मंगलवार, 10 मई 2011

बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सैंकडों लोगों ने कई ट्रेनों को रोक दिया






बाड़मेर। कालका एक्सप्रेस के बायतु में ठहराव की मांग को लेकर मंगलवार को बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सैंकडों लोगों ने कई ट्रेनों को रोक दिया। सुबह पोने छ बजे बाडमेर से जोधपुर के लिऐ रवाना हुइ्र रेल को आनदोलन कारियों नंे बायतु से एक किलोमीटर पहले रोक दी।आन्दोलनकारी रेल की पटरियों पर सो गऐ रेल के रोकने के बाद बाडमेर से पोने सात बजे रवाना होने वाली कालका एक्सप्रेस को बाडमेर में ही रोक दिया तथा यात्रियों को किराया वापस लोटा दिया।जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मोके पर मौजूद ह।ैंइधर लिा मुख्यालय पर जितल कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक जिला स्तरीय अधिकारीयो तथा रेलवें के अधिकारीयों के साथ मंत्रणा कर रहे हैं।आन्दोलन कारियों नें शनिवार को भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस को रोकने की चेतावनी दे रखी हें।पुलिस विभाग ने बायतु में सूरक्षा के माकूल बनदोबस्त किऐं हैं। इन लोगों के ट्रेक पर जमा होने से करीब आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुई। इनमें से कई ट्रेनों को बालोतरा में ही रोक दिया गया है। आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे कैलाश चौधरी ने बताया किमंगलवार को बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सैंकडों लोगों ने कई ट्रेनों को रोक दिया। सुबह पोने छ बजे बाडमेर से जोधपुर के लिऐ रवाना हुइ्र रेल को आनदोलन कारियों नंे बायतु से एक किलोमीटर पहले रोक दी।
रेल को रोके जाने से सैंकड़ो यात्री बायतु में फंसे हुए हैं। एक यात्री हनुमान ने बताया कि बच्चे परेशान हो रहे हैं। ट्रेन यहां से कब निकलेगी इसका कोई भी रेलवे अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। बायतु के उपखंड अधिकारी महेश मेहता के अनुसार आंदोलन करने वाले लोगों की मांग वाजिब है। हम अपने अधिकारियों से बात कर रहे है जल्दी ही ट्रेन शुरू कर दी जाएगी।
 
ट्रेनों को रोकने वाले लोगों की मांग है की उन्हें लिखित में आश्वासन दिया जाए कि कालका एक्सप्रेस को आने वाले कुछ दिनों में यहां पर ठहराव किया जाएगा।
 
बायतु के आस पास के तीन सौ गांव के लोग लम्बे समय से मांग कर रहे हैं कि बाड़मेर से हरिद्वार जाने वाली कालका एक्सप्रेस का ठहराव दो मिनट के लिए बायतु में किया जाए।
 



आज भी कायम पगड़ी की शान राजस्थान में











आज भी कायम पगड़ी की शान राजस्थान में






: राजस्थान की समृद्ध संस्कृति एवं - रीति रिवाज आधुनिकता की इस अंधी दौड़ में खोते जा रहे हैं . आधुनिकता और पाश्चात्य सभ्यता के साथ आये बदलाव ने परम्परागत - रीति रिवाजों को न केवल बदलकर रख दिया , अपितु राजस्थान की समृद्ध संस्कृति अपना आकार खोती जा रही हैं .






रोजमर्रा की भागदौड़ और पहियों पर घूमती वातानुकूलित जिन्दगी के बीच समारोह के दौरान साफा उपलब्ध नहीं होने अथवा इस ओर किसी का ध्यान आकृष्ट नहीं होने पर ऐसे मौके पर इसका प्रबन्ध नहीं हो पाता है . चुनिन्दा स्थानों से साफा लाने की जहमत कोई नहीं करता , लेकिन साफे का स्थान बरकरार है . इस स्थान को बदला नहीं जा सकता . दुनिया के कानून , संविधान तो बदले जा सकते हैं . ' मगर ' का स्थान नहीं बदला जा सकता साफे . इसका महत्व इसी कारण बरकरार हैं . विभिन्न समारोहों में अतिथियों का साफा पहनाकर स्वागत करने की परम्परा है .






' साफा राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और परम्परा का अभिन्न हिस्सा हैं . लेकिन , राजपूती आन - बान - का प्रतीक साफा अब सिरों से सरकता जा रहा है शान . युवा पीढ़ी आधुनिक ' होकर ' का महत्व समझ नहीं पा रही है साफे . इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में आज ' भी पाग - पगड़ी ' साफे को इज्जत और ओहदे का प्रतीक माना जाता है - . साफे को आदमी के ओहदे व खानदान से जोड़कर देखा जाता हैं . साफा पहन कर - बड़े बुजुर्ग अपने आपको सम्पूर्ण व्यक्तित्व का मालिक समझते हैं . ' साफा व्यक्ति के समाज का प्रतीक माना जाता हैं . ग्रामीण क्षेत्रों में - अलग अलग समाज में अलग - अलग तरह के साफे पहने जाते हैं . साफे से व्यक्ति की जाति व समाज का स्वतः पता चल जाता हैं .






' पगड़ी आदमी के व्यक्तित्व की निशानी समझी जाती है . ' की खातिर आदमी स्वयं बरबाद हो जाता है , मगर उस पर आंच नहीं आने देता पगड़ी . ' साफा ग्रामीण क्षेत्रों में सदा ही बांधा जाता है . खुशी और गम के अवसरों पर ' भी ' का रंग व आकार बदल जाता हैं साफे . खुशी के समय रंगीन साफे पहने जाते हैं . जैसे शादी - विवाह , सगाई या अन्य उत्सवों , त्यौहारों पर विभिन्न रंगो के साफे पहने हैं जाते . मगर , गम के अवसर पर खाकी अथवा सफेद रंग के साफे पहने जाते हैं , ये शोक का प्रतीक होते हैं . हालांकि , मुस्लिम समाज ( सिन्धी ) में सफेद साफे शौक से पहने जाते हैं . सिन्धी मुसलमान ' सफेद ' पाग का ही प्रयोग करते हैं .






ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी मनमुटाव , लडाई - झगडों का ' निपटारा ' साफा पहनकर किया जाता है . जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के कई गांवो में आज भी अनजान व्यक्ति अथवा मेहमानों ' नंगे सिर आने की इजाजत नहीं हैं को . राजपूत बहुल गांवों में साफे का अत्यधिक महत्व है . इन गांवो में सामंतशाहों के आगे अनुसूचित जाति , जनजाति ( मेघवाल , भील आदि ) के लोग साफा नहीं पहनते , अपितु सिर पर तेमल ( लूंगी ) अथवा टवाल बांधते हैं . इनके द्वारा सिर पर पगड़ी न बांधने का मुख्य ' कारण या ' सामन्त के बराबरी न करना है ठाकुरों . विवाह , अथवा अन्य समारोह में साफे के प्रति परम्पराओं में तेजी से गिरावट आई है सगाई . अभिजात्य परिवारों में साफा आज ' भी स्टेटस ' सिम्बल बना हुआ हैं . अभिजात्य वर्ग में साफे के प्रति मोह बढ़ता जा रहा है . शादी विवाह या अन्य समारोह ' में ' साफे के प्रति छोटे - बड़ों का लगाव आसानी से देखा जा सकता है .






हाथों से बांधने ' वाले ' साफे का जवाब नहीं होता . हाथों से साफे को बांधना एक हुनर व कला है . इस कला को जिंदा रखने वाले कुछ लोग ही बचे हैं . आजकल चुनरी के साफों का अधिक प्रचलन है . लहरियां साफा भी प्रचलन में है . मलमल , जरी , तोता , कलर के साफे भी पसन्द किए जा रहे हैं परी . जोधपुरी साफा पहनना युवा पसन्द करते हैं , जबकि बड़े - बुजुर्ग जैसलमेरी साफा , जो गोल होता है , पहनना पसन्द करते हैं . केसरिया रंग का गोल साफा पहनने का प्रचलन अधिका हैं . बहरहाल , साफे का महत्व आज भी कायम हैं .

सोमवार, 9 मई 2011

राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरूस्कार प्राप्त कलाकारों से आवेदन आमन्त्रित


राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरूस्कार
प्राप्त कलाकारों से आवेदन आमन्त्रित
बाडमेर, 9 मई। जिले के राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरूस्कार प्राप्त कलाकारों तथा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कलाकारों को सम्मान दिये जाने हेतु आवेदन पत्र आमन्त्रित किए गए है।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री की वर्ष 2011-12 की बजट घोषणा में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने पर कलाकारों को 51 हजार रूपये का नकद पुरूस्कार एवं राजकीेय सम्मान पत्र देना शामिल था, इस घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए इन क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरूस्कार प्राप्त करने वाले कलाकारों के नाम मय पूर्ण विवरण भिजवाने के निर्देश दिए है, ताकि राज्य सरकार के स्तर पर पर वर्ष मे दो बार स्वतन्त्रता दिवस एवं गणतन्त्र दिवस के अवसर पर सम्मान दिये जावे। इनके नाम क्रमशः 31 जुलाई एवं 31 दिसम्बर तक आवश्यक रूप से भिजवाये जाने है। उन्होने बताया कि जो कि कलाकार इस क्षेत्र में अपनी पहचान अथवा इस क्षेत्र में रूचि रखता हो वे अपने प्रस्ताव जिला युवा समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र बाडमेर को भिजवाना सकते है।
उन्होने बताया कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री की वर्ष 2011-12 की बजट घोषणा में कला एवं संस्कृति के क्षेत्र वाद्य, गायन, नृत्य, अभिनय, मूर्तिकला, पेन्टिंग तथा फोटोग्राफी जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों का सम्मान किया जाएगा। इस घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए इन क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रतिष्ठित कलाकार, जिनका उत्कृष्ट योगदान रहा है, के नाम मय सम्पूर्ण जानकारी के कला एवं संस्कृति विभाग जयपुर को 31 जुलाई, 2011 तक आवश्यक रूप से भिजवाए जा सकते है।

शादी का कार्ड देने गए मां-बेटे की दुर्घटना में मौत


शादी का कार्ड देने गए मां-बेटे की दुर्घटना में मौत
जालीपा कैंट के पास मोटरसाइकिल को पीछे से जिप्सी ने मारी टक्कर, दो घायल, बहन की शादी का कार्ड देकर लौट रहा था, गांव में पसरा मातम
 बाड़मेर

बहन की शादी का कार्ड देकर लौट रहे मां-बेटे की सदर थाना क्षेत्र में जिप्सी की चपेट में आने से मौत हो गई। परिवार में 11 मई को शादी थी। वहीं दुर्घटना में घायल जिप्सी चालक को जोधपुर रेफर किया गया है।

पुलिस के अनुसार ईसरोल निवासी रामाराम (26)पुत्र हुक्माराम अपनी मां सिगरती देवी के साथ अपने ननिहाल मूढों की ढाणी बहन की शादी का कार्ड देने गया हुआ था। वहां से वह बाड़मेर आ रहा था कि केंद्रीय विद्यालय के पास पीछे से तेज गति से आ रही जिप्सी ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। दुर्घटना में रामाराम की मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल सिगरती देवी को राजकीय चिकित्सालय लाया गया। चिकित्सकों ने उसकी हालत देखते हुए जोधपुर रेफर कर दिया। बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने दोनों शव परिजन के सुपुर्द कर दिया। मूढों की ढाणी निवासी मृतक रामाराम के मामा बांकाराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


पूर्व प्रधान समेत तीन जनों के खिलाफ मामला दर्ज
बाड़मेर कोतवाली थानातंर्गत पूर्व प्रधान समेत तीन जनों के खिलाफ ब्लैक मेल करने व जान से मारने की धमकियां देने का मामला दर्ज किया गया है। नगरपालिका के एलडीसी योगेश आचार्य व नगरपालिका के राजस्व निरीक्षक सुरेन्द्र माथुर ने मामला दर्ज करवाया कि शिव के पूर्व प्रधान उदाराम मेघवाल, महावीर व हरीश चंडक उसे ब्लैकमेल करते हुए रिश्वत मांगी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हत्या का आरोपी रिमांड पर
तीन सहयोगी बालक हिरासत में
बालोतरा
शनिवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी क्षेत्र की जोगी बस्ती में युवक की गला घोंटकर हत्या करने वाले मुख्य आरोपी राजूनाथ को न्यायालय ने दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए।

पुलिस के अनुसार आरोपी को रविवार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे पीसी रिमांड में भेजने के आदेश दिए गए।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच में तीन बालकों की भी भूमिका संदिग्ध नजर आने पर रविवार को बस्ती के तीन बालकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। उल्लेखनीय है कि शनिवार को हाउसिंग बोर्ड के जोगी बस्ती क्षेत्रमें ओमनाथ पुत्रकेसनाथ की अवैध संबंधों के चलते राजूनाथ ने सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी।


राह चलते ट्रक ने कुचला 

बालोतरा  निकटवर्ती सिणधरी थानांतर्गत एक ट्रक चालक ने राह चलाते हुए राहगीर को चपेट में ले लिया जिससे उसकी मौत हो गई।पुलिस सूत्रों के अनुसार चेलाराम पुत्र मुकनाराम माली निवासी सिणधरी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि रविवार सुबह 11 बजे उसका चचेरा भाई गेनाराम पुत्र पदमाराम माली खेमाबाबा मंदिर के पास से पैदल घर की ओर जा रहा था। पीछे से आ रहे ट्रक नं आरजे -०४ जीए ५१४७ के चालक ने गेनाराम को चपेट में ले लिया।दुर्घटना में गेनाराम की मौके पर ही मौत हो गई।

मण्डल रेल वित्त प्रबंधक अशोक मंगल रविवार को करीब पचास लाख रूपए के नोट जलाते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।


मण्डल रेल वित्त प्रबंधक अशोक मंगल रविवार को करीब पचास लाख रूपए के नोट जलाते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

अजमेर। मण्डल रेल वित्त प्रबंधक अशोक मंगल रविवार को करीब पचास लाख रूपए के नोट जलाते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। मंगल रेलवे में करोड़ों का गबन कर फरार हुए लेखा सहायक मुजफ्फर अली बोहरा से नजदीकी को लेकर शक के दायरे में था। मंगल को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगल लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व तक अजमेर में मण्डल वित्त प्रबंधक पद पर तैनात था।
फिलहाल वह बीकानेर में पदस्थापित है। उसकी अजमेर में तैनाती के दौरान ही बोहरा ने फर्जी चेकबनाकर रेलवे को करोड़ों रूपए की चपत लगाने का खेल प्रारंभ किया। बोहरा का मंगल के सरकारी बंगले पर नियमित आना-जाना था। गबन प्रकरण में किसी वरिष्ठ अधिकारी की मिलीभगत की संभावना देख आरपीएफ ने उस पर शिकंजा कसना शुरू किया। रविवार सुबह से आरपीएफ जवान डीआरएम कार्यालय परिसर स्थित मंगल के सरकारी बंगले पर नजर रखे हुए थे। घर पर मौजूद मंगल को इसकी भनक लग गई। 
तलाशी के दौरान घर पर रखी लाखों की नकदी बरामद होने के डर से उसने यह राशि जलाकर सबूत मिटाने का प्रयास किया। दोपहर दो बजे बंगले के बाहर तैनात कांस्टेबल पप्पूखान को बंगले के पिछवाड़े में धुआं उठता नजर आया। पप्पूखान तत्काल चारदीवारी फांद अंदर भागा। उस समय बड़े ड्रम में आग लगी थी और उसके अंदर नोटों की गçaयां साफ नजर आ रही थी। मंगल ड्रम के पास खड़ा था। खान ने जैसे-तैसे पानी से आग बुझा दी लेकिन तब तक ड्रम में रखे लाखों के नोट राख में तब्दील हो चुके थे।
दस करोड़ के गबन की आशंका
डीआरएम कार्यालय में लेखा सहायक बोहरा की ओर से फर्जी चेक बनाकर लगभग दस करोड़ रूपए के गबन की आशंका व्यक्त की जा रही है। बोहरा पिछले चार वर्षो से लाखों रूपए के फर्जी चेक बनाकर राशि अपने खाते में स्थानांतरित करता रहा है। वरिष्ठ मण्डल वित्त सलाहकार संजीव कुमार ने बताया कि तीन-चार दिन पूर्व आरबीआई से पांच लाख रूपए के एक चेक की जानकारी के लिए फोन आया था। जांच में गबन का मामला सामना आया। जयपुर के सतर्कता दल के अधिकारी रविवार को डीआरएम कार्यालय स्थित लेखा विभाग का पूरा रिकार्ड खंगालते रहे।
हाथ नहीं आया बोहरा
गबन का मुख्य आरोपी बोहरा रविवार को भी आरपीएफ के हाथ नहीं लगा। मामला खुलने के दो दिन पूर्व ही बोहरा भूमिगत हो चुका है।
2.50 लाख रू. अधजले
ड्रम में पड़ी राख के नीचे 1000, 500, 100, 50, 20 एवं 10 रूपए के नोटों की लगभग ढाई लाख रूपए की कुछ अधजली गçaयां निकाल ली गई। डेढ़ लाख रू. के नोट सुरक्षित मिले है। आरपीएफ के वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त डी.बी. कासार ने बताया जले हुए नोटों की कीमत चालीस से पचास लाख रूपए हो सकती है।
नए नोटों का प्रावधान नहीं
रिजर्व बैंक के सेवानिवृत्त उप महाप्रबन्धक सुभाष शर्मा के अनुसार, नोट जलाना अपराध है, रिजर्व बैंक में भी केवल एक विभाग को ही गले या फटे नोट जलाने का अघिकार है। ये नोट भी ऎसे होते हैं, जो गलने या फटने के कारण चलन में आने लायक नहीं रहते। शर्मा का कहना है कि रिजर्व बैंक एकाउंटिंग के लिए मुद्रा का हिसाब रखता है, नोट जलाने के मामले में जांच एजेंसी जांच के बाद रिजर्व बैंक को बता देगी। लेकिन मुद्रा लेप्स नहीं होगी, इनके बदले में नए नोट जारी करने का भी प्रावधान नहीं है। रिजर्व बैंक नई सीरिज के नोट जारी करता रहता है।

रविवार, 8 मई 2011

maharawal of jaisalmer riyasat....Jaisalmer Royal Family.


Maharawal Brijraj Singh.

Born 13 November 1968.

Married 28 January 1993 Maharani Raseshwari Devi of Nepal.

Their children:
Prince (maharajkumar) Chaitanya Raj Singh, born 24 December 1993.

Prince (maharajkumar) Janmajeya Singh, born 19 December 2000.

थार की गर्मी ने छुड़ाए पसीने

















थार की गर्मी ने छुड़ाए पसीने


बाड़मेर शहर में गर्मी बढऩे के साथ ही शहरवासियों की दिनचर्या भी बदलने लगी है। दोपहर के समय मुख्य मार्गों पर सन्नाटा पसरा नजर आता है। वहीं उन मार्गों से गुजरने वाले इक्के-दुक्के लोग भी गर्मीसे बचाव का पूरा जाब्ता किए निकलते हैं।गर्मीके तेवर तीखे होने से शीतल पेय पदार्थों की भी बिक्री बढ़ी है।गर्मी के कारण आम दिनों की अपेक्षा गली-मौहल्लों के नुक्कड़ व मुख्य चौराहों पर भी गिनती के लोग ही नजर आ रहे हैं।भीषण गर्मी में लोगों को पंखे व कूलर भी राहत नहीं दे रहे हैं।दोपहर में गर्मी के साथ चलने वाली लू कोढ़ में खाज का काम कर रही है।मुख्य मार्गो पर दोपहर के समय वाहनों का आवागमन भी कम ही रहता है


बदली लोगों की दिनचर्य

गर्मी बढऩे के साथ ही लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव आया है। शहरवासी सूरज तपने से पहले अपने काम-धंधे पर पहुंच जाते हैं। वहीं दोपहर के समय कूलर व पंखों के सामने बैठकर समय व्यतीत कर रहे हैं। यहां भी इन्हें पूरी तरह से गर्मी से निजात नहीं मिल पा रही है।शहर के मुख्य मार्गों पर आम दिनों की अपेक्षा इन दिनों चहल-पहल कम नजर आ रही है।स्कूली छात्र-छात्राएं गर्मी से बचने के लिए पूरा जाब्ता करके ही मार्ग से गुजरते हैं।रात्रि के समय अधिकांश शहरवासी खुले आसमान के नीचे ही सोकर रात गुजार रहे हैं। देर रात तक गर्म हवाओं का असर रहने के कारण शहरवासियों को रात में भी चैन नहीं मिल पा रहा है



खूब बिक रही है मटकियां
गर्मी बढऩे के साथ ही पचपदरा में बनी मटकियों की बिक्री भी बढ़ गई है।स्टेशन रोड व प्रथम रेलवे फाटक के पास आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोग मटकियों की खरीद करते हुए देखे जा रहे हैं।गर्मी के दिनों में मटकी का पानी पीने से लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है।मटकी विक्रेता पप्पू ने बताया कि पिछले ६-७ दिनों से बढ़ी गर्मीके कारण मटकियों की बिक्री ने भी जोर पकड़ लिया है।उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोग मटकियों की खरीद में विशेष रूचि दिखा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि पचपदरा में बनी मटकियों की गर्मियों के दिनों में क्षेत्र सहित पूरे संभाग में जबर्दस्त डिमांड रहती है।

भीषण गर्मी में गांवों की खैरखबर ली जिला कलक्टर ने


भीषण गर्मी में गांवों की खैरखबर ली जिला कलक्टर ने
स्कूलों का निरीक्षण किया, पेयजल समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए
       जैसलमेर, 6 मई/जिला कलक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा ने भीषण गर्मी के दौर में ग्राम्यांचलों की वास्तविक स्थितियों से रूबरू होने शनिवार को विभिन्न गांवों का दौरा किया और सरकारी संस्थाओं की जांच के साथ ही ग्रामीणों से चर्चा करते हुए समस्याओं और ग्राम्य लोक जीवन की टोह ली।
       ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कहीं समस्याएं सामने आयी, जिला कलक्टर ने मोबाइल से संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क साधा और तत्काल कारगर कार्यवाही करने को कहा।
       जिला कलक्टर ने इन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्राम्यांचलों का भ्रमण करें और लोक समस्याओं की जानकारी अपने स्तर पर प्राप्त करते हुए इनका निराकरण कर जनता को जल्द से जल्द राहत प्रदान करें।
       जिला कलक्टर ने निरीक्षण के दौरान खासकर विभिन्न स्थानों पर पेयजल की समस्याओं की जानकारी सामने आने पर सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में पेयजल समस्याओं का तुरन्त निराकरण कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजें।
       जिला कलक्टर ने खारिया गांव का दौरा किया जहां ग्रामीणों से चर्चा के बाद दूरदराज के इस गांव में एएनएम के नहीं होने की वजह से उन्होंने हर दस-दस दिन में डॉक्टर भेजते हुए ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच के निर्देश चिकित्साधिकारियों को दिए। गांव में बारह किलोमीटर ग्रेवल सड़क के डामरीकरण के लिए उन्होंने निर्देश दिए।  जिला कलक्टर ने स्कूल का निरीक्षण किया जहां डेढ़ सौ बच्चों पर  चार शिक्षक लगे हुए हैं। इसी प्रकार पशुपालन चिकित्सक की अनुपलब्धता को देखते हुए पशुओं के स्वास्थ्य की देखरेख के प्रति गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। गांव में पेयजल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त जीएलआर को ठीक कराकर पाईप लाईन से जोड़कर ग्रामीणों को पेयजल मुहैया करवाएं। इसके साथ ही पाईप योजना से पशु खेली को भी जोड़ें।
       जिला कलक्टर ने छत्तानगढ़ में जलदाय से संबंधित आठ हैल्परों तथा खारिया में इनकी कमी को देखते हुए जरूरत के अनुसार समानुपाती व्यवस्था करने को कहा। जोगराजसिंह की ढाणी को भी पाईपलाईन से जोड़ने के निर्देश दिए गए। यहीं पर वाल्व ऑपरेशन की जरूरत वाले मरीज पोकरसिंह/प्रेमसिंह के ईलाज के लिए उन्होंने चिकित्सा विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसे किसी भी योजना में लाभान्वित करने की पहल की जाए और पूरी मानवीय संवेदनाओं के साथ हरसंभव मदद मुहैया कराई जाए।
       जिला कलक्टर ने दूजासर का दौरा किया। वहां राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पानी की समस्या सामने आने पर जिला कलक्टर ने वहीं से मोबाइल के जरिये जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता से चर्चा की और टैंकर से पानी पहुंचाने को कहा। इसी प्रकार सलखा में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षण में 187 विद्यार्थियों पर 3 शिक्षक नियुक्त मिले। इस स्कूल में भी पानी की समस्या की जानकारी सामने आने पर यहां भी टैंकर से तत्काल पानी पहुंचाने को कहा तथा अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि टयूब वैल से अवैध कनेक्शन समाप्त करें। भीलों की बस्ती में निरीक्षण के वक्त राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंद मिला। यहां भी पेयजल समस्या को देखते हुए टैंकर से पानी पहुंचाने के निर्देश उन्होंने विभागीय अधिकारियों को दिए।
       केसवों की बस्ती में भी जिला कलक्टर के निरीक्षण के लिए पहुंचने पर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद पाया गया। यहां पानी की समस्या के निराकरण के लिए उन्होंने निर्देश दिए। यहां एएनएम उपलब्ध नहीं थी। ग्रामीणों को पूछे जाने पर वे भी इस बारे में कोई पुख्ता जवाब नहीं दे सके। सलखा में एएनएम को दो माह से वेतन नहीं मिलने की जानकारी सामने आयी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय इन विषयों पर जिला कलक्टर ने तत्काल विभाग के अधिकारियोें को निर्देश दिए।
       कनोई में जिला कलक्टर ने राजीव गांधी सेवा केन्द्र का निर्माण देखा जो कि लगभग पूर्णता की स्थिति में आ गया है। यहां पानी की समस्या के निराकरण के लिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को फोन पर निर्देश दिए।
       कुशवाहा के निरीक्षण के दौरान लक्ष्मणों की बस्ती और कुरकों की बस्ती में उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद मिले। कुरकों की बस्ती स्कूल में पानी की समस्या देखी गई। इस पर निर्देश दिए गए। ग्रामीणों ने यहां एएनएम की आवश्यकता जताते हुए बताया कि साल भर से अपूर्ण पड़े एएनएम क्वाटर को पूर्ण किया जाना चाहिए। इस पर जिला कलक्टर ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। मांगलियावास में सात दिन से मोटर जल जाने की वजह से बंद पड़े टयूब वैल की स्थिति को देख जिला कलक्टर ने विभागीय अधिकारियों को फटकारा और ऐसे मामलों में बेवजह देरी नहीं किए जाने को कहा। गांव में आंगनवाड़ी केन्द्र चलता हुआ पाया गया।

शनिवार, 7 मई 2011

ओमनाथ का पूरे परिवार में मातम छा गया।


युवक का शव मिलने से सनसनी
पुलिस ने किया एक आरोपी को गिरफ्तार
बालोतरा।
जिले के बालोतरा थानान्तर्गत हाउसिंग बोर्ड स्थित जोगियों की बस्ती में एक युवक का शव शनिवार की सुबह पड़े होने की सूचना के बाद सनसनी फैल गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो मामला हत्या का निकला। इस मामले में शनिवार की शाम को पुलिस ने हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जबकि अन्य की तलाश शुरू कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक बालोतरा के माजीवाला में स्थित हाउसिंग बोर्ड में जोगियों की बस्ती मंे एक युवक की लाश पड़ी होने की सुचना पुलिस को सुबह मिली जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर एक बीस वर्षीय युवक का शव पड़ा था जिसके शरीर पर मारपीट एवं चैट के निशान थे। युवक का शव घर से महज 50 मीटर की दुर पर उसका शव मिला। युवक की एक आंख फोड़ी हुई थी एवं मुंह में रेत डाली हुई। साथ ही गले में शर्ट की बाजु कसकर उसके गले में बांधी हुई थी। साथ ही गले दबाए जाने के निशान मिले। युवक की पहचान ओमनाथ पुत्र केशनाथ जोगी निवासी जोगियों की बस्ती हाउसिंग बोर्ड माजीवाला के रूप मंे हुई। प्रारंभिक पुछताछ में सामने आया कि मृतक ओमनाथ शुक्रवार की रात को वहीं के कुछ लोगो के साथ बाहर निकला था जिसके बाद शराब पीने के बाद अन्य लोगो से उसकी कहासुनी हो गई एवं ओमनाथ के साथियों ने उसके साथ मारपीट कर कमीज से उसका गला घोट दिया जिसकी उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक पुछताछ में मिले पुलिस को सबुतों के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश की। इससे पूर्व जिला मुख्यालय से फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को भी मौके पर भेजा गया जिसने मौके पर मौजुद पदचिन्ह एवं मृतक के शरीर पर मौजुद फिंगर प्रिंट उठाए। इस संबंध में मृतक के पिता केशनाथ पुत्र जोगनाथ ने अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कराया था। इस संबंध में बालोतरा थानाधिकारी मदन लाल से बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी तक की पड़ताल में सामने आया हैं मृतक एवं उनके ही पड़ोस के डेरो में रहने वाले राजूनाथ पुत्र केशानाथ सहित कुछ युवको ने रात को साथ में बैठकर शराब पी। इसके बाद इनके बीच में कहासुनी हो गई एवं राजू सहित उसके साथियों ने ओमनाथ की कमीज को गले में डालकर गला घोटकर हत्या कर दी। इस संबंध में एक आरोपी राजूनाथ को गिरफ्तार कर लिया गया हैं जबकि अन्य की तलाश जारी हैं। उन्होंने बताया कि अभी आरोपी से पूछताछ जारी हैं, उसके बाद ही हत्या के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
सात दिन बाद होना था गौना...
शनिवार की रात को ओमनाथ की हत्या के बाद जैसे उसके परिवार में कोहराम सा मच गया। हालात यह थे कि जो लोग सात दिन बाद शादी की खुशियों का ताना-बाना बुन रहे थे वहीं आज मौत का मातम मना रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ओमनाथ का सात दिन बाद गौना किया जाना था जिसकी तैयारियां उसका परिवार कर रहा था। लेकिन शुक्रवार की रात यह खुशिया मामतम में बदल गई। जानकारी के अनुसार शहर के हाउसिंग बोर्ड निवासी ओमनाथ पुत्र केशनाथ जोगी की शादी आज से 8-10 वर्ष पूर्व हो चुकी थी। लेकिन उसका गौना शुक्रवार की 13 तारीख को होना तय था। उसकी शादी नेमनाथ पुत्र सोमनाथ की लड़की से हो रखी थी हुई थी। बताया जा रहा हैं कि शुक्रवार की रात करीब 10 बजे तक वह घर पर ही था। इसके बाद एक युवक आया और उसे कोई काम होने की बात कहते हुए बाहर बुलाया और अपने साथ यह कहकर ले गया। उसके बाद वह रात मंे घर नहीं आया एवं शनिवार की सुबह उसका शव घर से 50 मीटर दूर मिला। इस घटना के बाद से ओमनाथ का पूरे परिवार में मातम छा गया। साथ ही ओमनाथ के ससुराल पक्ष के परिवारों में भी मातम छा गया और खुशियां चंद पलो में ही मातम मंे बदल गई। पुलिस मामले की तपीश कर रही है।

भाई ने की भाई की हत्या


भाई ने की भाई की हत्या
शादी में खाना पसोरने की बात को लेकर हुआ विवाद
मामला दर्ज, आरोपी मौके से फरार
बाड़मेर।
जिले के धोरीमन्ना थानान्तर्गत मांगता गांव में एक शादी समारोह में खाना खिलाने के दौरान खाना परोसने की बात को लेकर दोनो भाईयों में कहासुनी हो गई जिसके बाद एक भाई ने दूसरे भाई पर कुदाली से वार कर उसकी हत्या कर दी। इस संबध्ंा मंे पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं। घटना के बाद से आरोपी मौके से फरार हैं।
पुलिस के मुताबिक भंवराराम पुत्र धर्माराम मेघवाल निवासी मांगता की पुत्रियों की शादी थी और 6 मई की रात को उसके यहां तीन बाराते आई हुई थी। शुक्रवार की रात को शादी समारोह संपन्न होने के बाद शनिवार की रोज बारात को खाना खिलाने के दौरान भंवराराम एवं उसके चचेरे भाई पूंजाराम उम्र 25 वर्ष पुत्र तगाराम मेघवाल निवासी मांगता के बीच खाना परोसने की बात को लेकर कहासुनी हो गई जिसके बाद भंवराराम ने पूंजाराम पर घर में रखी कुदाली से वार कर दिया जिससे पूंजाराम बेहोश हो गया जिसे बाद में धोरीमन्ना अस्पताल लाया गया जहां पर पंूंजाराम की धोरीमन्ना अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची मामला दर्ज किया। इस संबंध में समाचार लिखे जाने तक आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं।



, के समाचार पत्र दैनिक मरु महिमा का स़त्रहवाँ स्थापना दिवस समारोह आतंकवाद का खात्मा करने बहुआयामी प्रयास जरूरी



जैसलमेर के समाचार पत्र दैनिक मरु महिमा का स़त्रहवाँ स्थापना दिवस समारोह
आतंकवाद का खात्मा करने बहुआयामी प्रयास जरूरी
       जैसलमेर, 7 मई/आतंकवाद हमारे आस-पास से लेकर दुनिया में पांव पसार रहा है। इसके समूल उन्मूलन के लिए दुराग्रहों और पूर्वाग्रहों से मुक्त कार्यवाही, दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय चरित्र के साथ मानवधर्म को व्यापक दुनियावी प्रसार जरूरी है।
       यह विचार जैसलमेर कलाकार कॉलोनी स्थित वृद्धाश्रम में शनिवार को दैनिक मरु महिमा के सत्रहवें स्थापना दिवस पर ‘‘प्रायोजित आतंकवाद की चुनौती’’ विषयक विचार गोष्ठी में प्रबुद्धजनों ने व्यक्त किए।
       जिला कलक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा गोष्ठी में मुख्य अतिथि थे जबकि अध्यक्षता पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला ने की। विशिष्ट अतिथियों के रूप में लुधियाना(पंजाब) में यूआईटी के चैयरमेन मदनमोहन व्यास, भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष पूरणसिंह भाटी, जैसलमेर नगरपालिकाध्यक्ष अशोक तँवर एवं जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान मूलाराम चौधरी उपस्थित थे। अतिथियों के साथ ही विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता एसबीके राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. उम्मेदसिंह इंदा थे। गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्य चिंतक दीनदयाल ओझा, मनीषी शिक्षाशास्त्री बालकृष्ण जोशी आदि ने विचार रखे।
      कई चेहरे लिए है आतंकवाद
       विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि, जिला कलक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा ने स्थानीय परिप्रेक्ष्य से लेकर वैश्विक धरातल तक न्यूनाधिक पसरे हुए आतंकवाद को मौजूदा पीढ़ी के लिए चुनौती बताया और कहा कि इसके खात्मे के लिए डर का माहौल समाप्त करते हुए इसकी जड़ों पर प्रहार करने की जरूरत है।
       जिला कलक्टर ने कहा कि आतंकवाद के लिए पैसा ही सबसे बड़ा प्रायोजक है और ऐसे में आतंकवादियों तक पहुंचने वाले पैसे को रोका जाना जरूरी है। उन्होंने आतंकवाद के लिए जिम्मेदार कारकों की चर्चा की और कहा कि एक-दूसरे के प्रति दुर्भावना का व्यापक विस्तार, धर्मान्धता, धर्माडम्बर और साम्राज्यवादी दृष्टिकोण ही इसके जनक हैं।
       कुशवाहा ने कहा कि आतंकवाद वह ही नहीं हैं जिसे प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है बल्कि आतंकवाद हमारे आस-पास भी कई-कई चेहरे लिए घूम रहा है और हमारी आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने कहा कि समाज-जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी ड्यूटी के प्रति वफादारी नहीं निभाने से आने वाली पीढ़ियों के निर्माण और समग्र विकास के स्वप्नों पर आघात पहुंचता है और यह भी एक तरह का आतंकवाद है जिसके प्रति हमें चिंतन करना होगा।
      भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संवहन से ही आतंकवाद का खात्मा
       जिला कलक्टर ने कहा कि जहां कहीं शिक्षा और समझ की कमी अथवा प्रभुत्व की होड़ है, जहां नकारात्मक चिन्तन और संस्कारहीनता का माहौल है वहीं आतंकवाद के अंकुर पनप सकते हैं। ऐसे में हमें नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति के कालजयी मूल्यों और आदर्शों से जोड़ने पर सर्वाधिक ध्यान देना होगा और अच्छी तरह यह समझ पैदा करनी होगी कि धर्म और विविधताएं इस देश की विशेषताएं हैं लेकिन भारतीय संस्कृति सर्वत्र समान है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं रहा है।
      मीडिया सकारात्मक चिंतन करे
       जिला कलक्टर ने दुनिया में आतंकी हमलों के बाद मीडिया की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि मीडिया को ऐसी घटनाओं के बाद वीभत्स चित्र दिखाकर भय का माहौल पैदा करने की बजाय देश हित में सकारात्मक चिंतन के साथ काम करना होगा ताकि लोगों में भय पैदा करने के मकसद से होने वाले आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार लोग हतोत्साहित हो सकें।
      मुख्य वक्ता डॉ. इंदा की ओजस्वी वार्ता
       विचार गोष्ठी में ‘‘प्रायोजित आतंकवाद की चुनौती’’ विषय पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता विभागाध्यक्ष(राजनीति विज्ञान) डॉ. उम्मेदसिंह इंदा ने आतंकवाद को शक्तिशाली के विरूद्ध शक्तिहीन की रणनीति बताते हुए कहा कि आतंकवाद को सामान्य घटना की संज्ञा देने वाले आकाओं को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले से अच्छी तरह पता चल गया कि इसके घातक असर से एशिया कितना प्रभावित है।
       उन्होंने कहा कि प्रायोजित आतंकवाद से आज पूरी दुनिया त्रस्त है। ‘जिहाद इनसाइक्लोपीडिया’ के कई तथ्यों को रेखांकित करते हुए डॉ. इंदा ने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर सियासत करने के स्थान पर संवेदना की रणनीति अपनानी चाहिए। राह भटके हुए लोगों और लक्ष्य केन्द्रित आतंकवादियों के बीच अंतर को साफ किया जाना चाहिए और आतंकवाद को कहीं भी मज़हबी नज़रिये नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि दुनिया का कोई भी मजहब निर्दोषों की हत्या की आज्ञा नहीं देता।
      आतंकियों के मददगारों पर शिकंजा कसे
       डॉ. इंदा का मत था कि आतंकवादी कारिन्दों को दण्ड मिलना चाहिए लेकिन इससे कई गुना दण्ड उन लोगों को मिलना चाहिए जो इनके संगठनों से संबंध रखते हैं और धन की मदद करते हैं। इसके लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश मेें अनुमति देते समय भी इन विषयों पर गंभीर ध्यान देना जरूरी है।
       उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आतंकवाद की मान्य परिभाषा सामने आनी चाहिए वहीं आतंकी देशों को शेष दुनिया से बहिष्कृत किया जाना चाहिए। उन्होंने साइबर और नार्कों आतंकवाद पर तुरन्त रोक लगाने पर जोर दिया और मीडिया को राय दी कि होड़ की प्रवृत्ति छोड़ कर संजीदा रूप में पेश आए।
    


      आतंकवाद मानव सभ्यता पर कलंक
       पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला ने आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताते हुए कहा कि यह मानव सभ्यता के लिए कलंक है जिस पर काबू पाना वर्तमान पीढ़ी का फर्ज है। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन और संस्कृति तथा जीवनपद्धति में आध्यात्मिक रसांे का इस कदर समावेश है कि दूरदराज की झोंपड़ी में बैठा देहाती भी मस्ती के साथ जिन्दगी जीता है जबकि दूसरी ओर अमरीका का महानतम धनाढ्य भी पग-पग पर असन्तोष की मानसिकता में उलझा रहता है।
       कल्ला ने कहा कि अव्यवस्थाओं से व्यवस्था तलाशने और हिंसा के सहारे प्रभुत्व पाने के परिणाम सदैव घातक रहे हैं और इनसे समाज का भला कभी नहीं हो सकता है। आज संस्कारों और परम्परागत मूल्यों के बूते सामाजिक क्रांति लाकर तथा गांधीवाद को अपना कर ही आतंकवाद का खात्मा किया जा सकता है।
      शैशव से ही हो संस्कारों का संवहन
       लुधियाना यूआईटी के चैयरमेन मदनमोहन व्यास ने कहा कि देश के सम्मान को चोट पहुंचाने वाले आतंकवाद का खात्मा सबसे प्राथमिक जरूरत होनी चाहिए। देश हितों को सर्वोपरि रखते हुए सुरक्षा के प्रबन्ध सुनिश्चित करने के साथ ही आतंकवाद को आरंभिक अवस्था में ही खत्म कर देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शैशव में ही देशभक्ति और संस्कारों की भावनाओं का संवहन किया जाए तो व्यक्ति कभी भटकता नहीं।
       जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान मूलाराम चौधरी एवं जैसलमेर नगरपालिकाध्यक्ष अशोक तँवर तथा भूमि विकास बैंक चैयरमेन पूरणसिंह भाटी और द लिटल हार्ट स्कूल प्रबन्धक श्रीमती सुनीता एस. भाटी ने भी विचार रखे और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
       शिक्षाशास्त्री बालकृष्ण जोशी ने आतंकवाद को समाप्त करने के लिए दोहरे मानदण्ड समाप्त करने, उपद्रवियों को समाज से बहिष्कृत करने, आतंकी देशों को विश्व बिरादरी से अलग करने आदि पर जोर दिया।
       आरंभ में वरिष्ठ साहित्य चिंतक दीनदयाल ओझा ने दैनिक मरु महिमा के 16 वर्ष के सफर पर प्रकाश डाला और कहा कि जैसलमेर के विकास तथा जनाकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरते हुए अखबार ने अपना अहम स्थान बनाया है। निरन्तरता और निष्पक्षता के साथ जन सेवा का आदर्श स्थापित करने में अग्रणी भूमिका की बदौलत यह लोगों के दिलों में घर कर चुका है।
       दैनिक मरु महिमा के प्रधान संपादक श्याम सुन्दर व्यास ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और कहा कि आदर्श पत्राकारिता और लोक जागरण का लक्ष्य सामने रखकर पत्र ने जन-जन में अमिट छवि कायम की है इसके लिए सुधी पाठकों के प्रति उन्होंने आभार ज्ञापित किया।  विचार गोष्ठी का संचालन रंगकर्मी विजय बल्लाणी ने किया जबकि आभार प्रदर्शन की रस्म पत्र के संपादक शरद व्यास ने अदा की। कार्यक्रम में साहित्यकार, शिक्षाविद्, मीडियाकर्मी, समाजसेवी और शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।
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दरीखाना में महारावल को नजराना पेश


दरीखाना में महारावल को नजराना पेश



राजपरिवार के सदस्य व शहरवासियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया


जैसलमेर  जैसलमेर पूर्व रियासत की परंपराअनुसार आखातीज का दरीखाना शुक्रवार को आयोजित किया गया। स्थानीय मंदिर पैलेस में आयोजित दरीखाने से एकबारगी राजा-महाराजाओं के राज की याद ताजा हो गई। दरीखाना में पूर्व महारावल बृजराजसिंह सिंहासन पर बैठे और उनके पास उनके कामगार पारंपरिक वेशभूषा में खड़े थे।

दरीखाना के अवसर पर सर्वप्रथम महारावल के ज्येष्ठ पुत्र युवराज कुमार चैतन्यराजसिंह ने नजर की और महारावल ने शगुन के तौर पर मुट्ठी भरकर ताजा फल, फूल व सुपारी भेंट की। इसी क्रम में राजकुमार डॉ. जितेन्द्रसिंह, राजकुमार दुष्यंतसिंह, राजकुमार केसरीसिंह, कुंवर दिलीपसिंह राजावत ने भी नजर पेश व शगुन के फल प्राप्त किए। उसके बाद नगर के प्रबुद्धजनों में नारायणदान रतनू, ग्वालदास गोयदानी, शिवनारायण गोयदानी, सवाईसिंह देवड़ा, साबिर अली, चंद्रशेखर श्रीपत, रामसिंह ओला, मूलसिंह, लक्ष्मीनारायण खत्री, कृपाशंकर भाटिया के अलावा हजूरी समाज, राजपूत समाज, देशांतरी समाज, भाटिया समाज, खत्री समाज व अन्य समाजों के मौजिज लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

फोर्ट पैलेस म्यूजियम के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. रघुवीरसिंह भाटी ने बताया कि बैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को सतयुग व त्रेतायुग का शुभारंभ माना जाता है। इस दिन भगवान के तृतीय अवतार हयग्रीव छठे अवतार परशुराम व कातिका पुराण के अनुसार नर नारायण अवतारित हुए थे। मत्स्य व भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन गंगा स्नान, परशुराम व विष्णु पूजा, जप, तप, दान व तर्पण करने से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि मध्यकाल में इस शुभ दिन को अलग अलग कोटडिय़ों तथा स्थानीय निवासी जंगल में जाकर शगुन देखकर वर्षा की स्थिति का आंकलन किया करते थे। दुर्ग महलात में सर्वोतम विलास के डागले पर मौसम यंत्र लगा है जिसे आखातीज पर इस्तेमाल करके आने वाले सुकाल व अकाल की भविष्यवाणियां की जाती थी।

ग्रामीण अंचलों में ‘शारदा एक्ट’ कानून) की धजिजयां उड़ाते हुए सैकड़ों की तादाद में बाल विवाह


ग्रामीण अंचलों में ‘शारदा एक्ट’ कानून) की धजिजयां उड़ाते हुए सैकड़ों की तादाद में बाल विवाह
बाड़मेर: पाकिस्‍तान की सीमा से लगे राजस्‍थान के बाड़मेर जिले में गुरुवार रात को ग्रामीण अंचलों में ‘शारदा एक्ट’ (बाल विवाह को हतोत्‍साहित करने के लिए बनाया गया कानून) की धजिजयां उड़ाते हुए सैकड़ों की तादाद में बाल विवाह सम्पन्न हुए। जिला प्रशासन को इसकी सूचना होने के बावजूद वह इन बाल विवाहों को रोकने में नाकाम रहा। अब प्रशासन कानूनी कार्रवाई की बात कर रहा है। जिले के एक थाने में बाल विवाह रोकने के लिऐं 17 स़ह शिकायते प्रापत होने के बावजूद रक भी बाल विवाह नही रोका गया।गा्रमीणों नें आाखा तीज के एक दिन पहले गुरूवार की रात ही विवाह सम्पन्न कराऐ वही कई गांवों में शुक्रवार को भी बाल विवाह सम्पन्न हुऐ।आष्चर्य की बात हैं कि जिला प्रशासन तथा पुलिस विभाग के पास बाल विवाह की सूचनाऐं होने के बाद भी बाल विवाह नही रूक पाऐं।

सुत्रों के मुताबिक बाड़मेर जिले के एक दर्जन गांवों में वाल विवाह बेरोकटोक संपन्‍न हुए। सानावड़ा और बाटाडू गांवों में 12 बाल विवाह हुए। इन विवाहों में कई राजनीतिज्ञ भी शामिल हुए। जिन बच्‍चों/बच्चियों का विवाह हो रहा था, उनमें कई इतने कम उम्र के थे कि अपनी शादी के वक्‍त सो रहे थे। एक मासूम बालिका को तो थाली में बिठाकर परिजनों ने फेरे लगवाए। जिले में बाल विवाहों की कुरीति निरन्तर बढ़ रही है, लेकिन इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है।

शुक्रवार, 6 मई 2011

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जातीय पंचायत का तुगलकी फरमान जातीय पंचो ने हुका पानी बंद कर दिया


जातीय पंचायत का तुगलकी फरमान जातीय पंचो ने हुका पानी बंद कर दिया


बाड़मेर  राजस्थान के बाड़मेर जिले के नौसर गाँव में समाज के पंचॉ ने दो परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया है क्योकि इस परिवार वालो ने एक नाबालिग लड़की की शादी जाितय पंचो के कहने पर करने से इनकार कर दिया है १२ गांवो के पंचो ने यह भी फरमान सुना दिया कि अब  नाबालिग शांति को उठा कर ले जाएगे और उसकी शादी पिरजनो की मजी के खिलाफ रामाराम से करने पर उतारू है र्लिहाजा अब शांति ने  पंचॉ के खोफ  से  पढाई छोड़ दी है 
घर का चूल्हा तो रोज  जल रहा हें लेकिन जिन्दगी थमी थमी सी हें राजस्थान के बाड़मेर जिले के नोसर गाव में चेनाराम और उसके ससुराल  वालो के 12 गांवों के  जातीय पंचो ने हुका पानी बंद कर दिया है पीड़ित शांति  का पिता  चेनाराम  के अनुसार  अपनी बेटी शांति का रिश्ता दस साल पहले रामराम के साथ तय किया था लेकिन रामराम ने पाच साल पहले ही अपनी शादी किसी और जाती में कर दी तब मैंने  ने अपनी बेटी का रिश्ता तोड़ दिया था दो माह पहले रामराम की पत्नी की मोत हो गई तो रामराम और उसके परिवार वालो ने 12 गांवों के पंचो को 27 अप्रैल को इकठा किया और कहा कि मेरी सगाई शांति से हो रखी है और उसके पिता चेनराम अब शादी नहीं कर रहे है इस पंचो ने फरमान सुना दिया कि नाबालिग शांति कि शादी तो रामराम से ही होगी इस पर मैंने अपनी बेटी रिश्ता करने से पंचायत में मना कर दिया तो मेरे और मेरे ससुराल वालो का हुका पानी बंद कर दिया है अगर अब मुझे समाज में वापिस  आना है तो में अपनी दो बेटियों कि शादी पंच जहा  पर कहे वहा करू  और ढाई लाख का जुर्माना भी भरो
 चेनाराम  पीड़ित शांति  का पिता  नाबालिक शांति कि शादी तो रामराम से ही होगी इस पर मैंने अपनी बेटी रिश्ता करने से पंचायत में मना कर दिया तो मेरे और मेरे ससुराल वालो का हुका पानी बंद कर दिया है अगर अब मुझे समाज में वापिस  आना है तो में अपनी दो बेटियों कि शादी पंच जहा  पर कहे वहा करू  और ढाई लाख का जुर्माना भरी द्ध
अब चेनराम के परिवार वालो का हुका पानी बंद होने के बाद जिन्दगी थम सी गई हो शांति के भाई गणेश के अनुसार पंचो ने अब यह फरमान सुना दिया है कि हम शांति को उठा कर ले जाएगे जिसके खोफ से  शांति ने स्कूल छोड़ दी है अब हम खोफ में जी रहे है
इस पुरे मामले में बाड़मेर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाच भी कर ली है बायतु  बायतु थानाधिकरीजयराम नेबतायाकि ;चेनराम ने रिपोट पेश की थी और मैंने इस पुरे मामले कि जाँच कीाजाँचमें यह बात सही साबित हुई  है कि चेनराम को समाज से बहिष्कृतकर कर दिया है लिहाजा हमने 19 पंचो के खिलाफ मामल दर्ज करलियाहैतथा उन्हें  तीन चार दिनों में गिरफ्तार कर लिए  जाएगे