गुरुवार, 29 सितंबर 2011

साढ़े तीन घंटे झूलता रहा शव

साढ़े तीन घंटे झूलता रहा शव

सरूपगंज। समीपवर्ती केर गांव में शट डाउन लेकर खंभे पर चढ़े बिजली विभाग के कर्मचारी की करंट लगने से खंभे पर ही दर्दनाक मौत हो गई। ट्रांसफार्मर ठीक करने के दौरान एक कर्मचारी ने अचानक बिजली की लाइन चालू कर देने से यह हादसा हुआ। आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके पर पहंुची पुलिस व विभाग के लोगों को शव खंभे से नीचे नहीं उतारने दिया।

इस पर जिला कलक्टर के निर्देशानुसार सरूपगंज डिस्कॉम कार्यालय के कार्यवाहक सहायक अभियंता व लाइन चालू करने वाले कर्मचारी को निलम्बित करने पर ही शव को नीचे उतारा जा सका। इस दरम्यान करीब साढे तीन घंटे तक कर्मचारी का शव खंभे पर ही झूलता रहा।

जोधपुर विद्युत वितरण निगम के सरूपगंज उपखंड कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी माकरोड़ा (सिरोही) निवासी भूबाराम(55) पुत्र जोराराम मीणा बुधवार सुबह लगभग साढ़े दस बजे केर गांव के अमृतलाल रावल के कृषि कुएं पर लगे ट्रांसफार्मर को ठीक करने के लिए खंभे पर चढ़ा था। इस कार्य के लिए भूबाराम ने सरूपगंज कंट्रोल रूम से शट डाउन भी ले रखा था। इस दौरान अचानक लाइन शुरू हो जाने से भूबाराम को तेज करंट का झटका लगा और खंभे पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहंुचे। मौके पर पहंुची पुलिस व विभाग के लोगों को ग्रामीणों ने शव को खंभे से नीचे नहीं उतारने दिया। दोषी लोगों के विरूद्ध कार्रवाई पर अड़ गए। मौके पर पहंुचे पिण्डवाड़ा तहसीलदार राजेन्द्रसिंह चांदावत ने जिला कलक्टर को ग्रामीणों की मांग के बारे में अवगत कराया।

इस पर जिला कलक्टर के निर्देशानुसार सरूपगंज कार्यालय के कार्यवाहक सहायक अभियंता हेमेन्द्रसिंह बारहठ को एपीओ व कंट्रोल रूम कर्मचरी निम्बाराम को निलम्बित कर दिया। करीब साढ़े तीन घंटे बाद शव को नीचे उतार कर सरूपगंज अस्पताल ले जाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद उनके पैतृक गांव माकरोड़ा ले जाया गया।

बाड़मेर न्यूज़ बॉक्स .........आज की तजा खबरे ...crime news




डिस्कॉम का स्टोर कीपर निलंबित

स्टॉक में अनियमितता पाए जाने पर हुई कार्रवाई

बाड़मेर डिस्कॉम के स्टॉक में अनियमितता के एक मामले में तत्कालीन स्टोर कीपर को सस्पेंड किया गया है। निगम की लाखों रुपए की सामग्री के गबन को लेकर चल रही जांच के दौरान यह कार्रवाई की गई है। डिस्कॉम सूत्रों के मुताबिक जोधपुर डिस्कॉम के बाड़मेर ग्रामीण उपखंड में कुछ समय पूर्व फीडर रिनोवेशन प्रोग्राम कार्यक्रम के तहत एल एंड टी कंपनी को काम का टेंडर दिया गया। कंपनी ने काम पूरा कर सामग्री वापस स्टोर में जमा करा दी। लेकिन गत वर्ष ऑडिट में सामग्री स्टोर में नहीं मिली। जिस पर ऑडिट टीम ने पैरा बनाकर एईएन से जवाब-तलब किया। जिसके बाद गबन का मामला सामने आया। मामले की जांच के दौरान मंगलवार को अधिशाषी अभियंता बाड़मेर की ओर से तत्कालीन स्टोर कीपर किशोर दवे को सस्पेंड किया गया है।


टैंकर की चपेट में आने से युवक की मौत

धोरीमन्नात्न धोरीमन्ना बस स्टैंड के निकट चौराहा पर खड़े युवक को मंगलवार रात दस बजे टैंकर ने कुचल दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार नवातला निवासी गजेंद्र पुत्र जाला राम जाट ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका चचेरा भाई गोपाल पुत्र भंवराराम जाट धोरीमन्ना बस स्टैंड से सब्जी लेकर वापस लौट रहा था। उस दौरान तेज गति से आ रहे टैंकर ने युवक को कुचल दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गोपाल का प्राथमिक उपचार कराया।बाद में उसे गंभीर अवस्था में सांचौर ले जाया जा रहा था कि बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने टैंकर जब्त कर लिया है।

चोरी की बोलेरो बरामद, एक गिरफ्तार

धोरीमन्ना पुलिस ने धोरीमन्ना कस्बे से चोरी की बोलेरो के साथ एक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार बोलेरो की आगे की नंबर प्लेट खोली हुई व पीछे के नंबर प्लेट पर नंबर मिटाए हुए थे। चालक कस्बे में बोलेरो की नंबर प्लेट लगवा रहा था। इसी बीच मिली सूचना पर पुलिस वहां पहुंच चालक लकड़ासर निवासी चुना को गिरफ्तार कर लिया। बोलेरो में जैसलमेर की एक आरसी मिली है।


बोलेरो पलटी चालक सहित दो घायल

बाड़मेर बाड़मेर से धोरीमन्ना की ओर जा रही एक बोलेरो पलटने से चालक सहित दो जने घायल हो गए। सनावड़ा निवासी प्रहलादराम ने बताया कि बुधवार सुबह पांच बजे सनावड़ा श्मशान घाट के निकट तेज गति से जा रही एक बोलेरो पलट गई। इसकी सूचना उन्होंने 108 एंबुलेंस को दी मगर एंबुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने पर सनावड़ा निवासी चिमाराम जाखड़ ने घायलों को अपनी जीप में लेकर बाड़मेर अस्पताल के लिए रवाना हुए। इसी बीच कुछ दूरी पर ही 108 एंबुलेंस के सामने आने के बाद घायलों को एंबुलेंस से बाड़मेर ले जाया गया जहां से चालक सलीम पुत्र कासिम खां व सदराम तेली को फै्रक्चर होने पर बाड़मेर से डीसा रेफर कर दिया गया।

मारपीट में एक घायल

धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के लुखू गांव में एवड़ को घर ले जाते समय रास्ते में एक जने ने उस पर लाठियों से हमला कर घायल कर दिया। लुखू निवासी भैराराम पुत्र गोरधन राम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि वह अपने एवड को धोरों से घर ले जा रहा था। इस बीच रास्ते में आदर्श लुखू निवासी भैराराम पुत्र लुंबाराम ने उस पर लाठियों से हमला कर दिया जिससे वह घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया तथा हमलावर को गिरफ्तार कर लिया।मामले की जांच शुरू कर दी है।


टांके में गिरने से महिला की मौत

हीरा की ढाणी ग्राम पंचायत खोखसर पश्चिम में बुधवार को एक विवाहिता की टांके में गिरने से मौत हो गई। गिड़ा थाना के हैड कांस्टेबल मगाराम ने बताया कि पप्पूराम जाट ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी रुखमों देवी (30) सुबह घर के निकट बने टांके में पानी भरने गई थी। पैर फिसल जाने से टांके में डूब गई जिससे उसकी मौत हो गई। शव को बाहर निकाल पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया।

पुलिस ने मर्ग दर्जकर जांच शुरू कर दी है।


ट्रक की टक्कर से चार घायल

बाड़मेर नेशनल हाइवे 15 पर शाम साढ़े छह बजे ट्रक की चपेट में आने से चार जने घायल हो गए। जानकारी के अनुसार तिलक नगर बाड़मेर से स्कूटी पर बालोतरा जा रही कुनणी चौधरी (24) पत्नी शेराराम चौधरी, अनीता चौधरी (21) पत्नी भंवर, बाबूलाल (19) पुत्र दलाराम एवं हर्ष (2) पुत्र भंवर को बीएसएफ गेट के पास में पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। जिससे वह घायल हो गए। घायलों को एंबुलेंस ने राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इनका उपचार किया जा रहा है।

टांके लगाते समय चली गई लाइट: जब डॉक्टर मरीजों को टांके दे रहे थे इसी बीच लाइट चली गई। लाइट का प्रबंध न होने के कारण डॉक्टर को टॉर्च की रोशनी में टांके लगाने पड़े। दस मिनट के बाद लाइट आई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब टांके लगाते समय लाइट गई हो।

तनोट मेला शुरू, भक्तों ने दी आहुतियां

तनोट मेला शुरू, भक्तों ने दी आहुतियां

रामगढ़. सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित शक्तिपीठ मातेश्वरी तनोटराय मंदिर में घट कलश स्थापना के साथ ही नौ दिवसीय मेला शुरु हो गया। थार की वैष्णोदेवी के नाम से विख्यात माता तनोट मंदिर में शारदीय नवरात्रा के मौके पर घट स्थापना पर हुए हवन में 62वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के समादेष्टा कुलवंत शर्मा ने सपत्नीक आहुतियां दी। हवन में अन्य अधीनस्थ अधिकारियों, जवानों व श्रद्धालुओं ने भी आहुतियां दी। हवन के पश्चात दोपहर में हुई आरती में दूर दराज से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु शरीक हुए। आरती के दौरान मंदिर परिसर खचाखच भर गया। इसके पश्चात माता के भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण की। इस बार 62वीं वाहिनी के तत्वाधान में मेले का संचालन किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल के जवान भक्ति भाव से श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हुए हैं। माता तनोट के प्रति बढ़ती आस्था इस बात का प्रमाण है कि दूर दराज से सैकड़ों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर माता के दरबार में पहुंच रहे हैं। मेले के मद्देनजर दुकानें सज गई है। सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से तनोट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ पुलिस कर्मी तैनात हैं। घटियाली माता मंदिर में घट कलश स्थापना के साथ हवन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तथा आरती में शरीक हुए। इसके अलावा रामगढ़ में स्थित कालेडंूगरॉय मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

भरतपुर कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, निलम्बित

भरतपुर कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, निलम्बित

जयपुर। भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में हुई हिंसा को लेकर तत्कालीन कलक्टर कृष्ण कुणाल, पुलिस अधीक्षक हिंगलाज दान व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश मेघवाल को बुधवार देर रात निलम्बित कर दिया गया। साथ ही भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुनील दत्त को एपीओ कर दिया गया। गोपालगढ़ हिंसा के चलते कुणाल व हिंगलाज दान 16 सितम्बर से एपीओ चल रहे थे।

एपीओ हुए आईजी सुनील दत्त का काम उप महानिरीक्षक आनन्द श्रीवास्तव को देखने को कहा गया है। इधर, सरवाड़ में धार्मिक ग्रन्थ से छेडछाड़ के मामले की जांच सीआईडी सीबी अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा को सौंपी गई है। इनके अलावा अजमेर पुलिस अधीक्षक विपिन पांडे का चित्तौड़गढ़ तबादला कर दिया गया है। जोधपुर पुलिस उपायुक्त राजेश मीणा को अजमेर एसपी लगाया गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार आधी रात हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक में पिछले दिनों साम्प्रदायिक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों तथा त्योहारी सीजन में सुरक्षा बंदोबस्त पर भी चर्चा की गई। मालूम हो, गोपालगढ़ कस्बे में 14 सितम्बर को तालाब भूमि को लेकर दो समुदाय आपस में भिड़ गए थे। पथराव, आगजनी व गोलीबारी तथा पुलिस फायरिंग में 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस प्रकरण की न्यायिक व सीबीआई जांच कराई जा रही है।

श्री घंटियाली राय मन्दिर जैसलमेर ...जय माता दी. या देवी सर्वभूतेषु माँ शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तयै नमस्तयै



श्री घंटियाली राय मन्दिर जैसलमेर 
जैसलमेर की परमुख देवी स्थान घंटियाली माँ तणोट माता के दर्शन से पहले घंटियाली माँ के दर्शन जरूरी हें .इनके दर्शन के बिना तणोट माता के दर्शन सफल नहीं होते .यह .स्थान तनोट मन्दिर से बी. एस. ऍफ़. मुख्यालय से आते समय १० की. मी प्रूव की और इसी रोड पर हें ! जब मातेश्वरी तणोट से पधार रही थी तब इस स्थान के धोरों मे भयंकर वन मानुस असुर रहता था ! उसके गले मे बड़ी भयंकर मवाद भरी प्राकुतिक गाठ थी उकत असुर इतना भयंकर था की जब वह चलता तो उसके शरीर से गाठ टकराने पर बड़ी भरी आवाज निकलती थी वह भोजन की तलास मे प्रत्येक प्राणियो के साथ साथ मनुष्यों को भी खा जाता था ! वहा की प्रजा इसके आतंक से दुखी थी ! प्रत्येक ग्रामो मे रात्रि को पहरा बैठाया जाता था ज्यादा मनुष्य देखकर वह भाग जाता था ! उसे जो भी अकेला मिलता उसे खा जाता था ! ऐसे भयंकर देत्य को मैया ने उसकी घंटिया पकड़ कर मार गिराया व वहा के निवासियों ने उसे रेत मे गाड दिया व पास मे मातेश्वरी का मन्दिर बना दिया ! उस घंटिवाले असुर को मारने से घंटियाली राय नाम से प्रशिद्ध हुवा !!!!बहूत सुंदर ओउर रमणीक स्थान पर घंटियाली माता का मंदिर है .आसपास रेट के बड़े बड़े धोरे होने से इस मंदिर का प्राक्रतिक सुन्दरता को चार चाँद लग गए हें .
घंट भज्यो घंटियालरो , राकस मेटी राड़, पाट बैठी परमेश्वरी , खुशी भई खडाल !!

बुधवार, 28 सितंबर 2011

हॉस्टल में आत्महत्या के पीछे लैस्बियन संबंध : पांच लड़कियां गिरफ्तार

राजकोट। शहर के जी.टी गर्ल्स हाईस्कूल कैंपस में स्थित हॉस्टल में रहने वाली धारा मकवाणा की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने पांच लड़कियों को गिरफ्तार किया है। छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा था कि हॉस्टल की लड़कियां उसे 'गे' कहकर चिढ़ाया करती थीं और उसे बदनाम कर दिया था।


जी.टी. गर्ल्स हाईस्कूल में पढऩे वाली धारा मकवाणा ने गत सोमवार हॉस्टल के रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। धारा ने सुसाइड नोट में लिखा था कि हॉस्टल की अन्य लड़कियां उसे बदनाम कर रही हैं। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने 5 छात्राओं - भाविका दिनेशभाई (15), काजल लालजीभाई (15), पायल महिपतभाई (15), वैशाली रणछोडभाई (17) और पूजा जीतेंद्रभाई (15) को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।


हालांकि आरोपी छात्राओं का कहना है कि खुद धारा, आयुषी (छात्रा) से शारीरिक छेड़छाड़ किया करती थी। इसी बात को लेकर इनका धारा से विवाद भी हुआ था। जबकि धारा ने अपने सुसाइड नोट पर लिखा है कि पांचो लड़कियां उसे यह कहकर बदनाम कर रही थीं कि उसके आयुषी से शारीरिक संबंध हैं।


फिलहाल पुलिस छात्राओं से पूछताछ कर रही है। जबकि इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है। प्रबंधन का कहना है कि लड़कियों के बीच क्या मामला चल रहा था, इस बारे में उसे कुछ पता नहीं।

बिजली कटौती से आक्रोशित ग्रामीणों ने जेईएन को बनाया बंधक



हनुमानगढ़. बिजली कटौती से आक्रोशित गांव मक्कासर के लोगों ने बुधवार को जेईएन तथा दो अन्य तकनीकी कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव में बने जीएसएस के गेट पर ताला लगा दिया। सूचना पाकर जोधपुर डिस्कॉम के एक्सईएन एलएस मान व एईएन ओपी कासनियां ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से समझाईश की।


अघोषित कटौती बंद कर बिजली व्यवस्था सुचारू करने की मांग पर सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने बंधक बनाए गए अधिकारियों तथा कर्मचारियों को छोड़ा। इस दौरान बुधवार को गांव को में घोषित कटौती भी नहीं की गई। इससे पूर्व आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।



जीएसएस गेट के सामने हुई सभा को संबोधित करते हुए माकपा नेता बलराम मक्कासर ने कहा कि सरकार अपने वादे से बार-बार मुकर रही है। पांच घंटे की घोषित कटौती के बाद भी करीब 10 घंटे की कटौती करने से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो रहा है। जिला परिषद सदस्य जयपाल भाटी ने कहा कि अघोषित कटौती का क्रम नहीं रुका तो ग्रामीण चक्काजाम करेंगे। किसान नेता गुरलाल सिंह, सतपाल, हंसराज व श्योपतराम ने भी सभा को संबोधित किया।

रेप केस में नौकर गिरफ्तार

सैनिक फार्म की एक कोठी से रेप के इल्जाम में नौकर को गिरफ्तार किया गया है। केस दर्ज कराने वाली महिला मुलजिम की पुरानी जानकार है।

उड़ीसा के संभलपुर जिले की रहने वाली 26 साल की महिला की जान-पहचान कोठी के नौकर अविनाश ओरम कुजुर (31) से थी। अविनाश शादीशुदा था, लेकिन महिला का आरोप है कि उसने खुद को अविवाहित बताकर 13 मई 2005 को उससे उड़ीसा में मंदिर में शादी कर ली। उसके बाद वह कई बार सैनिक फार्म में की कोठी में नौकरों के बैरक में आई। दोनों मुंबई भी गए। इन दिनों वह वसंत विहार में किसी की कोठी में नौकरी करती है। कुछ दिनों पहले उसे जानकारी मिली कि अविनाश पहले से भी शादीशुदा है। उसने कोर्ट में कंप्लेंट दायर की। कोर्ट ने नेब सराय पुलिस को तहकीकात का आदेश दिया। महिला ने पुलिस के सामने अपना वोटर कार्ड पेश किया, जिसमें उसका पता सैनिक फार्म के 'एन' ब्लॉक की उसी कोठी का लिखा है, जिसमें अविनाश नौकरी करता है। इसके बाद पुलिस ने सोमवार को अविनाश को गिरफ्तार कर लिया।

जहां मिलता था न्याय, वहां के पहरेदार ने ही कर दिया बलात्कार!

रांची। कांके के तत्कालीन थानेदार हर नारायण साह पर थाने में एक महिला के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। महिला का आरोप है कि जब वह ठगी और यौन शोषण के एक मामले में इंसाफ की गुहार लगाने थाने गई थी, तभी उसके साथ थानेदार ने ज्यादती की। सदर डीएसपी बर्नवास तिर्की ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल थानेदार एक अन्य मामले में सस्पेंड हैं। वे बेटी के इलाज के लिए वेल्लोर गए हैं।


क्या है मामला : कांके थाना क्षेत्र की पतराटोली बस्ती निवासी सीमा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि प्रमोद कुमार सिंह ने तीन लाख रुपए ठगने के साथ उसका यौन शोषण भी किया। उसने 19 अगस्त को प्रमोद के खिलाफ कांके थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। वह इंसाफ की गुहार लगाने बार-बार थाने जाती थी, लेकिन उसे टरका दिया गया। उसका आरोप है कि थानेदार उसे गलत नजरों से देखते थे। एक दिन मौका पाकर थानेदार ने थाने में ही उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। फरियाद लेकर जब वह महिला थाने गई तो थानेदार वहीं बैठे थे।


थानेदार बोला, सब झूठ


निलंबित थानेदार का कहना है कि महिला का चरित्र ठीक नहीं है। वह झूठे आरोप लगा रही है। उसने प्रमोद कुमार सिंह के खिलाफ भी यौन शोषण की झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई है। महिला बार-बार उनसे तीन लाख रुपए की मांग कर रही थी। इस रकम की भरपाई उसने प्रमोद से करने के लिए कहा था। वह प्रमोद के पिता को भी जेल भेजने के लिए दबाव डाल रही थी। जबकि उनका इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है। प्रमोद के खिलाफ जांच शुरू हुई तो महिला का चरित्र उजागर हो गया। मामले की जांच हो रही है, जिसमें सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा।


हरनारायण शाह पर दुष्कर्म का आरोप लगा है। जांच चल रही है। फिलहाल थानेदार सस्पेंड हैं और आउट ऑफ स्टेशन हैं। जांच के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
बर्नवास तिर्की, सदर डीएसपी, रांची

सानिया ने खोले अपने लव लाइफ के कई राज



लाखों दिलों पर राज करने वाली भारतीय टेनिस परी सानिया मिर्जा अपने पर्सनल लाइफ के बारे में बहुत कम ही बात करती हैं लेकिन पिछले दिनों पहली बार पाकिस्तानी चैनल के कार्यक्रम में अपने जीवन और शादी से लेकर कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की।


उन्हों्ने कहा कि उनके शौहर शोएब मलिक को बेहद रोमांटिक हैं, वे मेरी मन की बात कहने से पहले ही समझ जाते हैं और मेरी सारी इच्छाएं पूरी कर देते हैं।


उन्होंीने आगे कहा कि शोएब की इसी अदा के कारण उनसे शादी करने का फैसला कर ली थीं। उन दोनों ने पहले एक-दूसरे को पसंद करना शुरू किया था और फिर उनके परिवार ने मिलकर दोनों का निकाह तय किया।


उन्होंने कहा कि हमारे निकाह के बाद यह एक मुश्किल समय था। हम दोनों को ही काफी यात्राएं करनी पडती थीं। लेकिन हम एक-दूसरे के नजदीक रहे और बराबर संपर्क में रहते थे।
हमदोनों अपने मैरेड लाइफ से बहुत खुश हैं। जहां तक मेरी बात है मैं पूरी तरह संतुष्ट और खुश हूं। मैं चाहती हूं कि हमारी शादी दोनों देशों के रिश्तों में सुधार लाने का काम करे क्योंकि दोनों देशों के लोगों में बहुत समानता है।

अगवा भंवरी को भेजा नोटिस

अगवा भंवरी को भेजा नोटिस

जयपुर। राजस्थान सरकार ने अपह्रत एएनएम भंवरी देवी को नोटिस भेजा है। भंवरी देवी को यह नोटिस बिना बताए नौकरी पर नहीं आने को लेकर भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि भंवरी देवी बिना सूचना के 25 अगस्त से नौकरी पर नहीं आ रही है। अगर वह जल्द ही नौकरी पर नहीं लौटी तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। भंवरी देवी के पति अमरचंद ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

नोटिस बिलाड़ा ब्लॉक के मेडिकल अधिकारी ने जारी किया है। अमरचंद के मुताबिक विभाग से मिले नोटिस में कहा गया है कि अगर भंवरी देवी काम पर नहीं लौटी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अमरचंद के मुताबिक उसने अपनी पत्नी के अपहरण की रिपोर्ट लिखवा रखी है बावजूद इसके नोटिस जारी कर दिया गया। यह नोटिस कोर्ट में मामले पर सुनवाई के पहले जारी किया गया था। 1 सितंबर से लापता भंवरी देवी के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। 25 से 31 जुलाई के बीच वह बोरूंदा में देखी गई थी। 

भारत रत्न लता मंगेशकर......स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को संगीत की देवी और प्रेरणा करार देते हुए उनके 82वें जन्मदिन पर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना । ...





भारत रत्न लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर), . भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालांकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एकपार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है।

लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है।

लता का जन्म गोमान्तक मराठा समाज परिवार में हुआ मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंषले सभी ने संगीतको ही अपनी आजीविका के लिये चुना।

हालांकि लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र में हुई। जब लता सात साल की थीं तब वो महाराष्ट्र आईं। लता ने पाँच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय करना शुरु कर दिया था।




लता बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं। बचपन में कुंदनलाल सहगल की एक फ़िल्म चंडीदास देखकर उन्होने कहा थी कि वो बड़ी होकर सहगल से शादी करेगी। पहली बार लता ने वसंग जोगलेकर द्वारा निर्देशित एक फ़िल्म कीर्ती हसाल के लिये गाया। उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फ़िल्मों के लिये गाये इसलिये इस गाने को फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उसकी प्रतिभा से वसंत जोगलेकर काफी प्रभावित हुये। पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की वज़ह से पैसों के लिये उन्हें कुछहिन्दी और मराठी फ़िल्मों में काम करना पड़ा। अभिनेत्री के रुप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा(1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी. बड़ी माँ, में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया और उसके छोटी बहन की भूमिका निभाई आशा भोंषलेने. उसने खुद की भूमिका के लिये गाने भी गाये और आशा के लिये पार्श्वगायन किया.

1945में उस्ताद ग़ुलाम हैदर (जिन्होंने पहलेनूरजहाँ की खोज की थी) अपनी आनेवाली फ़िल्म के लिये लता को एक निर्माता के स्टूडियो ले गये जिसमे कामिनी कौशलमुख्य भूमिका निभा रही थी. वे चाहते थे कि लता उस फ़िल्म के लिये पार्श्वगायन करे।. लेकिन गुलाम हैदर को निराशा हाथ लगी। 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया. इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गानों "अंग्रेजी छोरा चला गया" और "दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने" जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की।. हालांकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।

1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म "महल" के "आयेगा आनेवाला" गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
लता मंगेशकर को मिले पुरस्कार
फिल्म फेर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 and 1994)
राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 and 1990)
महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 and 1967)
1969 - पद्म भूषण
1974 - दुनिया मे सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
1989 - दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1993 - फिल्म फेर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1997 - राजीव गान्धी पुरस्कार
1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
1999 - पद्म विभूषण
1999 - ज़ी सिने का का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2000 - आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 - स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न"
2001 - नूरजहाँ पुरस्कार
2001 - महाराष्ट्र भुषण
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इन्दोर में हुआ था. पिता दिनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक थे.
उन्होने अपना पहला गाना मराठी फिल्म 'किती हसाल' (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था.
लता मंगेशकर को सबसे बडा ब्रेक फिल्म महल से मिला. उनका गाया "आयेगा आने वाला" सुपर डुपर हिट था.
लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं मे 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं.
लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फ़िल्मो मे गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी.
लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं.
लता मंगेशकर ने आनंद गान बैनर तले फ़िल्मो का निर्माण भी किया है और संगीत भी दिया है.
वे हमेशा नंगे पाँव गाना गाती हैं.

19 बच्चों के साथ नए दंपती ने घर बसाया

राजनगर।। प्यार की कोई उम्र नहीं होती। कब कहां किससे प्यार हो जाए, यह पता ही नहीं चलता। मसूरी में रहने वाली 9 बच्चों की मां और 10 बच्चों के पिता की कहानी प्यार की इस परिभाषा को चरितार्थ करती है। महिला विधवा है और पुरुष की भी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं है। पड़ोस में रहने वाले इस जोड़े की करीब एक साल पहले आंखें चार हुईं थीं और इसी साल जनवरी में उन्होंने निकाह कर लिया। महिला के भाई ने बहला-फुसलाकर उसे पति से अलग करा दिया। लेकिन पति के कोर्ट में याचिका दायर करने पर समझौता हुआ और दोनों ने अपने 19 बच्चों के साथ नया घर बसाया।

मसूरी में रहने वाली रहीसा (काल्पनिक नाम) के 9 बच्चे हैं। वह करीब डेढ़ साल पहले 38 वर्ष की उम्र में विधवा हो गई थी। पड़ोस में रहने वाले 42 वर्षीय शमशाद (काल्पनिक नाम) के 10 बच्चें है। कुछ वर्ष पहले उसकी पत्नी की भी मृत्यु हो गई थी। रहीसा और शमशाद में इस बीच इश्क हो गया। इश्क परवान चढ़ा और दोनों ने एक जनवरी 2011 को मुस्मिल रीति-रिवाज से काजी के समक्ष निकाह कर लिया। इसके बाद निकाह को नोटेरी द्वारा सत्यापित भी करा लिया था। इसके बाद दोनों दांपत्य जीवन खुशी-खुशी बीताने लगे। इसी बीच रहीसा के भाई उसके घर आए और उन्होंने रहीसा को शमशाद के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। दोनों में झगड़ा हुआ और इसके बाद रहीसा को उसके भाई अपने साथ ले गए।

शमशाद पत्नी के जाने के बाद दुखी रहने लगा। उसने कोर्ट में रहीसा को लाने के लिए याचिका दायर की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे तलब किया। कोर्ट के समक्ष दोनों की बातचीत हुई। रहीसा शमशाद के साथ जाने के लिए राजी हो गई। दोनों ने कोर्ट में एक साथ रहने का राजीनामा दाखिल कर दिया। उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे के बच्चों को माता-पिता का पूरा प्यार देंगे। इतना ही नहीं 19 बच्चों को एक साथ रखेंगे। कोर्ट ने रहीसा और शमशाद के राजीनामे को स्वीकार कर लिया और वे फिर से अपने बच्चों के साथ रहने लगे।

महिला चला रही थी कार, कोर्ट ने किया 'वार', भुगतो 10 कोड़े की सजा

दो दिन पहले सऊदी किंग अब्दुल्लाह ने महिलाओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला किया था। जिसके तहत 2015 के चुनावों में उन्हें मताधिकार का हक हासिल होगा। लेकिन सऊदी अरब में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभावपरक व्यवहार पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
सऊदी अरब में दो महिलाओं को महिलाओं से जुड़े ड्राइविंग कानून तोड़ने के आरोप में एक कोर्ट ने सजा सुनाई है। और तो और कबीलाई कानूनों जैसे दंड देते हुए एक महिला को 10 कोड़े की सजा भी सुनाई गई है।

महिला का नाम शाइमा घसनेया पता चला है। आरोप है कि जुलाई में जेद्दा में कार चलाते पकड़े गई थी।
महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार देने के लिए अभियान चलाने वाले संगठन वुमेन टू ड्राइव ने बताया कि महिला ने सजा के खिलाफ अपील दायर करने की योजना है।

तोपखाना स्थापना दिवस : 28 सितम्बर 2011

तोपखाना स्थापना दिवस : 28 सितम्बर 2011 

19वीं सदी व उससे पूर्व से ही रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी का इतिहास गौरवमयी रहा है। रेजिमेंट ऑफ इण्डियन आर्टिलरी की नींव 28 सितम्बर 1827 को बॉम्बे फुट आर्टिलरी की 5 बॉम्बे माउणेन बैट्री को रखी गयी। तब से भारतीय तोपखाने ने देश एवं विदेश के विभिन्न ऑपरेशन व युद्धों में अदम्य साहस एवं कार्यकुशलता का परिचय दिया। जहाँ भी भारतीय तोपची गए, चाहे वह उत्तरपश्चिमी फ्रंटियर, सामान्य सेवाऐं, विश्व युद्ध प्रथम व अन्य युद्धों में इन्होंने ॔॔फायर पावर एवं प्रोफेशनलिज़्म’’ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। इंडियन आर्टिलरी भारतीय सेना की एक प्रमुख शक्ति की तरह उभरी और जो आने वाले वर्षों में युद्ध के लिये निर्णायक सिद्ध हुई। 



रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी शीघ्र ही प्रसिद्धि के पथ पर अग्रसर हुई, चाहे वह लीबिया के रेगिस्तान हो या रूमेल की पेंजर सेना के विरूद्ध लड़ाईया बिंदु 171 नजदीक बीर हकीम। रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने जापानी सेना के विरूद्ध मिकटिला युद्ध सम्मान एवं विक्टोरिया क्रॉस सम्मान हासिल किया। 

भारत की आजादी एवं कश्मीर में 194849 के ऑपरेशन में रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता। कमियों के बावजूद रेजिमेन्ट ने सम्मान एवं प्रसिद्धि को हासिल किया। युद्ध क्षेत्र में जीत की परम्परा रेजिमेन्ट की मानसिकता में शामिल है। 1965 के भारतपाकिस्तान युद्ध में एक बार फिर ॔॔भारतीय तोपखाने’’ ने युद्ध में जीत का मुख्य कारक बनकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से पश्चिम सेक्टर तक एवं 1999 की गर्मियों में ऑपरेशन विजय के रूप में कारगिल विवाद में शिरकत की। इन तीन महत्वपूर्ण ऑपरेशन के अलावा रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूर एवं जम्मू कश्मीर एवं उत्तर पूर्व राज्यों में कारण्टर इन्सरजेन्सी ऑपरेशन में सकि्रय रूप से भाग लिया। 


रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने ॔॔ऑपरेशन तत्परता’’ को जिस कड़ी मेहनत, कार्यकुशलता एवं समर्पण से हासिल किया है, इसमें सभी गनर्स का महत्वपूर्ण योगदान है, जो आगे भी रेजिमेन्ट का प्रत्येक क्षेत्र में सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है। 

जयपुर एवं जोधपुर मिलिट्री स्टेशनों में 28 सितम्बर 2011 को भारतीय सेना की रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने 184वां स्थापना दिवस मनाया। दोनों स्थानों पर सभी आर्टिलरी जवानों के लिए बड़ाखाना का आयोजन किया गया। 

भारत-पाक सीमा पर अक्टूबर से दिसंबर तक विशाल युद्धा यास




बाड़मेर भारतीय सेना भारत-पाक सीमा पर अक्टूबर से दिसंबर तक विशाल युद्धा यास करेगी। राजस्थान के बाड़मेर में होनेवाली इस खास युद्ध अभ्यास में 40 हजार से ज्यादा सैनिक भाग लेंगे। इसके अलावा 250 युद्ध टैंक, सेना के हेलिकॉप्टर और आर्टिलरी गन भी इसमें शामिल होंगी।
सेना की भोपाल स्थित कोर के 40 हजार से ज्यादा सैनिक इसमें भाग लेने रवाना हो चुके हैं।
रेगिस्तान में युद्ध अभ्यास के दौरान वायुसेना भी शामिल होगी। नवंबर माह में पोखरण में वायुसेना के लड़ाकू विमान फायरिंग का अभ्यास करेंगे। भारतीय अर्जुन टैंक इसमें खास तौर पर शामिल होगा। इस युद्ध अभ्यास को पूरी तरह गोपनीय रखा गया है,सेना मुख्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस युद्ध अभ्यास के दौरान रक्षामंत्री ए.के.एंटोनी और सेना प्रमुख जनरल वी.के.सिंह भी बाड़मेर जाएंगे। अभ्यास की तैयारी के लिए सेना प्रमुख पिछले महीने भोपाल और इस महीने जयपुर में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। तीन महीने चलनेवाले इस युद्ध अभ्यास में सेना की स्ट्राइक कोर भाग ले रही है। स्ट्राइक कोर को दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर लड़ाई करने के लिए खास प्रशिक्षिण दिया जाता है। बाड़मेर में सीमा से सटकर दुश्मन के इलाके की स्थिति भांपकर युद्ध अभ्यास किया जाएगा। खास बात यह भी है कि 2001 में ऑपरेशन पराक्रम के बाद से सेना जरुरत पड़ने पर सीमा पर सैनिकों की कम समय में तैनाती पर ज्यादा जोर दे रही है। जिसके चलते 40 हजार सैनिकों का मूवमेंट सेना के लिए खास अभ्यास है। इस युद्ध अभ्यास का प्रमुख मकसद सैनिकों को सर्दियों के दौरान लड़ाई के लिए तैयार करना है। इससे पहले मई के पहले सप्ताह में राजस्थान के सूरतगढ़ में सेना ने विजयी भव: कोड नेम से युद्ध अभ्यास किया था। इसमें अंबाला स्थित कोर के सैनिकों ने भाग लिया था।

सीईओ पर पड़ा 'घूस' का घूसा, चले गए सलाखों के पीछे!

सीकर.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व सीनियर आरएएस बुधराम मीणा को रिश्वत में वाटर प्यूरीफायर (आरओ) लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

उन्होंने इसकी मांग सर्व शिक्षा अभियान के एईएन राजेंद्र सिंह से उनके कार्यो का सत्यापन करने की एवज में की थी। सीईओ के पास पिछले दो दिन से कलेक्टर का अतिरिक्त कार्यभार भी है। मीणा को करीब दो माह पहले ही जयपुर से तबादला कर यहां सीईओ लगाया गया था।

एसीबी ने शहर में फतेहपुर रोड स्थित सीईओ के सरकारी आवास पर यह कार्रवाई मंगलवार सुबह आठ बजे की। सीईओ को फिलहाल सदर थाने में रखा गया है। उन्हें बुधवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

एसीबी सूत्रों के अनुसार सीईओ के जयपुर में दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन के पास शांति नगर स्थित आवास पर भी तलाशी ली गई। कार्रवाई की जानकारी पंचायतीराज विभाग को दे दी गई है।

एसीबी के एएसपी डॉ. मूलसिंह राणा ने बताया कि मानसरोवर (जयपुर) निवासी सहायक अभियंता राजेंद्र सिंह ने 22 सितंबर को परिवाद पेश किया कि सीईओ बुधराम ने उन्हें ऑफिस में बुलाकर कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत कराए गए कार्यो का सत्यापन किया जाएगा और नौकरी करनी है तो वे जो कहेंगे, मानना पड़ेगा।

इसके बाद 21 सितंबर को अपने सरकारी आवास बुलाकर आरओ की मांग रखी। परिवादी ने सीईओ द्वारा बताई गई कंपनी का 15,500 रु. मूल्य का आरओ जयपुर से खरीद लिया। इसे पहले एसीबी कार्यालय में मंगवाकर जरूरी कानूनी कार्रवाई की गई। फिर इसे देकर राजेंद्र सिंह को सुबह करीब आठ बजे सीईओ के बंगले पर भेजा गया था।

डॉक्‍टर ने दिल्‍ली में कत्‍ल कर इलाहाबाद में फेंकी बीवी की लाश

नई दिल्ली. दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के एक डॉक्टर द्वारा अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर शव इलाहाबाद में फेंक दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। डॉक्टर ने उसके घर पहुंचे पत्नी के परिजनों के सामने हत्या की बात कबूली और उनके साथ थाने में जाकर समर्पण कर दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने डॉक्टर की निशानदेही पर इलाहाबाद जाकर बैग में रखे शव को एक नाले से बरामद किया। आरोपी डॉक्टर चंद्रा विभाष ने हत्या का कारण बताया कि पत्नी सुप्रिया तुषार उसे पसंद नहीं थी और उसने शादी पारिवारिक दबाव में की थी।
पुलिस के मुताबिक डॉ. चंद्रा और सुप्रिया के बीच 23 सितंबर की रात को झगड़ा हुआ। इसके बाद सुप्रिया के गले में पड़े दुपट्टे से ही डॉक्टर ने उसका गला घोट दिया। डॉक्टर ने लाश को एक बैग में रखकर नीचे खड़ी कार की डिग्गी में डाला। पुलिस के अनुसार डॉक्टर शव को लेकर झारखंड के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में सुप्रिया के परिजनों का फोन आ गया और वे डॉक्टर से सुप्रिया के बारे में पूछने लगे। डॉक्टर ने इसके बाद झारखंड जाने का इरादा बदल दिया और इलाहाबाद पहुंचा तो वहां बारिश हो रही थी। बारिश के बहते पानी को उसने नदी समझा और शव को बहाने के इरादे से वहीं डाल दिया।


इस बीच सुप्रिया का फोन बंद आने पर उसके परिजनों ने डॉक्टर को 24 सितंबर को फोन मिलाया। डॉक्टर ने झूठ बोलते हुए कहा कि वह मथुरा में है। अनहोनी की आशंका से 25 सितंबर को सुप्रिया के परिजन झारखंड से अपने रिश्तेदारों कर्नल मनोज कुमार व मनोहर वैद्य के साथ डॉक्टर के हरिनगर स्थित किराए के मकान पर पहुंचे। यहां जब डॉक्टर नहीं मिला तो ये फिर 26 सितंबर को डॉक्टर के यहां पहुंचे। इस बार डॉक्टर घर में ही मौजूद था, लेकिन सुप्रिया नहीं थी।

परिजनों ने सुप्रिया के संबंध में पूछा तो डॉक्टर ने उसकी हत्या की बात कबूल कर ली। परिजनों ने उस पर पुलिस थाने चलने का दबाव बनाया तो ज्यादा विरोध न करते हुए डॉक्टर थाने भी पहुंच गया। पुलिस के सामने अपराध स्वीकार करने के बाद डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को उसे लेकर दिल्ली पुलिस के एसीपी राजसिंह, हरिनगर थाने के एसएचओ विरेन्द्र कुमार, इंस्पेक्टर हरपाल सिंह, एसआई योगेन्द्र कुमार, कांस्टेबल विनोद व संदीप आदि इलाहाबाद पहुंचे और एक ब्रिज के पास से शव बरामद किया।


सुप्रिया के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मूल रूप से झारखंड के डॉघार के निवासी डॉक्टर चंद्रा से झारखंड के जिला दुमका की सुप्रिया की शादी 22 नवंबर 2010 को हुई थी। तभी से डॉक्टर उसे मारता-पीटता था, जिसके बाद सुप्रिया जुलाई 2011 में अपने मायके चली गई थी, लेकिन रिश्तेदारों के दबाव में वह वापस अपने पति के पास पहुंची। मगर इसके बाद भी डॉक्टर ने उसे पीटना नहीं छोड़ा। सुप्रिया के पिता के मुताबिक 23 सितंबर की रात को भी सुप्रिया का फोन उनके पास गया था, जिसमें उसने पति द्वारा पीटने की शिकायत की थी। इसके बाद फोन बंद आया और बाद में सुप्रिया की हत्या की बात सामने आई।

गन प्वाइंट पर लुटी लड़की की अस्मत लेकिन वो चुप रहे!

लुधियाना .चार युवकों ने गन प्वाइंट पर एक युवती का अपहरण कर लिया। अलग अलग जगहों पर ले जाकर उन लोगों ने उससे बलात्कार किया। किसी तरह वह युवती आरोपियों के चंगुल से छूटकर वापस आ गई। उसने सारी बात अपने परिजनों को बताई, लेकिन बदनामी कारण वे लोग चुप रहे। मंगलवार को ही उन लोगों ने इस बारे में थाना हैबोवाल में सूचना दी।



जिस पर पीड़ित युवती का मेडीकल कराया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी युवकों के खिलाफ अपहरण कर बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों की पहचान किचलू नगर के रहने वाले स्मिर, चंदन नगर निवासी वरुण उर्फ विक्की, हंबड़ां के मेहताब व कृष्णा नगर के पंकज के रूप में हुई है। एसएचओ, थाना हैबोवाल रंधीर सिंह ने बताया कि आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस को दिए गए बयानों में पीडि़त युवती का कहना है कि घटना 10 सितंबर की है। वह सुबह अपने घर से निकली।



कृपाल नगर पुली पर सफेद रंग की स्विफ्ट कार में सवार चार युवकों ने से रोक लिया। उन लोगों ने उसे जबरन कार में बैठाना चाहा। उसका कहना है कि मेहताब को वह पहले से जानती थी। उन लोगों ने उसे पिस्तौल दिखाई और धमकाया। इसके बाद आरोपी हंबड़ां ले गए। वहां उन लोगों ने उससे गैंग रेप किया। बाद में वह उसे चार दिनों तक सुनेत व अलग अलग जगहों पर ले जाकर रेप करते रहे।



चार दिन बाद किसी तरह वह आरोपियों के कब्जे से छूटकर निकली। मंगलवार को पुलिस ने उसका सिविल अस्पताल में मेडीकल कराने के बाद स्वैब जांच क लिए लैब में भेज दिया है।



आरोपियों के खिलाफ अपहरण व बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को पकड़ने के लिए छापामारी जारी है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।



- रंधीर सिंह, एसएचओ, थाना हैबोवाल

सिरोही न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे बुधवार. २८ सितंबर, २०११

आपसी रंजिश में चली कुल्हाड़ी, 12 घायल

उथमण गांव में कृषि भूमि को लेकर उपजा विवाद, सात लोगों की हालत नाजुक, उदयपुर और पालनपुर रेफर

सिरोही निकटवर्ती उथमण गांव में कृषि भूमि को लेकर हुए विवाद में दो पक्षों में लाठी और कुल्हाड़ी से वार किए गए।इसमें12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए सिरोही लाया गया। इसमें से सात की हालत नाजुक होने पर उन्हें उदयपुर व पालनपुर रेफर किया गया। उथमण गांव में जमीन के विवाद को लेकर दो परिवारों के बीच रंजिश चल रही थी। सोमवार को खेत में मोहब्बतसिंह ने हल चलाना शुरू किया तो दूसरे पक्ष के भंवरसिंह, रणजीतसिंह, मोहब्बतसिंह, दलपतसिंह वोक सिंह ने उसे हल चलाने से मना किया। उसके नहीं मानने पर उन्होंने लाठी व कुल्हाड़ी से प्राणघातक हमला कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही मोहब्बत सिंह को बचाने के लिए आए सरदार सिंह, गणपत सिंह, नाथू सिंह, भूर सिंह, केसर सिंह, शंकरसिंह ने भी लाठी कुल्हाड़ी से उन पर हमला बोल दिया। दोनों गुटों के बीच करीब आधा घंटे तक जमकर लाठी व कुल्हाडिय़ां चली। घटना की सूचना मिलते ही पालड़ी एम पुलिस ने मौके पर पहुंच सभी घायलों को इलाज के लिए सिरोही पहुंचाया। पुलिस उपअधीक्षक अरुण माच्या ने भी मौका मुआयना किया। केशर सिंह और भंवरसिंह ने परस्पर मामले दर्ज कराए।

दहेज लोभी पति को जेल भेजा

सिरोही बरलूट पुलिस ने दहेज के लिए प्रताडि़त कर घर से बेदखल करने के आरोप में पति को जावाल से गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार कालंद्री निवासी दुर्गा पुत्री टीला मेघवाल ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया था कि उसकी शादी ५ साल पहले प्रकाश पुत्र टीला मेघवाल के साथ हुई थी। दो साल तक उसका दांपत्य जीवन अच्छा रहा, लेकिन बाद में उसके पति प्रकाश, ससुर छोगा लाल, सास सुगना ननद आशा व गीता, ननदोई दिनेश तथा देवर भरत व हितेश उसके साथ मारपीट करने लगे। उन्होंने उससे दो लाख रुपए व सोने के जेवर की मांग कर मारपीट तथा मानसिक रूप से प्रताडि़त कर उसे घर से निकाल दिया।


पलभर में मची अफरा-तफरी

वन विभाग की ओर से सुबह से जारी था अतिक्रमण हटाओ अभियान, दोपहर को हुआ हादसा

आबूरोड किवरली क्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के दौरान पुलिस कांस्टेबल के मलबे में दबने की घटना से पलभर में अफरा-तफरी मच गई। कांस्टेबल को हाथोंहाथ मलबे से निकालकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने के बाद भी उसकी मौत से माहौल गमगीन हो गया। पुलिस ने जेसीबी चालक के खिलाफ लापरवाही बरतने का मामला दर्ज कराया है। वहीं प्रशासन इस मामले की जांच करवाएगा। वन विभाग ने सुबह 7 बजे माउंट आबू उपखंड अधिकारी कुमारपाल गौतम ने तहसीलदार रघुवीर दयाल मीणा की उपस्थिति में पुलिस बल के साथ ब्रह्माकुमारी संस्थान परिसर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारंभ की। इसमें ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से अकाल राहत के लिए लगाया गया चारा डिपो व गोशाला के क्षेत्र से जेसीबी की सहायता से अतिक्रमण हटाया गया। इसके बाद किवरली पुलिया टोल नाके के पास संस्थान के पार्क क्षेत्र में वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। कार्रवाई में बिजली के पोल, पक्के निर्माण व पानी की पाइप लाइन सहित अन्य निर्माणों को हटाया गया। जेसीबी से भवन की दीवार गिराने के दौरान पुलिस कांस्टेबल सुनील विश्नोई के मलबे में दबने की घटना से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर तैनात दस्ते ने हाथोंहाथ मलबा हटाकर उन्हें घायलावस्था में ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। वहां से उन्हें पालनपुर रेफर किया गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसे से माहौल गमगीन हो गया।