने और 5अन्य के खिलाफ कठोरतम अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे । इस संबंध में सहकारिता रजिस्ट्रार ने गत 11 अप्रेल तारीख को आदेश जारी किया। यह मामला जैसलमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की रामगढ़ शाखा में वर्ष 2009-10 से 2014-15 के दौरान हुई वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। अल्पकालीन ऋण वितरण सहित विभिन्न ऋण योजनाओं एवं सावधि जमा खातों में हेरफेर कर करोड़ों रुपयों का गबन कर दिया गया। बैंक की प्रारंभिक जांच में गबन घोटाले की पुष्टि होने के बाद एक के बाद एक, कई बार प्रकरण की जांच हुई,


सोमवार, 8 जून 2020

कोरोना संक्रमण काल में नायक बन कर उभरे सुमेरपुर ई ओ योगेश आचार्य

योगेश आचार्य
कोरोना संक्रमण काल में नायक बन कर उभरे सुमेरपुर ई ओ योगेश आचार्य
जोधपुर जोन का पहला कोरोना मरीज ठीक होकर सुमेरपुर से गया

जैसलमेर कर्मशील व्यक्ति कहीं रुकते नहीं ,सेवा का अवसर किसी भी हालत में नहीं छोड़ते ,ऐसे ही कोरोना संक्रमण काल में सुमेरपुर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी योगेश आचार्य ने अपनी निष्ठां। लगन और ज़ज़्बे से सेवा कार्य कर एक नायक की तरह उभरे ,मुलतःबाड़मेर निवासी योगेश आचार्य सुमेरपुर में कार्यरत हैं ,कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान उनके द्वारा सुमेरपुर में किये गए कार्य लोगो की जुबान पर हैं ,राजस्थान में सबसे पहले मुख्यमंत्री जनता रसोई का शुभारम्भ सुमेरपुर में आचार्य ने किया ,लॉक डाउन अवधि में करीब पचास हज़ार से अधिक सूखे राशन किट वितरित किये एवं जनता रसोई के माध्यम से प्रतिदिन जरूरतमंदों को तैयार भोजन दो वक़्त खिलाकर अपना फर्ज अदा कर रहे थे ,आचार्य द्वारा सुमेरपुर की समस्त बैंक ,सार्वजनिक स्थानों को पांच बार सेनेटाइज करवा कोरोना संक्रमण को मात देने में मदद की ,कोविड 19 का उलंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवही करने के साथ पचास हजार से अधिक राशि का जुरमाना वसूल किया ,आचार्य नगर परिषद के बेहतर अधिकारियो में शुमार हैं ,कोरोना संक्रमित पहला मरीज जोधपुर ज़ोन से ठीक होकर सुमेरपुर से घर गया ,उनके द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अनूठे अऊर नवाचार युक्त जागरूकता कार्यक्रम सुमेरपुर में चला कर लोगो को जागरूक किया ,व्ही पालिका के कर्मठ स्वच्छता योद्धाओ का भी बहुमान करवा उनकी हौसला अफ़ज़ाई की ,उनके द्वारा स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में ट्रांजिट कैंप की स्थापना कर व्यवस्थाओ का अंजाम दिया तो सी एल जी सोल्लगे में लगातार 47 दिन 114 प्रवासियों को ठहरा कर उनके लिए भोजन चाय और नास्ते के उचित प्रबंध किये सोसल डिस्टेंसिंग की पालना प्राथमिकता से करवा लोगो को जागरूक किया ,प्रवासियों केमनोरंजन के लिए एल ई डी टी वी की व्यवस्था के साथ प्रत्येक कक्ष में वाई फाई की सुविधा उपलब्ध करने वाले पहले अधिकारी बने ,सुमेरपुर तीन जिलों से घिरा होने के कारन केंद्रीय बस अड्डे पर पाली ,जालोर और सिरोही के यात्रियों की स्क्रीनिंग  व्यवस्था के साथ यात्रियों को पाथेय भोजन पैकेट तक उपलब्ध कराये गए ,कई बार रात भर जाग क्र कार्य करना होता था ,पाली जिला हॉटस्पॉट होने के कारन पूर्ण एहतियात रख अपने कार्य को अंजाम दे रहे थे , बासिंदों ने योगेश आचार्य का कोरोना योद्धा के रूप में बहुमान क्र उनके कार्यो पर मोहर लगा दी ,

फोटो योगेश आचार्य अधिशासी अधिकारी सुमेरपुर पाली 

रविवार, 7 जून 2020

बाड़मेर ,पत्नी की हत्या के आरोपी पति को किया गिरफ्तार

बाड़मेर ,पत्नी की हत्या के आरोपी पति को किया गिरफ्तार


 बाड़मेर आनन्द शर्मा पुलिस अधीक्षक बाडमेर द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि आज दिनांक 07.06.2020 को प्रातः 08.54 एएम पर श्री सुरेन्द्रसिंह निरीक्षक पुलिस थाना गुड़ामालानी को जरीये टेलिफोन पर ईतला मिली की सरहद बाण्ड में श्रीमती शान्तिदेवी पत्नी मोहनलाल जाति विश्नोई निवासी बाण्ड की उसके पति द्वारा कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी गयी है। जिस पर ईतलानुसार थानाधिकारी गुडामालानी मय पुलिस जाब्ता के सरहद बाण्ड में मोहनलाल विश्नोई की ढाणी पहुचें, जहां पर मोहनलाल की ढाणी में एक चारपाई पर महिला की लाश खुन से छनी हुई पड़ी थी। जिस पर वहां उपस्थित श्री विराराम ने उक्त लाश अपनी बहुआरी श्रीमती शान्तिदेवी पत्नी मोहनलाल जाति विश्नोई निवासी बाण्ड पुलिस थाना गुडामालानी की होना बताया। जिस पर श्रीमती शान्तिदेवी के पीहर पक्ष से उसका सगा भाई राजुराम एवं अन्य पीहर पक्ष से लोग उपस्थित हुए तथा मृतका श्रीमती शान्तिदेवी के भाई श्री राजुराम ने अपनी बहिन श्रीमती शान्तिदेवी की हत्या अपने बहनोई मोहनलाल द्वारा कुल्हाड़ी से वार कर हत्या करना बताया। इस घटना के सम्बन्ध में प्रार्थी श्री राजूराम की रिपोर्ट पर थाना गुडामालानी पर धारा 498ए, 302 भादसं में प्रकरण दर्ज किया जाकर मौका कार्यवाही एव घटनास्थल निरीक्षण एवं मृतका श्रीमती शान्तिदेवी का पोस्टमार्टम करवाया जाकर लाश अंतिम दाह संस्कार हेतु परिजनों को सुपुर्द की गई।                    
   पुलिस अधीक्षक जिला बाड़मेर द्वारा घटना को गम्भीरता से लेते हुए विशेष टीम का गठन कर मुलजिम को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये। जिसपर श्री नरपतसिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा व श्री देवाराम चैधरी वृताधिकारी वृत गुड़ामालानी के निर्देशन में हत्या के आरोपी मोहनलाल की गिरफ्तारी हेतु थानाधिकारी गुडामालानी के नेतृत्व में टीम गठित कर तलाश शुरू की गयी दौराने तलाश टीम द्वारा मुलजिम मोहनलाल पुत्र वीराराम जाति विश्नोई निवासी बाण्ड पुलिस थाना गुडामालानी को दस्तयाब कर गिरफतार करने में सफलता प्राप्त की गई। मुलजिम से हत्या के सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही है।
 



बाड़मेर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु 9 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1500 रूपये की जुर्माना राषि वसुल की गई

 बाड़मेर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु 9 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1500 रूपये की जुर्माना राषि वसुल की गई

                  बाड़मेर  कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत कार्यवाही हेतु सभी थानाधिकारीगण को निर्देष दिये गये। निर्देषानुसार सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क लगाये घुमते पाये जाने पर पुलिस थाना पचपदरा द्वारा 3, बीजराड़, रामसर व गिराब द्वारा 1-1 व्यक्ति के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1200 रूपये जुर्माना राषि वसूल की गई। सार्वजनिक स्थान पर सामाजिक दूरी नही बनाकर रखते पाये जाने पर पुलिस थाना बाखासर द्वारा 2 व गिराब द्वारा 1 व्यक्ति के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 300 रूपये का जुर्माना वसूल किया गया।

इस अधिनियम के तहत अब तक 866 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1,93,400/-रूपये की जुर्माना राषी वसूल की गई।