पूर्व सीएम गहलोत के लिए गृहक्षेत्र की जोधपुर शहर व सूरसागर सीट बनी चुनौती
चुनावी रण में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं. दो बार सीएम रह चुके गहलोत पर गत दो बार से उनके खुद के गृहनगर जोधपुर में बीजेपी भारी पड़ रही है. खासकर जोधपुर शहर की दो सीटें गहलोत के लिए चुनौती बनी हुई हैं.इस बार गहलोत एक बार फिर से कमर कसकर इन सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराने के लिए जुटे हैं.
कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत के लिए अपने गृहनगर जोधपुर शहर की दो विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना चुनौती बना हुआ है. लाख जतन करने के बावजूद गत दो बार से गहलोत जोधपुर शहर और सूरसागर विधानसभा सीट पर अपने पसंद के प्रत्याशी को चुनाव से नहीं जीता पा रहे हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बावजूद ये दोनों सीटें कांग्रेस के हाथ से फिसल गई. पिछले चुनाव में तो जोधपुर जिले की दस सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट गहलोत के क्षेत्र सरदारपुरा से ही जीत पाई थी.गहलोत गाहे-बगाहे जोधपुर के लोगों के सामने अपनी इस टीस को कई बार जता भी चुके हैं. अब एक बार फिर चुनाव आ गए हैं और दोनों सीटों पर हमेशा की तरह प्रत्याशी का चयन गहलोत ही करेंगे. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे प्रत्याशी का चयन करने की है जो यहां से जीत हासिल कर उनकी प्रतिष्ठा में चार चांद लगा सके. फिलहाल गहलोत ने अपने पत्ते खोले नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता इस बात का दावा करते नहीं थकते कि इस बार जोधपुर में कांग्रेस की ही जीत होगी.
चुनावी रण में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं. दो बार सीएम रह चुके गहलोत पर गत दो बार से उनके खुद के गृहनगर जोधपुर में बीजेपी भारी पड़ रही है. खासकर जोधपुर शहर की दो सीटें गहलोत के लिए चुनौती बनी हुई हैं.इस बार गहलोत एक बार फिर से कमर कसकर इन सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराने के लिए जुटे हैं.
कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत के लिए अपने गृहनगर जोधपुर शहर की दो विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना चुनौती बना हुआ है. लाख जतन करने के बावजूद गत दो बार से गहलोत जोधपुर शहर और सूरसागर विधानसभा सीट पर अपने पसंद के प्रत्याशी को चुनाव से नहीं जीता पा रहे हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बावजूद ये दोनों सीटें कांग्रेस के हाथ से फिसल गई. पिछले चुनाव में तो जोधपुर जिले की दस सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट गहलोत के क्षेत्र सरदारपुरा से ही जीत पाई थी.गहलोत गाहे-बगाहे जोधपुर के लोगों के सामने अपनी इस टीस को कई बार जता भी चुके हैं. अब एक बार फिर चुनाव आ गए हैं और दोनों सीटों पर हमेशा की तरह प्रत्याशी का चयन गहलोत ही करेंगे. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे प्रत्याशी का चयन करने की है जो यहां से जीत हासिल कर उनकी प्रतिष्ठा में चार चांद लगा सके. फिलहाल गहलोत ने अपने पत्ते खोले नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता इस बात का दावा करते नहीं थकते कि इस बार जोधपुर में कांग्रेस की ही जीत होगी.
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