रविवार, 14 जून 2020

"छिछोरे" सुशांत सिंह राजपूत का यूं चले जाना---

"छिछोरे" सुशांत सिंह राजपूत का यूं  चले जाना---


पंडित दयानन्द शास्त्री 

मशहूर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई में अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी है। उनके नौकर ने उनके शव को पंखे से लटकते हुए देखा और पुलिस को इसकी जानकारी दी है। सूत्रों का कहना है कि सुशांत सिंह पिछले छह महीने से डिप्रेशन में थे और दवाइयां ले रहे थे। जिस समय सुशांत ने आत्महत्या की, उनके दोस्त घर में उनके साथ थे, जिनसे पूछताछ हो सकती है। तीन डॉक्टरों की टीम उनका पोस्टमार्टम करेगी। सुशांत पिछले साल दंगल फेम डायरेक्टर नीतेश तिवारी की फिल्म छिछोरे में लीड एक्टर थे। यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही थी।

घर के नौकर ने पुलिस को बताया है कि कल वे बेहद परेशान थे। नौकर ने बताया कि जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो उसने दूसरी चाभी से मेन गेट खोल कर अन्दर प्रवेश किया। अन्दर उनका शव एक कमरे में पंखे से लटका था।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत बॉलीवुड के चहेते और बेहतरीन कलाकारों में से एक थे, सुशांत ने अपने मेहनत और काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। अभिनेता होने के साथ ही वह एक लाजवाब डांसर भी थे। 34 वर्ष के सुशांत का जन्म बिहार के पटना में हुआ है। उनके पिता का नाम के.के सिंह है जो कि एक सरकारी अफसर रह चुके हैं और उनकि माता का नाम किसी को भी नही पता है, लेकिन 2002 में उनकि मृत्यू हो गई थी।

सुशांत कि 4 बहने हैं जिसमें से उनकि बड़ी बहन मीतू सिंह राज्य स्तर की क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सुंशांत के स्कूल कि पढ़ाई पटना के सेंट कैरेंस हाई स्कूल से हुई है जिसके बाद उन्होने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से  मैकेनिल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कि लेकिन बीच में ही छोड़ कर अदाकारी कि तरफ बढ़ गए।

सुशांत का विवरण --
असली नाम: सुशांत सिंह राजपूत
व्यवसाय: अभिनेता, एंटरप्रेनर, फिलांथ्रोपिस्ट

 सुशांत के पसंद नापसंद कि बात करें तो खाने में उऩ्हे राजमा चावल, आलू के पराठे, पूरन पोली, लस्सी और पास्ता बेहद पसंद है। वह डांस करना और विडओ गेम्स खेलना भी पसंद करते हैं। इशा शेरवानी, उनकि पसंदीदा अदाकारा हैं और वह निर्देशक संजयलीला भंसाली के बहुत बड़े फैन हैं, उन्हे क्रिकेट का भी खासा शौख है।
 सुशांत सिंह राजपूत फिल्मी करियर

सुशांत के फिल्मी सफर पर नज़र डालें तो उनका सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है। अपनी कॉलेज कि पढ़ाई के दौरान डांस में उनकि दिलचस्पी बढ़ गई जिसके बाद उऩ्होने ड़ांस सीखने का फैसला किया जिसमें उनका परिवार उनके खिलाफ था, फिर भी उऩ्होने हार नहीं मानी और श्यामक देवेर के डांस ग्रुप का हिस्सा बन गए, श्यामक उनकि कला और लगन से बेहद प्रभावित हुए और उन्हे 2006 के कॉमनवेल्थ खेलों में डांस करने का मौका दिया। मुंबई आने के बाद उन्होंने एक डांस ग्रुप के साथ भी परफॉर्म किया जिसको मशहूर कोरियोग्राफर ऐश्ले लोबो ने प्रशिक्षित किया था। इसके बाद वह थियेटर  का भी हिस्सा रहे और शायद यही कारण है कि वह एक सफल अभिनेता बन कर सामने आए। सुशांत ने मशहूर एक्शन डायरेक्टर अलन अमीन से मार्शल आर्ट्स भी सीखा है।

सुशांत सिंह राजपूत (21 जनवरी 1986 - 14 जून 2020) एक भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेता, डांसर थे। राजपूत ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन धारावाहिकों से की। उनका पहला शो स्टार प्लस का रोमांटिक ड्रामा किस देश में है मेरा (2008) था, इसके बाद ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो पवित्रा रिश्ता (2009-11) किया। इस शो के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला था।

 इन्होंने कई बड़े डांस शो भी किए हुए हैं :- जैसे जरा नच के दिखा 2 और झलक दिखला जा 4 जैसे बड़े डांसिंग शो आदि . इतना ही नहीं जलक दिखलाजा 4 में इनकी परफारमेंस को मद्देनजर रखते हुए इनको मोस्ट कंसिस्टेंट परफारमेंस का टाइटल भी प्रदान किया गया है .

इनका कोई भी फिल्मी बैकग्राउंड ना होने के कारण इनके साथ कोई भी अभिनेत्री काम करना पसंद नहीं करती थी , परंतु इनके इन्हीं स्टार्टअप के वजह से ‘शुद्ध देसी रोमांस’ जैसी बड़ी फिल्म में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के अंदर अपनी पहचान बनाने का मौका मिला . इस फिल्म में अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने इनके साथ मुख्य भूमिका निभाई थी . इसके बाद इन्होंने कई बड़ी फिल्में की , जो भारतीय दर्शकों द्वारा पसंद भी की गई थी . 2016 में भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के ऊपर आई उनकी जीवनी फिल्म में सुशांत राजपूत को धोनी का किरदार करने को मिला था और इस फिल्म ने भारतीय पर्दे पर बड़ी सफलता हासिल की थी . हालांकि उन्होंने 2013 में फिल्म ‘काई पो चे’ से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था , परंतु उन्हें कुछ खास पसंद नहीं किया गया था .
राजपूत ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 2013 दोस्त ड्रामा काई पो चे से की थी। जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष पदार्पण के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकन मिला। फिर उन्होंने रोमांटिक कॉमेडी शुद्ध देसी रोमांस (2013) में अभिनय किया और एक्शन थ्रिलर डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी में टाइटुलर जासूस के रूप में (2015) में काम किया। उनकी सबसे अधिक कमाई वाली फिल्में पीके (2014) में सहायक भूमिका के साथ आईं, इसके बाद स्पोर्ट्स बायोपिक एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी (2016) थी। बाद के अपने प्रदर्शन के लिए, उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए अपना पहला नामांकन मिला। 2019-2020 में सुशांत सिंह राजपूत व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों केदारनाथ (2018) और छिछोरे में शानदार अभिनय किया।
 सुशांत राजपूत को मिले कुछ पुरस्कार ?
 सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी काबिलियत को भलीभांति लोगों के सामने दर्शाया है और उनको भारतीय फिल्म

इंडस्ट्री से सम्मानित किया गया है , जो इस प्रकार हैं .

1 . 2014 में फिल्म ‘काई पो चे,’ के लिए बेस्ट डेब्यू मेल अवार्ड से सम्मानित किया गया . और इसी वर्ष इनको इसी फिल्म के लिए प्रोड्यूसर्स गिल्ड फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया था .

2 . 2017 में एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी फिल्म के लिए उनको बेस्ट एक्टर के अवार्ड से सम्मानित किया गया था .

3 . सुशांत सिंह राजपूत को एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी पार फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का किरदार करने के लिए पुरस्कृत किया गया था .














गुरुवार, 11 जून 2020

जैसलमेर रामगढ़ बैंक में पौने छह करोड़ के गबन के मामले में जाँच में दोषी ,बैंक प्रशासन की मिली भगत से कार्यवाही नहीं


जैसलमेर रामगढ़ बैंक में पौने छह करोड़ के गबन के मामले में जाँच में दोषी ,बैंक प्रशासन की मिली भगत से कार्यवाही नहीं

जैसलमेर जैसलमेर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक की रामगढ़ शाखा में गत वर्ष हुए पौने छह करोड़ के गबन के मामले में धारा 55 के तहत हुई जाँच रिपोर्ट में कार्मिको के दोषी पाए जाने के बावजूद बैंक प्रशासन की मिलीभगत के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है.

जैसलमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की रामगढ़ शाखा में वर्षों पुराने 5.52 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में रजिस्ट्रार , सहकारी समितियां जोधपुर द्वारा इस मामले की जाँच सचिव भूमि विकास बैंक जैसलमेर को दी गयी थी ,सचिव भूमि विकास द्वारा पुरे प्रकरण की जांच धरा 55 में कर रिपोर्ट रजिस्टर ,सहकर समितियां जोधपुर को सुपुर्द की ,अतिरिक्त रजिस्टर धन सिंह देवल द्वारा इसी साल आठ जनवरी को जारी जाँच रिपोर्ट में जबकि धारा 55 की में रामगढ़ बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमृतलाल , जगदीश देवड़ा ,अश्विनी छंगाणी ,के साथ साथ वर्तमान उप रजिस्टर सहकर समितियां जैसलमेर सुजानाराम भी दोषी पाए गए ,बैंक प्रशासन द्वारा जानबूझकर इन दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही ,मजेदार तथ्य हे की इस गबन प्रकरण के जांच में दोषी पाए गए उप रजिस्टर सहकर समितियां जैसलमेर सुजानाराम को जैसलमेर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के मुख्य प्रबंधक का अतिरिक्त चार्ज दे रखा था। अतिरिक्त रजिस्टर ने तीन माह में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए थे ,मगर आरोपी सुजानाराम खुद मुख्य प्रबंधक थे इस उन्होंने अतिरिक्त रजिस्टर द्वारा जारी जांच रिपोर्ट को संस्थापन मारकर कर ठंडे बस्ते में डाल दी ,अन्य दोषी अश्विनी छंगाणी को जिला मुख्यालय मुख्य ब्रांच में प्रबंधक का पद दे रखा था ,पुरे प्रकरण में सात कार्मिक दोषी पाए गए थे ,मगर जांच के 14 महीने बीत जाने के बाद भी बैंक प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की ,

अप्रेल 2019 में रजिस्ट्रार और जनवरी 20 में अतिरिक्त रजिस्टर ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 2 बैंक कार्मिकों को निलम्बित करने और 5अन्य के खिलाफ कठोरतम अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे । इस संबंध में सहकारिता रजिस्ट्रार ने गत 11 अप्रेल तारीख को आदेश जारी किया। यह मामला जैसलमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की रामगढ़ शाखा में वर्ष 2009-10 से 2014-15 के दौरान हुई वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। अल्पकालीन ऋण वितरण सहित विभिन्न ऋण योजनाओं एवं सावधि जमा खातों में हेरफेर कर करोड़ों रुपयों का गबन कर दिया गया। बैंक की प्रारंभिक जांच में गबन घोटाले की पुष्टि होने के बाद एक के बाद एक, कई बार प्रकरण की जांच हुई,


सोमवार, 8 जून 2020

कोरोना संक्रमण काल में नायक बन कर उभरे सुमेरपुर ई ओ योगेश आचार्य

योगेश आचार्य
कोरोना संक्रमण काल में नायक बन कर उभरे सुमेरपुर ई ओ योगेश आचार्य
जोधपुर जोन का पहला कोरोना मरीज ठीक होकर सुमेरपुर से गया

जैसलमेर कर्मशील व्यक्ति कहीं रुकते नहीं ,सेवा का अवसर किसी भी हालत में नहीं छोड़ते ,ऐसे ही कोरोना संक्रमण काल में सुमेरपुर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी योगेश आचार्य ने अपनी निष्ठां। लगन और ज़ज़्बे से सेवा कार्य कर एक नायक की तरह उभरे ,मुलतःबाड़मेर निवासी योगेश आचार्य सुमेरपुर में कार्यरत हैं ,कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान उनके द्वारा सुमेरपुर में किये गए कार्य लोगो की जुबान पर हैं ,राजस्थान में सबसे पहले मुख्यमंत्री जनता रसोई का शुभारम्भ सुमेरपुर में आचार्य ने किया ,लॉक डाउन अवधि में करीब पचास हज़ार से अधिक सूखे राशन किट वितरित किये एवं जनता रसोई के माध्यम से प्रतिदिन जरूरतमंदों को तैयार भोजन दो वक़्त खिलाकर अपना फर्ज अदा कर रहे थे ,आचार्य द्वारा सुमेरपुर की समस्त बैंक ,सार्वजनिक स्थानों को पांच बार सेनेटाइज करवा कोरोना संक्रमण को मात देने में मदद की ,कोविड 19 का उलंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवही करने के साथ पचास हजार से अधिक राशि का जुरमाना वसूल किया ,आचार्य नगर परिषद के बेहतर अधिकारियो में शुमार हैं ,कोरोना संक्रमित पहला मरीज जोधपुर ज़ोन से ठीक होकर सुमेरपुर से घर गया ,उनके द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अनूठे अऊर नवाचार युक्त जागरूकता कार्यक्रम सुमेरपुर में चला कर लोगो को जागरूक किया ,व्ही पालिका के कर्मठ स्वच्छता योद्धाओ का भी बहुमान करवा उनकी हौसला अफ़ज़ाई की ,उनके द्वारा स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में ट्रांजिट कैंप की स्थापना कर व्यवस्थाओ का अंजाम दिया तो सी एल जी सोल्लगे में लगातार 47 दिन 114 प्रवासियों को ठहरा कर उनके लिए भोजन चाय और नास्ते के उचित प्रबंध किये सोसल डिस्टेंसिंग की पालना प्राथमिकता से करवा लोगो को जागरूक किया ,प्रवासियों केमनोरंजन के लिए एल ई डी टी वी की व्यवस्था के साथ प्रत्येक कक्ष में वाई फाई की सुविधा उपलब्ध करने वाले पहले अधिकारी बने ,सुमेरपुर तीन जिलों से घिरा होने के कारन केंद्रीय बस अड्डे पर पाली ,जालोर और सिरोही के यात्रियों की स्क्रीनिंग  व्यवस्था के साथ यात्रियों को पाथेय भोजन पैकेट तक उपलब्ध कराये गए ,कई बार रात भर जाग क्र कार्य करना होता था ,पाली जिला हॉटस्पॉट होने के कारन पूर्ण एहतियात रख अपने कार्य को अंजाम दे रहे थे , बासिंदों ने योगेश आचार्य का कोरोना योद्धा के रूप में बहुमान क्र उनके कार्यो पर मोहर लगा दी ,

फोटो योगेश आचार्य अधिशासी अधिकारी सुमेरपुर पाली 

रविवार, 7 जून 2020

बाड़मेर ,पत्नी की हत्या के आरोपी पति को किया गिरफ्तार

बाड़मेर ,पत्नी की हत्या के आरोपी पति को किया गिरफ्तार


 बाड़मेर आनन्द शर्मा पुलिस अधीक्षक बाडमेर द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि आज दिनांक 07.06.2020 को प्रातः 08.54 एएम पर श्री सुरेन्द्रसिंह निरीक्षक पुलिस थाना गुड़ामालानी को जरीये टेलिफोन पर ईतला मिली की सरहद बाण्ड में श्रीमती शान्तिदेवी पत्नी मोहनलाल जाति विश्नोई निवासी बाण्ड की उसके पति द्वारा कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी गयी है। जिस पर ईतलानुसार थानाधिकारी गुडामालानी मय पुलिस जाब्ता के सरहद बाण्ड में मोहनलाल विश्नोई की ढाणी पहुचें, जहां पर मोहनलाल की ढाणी में एक चारपाई पर महिला की लाश खुन से छनी हुई पड़ी थी। जिस पर वहां उपस्थित श्री विराराम ने उक्त लाश अपनी बहुआरी श्रीमती शान्तिदेवी पत्नी मोहनलाल जाति विश्नोई निवासी बाण्ड पुलिस थाना गुडामालानी की होना बताया। जिस पर श्रीमती शान्तिदेवी के पीहर पक्ष से उसका सगा भाई राजुराम एवं अन्य पीहर पक्ष से लोग उपस्थित हुए तथा मृतका श्रीमती शान्तिदेवी के भाई श्री राजुराम ने अपनी बहिन श्रीमती शान्तिदेवी की हत्या अपने बहनोई मोहनलाल द्वारा कुल्हाड़ी से वार कर हत्या करना बताया। इस घटना के सम्बन्ध में प्रार्थी श्री राजूराम की रिपोर्ट पर थाना गुडामालानी पर धारा 498ए, 302 भादसं में प्रकरण दर्ज किया जाकर मौका कार्यवाही एव घटनास्थल निरीक्षण एवं मृतका श्रीमती शान्तिदेवी का पोस्टमार्टम करवाया जाकर लाश अंतिम दाह संस्कार हेतु परिजनों को सुपुर्द की गई।                    
   पुलिस अधीक्षक जिला बाड़मेर द्वारा घटना को गम्भीरता से लेते हुए विशेष टीम का गठन कर मुलजिम को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये। जिसपर श्री नरपतसिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा व श्री देवाराम चैधरी वृताधिकारी वृत गुड़ामालानी के निर्देशन में हत्या के आरोपी मोहनलाल की गिरफ्तारी हेतु थानाधिकारी गुडामालानी के नेतृत्व में टीम गठित कर तलाश शुरू की गयी दौराने तलाश टीम द्वारा मुलजिम मोहनलाल पुत्र वीराराम जाति विश्नोई निवासी बाण्ड पुलिस थाना गुडामालानी को दस्तयाब कर गिरफतार करने में सफलता प्राप्त की गई। मुलजिम से हत्या के सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही है।
 



बाड़मेर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु 9 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1500 रूपये की जुर्माना राषि वसुल की गई

 बाड़मेर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु 9 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1500 रूपये की जुर्माना राषि वसुल की गई

                  बाड़मेर  कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत कार्यवाही हेतु सभी थानाधिकारीगण को निर्देष दिये गये। निर्देषानुसार सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क लगाये घुमते पाये जाने पर पुलिस थाना पचपदरा द्वारा 3, बीजराड़, रामसर व गिराब द्वारा 1-1 व्यक्ति के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1200 रूपये जुर्माना राषि वसूल की गई। सार्वजनिक स्थान पर सामाजिक दूरी नही बनाकर रखते पाये जाने पर पुलिस थाना बाखासर द्वारा 2 व गिराब द्वारा 1 व्यक्ति के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 300 रूपये का जुर्माना वसूल किया गया।

इस अधिनियम के तहत अब तक 866 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 1,93,400/-रूपये की जुर्माना राषी वसूल की गई।  

अलवर पुलिस कार्यवाही व राजकार्य में बाधा डालने व पुलिस पर हमला करने करने वाला वांछित मुलजिम गिरफ्तार

             अलवर    पुलिस कार्यवाही व राजकार्य में बाधा डालने व पुलिस पर हमला करने करने वाला वांछित मुलजिम गिरफ्तार


अलवर , परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक अलवर द्वारा प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए श्री विशनाराम विश्नीई अति पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व श्री शैलेन्द्र सिंह इन्दौलिया सहाण् पुलिस अधीक्षक वृत्ताधकारी वृत थानागाजी के निर्देशन में पुलिस थाना प्रतापगढ के थानाधिकारी श्री हनुमान सहाय उप निरीक्षक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।

 घटना क्रमः.  दिनांक 01ण्06ण्2020 को जरिये टेलीफोन सूचना मिली दी गई कि ग्राम निजरा में एक व्यक्ति कुए में गिर कर मर गया है इस इतला से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया जाकर  पुलिस थाना प्रतापगढ के थानाधिकारी हनुमान सहाय एसआई मय जाप्ता व थानाधिकारी थाना टहला मय जाप्ता मय थाना टहला जाप्ता थाना जाप्ता नारायणपुर ए थाना थानागाजी जाप्ता के गांव निजरा पहुंचा जहां आरोपीयान द्वारा जानबूझकर पुलिज जाप्ता को बुलाकर पुलिस बल के साथ मारपीट करने की योजना बनाई गई । तथा शक्स हजारी पुत्र हनुमान सहाय जाति मीणा उम्र 40 साल निवासी निजरा को कुए में पूर्व में उतार कर पुलिस को बुला लिया । जहां काफी लोग इकडे हो रहे थे । कुए में उतरे हुए शक्स को गाँव वालो व पुलिस जाप्ता की मदद से बाहर निकाला और नाम पता पुछा तो अपना नाम हजारी पुत्र हनुमान सहाय जाति मीणा उम्र 40 साल निवासी निजरा होना बताया जिससे नाम पता पुछने के बाद वहाँ पर मौजुद लोगो को व अपने भाई को आवाज देकर कहा कि पुलिस वालो की गाँव मे आने की हिम्मत कैसे हो गई । अब एक भी पुलिस वाला बचकर नही जाने चाहिये । पुलिस थाना प्रतापगढ के थानाधिकारी द्वारा हजारी को इलाज हेतू एम्बूलैन्स से अस्पताल भेजने के लिए बिठाने लगे तो गाँव के कुछ व्यक्तियो द्वारा हजारी को इलाज के लिए लाने मे बाधा पहुंचाने लगे और एम्बुलैन्स के आगे रास्ता रोककर खडे हो गये । तथा वहाँ पर खडे लोग पुलिस पर पथराव करने लग गये पुलिस जाप्ता द्वारा पथराव का बमुश्किल बचाव किया तथा बाबूलाल एएसआईए सियाराम कानिण्नण् 1484 के साथ धक्का मुक्की की। जिनका पीछा कर स्वंय को बचाते हुये पुलिस जाप्ता द्वारा दो व्यक्तियो को पकडा जिनका नाम पता पुछा तो एक ने अपना नाम कालूराम पुत्र श्री बद्रीप्रसाद जाति मीणा निवासी निजरा तथा दुसरे ने अपना नाम सुकराम पुत्र श्री हनुमान सहाय जाति मीणा निवासी निजरा होना बताया जिनसे पुछताछ की गई तो बताया कि हमने पुर्व नियोजित प्लान के मुताबिक हजारी को पाईप के जरिये कुये मे उतार दिया तथा  हमने पुलिस पर धक्का देकर कुये में गिराने का आरोप लगाकर पुलिस को मौके पर बुलाकर गाँव के लोगो व कालापाडा के लोगो के खिलाफ कल जो मुकदमा दर्ज हुआ था तथा आये दिन शराब की भट्टियाँ तोड कर जाने व शराब के मुकदमे के मुलजिमान को गिरफ्तार नहीं करने देने के लिए हमने पुलिस के साथ गाँव मे बुलाकर मारपीट करने की योजना बनाई थी । पकड़े गये व्यक्ति व थाने के जाप्ता से कानिण्राजेशए सियाराम ने बताया कि पथराव करने वाले व राज कार्य मे बाधा डालने वाले सुरदास पुत्र लल्लूराम निवासी निजराए पुष्पेन्द्र निवासी कालापाडाए छोटू पुत्र कानाराम निवासी निजराए सुकराम उर्फ बघेरा पुत्र हरफूल जाति मीणा निवासी निजराए अजयराम उर्फ बघेरा पुत्र हरफूल जाति मीणा निवासी निजरा थाना प्रतापगढ जिला अलवर व अन्य लोग थे जो भाग गये । वापसी पर उक्त मुलजिमान के विरुद्ध थाना हाजा पर मुकदमा न ण्101ध् 2020 धारा 332ए 353ए 120 बी आईपीसी में दर्ज कर तफ्तीश थानाधिकारी थाना थानागाजी के जुम्मे की गई । व मुलजिमान 1ण्कालूराम पुत्र श्री बद्रीप्रसाद जाति मीणा उम्र 40 साल निवासी निजरा 2ण्सुकराम पुत्र श्री हनुमान सहाय जाति मीणा उम्र 26 साल निवासी निजरा थाना प्रतापगढ को मौके से गिरफ्तार किया गया। जिन्हे दिनांक 01ण्06ण्2020 को गिरफ्तार कर पेश न्यायालय किया जा चुका है।

कार्यवाहीः. मुकदमा नम्बर 101ध् 2020 धारा 332ए 353ए 120 बी आईपीसी में वांछित चल रहे मुलजिम पुष्येन्द्र पुत्र हनुमान सहाय उम्र 25 साल निवासी कालापारा थाना प्रतापगढ़ जिला अलवर राज ए को दस्तयाब किया जाकर व थाना थानागाजी को सुपुर्द किया गया । जिसे मुकदमा हाजा में गिरफ्तार किया गया ।

जैसलमेर रेगिस्तान में नखलिस्तान का सपना साकार किया 128वीं पैदल वाहिनी ने ,एक करोड़ सत्तर लाख लाख पौधे रोपित किये रेगिस्तान में

जैसलमेर  रेगिस्तान में नखलिस्तान का सपना साकार किया 128वीं पैदल वाहिनी ने ,एक करोड़ सत्तर लाख लाख पौधे रोपित किये रेगिस्तान में 

जैसलमेर पश्चिमी सरहद का रेगिस्तानी भू भाग जंहा दूर दूर तक हरियाली या पेड़ पोधो की कल्पना करना भी बेमानी हे वहां प्रादेशिक सेना ने अपनी निष्ठ ,जज्बे और लगन के चलते एक करोड़ ग्यारह लाख पौधे रोपित कर रेगिस्तान को नखलिस्तान में तब्दील करने का सपना साकार किया ,जिले के मोहनगढ़ के  रेगिस्तानी भूभाग की जिस जमीन को बंजर कहकर हमेशा से अभिशापित बताया जाता रहा है, वहां वर्तमान में पेड़-पौधों से आच्छादित वन हर किसी का मन मोह लेता है तथा वन्यजीव निर्भय होकर विचरण करते हैं। यह सब किसी चमत्कार के साकार होने जैसा है और इस असंभव से प्रतीत होने वाले कार्य को संभव कर दिखाया है, 128वीं पैदल वाहिनी (प्रादेशिक सेना) पर्यावरण राज रिफ ने। 1997 से लेकर अब तक इस बटालियन ने मोहनगढ़ क्षेत्र में 1 करोड़ 70 लाख 11 हजार पौधे लगा दिए हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बटालियन के अधिकारी व जवान जी-जान लगा कर कार्य कर रहे हैं। इस वजह से मोहनगढ़ क्षेत्र का रेगिस्तानी इलाका हरा-भरा नजर आने लगा है। इस कार्य के लिए बटालियन को जिला और राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर तक के अवार्ड मिल चुके हैं।

बंजर भूमि को बनाया हरा भरा
128वीं पैदल वाहिनी की स्थापना एक सितम्बर 1983 में हुई थी। यह प्रादेशिक सेना का अंग है तथा भारतीय सैन्य सेवा के अधीन कार्यरत है। बटालियन ने 1983 से 1997 तक बीकानेर जिले के अमरसिंहपुरा क्षेत्र में कार्य किया। उसके बाद 1997 में मोहनगढ़ क्षेत्र में कार्य शुरू किया गया। बटालियन की ओर से मोहनगढ़ क्षेत्र के दुर्गम स्थलों पर ही पौधे लगाने का कार्य किया गया। जहां पर बंजर भूमि ही थी। ऐसी बंजर भूमि, रेतीले टीलों पर पानी ले जाना असंभव कार्य था। उसके बावजूद बटालियन ने इन धोरों पर भी हरियाली की चादर बिछा दी। बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल विक्रमसिंह राठौड़ ने कहा था कि 1997 से लेकर अब तक बटालियन 1 करोड़ 70 लाख 11 हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है। मोहनगढ़ क्षेत्र की 18689 हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया गया। पौधों का रोपण करने व उसे पाल पोस कर बड़ा करने के चार साल बाद संबंधित ग्राम पंचायत को क्षेत्र सुपुर्द किया जाता है। इस वर्ष 600 हैक्टेयर भूमि पर 6 लाख पौधे लगाए जाने हैं। इसके बारे में अभी से कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। बरसात के शुरू होते ही पौधारोपण का कार्य किया जाएगा। जिसमें रोहिड़ा, खेजड़ी, बेर सहित अन्य कई प्रकार के पौधों का रोपण किया जाना है। इनके बीज का छिड़काव भी किया जाएगा।
बटालिन तीन स्थानों पर कर रही कार्य
128वीं पैदल वाहिनी की ओर से पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा वन्य जीव संरक्षण का कार्य भी कर रही है। बटालियन की तीन कंपनियां अलग अलग स्थानों पर क्षेत्र को हरा भरा बनाने के का कार्य कर रही है। जिसमें एक कंपनी मोहनगढ़ क्षेत्र में पनोधर राय मंदिर क्षेत्र में कार्य कर रही है। दूसरी कंपनी जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में पौधरोपण कार्य कर रही है। तीसरी कंपनी राष्ट्रीय मरु उद्यान के सम क्षेत्र में पौधरोपण के साथ वन्य जीव संरक्षण कार्य भी कर रही है।

बटालियन में गार्ड किए विकसित

128वीं पैदल वाहिनी की ओर से क्षेत्र को हरा भरा बनाने के साथ साथ पौधे लगाने के लिए अपनी अलग से नर्सरी भी स्थापित की गई है। जिसमें बटालियन की ओर से पौधे तैयार किए जा रहे हैं। पौधों के अलावा बटालियन फ्रूट गार्डन, गुलाब गार्डन, मसाला गार्डन, औषधीय गार्डन भी विकसित किए गए है। फ्रूट गार्डन में आम, अनार, किन्नू, अंजीर, आंवला, गंूदा, बैर, नीम्बू, सीताफल, अंगूर, अमरूद, जामुन आदि के पौधे लगाए गए हैं। गुलाब गार्डन में विभिन्न प्रकार के गुलाब के पौधे लगाए गए हैं। वहीं औषधीय गार्डन व मसाला गार्डन में भी विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगे हैं। ये ग्रामीणों व अन्य स्थानों से वन विभाग के प्रशिक्षुओं को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए ये गार्डन तैयार किए गए हैं ताकि समय समय पर जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है।

पौधरोपण व पर्यावरण सरंक्षण को लेकर मिल चुके सम्मान

सर्दी एवं गर्मी के अलावा विपरीत परिस्थितियों में बटालियन के अधिकारियों व जवानों ने क्षेत्र में हरियाली ला दी है। इस कार्य को लेकर बटालियन को कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। जिसमें इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र पुरस्कार 1989 तत्कालिक प्रधानमंत्री वीपी सिंह द्वारा प्रदान किया गया है। इसके अलावा रोटरी क्लब बॉम्बे का निसर्ग मित्र पुरस्कार 1999-2000, महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन उदयपुर द्वारा 2000-01 के लिए महाराणा उदय सिंह मेवाड़ पुरस्कार, महारानी मरुधर कंवर पुरस्कार 2002-03, पर्यावरण संतुलन एवं मरु सुधार विशेष पुरस्कार 2003, स्वतंत्रता दिवस 2008 को राज्य स्तरीय प्रशंसा पत्र, स्वतंत्रता दिवस 2008 को जिला स्तरीय प्रशंसा पत्र, पर्यावरण मंत्रालय का इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार 2011, गणतंत्र दिवस 2016 को जिला स्तरीय प्रशंसा पत्र, आठवां जेएसडब्ल्यू टाइम्स ऑफ इंडिया अर्थ केयर अवार्ड 2018, गणतंत्र दिवस 2020 पर राज्य स्तरीय प्रशस्ति पत्र राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा प्रदान किया गया। उसके बाद फतेह सिंह राठौड़ वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन रणथम्भौर अवार्ड 2020 भी प्रदान किया गया।


फोटो 128 वि प्रादेशिक सेना द्वारा रोपित पौधे
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जैसलमेर रामगढ़ में कोरोना की दस्तक,कम्पनी कर्मचारी आया पॉजिटिव

जैसलमेर रामगढ़ में कोरोना की दस्तक,कम्पनी कर्मचारी आया पॉजिटिव 



जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिले के गैस तेल फिल्ड रामगढ़ में आज पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया ,प्रशासनिक सूत्रानुसार रामगढ़ में मिला कोरोना पॉजिटिव ऑयल इंडिया का कर्मचारी हैं , जोधपुर का  निवासी हैं , वः जोधपुर से 5 तारीख को रामगढ़ ड्यूटी पे आया था  , रामगढ़ के एक गेस्ट हाउस में रुका हुआ था, उसके साथ नो  जने और आये थे  , कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन  टीम रामगढ़ पहुंची ,मेडिकल टीम ने गेस्ट हाउस के स्टॉफ व अन्य ठहरे हुए प्रवासियों के  सेम्पल लिए , उनकी कॉन्टेक्ट और ट्रेवल हिस्ट्री चेक की जा रही हैं ,पॉजिटिव को 108  में  जैसलमेर भिजवाया गया , पुलिस प्रशासन हुआ चौकस हो गया ,रामगढ़ में कोरोना पॉजिटिव का पहला केस हैं ,प्रशासन और पुलिस रामगढ़ का  बाजार बंद करवा रहे हैं , रामगढ़ कस्बे में कर्फ्यू लगाने की हो रही तयारी।






बाड़मेर पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की

बाड़मेर पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की 

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी थाना क्षेत्र के बांड गांव में एक पति ने अपनी पत्नी की कुल्हाड़ी के वार से गर्दन काट क्र हत्या कर ली ,पुलिस को सुचना मिलने पर गुडा पुलिस मौके पे पहुँच घटना स्थल का मौका मुआयना कर रही हैं ,पुलिस सूत्रों के अनुसार बांड गांव के मोहनराम विश्नोई का बारह साल पहले विवाह हुआ था ,उसे अपने पत्नी के चरित्र पे शक था ,इसी शक के चलते उसने रविवार को पत्नी के गार्डन पर कुल्हाड़ी का वार कर हत्या कर दी ,पुलिस को ग्रामीणों से सुचना मिलने पर मौके पे पहुँच शव को बरामद कर मौका मुआयना कर रही हैं ,आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं  आया हे


जन्मदिन पर विशेष बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक राजनीतिक शख्शियत बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ,आम आदमी का विधायक


जन्मदिन पर विशेष बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक 

  मेवाराम जैन
राजनीतिक शख्शियत  बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ,आम आदमी का विधायक

बाड़मेर थार की राजनीति में बहुत से चेहरे चुनावी मौसम की तरह होते है।जो चुनाव के साथ गायब हो जाते।कुछ चेहरे लम्बी रेस के घोड़े भी साबित होते है।।अस्सी दे दशक में बाड़मेर दिग्गज राजनीतिग्यो की स्थली था।।बड़े नज़्म अब्दुल हादी,वृद्धि चंद जैन,हेमाराम चौधरी,गंगाराम चौधरी,भगवानदास डोशी, अमीन खान,मदन कौर ,चंपालाल बांठिया सरीखे नेताओ के बीच बालेबा गांव के सरपंच के रूप में मेवाराम जैन का उदय हुआ।।सरपंच के तौर पर अच्छे कार्यो के चलते जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया ।मेवाराम ने शहर का रुख कर कांग्रेस में प्रवेश किया।उस वक़्त के दिग्गज वृद्धि चंद जैन के सानिध्य में अपनी राजनीति पारी शुरू की।।आम परिवार से होने के साथ शहरी लोगो के साथ साथ धीरे धीरे पार्टी में अपनी पकड़ बढ़ाने लगे।।पहले उन्हें 1985 में शिव ब्लॉक का महामंत्री बनाया।।लगातार दस साल 1994 तक महामंत्री पड़ पर रहे।।सेकंडरी तक शिक्षित मेवाराम जैन ने अपने कुशल व्यवहार से पार्टी के साथ साथ सामाजिक संस्थाओं में भी अपनी पकड़ बना उनसे जुड़े।अकाल के वक़्त उनका गौ सेवा का कार्य निसंदेह बेहतर था। प्राणी मित्र संस्थान से जुड़ उन्होंने अकाल राहत के तहत बड़ी तादाद में पशु शिविरों का भी संचालन किया।।इनके माध्यम से उनकी पहचान का दायरा बढ़ गया।।1994 ने कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कोषाध्यक्ष का प्रभार दिया।।2005 तक पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे।।उसके बाद उन्हें पार्टी ने उपाध्यक्ष पद पर बिठाया।।इसी बीच उन्होंने नगर पालिका का चुनाव लड़ा।।बड़ी जीत के साथ नगर पालिका के अध्यक्ष बने।।1999 में अध्यक्ष बनने के बाद शहरी क्षेत्र में विकास के कई कार्य किये।कार्य और व्यवहार के कारण उनकी लोकप्रियता में खासी वृद्धि हुई।।बाड़मेर के विकास के साथ सौन्दर्यकरण ,सभा भवनों सहित असम आदमी के राहत के प्रयास लोगो के बीच लोकप्रिय हुए।।1981 से 1991 तक बालेबा के सरपंच रहे मेवाराम जैन को 2008 में कांग्रेस ने बाड़मेर विधानसभा से अपना प्रत्यासी बनाया।।इस चुनाव में उन्होंने मृदुरेखा चौधरी को बड़े अंतर से हरा कर विधानसभा में प्रवेश किया। पांच साल के कार्यकाल में कई कार्य जनहित के किये।।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीक मानें जाते रहे।।दूसरी बार 2013 मे कांग्रेस ने उन पर पुनः भरोसा जताया।।भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी को कड़े मुकाबले में हराकर फिर बिधानसभा पहुंचे।।2013 में मारवाड़ में काँग्रेज़ को मात्र तीन सीट मिली थी।जिसमे एक बाड़मेर भी था।।।इस चुनाव में निर्दलीय मृदुरेखा चौधरी उनके लिए तारणहार बनी।गत चुनावो में जाट राजनीती के दिग्गज कर्नल सोनाराम को तीस हजार से अधिक मतों से हराकर तीसरी बार विधायक बने ।


*विधायक मेवाराम जैन के कार्यकाल की उपलब्धियां*

बाड़मेर में कच्ची बस्तियों सहित आम आदमी के पट्टे बनाने का कार्य आपके कार्यकाल की उपलब्धि रही ।।जैन ने अपने नगरपालिका अध्यक्ष रहते हुए हजारों पटे बनाये जिसके कारण आम शहरवासियों के दिलो में बस गए। जैन मोहन बाल निकेतन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष भी रहे साथ ही लायंस क्लब बाड़मेर के पहले अध्यक्ष के रूप में कई सेवा कार्य किये।बाड़मेर में हिमालय का मीठा पानी लाने का वादा किया था और वादे के मुताबिक बाड़मेर शहर में नहर का मीठा पानी लाये तथा बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल योजनाओं को स्वीकृत करवाया। साथ ही बाड़मेर राजकीय अस्पताल में सिटी स्कीन मशीन,सीवरेज का कार्य,और बाड़मेर शहर में पहली बार दो ओवरब्रिज का निर्माण करवाकर बाड़मेर जो दो भागों में बंटा हुआ था उसमें आमजन को राहत देकर बड़ा कार्य किया।

मेडिकल के क्षेत्र में बाड़मेर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति, इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति,4 पीएचसी,एक सीएचसी तथा 52 सब सेंटर स्वीकृत करवाये ।इसके साथ साथ मॉडल विद्यालय,नए प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत भी करवाये तथा क्रमोन्नत भी करवाये।आदर्श स्टेडियम में पार्क का निर्माण,सर्किट हाउस सड़क का डबल लेन निर्माण इत्यादि कई महत्वपूर्ण कार्य करवाये।

एक महत्वपूर्ण बात कि विधायक जैन ने अपने 11 वर्षीय कार्यकाल में लगभग 1800 हैंडपम्प स्वीकृत करवाये है जो कि अपने आप मे एक रिकॉर्ड है।विरधीचन्द केंद्रीय बस स्टैंड का निर्माण करवाया ।राजकीय हॉस्पिटल में 17 करोड़ की लागत से महिला एवम शिशु गृह यूनिट का भी निर्माण करवाया ।साथ ही अपने विधायक मद से करीबन 5 करोड़ रुपये ग्रामीण क्षेत्रो में विद्युतीकरण पर खर्च किये ।

बाडमेर विधायक मेवाराम जैन हमेशा आपदा के वक़्त बाडमेर की जनता के साथ मददगार के रूप में खड़े रहे।।एक इंसान के रूप में मेवाराम जैन श्रेष्ठ है।।उनमें मानवता कूट कूट भरी है।इंसानियत के देवता है ।जरूरतमंद लोगों के लिए लाठी के सहारे जैसे हैं।।भीषण अकाल के वक़्त उनके द्वारा जिले के लोगो के लिए वरदान बने।प्राणी मित्र संस्था के माध्यम से पशु शिविरों का संचालन कर जिले भर कर पशु पालकों को राहत प्रदान की।।लाखों गायों के रक्षक बने।।बाडमेर में आई बाढ़ के दौरान भी मेवाराम जैन ने लोगो के साथ कंधे से कंधा मिला दुख में उनके आंखों के आंसू पोंछे।।कवास, मलवा,सहित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री से लेकर उनके लिए आवश्यक मदद की।मेवाराम जैन बाडमेर की जनता के लिए हमेशा वरदान साबित हुए।।लोगो के सुख दुख में परिवार के सदस्य की तरह शरीक होकर अपनेपन का अहसास दिलाते है।।राजनीति के क्षेत्र में चाहे वो कुछ भी हो मगर एक इंसान के रूप में मानवता उनमें कूट कूट कर भरी है। कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन के पहले दिन से जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर न केवल सहयोग कर रहे थे हल्की भामाशाहों को भी सहयोग के लिए प्रेरित कर लोगो के मददगार बने।।बाडमेर जिला प्रशासन को मेवाराम जैन के सहयोग का बड़ा सहारा मिला कोरोना संक्रमण से मुकाबला करने तथा लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और खाद्य सामग्री की व्यवस्था करने में।विधायक द्वारा बाड़मेर जिले के प्रवासियों को गृह जिले में लाने के लिए व्यक्तिगत रूप से सूचियां बनाकर प्रशासन को देकर प्रवासियों को लाने व्यवस्थाएं करवाई ,व्ही उन्होंने विधायक कोष की राशि भी कोविद १९ में दी ,जैन द्वारा करीब तीस हजार अधिक प्रवासियोप को बाड़मेर लाने में मदद की गयी ।नंदी गौ शाला में गायो के सरंक्षण में व्यक्तिगत रूचि लेकर लोगो को धनराशि और चारे के ट्रकों की व्यवस्था की गयी ,नंदी गौ शाला का निर्माण भी मेवाराम जैन के व्यक्तिगत प्रयासों से हुआ ,यही सच है कि विधायक मेवाराम जैन बाडमेर की जनता पर जब जब आपदा आई मेवाराम जैन सच्चे सेवक के रूप में उनके साथ खड़े रहकर अपना मानव धर्म निभाया।।*

जैन लगातार 12  वर्षो से पीसीसी सदस्य है।जैन विधानसभा में महत्वपूर्ण कमेटी प्राक्कलन समिति क तथा ख में भी सदस्यरहे ।लगातार तीसरी बार बाड़मेर विधानसभा से विधायक है।।राजनीति के वर्तमान के चाणक्य कहे जाते है मेवाराम जैन।।राजनीतिक गुण और कूटनीति उनकी खासियत है।।

भोपाल ( मध्यप्रदेश) के निकट स्थित भोजपुर "भोजेश्वर महादेव" शिव मंदिर का वास्तु विश्लेषण--

भोपाल ( मध्यप्रदेश) के निकट 
स्थित भोजपुर "भोजेश्वर महादेव" शिव मंदिर का वास्तु विश्लेषण--



पण्डित दयानन्द शास्त्री 

विगत दिनों मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में बेतवा
(रायसेन जिले में वेत्रवती नदी के) किनारे बसा है।
 नदी के पूर्व की ओर स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस प्राचीन शिव मंदिर को "भोजेश्वर शिव-मंदिर, भोजपुर" के नाम से जाना जाता है। इस प्राचीन अनूठे परंतु अपूर्ण मंदिर का निर्माण धार के राजा भोज द्वारा किया गया था ।प्राचीन काल का यह नगर "उत्तर भारत का सोमनाथ' कहा जाता है। गाँव से लगी हुई पहाड़ी पर एक विशाल शिव मंदिर है। इस नगर तथा उसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज (१०१० ई.- १०५३ ई.) ने किया था। अतः इसे भोजपुर मंदिर या भोजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।

राजा भोज भारतीय स्थापत्य कला अर्थात शिल्प वास्तु शास्त्र के महान सरंक्षक एवं ज्ञाता थे पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की राजा भोज के द्वारा एक बहुत ही प्रसिद्ध वास्तु के प्रामाणिक ग्रंथ की रचना की गई थी जिसका नाम "समरांगण-सूत्रधार" है।
यह एक भव्य शिव मंदिर है जिसकी ऊँचाई मय जलाधारी तकरीबन 22 फुट है जिसमे लिंग की ऊँचाई 2.03 मीटर अर्थात लगभग साढ़े छः फ़ीट है ।इस मंदिर में कई सारे वास्तु दोष हैं जिसके चलते दुर्गति और संघर्ष का शिकार हुआ।
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आइए जानते हैं इस प्राचीन शिव मंदिर की भौगोलिक स्थिति, वास्तु नियमानुसार  ।

पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की यह मंदिर पूर्ण रुपेण तैयार नहीं बन पाया। इसका चबूतरा बहुत ऊँचा है, जिसके गर्भगृह में एक बड़ा- सा पत्थर के टूकड़े का पॉलिश किया गया लिंग है, जिसकी ऊँचाई ३.८५ मी. है। इसे भारत के मंदिरों में पाये जाने वाले सबसे बड़े लिंगों में से एक माना जाता है। विस्तृत चबूतरे पर ही मंदिर के अन्य हिस्सों, मंडप, महामंडप तथा अंतराल बनाने की योजना थी। ऐसा मंदिर के निकट के पत्थरों पर बने मंदिर- योजना से संबद्ध नक्शों से इस बात का स्पष्ट पता चलता है। इस मंदिर के अध्ययन से हमें भारतीय मंदिर की वास्तुकला के बारे में बहुत- सी बातों की जानकारी मिलती है। भारत में इस्लाम के आगमन से भी पहले, इस हिंदू मंदिर के गर्भगृह के ऊपर बना अधुरा गुम्बदाकार छत भारत में ही गुम्बद निर्माण के प्रचलन को प्रमाणित करती है। भले ही उनके निर्माण की तकनीक भिन्न हो। कुछ विद्धान इसे भारत में सबसे पहले गुम्बदीय छत वाली इमारत मानते हैं। इस मंदिर का दरवाजा भी किसी हिंदू इमारत के दरवाजों में सबसे बड़ा है। चूँकि यह मंदिर ऊँचा है, इतनी प्राचीन मंदिर के निर्माण के दौरान भारी पत्थरों को ऊपर ले जाने के लिए ढ़लाने बनाई गई थी। इसका प्रमाण भी यहाँ मिलता है। मंदिर के निकट स्थित बाँध को राजा भोज ने बनवाया था। बाँध के पास प्राचीन समय में प्रचूर संख्या में शिवलिंग बनाया जाता था। यह स्थान शिवलिंग बनाने की प्रक्रिया की जानकारी देता है। कुछ बुजुर्गों का कहना हैै कि मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांडवों द्वारा माता कुंती की पूजा के लिए इस शिवलिंग का निर्माण एक ही रात में किया गया था। विश्व प्रसिद्घ शिवलिंग की ऊंचाई साढ़़ेे इक्कीस फिट, पिंडी का व्यास १८ फिट आठ इंच व जलहरी का निर्माण बीस बाई बीस से हुुआ हैै। इस प्रसिद्घ स्थल पर साल में दो बार वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता हैै। जो मंकर संक्रांति व महाशिवरात्रि पर्व होता हैै। एक ही पत्थर से निर्मित इतनी बड़़ी शिवलिंग अन्य कहीं नहीं दिखाई देती हैै। इस मंदिर की ड्राइंंग समीप ही स्थित पहाड़़ी पर उभरी हुुई हैै जो आज भी दिखाई देती हैै। इससे ऐेसा प्रतीत होता हैै कि पूर्व में भी आज की तरह नक्शे बनाकर निर्माण कार्य किए जाते रहेे होंगे।
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ऐसा है मोजेश्वर मन्दिर का गर्भगृह (अंदर से)---

निरन्धार शैली में निर्मित इस मंदिर में प्रदक्षिणा पथ (परिक्रमा मार्ग) नहीं है। मन्दिर ११५ फ़ीट (३५ मी॰) लम्बे, ८२ फ़ीट(२५ मी॰) चौड़े तथा १३ फ़ीट(४ मी॰) ऊंचे चबूतरे पर खड़ा है। चबूतरे पर सीधे मन्दिर का गर्भगृह ही बना है जिसमें विशाल शिवलिंग स्थापित है।
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 गर्भगृह की अभिकल्पन योजना में ६५ फ़ीट (२० मी॰) चौड़ा एक वर्ग बना है; जिसकी अन्दरूनी नाप ४२.५ फ़ी॰(१३ मी॰) है। शिवलिंग को तीन एक के ऊपर एक जुड़े चूनापत्थर खण्डों से बनाया गया है। इसकी ऊंचाई ७.५ फ़ी॰(२.३ मी॰) तथा व्यास १७.८ फ़ी॰(५.४ मी॰) है। यह शिवलिंग एक २१.५ फ़ी॰(६.६ मी॰) चौड़े वर्गाकार आधार (जलहरी) पर स्थापित है।  आधार सहित शिवलिंग की कुल ऊंचाई ४० फ़ी॰ (१२ मी॰) से अधिक है।

गर्भगृह का प्रवेशद्वार ३३ फ़ी॰ (१० मी॰) ऊंचा है।] प्रवेश की दीवार पर अप्सराएं, शिवगण एवं नदी देवियों की छवियाँ अंकित हैं।मन्दिर की दीवारें बड़े-बड़े बलुआ पत्थर खण्डों से बनी हैं एवं खिड़की रहित हैं। पुनरोद्धार-पूर्व की दीवारों में कोई जोड़ने वाला पदार्थ या लेप नहीं था। उत्तरी, दक्षिणी एवं पूर्वी दीवारों में तीन झरोखे बने हैं, जिन्हें भारी भारी ब्रैकेट्स सहारा दिये हुए हैं। ये केवल दिखावटी बाल्कनी रूपी झरोखे हैं, जिन्हें सजावट के रूप में दिखाया गया है। ये भूमि स्तर से काफ़ी ऊंचे हैं तथा भीतरी दीवार में इनके लिये कुछ खुला स्थान नहीं दिखाई देता है।

पंडित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं की उत्तरी दीवार में एक मकराकृति की नाली है जो शिवलिंग पर चढ़ाए गये जल को जलहरी द्वारा निकास देती है।सामने की दीवार के अलावा, यह मकराकृति बाहरी दीवारों की इकलौती शिल्पाकृति है।

पूर्व में देवियों की आठ शिल्पाकृतियां अन्दरूनी चारों दीवारों पर काफ़ी ऊंचाई पर स्थापित थीं, जिनमें से वर्तमान में केवल एक ही शेष है।

किनारे के पत्थरों को सहारा देते चारों ब्रैकेट्स पर भगवानों के जोड़े – शिव-पार्वती, ब्रह्मा-सरस्वती, राम-सीता एवं विष्णु-लक्ष्मी की मूर्तियां अंकित हैं। प्रत्येक ब्रैकेट के प्रत्येक ओर एक अकेली मानवाकृति अंकित है।

हालांकि मन्दिर की ऊपरी अधिरचना अधूरी है, किन्तु ये स्पष्ट है कि इसकी शिखर रूपी तिरछी सतह वाली छत नहीं बनायी जानी थी।

किरीट मनकोडी के अनुसार, शिखर की अभिकल्पना एक निम्न ऊंचाई वाले पिरामिड आकार की बननी होगी जिसे समवर्ण कहते हैं एवं मण्डपों में बनायी जाती है।

 ऍडम हार्डी के अनुसार, शिखर की आकृति फ़ामसान आकार (बाहरी ओर से रैखिक) की बननी होगी, हालांकि अन्य संकेतों से यह भूमिज आकार का प्रतीत होता है।

इस मन्दिर की छत गुम्बदाकार हैं जबकि इतिहासकारों के अनुसार मन्दिर का निर्माण भारत में इस्लाम के आगमन के पहले हुआ था। अतः मन्दिर के गर्भगृह पर बनी अधूरी गुम्बदाकार छत भारत में गुम्बद निर्माण के प्रचलन को इस्लाम-पूर्व प्रमाणित करती है। हालांकि इस्लामी गुम्बदों से यहां के गुम्बद की निर्माण की तकनीक भिन्न थी। अतः कुछ विद्वान इसे भारत में सबसे पहले बनी गुम्बदीय छत वाली इमारत भी मानते हैं।

 पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस मोजेश्वर मन्दिर का प्रवेश द्वार भी किसी अन्य हिंदू इमारत के प्रवेशद्वार की तुलना में सबसे बड़ा है। यह द्वार ११.२० मी॰ ऊंचा एवं ४.५५ मी॰ चौड़ा है। यह अधूरी किन्तु अत्यधिक नक्काशी वाली छत ३९.९६ फ़ी॰(१२.१८ मी॰) ऊंचे चार अष्टकोणीय स्तंभों पर टिकी हुई है। प्रत्येक स्तंभ तीन पिलास्टरों से जुड़ा हुआ है। ये चारों स्तंभ तथा बारहों पिलास्टर कई मध्यकालीन मन्दिरों के नवग्रह-मण्डपों की तरह बने हैं, जिनमें १६ स्तंभों को संगठित कर नौ भागों में उस स्थान को विभाजित किया जाता था, जहाँ नवग्रहों की नौ प्रतिमाएं स्थापित होती थीं।

यह मन्दिर काफ़ी ऊँचा है, इतनी प्राचीन मन्दिर के निर्माण के दौरान भारी पत्थरों को ऊपर ले जाने के लिए ढ़लाने बनाई गई थीं। इसका प्रमाण भी यहाँ मिलता है। मन्दिर के निकट स्थित बाँध का निर्माण भी राजा भोज ने ही करवाया था। बाँध के पास प्राचीन समय में प्रचुर संख्या में शिवलिंग बनाये जाते थे। यह स्थान शिवलिंग बनाने की प्रक्रिया की जानकारी देता है।

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समझें मुख्य वास्तु दोषों को---
यह प्राचीन शिव मंदिर बेतवा नदी के पूर्व में स्थित एक ऊंची चट्टान पर बना हुआ है मंदिर में प्रवेश करने के लिए लोहे का एक द्वार दक्षिण में स्थित है जो वास्तु शास्त्र के अनुसार पैशाच वीथी के पित्र ,मृग पदों पर बना हुआ है(यह व्यस्था मंदिर प्रांगण के अनुसार है जो अधिग्रहित क्षेत्र अर्थात प्रोटेक्टेड क्षेत्रफल के अंदर का ही  हिस्सा है) वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसी स्थिति अत्यधिक मात्रा में संघर्ष और दुर्गति देती है साथ ही आर्थिक रूप से भी असम्पन्न बनाती है मंदिर में गर्भ स्थल का प्रवेश पश्चिम दिशा से है जहाँ द्वार नही है अर्थात खुला हुआ है एवं क्रमशः उत्तर, पूर्व एवं दक्षिण में दीवारें एवं बड़े पिल्लर हैं जो कई जगहों से टूटे एवम खंडित हैं. मंदिर के ठीक बाहर में पूर्व -उत्तर ईशान की ओर एक काफी बड़ा एवं भारी पत्थर-मिट्टी का टीला है जो प्रोटेक्टेड क्षेत्रफल के लगभग शिखी एवं दिति पदों पर बनता है जो वास्तु शास्त्र के बड़े दोषों की श्रेणी में आता है और किसी भी वास्तु की आर्थिक स्थिति और प्रसिद्धि से संबंधित होता है।

इस मंदिर प्रांगण के अग्नि कोण (प्रोटेक्टेड एरिया ) के कुछ पद वितीथ, पूषा, अनिल,नभ,भृष,सत्य आदि  कटे हुए हैं इन पदों द्वारा रचनात्मकता ,नए सृजनात्मक विचारों और नई योजनाओं के क्रियांवयन का विचार किया जाता है वो पद ही नही हैं तो सृजनात्मकता ऐसी वास्तु में  कहाँ दिखेगी...

प्रोटेक्टेड क्षेत्रफल का मध्य दक्षिण अर्थात यम का पद भी कटा हुआ है दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व मंगल द्वारा किया जाता है और शास्त्रों में मंगल को सेनापति की पदवी प्राप्त है...

ऐसा राजा और सैनिक जिनका सेनापति ही ना हो तो राज्य तो दिशाहीन की होगा.वहीं सम्पूर्ण प्रोटेक्टेड क्षेत्रफल का दक्षिण पश्चिम नेऋत्य भी बढ़ा हुआ है अर्थात संघर्ष, दुर्गति, किसी भी काम मे पूर्णता के ना होने को दर्शाता है..

अब सम्पूर्ण प्रोटेक्टेड क्षेत्रफल के पश्चिम दिशा को देखें तो पाते हैं कि बेतवा नदी सम्पूर्ण पश्चिम दिशा को कवर किये हुए है अर्थात जल तत्व है..

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार इस मंदिर के पश्चिम दिशा में वरुण पद में जल शुभ माना गया है परन्तु उत्तर-पश्चिम वायुवीय के पश्चिम और दक्षिण - पश्चिम नैरत्य के पश्चिम में जल तत्व का होना अशुभ है इस दोष के चलते आर्थिक असम्पन्नता, रोग, संघर्ष एवं एकलता आती है तो यहाँ देखा जा सकता है. कि यहाँ विशेष त्योहार जैसे महाशिवरात्रि, श्रावण मास आदि के अलावा भीड़ कम ही देखने को मिलती है (जिस अनुसार मंदिर प्राचीनतम है) और शाम तक होते-होते वीरान सा हो जाता है इसे ही एकलता का वास होना कहा जाताहै...

अब प्लव दोष की बात की जाए तो तीन प्रकार के प्लव दोष भी यहाँ हैं पहला पूर्व से पश्चिम (अर्थात पूर्व ऊंचा और पश्चिम नीचा) इसे जल वीथी प्लव दोष कहा जाता है जो दरिद्रता देता है..

दूसरा उत्तर से दक्षिण के प्लव जिसे यम वीथी प्लव दोष कहते हैं जो जीवन हानि करता है और तीसरा पूर्व-उत्तर ईशान से दक्षिण-पश्चिम नैरत्य का प्लव जिसे भूत वीथी कहते हैं यह भी दरिद्रता और निःसंतनता लाता है(उक्त प्लव दोष का विवरण मनुष्यालय चंद्रिका ग्रंथ के श्लोक क्रमांक 19 में मिलता है) मौजूद हैं..

उपरोक्त समस्त वास्तु दोषों के चलते आज तक कई सदियां बीत गयी पर मंदिर अपूर्ण है खंडहर स्वरूप है दीवार पर बनी मूर्तियाँ और स्तंभ खंडित हैं साथ ही भव्यता , सुंदरता, प्रसिद्धि में प्राचीनतम होते हुए भी तुलनात्मक रूप से कमी है यदि इस मंदिर का  जीर्णोधार कार्य करवाते समय उक्त दोषों पर विचार कर दोष निवारण कर दिया जाय तो इस बात में तनिक भी संदेह नही है कि इस मंदिर की भव्यता, प्रसिद्धि, ख्याति, सुंदरता और आकर्षण देखते सुनते ही बनेगी...

उक्त शोध का आधार भारतीय वास्तु शास्त्र के साथ साथ मेरा निजी अनुभव है इस लेख का उद्देश्य वास्तु कला का ज्ञान फैलाना है ।
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कैसे पहुंचे--
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वायुसेवा ---
भोजपुर से २८ कि ॰मी॰ की दूरी पर स्थित राज्य की राजधानी भोपाल का राजा भोज विमानक्षेत्र यहाँ के लिये निकटतम हवाई अड्डा है। दिल्ली, मुम्बई, इंदौर और ग्वालियर से भोपाल के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं।
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रेल सेवा--
दिल्ली-चेन्नई एवं दिल्ली-मुम्बई मुख्य रेल मार्ग पर भोपाल एवं हबीबगंज सबसे निकटतम एवं उपयुक्त रेलवे स्टेशन हैं।
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बस सेवा--
भोजपुर के लिए भोपाल से बसें मिलती हैं।

शनिवार, 6 जून 2020

बाड़मेर शहर के शिव नगर में मिला एक कोरोना पोजेटिव,महिला आई पॉजिटिव

बाड़मेर शहर के शिव नगर में मिला एक कोरोना पोजेटिव,महिला आई पॉजिटिव 

  बाड़मेर शहर के शिव नगर में कोरोना पोजेटिव मिलने पर उपखंड मजिस्ट्रेट नीरज मिश्र, सदर थानाधिकारी मूलाराम चौधरी सहित कई अधिकारी पहुँचे मौके पर। बाड़मेर शहर के शिव नगर में कोरोना पोजेटिव मिलने के बाद उपखंड मजिस्ट्रेट नीरज मिश्र ने लगाया शिव नगर में कर्फ्यू, जटिया समाज शिक्षण संस्थान के पीछे की गली सहित अन्य गलियों में लगाया कर्फ्यू।

जैसलमेर औषधीय गुणों की खान नीम का पौधा लगाकर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने किया पर्यावरण सरंक्षण का आगाज़,सिटी पार्क का होगा कायाकल्प,निखरेगा रूप

जैसलमेर  औषधीय गुणों की खान नीम का पौधा लगाकर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने किया पर्यावरण सरंक्षण का आगाज़,सिटी पार्क का होगा कायाकल्प,निखरेगा रूप




 जैसलमेर  सरहदी जैसलमेर जिला मुख्यालय पर  आसमान से बरसती अमृत रूपी बरसाती बूंदों के बीच जिला कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग सिद्धू  ने औषधीय गुणों से भरपूर नीम का पौधा लगाकर पर्यावरण सरंक्षण अभियान का आगाज़ किया।।जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा मरुस्थलीय इलाके में सर्वाधिक सर्वायल नीम के पौधे को सिटी पार्क में रोपित कर सिटी पार्क के रूप को निखारने आगाज़ किया।लम्बे समय से जेसलमेर के सपनो का पार्क सिटी पार्क जो समय की मार के साथ गंदगी से अट्टा था।उसको आदर्श और विकसित पार्क का रूप देने के उद्देश्य से पौधरोपण का जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया।इस आयोजन में विधायक रूपाराम धनदे,जिला पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग ,अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई ,निवर्तमान जिला प्रमुख अंजना मेघवाल,प्रधान अमरदीन फकीर,सभापति हरिवल्लभ कल्ला,उप वन सरंक्षक कपिल चंद्रा,आयुक्त बृजेश राय,सहित जन प्रतिनिधि और अधिकारीयो ने शिरकत कर विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किये।।जिला कलेक्टर नमित मेहता ने नीम का पौधा रोपित कर जिले में अधिक से अधिक पौधे नीम के लगाने के लिए प्रेरित किया।मेहता ने बताया की नीम पर्यावर को सर्वाधिक शुद्ध रखने की क्षमता रखता हैं ,नीम में एक सौ से अधिक गुण हे जो मानव जाती के काम आते हैं,।
फोटो नीम के पौधे रोपित करते  कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक 
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जैसलमेर, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने किया ग्राम्यांचलों का दौरा, अधिकारियों की बैठक लेकर दिए व्यापक दिशा-निर्देश, सभी रहें हमेशा अलर्ट मोड पर,

 जैसलमेर,  अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने किया ग्राम्यांचलों का दौरा,

अधिकारियों की बैठक लेकर दिए व्यापक दिशा-निर्देश, सभी रहें हमेशा अलर्ट मोड पर,

पेयजल उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता - शाले मोहम्मद


जैसलमेर, अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने भीषण गर्मी के मौजूदा दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की माकूल व्यवस्था पर जोर दिया है और कहा है कि जनता को पेयजल उपलब्ध कराना इस समय सरकार और हम सबकी सर्वोच्च प्राथमिकता में है और इसमें कोई कमी नहीं रखी जानी चाहिए।

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने शुक्रवार को जैसलमेर जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और इस दौरान अधिकारियों की बैठक लेकर इस आशय के दिशा-निर्देश दिए। केबिनेट मंत्री ने फलसूण्ड उप तहसील में क्षेत्रीय अधिकारियों की बैठक ली और इसमें पानी-बिजली, लोक स्वास्थ्य, महानरेगा सहित तमाम सम सामयिक विषयों पर समीक्षा की तथा अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान पूर्व जिलाप्रमुख अब्दुल्ला फकीर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

पेयजल प्रबन्धन तंत्र बनाएं मजबूत

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागीय अधिकारियों से कहा कि पेयजल प्रबन्धन तंत्र को सुदृढ़ बनाए रखें तथा इस समय सर्वोच्च प्राथमिकता ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने की है।

जल समस्याओं का तत्काल समाधान हो

उन्होंने कहा कि पेयजल योजनाओं की लगातार मोनिटरिंग की जाए, नियंत्रण कक्षों की व्यवस्थाओं को मजबूती दी जाए, टयूब वैल और हैण्डपंप दुरस्ती के प्रति गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाए और जहाँ कहीं से पानी को लेकर कोई शिकायत या समस्या सामने आए, उसका तत्काल समाधान किया जाए।

केबिनेट मंत्री ने जोर देकर कहा कि जहां अत्यधिक आवश्यकता हो वहाँ त्वरित निर्णय लेकर टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया जाए। लोगों और मवेशियों के लिए पानी की कहीं कोई समस्या सामने नहीं आनी चाहिए, इस बात का पूरा और पक्का ध्यान रखा जाए। इसके लिए विभागीय मशीनरी को हर स्तर पर सक्रिय रखा जाए।

शाले मोहम्मद ने बिजली समस्याओं के समाधान के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम लि. के अधिकारियों को निर्देश दिए। यह भी कहा कि जल योजनाओं के लिए बिजली उपलब्ध कराने में कहीं कोई विलम्ब नहीं किया जाए।

अधिकाधिक ग्रामीणों को दें रोजगार

केबिनेट मंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से क्षेत्र के अधिक से अधिक जरूरतमन्द  ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराकर उनकी जिन्दगी आसान बनाने पर बल दिया और कहा कि वर्तमान हालातों में लोगों को रोजगार की आवश्यकता है। इसे देखते हुए गांवों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक काम स्वीकृत कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाए। इस कार्य को प्राथमिकता से करते हुए जल्द से जल्द महानरेगा के काम स्वीकृत किए जाएं।

अवैध कनेक्शन हटाएं, हर क्षेत्र में पानी पहुंचाएं

ग्रामीणों ने पेयजल समस्याओं को जिक्र किया और ग्रामीणों तथा मवेशियों के लिए पानी की व्यवस्था पर सर्वाधिक ध्यान आकर्षित किया। इस पर मंत्री ने जलदाय अधिकारियों से इस दिशा में तत्काल प्रबन्ध सुनिश्चित करने को कहा। विभिन्न स्थानों पर ग्रामीणों ने पेयजल वितरण लाईन में अवैध कनेक्शनों की शिकायत की। इस पर केबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अवैध कनेक्शनों को हटाने की कार्यवाही की जाए ताकि ग्रामीणों को सभी क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता हो सके।

महानरेगा में जरूरतमन्दों को दें रोजगार

ग्रामीणों ने लॉक डाउन व इसके बाद के हालातों में रोजगार दिलाने का आग्रह किया। इस पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने ग्रामीण विकास विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में जल्द से जल्द व्यापक स्तर पर काम खोल कर सभी जरूरतमन्दों को रोजगार मुहैया कराया जाए।

क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान समस्याओं पर रखें निगाह

भुर्जगढ़ के भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र में जनसुनवाई करते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान ग्रामीणों व गांव की ज्वलन्त समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर रहें ताकि ग्रामीणों को अपनी समस्याओं से समय रहते राहत प्राप्त हो सके।

- अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने किसानों को मिनीकिट्स वितरण किया

 अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने शुक्रवार को सांकड़ा पंचायत समिति अन्तर्गत रातडिया ग्राम पंचायत में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में किसानों को मिनीकिट्स का वितरण किया।

उन्होंने कोविड-19 के मद्देनज़र की जा रही तमाम व्यवस्थाओं की जानकारी ली और कहा कि इस बारे में व्यापक लोक जागरुकता का संचार किया जाना जरूरी है ताकि इससे बचाव हो सके।

फोटो ग्रामीण अंचलो में बैठक लेते कैबिनेट मंत्री 
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जैसलमेर ,प्रेरणादायी बदलाव उजाड़ जमीन को गुलिस्तां में बदल दिया भुवन भारती ने ,ग्रुप फॉर पीपल बना प्रेरणास्रोत

जैसलमेर ,प्रेरणादायी बदलाव

उजाड़ जमीन को गुलिस्तां में बदल दिया भुवन भारती ने ,ग्रुप फॉर पीपल बना प्रेरणास्रोत






जैसलमेर किसी नेक काम  प्रति निस्वार्थ भावना और लगन जुड़ जाये तो उस  चार चाँद लग जाते हैं ,वर्ष 2017 में उजाड़ पड़ी गफ्फूर भट्टा वार्ड 31 वर्तमान वार्ड 10 में वाटिका को ग्रुप फ़ॉर पीपल द्वारा नीम महोत्सव के तहत इस बाटिका में पौधरोपण किया था।वक़्त पौधरोपण पूरी वाटिका गन्दगी ,और पत्थरो से भरी थी ,कार्यक्रम से पहले इसमें सफाई करवाई गयी थी ,इस कार्यक्रम में तत्कालीन जिला कलेक्टर के सी मीणा,पुलिस अधीक्षक गौरव यादव,जिला प्रमुख अंजना मेघवाल ने नीम का पौधरोपण किया था।।तब इस वार्ड के सेवा भावी नागरिक भुवन भारती ने ग्रुप फॉर पीपल की प्रेरणा  से इस पोधारोपण के देखरेख की जिम्मेदारी उठाई थी।भवन भारती को इस वाटिका को निखारने की ऐसी लगन लगी की प्रतिदिन सुबह तीन घंटे वाटिका में सफाई ,प्रतिदिन पौधे लगाना ,घास लगाना ,पोधो को पानी देना ,पोधो की गुड़ाई करना अपनी आदत में शुमार कर लिया ,देखते देखते उजाड़ वाटिका उद्यान में बदलने लगी ,कच्ची बस्ती में इस तरह के सार्वजनिक बगीचे की कल्पना करना बेमानी हैं ,मगर भुवनभारती की निष्ठा ,लग्न और मेहनत का नतीजा है कि चार साल में उजाड़ वाटिका फूलों की बहार में तब्दील हो गई।भुवन भारती ने मेहनत कर प्रतिदिन पौधों को सींचा,घास लगाई,फल और फूलों के पौधे अपने खर्च से लगा कर आज इसे सुंदर सा रूप दिया है।।ग्रुप फ़ॉर पीपल की प्रेरणा से उजाड़ वाटिका जिसमे गंदगी भरी थी आज स्वर्ग से सुंदर बगीचा तैयार हो गया।आज पूरी बस्ती के लोग घूमने आते  घड़ी का शकुन पाने ,बेहद सुंदर पौधे और फुलवारी बच्चो को खूब लुभा रही  हैं वर्तमान में जेसलमेर शहर की सबसे सुंदर फुलवारी से भरी वाटिका है।।आज मोहल्ले वालों ने ग्रुप फ़ॉर पीपल का आभार व्यक्त किया।।संयोजक चन्दन सिंह भाटी,अध्यक्ष मुकेश गज्जा,तत्कालीन पार्षद पर्वत सिंह भाटी,भीख भारती ने  भुवन भारती की मेहनत और लगन को अलौकिक बताते हुए सराहना की।।

फोटो उजाड़ से उजास गुलिस्तां बनी वाटिका
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