बुधवार, 23 मार्च 2011

whole photo grafs of thar festival barmer 1 day event program


























चन्दा थार सुन्दरी व रामसिंह थार श्री
भव्य शोभा यात्रा के साथ तीन
दिवसीय थार महोत्सव का आगाज
बाडमेर, 23 मार्च। बाडमेर जिले की लोक कला, संस्कृति, इतिहास, पर्यटन एवं हस्तिल्प को उजागर करने के लिए जिला प्रासन द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव 2011 का आगाज बुधवार को भव्य भाोभायात्रा के साथ हुआ।
गांधी चौक से प्रातः 8.30 बजे जिला कलेक्टर गौरव गोयल तथा जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने भाोभायात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उशा जैन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पाशर्द, पूर्व पाशर्द तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।भाोभायात्रा में सबसे आगे थार महोत्सव के बैनर के साथ दो कलाकार तथा उनके पीछे सजे धजे ऊॅट, ोल थाली एवं नगाडे बजाते कलाकार, रंग बिरंगी पौाकों में सिर पर मंगल कला लिये महिलाएं चल रही थी। इसी प्रकार घोडों व ऊॅठों पर सवार थार श्री के प्रतिभागी, सनावडा की आंगी गैर ऊॅठ गाडों पर सवार लोक कलाकार गाते बजाते चल रहे थे। जिला कलेक्टर गौरव गोयल घोडे पर सवार होकर भाोभा यात्रा में भामिल हुए।
भाोभा यात्रा गांधी चौक, अंहिसा सर्किल, नेहरू नगर होते हुए सवेरे 10 बजे आदार स्टेडियम पहुंची। नगर के विभिन्न मौहल्लों, चौराहों पर नागरिकों ने भाोभा यात्रा में भामिल जिला कलेक्टर एवं जन प्रतिनिधियों का जगह जगह फूल बरसा कर स्वागत किया। भाोभयात्रा को देखने के लिए गली चौराहों पर बडी तादाद में महिलाएं, पुरूश एवं बच्चे इन्तजार मे थे।
आदार स्टेडियम पर जिला कलेक्टर गौरव गोयल तथा जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने थार महोत्सव के कार्यक्रमों का विधिवत भाुभारम्भ ोल बजाकर किया। इसके बाद आंगी गैर दलों ने गैर नृत्यों को प्रदार्न किया। इसके बाद रोचक एवं रोमांचकारी लोक प्रतियोगिताओं का सिलसिला भाुरू हुआ। सर्व प्रथम ोल वाहन प्रतियोगिता हुई जिसमें ईवर भाई प्रथम, रजाक खां द्वितीय तथा भूरा खां तृतीय स्थान पर रहें। इसी प्रकार ऊॅठ श्रंृगार प्रतियोगिता में अखाराम के ऊॅठ को प्रथम, थानाराम के ऊॅठ को द्वितीय तथा रमजान खां के ऊॅठ को तृतीय स्थान मिला। रंगोली प्रतियोगिता में रेखा प्रथम, प्रियंका सोनी द्वितीय व अल्पना तृतीय स्थान पर रही। वहीं मेहन्दी प्रतियोगिता में हेमलता प्रथम, सन्तोश भार्मा द्वितीय तथा प्रियंका व दुर्गावती तृतीय स्थान पर रही। साफा बांध प्रतियोगिता में छगनलाल प्रथम, माधोसिंह व विरधीचन्द द्वितीय तथा रजाक खा व भैरूसिंह तृतीय स्थान पर रहें। इसी प्रकार मूंछ प्रतियोगिता में सुभाश पुरोहित व रामसिंह राजपुरोहित प्रथम, चान्दमल व मदनसिंह द्वितीय तथा गुलाबाराम व खेतसिंह तृतीय स्थान पर रहें।
संयुक्त परिवार के प्रतिक दादा पोता दौड प्रतियोगिता भैराराम व उनका पोता प्रका प्रथम स्थान, ईाराराम व प्रदीप द्वितीय स्थान तथा राजूराम व उनका पोता मोती तृतीय स्थान पर रहें। घोडी नृत्य प्रतियोगिता में साले खां की घोडी काजल को प्रथम, हबीबदूुल्ला की घोडी को द्वितीय व जमाल खां की घोडी को तृतीय स्थान मिला।
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इन्ही प्रतियोगिताओं के सिलसिले में मटका दौड प्रतियोगिता काफी रोचक रही। इस प्रतियोगिता में सिर पर पानी से भरा मटका रखकर दौडते कदमों से अपनी मंजिल पर सबसे पहले पहुंचने वाली भांति देवी को प्रथम पुरस्कार दिया गया जबकि इस प्रतियोगिता मे मधु को द्वितीय व सन्तोश खत्री को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। दम्पति दौड में जयराम व उनकी धर्मपत्नि श्रीमती भाोभा को प्रथम, मोहनलाल व उनकी धर्मपत्नि श्रीमती भांति देवी को द्वितीय तथा भगाराम व उनकी धर्मपत्नि हीरा तृतीय स्थान पर रहें।
महिलाओं एवं पुरूशों के बीच अलगअलग वर्गो में हुई रस्सा कसी प्रतियोगिता बेहद रोमांचकारी रही। प्रथम वर्ग में भारतीय बनाम विदोी टीम के मध्य रस्सा कस्सी प्रतियोगिता में विदोी टीम प्रथम स्थान पर रहीं। वहीं महिलाओं के वर्ग में कडी स्पर्धा के बीच घरेलू महिलाओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि कामकाजी महिलाएं दूसरे स्थान पर ही। इसी कडी में पुलिस बनाम पत्रकारों के बीच आयोजित रस्सा कस्सी प्रतियोगिता में पुलिस की टीम को प्रथम तथा पत्रकारों की टीम को द्वितीय स्थान हासिल हुआ।
प्रतियोगिताओं की कडी में सर्वाधिक लोकप्रिय थार श्री एवं थार सुन्दरी के प्रति दार्कों का काफी रूझान रहा। थार सुन्दरी प्रतियोगिता में दो दर्जन से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया तथा थार श्री प्रतियोगिता में 8 प्रतिभागीयों ने अपना भाग्य आजमाया। इस वशर का थार सुन्दरी का खिताब चन्दा के नाम रहा जबकि रामसिंह राजपुरोहित इस वशर के थार श्री चुने गये। स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर की ओर से थार श्री एवं थार सुन्दरी को 5100/, 5100/, रस्सा कस्सी में विजेता टीमों को 2100/, 2100/ तथा अन्य प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को 1100/, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वालो को 700/ तथा तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागीयों को 500/ रूपये के नकद पुरस्कार जिला कलेक्टर गौरव गोयल, जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर एवं नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उशा जैन द्वारा प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन जफर खान सिन्धी ने किया।
इसी दिन के थार महोत्सव के कार्यक्रमों में सायं 4 बजे से महाबार में आकशर्क घुड दौड व ऊॅठ दौड प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। ऊॅठ दौड प्रतियोगिता में सांगसिंह प्रथम स्थान पर रहे जबकि सुमार खां द्वितीय तथा हनवंतसिंह तृतीय स्थान पर रहें। इसी प्रकार घुड दौड प्रतियोगिता में लखा खान प्रथम, रामाराम द्वितीय व निजाम खां तृतीय स्थान पर रहें। इसके पचात सहायक कमाण्डेन्ट संदीप गवी के नेतृत्व में बीएसएफ के जवानों ने आकशर्क केमल टेटू भाौ का प्रदार्न किया।
आज के कार्यक्रम
थार महोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रमों में गुरूवार को किराडू मुख्य आकशर्ण का केन्द्र रहेगा। इस दिन यहां प्रातः 9 से 12 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे, जिसमें थार की परम्परागत लोक कला को प्रस्तुत किया जाएगा। इसी दिन सायं काल में आदार स्टेडियम में सायं सात बजे से राजा हसन की नाईट के अन्तर्गत राजा हसन आकशर्क प्रस्तुतियां देंगे।
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SHAHEED..BHAGAT SINGH....MERA RANG DAI BASANTI CHOLA ,

Ek hasrat thi ke aanchal ka mujhe pyar mile (Mukesh).flv

मंगलवार, 22 मार्च 2011

थार महोत्सव’’थाने उडीके बाड़मेर’’




थार महोत्सव’’थाने उडीके बाड़मेर’’
बाड़मेर जिला लोक संस्कृति से परिपूर्ण हैं। गांव ढाणी पगपग पर लोक कला बिखरी पडी हैं। लोक कला को समेटने का प्रयास बाड़मेर थार महोत्सव के जरिए किया गया। यह महोत्सव आगे जकार थार महोत्सव बना।
थार की थली में तीन दिवसीय थार महोत्सव का आगाज 11वीं तथा 12 शताब्दी के ऐतिहासिक प्रस्त नगरी किराडू में होता हैं। शास्त्रीय संगीत से शाम सजती हैं। गजल गायकी के साथसाथ भजन की स्वर लहरियां इन प्राचीन भग्नावेशों में गुंजायमान होती हैं। विश्व पर्यटन मानचित्र में पहचान कायम करने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा थार महोत्सव के जरिए किया जा रहा हैं। देशी विदेशी शैलानियों को थार की थली की तरफ आकर्षिक करने के लिये इस महोत्सव में नए, रोचक एवं दिलचस्प कार्यक्रमों का समावेश किया गया। लोक संस्कृति से रूबरू कराते ख्यातनाम देशी कलाकारों को आमंत्रित किया जाता हैं।
इस महोत्सव में हस्त शिल्प मेले का आयोजन किया जाता हैं। जिसमें स्थानीय हस्तशिल्पकारों के हाथों से तैयार काष्ठ कला के फर्नीचर, कांच कशीदाकारी के वस्त्र, खादी वस्त्र, कम्बलें, पट्टु जैसे उत्पादन मेले की शोभा ब़ाते हैं। शोभा यात्रा का दिलकश नजारा सजेधजे युवकयुवतियां, पारम्परिक वेशभूषा पहने बालाएं जो सिरों पर कलश लेकर शोभा यात्रा की अगुवाई करती हैं। इसी संस्कृति से रूबरू कराती हैं। यह शोभायात्रा आदर्श स्टेडियम जाकार समाप्त होती हैं। इसके साथ ही थार की संस्कृति से रूबरू कराती विभिन्न प्रतियोगिताओं का दौर आरम्भ होता हैं। सर्वाधिक लोकप्रिय प्रतियोगिता थारश्री तथा थार सुन्दरी के प्रति दर्शको का जबदस्त रूझान हैं। थारश्री प्रतियोगिता में सुन्दर, छैल, छबीले नौजवान तथा थार सुन्दरी प्रतियोगिता में मृगनयनी अनुपम सौन्दर्य प्रतीक नव युवतियां चाव से भाग लेती हैं।
युवको की बडीबडी नशीली आंखे, रोबदार चेहरा, बी हुई दा़ी व रोबीली मूंछे थार संस्कृति का पहनावा कुर्ता, धोती एवं साफा पहना वीर लगते हैं। गले में परम्परागत आभूषण इनके चेहरे की सुन्दरता ब़ाते हैं।
परम्परागत मारवाड़ी वेशभूषा में सजी धजी युवतियां शीरी, लैला, भारमली मूमल, जूलिएट के अनुपम सौन्दर्य की याद ताजा कर देती हैं। इस दिन पगडी बांधो प्रतियोगिता, दादा पोता दौड, भागता बाराती, छीना झपटी, रस्सा कस्सी जैसी प्रतियोगिताओं के साथ ऊंट श्रंृगार प्रतियोगिता दर्शको में रोमांच भरती हैं। वहीं परम्परागत ोल वादन प्रतियोगिता में ोल वादक दर्शको को थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। दूसरे दिन महाबार थार की थली में लोक संस्कृति से सजी धजी गीत संगीत की सुरमई शाम का आनन्द लेते हैं। स्थानीय लोक संस्कृति लोकगीत, लोक गायकों द्वारा अविस्मरणीय प्रस्तुतियां दी जाती हैं। दमादम मस्त कलन्दर, निम्बुडा, होलियों में उड़े रे गुलाल, जवांई जी पावणा, जैसी प्रस्तुतियां लोक कलाकारों द्वारा रेतीले धोरो के मध्य चान्दनी रात में दी जाती हैं, जो दर्शको को झूमने पर मजबूर करती हैं। तीसरे व अंतिम दिन वीर दुर्गादास की कर्मस्थली कनाना में शीतला सप्तमी का विशाल मेला लगता हैं। जहां गैर नृतक सूर्योदय की पहली किरण के साथ माटी की सोंधी महक में अपनी स्वर लहरियां बिखेरते हैं। श्रेष्ठ गैर नृतक दलों को पुरस्कृत किया जाता हैं।

विदेशी पर्यटकों को अधिकाधिक जोड़ने के लिए इन्टरनेट पर थार महोत्सव के नाम से एक बेबवाईट भी डाली गई हैं। जिसके लिए विभिन्न पर्यटन एजेन्सियों से सम्पर्क साध अधिकाधिक विदेशी सैलानियों को जोड़ने का प्रयास किया। वहीं मनीष सोलंकी द्वारा निर्मित प्रतीक चिन्ह को चयन किया। थार के रेतीले धोरे, रेगिस्तान का जहाज ऊंट, उमंग भरे नृत्य इतिहास के साक्षी किराडू मन्दिर तथा रंगाई छपाई को दर्शाते इस प्रतीक में थार संस्कृति समाहित हैं। मनीष सोलंकी ने इसका शीर्षक ’’थाने उडीके बाड़मेर’’ दिया। 

जल माफिया बेचते हेैं करोड़ों का अवैध पानीे






जल माफिया बेचते हेैं करोड़ों का अवैध पानीे


बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर मे जिले में पेयजल की भारी किल्लत के कारण थारवासी जहॉ पलायन को मजबूर हो रहे हैं,वहींजिले क ेजल माफिया प्रति वशर करोड़ो रुपयों का अवैध पानी बेच कर चान्दी काट रहे हैं।स्थानिय वासियों को पानी पीने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही हैं।पानी की एकएक बून्द के लिए मोहताज थार वासियों ने सपने में भी नहीे सोचा था कि उन्हे पीने के पानी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।


रेगिस्तान में पानी का करोड़ो का कारोबार अविश्वसनीय जरुर लगता है,किन्तु सत्य हैं।पिश्चमी राजस्थान के बाड़मेर मे जिले म ेंपेयजल संकट से जूझते आमजन के लिए पीने का पानी जॅहा एक बड़ा संकट हैं वहीं इन जल माफियों के लिए आमदनी का जरिया बना हुआ हैं।एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि सभी गांवों में पानी पहुॅचाया जा रहा है।जबकि हकीकत में गा्रमिणों को पेयजल की भारी कीमत चुकानी पड़ रही हैं।गांवों में पेयजल योजनाऐं ठप्प पड़ी हैं।टृैक्टर के पहियों पर पानी के करोड़ो रुपयों के अवैध कारोबार का धन्धा सरकारी कर्मचारीयों की महरबानी से निर्बाध चल रहा हैं।जिले का कोई गांवाणी ऐसी नहीं हैं जहॉ गा्रमीणों को पानी खरीदना नहीं पड़ता हो। 



लगातार छः सालो से पड़ रहे अकाल ने को में खाज का काम किया है।मानसून मेहरबान होता है तो साल के चार महिनेों में पानी के लिए मारामारी खत्म हो जाती हैं।मगर ोश आठ माह में पेयजल संकट से ग्रस्त गांवों में रहने वाले लोगो को पानी खरीद कर ही पीना पड़ता हैं।इस बार बरसात के अभाव में निरन्तर पेयजल संकट रहा हैंसर्दी के मौसम में भी टृेक्टर से पानी विपणन का कार्य चरम पर हैं।अमुमन गर्मियों में एक टेंकर पानी की करमत चार सौ रुपयें होती है,इस बार सर्दियों में भी एक टृेक्टर पानी की कीमत 550600 रुपये हैं।जल माफिया इतने दुःसाहसी हैकिअपने व्यवसाय में तेजी लाने के लिए सरकारी कारिन्दों से मिली भगत कर सरकारी योजनाओं को ठप्प करवा देते हैं। 


, ऐसे में गा्रमिणों को मजबूरी वश मुहॅमांगी कीमतों पर पेयजल टेंकर मंगवाने पड़ते हैं।माफिया स्थानिय कर्मचारियों केसाथ मिलकर तकनीकि गड़बड़ीयॉ कराते हैं किजल विभाग के आला अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाते।ऐसा ही एक माजरा नया मलवा में सामने आया।इस गांव की पाईप लाईन पिछले छः माह से बाधित हैं।गा्रमिण लम्बे समय से जिला कलक्टर,विधायक तथा अधिशासी अभियंता तक को कई र्मतबा शिकायतें करने के उपरांत पाईप लाईन दुरुस्त नही हो पाई।गा्रमिण आज भी 600 रुपये देकर पानी के टेंकर मंगवा रहे हैं।पाक सीमा से सटे सैकड़ों गांवों में इस तरह पाईप लाइ्रनें बाधित पड़ी हैं।गांवों में पेयजल संकट के कारण गा्रमिणों की हालात खराब हैं।गा्रमिणों को पानी के उपभोग में कंजुसी करने के बावजूद भी सामान्यतः पांचछः सदस्यों एवं एकदो पशु रखने वाले वाले परिवार को प्रति माह एक टेंकर खरीदना ही पड़ता हैं। 


पीरे का पार गांव निवासी श्रीमति ाहदाद ने बताया कि बरसात के समय टांकों में तीनचार माह का पानी आ जाता हैं।जिसके चलते पेयजल संकट से कुछ राहत मिलती हैं।मगर इस बार बरसात के अभाव में टांके सूखे पड़े हैं।भेड़ पालन का काम होने के कारण एक माह में लगभग तीन टेंकर पानी डलवाना ही पड़ता हैं।एक टेंकर पानी की कीमत 550600 रुपये अदा करनी पड़ती हैंसाल भर मे लगभग तीस हजार रुपये का पानी खरीदना पड़ता हैं।जिले में सतही पारम्परिक जल स्त्रोतों जैसे तालाब,बेरी,कुऐं,टाकों से उपलब्ध होता है।ैंइन स्त्रातों में बरसात का पानी संग्रर्हण कर रखा जाता है।ैंभूजल के रुप में कुछ स्थानों पर कुॅओं,टयूबवेलों से पीने का पानी गुणवतायुक्त उपलब्ध होता हैं।पीने योग्य भूजल वाले क्षैत्रों में अधिकतर किसानों के निजी टयूबवेल तथा कुऐं हैं। 


किसान इस पानी का उपयोग कृशि सिंचाई के अतिरिक्त टेृक्टरटेंकर वालों को विक्रय करते है ।ंकिसान एक टेंकरटेक्टर की भराई कीमत 100150 रुपयें में करवाते हैं।इस प्रकार निजी टयूबवेल व कुओं के मालिक भूजल दोहन कर लाखों रुपये की कमाई करते है।वहीं टृेक्अरटेंकर मालिक उसी पानी को गांवों तक परिवहन कर 350700 रुपयें तक वसुलते हैं।जल माफिया आर्थिक,सामाजिक, एवं राजनीति रुप में इतने प्रभावी हैं कि इन्हें सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों से टेंकर भरने से रोकने का साहस कोई नहीं कर पाता।जिले में लगभग पन्द्रह हजार टेंकर हैं।



बाड़मेर जिले में विभिन्न सरकारी योजनाओं में लगभग आठ लाख टांके बने हुए हैं इसके बावजूद पेयजल संकट यथावत हैं।जिला परिशद सदस्य रिड़मलसिंह दांता के अनुसार जन स्वास्थ्य विभाग को पेयजल योजनाओ पर खर्चा बन्द कर देना चाहिये।जिले में अरबों रुपये इन पेयजल योजनाओं पर व्यय किए गए हैं।मगर आहतों को आज तक राहत नहीं मिल पाइ्रंउनके अनुसार पेयजल आपूर्ति का कार्य ठेके पर दे देना चाहिये।गा्रमीणों को पानी खरीद कर ही पीना हैं,तो विभाग पर अनावश्यक खर्चा क्यों। 


जिला कलेक्टर  ने बताया कि जिले में पेयजल सरंक्षण के विोश उपाय किऐ जा रहे है।मनरेगा योजना में लगभग 50 हजार आंकों का निर्माण कराया जाकर जल सरंक्षण के बेहतरीन प्रयास किऐं गये हैं।साथ ही परमपरागत पेयजल सत्रोतों के जीर्णोद्घार तथा मरम्मत के लिऐं बउी संख्या में सवीकृतिया। जारी की गई हैंजल माफियों के खिलाफ कडे कदम उठाऐं जा रहे हैं।

सोमवार, 21 मार्च 2011

शव उठाने से इनकार डीजीपी हरीशचंद्र मीना के काफिले पर ग्रामीणों ने जबरदस्त पथराव


जयपुर। सवाईमाधोपुर के सूरवाल में छात्र नेता राजेश मीणा के आत्मदाह के बाद भड़का माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। आज सीआई फूल मोहम्मद के गांव खीरवा में पीडित परिवार से मिलने गए डीजीपी हरीशचंद्र मीना के काफिले पर ग्रामीणों ने जबरदस्त पथराव किया। गौरतलब है कि दूसरी ओर छात्रनेता राजेश मीणा को शहीद का दर्जा देने की मांग पर उसके गांव वाले भी अडे हुए हैं और उन्होंने 90 घंटे बाद भी शव उठाने से इनकार कर दिया है।

90 घंटे बाद भी नहीं उठा शव

सवाईमाधोपुर के सूरवाल में छात्र नेता राजेश मीणा के आत्मदाह के बाद भड़का माहौल ऊपरी तौर पर तो शांत दिख रहा है लेकिन अंदर ही अंदर असंतोष का लावा अभी भी सुलग रहा है। छात्रनेता राजेश मीणा को शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़े ग्रामवासियों ने 90 घंटे बाद भी राजेश का शव उठाने से इनकार कर दिया है। वहीं सूरवाल और आस-पास के गांव में लोगों ने होली नहीं मनाई। अपने साथी की मौत के शोक में सवाईमाधोपुर जिले के पुलिसकर्मी समेत जयपुर और राज्य के कई हिस्सों में पुलिसवालों ने भी होली नहीं मनाई। अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने सरकार को अपनी मांगों के संबंध में 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया हुआ है, वो भी आज समाप्त हो रहा है। पुलिस सतर्क है, लेकिन अफवाहों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

जानकारी के अनुसार, आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार को जड़ावता में महापंचायत कर सोलह सूत्री मांग पत्र तैयार किया है। साथ ही सरकार को चेतावनी दी है कि उनकी ये मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। गांववालों ने सरकार से मांग की है कि राजेश को भी शहीद का दर्जा दिया जाए और उसके परिजनों को पुलिसकर्मी के परिजनों के समान आर्थिक सहायता मिले।
घटना के विरोधस्वरूप क्षेत्र के दो दर्जन से अघिक गांवों में होली नहीं मनाई गई है। तनावपूर्ण हालात देखते हुए राज्य सरकार की ओर से क्षेत्र में अतिरिक्त जाप्ते की व्यवस्था की गई है।

ये हैं मुख्य मांगे :
राजेश मीणा को शहीद का दर्जा मिले
डॉक्टर विष्णुकांत का निलंबन हो
उपअधीक्षक महेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर मुकदमा चले
राजेश मीणा के परिवार को पुलिस अघिकारी के समान आर्थिक सहायता
मेडिकल बोर्ड से पोस्टमाटर्म हो
दाखा देवी के हत्यारों की गिरफ्तारी हो
परिजनों को एक लाख रूपए की सहायता
इस घटनाक्रम में दर्ज मामलों को वापस हों
घटना के लिए जिला कलक्टर और एसपी को आरोपित कर मुकदमा चलाएं।

बाबा रामदेव के आदर्शो पर चलने की आवश्यकता : विधानसभा अध्यक्ष श्री शेखावत




बाबा रामदेव के आदर्शो पर चलने की आवश्यकता : विधानसभा अध्यक्ष श्री शेखावत
जैसलमेर, 21 मार्च/ विधानसभा अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि मध्यकालीन लोकदेवता बाबा रामदेव सच्चे अर्थो में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता के प्रणेता थे। उन्होने तत्कालीन विषम सामाजिक परिस्थितियों में अछूतोद्वार की अलख जगा कर समाज के शौषित वर्ग को सम्मान प्रदान कर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया था।
विधानसभा अध्यक्ष श्री शेखावत सोमवार को रामदेवरा स्थित भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार बाबा रामदेव की समाधी की पूजाअर्चना के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होने कहा कि बाबा रामदेव के आदर्श आज भी प्रासंगिक है तथा समाज को उनके आदर्शो पर चलने की आवश्यकता है। श्री शेखावत ने कहा कि यह हमारे लिये अत्यन्त गर्व एवं गौरव का विषय है कि बाबा रामदेव ने पश्चिमी राजस्थान की धरती में जन्म लेकर इस प्रदेश की विश्व स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाई है।
विधानसभा अध्यक्ष श्री शेखावत ने बाबा रामदेव की कर्मस्थली रामदेवरा में उनकी समाधी की पूजाअर्चना की तथा देश एवं प्रदेश में अमनचैन तथा खुशहाली की कामना की। उन्होंने बाबा की समाधी पर प्रसाद च़ाया तथा झारी के पवित्र जल का आचमन किया। श्री शेखावत ने मंदिर परिसर का भ्रमण कर बाबा रामदेव के जीवन वृतांत से संबंधित चित्रो का अवलोकन किया तथा इस अवसर पर उपस्थित श्रृद्घालुओ और रामदेवरा वासियो से बातचीत कर भक्तजनो की यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाए जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
पूजारी श्री छोटूलाल छगाणी ने शास्त्रौक्त विधि से पूजाअर्चना कराई तथा श्री शेखावत को प्रसाद भेंट किया। श्री शेखावत ने बाबा की समाधी की परिक्रमा की एवं अखण्ड जोत के दर्शन किए। इस अवसर पर जैसलमेर विधायक श्री छोटूसिंह भाटी, कोलायत विधायक श्री देवीसिंह भाटी, फलौदी विधायक श्री ओम जोशी के साथ ही रामदेवरा सरपंच श्री कानाराम मेघवाल उपस्थित थे। श्री शेखावत का रामदेवरा ग्रामपंचायत सभागार मे सरपंच श्री कानाराम मेघवाल ने साफा पहना कर अभिनन्दन किया तथा उन्हें बाबा रामदेव की तस्वीर भेंट की।
इससे पूर्व रामदेवरा फलौदी सड़क मार्ग पर जिले की सीमा में प्रवेश करने पर पंचायत समिति सांकड़ा के प्रधान वहीदुल्ला उपखण्ड अधिकारी पोकरण श्री अशोक चौधरी, उप अधीक्षक पुलिस श्री कल्याणमल बंजारा, विकास अधिकारी पंचायत समिति सांकड़ा श्री डूंगर सिंह चौधरी एवं नगरपालिका पोकरण के पूर्व अध्यक्ष श्री नन्द किशोर गांधी,समाजसेवी श्री रमेश माली एवं रामदेवरा सरपंच श्री कानाराम मेघवाल ने श्री शेखावत की अगवानी की तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
श्री शेखावत ने सोमवार को प्राचीन शक्तिपीठ श्री भादरियाराय मंदिर में मातेश्वरी भादरियाराय जी की प्रतिमा की पूजाअर्चना की तथा प्रसाद च़ाया। यहां पूजारी श्री नंद किशोर शर्मा ने विधि विधान सहित पूजाअर्चना कराई। श्री शेखावत ने भादरियाराय माता से देश व प्रदेश में सुखशांति एवं खुशहाली का वातावरण बनाए रखने की कामना की।
श्री शेखावत ने ब्रहमलीन संत सिरोमणी भादरिया महाराजहरवंश सिंह निर्मल की समाधी पर पहुंच कर श्रृद्घासुमन अर्पित किए। उन्होने कहा कि भादरिया महाराज ने जो जनसेवा का बीड़ा उठाया था हमें उनके बताए रास्ते पर चल कर उनके सपनो को साकार करना है।
श्री भादरिया मंदिर पहुंचने पर पूर्व विधायक श्री सांगसिंह भाटी, गोमट सरपंच श्री ईस्माइलखां मेहर, समाजसेवी श्री कंवराज सिंह, श्रीजगदम्बा सेवा समिति के मंत्री श्री जुगल किशोर आसेरा ने श्री शेखावत का माल्यार्पण कर स्वागत किया। श्री शेखावत ने इस अवसर पर यहां संचालित की जा रही गौशाला, पुस्तकालय एवं अन्य व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में पूछताछ की। श्री आसेरा ने उन्हें श्रीजगदम्बा सेवा समिति से अवगत कराया तथा श्री भादरिया महाराज द्वारा रचित पुस्तक भेंट की।
श्री शेखावत ने श्री भादरिया से अपने निर्धारित कार्यक्रमनुसार बीकानेर के लिये प्रस्थान किया।

रविवार, 20 मार्च 2011

बाड़मेर का विश्व प्रसिद्ध गैर डांडिया नृत्य








बाड़मेर का विश्व प्रसिद्ध

गैर डांडिया नृत्य

पश्चिमी राजस्थान का सीमान्त जिला बाड़मेर अपनी लोक संस्कृति, सभ्यता व परम्पराओं का लोक खजाना हैं।जिले में धार्मिक सहिष्णुता का सागर लहराता हें। इस समुद्र में भाईचारे की लहरें ही नहीं उठती अपितु निष्ठा, आनन्द, मानवता, करूणा, लोकगीतसंगीत, संस्कृति व परम्परोओं के रत्न भी मिलते हैं। बाड़मेर की जनता अपनी समृद्ध कला चेतना निभा रही हैं। यह प्रसन्नता की बात हैं। जिले को गौरव प्रदान करने में गैर नृतकों ने अहम भूमिका निभाई हैं।

मालाणी पट्टी में गैर नृत्यों की होली के दिन से धूम रहती हैं। यह धूम कनाना, लाखेटा, सिलोर, सनावड़ा सहित अने क्षेत्रों में समान रूप से रहती हैं। यही गैर नृत्य बाड़मेर की समृद्ध परम्परा व लोक संस्कृति का प्रतीक हैं। प्रतिवर्ष चैत्र मास में अनेक गैर नृत्य मेले लगते हैं। इन मेलों का धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृति महत्व समान हैं। लाखेटा में किसानों का यह रंगीला मेला प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता हैं। पिछले चार सौ वर्षो से लोगो का प्रमुख धार्मिक आस्था स्थल लाखेटा हैं। जहां बाबा संतोष भारती की समाधि हैं। गैर नर्तको के सतर से अधिक दल इस मेले में भाग लेते हैं। सूय की पहली किरण के साथ गैर नृत्यों का दौर आरम्भ होता हैं। माटी की सोंधी महक, घुंघरूओं की झनक से मदमस्त कर देती हैं। किसानों का प्रमुख गैर नृत्य मेला जिसमें बाड़मेर, जोधपुर, पाली, जालोर जिलो से भी गैर नृतक शरीक होकर इस गैर नृत्य मेले को नई ऊंचाईयां प्रदान करते हैं।

गांवो से युवाबुजुर्गो के जत्थे हर्षोल्लास के साथ रंग बिरंगी वेशभूषा और लोक वाद्य यंत्रों के साथ भाग लेते हैं। मेले में युवा ग्रामीण गोलाकरअर्द्ध गोलाकार घेरे में विभिन्न मुद्राओं में ोल की ंकार, थाल टंकार पर नृत्य करते और हाथों में रखी एक मीटर की डण्डी आजू बाजू के गैरियों की डण्डियों से टकराते हैं और घेरे में घूमते हुए नृत्य करते हैं। गैरिये चालीस मीटर के घाघरे पहन हाथों में डाण्डियें, पांवो में आठआठ किलो वजनी घुंघरू पहन जब नृत्य करते हैं तो पूरा वातावरण कानो में रस घोलने लगता हैं। ोल की ंकार और थाली की टंकार पर आंगीबांगी नांगी जत्था गैर, डाण्डिया गौरों की नृत्य शैली निहारने के लिये मजबूर कर देती हैं। शौर्य तथा लोकगीतों के साथ बारीबारी से गैर दलों द्वारा नृत्य का सिलसिला सूर्यास्त तक जारी रहता हैं। 1520 समूह गैरियों के रूप में भाग लेते हैं गैर दलों की वेशभूषा के अनुरूप ही विभिन्न नृत्य शैलियां होती हैं। सफेद आंगी जो 4040 मीटर कपडे की बनी होती हैं। उस पर लाल कपडा कलंगी लगाकर जब नृत्य करते हैं तो मेले की रंगीनियां तथा मांटी की सोंधी महक श्रद्घालुओं को झूमने पर मजबूर कर देती हैं। सम्पूर्ण मेला स्थल गीतों, फागो और लोकवाद्य-यंत्रों की झंकारों, टंकारो व ंकारो से गुंजायमान हो उठता हैं। लोक संस्कृति को संरक्षण देने वाले लाखेटा, कनाना, कोटडी, सरवडी, कम्मो का वाडा, भलरों का बाडा, मिया का बाडा, खुराणी सहित आप पास के क्षेत्रों में गैर दल चंग की थाप पर गातेनाचते हैं। वहीं इसी क्षेत्र की आंगी बांगी की रंगीन वेशभूषा वाली डाण्डिया गैर नृत्य दल समां बांधने में सफल ही नहीं रहते अपितु मेले को नई ऊंचाईयां प्रदान करते हैं। वीर दुर्गादास की कर्मस्थली कनाना का मेला जो शीतलासप्तमी को लगता हैं, अपने अपन में अनूठा गैर नृत्यमेला होता हैं जो सिर्फ देखने से ताल्लुक रखता हैं। हजारों श्रद्घालु मेले में भाग लेते हैं। सनावड़ा में भी होली के दूसरे दिन का गैरियों का गैर नृत्य वातावरण को रंगीन बना देता हैं। पूरा आयोजनस्थल दिल को शुकून प्रदान करता हैं।

Rajasthani Songs HOLI & PHAGUN High Quality

Rajasthani Bhajan JESANE RI BAI

Rajasthani Bhajan FOLK KAMLI

Rajasthani Songs Ude Bai Ri Makhi

Mithe Ras Se Bhari Radha Rani Lage - Shrinathji ni jhankhi

Aaj Biraj mein Holi (Holi Bhajan) -Acharya Mridul Krishan

शनिवार, 19 मार्च 2011

PYARI BITIYA PARUL KI AUR SE AAP SAB KO HAPPY HOLI AND DHULANDI....

PAPAJI KE SABHI FACE BOOK AUR BLOG KE MITRO KO HAPPY HOLI....HAPPY HOLLY ALL FACEBOOK AND BLOG FRIENDS OF MY DADDY SHREE CHANDAN SINGH BHATI...KHAMMA GHANI....UNCLES..AUNT AND BROTHER SISTER...DADAJI,DADIJI.....

Old is Gold - Holi Clasical "Navrang"

INDIAN CLASSICAL SONG IS A BEST IN WORLD

"Ladki Hai Ya Shola" - Song - SILSILA

aaj brij mein holi re rasiya

भारत या भारत के बाहर रहने वाले सभी लोगो को मेरे तरफ़ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं



भारत या भारत के बाहर रहने वाले सभी लोगो को मेरे तरफ़ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं

शुक्रवार, 18 मार्च 2011

पाकिस्तान जाने वाले यात्रियों के वीजा व पासपोर्ट की जांच अब भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर



पाकिस्तान जाने वाले यात्रियों के वीजा व पासपोर्ट की जांच अब भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर
बाडमेर, आंतकी हमले की आशंका की वजह से थार एक्सप्रेस की सुरक्षा मजबूत करने के बारे में बीएसएफ मुख्यालय में लीड इंटेलीजेंस एजंेसीज की बैठक में मंथन किया गया। इसमें तय किया गया कि पाकिस्तान जाने वाले यात्रियों के वीजा व पासपोर्ट की जांच अब भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर होगी। जोधपुर में लिंक थार एक्सप्रेस की यार्ड में सुरक्षा मजबूत करने सहित महिला यात्रियों की जांच केबिन में करने और एक्स-रे मशीन लगाने का निर्णय भी किया गया। 

बीएसएफ राजस्थान सीमांत के आईजी केएल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में थार एक्सप्रेस की सुरक्षा को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बंदोबस्त में खामियों पर चर्चा करते हुए खुफिया एजेंसियों ने यात्रियों के सामान की गहन जांच करने पर जोर दिया। साथ ही सीमा पार से थार एक्सप्रेस के भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर डॉग स्क्वायड से जांच का भी सुझाव दिया। बैठक में सहमति बनी कि यात्रियों की इमिग्रेशन जांच भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर ही की जाए, क्योंकि मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के वीजा व पासपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें लौटाना पड़ता है। इसके लिए जोधपुर सीआईडी जोन का स्टाफ अब पाकिस्तान जाने वाले हर यात्री के वीजा व पासपोर्ट की जांच करेगा, ताकि गड़बड़ी पाए जाने पर यहीं रोक दिया जाए।

महिलाओं की जांच के लिए अलग केबिन
भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर महिला यात्रियों की चैकिंग खुले में करने की बजाय अलग केबिन में करने के बारे में एडीआरएम ने सहमति जताई। इसके साथ ही यात्रियों के सामान की चैकिंग के लिए जल्द ही एक्स-रे मशीन लगाने के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि प्रस्ताव मुख्यालय भेजा हुआ और जल्द मशीन लगने की उम्मीद है। बैठक में बॉर्डर पर अवांछित गतिविधियों, सीमा पार निगरानी के लिए टॉवर बनाने और घुसपैठ के प्रयास पर खुलकर चर्चा की गई। साथ ही आंधियों के कारण तारबंदी खिसकने से घुसपैठ व तस्करी की आशंका पर विचार किया गया। बैठक में जोधपुर पुलिस कमिश्नर, एडीआरएम, आईबी, कस्टम, बीएसएफ, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रॉ, सीआईडी सहित तमाम एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया।

जिला कलेक्टर गौरव गोयल कीबाडमेर में अनूठा आगाज एक सौ बेटियों के जन्म का ढ्रंढ महोत्सव मनाया गया।


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बेटियों की की ढ्रंढ
बाडमेर में अनूठा आगाज


बताया बेटो से बेहतर
बाडमेर, 18 मार्च। कम लिंगानुपात तथा बेटियों के प्रति उपेक्षित व्यवहार वाले बाडमेर जिले में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब होली पर ढ्रंढ  के बेटो के एकाधिकार वाले उत्सव पर बेटियों के जन्म की खुशी मनाई गई तथा बेटियों की ढ्रंढ  कर सूचना प्रौद्योगिकी के युग में पुत्री रत्न की महता जताई गई।
जिला मुख्यालय के स्वास्थ्य भवन में शुक्रवार प्रातः जिला कलेक्टर गौरव गोयल की मौजूदगी में करीब एक सौ बेटियों के जन्म का ढ्रंढ  महोत्सव मनाया गया। चंग की थाप तथा थाली की झन्कार के बीच बेटियों को बेटो के समान बताया गया तथा बेटे बेटी के बीच भेदभाव को मिटाने की प्रेरणा लेने का आव्हान किया गया। इस मौके पर बेटियों का ढ्रंढ  संस्कार विधिवत रूप से किया गया और उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान 2010 में जन्मी 100 बेटियों को खिलौने, कपडे व अन्य उपहार भेट किये गये। कार्यक्रम के दौरान चंगधमाल पर गीतों से माहौल रंगीन हुआ। वहीं स्वास्थ्य भवन के मुख्य द्वार पर रंगोली उकेरी गई।
महिला आईएएस से प्रेरणा
इस मौके पर जिला कलेक्टर गोयल ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के बेहतर प्रदार्न के उदाहरण देते हुए कहा कि उनके आईएएस के बैच में पहली बार सबसे ज्यादा लडकियां आई थी, जो बेटियों के बेहतर होने का प्रमाण है। उन्होने बालिका शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि यदि एक बेटी पती है तो दो परिवार पते है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डां. गणपतसिंह राठौड ने कहा कि बेटियों के प्रति इस तरह के आयोजन नियमित रूप से करवाए जाएगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदोक विनिता सिंह ने बेटियों के जन्म पर ढ्रंढ महोत्सव के आयोजन को अनोखा बताया। वहीं केयर्न इण्डिया की ओर से सीएसआर प्रमुख बी आर ग्वाला ने भी बेटियों को सम्मानित किया।
पिता के लिए बजी तालियां
मुख्यतः बेटियों के लिए आयोजित कन्या ढ्रंढ  महोत्सव में अधिकाश बेटियों को लेकर उनकी माताएं ही पहुंची थी। इस स्थिति को देखते हुए जिला कलेक्टर गोयल ने बेटियों के पिता के बारे मे पूछा तो वहां एक बेटी के पिता जयप्रका मौजूद थे। इस पर जिला कलेक्टर ने उनका स्वागत करते हुए ताली बजाई तो स्वास्थ्य भवन तालियों से गूंज उठा।
भविश्य मे भी होंगे आयोजन
इस कार्यक्रम का मुख्य उदृश्य जिले में गिरते लिंगानुपात को बराबर करना है। जिला कलेक्टर ने बताया कि बेटे बेटियों के बीच भेदभाव को मिटाने के लिए भविश्य मे भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे।
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गुरुवार, 17 मार्च 2011

चार लाख के जाली नोट सहित चार गिरफ्तार


जोधपुर। शहर पुलिस ने बुधवार शाम बोरानाडा रोड, कमला नेहरू नगर हुडको क्वार्टर व कुछ अन्य क्षेत्र में दबिश देकर जाली नोट छापने के उपकरणों के साथ 4 लाख रुपए के नोट बरामद किए। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस उपायुक्त हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि बुधवार शाम मुखबिर की सूचना मिली कि बोरानाडा रोड पर पाल शिल्पग्राम क्षेत्र में मोबाइल शॉप चलाने वाला जगदीश की गतिविधियां संदिग्ध है। पुख्ता जानकारी के आधार पर सहायक पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र कुमार के साथ चौहाबो थानाधिकारी सुरेश जांगिड़ व अन्य बाड़मेर निवासी जगदीश पुत्र प्रकाशचंद जैन की मोबाइल शॉप पर दबिश दी।

यहां से पुलिस को जाली नोट छापने के विभिन्न तरह के उपकरण बरामद हुए। जगदीश की दुकान के पास वाली गली में कारपेंटर का काम करने वाले झंवर निवासी बालाराम पुत्र देवाराम को भी गिरफ्तार किया। उससे पुलिस को जाली नोटों के साथ 7.65 एमएम के छह जिंदा कारतूस भी मिले। दोनों से की गई पूछताछ में कुछ अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी मिली।


इस आधार पर आईपीएस के साथ कांस्टेबल चंचल प्रकाश, कमरुद्दीन, स्वरूप राम, शकील व नरसिंह की टीम ने कमला नेहरू नगर हुडको क्वार्टर में दबिश दी। यहां से टीम ने बालेसर निवासी महिपाल पुत्र किशनदान और उसकी बुआ के बेटे जैसलमेर भीखोडाई निवासी महिपाल पुत्र रूपदान को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपियों के कब्जे से चार लाख रुपए के जाली नोट, तीन कलर प्रिंटर सहित अन्य उपकरण बरामद किए हैं।

सवाईमाधोपुर में एसएचओ को जिंदा जलाया

सवाईमाधोपुर में एसएचओ को जिंदा जलाया

सवाईमाधोपुर। दाखादेवी हत्याकाण्ड में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ग्रामीणों की ओर से दी गई चेतावनी की समय सीमा समाप्त होने के बाद गुरूवार को शाम 5 बजे राजस्थान ग्रामीण युवा शक्ति मोर्चा के प्रदेश संयोजक राजेश बाडोलास ने शरीर पर पेट्रोल छिड़कर आग लगाने के बाद कस्बा स्थित पानी की टंकी से छलांग लगाकर जान दे दी।

इससे गुस्साए ग्रामीणों ने दो पुलिस जीपों व बाइक को आग के हवाले कर दिया। इससे एक जीप में सवार मानटाउन थानाप्रभारी फूल मोहम्मद की जिन्दा जलने से मृत्यु हो गई। ग्रामीणों ने पथराव के आगे पुलिस बल को भागना पड़ा।

शाम करीब साढ़े छह बजे भारी संख्या में सवाईमाधोपुर से आए पुलिस बल ने हवाई फायर कर कस्बे में घुसने के बाद जीप से जला हुआ शव बरामद किया। इससे पहले बाड़ोलास व राजस्थान ग्रामीण युवा शक्ति मोर्चा के प्रदेश महासचिव बनवारी मीणा दाखादेवी हत्याकाण्ड में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरूवार सुबह 8 बजे ही कस्बे की करीब 22 मीटर ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गए।

वे दिनभर पुलिस प्रशासन को शाम 5 बजे तक हत्यारों को गिरफ्तार करने की बात कहते रहे। उनका कहना था कि शाम तक गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे अपनी जान दे देंगे। ये समय सीमा समाप्त होने पर बाडोलास ने बनवारी से बनियान उतरवारकर उसे पेट्रोल में भिगोने के बाद स्वयं पर उंडेल आग लगा ली। गम्भीर घायल बाडोलास
सवाईमाधोपुर अस्पताल लेकर आए, लेकिन बाडोलास ने दम तोड़ दिया।

थार महोत्सव 2011 अक्षुण्ण सांस्कृतिक परम्परा होगी उजागरथार थार की




थार महोत्सव 2011
अक्षुण्ण सांस्कृतिक परम्परा होगी उजागरथार थार  की

बाडमेर, 17 मार्च। होली के बाद आयोजित होने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव के दौरान बाडमेर की अक्षुण्ण सांस्कृतिक परम्परा को साक्षात उजागर किया जाएगा। महोत्सव के समापन पर सीतला सप्तमी को कनाना में आयोजित विख्यात परम्परागत गैर थार की अनमोल कला की कहानी कहेगी। गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने महोत्सव के दौरान कार्यक्रमों में सांस्कृतिक परम्परा की झलक के साथ साथ भरपूर रोचकता एवं मनोरंजन को भी समाहित करने के निर्दो दिए है।
इस मौके पर जिला कलेक्टर गोयल ने कहा कि थार महोत्सव में रोचक एवं मनोरंजक कार्यक्रमों के जरिये अधिकाधिक लोगों को भामिल किया जाए। उन्होने 23 से 25 मार्च तक आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव के संबंध में आयोजित विभिन्न व्यवस्थाओें से जुडे अधिकारियों से अब तक की तैयारियों की समीक्षा की।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर गोयल ने कहा कि बाडमेर जिले की कला, संस्कृति, हस्तिल्प को जग जाहिर करने तथा पर्यटन विकास के मकसद से आयोजित किए जाने वाले थार महोत्सव में सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होने कहा कि कार्यक्रमों को रोचक एवं मनोरंजन रूप प्रदान किया जाए तथा अधिकाधिक दोी विदोी पर्यटकों को महोत्सव में आमन्ति्रत करने के प्रयास किए जाए। इस सबंध में उन्होने व्यापक प्रचार प्रसार करने के संबंधित अधिकारियों को निर्दो दिए।
उन्होने बताया कि तीन दिवसीय थार महोत्सव का आगाज 23 मार्च को प्रातः 830 बजे निकाली जाने वाली भव्य भाोभा यात्रा के साथ होगा। भाोभा यात्रा गांधी चौक से प्रारम्भ होकर भाहर के प्रमुख मार्गो से गुजरती हुई आदार स्टेडियम पहुचेगी जहां पर विभिन्न प्रकार की विचित्र एवं रोचक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसी दिन सायं को महाबार में पतंग प्रतियोगिता, कैमल सफारी, सांस्कृतिक संध्या एवं आतिबाजी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। वहीं 24 मार्च को प्रातः 9 से 12.00 बजे तक किराडू में सांस्कृतिक यात्रा आयोजित होगी। इसी दिन साय काल में आदार स्टेडियम में ख्यातनाम कलाकार राजा हसन द्वारा आकशर्क कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। थार महोत्सव के आखिरी दिन 25 मार्च को बालोतरा में भाोभा यात्रा एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के अलावा भगत सिंह स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी दिन कनाना में गैर नृत्य का भी आयोजन किया जाएगा।
थार श्री तथा थार सुन्दरी के प्रतियोगिताओं के पंजीयन के लिए आवेदन उपखण्ड अधिकारी गुडामालानी मुख्यालय बाडमेर में प्रस्तुत करने होंगे। इससे पूर्व जिला कलेक्टर ने थार महोत्सव के पोस्टर का विमोचन किया। 

Holi Khele Raghuvira Baghban

मंगलवार, 15 मार्च 2011

फाग की मस्ती ,थार मरुस्थल में चंग बजने लगे



बाड़मेर[चन्दन भाटी] बाड़मेर जिले में मदोत्सव एवं रंगोत्सव की मस्ती छाई हुई हैं।आधुनिकता की दौड़के बावजूद थार मरुस्थल में लोक कला और संस्कृति से जुड़ी परम्पराओं का निर्वाह किया जा रहा हैं।ग्रामीण अंचलों में होली की धूम मची हैं।ग्रामीण अंचलों में रंगोत्सव की मदमस्ती बरकरार हैं।ग्रामीण चौपालों पर सूरज लते ही ग्रामीण चंग की थाप पर फाग गाते नजर आते हैं।वहीं फागुनी लूर गाती महिलाओं के दल फागोत्सव के प्रति दीवानगी का एहसास कराती हैं।



सीमावर्ती बाड़मेर जिले की लोक परम्पराओं का निर्वहन ग्रामीण क्षैत्रों में आज भी हो रहा हैं।रंग और मद के इस त्यौहार के प्रति ग्रामीण अंचलों में दीवानगी बरकरार हैं।ग्रामीण चौपालों परगा्रमीणों के दल सामुहिक रुप से चंग की थाप पर फाग गीत गाते नजर आते हैं।जिले में लगातार

पड़ रहे अकाल का प्रभाव अधिक नजर नहीं आ रहा ।अलबता होली के धमाल के लिए प्रसिद्धसनावड़ा गांव के बुर्जुग रुपाराम ने बताया कि अकाल के कारण गांव के युवा रोजगार के लिए गुजरात गए हुए हैंअकाल के कारण हमारे गॉव में होली का रंग फीका नही। पडता।होली से

तीन चार रोज पूर्व रोजगार के लिए बाहर गए युवा पर्व मनाने पहफॅच जाएगे।गांव की परम्परा हैंजो हम अपने बुजुर्गों के समय से देखते आ रहे हैं।इसकी पालना होती हैं।



होली से 15 दिन पूर्व गांव में होली का आलम शुरु होता हैं।चोपाल पर शाम होते होते गांव के बडे बुड़े जवान बच्चे सभी एकत्रित हो जाते हैं।चंग बजाने वालो की थाप पर गा्रमिण सामुहिक रुप से फाग गाते हैं।वहीं गांव की महिलाए रात्री में एक जगह एकत्रित हो कर बारी बारी से घरों के आगे फाग गाती हैं।जो महिलाऐं इस दल में नहीं आती उस महिला के घर के आगे जाकर महिला दल अश्लील फाग गाती हैं,जिसे सुनकर अन्दर बैठी महिला शर्माकर दल मे शामिल हो जाती हैं।



महिलाओं द्घारा दो दल बनाकर लूर फाग गाती हैं।लूर में दोनों महिला दल आपस में गीतों के माध्यम से सवालजवाब करती हैं।लूर थार की परम्परा हैं।लुप्त हो रही लूर परम्परा सनावडा तथा सिवाना क्षैत्र के ग्रामीण अंचलों तक सिमट कर रह गई हे ।फाग गीतों के साथ साथ डाण्डिया गेर नृत्य का भी आयोजन होता हैं।भारी भरकम घुंघरु पांवों में बांध कर हाथें में आठ आठ मीटर लम्बे डाण्डियेंल करोल की थाप और थाली टंकार पर जब गेरिऐं नृत्य करते हैं तों लोक संगीत की छटा माटी की सौंधी में घुल जाती हैं। सनावडा में होली के दूसरे दिन बडे स्तर पर गेर नृत्यो का आयोजन होता हैं।जिसमें आसपास के गांवों के कई दल हिस्सा लेते हैं।ग्रामीण क्षैत्रों में होली का रंग जमने लगा हैं।शहरी क्षैत्र में भी गेरियों के दल इस बार नजर आ रहे हैं।जो शहर की गलियों में चंग की थाप पर फाग गाते नजर आते हैं।

सोमवार, 14 मार्च 2011

खूबसूरत ,लाजवाब नचनिया काजल


खूबसूरत ,लाजवाब नचनिया काजल

बाडमेर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर लुणु कला गांव में मैं अपने साथी पूर्व सरपंच खमीसा खान के बच्चों की भादी में उपस्थित होने अपने मित्रों रिउमल सिंह दांता,सुरतान सिंह देवडा पाशर्द,युसुफ खान के साथ गया।वहां बेहद खूबसूरत घोडी काजल को देखा।वाकई ऐसी धोडी मैंने कभी नही देखी।क्या नाचती हैं।आधा घण्टा लगातार नाची।सादी में भामिल होने गया था,इसलिऐं वीडियों कैमरा साथ नही ले गया,मगर कैमरा किसी का उधार ले कर फोटो खींचे। देखिऐ आपने ऐसी खूबसूरत धोडी कभी देखी हेैं।सलीम भाई की इस काजल को नजर से बचाने के लिऐ काला टीका भी लगाया।