जानें आज कब है दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या है पूजन विधि और मंत्र
आज दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन दीप जलाकर भगवान राम के साथ ही देवी लक्ष्मी और गणेश जी की भी पूजा होती है। दिवाली पर कई लाभकारी संयोग बन रहे हैं। गुरु और शनि का दुर्लभ योग बन रहा है। दिवाली पर देव गुरु बृहस्पति, मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि में रहेंगे। यहां पढ़ें दिवाली पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र आदि के बारे में-
पूजन का मुहूर्त
घर के लिए- शाम 5.27 से 8.06 तक
व्यापारिक प्रतिष्ठान के लिए - दोपहर 1.35 से 2.59 तक
1. प्रदोष काल का समय-
सायं 17.27 से 20.05 तक। इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जाएगा। वृष और प्रदोष दोनों मिल जाने से ये दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।
2. वृष लग्न
दीपावली पूजन स्थिर लग्न वृष में भी किया जाता है। व्ययसाय से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठान में इसी समय पूजन करवाते हैं। वृष लग्न 17.14 से 19.50 तक रहेगा।
3. निशीथ काल
20.11 से 22.51 तक लगेगा। यह काल व्यापारियों के लिए बहुत अच्छा है। इसमें 19.09 से 20.52 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है।
4. महानिशीथ काल
23.14 से 24.06 तक। इसमें सिंह लग्न भी मिल जाएगा।
सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त-
1. गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें।
2. व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो बेहतर है।
3. छात्र प्रदोष काल में पूजन करें।
4. आई टी, मीडिया, फ़िल्म, टी वी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान लग्न वृष में पूजन करें।
5. सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें।
6. तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें।
पूजन पर ये करें
- सबसे पहले गणेशजी, शंकर जी, श्रीनारायण, लक्ष्मीजी, काली जी, सरस्वतीजी, कुबेर का पूजन करें।
- फिर लक्ष्मी-गणेश जी को स्नान कराएं और पूजन शुरू करें।
- पूजन से पहले पीले अक्षत लेकर पूजन का संकल्प अवश्य लें।
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते!
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते!
श्रीपीठ पर विराजमान, देवताओं द्वारा पूजित, हाथों में शंख चक्र गदा धारण करने वाली महालक्ष्मी को नमस्कार है।
आज दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन दीप जलाकर भगवान राम के साथ ही देवी लक्ष्मी और गणेश जी की भी पूजा होती है। दिवाली पर कई लाभकारी संयोग बन रहे हैं। गुरु और शनि का दुर्लभ योग बन रहा है। दिवाली पर देव गुरु बृहस्पति, मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि में रहेंगे। यहां पढ़ें दिवाली पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र आदि के बारे में-
पूजन का मुहूर्त
घर के लिए- शाम 5.27 से 8.06 तक
व्यापारिक प्रतिष्ठान के लिए - दोपहर 1.35 से 2.59 तक
1. प्रदोष काल का समय-
सायं 17.27 से 20.05 तक। इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जाएगा। वृष और प्रदोष दोनों मिल जाने से ये दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।
2. वृष लग्न
दीपावली पूजन स्थिर लग्न वृष में भी किया जाता है। व्ययसाय से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठान में इसी समय पूजन करवाते हैं। वृष लग्न 17.14 से 19.50 तक रहेगा।
3. निशीथ काल
20.11 से 22.51 तक लगेगा। यह काल व्यापारियों के लिए बहुत अच्छा है। इसमें 19.09 से 20.52 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है।
4. महानिशीथ काल
23.14 से 24.06 तक। इसमें सिंह लग्न भी मिल जाएगा।
सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त-
1. गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें।
2. व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो बेहतर है।
3. छात्र प्रदोष काल में पूजन करें।
4. आई टी, मीडिया, फ़िल्म, टी वी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान लग्न वृष में पूजन करें।
5. सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें।
6. तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें।
पूजन पर ये करें
- सबसे पहले गणेशजी, शंकर जी, श्रीनारायण, लक्ष्मीजी, काली जी, सरस्वतीजी, कुबेर का पूजन करें।
- फिर लक्ष्मी-गणेश जी को स्नान कराएं और पूजन शुरू करें।
- पूजन से पहले पीले अक्षत लेकर पूजन का संकल्प अवश्य लें।
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते!
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते!
श्रीपीठ पर विराजमान, देवताओं द्वारा पूजित, हाथों में शंख चक्र गदा धारण करने वाली महालक्ष्मी को नमस्कार है।
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