सोमवार, 21 मार्च 2011

शव उठाने से इनकार डीजीपी हरीशचंद्र मीना के काफिले पर ग्रामीणों ने जबरदस्त पथराव


जयपुर। सवाईमाधोपुर के सूरवाल में छात्र नेता राजेश मीणा के आत्मदाह के बाद भड़का माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। आज सीआई फूल मोहम्मद के गांव खीरवा में पीडित परिवार से मिलने गए डीजीपी हरीशचंद्र मीना के काफिले पर ग्रामीणों ने जबरदस्त पथराव किया। गौरतलब है कि दूसरी ओर छात्रनेता राजेश मीणा को शहीद का दर्जा देने की मांग पर उसके गांव वाले भी अडे हुए हैं और उन्होंने 90 घंटे बाद भी शव उठाने से इनकार कर दिया है।

90 घंटे बाद भी नहीं उठा शव

सवाईमाधोपुर के सूरवाल में छात्र नेता राजेश मीणा के आत्मदाह के बाद भड़का माहौल ऊपरी तौर पर तो शांत दिख रहा है लेकिन अंदर ही अंदर असंतोष का लावा अभी भी सुलग रहा है। छात्रनेता राजेश मीणा को शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़े ग्रामवासियों ने 90 घंटे बाद भी राजेश का शव उठाने से इनकार कर दिया है। वहीं सूरवाल और आस-पास के गांव में लोगों ने होली नहीं मनाई। अपने साथी की मौत के शोक में सवाईमाधोपुर जिले के पुलिसकर्मी समेत जयपुर और राज्य के कई हिस्सों में पुलिसवालों ने भी होली नहीं मनाई। अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने सरकार को अपनी मांगों के संबंध में 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया हुआ है, वो भी आज समाप्त हो रहा है। पुलिस सतर्क है, लेकिन अफवाहों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

जानकारी के अनुसार, आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार को जड़ावता में महापंचायत कर सोलह सूत्री मांग पत्र तैयार किया है। साथ ही सरकार को चेतावनी दी है कि उनकी ये मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। गांववालों ने सरकार से मांग की है कि राजेश को भी शहीद का दर्जा दिया जाए और उसके परिजनों को पुलिसकर्मी के परिजनों के समान आर्थिक सहायता मिले।
घटना के विरोधस्वरूप क्षेत्र के दो दर्जन से अघिक गांवों में होली नहीं मनाई गई है। तनावपूर्ण हालात देखते हुए राज्य सरकार की ओर से क्षेत्र में अतिरिक्त जाप्ते की व्यवस्था की गई है।

ये हैं मुख्य मांगे :
राजेश मीणा को शहीद का दर्जा मिले
डॉक्टर विष्णुकांत का निलंबन हो
उपअधीक्षक महेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर मुकदमा चले
राजेश मीणा के परिवार को पुलिस अघिकारी के समान आर्थिक सहायता
मेडिकल बोर्ड से पोस्टमाटर्म हो
दाखा देवी के हत्यारों की गिरफ्तारी हो
परिजनों को एक लाख रूपए की सहायता
इस घटनाक्रम में दर्ज मामलों को वापस हों
घटना के लिए जिला कलक्टर और एसपी को आरोपित कर मुकदमा चलाएं।

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