बुधवार, 28 सितंबर 2011

भारत-पाक सीमा पर अक्टूबर से दिसंबर तक विशाल युद्धा यास




बाड़मेर भारतीय सेना भारत-पाक सीमा पर अक्टूबर से दिसंबर तक विशाल युद्धा यास करेगी। राजस्थान के बाड़मेर में होनेवाली इस खास युद्ध अभ्यास में 40 हजार से ज्यादा सैनिक भाग लेंगे। इसके अलावा 250 युद्ध टैंक, सेना के हेलिकॉप्टर और आर्टिलरी गन भी इसमें शामिल होंगी।
सेना की भोपाल स्थित कोर के 40 हजार से ज्यादा सैनिक इसमें भाग लेने रवाना हो चुके हैं।
रेगिस्तान में युद्ध अभ्यास के दौरान वायुसेना भी शामिल होगी। नवंबर माह में पोखरण में वायुसेना के लड़ाकू विमान फायरिंग का अभ्यास करेंगे। भारतीय अर्जुन टैंक इसमें खास तौर पर शामिल होगा। इस युद्ध अभ्यास को पूरी तरह गोपनीय रखा गया है,सेना मुख्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस युद्ध अभ्यास के दौरान रक्षामंत्री ए.के.एंटोनी और सेना प्रमुख जनरल वी.के.सिंह भी बाड़मेर जाएंगे। अभ्यास की तैयारी के लिए सेना प्रमुख पिछले महीने भोपाल और इस महीने जयपुर में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। तीन महीने चलनेवाले इस युद्ध अभ्यास में सेना की स्ट्राइक कोर भाग ले रही है। स्ट्राइक कोर को दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर लड़ाई करने के लिए खास प्रशिक्षिण दिया जाता है। बाड़मेर में सीमा से सटकर दुश्मन के इलाके की स्थिति भांपकर युद्ध अभ्यास किया जाएगा। खास बात यह भी है कि 2001 में ऑपरेशन पराक्रम के बाद से सेना जरुरत पड़ने पर सीमा पर सैनिकों की कम समय में तैनाती पर ज्यादा जोर दे रही है। जिसके चलते 40 हजार सैनिकों का मूवमेंट सेना के लिए खास अभ्यास है। इस युद्ध अभ्यास का प्रमुख मकसद सैनिकों को सर्दियों के दौरान लड़ाई के लिए तैयार करना है। इससे पहले मई के पहले सप्ताह में राजस्थान के सूरतगढ़ में सेना ने विजयी भव: कोड नेम से युद्ध अभ्यास किया था। इसमें अंबाला स्थित कोर के सैनिकों ने भाग लिया था।

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