बुधवार, 28 सितंबर 2011

तोपखाना स्थापना दिवस : 28 सितम्बर 2011

तोपखाना स्थापना दिवस : 28 सितम्बर 2011 

19वीं सदी व उससे पूर्व से ही रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी का इतिहास गौरवमयी रहा है। रेजिमेंट ऑफ इण्डियन आर्टिलरी की नींव 28 सितम्बर 1827 को बॉम्बे फुट आर्टिलरी की 5 बॉम्बे माउणेन बैट्री को रखी गयी। तब से भारतीय तोपखाने ने देश एवं विदेश के विभिन्न ऑपरेशन व युद्धों में अदम्य साहस एवं कार्यकुशलता का परिचय दिया। जहाँ भी भारतीय तोपची गए, चाहे वह उत्तरपश्चिमी फ्रंटियर, सामान्य सेवाऐं, विश्व युद्ध प्रथम व अन्य युद्धों में इन्होंने ॔॔फायर पावर एवं प्रोफेशनलिज़्म’’ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। इंडियन आर्टिलरी भारतीय सेना की एक प्रमुख शक्ति की तरह उभरी और जो आने वाले वर्षों में युद्ध के लिये निर्णायक सिद्ध हुई। 



रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी शीघ्र ही प्रसिद्धि के पथ पर अग्रसर हुई, चाहे वह लीबिया के रेगिस्तान हो या रूमेल की पेंजर सेना के विरूद्ध लड़ाईया बिंदु 171 नजदीक बीर हकीम। रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने जापानी सेना के विरूद्ध मिकटिला युद्ध सम्मान एवं विक्टोरिया क्रॉस सम्मान हासिल किया। 

भारत की आजादी एवं कश्मीर में 194849 के ऑपरेशन में रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता। कमियों के बावजूद रेजिमेन्ट ने सम्मान एवं प्रसिद्धि को हासिल किया। युद्ध क्षेत्र में जीत की परम्परा रेजिमेन्ट की मानसिकता में शामिल है। 1965 के भारतपाकिस्तान युद्ध में एक बार फिर ॔॔भारतीय तोपखाने’’ ने युद्ध में जीत का मुख्य कारक बनकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से पश्चिम सेक्टर तक एवं 1999 की गर्मियों में ऑपरेशन विजय के रूप में कारगिल विवाद में शिरकत की। इन तीन महत्वपूर्ण ऑपरेशन के अलावा रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूर एवं जम्मू कश्मीर एवं उत्तर पूर्व राज्यों में कारण्टर इन्सरजेन्सी ऑपरेशन में सकि्रय रूप से भाग लिया। 


रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने ॔॔ऑपरेशन तत्परता’’ को जिस कड़ी मेहनत, कार्यकुशलता एवं समर्पण से हासिल किया है, इसमें सभी गनर्स का महत्वपूर्ण योगदान है, जो आगे भी रेजिमेन्ट का प्रत्येक क्षेत्र में सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है। 

जयपुर एवं जोधपुर मिलिट्री स्टेशनों में 28 सितम्बर 2011 को भारतीय सेना की रेजिमेन्ट ऑफ आर्टिलरी ने 184वां स्थापना दिवस मनाया। दोनों स्थानों पर सभी आर्टिलरी जवानों के लिए बड़ाखाना का आयोजन किया गया। 

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