बुधवार, 28 सितंबर 2011

19 बच्चों के साथ नए दंपती ने घर बसाया

राजनगर।। प्यार की कोई उम्र नहीं होती। कब कहां किससे प्यार हो जाए, यह पता ही नहीं चलता। मसूरी में रहने वाली 9 बच्चों की मां और 10 बच्चों के पिता की कहानी प्यार की इस परिभाषा को चरितार्थ करती है। महिला विधवा है और पुरुष की भी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं है। पड़ोस में रहने वाले इस जोड़े की करीब एक साल पहले आंखें चार हुईं थीं और इसी साल जनवरी में उन्होंने निकाह कर लिया। महिला के भाई ने बहला-फुसलाकर उसे पति से अलग करा दिया। लेकिन पति के कोर्ट में याचिका दायर करने पर समझौता हुआ और दोनों ने अपने 19 बच्चों के साथ नया घर बसाया।

मसूरी में रहने वाली रहीसा (काल्पनिक नाम) के 9 बच्चे हैं। वह करीब डेढ़ साल पहले 38 वर्ष की उम्र में विधवा हो गई थी। पड़ोस में रहने वाले 42 वर्षीय शमशाद (काल्पनिक नाम) के 10 बच्चें है। कुछ वर्ष पहले उसकी पत्नी की भी मृत्यु हो गई थी। रहीसा और शमशाद में इस बीच इश्क हो गया। इश्क परवान चढ़ा और दोनों ने एक जनवरी 2011 को मुस्मिल रीति-रिवाज से काजी के समक्ष निकाह कर लिया। इसके बाद निकाह को नोटेरी द्वारा सत्यापित भी करा लिया था। इसके बाद दोनों दांपत्य जीवन खुशी-खुशी बीताने लगे। इसी बीच रहीसा के भाई उसके घर आए और उन्होंने रहीसा को शमशाद के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। दोनों में झगड़ा हुआ और इसके बाद रहीसा को उसके भाई अपने साथ ले गए।

शमशाद पत्नी के जाने के बाद दुखी रहने लगा। उसने कोर्ट में रहीसा को लाने के लिए याचिका दायर की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे तलब किया। कोर्ट के समक्ष दोनों की बातचीत हुई। रहीसा शमशाद के साथ जाने के लिए राजी हो गई। दोनों ने कोर्ट में एक साथ रहने का राजीनामा दाखिल कर दिया। उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे के बच्चों को माता-पिता का पूरा प्यार देंगे। इतना ही नहीं 19 बच्चों को एक साथ रखेंगे। कोर्ट ने रहीसा और शमशाद के राजीनामे को स्वीकार कर लिया और वे फिर से अपने बच्चों के साथ रहने लगे।

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