गुरुवार, 8 नवंबर 2018

राजस्थान प्रदेश में 53 फीसदी वोटर 18 से 40 तक की उम्र के, फिर भी पार्टियां युवाओं को तवज्जो नहीं देती

राजस्थान प्रदेश में 53 फीसदी वोटर 18 से 40 तक की उम्र के, फिर भी पार्टियां युवाओं को तवज्जो नहीं देती
Most young voters in Jaipur
राजस्थान के 2.54 करोड़ युवा मतदाता नई सरकार के चयन में इस बार अहम रोल अदा करेंगे, जिनकी आयु 18 से 40 साल के बीच है। वर्तमान में युवा मतदाताओं की संख्या के मामले में जयपुर जिला टॉप पर है। इस अकेले एक ही जिले के 19 विधानसभा क्षेत्रों में 24.80 लाख युवा मतदाता हैं। अगर बात विधानसभा क्षेत्रों की जाए तो युवा मतदाताओं की संख्या के लिहाज से प्रदेशभर में झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र टॉप पर है। यहां 1.94 लाख युवा मतदाता हैं। प्रदेश में इस बार कुल 4 करोड़ 72 लाख 20 हजार 597 मतदाता हैं।

सबसे अधिक युवा मतदाताओं वाले जिले

जिले का नाम कुल मतदाता युवा मतदाता


जयपुर 4556662 2480394

अलवर 2444927 1335890

नागौर 2364849 1262913

जोधपुर 2442544 1310038

सीकर 1979209 1067154

सबसे कम युवा मतदाताओं वाले जिले



जिले का नाम कुल मतदाता युवा मतदाता

प्रतापगढ़ 265996 265996

बूंदी 636093 340428

जैसलमेर 418912 247260

सिरोही 715797 383741

राजसमंद 850323 438122

सबसे अधिक युवा मतदाताओं वाले विधानसभा क्षेत्र
विधानसभा कुल मतदाता युवा मतदाता

झोटवाड़ा 356039 194619

बगरु 293929 169320

विद्याधर नगर 318501 169261

सांगानेर 301559 165198

बूंदी 286318 157335



सबसे कम युवा मतदाताओं वाले विधानसभा क्षेत्र

विधानसभा कुल मतदाता युवा मतदाता


केशोराय पाटन 102999 53874

जोधपुर 197565 92845

किशनपोल 196306 100408

खेतड़ी 202777 101785

अजमेर दक्षिण 200907 102300


राजस्थान की स्थिति एक नजर में

कुल मतदाता 47220597

18 से 40 आयु तक के युवा मतदाता 25481736

युवा मतदाताओं का प्रतिशत 53.96%

कुल बूथ 51796

नए मतदाता जुड़े 4083970

दलों की स्थिति

भाजपा : पार्टी में प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी की उम्र 75 साल है। कार्यकारिणी के अधिकांश पदाधिकारी की उम्र 50 साल से ज्यादा है।

कांग्रेस : कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष की कमान तो पार्टी ने युवा नेता सचिन पायलट को थमा रखी है जिनकी आयु 40 साल है, लेकिन कार्यकारिणी में ऐसे नेताओं की भरमार है, जिनकी आयु 50 साल से अधिक हैं।

युवा नेताओं की ना मंत्रिमंडल में उचित भागीदारी और ना ही विधायकी में

2008 में 40 की उम्र तक के कुल 36 विधायक थे

विधानसभा में युवा विधायकों का प्रतिशत 18 प्रतिशत

2008 में मंत्रिमंडल की औसत उम्र 59 साल

2013 में 40 की आयु तक के कुल 35 विधायक

2013 में मंत्रिमंडल की औसत उम्र 60 साल

थार का चुनावी रण बाड़मेर मानवेन्द्र के पाला बदलने से गड़बड़ाया चुनावी गणित

थार का चुनावी रण 

बाड़मेर मानवेन्द्र के पाला बदलने से गड़बड़ाया चुनावी गणित 


राज्य विधानसभा चुनाव की तिथि निकट आने के साथ सीमावर्ती बाड़मेर जिले के रेगिस्तानी धोरों में सियासत गरमाने लगी है। भाजपा अपनी ताकत को बरकरार रखने के लिए और कांग्रेस रेगिस्तान में खो गई अपनी ताकत को फिर से हासिल करने का कवायद में जुटी है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के इस गढ़ को पूरी तरह ढहा दिया था और सात में से छह सीट पर कब्जा जमा लिया था, लेकिन इस बार समीकरण पूरी तरह से बदले हुए नजर आ रहे है।

गत लोकसभा चुनाव में भाजपा के ठुकरा देने के बाद यहां से ताल ठोक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे कद्दावर नेता जसवंत सिंह जसोल के कारण इस क्षेत्र पर पूरे देश की निगाह थी। यही कारण है कि गत लोकसभा चुनाव के पश्चात यहां का चुनावी गणित पूरी तरह से बदल चुका है। रही सही कसर जसवंत के बेटे विधायक मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से पूरी हो गई।


गत चुनाव में मोदी लहर के दौरान इस क्षेत्र के सबसे बड़े जातिय समूह जाटों ने खुलकर भाजपा का साथ दिया था। जबकि राजपूत भाजपा के साथ पहले से जुड़े थे। इस बार दोनों ने भाजपा से दूरी बना रखी है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि भाजपा इन्हें कैसे अपने साथ जोड़े रख पाती है।



बाड़मेर शहर विधानसभा क्षेत्र में गत चुनाव में चली मोदी लहर अप्रभावी रही और कांग्रेस के मेवाराम जैन ने बाड़मेर की राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी गंगाराम चौधरी की पोती प्रियंका चौधरी को पराजित कर यहां से जीत हासिल कर ली। इस बार भी इन दोनों के बीच में ही मुकाबला होता नजर आ रहा है। हालांकि यहां से सांसद कर्नल सोनाराम ने भी अपनी दावेदारी जता रखी है। देखने वाली बात होगी कि भाजपा किसे अपना प्रत्याशी चुनती है।


पचपदरा विधानसभा सीट पर अमराराम ने जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के मदन प्रजापत को पराजित किया था। एक बार फिर इन दोनों के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है।

बायतू सीट पर गत बार भाजपा के युवा प्रत्याशी कैलाश चौधरी ने दिग्गज नेता कर्नल सोनाराम को पराजित किया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में सोनाराम भाजपा में शामिल हो गए थे और यहां से सांसद का चुनाव जीत गए। अब भाजपा की तरफ से कैलाश के मैदान में उतरने की संभावना नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस यहां से पूर्व सांसद हरीश चौधरी को अपना प्रत्याशी बना सकती है। हरीश को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली जाट नेता हेमाराम चौधरी का पूर्ण समर्थन हासिल है।


गुडामालानी सीट हमेशा से कांग्रेस का सबसे सुरक्षित किला माना जाता रहा है, लेकिन गत चुनाव में भाजपा ने यहां सेंध मार दी और उसके प्रत्याशी लादूराम विश्नोई ने हेमाराम को पराजित कर दिया था। अब हेमाराम चौधरी एक बार फिर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने जा रहे है. जबकि भाजपा लादूराम विश्नोई या उनके बेटे केके विश्नोई में से किसी एक को प्रत्याशी बना सकती है।



शिव से वर्तमान भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस हाथ थाम चुके है। ऐसे में भाजपा यहां से किसी नए चेहरे की तलाश में है। जबकि कांग्रेस अपने परम्परागत अमीन खान को यहां से मैदान में उतारने की तैयारी में है। हालांकि यहां से चौहटन में बरसों तक हावी रहे अब्दुल हादी का परिवार भी दावेदारी जता रहा है।


चौहटन सुरक्षित सीट पर तरुण राय कागा ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार सीमावर्ती इस क्षेत्र में समीकरण बदले हुए नजर आ रहे है। कांग्रस व भाजपा यहां से किसी नए चेहरे की तलाश में है।

सिवाना में इस बार रोचक मुकाबला हो सकता है। कांग्रेस हमेशा से यहा किसी मूल ओबीसी जाति के व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाती रही है। गत चुनाव में भाजपा के राजपूत प्रत्याशी हमीर सिंह ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस की तरफ से इस बार यहां से मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि मानवेन्द्र कह चुके है कि उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि उनकी पत्नी चुनाव लड़ती है या नहीं।







600 साल पहले इस सुल्तान ने दिया था अहमदाबाद नाम, अब बदलेगा!

600 साल पहले इस सुल्तान ने दिया था अहमदाबाद नाम, अब बदलेगा!

फैजाबाद-इलाहाबाद के बाद अब नाम बदलने की लिस्ट में अहमदाबाद शहर भी जुड़ गया है. जी हां, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी कहा है कि अहमदाबाद का नाम बदलने की मांग काफी समय से हो रही है. अब अहमदाबाद का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं. इस शहर का नाम बदलकर 'कर्णावती' हो सकता है. जानिए क्यों अहमदाबाद का नाम  कर्णावती किया जा रहा है और शहर का नाम कैसे अहमदाबाद पड़ा.
600 साल पहले इस सुल्तान ने दिया था अहमदाबाद नाम, अब बदलेगा!

बता दें, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बयान दिया कि वह पिछले काफी समय अहमदाबाद का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं. उनका कहना है कि अहमदाबाद का नाम बदल कर्णावती किया जा सकता है कैसे पड़ा इस शहर का नाम अहमदबाद: अहमदाबाद शहर भारत में, साबरमती नदी के तट पर मुंबई के उत्तर में स्थित है. देश का इकलौता ऐसा शहर है, जिसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के तौर पर शामिल किया गया है. माना जाता है कि 1411 AD में अहमदाबाद शहर को अहमदशाह बादशाह ने बनाया था, जिस वजह से इस शहर का नाम अहमदाबाद रखा गया था.हालांकि इससे पहले अहमदाबाद के आसपास का इलाका 11वीं सदी में बसना शुरू हुआ था. उस समय इसे 'अशवाल' कहा जाता था. चालुक्‍य शासक कर्ण ने अशवाल के भील शासक को युद्ध में हराकर साबरमती नदी के किनारे कर्णावती शहर को बसाया था.बता दें, 600 साल पहले अहमदाबाद को कर्णावती के नाम से भी जाना जाता था. इस शहार की नींव 1411 में डाली गई थी.  शहर का नाम सुलतान अहमद शाह पर पड़ा थाभारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अहमदाबाद प्रमुख शिविर आधार रहा है. इसी शहर में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और स्‍वतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आंदोलन की शुरुआत भी यही से हुई थी. इसी शहर में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और स्‍वतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आंदोलन की शुरुआत भी यही से हुई थी. अहमदाबाद बुनाई की कारीगरी के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. इसके साथ ही यह शहर व्यापार केन्द्र के रूप में बहुत अधिक विकसित हो रहा है.राज्य के मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब अहमदाबाद की बीजेपी मेयर का कहना है कि, वो भी अब कानूनी तौर पर इसे कर्णावती करने का प्रयास करेंगी. वहीं अहमदाबाद का नाम बदल कर कर्णावती रखने को लेकर लोगो में मिली जुली प्रतिक्रिया देखने मिली है. 

सुहागरात पर पति ने पार की हदें, पत्नी के प्राइवेट पार्ट पर किया वार

सुहागरात पर पति ने पार की हदें, पत्नी के प्राइवेट पार्ट पर किया वार



सुहागरात पर पति ने पार की हदें, पत्नी के प्राइवेट पार्ट पर किया वार
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सुहागरात पर एक पति ने अपनी पत्नी से हैवानियत की सारी हदें पार कर दी. पति के सिर संबंध बनाने की हवस इस कदर चढ़ी कि उसने दुल्हन के प्राइवेट पार्ट में लोहे की नुकीली रॉड से वार किया. मिली जानकारी के अनुसार, 8 जुलाई को पीड़िता का निकाह बागपत के सिंघावली अहीर थानाक्षेत्र में रहने वाले एक टीचर से हुआ. जब अगले दिन 9 जुलाई को नवविवाहिता का भाई गोद भराई की रस्म के लिए उसके ससुराल पहुंचा तो उसकी बहन नहीं दिखाई दी.जब ससुराल वालों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसकी तबीयत खराब है. नवविवाहिता के भाई ने बताया कि जब वह कमरे में पहुंचा तो उसकी बहन बेहोशी की हालत में पड़ी थी. वह ससुरालवालों के साथ वह उसे कई हॉस्पिटल में ले गया, लेकिन सभी जगह डॉक्टरों ने गाजियाबाद में एडमिट कराने के लिए कहा. फिर उसे गंभीर हालत में गाजियाबाद के मोहननगर हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है. बताया जा रहा है कि उसके पति ने दुल्हन के प्राइवेट पार्ट में लोहे की नुकीली रॉड से वार किया. डॉक्टरों ने बताया कि दुल्हन की हालत गंभीर है. रॉड से चोट के कारण उसकी आंतें कट गई हैं.उसके प्राइवेट पार्ट में चोट पहुंची है और गर्भाशय को भी नुकसान पहुंचा है. पीड़िता के परिवारवालों ने सिंघावली अहीर थाने में पति, सास और ससुर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. 


दिल्ली: दोस्तों के बीच पिस्टल के टशन में चली गोली, 1 की मौत

दिल्ली: दोस्तों के बीच पिस्टल के टशन में चली गोली, 1 की मौत

पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में दीपावली की बीती रात दोस्तों के बीच चली गोली में एक की मौत हो गई. गोली लगने के बाद दोस्तों ने घायल युवक को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो जाने की वजह से दोस्तों ने पंजाबी बाग थाने के सामने ही शव को फेंक दिया और फरार हो गए. फिलहाल पुलिस मामले से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

मृतक के परिजन

पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में दोस्तों में टशन के दौरान एक युवक से गोली चल गई. घटना में पास खड़े व्यक्ति को गोली लग गई. उसके दोस्तों ने अस्पताल ले जा रहे थे तब रास्ते में ही व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. आरोपियों ने डर के मारे व्यक्ति के शव को पंजाबी बाग थाने के बाहर छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए. वहीं पुलिस ने शव को देखकर उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रखवा दिया. पुलिस के अनुसार मृतक की पहचान हरीश शर्मा (40) के तौर पर हुई है. जानकारी के मुताबिक हरीश परिवार के साथ मादीपुर ए ब्लॉक में रहते थें और मूलरूप से हिमाचल के धर्मशाला के रहने वाले थें. परिवार में पत्नी सुनीता व 11 वर्षीय बेटी कंषिका है.

परिवार वालों के अनुसार बीती देर रात हरीश खाना खाकर घर से बाहर टहलने के लिए निकले. देर रात को जब वो घर नहीं आए तो परिवार वालों ने उन्हें खोजना शुरू किया. परिवार के अनुसार सुबह करीब चार बजे उन्हें पुलिस द्वारा सूचना मिली. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे परिवार वालों ने शव को देखकर उसकी पहचान हरीश के रूप में की.






पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार शुरूआती जांच में पता चला है कि हरीश बीती देर रात अपने दोस्त राजू व अन्य लोगों के साथ पड़ोस के मकान की तीसरी मंजिल पर खड़ा था. उसके दोस्त हवा में गोली चला रहे थे. इस बीच हरीश ने भी गोली चलाने की इच्छा जताई. जिस पर राजू ने पिस्टल से मैगजीन निकाल ली और हरीश के ऊपर तान कर उसे डराने के लिए चला दिया. पिस्टल का ट्रिगर दबाते ही गोली चल गई, जो सीधा हरीश को लगी. पूछताछ में अरोपी ने बताया कि उसने मैगजीन निकाल ली थी. लेकिन उसे पता नहीं था कि पिस्टल में गोली फंसी हुई है. घटना के बाद वे हरीश को अस्पताल लेकर जा रहे थे, लकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई. फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर 6 लोग-राजू, हरिकांत, जीतू, रवि व दो अन्य को हिरासत में लिया. जिनसे पूछताछ जारी है.

PSE: मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बढ़त, राजस्थान में कांग्रेस, तेलंगाना में KCR आगे

PSE: मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बढ़त, राजस्थान में कांग्रेस, तेलंगाना में KCR आगे
वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लगातार चौथे कार्यकाल के लिए जीत कर आने की संभावना है. वहीं राजस्थान में बीजेपी को झटका देकर कांग्रेस के सत्ता में आने के पूरे आसार है. जहां तक दक्षिणी राज्य तेलंगाना का सवाल है तो वहां मौजूदा मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है.




इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के 10वें संस्करण के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी के जीतने की संभावना 52 फीसदी है. PSE सर्वे से संकेत हैं कि राजस्थान में बीजेपी की जीत की संभावना सिर्फ 35% है यानि यहां कांग्रेस को साफ तौर पर भारी बढ़त हासिल है. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की अगुआई में बीजेपी की जीत की संभावना 55% है. तेलंगाना में केसीआर की अगुआई वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति को बंपर बढ़त हासिल है. PSE के मुताबिक केसीआर की पार्टी के चुनाव जीतने की संभावना 75% है.


मध्य प्रदेश
इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में 42% वोटरों ने माना कि मौजूदा बीजेपी सरकार को ही राज्य में अगले चुनाव के बाद एक और कार्यकाल के लिए मौका मिलना चाहिए. सर्वे में 40% प्रतिभागियों ने सरकार को बदलने के पक्ष में राय व्यक्त की. वहीं 18% इस मामले में कोई स्पष्ट राय व्यक्त नहीं कर सके.




मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की जीत की संभावना 52% है. हालांकि मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने के आसार हैं. यहां दो पार्टियों के वोट शेयर के बीच 1-3% का अंतर रह सकता है. मध्य प्रदेश में बीजेपी शहरी क्षेत्रों में वोटों के भारी अंतर से जीतने की स्थिति में है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर कम रहेगा. मध्य प्रदेश चुनाव में बागियों का वोट काटना बड़ा फैक्टर साबित होगा. बीजेपी के लिए 2% की बढ़त सुविधाजनक नहीं मानी जाएगी. मध्य प्रदेश में विपक्षी खेमे की फूट बीजेपी की मदद कर रही है. अगर इस राज्य में कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन हो जाता तो उसके जीतने की संभावना कहीं अधिक होती.




मध्य प्रदेश में बीएसपी का वोट शेयर 6 फीसदी है. कांग्रेस की ओर से अगर ज्योतिर्रादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का चेहरा घोषित किया जाता तो इससे चुनाव में उसे मदद मिलती. युवा वोटरों में ज्योतिर्रादित्य सिंधिया खासे लोकप्रिय हैं.




मध्य प्रदेश में सीएम के लिए कौन आगे?




मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान लोकप्रियता के मामले में सबसे आगे हैं. हालांकि बीते दो महीने में उनकी लोकप्रियता में मामूली गिरावट आई है. सितंबर 2018 में जहां 46 फीसदी वोटर शिवराज को सीएम देखना चाहते थे, वहीं नवंबर में 44% वोटरों ने उनके पक्ष में राय व्यक्त की. शिवराज के बाद सीएम के लिए लोकप्रियता की दौड़ में कांग्रेस नेता ज्योतिर्रादित्य सिंधिया सबसे आगे हैं.




सिंधिया को जहां सितंबर 2018 में 32% वोटरों ने सीएम के लिए अपनी पसंद बताया था, वही नवंबर में ये आंकड़ा घटकर 28 फीसदी रह गया. कांग्रेस नेता कमलनाथ को सितंबर 2018 में 8% वोटरों ने मुख्यमंत्री बनाने के लिए राय व्यक्त की थी. अब नवंबर 2018 में कमलनाथ की लोकप्रियता में 2% का इजाफा हुआ है. अब 10% वोटर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं.


सर्वे में जब प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या कांग्रेस की ओर से बीएसपी-एसपी से गठबंधन नहीं करना उसे भारी पड़ेगा तो 24% ने हां में जवाब दिया. 21 फीसदी वोटरों ने राय जताई कि कांग्रेस की ओर से ऐसा गठबंधन नहीं करना उसे भारी नहीं पड़ेगा. इस सवाल पर 55% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.


सर्वे में जब पूछा गया कि क्या एससी-एसटी एक्ट के मुद्दे पर बीजेपी के परंपरागत सवर्ण वोटर उससे छिटकेंगे, इस सवाल के जवाब में 22% वोटरों ने हां में जवाब दिया. वहीं 27% वोटरों का कहना था कि ऐसा नहीं होगा. इस सवाल पर 51% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं जता पाए.


PSE सर्वे के तहत मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 11,712 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.

राजस्थान

PSE सर्वे के निष्कर्षों के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी को बेदखल कर कांग्रेस सत्ता पर कब्जा करने जा रही है. यहां वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को 39% वोटर ही दोबारा मौका देने के पक्ष में हैं. वहीं 43% वोटरों का कहना है राज्य में सरकार बदली जानी चाहिए. 18% वोटर इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.




पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज सर्वे के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी के हाथ से सत्ता खिसकने के पूरे आसार हैं. यहां मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी रूझान दिखाई दे रहा है. इस राज्य में बीजेपी की जीत की संभावना महज 35% ही है. राजस्थान में कांग्रेस जीत के लिए आरामदायक स्थिति में है. यहां दोनों अहम पार्टियों में वोट शेयर का अंतर 3-8% रहने की संभावना है. राजस्थान में दलितों और मुसलमानों में बीजेपी को लेकर भारी नाराजगी है. राज्य में बीजेपी परंपरागत शहरी क्षेत्रों में ही जमीन खो रही है.




मुख्यमंत्री पद के लिए लोकप्रियता की बात की जाए तो कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत सबसे आगे हैं. राजस्थान में अगर बीजेपी मुख्यमंत्री के लिए पार्टी का चेहरा बदलती तो चुनाव समीकरण अलग हो सकते थे. राजस्थान में राज्य स्तर पर बेशक सत्ता विरोधी रूझान है लेकिन जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता यहां लगातार बनी हुई है.




राजस्थान में मुख्यमंत्री की दौड़ में कौन आगे?




कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए लोकप्रियता की दौड़ में सबसे आगे हैं. गहलोत की लोकप्रियता शीर्ष पर बनी हुई है. गहलोत को सितंबर 2018 में 35% वोटर अगला मुख्यमंत्री बनना देखना चाहते थे. नवंबर में गहलोत की लोकप्रियता का ये आंकड़ा जस का तस बना हुआ है. दूसरी ओर, मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोकप्रियता में पिछले दो महीने में 4% की गिरावट आई है. सितंबर 2018 में वसुंधरा राजे को गहलोत के बराबर ही 35% वोटरों का समर्थन हासिल था जो नवंबर में घटकर 31% ही रह गया. कांग्रेस नेता सचिन पायलट लोकप्रियता की दौड़ में तीसरे नंबर पर है. सितंबर 2018 में सचिन पायलट को 11 फीसदी वोटर मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे. नवंबर 2018 में भी इतने ही वोटरों ने उन्हें मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया.




PSE सर्वे के तहत राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 10,136 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.




तेलंगाना




PSE सर्वे के मुताबिक तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति फिर सत्ता में वापस करने जा रही है. सर्वे में 44% वोटरों के मुताबिक मौजूदा सरकार को ही सत्ता में दोबारा मौका देना चाहिए. वहीं 34% वोटरों की राय में राज्य में सरकार बदली जानी चाहिए. इस मामले में 22% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.




तेलंगाना में लोकप्रियता के मामले में मौजूदा मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) के आसपास भी कोई मौजूद नहीं है. PSE के मुताबिक तेलंगाना में केसीआर की तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. सर्वे के संकेत हैं कि केसीआर की पार्टी की जीत की संभावना 75% है. यहां सत्ता पक्ष के समर्थन में भारी रुझान है जिससे केसीआर को मदद मिल रही है.




आबादी के सभी तबकों में केसीआर अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं. PSE सर्वे के मुताबिक तेलंगाना में कांग्रेस और टीडीपी का गठबंधन कारगर साबित होता नहीं दिख रहा. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवेसी हैदराबाद क्षेत्र में कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं.




तेलंगाना में सामाजिक कल्याण योजनाओं से सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में लाभ मिलने जा रहा है. इसके अलावा केसीआर का चुनाव को निर्धारित समय से पहले ही कराने का फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित होता नजर आ रहा है.




तेलंगाना में सीएम की दौड़ में कौन आगे?




सीएम के लिए लोकप्रियता के मामले में केसीआर लगातार भारी बढ़त बनाए हुए. बीते दो महीने में उनकी लोकप्रियता में 3% का उछाल आया है. सितंबर 2018 में जहां 43% वोटर केसीआर को अगला सीएम देखना चाहते थे. नवंबर 2018 में ये आंकड़ा बढ़ कर 46% हो गया.




कांग्रेस के एन उत्तम कुमार रेड्डी लोकप्रियता में दूसरे नंबर पर है. रेड्डी की लोकप्रियता में बीते दो महीने में 7% का उछाल आने के बावजूद वो केसीआर से काफी पीछे हैं. रेड्डी को सितंबर में 18% वोटर सीएम बनते देखना चाहते थे. नवंबर में ये आंकड़ा बढ़ कर 25% हो गया. बीजेपी नेता जी किशन रेड्डी को सितंबर में 15% मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे. नवंबर में ये आंकड़ा बढ़कर 16% हो गया.




तेलंगाना के लिए PSE सर्वे में लोकसभा की 17 सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 6,877 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.




छत्तीसगढ़




छत्तीसगढ़ में PSE सर्वे के मुताबिक रमन सिंह लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं. सर्वे में 43% वोटरों ने मौजूदा बीजेपी सरकार को एक और कार्यकाल देने के पक्ष में राय व्यक्त की. वहीं 41% वोटरों ने राय जताई कि सरकार बदली जानी चाहिए. 16% वोटर सरकार को लेकर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.




PSE सर्वे के मुताबिक रमन सिंह के चुनाव जीतने की संभावना 55% है. छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की पार्टी और बीएसपी के गठबंधन का मैदान में होना बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. जोगी और बीएसपी का गठबंधन 7% वोट हासिल करता दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में वोटों का अंतर कम रहेगा लेकिन विपक्ष के वोट बंट रहे हैं. तीन कार्यकाल से सत्ता में होने के बावजूद रमन सिंह लोकप्रियता के मामले में सबसे आगे हैं.




कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और अजित जोगी की लोकप्रियता मिलाकर भी रमन सिंह से कम बैठती है. बीजेपी के लिए राज्य में मोबाइल वितरण योजना फायदे का सौदा साबित होने जा रही है. छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी सबसे अहम मुद्दा है. जहां तक नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र का सवाल है तो यहां बीजेपी के खिलाफ नाराजगी है.




छत्तीसगढ़ में सीएम की दौड़ में कौन आगे?




छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए रमन सिंह अधिकतर वोटरों की पहली पसंद बने हुए. बीते दो महीने में उनकी लोकप्रियता में 3% का उछाल आया है. रमन सिंह को सितंबर 2018 में 41% वोटर सीएम बनते देखना चाहते थे. नवंबर में ये आंकड़ा बढ़कर 44% हो गया. कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और तीसरा विकल्प पेश करने वाले अजीत जोगी की लोकप्रियता को मिला भी दिया जाए तो रमन सिंह उस पर भारी बैठते हैं. भूपेश बघेल को सितंबर में 21% वोटर मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे, जो आंकड़ा नंवबर बढ़ कर 23% हो गया है. जोगी की लोकप्रियता में भी 1% का मामूली इजाफा हुआ है. जोगी के नेतृत्व में जोगी-बीएसपी-सीपीआई गठबंधन चुनाव लड़ रहा है. जोगी को सितंबर में 12% वोटरों का समर्थन हासिल था जो अब बढ़कर 13% हो गया है.




जोगी-बीएसपी-सीपीआई गठबंधन को लेकर अधिकतर वोटरों का मत है कि इसके चुनाव जीतने की संभावना नहीं है. 84% वोटरों ने सर्वे में कहा कि ये गठबंधन चुनाव नहीं जीत सकता. सिर्फ 7% वोटरों ने ही कहा जोगी-बीएसपी-सीपीआई गठबंधन चुनाव जीत सकता है.




सर्वे में 32% प्रतिभागियों की राय में जोगी के नेतृत्व वाले गठबंधन से कांग्रेस को नुकसान होगा. 17% वोटरों ने कहा कि इस गठबंधन से बीजेपी को नुकसान होगा. वहीं 25% वोटरों की राय थी कि इससे बीजेपी और कांग्रेस, दोनों को नुकसान होगा. इस सवाल पर 26% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके.




PSE सर्वे के तहत छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर टेलीफोन साक्षात्कार के जरिए 4,486 प्रतिभागियों की राय ली गई. ये सर्वे 22 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच हुआ.

मामूली विवाद में महिला से बदसलूकी, घूंघट हटाकर मुंह पर थूका, निर्वस्त्र करने की कोशिश

मामूली विवाद में महिला से बदसलूकी, घूंघट हटाकर मुंह पर थूका, निर्वस्त्र करने की कोशिश

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां उधार की रकम वापस मांगने पर हुए विवाद में महिला के साथ बदसलूकी की गई. राजस्थान पत्रिका की खबर के मुताबिक, मामूली विवाद में कुछ लोगों ने एक धार्मिक स्थल पर जबरन विवाहिता का घूंघट हटाकर उसके मुंह पर थूक दिया. इतना ही नहीं महिला की साड़ी खींचकर उसे निर्वस्त्र करने की कोशिश भी की गई. खबर के मुताबिक, आरोपियों ने स्टांप पर माफीनामा लिखकर विवाहिता और उसके पति से जबरन हस्ताक्षर भी करवा लिया. 11 अक्टूबर को हुई इस घटना का वीडियो वायरल होने से पीड़ित महिला ने आत्महत्या करने की कोशिश की. उधर, शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

जोधपुर: शादी के तुरंत बाद गायब हुआ पति, कागज पर लिख कर पत्नी को दिया तीन तलाक!

जोधपुर: शादी के तुरंत बाद गायब हुआ पति, कागज पर लिख कर पत्नी को दिया तीन तलाक!

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीन तलाक पर अध्याधेश लाए जाने के बाद भी देशभर में तीन तलाक की घटनाओं पर रोक नहीं लगा है. हाल ही में जोधपुर के चांदना भाकर क्षेत्र से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दरअसल, चांदना भाकर क्षेत्र में देवी रोड पर रहने वाली रोहिना का निकाह 4 जुलाई को हुआ था. निकाह के दूसरे ही दिन पति अचानक घर से गायब हो गया.

जोधपुर: शादी के तुरंत बाद गायब हुआ पति, कागज पर लिख कर पत्नी को दिया तीन तलाक!


घरवालों से पूछने पर उन्होंने कहा कि वो गायब हो गया है और लड़के के घरवालों की तरफ से पुलिस थाना उदयमंदिर में लड़के की गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी, घटना के कुछ दिन बाद ही पीड़ित लड़की के परिवार के पास एक पेपर आया जिसमे लड़के ने अपनी पत्नी को पेपर पर तलाक तलाक तलाक लिख दिया. साथ ही उसने तीन बार तलाक तलाक लिखकर पत्नी से वैवाहिक संबंध तोड़ दिए.




अचानक इस तरह से तलाक के पेपर मिलने के बाद परिवार भी सकते में आ गया. पीड़ित परिवार को माजरा समझ मे नही आया, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने कोर्ट में इस्तगासा पेश कर न्याय की गुहार लगाई. कोर्ट से मिले इस्तगासे पर पुलिस थाना प्रताप नगर ने उसके पति, सास-ससुर शेर मोहम्मद शाह हुसैन बड़े ससुर और सास के खिलाफ मुस्लिम महिला अध्यादेश 2018 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है.







बहरहाल इस पूरे मामले पर पीड़िता ने उसके पति शहजाद को घरवालों द्वारा भगाने और गायब करने का आरोप लगाया है, लेकिन रोहिना के सपने तो शादी की सहज सजने से पहले ही चूर चूर हो गए है. अब पीड़िता और उसके परिवार को उम्मीद हैं तो कानून पर की उसे जल्द से जल्द न्याय मिले और जो भी दोषी हो उन्हें उनके गुनाहों की सजा मिले.

बुधवार, 7 नवंबर 2018

जानें आज कब है दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या है पूजन विधि और मंत्र

जानें आज कब है दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या है पूजन विधि और मंत्र



आज दीपावली का त्‍योहार मनाया जा रहा है। इस द‍िन दीप जलाकर भगवान राम के साथ ही देवी लक्ष्‍मी और गणेश जी की भी पूजा होती है। दिवाली पर कई लाभकारी संयोग बन रहे हैं। गुरु और शनि का दुर्लभ योग बन रहा है। दिवाली पर देव गुरु बृहस्पति, मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि में रहेंगे। यहां पढ़ें दिवाली पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र आदि के बारे में- 

Diwali 2018 Puja Vidhi Date Time subh muhurat

पूजन का मुहूर्त
घर के लिए- शाम 5.27 से 8.06 तक
व्यापारिक प्रतिष्ठान के लिए - दोपहर 1.35 से 2.59 तक




1. प्रदोष काल का समय-

सायं 17.27 से 20.05 तक। इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जाएगा। वृष और प्रदोष दोनों मिल जाने से ये दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।


2. वृष लग्न

दीपावली पूजन स्थिर लग्न वृष में भी किया जाता है। व्ययसाय से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठान में इसी समय पूजन करवाते हैं। वृष लग्न 17.14 से 19.50 तक रहेगा।

3. निशीथ काल

20.11 से 22.51 तक लगेगा। यह काल व्यापारियों के लिए बहुत अच्‍छा है। इसमें 19.09 से 20.52 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है।

4. महानिशीथ काल

23.14 से 24.06 तक। इसमें सिंह लग्न भी मिल जाएगा।



सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त-

1. गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें।

2. व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो बेहतर है।

3. छात्र प्रदोष काल में पूजन करें।

4. आई टी, मीडिया, फ़िल्म, टी वी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान लग्न वृष में पूजन करें।

5. सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें।

6. तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें।



पूजन पर ये करें
- सबसे पहले गणेशजी, शंकर जी, श्रीनारायण, लक्ष्मीजी, काली जी, सरस्वतीजी, कुबेर का पूजन करें।
- फिर लक्ष्मी-गणेश जी को स्नान कराएं और पूजन शुरू करें।
- पूजन से पहले पीले अक्षत लेकर पूजन का संकल्प अवश्य लें।

शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते!
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते!

श्रीपीठ पर विराजमान, देवताओं द्वारा पूजित, हाथों में शंख चक्र गदा धारण करने वाली महालक्ष्मी को नमस्कार है

मंगलवार, 6 नवंबर 2018

बाडमेर। हमारे परिवार की राजनीतिक छवि को कुछ लोग धूमिल करना चाहते हैं _ गफूर अहमद

बाडमेर। हमारे परिवार की राजनीतिक छवि को कुछ लोग धूमिल करना चाहते हैं   _ गफूर अहमद

राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री श्रम सलाहकार बोर्ड गफूर अहमद ने बताया कि सोशल मीडिया में यूट्यूब के जरिए कुछ लोग एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत हमारे परिवार की राजनीतिक छवि को धूमिल करना चाहते हैं उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से मेरी पत्नी शमा बानो का शिव विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के पैनल में नाम बताने की बात कीें  निंदा करता हूं कांग्रेस पार्टी के  से शिव विधानसभा क्षेत्र से टिकट जरूर मांगा था वह भी पार्टी के लोकतांत्रिक तरीके के तहत और कांग्रेस पार्टी जिसको भी टिकट देगी हम उसकी तन मन धन से मदद करेंगे मैं और मेरा परिवार कांग्रेस की विचारधारा में हैं और कांग्रेस की विचारधारा में ही रहेगा

जैसलमेर मतदान जागरूकता के लिए ग्रुप फ़ॉर पीपल ने सजाई दीपमाला* *देशी विदेशी पर्यटको ने दीप जला मतदान का दिया संदेश*

जैसलमेर  मतदान जागरूकता के लिए ग्रुप फ़ॉर पीपल ने सजाई दीपमाला*


*देशी विदेशी पर्यटको ने दीप जला मतदान का दिया संदेश*




*जेसलमेर जिला प्रशाशन और निर्वाचन विभाग स्वीप के तहत ग्रुप फ़ॉर पीपल जेसलमेर ने आमजन को मतदान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हनुमान सर्किल गांधी दर्शन के आगे धनतेरस की रात को दीपमाला सजाई। ग्रुप सदस्यो ने स्वीप और मतदान करे कि खूबसूरत दीपमाला सजाई।।दीपमाला को देखने बड़ी तादाद में स्थानीय लोगो के साथ देशी विदेशी पर्यटक पहुंचे।।उत्साहित देशी विदेशी पर्यटकों ने दीपमाला में सहयोग देते हुए खुद दीप जला के लोगो को 7 दिसम्बर को मतदान करने का संदेश दिया। जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष युवराज चैतन्यराज सिंह ने दीपमाला में अपने हाथों से दीप जला के जिले वासियो को मतदान अवश्य करे का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की स्थापना में आम जन को अधिकार दिया है इस अधिकार का पूर्ण उपयोग कर अपना प्रतिनिधि चुने।।उन्होंने कहा कि मतदान के प्रति ऐसे खूबसूरत कर्र्यक्रम अहम भूमिका जागरूकता में निभाते है।।जिला कलेक्टर ओमकसेरा ने ग्रुप की पहल को सराहनीय बताते हुए आम जन और संस्थाओं को मतदान जागरूकता के लिए आगे आने का आह्वान किया।।कलेक्टर ने ग्रुप को भेजे संदेश में ग्रुप के प्रयासों की सराहना की।।इस अवसर पर संयोजक चन्दन सिंह भाटी,अध्यक्ष मुकेश गज्जा,राजेन्द्र सिंह चौहान,दलवीर सिंह भाटी,जितेंद्र खत्री,मांगीलाल सोलंकी,डॉ अशोक तंवर,पार्षद पर्वत सिंह भाटी,देवेंद्र परिहार,देशनोक नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी दीनमोहम्मद रंगरेज,दिलीप सिंह राजावत,तरुण वाधवानी,सहित कई विदेशी पर्यटक उपस्थित थे।

7 नंवबर से हो रहा है मंगल का राशि परिवर्तन, इन चार राशियों की बदलने वाली है किस्मत, होगा अपार घन लाभ।

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जानिए 7 नवम्बर 2018 को मंगल के राशि परिवर्तन का क्या होगा आपकी राशि पर प्रभाव --
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7 नंवबर से हो रहा है मंगल का राशि परिवर्तन, इन चार राशियों की बदलने वाली है किस्मत, होगा अपार घन लाभ।

पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री



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जानिए मंगल ग्रह का महत्व---
प्रिय मित्रों/पाठकों, नवग्रहों में मंगल को उच्च स्थान प्राप्त है साथ ही ज्योतिष शास्त्र में भी मंगल को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मंगल को लाल ग्रह के रूप में भी कहा जाता हैं।ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार वैदिक ज्योतिष में मंगल को क्रूर और ऊर्जा प्रदान करने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। यह जातक के मन और बुद्धि को तेज़ करने वाला ग्रह है। इसके प्रभाव से मनुष्य अपने जीवन यात्रा में साहसी कार्य को अंजाम देता है, क्योंकि मंगल ग्रह साहस का कारक है। पौराणिक ग्रंथों में मंगल को भूमि पुत्र कहा गया है, इसलिए मंगल को भौम के नाम से भी जाना जाता है।

ज्योतिष में मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी है। मंगल सूर्य, चंद्रमा तथा बृहस्पति के मित्र हैं तो बुध और केतु के साथ इनका शत्रुवत संबंध है। शुक्र और शनि के साथ इनका संबंध तटस्थ है। पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि मंगल, मकर राशि में उच्च के होते हैं तो कर्क राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। मंगल दोष से पीड़ित जातक को अपने वैवाहिक जीवन में कष्टों से लेकर दरिद्रता जैसे दु:ख उठाने पड़ते हैं।

मंगल एक्शन का नाम है। यह हमारा निर्णय है, यह हमारी प्रेरणा है। मंगल ग्रह सैन्य सैनिकों, योद्धाओं, अचल संपत्ति डीलरों को बनाता है। बिल्डर्स, व्यापारियों, प्रसिद्ध सर्जन और खिलाड़ियों की कुंडली में अच्छा मंगल होता है। ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार हमारे जीवन में मंगल ग्रह संबंधों के मामले में छोटे भाई–बहन और सभी तरह के ब्लड रिलेशन का प्रतिनिधित्व करता है। यह जुनून है, एक व्यक्ति के भीतर की कामेच्छा है। यह एक लड़की की कुंडली में एक प्रेमी है। मंगल को वैदिक ज्योतिष में सौर मंडल का रक्षा मंत्री माना जाता है। मंगल ग्रह विस्फोट और अत्यधिक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यह दुर्घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार होता है। पृथ्वी पर यह दुर्घटनाओं और युद्धों के लिए ज़िम्मेदार है। सभी हथियार, फटाके, विस्फोटक मंगल ग्रह के अधीन आते हैं।
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जानिए मंगल ग्रह की विशेषताएं--
मंगल ग्रह को बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा का साथ पसंद है। लेकिन, इसे शनि, राहु और केतु के साथ रहना नापसंद है। तो क्या होता है जब यह मंगल ग्रह वक्री हो जाता है? एेसी स्थिति में मंगल बाहरी दुनिया की अपेक्षा आंतरिक दुनिया के निर्णय अधिक लेने लगता है। यह समय शरीर की इंजीनियरिंग के साथ ही आत्मा की इंजीनियरिंग का भी होता है। यही वह समय है जहां अतीत के अनुभव आपको कुछ समय बैठकर सोचने–समझने के लिए विवश करते हैं।

आप अपने कर्मों, बिजनेस और रिलेशनशिप की एनालिसिस करते हैं। यदि आप एक नए रिश्ते से शुरू करने के लिए तैयार हैं तो आप इस अवधि के दौरान नई प्रेरणा और अभिनव विचारों से युक्त नये प्रोफेशन, बिजनेस और कार्मिक पैटर्न से रूबरू होंगे।
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आने वाला समय कुछ राशियों के लिए काफी अच्छा रहने वाला है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री बताते है कि 7 नवंबर 2018 (बुधवार) को मंगल मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है। मंगल के राशि परिवर्तन से कई राशियों के लिए काफी अच्छा समय आने वाला है। पंडित दयानन्द शास्त्री जी बताते है कि ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है।

भूमिपुत्र मंगल का कुंभ राशि में गोचर 12 राशियों अलग-अलग तरीके से प्रभाव डालेगा।

जानिए सभी राशियों पर कैसा होगा मंगल का प्रभाव....

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मेष राशि

पंडित दयानन्द शास्त्री जी बताते है कि मेष राशि में मंगल एकादश भाव में होगा। यहां मंगल लग्नेश व अष्टमेश होता है। ये शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का योग बनाता है। कोई शुभ समाचार भी मिल सकता है।
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वृषभ राशि

वृषभ राशि में मंगल दशम भाव में होगा। वृषभ राशि में मंगल सप्तमेश एवं व्ययेश होने के कारण द्वितीय मारकेश है। फलत: यह अशुभ फलदायी होगा। जातक को संतान के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। यदि जातक नौकरी की तलाश में है, तो यह समय शुभ होगा। उपाय हेतु मंगल चंडिका स्त्रोत पढ़ें, लाभ होगा।
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मिथुन राशि

इस राशि में मंगल नवम भाव में होगा। यहां मंगल षष्ठेश व लाभेश होने के कारण अशुभ फलदायक है। इस समय जातक का स्वास्थ खराब हो सकता है लेकिन बच्चों की तरफ से कोई खुशखबरी मिल सकती है।
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कर्क राशि

कर्क राशि में मंगल अष्टम भाव में रहेगा। यहां मंगल लाभ स्थान में होगा। इस समय जातक को कानूनी रुप से सफलता मिलने के संकेत मिल रहे है।
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सिंह राशि

सिंह राशि में मंगल सप्तम भाव में होगा। यहां मंगल केंद्र और त्रिकोण दोनों का स्वामी है। ऐसे में जातक के विवाह जीवन में कलह हो सकती है। शांति के लिए हनुमान जी की पूजा करें।
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कन्या राशि

कन्या राशि में मंगल षष्ठ भाव में होगा। यहां यह तृतीयेश एवं अष्टमेश होने से परम पापी है। कन्या राशि के जातकों के लिए यह नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करेगा। जातक को कोर्ट से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है। इस दौरान शत्रुओं से विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है।
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तुला राशि

तुला राशि में मंगल पंचम स्थान में होगा। तुला लग्न में मंगल द्वितीयेश एवं सप्तमेश होने से मुख्य मारक ग्रह हैं। जातक को संतान की ओर से दुःख प्राप्त होगा |
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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि में मंगल चतुर्थ भाव में होगा। यहां मंगल लग्नेश एवं षष्ठेश है। लेकिन लग्नेश होते हुए भी यह पापी है। यदि कुंडली में मंगल बली है, तो शुभ फल देगा अन्यथा अशुभ फल देगा। यदि इस राशि के जातक सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो यह इनके लिए शुभ समय है।
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धनु राशि

धनु राशि में मंगल तृतीय भाव में होगा। धनु राशि में मंगल पंचमेश व खर्चेश है। मंगल खर्चेश होते हुए भी शुभ योग प्रदाता है, क्योंकि यह गुरु का मित्र है। बच्चों से लाभ होगा।
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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के द्वितीय भाव में मंगल उपस्थित होगा। मकर राशि में मंगल चतुर्थेश या लाभेश होने से अशुभ है। ऐसे में संतान की ओर से सतर्क रहें। मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए दोपहर के समय बच्चों में चना - गुड़ आदि बांटे, लाभ होगा।
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कुम्भ राशि

कुम्भ राशि के जातकों के प्रथम भाव में उपस्थित होगा। कुम्भ राशि में मंगल तृतीयेश एवं राज्येश है। कुम्भ राशि में मंगल शुभ एवं अशुभ दोनों फल देता है। विवाह में अचानक से रुकावट या विलंब होने संभावना है।
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मीन राशि
मीन राशि में यह मंगल द्वादश भाव में होगा। मीन राशि में मंगल धनेश एवं भावेश दोनों है। यहां मंगल शुभ फल दायी है। लेकिन जातक के विवाह में विलम्ब हो सकता है। विवाह विलम्ब की स्थिति में जातक घट विवाह करें, लाभ होगा।

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यह होगा वर्ष 2019 से 2025 तक मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव--

मंगल गोचर 2019

मंगल गोचर मीन से मेष

06 फरवरी 2019 (बुध) 00:10

मंगल गोचर मेष से वृषभ

22 मार्च 2019 (शुक्र) 15:29

मंगल गोचर वृषभ से मिथुन

07 मई 2019 (मंगल) 07:19

मंगल गोचर मिथुन से कर्क

22 जून 2019 (शनि) 23:48

मंगल गोचर कर्क से सिंह

09 अगस्त 2019 (शुक्र) 05:12

मंगल गोचर सिंह से कन्या

25 सितम्बर 2019 (बुध) 06:58

मंगल गोचर कन्या से तुला

10 नवंबर 2019 (रवि) 14:49

मंगल गोचर तुला से वृश्चिक

25 दिसंबर 2019 (बुध) 21:53





मंगल गोचर 2020

मंगल गोचर वृश्चिक से धनु

08 फरवरी 2020 (शनि) 04:14

मंगल गोचर धनु से मकर

22 मार्च 2020 (रवि) 15:03

मंगल गोचर मकर से कुंभ

04 मई 2020 (सोम) 21:04

मंगल गोचर कुंभ से मीन

18 जून 2020 (गुरु) 20:40

मंगल गोचर मीन से मेष

16 अगस्त 2020 (रवि) 19:21

मंगल गोचर मेष से मीन

04 अक्टूबर 2020 (रवि) 09:10

मंगल गोचर मीन से मेष

24 दिसंबर 2020 (गुरु) 11:00





मंगल गोचर 2021

मंगल गोचर मेष से वृषभ

 22 फरवरी 2021 (सोम) 05:04

मंगल गोचर वृषभ से मिथुन

 14 अप्रैल 2021 (बुध) 01:41

मंगल गोचर मिथुन से कर्क

 02 जून 2021 (बुध) 07:18

मंगल गोचर कर्क से सिंह

 20 जुलाई 2021 (मंगल) 18:19

मंगल गोचर सिंह से कन्या

 06 सितम्बर 2021 (सोम) 04:22

मंगल गोचर कन्या से तुला

 22 अक्टूबर 2021 (शुक्र) 02:26

मंगल गोचर तुला से वृश्चिक

 05 दिसंबर 2021 (रवि) 06:21





मंगल गोचर 2022

मंगल गोचर वृश्चिक से धनु

 16 जनवरी 2022 (रवि) 16:51

मंगल गोचर धनु से मकर

 26 फरवरी 2022 (शनि) 16:09

मंगल गोचर मकर से कुंभ

 07 अप्रैल 2022 (गुरु) 15:36

मंगल गोचर कुंभ से मीन

 17 मई 2022 (मंगल) 09:52

मंगल गोचर मीन से मेष

 27 जून 2022 (सोम) 06:00

मंगल गोचर मेष से वृषभ

 10 अगस्त 2022 (बुध) 21:33

मंगल गोचर वृषभ से मिथुन

 16 अक्टूबर 2022 (रवि) 07:50

मंगल गोचर मिथुन से वृषभ

 13 नवंबर 2022 (रवि) 19:40





मंगल गोचर 2023

मंगल गोचर वृषभ से मिथुन

 13 मार्च 2023 (सोम) 05:33

मंगल गोचर मिथुन से कर्क

 10 मई 2023 (बुध) 14:13

मंगल गोचर कर्क से सिंह

 01 जुलाई 2023 (शनि) 02:38

मंगल गोचर सिंह से कन्या

 18 अगस्त 2023 (शुक्र) 16:13

मंगल गोचर कन्या से तुला

 03 अक्टूबर 2023 (मंगल) 18:17

मंगल गोचर तुला से वृश्चिक

 16 नवंबर 2023 (गुरु) 11:04

मंगल गोचर वृश्चिक से धनु

 28 दिसंबर 2023 (गुरु) 00:37

मंगल गोचर 2024

मंगल गोचर धनु से मकर

05 फरवरी 2024 (सोम) 21:57

मंगल गोचर मकर से कुंभ

15 मार्च 2024 (शुक्र) 18:22

मंगल गोचर कुंभ से मीन

23 अप्रैल 2024 (मंगल) 08:53

मंगल गोचर मीन से मेष

01 जून 2024 (शनि) 15:52

मंगल गोचर मेष से वृषभ

12 जुलाई 2024 (शुक्र) 19:13

मंगल गोचर वृषभ से मिथुन

26 अगस्त 2024 (सोम) 15:41

मंगल गोचर मिथुन से कर्क

20 अक्टूबर 2024 (रवि) 14:47



मंगल गोचर 2025

मंगल गोचर कर्क से मिथुन

21 जनवरी 2025 (मंगल) 09:38

मंगल गोचर मिथुन से कर्क

03 अप्रैल 2025 (गुरु) 01:56

मंगल गोचर कर्क से सिंह

07 जून 2025 (शनि) 02:28

मंगल गोचर सिंह से कन्या

28 जुलाई 2025 (सोम) 20:12

मंगल गोचर कन्या से तुला

13 सितम्बर 2025 (शनि) 21:34

मंगल गोचर तुला से वृश्चिक

27 अक्टूबर 2025 (सोम) 15:54

मंगल गोचर वृश्चिक से धनु

07 दिसंबर 2025 (रवि) 20:27

बाड़मेर। चुनाव से पहले एसपी का नहीं हुआ तबादला तो पत्रकार और उनके परिजन करेगे मतदान का बहिष्कार , मतदान और मतगणना की कवरेज नहीं करने का ऐलान

बाड़मेर। चुनाव से पहले एसपी का नहीं हुआ तबादला तो पत्रकार और उनके परिजन करेगे मतदान का बहिष्कार ,  मतदान और मतगणना की कवरेज नहीं करने का ऐलान 



जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा कर एसपी को हटाने की मांग की




बाड़मेर। सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण को उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा पर बाड़मेर पुलिस की तानाशाहीपूर्ण की गई। कार्यवाही के विरोध में पत्रकारों का आक्रोश दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है । इस मामले को लेकर पत्रकार काली पट्टी बांधकर पुलिस का विरोध कर है। वही सोमवार को पत्रकारों ने जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा कर एसपी मनीष अग्रवाल को हटाने की मांग की । उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एसपी को नहीं हटाया गया तो सभी पत्रकार और उनके परिजन आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेगे ओर साथ ही मतदान ओर मतगणना की कवरेज नही करने की घोषणा की ।

Image may contain: 10 people, including Premdan Charan, people sitting


एसपी मनीष अग्रवाल जब से बाड़मेर आये है तब से लगातार अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के सिपाहियों को टॉरगेट कर प्रताड़ित करने के साथ उन पर द्वेष ओर तानाशाहीपूर्ण कार्यवाही किये जा रहे है जिससे पत्रकार जगत में भारी रोष व्याप्त है । सत्ता और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहे हमले की कड़े शब्दों में निदा की ओर कहा कि कहा कि जनता की आवाज उठाने वाले पर दमनचक्र किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


गौरतलब है कि 2 नवंबर को पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के निर्देश पर कुछ पुलिसकर्मी सादे कपड़े में आए ओर वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथासे उनका मोबाइल छीनकर लिया। सार्वजनिक स्थान पर जबरदस्ती पकड़कर धक्का-मुक्की कर अपहरण करने की नीयत से बिना नंबरी कार में जबरदस्ती डालकर गैरकानूनी रूप से अगवा कर सदर थाने ले गए। वहां उन्हें करीब 1 घंटा गैर कानूनी रूप से हिरासत में भी रखा जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया।


इससे पूर्व भी बाड़मेर एसपी मनीष अग्रवाल ने पटना से व्हाट्सएप पर मिले एक वारंट के आधार पर बाड़मेर के वरिष्ठ पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित को गिरफ्तार कर पटना भेज दिया था। वहीं बाड़मेर के पप्पू बृजवाल को भी बाड़मेर पुलिस ने निशाना बनाया था। इससे एसपी की नीयत में खोट साफ नजर आता है। एसपी अग्रवाल पहले भी कई गंभीर आरोपो में विवादित रहे चुके हैं।


*Breaking news* *जैसलमेर* बिजली विभाग का एक्स ई एन रिश्वत लेते गिरफ्तार*

*Breaking news*

*जैसलमेर* बिजली विभाग का एक्स ई एन रिश्वत लेते गिरफ्तार*

*एसीबी जैसलमेर की ट्रेप कार्यवाही*
*जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जैसलमेर के अधीक्षण अभियंता शकरलाल सुखाड़िया परिवादी श्री भोमसिंह से 15000 रुपये की रिश्व्त लेते हुए जैसलमेर एसीबी टीम dy sp श्री अनिल पुरोहित मय टीम जेठाराम हैं कानि, बलूदान*
*चारण,दुर्गसिंह भाटी,चंपालाल कुमावत,शिवप्रताप विश्नोई, संग्राम सिंह देवल, नरेंद्र सिंह चारण , किशना राम विश्नोई, महिला कानि0 बबरी,शेराराम, मुकेश शर्मा LDC व दो स्वतंत्र गवाह के उनके सरकारी आवास पर रंगे हाथों किया गया ट्रेप*।

सोमवार, 5 नवंबर 2018

पूर्व सीएम गहलोत के लिए गृहक्षेत्र की जोधपुर शहर व सूरसागर सीट बनी चुनौती

पूर्व सीएम गहलोत के लिए गृहक्षेत्र की जोधपुर शहर व सूरसागर सीट बनी चुनौती
पूर्व सीएम गहलोत के लिए गृहक्षेत्र की जोधपुर शहर व सूरसागर सीट बनी चुनौती
चुनावी रण में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं. दो बार सीएम रह चुके गहलोत पर गत दो बार से उनके खुद के गृहनगर जोधपुर में बीजेपी भारी पड़ रही है. खासकर जोधपुर शहर की दो सीटें गहलोत के लिए चुनौती बनी हुई हैं.इस बार गहलोत एक बार फिर से कमर कसकर इन सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराने के लिए जुटे हैं.

कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत के लिए अपने गृहनगर जोधपुर शहर की दो विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना चुनौती बना हुआ है. लाख जतन करने के बावजूद गत दो बार से गहलोत जोधपुर शहर और सूरसागर विधानसभा सीट पर अपने पसंद के प्रत्याशी को चुनाव से नहीं जीता पा रहे हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बावजूद ये दोनों सीटें कांग्रेस के हाथ से फिसल गई. पिछले चुनाव में तो जोधपुर जिले की दस सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट गहलोत के क्षेत्र सरदारपुरा से ही जीत पाई थी.गहलोत गाहे-बगाहे जोधपुर के लोगों के सामने अपनी इस टीस को कई बार जता भी चुके हैं. अब एक बार फिर चुनाव आ गए हैं और दोनों सीटों पर हमेशा की तरह प्रत्याशी का चयन गहलोत ही करेंगे. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे प्रत्याशी का चयन करने की है जो यहां से जीत हासिल कर उनकी प्रतिष्ठा में चार चांद लगा सके. फिलहाल गहलोत ने अपने पत्ते खोले नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता इस बात का दावा करते नहीं थकते कि इस बार जोधपुर में कांग्रेस की ही जीत होगी.

कुमारी शैलजा पर लगा 3.5 करोड़ रुपये में टिकट बेचने का आरोप, पोस्टर वायरल

कुमारी शैलजा पर लगा 3.5 करोड़ रुपये में टिकट बेचने का आरोप, पोस्टर वायरल
राजस्थान विधानसभा चुनाव टिकट बंटवारे में स्क्रीनिंग कमेटी की प्रमुख कुमारी शैलजा पर 3.5 करोड़ रुपये में टिकट बेचने के आरोप लगे हैं. कांग्रेस मुख्यालय के टॉयलेट में सोमवार को चस्पा मिले एक पोस्टर में शैलजा पर फलौदी टिकट को 3.5 करोड़ में बेचने का आरोप लगाया गया है. इस पोस्टर में शैलजा के साथ एक अन्य महिला का फोटो भी छपा है. पोस्टर के अनुसार इस सीट पर विजयलक्ष्मी विश्नोई को 3.5 करोड़ में कांग्रेस का टिकट बेचा गया है.

kumari shailja, phalodi ticket
बता दें कि कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरपर्सन नियुक्त किया हुआ है. पार्टी ने जून महीने में ही विभिन्न राज्यों में स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन करते हुए शैलजा को राजस्थान की जिम्मेदारी सौंपी थी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की स्वीकृति के बाद राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने शैलजा की नियुक्ति की अधिकारी घोषणा की थी.कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा को राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरपर्सन बनाते हुए ललितेश त्रिपाठी और शाकिर सनादि को बतौर सदस्य नियुक्त किया था. विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान स्क्रीनिंग कमेटी का अहम रोल रहता है और इसी लिहाज से चुनाव से छह महीने पहले ही इस कमेटी का गठन कर दिया गया था.

*सिंगल पैनल सूची पर राहुल गांधी हुए नाराज,अब युवाओ और महिलाओ को तहरीज*


*सिंगल पैनल सूची पर राहुल गांधी हुए नाराज,अब युवाओ और महिलाओ को तहरीज*


*टिकटों के वितरण पर ही कांग्रेस की जीत रहेगी निर्भर,टिकट वितरण में थोड़ी चूक भाजपा का रास्ता खोलेगी*

*अगले माह होने वाले चुनावों को लेकर कांग्रेस अतिउत्साह में है जीत को लेकर। अतिउत्साह में टिकट वितरण में एक भूल भी भारी पड़ सकती है कांग्रेस को। कांग्रेस में टिकट फाइनल करने में मगजमारी हो रही है।।धरातल स्तर पर कांग्रेस ने जिताऊँ उम्मीदवारों का विश्लेषण किये बगैर एंटी इंकमबेसी को सर्वे सर्वा मां जीत पक्की मांन ली जबकि सामाजिक और जातिगत समीकरण यहां महत्वपूर्ण है।बाड़मेर जेसलमेर से कांग्रेस को जितना है तो टिकट वितरण में न केवल सावधानी बरतनी होगी बल्कि जातिगत समीकरण भी ध्यान में रखने होंगे

राजस्थान की प्रभारी कुमारी शैलजा पर टिकट बेचने के आरोप लगने शुरू हो गए है।वैसे में कांग्रेस को सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार पर ही दाव खेलना होगा।।।हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये मानवेन्द्र सिंह भी राजपूतो के साथ अन्य समाजो को संतुष्ट करना चाहेंगे।।बाडमेर जेसलमेर लोकसभा क्षेत्र में दो राजपूतो की टिकट बनती है।।दो टिकट देने पर ही मानवेन्द्र सिंह का प्रभाव अन्य सीट पर दिखेगा।।मानवेन्द्र सिंह के आने के बाद काँग्रेस की स्थतियो में बदलाव आया है।।दोनो जिलो में टिकट वितरण में उनकी भूमिका को वजन देना होगा।।सही उम्मीदवार का चुनाव चुनोतिपुरन है।।।बाड़मेर बिधानसभा क्षेत्र से मेवाराम जैन के साथ आज़ाद सिंह राठौड़ की तगड़ी दावेदारी रही है।।।शिव में अमीन खान इस बार प्रभावी रहेंगे।।तीसरा मोर्चा यहां से उदाराम मेघवाल को उतार रहा है जो जाट दलित गठबंधन को बात कर रहे है।।।जो उम्मीदवार दलित वोट लेने की क्षमता रखेगा वही प्रभावी रहेगा । बायतु में भाजपा कैलाश चौधरी, कांग्रेस हरीश चौधरी को उतार रही है तो तीसरा मोर्चा भी यहां से उम्मीदवार उतारने में लगा है।।जाट वोट दो या तीन भागों में बंटाते है तो यहां अन्य जातियों के वोटर निर्णायक होंगे।।गुड़ामालानी में हेमाराम चौधरी पेटफेक्ट उम्मीदवार है भाजपा के पास उनका कोई तोड़ भी नही।।पचपदरा से पूर्व बिधायक मदन प्रजापत के खिलाफ कार्यकर्ता पूर्व में बगावत कर चुके है।।मदन प्रजापत का लगभग पूरे क्षेत्र में विरोध है।।उनका नाम जमीनी मामलों में भी उछला।।कॉन्ग्रेस को यहां नया चेहरा जीत दिला सकता है।।मानवेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी चित्रा सिंह पचपदरा के लिए परफेक्ट प्रत्यासी है।उन्हें स्वजातीय मतदाताओं के साथ 36 कौम का समर्थन हासिल है हालांकि मानवेन्द्र सिंह ने अपने परिवार से किसी के चुनाव में उतरने से इनकार किया है फिर भी पार्टी को चित्रा सिंह को चुनाव लड़ाने के लिए मानवेन्द्र सिंह पर दबाव बनाना चाहिए।।चित्रा सिंह पचपदरा से लड़ते है तो सिवाणा, बायतु,गुडा की सीट पर प्रभाव पड़ेगा। मदन प्रजापत बीते कल की बात हो गई।।कार्यकर्ताओ की आखरी पसन्द भी नही।।इधर सिवाणा में राजपुरोहित या कलबी को टिकट दी जाकर समीकरण साध सकते है।।चौहटन विधानसभा क्षेत्र से इस बार कोई प्रभावी उम्मीदवारी सामने नही आई।।जो आई बो कांग्रेस को जीत नही दिला सकते।।यहां दलित वर्ग के प्रभावी नेता को उतारा जा सकता है। जजेसलमेर में गत बार रूपाराम धनदे को टिकट देकर मौका दिया पर वो कम अंतर से हार गए।सामान्य सीट पर अब राजपूत प्रबल दावेदारी कर रहे है।।यहां राजपूत कांग्रेस के विधायक अनेक बार रहे है।।इस बार भी सुनीता भाटी और राजपरिवार की महारानी रासेश्वरी राज्य लक्ष्मी दावेदारी जता रही है।।महारानी रासेश्वरी राज्य लक्ष्मी ने तो सपना चुनाव प्रचार भी आरम्भ कर कर दिया।।ग्रामीण क्षेत्रो में युवराज चैतन्यराज सिंह को राजपूत समाज हाथों हाथ ले रहे है।।यह संकेत है कांग्रेस के लिए। कांग्रेस भाजपा के खिलजी बने माहौल को अगर जीत समझ रही है तो यह उनकी भूल है।।माहौल के अलावा कांग्रेस को जिताऊ और भरोसे के उम्मीदवार भी उतारने होंगे।।एक टिकट भी गलत गई तो कम से कम तीन से चार सीट से हाथ धो बैठेंगे।।आज ही हुई बैठक में प्रभारी सचिवों को वापस बुला दिया।कमिटी में नाराजगी जताई गई थी ये सूची पूर्व में भेजी थी उसी में रद्दोबदल कर वापस भेज दिया।चूंकि राहुल गांधी विदेश यात्रा पर है मगर वो अपने विश्वस्नीयो के सतत संपर्क में है बात उन तक पहुंची तो हड़कम्प मच गया।।एक बार फिर नए सिरे से उम्मीदवारी पर चर्चा होगी।मानवेन्द्र सिंह के आने के बाद बदली परिस्थति पर चर्चा के बाद टिकट फाइनल होंगे।।चूरू में सचिन पायलट ने राजेन्द्र राठौड़ का तोड़ बिक्रम सिंह शेखवत के रूप में निकाला पर हुई गड़बड़ के चलते एक माह पूर्व पार्टी में आये पुलिस अधिकारी का पैनल में नाम देख चोंक गए।।ऐसी गड़बड़ियां और जगह भी हुई।।शेखावत का नाम आने के बाद ही राजेन्द्र राठौड़ सीट बदलने का मानस बनाया।।कांग्रेस आलाकमान की हिदायत के बाद फिर मगजमारी होगी ।।

उतार-चढ़ाव भरे जीवन में लिख दी सफलता की कहानी विनोद सिंघवी ने*




*उतार-चढ़ाव भरे जीवन में लिख दी सफलता की कहानी विनोद सिंघवी ने*


जोधपुर. कहते हैं कि सपनों पर किसी का अधिकार नहीं होता। हर आदमी अपने घर-परिवार से लेकर देश-दुनिया के तमाम सपने देखता है। कुछ सपनों को हकीकत में बदलने के लिए आदमी कोशिश करता है, वहीं कुछ सपने महज ख्वाब बनकर ही रह जाते है। ऐसे ही सपनों के टूटने और उन्हें वापस बुनने के उतार-चढ़ाव भरे जीवन में सफलता की मिसाल पेश की है उद्यमी विनोद सिंघवी ने। शहर के इस युवा उद्यमी ने अपने सपनों को मेहनत व समर्पण की भावना से हकीकत में बदल दिया। विनोद ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के चेयरमैन विनोद सिंघवी का सफ़र 1992 में सड़क पर लोटरी काउंटर से आरम्भ हुआ और अपनी मेहनत और ईमानदारी के बल पर विनोद ग्रुप ऑफ़ कम्पनी लोटरी के व्यवसाय में सन 1995-2000 तक में राजस्थान में अग्रिम श्रेणी पर रहाl इसके पश्चात् सरकार द्वारा लोटरी पर पाबन्दी लगाने पर सन 2000 से 2004 तक विनोद ग्रुप द्वारा कई प्रकार के व्यवसाय किये जैसे कि इलेक्ट्रोनिक्स, फाइनेंस, गिफ्ट शॉप, सुपारी आदि, लेकिन सभी में असफलता मिली, इन सब के बावजूद भी विनोद सिंघवी ने हिम्मत नहीं हारी और 2004 में उन्होंने स्माल ब्रोकिंग व्यवसाय के साथ वापस शुरुआत की,  देखते ही देखते विनोद ग्रुप ऑफ़ कंपनी कमोडिटी व्यवसाय में 2007 से 2012 तक राजस्थान के अग्रणी श्रेणी में रहाl इसी दौरान विनोद ग्रुप ने इक्विटी एक्सचेंज की भी सदस्यता प्राप्त कीl अब वर्तमान में विनोद ग्रुप मुख्यत: कमोडिटी, इक्विटी, रियल-स्टेट और होटल्स में सुचारू रूप से कार्य कर रहा हैl जिसके अंतर्गत 144 तथा 40 फ्लैट की आवासीय योजना पूर्ण हो चुकी है, तथा दो होटल्स जोधपूर एव पाली में सिद्धार्थ इंटरनेशनल के नाम से चल रही है, एवं शीघ्र ही एम्स हॉस्पिटल के सामने सिद्धार्थ मॉल का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है, तथा अभी वर्तमान में चौखा, जैसलमेर बाईपास पर स्थित 2 लाख Sq.Ft. क्षेत्र में सभी पांच सितारा सुविधायुक्त प्राइवेट क्लब का कार्य भी तेजी से प्रगति पर चल रहा है, विनोद ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज द्वारा अपनी सामाजिक सहभागिता निभाने हेतु सन 2013 में सिद्धार्थ सोशल सर्विस की स्थापना की!

11 नवंबर के बाद ही आएगी भाजपा की सूचि सभी विधानसभा में पुन आवेदन का कार्य पूर्ण ,जावड़ेकर सौंपेंगे रिपोर्ट ९ को

11 नवंबर के बाद ही आएगी भाजपा की सूचि 

सभी विधानसभा में पुन आवेदन का कार्य पूर्ण ,जावड़ेकर सौंपेंगे रिपोर्ट ९ को 




राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा 11 नवंबर से पहले मुमकिन नहीं है। दरअसल, पार्टी के 15 वरिष्ठ नेताओं को संभावित उम्मीदवारों के बारे में जिला मुख्यालय पर फीडबैक लेने का काम सौंपा गया है। साथ ही इसे पार्टी के राज्य इलेक्शन इनचार्ज प्रकाश जावड़ेकर को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है जो बाद में नई दिल्ली में 11 नवंबर को होने वाली सेंट्रल इलेक्शन कमिटी (सीईसी) की बैठक में अमित शाह को फीडबैक सौंपेंगे।


एक बीजेपी नेता ने बताया, 'जावड़ेकर और सीएम वसुंधरा राजे सहित पार्टी की राज्य कोर कमिटी अमित शाह के साथ सीईसी मीटिंग में शामिल होगी।' बता दें कि राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव होने हैं, 2 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और नामांकन भरने की आखिरी तारीख 19 नवंबर होगी।

राजस्थान में बीजेपी के इलेक्शन इनचार्ज प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'इस साल नामांकन प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है। हमारे पास अपने उम्मीदवारों को ट्रेनिंग देने के लिए काफी कम समय बचा है। इसलिए पार्टी जितना जल्दी हो सकेगा सूची फाइनल करेगी।' इससे पहले बुधवार को राज्य की कोर कमिटी ने 96 निर्विरोध उम्मीदवारों की सूची सौंपी थी लेकिन पार्टी मुखिया अमित शाह ने वरिष्ठ नेताओं को प्रत्येक सीट पर कम से कम 3 संभावितों के नाम देने के लिए कहा है।

एक बीजेपी पदाधिकारी ने कहा, 'अमित शाह पैनल में 2 से 3 नाम चाहते हैं क्योंकि राज्य पैनल द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए नाम शाह के अपने आंतरिक सर्वे के साथ मेल नहीं खाते हैं।' 

रविवार, 4 नवंबर 2018

*होटल में प्रेमी युगल ने आत्महत्या की*

*होटल में प्रेमी युगल ने आत्महत्या की*






उदयपुर /उदयपुर के सुखेर थाना इलाके में रविवार को होटल में एक प्रेमी युगल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और उन्हें एमबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. मृतकों के परिजनों के आने पर शवों का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा.जानकारी के अनुसार सुखेर थाने के सामने होटल मोनिका पैलेस में गत 29 अक्टुबर से युवक-युवती रुके हुए थे. रविवार को उनको होटल का कमरा खाली करना था. दोपहर तक कमरे में कोई हलचल नहीं होने पर जब होटल स्टाफ ने दरवाजा खोलकर देखा तो दोनों मृत पड़े हुए थे. इस पर होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पर डीएसपी स्वाति शर्मा सहित अन्य आला पुलिस अधिकारी होटल पहुंचे और मौका मुआयना कर दोनों शवों को एमबी अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया.

कमरे में मिली शराब की बोतल व विषाक्त पदार्थ का पैकेट
पुलिस ने दोनों मृतकों के पास से मिले पहचान पत्र और फोन से उनके परिजनों को सूचना दे दी है. बताया जा रहा है कि युवक पाली का रहने वाला था और युवती उदयपुर के सायरा इलाके की रहने वाली थी. दोनों ही पिछले 20 दिनों से घर से गायब थे. पुलिस को होटल के कमरे से शराब की बोतल के साथ ही विषाक्त पदार्थ का पैकेट भी मिला है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है

संवंत 2075 बहीखाता एवम् लक्ष्मी पूजन के श्रेष्ठ मुहूर्त :-*

*संवंत 2075 बहीखाता एवम् लक्ष्मी पूजन के श्रेष्ठ मुहूर्त :-*



*धनत्रयोदशी :- सोमवार 05/11/2018*
*सुबह :- 6:36 से 8:00 (अमृत) / 09:24 से 10:47 (शुभ)*
*दोपहर :- 02:59 से 05:46 (लाभ-अमृत)*

*लक्ष्मीपूजन / दीपावली :-*
*बुधवार 07/11/2018*
*सुबह :-06:37 से 09:24* *(लाभ-अमृत) / 10:48 से 12:11(शुभ)*
*दोपहर :- 04:22 से 05:46(लाभ)*
*श्याम:- 07:22 से 10:35(शुभ-अमृत)*

*बलि प्रतिपदा / पाडवा :-*
*गुरुवार 08/11/2018*
*सुबह:- 06:38 से* *08:01(शुभ)*
*दोपहर:- 12:11 से* *02:58(लाभ-अमृत)*
*श्याम:- 04:22 से* *07:22(शुभ-अमृत)*

*आप सभी को दीपावली एवम् नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं .......*

🅱पुलिस जाब्ते के अलावा चुनावों में तैनात होगी सशस्त्र बलों की 650 कंपनियां तैनात*

*🅱पुलिस जाब्ते के अलावा चुनावों में तैनात होगी सशस्त्र बलों की 650 कंपनियां तैनात*

*🅱जयपुर:* प्रदेश में शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए भारी सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। पुलिस के 80 हजार जाब्ते के अलावा सशस्त्र बलों की 650 कंपनियां तैनात की जाएगी। इलेक्शन कमीशन आॅफ इंडिया के निर्देश पर गृहमंत्रालय ने इन कंपनियों की तैनातगी के आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें अर्द्ध सैनिक बलों की 475 कंपनियां तथा 20 राज्यों से सशस्त्र बलों की 175 कंपनियां बुलाई गई है।

राजस्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे, वहीं 11 दिसम्बर को मतगणना होगी। प्रदेश में चुनाव शांतिपूर्ण हो इसके लिए पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग खुद विधानसभा चुनावों पर सुरक्षाबंदोस्त पर निगरानी रख रहा है। इधर गृहमंत्रालय ने पहले विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्स की 30 तथा राज्य शस्त्र बलों की 20 कंपनियों मंजूरी दी थी।

इसके बाद राजस्थान पुलिस व चुनाव विभाग के आग्रह पर चुनाव आयोग ने समीक्षा के दौरान सशस्त्र बलों की 600 अतिरिक्त कंपनियों की जरूरत बताई। इसके बाद आयोग ने गृहमंत्रालय को इन कंपनियों की व्यवस्था करने के लिए लिखा। इसके बाद मंत्रालय से इन कंपनियों की तैनातगी की मंजूरी मिली।ऐसे में अब राज्य में चुनावों के दौरान सशस्त्र बलों की 650 कपंनियां तैनात रहेंगी।

पैरा मिलिट्री फोर्स और राज्य सशस्त्र बलों की ज्यादातर कंपनियां एक दिसंबर को आकर मोर्चा संभाल लेंगी। इनमें कुछ कंपनियां मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव कराकर आएंगी, वहीं करीब दस कंपनियां सीधे ही राजस्थान आएंगी। इनमें 675 कंपनियां 7 दिसंबर को मतदान के बाद रवाना हो जाएंगी। वहीं पैरा मिलिट्री फोर्स की 25 कपंनियां सात दिसम्बर को मतदान के बाद 11 दिसम्बर को मतगणना पूरी होने के बाद रवाना होंगी। इनको ईवीएम की सुरक्षा के लिए भी तैनात किया जाएगा।

गृहमंत्रालय ने पैरा मिलिट्री फोर्स और राज्य सशस्त्र बलों की 650 कंपनियों के नियोजन के लिए बीएसएफ आईजी अनिल पालीवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इनकी तैनातगी को लेकर राज्य पुलिस या चुनाव आयोग इनसे समन्वय स्थापित करेगें। वहीं पैरा मिलिट्री फोर्स और राज्य सशस्त्र बलों के मुखियों से भी समन्वय किया जा सकेगा।

*🅱इन 50 कंपनियां पहले हो चुकी मंजूर :*
सीआरपीएफ  — 10 कंपनी
सीआईएसएफ — 10 कंपनी
एसएसबी — 5 कंपनी
आरपीएफ — 5 कंपनी
राज्य सशस्त्र बल की 20 कंपनी

*🅱पैरामिलिट्री फोर्स — कहां से कितनी कंपनियां :*
पैरामिलिट्री फोर्स की 475 कंपनियां
सीआरपीएफ  — 134 कंपनी
बीएसएफ — 110 कंपनी
सीआईएसएफ — 103 कंपनी
आईटीबीपी — 42 कपंनी
एसएसबी — 41 कंपनी
आरपीएफ— 45 कंपनी

*🅱स्टेट आर्म्ड फोर्स की 125 कंपनी किस राज्य से कितनी :*
बिहार — 15 
अरुणाचल प्रदेश  — 3
छत्तीसगढ़ — 10
चंडीगढ़  — 3
गोवा — 2
गुजरात — 3
हरियाणा — 5
हिमाचल प्रदेश — 3
झारखंड — 15
मध्यप्रदेश — 10
मणिपुर — 5
मेघालय — 3
नागालैंड — 8
ओडिशा — 5
पंजाब  — 10
सिक्किम  — 5
तमिलनाडू — 5
त्रिपुरा — 8
उत्तरप्रदेश — 4
उत्तराखंड — 3

*🅱इन 25 कंपनियों का जिम्मा मतगणना तक :*
सीआरपीएफ  —  5 कंपनी
बीएसएफ — 5 कंपनी
सीआईएसएफ — 5 कंपनी
आईटीबीपी —5 कपंनी
एसएसबी —5 कंपनी
ईवीएम सुरक्षा, काउंटिंग ड्यूटी व अन्य कार्य में तैनात रहेंगी 

*🅱625 कंपनियां मतदान कराकर रवाना होंगी :*
सीआरपीएफ  — 139 कंपनी
बीएसएफ — 105 कंपनी
सीआईएसएफ — 108 कंपनी
आईटीबीपी — 42 कपंनी
एसएसबी — 41 कंपनी
आरपीएस — 45 कंपनी

*जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने कालेडूंगर राय मंदिर दर्शन कर किया जनसम्पर्क।* काणोद, श्री मोहनगढ़, पारेवर, भोजराज की ढाणी, तनोट का किया दौरा।

*जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने कालेडूंगर राय मंदिर दर्शन कर किया जनसम्पर्क।*

काणोद, श्री मोहनगढ़, पारेवर, भोजराज की ढाणी, तनोट का किया दौरा।

युवराज चैतन्यराज सिंह ने कालेडूंगर राय मंदिर दर्शन कर जिले में खुशहाली की कामना की। काणोद गांव में युवराज चैतन्यराज सिंह का शानदार स्वागत किया गया। गांव के मौजिज लोगो ने एक मत हो कर राजपरिवार का समर्थन देने का भरोसा दिलाया। मौजिज लोगों में हुकम सिंह, कोजराज सिंह, जोग सिंह, गोरधन सिंह, मंजूर खान, रसूल खान, गोरधन राम, बबलू सैन मौजूद रहे। मोहनगढ़ गांव में पनोधर राय मंदिर दर्शन के बाद गांव के मौजिज लोगो से मिले और राजपरिवार के समर्थन की अपील की।  मौजिज लोगो में धुड़ सिंह, मुल्तान सिंह, राणीदान सिंह, लक्ष्मण दास, मनोहर सिंह, रिछपाल सिंह, हासम खान, गोपाल जोशी और भी अन्य श्रीमोहनगढ़ ग्राम वासी उपस्थित रहे। पारेवर गांव में सभी ग्राम वासिंयो ने एक मत हो कर राजपरिवार को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया। पारेवर के मौजिज लोगों केशर सिंह, हजारी सिंह, कल्याण सिंह, प्रेमसिंह, अभुराम, प्रागाराम सैन, राणाराम अन्य ग्राम वासी उपस्थित रहे। भोजराज की ढाणी में युवराज चैतन्यराज सिंह जी का भव्य स्वागत किया गया। भोजराज जी ढाणी के समस्त ग्राम वासिंयो ने राजपरिवार के समर्थन का निर्णय लेकर पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया। मौजिज लोगो में राणसिंह, साहेब सिंह, नेण सिंह, चतुर सिंह, सावळ सिंह, भूपेंद्र सिंह, मनोहर सिंह और भी कई मौजिज ग्राम वासी उपस्थित थे। युवराज चैतन्यराज सिंह ने तनोट पहुँच कर माँ तनोट राय की पूजा अर्चना की। जैसलमेर युवराज ने हर जगह एक एक पौधा लगाकर पर्यावरण का संदेश दिया।

*चूरू ट्रक में भरे 1373 कार्टन अवैध बीयर जब्त*

 *चूरू ट्रक में भरे 1373 कार्टन अवैध बीयर जब्त*


जिला पुलिस अधीक्षक श्री राममूर्ति जोषी के निर्देषन में हो रही लगातार अवैध शराब के विरूद्ध कार्रवाई के दौरान आज दिनांक 04.11.2018 के वक्त 08.36 एएम पर श्री राकेश सांखला उपनिरीक्षक थानाधिकारी पुलिस थाना रतननगर, श्री राधाकृष्ण हैड कानि, श्री मुकेश कुमार कानि, श्री मुकेश कुमार कानि, श्री नवीन कुमार कानि, श्री धर्मेन्द्र कुमार कानि, श्री सुरेन्द्रसिह कानि ने मुखबीर की ईतला पर मौजा बालरासर आथूणा से 10 चक्का ट्रक नम्बर त्श्र31 ळ। 3954 को जब्त कर ट्रक से ब्ंतसेइमतह मसमचींदज ेजवदह ठममत के 98 कार्टन, ज्नइवतह बसंेेपब ठममत के 95 कार्टन, ज्नइवतह ेजतवदह इममत के 1180 कार्टन जब्त किये। इस प्रकार कुल 1373 कार्टन  बीयर राजस्थान निर्मित जब्त कर पुलिस थाना रतननगर में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। जब्तशुदा शराब की अनुमानित कीमत करीब 15 लाख रूपये है।

आलेख - 5 नवम्बर 2018, धनतेरस के लिए सबसे बड़ा धन है उत्तम सेहत

आलेख - 5 नवम्बर 2018, धनतेरस के लिए

सबसे बड़ा धन है उत्तम सेहत
- डॉ. दीपक आचार्य
9413306077



आजकल इंसान की सर्वाधिक दौड़ धन की ओर धन संग्रह में लगी हुई। इसमें दो किस्मों के लोग हैं। एक वे हैं जो धर्म एवं नीति संगत कार्यों और स्वयं के पुरुषार्थ से धन संग्रह करते हुए पूरी मस्ती के साथ जीवन जीते हैं। दूसरे प्रकार में वे लोग हैं जिन्हें पुरुषार्थ से कहीं अधिक भरोसा अपनी कुटिल बुद्धि और चातुर्य पर है तथा शुचिताहीन धंधों और बिना मेहनत-मजदूरी किए सब कुछ अपने अधिकार में कर लेने की मनोवृत्ति हावी है।
इन लोगों के लिए धनसंचय के लिए किसी भी प्रकार के अधर्म, अनीति और अन्याय को स्वीकार कर इनके उपयोग मेंं कहीं कोई लाज-शरम नहीं आती। इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ यही है कि चाहे जिस तरह भी हो सके जमीन-जायदाद और सभी प्रकार के संसाधन अपनी हद में होने चाहिएं। ऎसे लोग जिन्दगी भर पराये लोगों की जमीन, जायदाद और अधिकारों को हड़पने में लगे रहते हैं।
इन लोगों के जीवन का मकसद हराम की कमाई करना ही होता है चाहे इसके लिए औरों को कितना ही कष्ट क्यों न दिया जाए।  इनके जीवन में पुरुषार्थ नाम का कोई तत्व शेष नहीं रहता। ये मानते हैं कि जो कुछ इस संसार में है वह पूरा इनका है और जब जाएंगे तब सारा कुछ साथ ले जाएंगे। नहीं ले जा पाएं तो कम से कम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए इतना कुछ कर जाएंगे कि वे भी याद रखेंगी।
इन लोगों को यह भ्रम सदैव बना रहता है कि दुनिया में उन्हीं की पूछ होती है जिनके पास बेहिसाब धन-दौलत होती है। अपने आपको ऎसे लोग कितने ही धनवान क्यों न मानें मगर हकीकत यह है कि ये लोग अपार धन-दौलत, भोग-विलासिता के तमाम ऎश्वर्यों, संसाधनों के होते हुए भी कई मामलों में भिखारियों से भी गए गुजरे होते हैं।
इनके पास कहने को धन के नाम पर रुपया-पैसा, चाँदी-सोना और वैभव जरूर होता है लेकिन ये दूसरे सारे पहलुओं में दरिद्री और घटिया किस्म के निर्धन हुआ करते हैं। ऎसे धनी और हरामखोर लोग अपने पास कितना ही संचय क्यों न कर लें मगर प्रसन्नता, मानसिक एवं शारीरिक आरोग्य, सुकूनदायी जिन्दगी से लेकर सभी दृष्टियों से निर्धन होते हैं। इनका पूरा जीवन गोलियों, इंजेक्शनों पर गुजरता है। कई लोग तो रोजाना गोलियाेंं का नाश्ता ही करते हुए लगते हैं। खूब सारे लोग ऎसे हैं जो हमेशा जात-जात की दवाइयां हमेशा अपने साथ रखने को विवश हो गए हैं।
अपार संपदा प्राप्त होने के बाद भी व्यक्ति का चित्त प्रसन्न न हो, लाख कोशिशों के बाद भी चेहरे पर उन्मुक्त खुशी के भाव न आ पाएं, बीमारियां घेर लें, आम आदमी के लायक खाना-पीना भी न कर सकें, मस्ती से सो नहीं पाएं, औरों को दुःखी करते रहें तथा उन सभी प्रकार के आनंद से दूर हो जाएं, जो एक आम आदमी मौज-मस्ती के साथ बिना परिश्रम के पा लेता है, ऎसी स्थिति में इन धनाढ्यों और अपार वैभवशाली लोगों की जिन्दगी भिखारियों से कहाँ अच्छी होती है?  आज कितने लोग ऎसे रह गए हैं जिनके चेहरे पर सहज स्वाभाविक रूप से मुस्कान तैरती रहती है।
जीवन में धन और आरोग्य का सीधा संबंध है जो मनुष्य के समझदार होने से लेकर मरने के बाद तक गूंजता रहता है। जहाँ धन में शुचिता होगी वहाँ आरोग्य अपने आप आ ही जाएगा। और जहाँ धन में पुरुषार्थ और पवित्रता का अभाव रहेगा, वहाँ कोई भी व्यक्ति अपार वैभव सम्पन्न तो कहा जा सकता है लेकिन लक्ष्मीवान और आरोग्यवान कभी नहीं हो सकता।
आरोग्य वहीं रहता है जहाँ लक्ष्मी हो। जहाँ कहीं अलक्ष्मी है, पुरुषार्थहीनता है, हराम की कमाई हो, लोभ-लालच और दबावों से कमाया पैसा आ जाए, वहाँ कभी भी आरोग्य नहीं रह सकता। इसके साथ ही संतोष सबसे बड़ा धन है जिसके आ जाने पर चित्त की उद्विग्नताएं और असीमित कामनाओं का ज्वार समाप्त हो जाता है।
बेहतर जिन्दगी जीने के लिए मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है। हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि आरोग्य और संतोष का धन पाने के लिए पुरुषार्थ और जीवनशैली के हर पहलू में शुचिता सर्वोपरि है अन्यथा तैयार रहें उन सभी हालातों के लिए जो आजकल अधर्म और अनीति से धन-दौलत पाने वाले भुगत रहे हैं।
धनतेरस एवं भगवान धन्वन्तरि जयंती पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ .....

बाड़मेर में पत्रकारों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध, कार्यवाही नही होने तक जारी रहेगा विरोध

बाड़मेर में पत्रकारों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध, कार्यवाही नही होने तक जारी रहेगा विरोध 




बाड़मेर में सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में नकल रोक पाने में नाकाम रहे पुलिस प्रशासन ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए मीडिया पर हमला बोलने के मामले पर मीडिया अब विरोध में उतर चुका है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ने शनिवार की रोज काली पट्टी को बांध कर अपना विरोध जताया। पत्रकारों ने जिला पुलिस प्रशासन की इस कार्यवाही को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला बताया है। गौरतलब है कि बाड़मेर पुलिस ने शिक्षक भर्ती में पेपर लीक मामले में मनमानी करते हुए प्रकरण को उजागर करने वाले न्यूज18 राजस्थान के बाड़मेर संवाददाता प्रेमदान देथा को शुक्रवार को जबरन हिरासत में ले लिया था।
बाड़मेर में उल्टा चोर डांटे कोतवाल को कहावत को चरितार्थ करते हुए अपनी नाकामी को छिपाने के लिए शुक्रवार दोपहर को प्रेमदान को जबरन उठा लिया था।पुलिस न्यूज18 राजस्थान के संवाददाता प्रेमदान देथा पर खबर का सोर्स बताने का दबाव बनाया। मनमानी कार्रवाई करने वाली बाड़मेर पुलिस के मुखिया पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल खुद पहले विवादों में रह चुके हैं। अब बाड़मेर के पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ कार्यवाही को लेकर अपना झंडा बुलंद कर दिया है। बाड़मेर के पत्रकारों के मुताबित काली पट्टी बांध कर विरोध का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

*थार की चुनावी रणभूमि 2018* *सरहद का एक गांव जंहा पानी बिजली तो नही धर्म की राजनीति जरूर पहुंची,मूलभूत सुविधाओं के प्रति नही पर मतदान के प्रति जागरूक*

*थार की चुनावी रणभूमि 2018*

*सरहद का एक गांव जंहा पानी बिजली तो नही धर्म की राजनीति जरूर पहुंची,मूलभूत सुविधाओं के प्रति नही पर मतदान के प्रति जागरूक*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खास रिपोर्ट*

बाडमेर पाकिस्तान की सीमा से पांच किलोमीटर पहले राजस्थान के बाड़मेर के कैरकोरी गांव में रहनेवाले शरीफ़ को जितनी प्यास लगती है, वो उससे आधा पानी ही पीते हैं.

शरीफ़ कहते हैं कि पानी बचाना ज़रूरी है क्योंकि यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, यहां कपड़े भी 20 दिन बाद धोए जाते हैं.

बारिश होती है तो गांव के कुंए में पानी भर जाता है बाकी समय घर की महिलाएं पांच किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाती हैं और मटका भरकर पानी लाती हैं.

पानी ला दो...
हाथ जोड़कर मुझे कहते हैं, "कुछ भी करके पानी ला दो. हमें बस पानी चाहिए. इस बालू के बीच हमारा गला हमेशा सूखा रहता है और हमारे पशु मर जाते हैं."

उनके हाथ नीचे कर मैं कहता  हूं कि मैं सरकार नहीं पत्रकार हूं. इस पर वो कहते हैं, "सरकार तो पांच साल में एक बार ही हमारे पास आती है और उसे चुनने का हक जताने के लिए भी हमें ही पांच किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है."

'सड़क नहीं'
बाड़मेर शहर से क़रीब 120 किलोमीटर दूर बसे कैरकोरी गांव में 30 से अधिक परिवार रहते हैं और 90 पंजीकृत वोटर हैं.

गांव के आसपास सात किलोमीटर तक कोई सड़क नहीं, सिर्फ बालू है. हमने ये रास्ता एक बड़ी गाड़ी में तय किया था. गांववाले रोज़ पैदल ही करते हैं.

गांव में बिजली के तार आए हैं लेकिन बिजली नहीं है. ठीक वैसे ही जैसे पानी की पाइप लाइन और टंकी तो है पर सालों से टूटी हुई है.

चुनावी मौसम
एक बुज़ुर्ग महिला मुझे पास बुलाकर कान में कहती हैं, "बेटा उम्र बीत गई पानी का घड़ा ढोते-ढोते लेकिन पानी यहां नहीं आया."

जो यहां आई और रह गई, वो है उम्मीद. चुनाव से और चुनावी मौसम में एक बार दर्शन देने वाले नेताओं से.

हैरानी हुई ये जानकर कि मतदान के बारे में सबका मत एक है कि वोट तो ज़रूर डालना है. ये हक वो हताशा के आगे नहीं छोड़ना चाहते.

ये अलग बात है कि एक झोंपड़ी में दो अध्यापकों के साथ दो महीने पहले शुरू हुए इस स्कूल को कैरकोरी का रास्ता तय करने में आज़ादी के बाद भी छह दशक से ज़्यादा लग गए.

'धर्म की राजनीति'
जाते-जाते एक महिला से मैं पूछ बैठी कि कौन सी पार्टी पसंद है? वो बोलीं, "कांग्रेस, उसी को वोट दूंगी. हमारे नेता कांग्रेस से हैं और मुसलमान हैं. हम भी मुसलमान हैं. बस इसलिए."

मेरा मुंह खुला का खुला रह गया. सोचने लगा कि जिस गांव में ना पानी पहुंचा, ना बिजली, ना सड़क का रास्ता, ना शिक्षा की बयार, वहां के लोगों को धर्म की राजनीति का पाठ किसने पढ़ा दिया?

*96 लाख नकदी व दो क्विंटल चांदी सहित 2 गिरफ्तार*

*96 लाख नकदी व दो क्विंटल चांदी सहित  2 गिरफ्तार*

*अजमेर/ रेलवे स्टेशन पर देर रात आश्रम एक्सप्रेस में एटीएस व जीआरपी व इनकम टैक्स   की सयुक्त कार्रवाई, ट्रेन के लगेज की बोगी में बोरों में 96 लाख की भरी नकदी और दो किलो चांदी के बर्तन जब्त,करीब जब्त किये ,डेढ़ क्विंटल चांदी भी मिली है बोरे में भरी हुई ,बड़ी मात्रा  में नगदी व चांदी मिलने की सूचना पर सवेरे 4 बजे किया गया खुलासा*

*सिवाणा विधायक हमसा के खिलाफ़ कार्यकर्ताओं की बगावत,टिकट नही लेने देंगे*

*सिवाणा विधायक हमसा के खिलाफ़ कार्यकर्ताओं की बगावत,टिकट नही लेने देंगे*

*चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीति के रंग ढंग बदलने लगे।।रणकपुर में जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे के खास विधायक हमीर सिंह भायल हमसा को पुनः टिकट देने की पुरजोर मांग की थी।।वो रंग कार्यकर्ताओं पर दस दिन में उतर गया।।गत दिनों सिवाणा में आयोजित पार्टी बैठक में कार्यकर्ताओं का गुस्सा हमसा के प्रति फुट पड़ा।।कार्यकर्ताओ ने हमसा पर पांच साल अनदेखी का आरोप लगाया साथ ही यह भी कहते सुने गए कि विरोध करने की हमारी औकात नही थी।काम तो काम ढंग से पेश नही आते ।बैठक में सिवाणा भाजपा ने एक स्वर सिवाणा से भाजपा प्रत्यासी हमसा के अलावा किसी को भी बनाने का प्रस्ताव रखा।बैठक में कार्यकर्ताओं का आक्रोश हमसा की कार्यशैली को लेकर चरम पर था। सोसल मीडिया पर यह वीडियो वायरल भी तेजी से हो रहा।।भाजपा ने पूर्व में ही हमीर सिंह को संकेत दे दिए थे कि इस बार उन्हें टिकट देने में असमर्थ है।इस बार सिवाणा से भाजपा राजपुरोहित को टिकट देने जा रही है। वसुंधरा राजे कान सिंह कोटड़ी के पक्ष में थी।चूंकि गत चुनाव में हमीर सिंह को टिकट दिलाने में मानवेन्द्र सिंह का अहम रोल था। पांच साल विधायक रहने के बावजूद हमसा कार्यकर्ताओं में पैठ नही बना सके।।सिवाणा में इस बार चुनाव दिलचस्प होने वाले है।।क्योंकि भाजपा द्वारा राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूत को टिकट नही देने पर राजपूत भाजपा के साथ खड़े रहते है या नही यह दिलचस्प होगा।

चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी


चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी

चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी
नागौर जिले के डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के टिकटार्थियों के बीच कलह शनिवार को खुलकर सामने आई. चेतन डूडी को पार्टी से टिकट दिए जाने की अटकलों के बीच डीडवाना से कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के समर्थकों ने जयपुर स्थित पीसीसी कार्यालय पर हंगामा खड़ा कर दिया. डीडवाना से जयपुर पहुंचे मिर्धा समर्थकों ने चेतन डूडी को टिकट देने पर पार्टी छोड़ने तक की चेतावनी दे डाली.



समर्थकों का कहना है कि टिकट को लेकर ज्योति मिर्धा से राय ली जाए. प्रदेश के पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में सिर्फ 2700 वोट से मिर्धा चूक गई थीं. समर्थकों का आरोप है कि उस दौर में चेतन और उनके परिवार ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था.गौरतलब है कि ज्योति मिर्धा नागौर से एक बार सांसद रह चुकी हैं. 2009 से 2014 तक सांसद रहने के बाद पिछले चुनाव में सीआर चौधरी के सामने मिर्धा को हार का मुंह देखना पड़ा था.

उधर, एक दिन पहले भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर टिकटार्थियों के समर्थकों में जमकर हंगाम हो चुका है. आपस में कहासुनी के बाद प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रशांत बैरवा के विरोधी और समर्थकों में जमकर हाथापाई हुई. निवाई से बैरवा की दावेदारी पर विरोधी गुट और समर्थकों के बीच हुई इस हाथापाई के दौरान पीसीसी के बाहर जमकर नारेबाजी भी हुई.