मंगलवार, 10 मई 2011

बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सैंकडों लोगों ने कई ट्रेनों को रोक दिया






बाड़मेर। कालका एक्सप्रेस के बायतु में ठहराव की मांग को लेकर मंगलवार को बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सैंकडों लोगों ने कई ट्रेनों को रोक दिया। सुबह पोने छ बजे बाडमेर से जोधपुर के लिऐ रवाना हुइ्र रेल को आनदोलन कारियों नंे बायतु से एक किलोमीटर पहले रोक दी।आन्दोलनकारी रेल की पटरियों पर सो गऐ रेल के रोकने के बाद बाडमेर से पोने सात बजे रवाना होने वाली कालका एक्सप्रेस को बाडमेर में ही रोक दिया तथा यात्रियों को किराया वापस लोटा दिया।जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मोके पर मौजूद ह।ैंइधर लिा मुख्यालय पर जितल कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक जिला स्तरीय अधिकारीयो तथा रेलवें के अधिकारीयों के साथ मंत्रणा कर रहे हैं।आन्दोलन कारियों नें शनिवार को भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस को रोकने की चेतावनी दे रखी हें।पुलिस विभाग ने बायतु में सूरक्षा के माकूल बनदोबस्त किऐं हैं। इन लोगों के ट्रेक पर जमा होने से करीब आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुई। इनमें से कई ट्रेनों को बालोतरा में ही रोक दिया गया है। आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे कैलाश चौधरी ने बताया किमंगलवार को बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सैंकडों लोगों ने कई ट्रेनों को रोक दिया। सुबह पोने छ बजे बाडमेर से जोधपुर के लिऐ रवाना हुइ्र रेल को आनदोलन कारियों नंे बायतु से एक किलोमीटर पहले रोक दी।
रेल को रोके जाने से सैंकड़ो यात्री बायतु में फंसे हुए हैं। एक यात्री हनुमान ने बताया कि बच्चे परेशान हो रहे हैं। ट्रेन यहां से कब निकलेगी इसका कोई भी रेलवे अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। बायतु के उपखंड अधिकारी महेश मेहता के अनुसार आंदोलन करने वाले लोगों की मांग वाजिब है। हम अपने अधिकारियों से बात कर रहे है जल्दी ही ट्रेन शुरू कर दी जाएगी।
 
ट्रेनों को रोकने वाले लोगों की मांग है की उन्हें लिखित में आश्वासन दिया जाए कि कालका एक्सप्रेस को आने वाले कुछ दिनों में यहां पर ठहराव किया जाएगा।
 
बायतु के आस पास के तीन सौ गांव के लोग लम्बे समय से मांग कर रहे हैं कि बाड़मेर से हरिद्वार जाने वाली कालका एक्सप्रेस का ठहराव दो मिनट के लिए बायतु में किया जाए।
 



1 टिप्पणी:

  1. 'आंदोलनरत बाड़मेर' बहुत ही उम्दा शीर्षक चंदनसिंह जी और उतनी ही उम्दा पोस्ट। तस्वीरों ने तो इसे जीवंत कर दिया है।
    कितनी बड़ी विडंबना है कि "बायतु के आस पास के तीन सौ गांव के लोग लम्बे समय से मांग कर रहे हैं कि बाड़मेर से हरिद्वार जाने वाली कालका एक्सप्रेस का ठहराव दो मिनट के लिए बायतु में किया जाए।" लेकिन किसी के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती। शर्मसार हो रहा है हमारा लोकतंत्र जिसमें लोक की ही कोई जगह नही... अब जब वे पटरी पर आए है तो सबको उनकी खामियां ही खामियां नजर आ रही है। कितना अजीब है कि रेल प्रशासन ग्रामीण जनताकी जायज माँगे भी मानने को तैयार नहीं...

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