गुरुवार, 29 नवंबर 2012

foto...बेटियों का आदर्श गाँव सनावाडा ...जंहा बेटिया शिक्षित बहुए अनपढ़

बेटियों का आदर्श गाँव सनावाडा ...जंहा बेटिया शिक्षित बहुए अनपढ़ 








बाड़मेर सरहदी बाड़मेर जिला मुख्यालय से मात्र पचीस किलोमीटर नेशनल हाई वे 15 पर स्थित सनवाडा गाँव शिक्षा के लिहाज़ से पिछले कई सालो से अग्रणी रहा .मगर बीते चार सालो में इस गाँव की बेटियों ने चुपचाप से जो प्रगति शिक्षा और खेल के क्षेत्र में की वो शकुन देने वाली हें ,आज हर जगह कन्या भ्रूण हत्या को लेकर सरकारे पानी की तरह पैसा बहा रही हें ,मगर उन्हें बेटियों के लिए एक आदर्श गाँव नहीं मिल रहा .जबकि बाड़मेर का सनावड़ा और डुगेरो का तला ऐसे गाँव हें जंहा बेटियों की प्रगति समूचे भारत के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करती हें ,इन दोनों गाँवो में एक भी स्कूल जाने योग्य बालिका शिक्षा से वंचित नहीं हें ,यह सरकारी आंकड़ा नहीं हें।यह जागरूक और प्रेरक अभिभावकों का सार्थक प्रयास हें की हर घर की बालिका चाहे किसी धर्म जाति की हो स्कूल जाती ,इन गाँवों की स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाए पढाई में अपना और गाँव का नाम रोशन कर ही रही हें अपितु खेल के मैदान में देश भर में बाड़मेर और राजस्थान का नाम रोशन कर रही हें ,कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल कौशल का दम ख़म पिछले कई सालो में दिखा रही हें ,कबड्डी ,खो खो ,और जिम्नास्टिक में इन बालिकाओ का कोई सानी नहीं ,इन गाँवों की लडकिय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर बाड़मेर का नाम रोशन कर रही हें ,इन गाँवों में एक परिवार में अगर चार पांच बालिकाए भी हें तो उन्हें भी नियमित शिक्षा प्राप्ति के लिए स्कूल भेजा जाता हें ,गाँव में प्रस्ताव पारित हें की जो परिवार बालिकाओ को शिक्षा से वंचित रखेगा उन पर पंचायत दंड डालेगी ,एक सकारात्मक और प्रगतिशील अभिभावकों की सोच का ही नतीजा हे की इन गाँवों के एक भी बेटी अनपढ़ नहीं हें ,अलबता इन गाँवो की बहुए आज भी अनपढ़ आ रही हें ,गाँव की बेतिया काफी आगे निकल गई ,सरकारी नौकरियों में भी इन दोनों गाँवो की बेटियों की दखल अंदाजी साफ़ दिखाई देती हें ,अध्यापिका ,परिचायीका ,आंगनवाडी कार्यकर्ता ,सहायिका ,आशा ,ग्राम सेविका ,,पटवारी पद तक इन गाँवों की बालिकाए पहुँच चुकी हें ,सनावड़ा गाँव शिक्षा के लिहाज़ से इतना जागरूक हे की इस गाँव को आदर्श गाँव घोषित किया जका चुका हें ,मगर यहाँ शिक्षा के प्रति रूचि दिखने वाली बालिकाए के लिए ना तो सरकार ने समुचित शिक्षा की व्यवस्था की ना ही खेल प्रशिक्षण की,बाड़मेर जैसे पिछड़े जिले में बेटियों के इस गाँव को राज्य सरकार द्वारा मोडल गाँव के रूप में चयन कर ब्रांड एम्बेसेडर घोषित करना चाहिए ताकि अन्य जिले और गाँव इससे प्रेरणा ले सके ,

पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने किया ग्रामीण ़क्षेत्राों का दौरा



पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने किया ग्रामीण ़क्षेत्राों का दौरा
जैसलमेर, 29 नवंबर/ पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने ग्रामीणों से राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ पाने के लिए पूरे मन से आगे आने और ग्रामीण विकास की तमाम गतिविधियों में भागीदारी निभाने का आह्वान किया है।

पोकरण विधायक ने गुरुवार को जिले के एक दर्जन गांवों और ाणियों का दौरा करते हुए विभिन्न स्थानों पर ग्रामीण विकास की गतिविधियों तथा विकास कार्यों का अवलोकन किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान पोकरण विधायक ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का गंभीरता से निस्तारण किया जाएगा और इसके लिए जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार निरन्तर प्रयासों में जुटी हुई है।

पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने बेतीना, आसकन्द्रा, बालासर, भैंसड़ा, सेठानों की ांणी, राजग़, बोनाड़ा आदि क्षेत्राों में ग्र्रामीणों से चर्चा करते हुए विभिन्न ग्राम्य विकास कार्यों का अवलोकन किया।

बालासर व बोनाड़ा में ग्रामीणों ने हैण्डपंप की जरूरत पर जोर दिया। इस पर विधायक ने शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया। सेठानों की ाणी में विद्युतीकरण करने के लिए कनेक्शन दिए जाने का आग्रह किया। इस पर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

पोकरण विधायक ने खेतीबाड़ी से फुरसत पाए ग्रामीणों के लिए महानरेगा के पर्याप्त कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए । इस दौरान पानी, बिजली, महानरेगा, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य, कृषि विकास, पशुपालन आदि विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा करते हुए पोकरण विधायक ने ग्रामीणों से जनहित के कार्यों में अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया।

आसकन्द्रा में उन्होंने जन समस्याओं को सुना। इस दौरान जिला परिषद सदस्य खेतदान, मनोहरसिंह, समाजसेवी सवाईनाथ, कानदान आदि साथ थे।

विधायक शाले मोहम्मद ने किया पोकरण का दौरा

विधायक शाले मोहम्मद ने गुरुवार को पोकरण शहर का दौरा किया और साफसफाई व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए नगरपालिका के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में सभी प्रबन्धों को पुख्ता किया जाए। उन्होंने गांधी चौक में सफाई करने, मोबाइल टॉयलेट स्थापित करने आदि के निर्देश नपा अधिकारियों को दिए।

जैसलमेर के 12 राज्यकर्मियों की पदोन्नति




जैसलमेर के 12 राज्यकर्मियों की पदोन्नति

जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने जारी किए आदेश

जैसलमेर, 29 नवम्बर/ जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने गुरुवार को आदेश जारी कर जैसलमेर जिले के 12 राज्यकर्मियों को पदोन्नत कर दिया है। इनमें 6 कार्यालय सहायक, 5 वरिष्ठ लिपिक तथा एक को वाहनचालक के पद पर पदोन्नत किया गया है।

जिला कलक्टर त्यागी द्वारा जारी किए गये आदेशानुसार भैरुलाल सैन, हुकमीचंद सेन, सुराराम, महेश कुमार व्यास, बृजवल्लभ बिस्सा तथा ओम प्रकाश केवलिया को वरिष्ठ लिपिक के पद से कार्यालय सहायक पद पर पदोन्नत किया गया है।

इसी प्रकार बाबूलाल पंवार, मांगीलाल जोशी, वीरसिंह, मेहताबसिंह तथा रूघाराम को कनिष्ठ लिपिक से वरिष्ठ के पद पर पदोन्नत किया गया है। इसी प्रकार सवाईसिंह सहायकर्मी को वाहन चालक के पद पदोन्नत किया गया है।

-विभागीय योजनाओं में समय पर पाएं लक्ष्य शुचि त्यागी 
जैसलमेर, 29 नवंबर/जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में समय पर लक्ष्य पाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं और कहा है कि इसके लिए अभी से गंभीरतापूर्वक प्रयास करने की जरूरत है।

जिला कलक्टर ने गुरुवार को जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में सीमा क्षेत्राीस विकास कार्यक्रम, मुख्यमंत्राी ग्रामीण बीपीएल, इन्दिरा आवास, राष्ट्रीय पोषाहार, महानरेगा, स्थानीय क्षेत्रा विकास आदि तमाम योजनाओं और कार्यक्रमों की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए।

जिला कलक्टर ने कहा कि समय पर लक्ष्य पाने के लिए माहवार आनुपातिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास करें।

विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल ने लोक सभा में रेल मंत्री से पूछा पूरक प्रश्न,



बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल ने लोक सभा में रेल मंत्री से पूछा पूरक प्रश्न,


नई दिल्ली। 29 नवम्बर 2012। बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल गुरूवार को लोक सभा में तारांकित प्रश्न संख्या 81 के पूरक प्रश्न के माध्यम से रेल मंत्री पवन कुमार बंसल से रेलवे द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर योजना जो राजस्थान मे ही कुछ जगहों पर लागू होगी, में हो रही शिथलता के बारे मे प्रश्न पूछा। सांसद मेघवाल ने फण्ड्स की कमी तथा समय मोनीटरींग के अभाव के कारण महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में धीमी गति से काम होने की बात कही। 

सांसद अर्जुन मेघवाल के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुये रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह आश्वासन दिया कि सरकार का यह प्रोजेक्ट एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसके लिए कुछ पार्ट मे पीपीपी मोड और दूसर मे वर्ल्ड बैंक एवं जाइका से एग्रीमेंट कि जा रहा है। ईस्टर्न व वेस्टर्न कॉरीडोर्स को मिलाकर तकरीबन 95,000 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य 76 प्रतिशत तक हो चुका है। रेल मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस प्रोजेक्ट की पूरी मॉनीटरींग समय पर एंव गंभीरता से करेगी।

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को यूजीसी की धारा 12बी मे मान्यता का मुद्दा संसद मे, 


बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल ने नियम 377 के तहत उठाया मुद्दा



नई दिल्ली। 29 नवम्बर 2012। बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल गुरूवार को लोक सभा में नियम 377 के तहत बीकानेर की महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को यूजीसी की धारा 12बी के तहत मान्यता देने का मुद्दा संसद में उठाया। सांसद मेघवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देश के विभिन्न विश्व विद्यालयो को यूजीसी अधिनियम की धारा 12बी के तहत मान्यता प्रदान करता है। ऐसा ही एक प्रकरण मेरे बीकानेर संसदीय क्षेत्र के बीकानेर मुख्यालय स्थित महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय का है। प्रकरण 12बी की मान्यता के लिए विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ मैंनेजमेंट ने सिफारिश की है तथा तद पश्चात इसी क्रम में राज्य सरकार ने भी यूजीसी की सिफारिश के साथ मान्यता के लिए पत्र प्रेषित किया है, लेकिन यूजीसी द्वारा इस संबंध मे अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विगत दिनों मे राजस्थान के राज्यपाल बीकानेर दौरा था तथा उच्च शिक्षा से जुड़े हुये सभी संस्थाओ एवं ख्यातिनाम शिक्षाविदों ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर को यूजीसी द्वारा 12बी की मान्यता दिलवाने के संबंध में राज्यपाल को भी ज्ञापन प्रस्तुत किये है। बीकानेर राजस्थान के रेगिस्तानी भूभाग का हृदय स्थल है तथा ळम्त मे भी उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे बीकानेर पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता है। ऐसी स्थिति में एक रेगिस्तानी ईलाके का विश्वविद्यालय यूजीसी अधिनियम 12बी की शर्ते पूरी करता हो तथा प्रकरण सभी स्तरो से अभिशंषित होकर यूजीसी मे लम्बित हो तो मान्यता दिलवाने मे प्राथमिकता से कार्य करने का दायित्व यूजीसी का बनता है। सांसद मेघवाल ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री से मांग की कि बीकानेर स्थित महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को यूजीसी अधिनियम 12बी के तहत मान्यता दिलवाने की व्यवस्था करावें जिससे बीकानेर संभाग की सभी छात्र छात्राओ को उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे राहत उपलब्ध हो सकें। 
संपादक महोदय को प्रकाशनार्थ प्रेषित । 

बूठ जैतमाल पटवार मंडल बाड़मेर तहसील में शामिल


बूठ जैतमाल पटवार मंडल बाड़मेर तहसील में शामिल 

बाडमेर, 29 नवम्बर। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी की अनुांसा पर जिले के बूठ जैतमाल पटवार मंडल को गुड़ामालानी तहसील से बाड़मेर तहसील में भामिल कर लिया गया है।

राजस्व मंत्री चौधरी ने बूठ जेैतमाल के लोगों की सुविधाओं के मद्देनजर रखते हुए उनकी मांग के क्रम में इस पटवार मंडल को बाड़मेर तहसील में भामिल करने के आदो दिए है। पूर्व में यह गुड़ामालानी तहसील में भामिल था, जिससे लोगों को परेोानी का भामना करना पड़ता था। इस बाबत राजस्व विभाग ने आदो जारी कर दिए है।
भैडाणा में 33 केवी सब स्टेशन  की स्वीकृति

बाडमेर, 29 नवम्बर। जिले के गुड़ामालानी तहसील की भैडाणा पंचायत में राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी की अनुांसा पर 33 केवी का सब स्टोन स्वीकृत किया गया है।

राजस्व मंत्री चौधरी ने बताया कि इस क्षेत्र के लोगों को लम्बे समय से बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ता था तथा इससे सामान्य कार्यो के साथसाथ कृशि कार्य भी प्रभावित हो रहे थे, जिससे ग्रामीणों की इस पंचायत में पृथक से 33 केवी का विद्युत सब स्टोन स्वीकृत करने की मांग थी। इस पर राजस्व मंत्री ने जोधपुर विद्यृत वितरण निगम को इसके मद्देनजर प्रस्ताव तैयार करने के निर्दो दिए थे, जिसकी अनुपालना में जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने भैडाणा ग्राम पंचायत के देवनगर राजस्व गांव में पृथक से 33/11 केवी विद्युत सब स्टोन बनाने की प्रासनिक एवं वित्तिय स्वीकृति जारी की है।

शैक्षिक गुणवता पर विोश ध्यान दें .....एटूरू


शैक्षिक गुणवता पर विोश ध्यान दें .....एटूरू 

बाड़मेर 29 नवम्बर 2012।

बाड़मेर जिलाशैक्षणिक स्तर से काफी पिछड़ा हुआ है आप सभी शैक्षिक गुणवता पर विोश ध्यान दें। यह बात जिला कलक्टर भानूप्रका एटुरू ने सर्व िक्षा अभियान की समीक्षा व सम्बलन बैठक में कही। श्री एटूरू ने कहा कि बच्चें का न्यूनतम स्तर जानकर उसे अपेक्षित स्तर तक ले जाने का दायित्व िक्षा विभाग से जूड़े सभी अधिकारियों व कार्मिकों का हैं। उन्होने कहा कि हमारे लिये यह प्रतिश्ठा प्रन है कि बालक नियमित विद्यालय आ रहा है और उसका भौक्षणिक स्तर सुधर नहीं रहा है इस पर हमें विोश ध्यान देना हैं। श्री एटूरू ने अपने प्रथम चरण के सम्बलन के अनुभवों को बांटते हुए कहा कि आयु के अनुसार प्रवो करवाये गये बालकों पर विोश ध्यान देकर उस कक्षा के न्यूनतम स्तर पर बालक को भाीघ्र लाया जायें। इसके लिए हमें अलग से परिश्रम क्यों न करना पड़े?

बैठक के प्रारंभ में बैठक के उद्देय व सम्बलन के बारें में सामान्य जानकारी श्री पृथ्वीराज दवे जिला िक्षा अधिकारी प्राि एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक सर्व िक्षा अभियान, बाड़मेर ने दी, और कहा कि राज्य सरकार का उद्देय यहीं है कि विद्यार्थियों के भौक्षिक स्तर का पता लगाकर उसके कमजोर पक्षों को उजागर कर दूर करने का प्रयास किया जाये।

राजन भार्मा अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व िक्षा अभियान, बाड़मेर ने सम्बलन अभियान के प्रथम चरण की प्रगति प्रस्तुत की और राज्य स्तर पर बाड़मेर की स्थिति के बारें में बताया। भार्मा ने कहा कि जिन अधिकारियों ने प्रथम चरण में जिनजिन विद्यालयों का अवलोकन किया है तृतीय चरण में उन्हे उसी विद्यालय का अवलोकन करना हैं।

श्री धर्माराम चौधरी सहायक परियोजना समन्वयक, सर्व िक्षा अभियान, बाड़मेर ने सम्बलन के द्वितीय चरण की रूपरेखा व कार्ययोजना प्रस्तुत की और गोरधनराम नामा ने सम्बलन के अवलोकन प्रपत्र भरने संबंधी सभी अधिकारियों को निर्दो प्रदान कियें।

अन्त में जिला िक्षा अधिकारी माध्यमिक गोरधन लाल पंजाबी ने सभी आगुन्तकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। और कहा कि प्रथम चरण की भांति द्वितीय चरण में भी मनोयोग से व सहीसही सूचना अवलोकन प्रपत्र में भरें।

दिग्विजय सिंह चुली मोटियार पेरिषद के जिला सह संयोजक मनोनीत

दिग्विजय सिंह चुली मोटियार पेरिषद के जिला सह संयोजक मनोनीत


मोटियार परिषद् की जिला कार्यकारिणी शीघ्र भंग होगी


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर घटक राजस्थानी मोटियार परिषद् के जिला सह संयोजक पद पर दिग्विजय सिंह चुली को मनोनीत किया गया हें .समिति के सह संयोजक सारण ने की प्रदेश मंत्री राजेन्द्र बारहट और चन्दनसिंह भाटी के निर्देशानुसार मोटियार परिषद् के जिला सह संयोजक पद पर दिग्विजय सिंह चुली को मनोनीत किया किया गया हें .समिति के जिला पाटवी


रिडमल सिंह दांता ने बताया की राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए चलाये जा रहे अभियान में बेहतर कार्य करने वालो को जिम्मेदारिय दी जा रही हें वही जो पदाधिकारी अभियान की गतिविधियों में शिथिलता बरत रहे हें उन्हें शीघ्र कार्य कारिणी और जिम्मेदारी से मुक्त किया जायेगा ,उन्होंने बताया की राजस्थानी भाषा की मान्य के लिए चलाया जा रहा अभियान एक मिशन के तौर पर चलाया जा रहा हें जिसमे कोई कोताही बर्दास्त नहीं की जायेगी ,उनके अनुसार मोटियार परिषद् की जिला कार्यकारिणी को शीघ्र भंग किया जाएगा ,संसद के शीतकालीन सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के उच्च स्तरीय प्रयास किये जा रहे हें इसे में किसी प्रकार की कोताही बर्दास्त नहीं होगी ,उनके अनुसार आगामी दिनों में पोस्टकार्ड अभियान जोर शोर से जिले भर में चलाया जाएगा

बीवी से झगड़ा हुआ तो कॉलगर्ल बना कर दोस्‍तों के सामने कर दिया पेश

लखनऊ. लखनऊ की एक महिला ने अपने पति पर यह आरोप लगाया है कि उसने उसकी मेल आईडी हैक कर अश्लील मेल और फोटोग्राफ दोस्तों को मेल कर दिए। मेल में उसके दोस्तों को सेक्स ऑफर किया गया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।
बीवी से झगड़ा हुआ तो कॉलगर्ल बना कर दोस्‍तों  के सामने कर दिया पेश
महिला का आरोप है कि उसका पति के साथ विवाद चल रहा है, जिसकी वजह उसने ऐसी हरकत की है। कुछ दिन पहले इस महिला ने अपने पति के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज़ करवाय था। घरेलू हिंसा की शिकायत होने पर साफ्टवेयर इंजीनियर ने पत्नी को बदनाम करने के लिए उसकी ई-मेल हैक कर अश्लील मैसेज और मेल किये। इसमें पत्नी द्वारा दूसेरे लोगों को सेक्स ऑफर किया गया। उसके पति ने ऐसा घरेलू हिंसा के तहत होने वाली कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए किया है। वह शादी-शुदा है। जब इसकी सच्चाई पता चली तो प्रताड़ित करने लगा। इसी वजह से वह पिता के साथ मायके आ गयी। 

बताते चलें कि लखनऊ की आलमबाग इलाके की रहने वाली सुधा की शादी मैट्रिमोनियल साइट के जरिये बेंगलुरु के एक साफ्टवेयर इंजीनियर से तय हुई। लड़की के परिजनों का कहना है की शादी के वक्त उन की सारी मांगे मानी गई। लेकिन शादी के बाद जैसे ही वह हनीमून से लौटी, ससुरालवालों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। पति और उसके घरवालों ने दहेज की डिमांड करनी शुरू कर दी। पति ने पत्नी पर मारपीट करते हुए घर से पैसे लाने का दबाव बनान शुरू कर दिया। उसी वक्त पता चला कि उसका पति पहले से शादी शुदा है। सुधा ने सारी बातें परिजनों को बताया। पिता ने फोन कर दामाद से बात की। मई माह में इंजीनियर ने पत्नी से 28 लाख की कार की डिमांड की और मांग न पूरी होने पर मारपीट की। इस वजह से पिता बेटी को लखनऊ के आलमबाग ले आये।

मनीषा कोइराला अस्पताल में भर्ती

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अभिनेत्री मनीषा कोइराला को स्वास्थ्य जांच के लिए जसलोक अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि वह बुधवार को अस्पताल में भर्ती हुई हैं। वह ठीक हैं और उनके स्वास्थ की जांच चल रही है।

कर्मचारी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के आने के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी। कहा जा रहा है कि अचानक स्वास्थ बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

मनीषा ने 1991 में फिल्म ‘सौदागर’ से बॉलीवुड में शुरूआत की थी। 42 वर्षीया अभिनेत्री ने बॉलीवुड की कई अन्य फिल्मों में भी काम किया है।

हाल ही में मनीषा की राम गोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म ‘भूत रिटर्न्स’ आई थी।

सरकार के खिलाफ वोट करेगी सपा

सरकार के खिलाफ वोट करेगी सपा
नई दिल्ली। मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई पर नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर संसद में पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध टूट गया है लेकिन समाजवादी पार्टी ने यूपीए सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। सपा ने घोषणा की है कि पार्टी राज्यसभा में एफडीआई पर सरकार के खिलाफ वोट करेगी।

पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। 244 सदस्यों वाली राज्यसभा में सपा के 7 सांसद हैं। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। यूपीए और उसके सहयोगियों के पास 94 सांसद हैं। दस नोमिनेटेड मेंबर सरकार के पक्ष में वोट कर सकते हैं। सात निर्दलीयों में से तीन-चार सरकार को समर्थन दे सकते हैं।

लोकसभा में रहेगा अलग रूख

जब रामगोपाल यादव से पूछा गया कि क्या पार्टी लोकसभा में भी सरकार के खिलाफ वोट करेगी तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब लोकसभा में हमारे नेता से पूछिए। कहा जा रहा है कि लोकसभा में सपा का स्टैण्ड अलग हो सकता है। इस बारे में रामगोपाल ने कहा कि कई बार ऎसा हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों सदन के नेताओं के बीच कम्यूनिकेशन गेप है तो उन्होंने कहा कि कई बार ऎसा जानबूझकर किया जाता है। कहा जा रहा है कि लोकसभा में सपा सांसद वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहेंगे।

बसपा का रूख साफ नहीं

बसपा भी एफडीआई का विरोध कर रही है लेकिन वोटिंग को लेकर उसने अपना रूख अभी तक साफ नहीं किया है। सपा और बसपा यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। डीएके भी एफडीआई के विरोध में है लेकिन उसने सरकार के समर्थन में वोट करने की घोषणा की है।

आतिशबाजी से अजमेर में भीषण आग

आतिशबाजी से अजमेर में भीषण आग
अजमेर। शादी के जश्म में आतिशबाजी गुरूवार सुबह अजमेर में भीषण आग का सबब बन गई,जिसमें लाखों का फर्नीचर जल कर खाक हो गया। दमकलकर्मियों ने करीब 4 घटें की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि आगजनी के पीछे पुख्ता कारणों के बारे में अभी कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।


जानकारी के अनुसार आदर्श नगर इलाके में आड़ी पुलिया के पास गुरूवार सुबह तीन बजे एचबी फर्नीचर हाउस के गोदाम में भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि पास ही स्थित विवाह समारोह स्थल में देररात तक आतिशबाजी हो रही थी जिससें चिंगारी के कारण फर्नीचर के गोदाम आग लग गई।

गोदाम में तैनात चौकीदार ने आग लगने की भनक लगने पर शोरूम में सो रहे तीन कर्मचारीओं को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची करीब आधा दर्जन से ज्यादा दमकलों ने सुबह सात बजे आग पर काबू पाया।

55 की उम्र में अवैध संबंध,बेटे ने किया कत्ल

55 की उम्र में अवैध संबंध,बेटे ने किया कत्ल
हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में अवैध संबंधों के चलते पुत्र ने अपने ही पिता की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पिता-पुत्र के बीच झगड़े के बाद हत्या का यह मामला यहां पीलीबंगा कस्बे का है। 55 वर्षीय पिता की हत्या करने वाले बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के अनुसार पीलीबंगा कस्बे के पास दुलमाना गांव में बुधवार रात जोगेन्द्र सिंह (55) और उनके बेटे गुरतेज सिंह के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि गुरतेज ने तेश में आकर पिता जोगेन्द्र पर ताबड़तोड वार कर डाले। इस झगड़े में सिर में चोट लगने से जोगेन्द्र की मौत हो गई।

ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी गुरतेज को गिरफ्तार कर लिया और शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।

अवैध संबंध थे विवाद की जड़
ग्रामीणों के अनुसार बाप-बेटे के बीच इस झगड़ के पीछे जोगेन्द्र सिंह के अवैध संबंध थे। गांव की ही एक महिला के साथ अवैध संबंधों के चलते जोगेंद्र सिंह ने अपनी जमीन भी बेच डाली थी। इस वजह से परिवार में अक्सर झगड़ा होता रहता था।

बस पलटी,भीड़ ने लगाई आग,पुलिस पर पथराव

बस पलटी,भीड़ ने लगाई आग,पुलिस पर पथराव

उदयपुर। सैनवाड़ा गांव में बुधवार रात बस पलट गई,जिससे गांव के ही एक युवक की मौत हो गई। सूचना के बाद भी मौके पर पुलिस के देर से नहीं पहुंचने पर गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए।

गोगुंदा पुलिस के अनुसार थाना इलाके में ही सैनवाड़ा गांव के नजदीक मोरबंद पुलिस चौकी के पास बुधवार रात लोकल सवारी बस अचानक पलट गई। बस पलटने से गांव के ही युवक लखाणा की मौत हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस समय पर नहीं पहुंची। बाद में ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही बस को सीधा किया और उसमें बैठी अन्य सवारियों को बाहर निकालकर बस को आग के हवाले कर दिया।

रात करीब नौ बजे हुए इस हादसे के दो घंटे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पुलिस को घेर लिया और पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। बाद में पुलिस ने थाने फोन कर अतिरिक्त जाप्ता मंगाया। दमकल को भी बुलाया गया। दमकल ने बस की आग पर काबू किया। पुलिस ने मृतक का शव मुर्दाघर में रखवाया। सवेरे छह बजे तक सैरवाड़ा गांव के आस-पास पुलिस जाप्ता तैनात था। इस मामले में दोनों ही पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है।

खबरां राजस्थानी में ...राजस्थान री खबर


  • स्कूलों में मिलेगा साइबर क्राइम रोकवा री सीख
    साइबर क्राइम (इंटरनेट के जरिये अपराध) कंट्रोल रे क्षेत्र में विशेषज्ञां री कमी ने देखता तका सरकार अबे बाळका ने इंटरनेट रे सुरक्षित इस्तेमाल रे बारे में जागरूक करवा जायरी है। इणरे रे लिए राज्य रा करीब 50 सरकारी स्कूलां में छठी सू 12वीं तक साइबर लिट्रेसी प्रोग्राम शुरू किया जायरिया है। बाळक या जानकारी रखेगा तो साइबर क्राइम में कमी आ सकेला। 10 जिला में पायलट प्रोजेक्ट री सफलता के केड़े संगळा जिला रे स्कूलां में यो प्रोग्राम लागू वेगा।
  • पेड़ काटिया तो २५ हजार जुर्मानो या ६ माह पार्क में काम करवा री सजा
    जयपुर। शहरी क्षेत्रा में यदि वना अनुमति पेड़ काटिया या नष्ट करिया तो अबे 25,000 रु. तक रो जुर्मानो भरणो पड़ सके है। जुर्माना नी देवा री सूरत में 6 महीने सार्वजनिक पार्क में काम करणो पड़ेला। राज्य सरकार अस्‍यो कानून लावा वाळी है। विधि विभाग री राय और कैबिनेट री मंजूरी रे बाद यो विधेयक विधानसभा में लायो जावेला।
  • सरकारी नौकरी रे लिए देणो पड़ेला तंबाकू नी खावा रो शपथ पत्र
    जयपुर। राज्य में सरकारी नौकरियों में नियुक्ति पावा वाळा ने अबे सेवा शुरू करवा सूं पेहले तंबाकू नी खावा री अंडरटेकिंग देणी पड़ला। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लियो गयो है। विण पे केवल मुहर लागणी बाकी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.एस. सिंह बतायो कि सरकार चावे है कि प्रदेश में तंबाकू रो सेवन पूरी तरह खत्म व्‍है जावे। अंडरटेकिंग रे मामले में जल्द ही अंतिम फैसला कर लियो जावेला।
  • राजस्‍थानी साहित्‍य में मिलेला तीन नवा पुरस्‍कार
    अकादमी रे अध्यक्ष श्याम महर्षि बतायो कि अणा पुरस्कारा रे अलावा इण वरस तीन नवा पुरस्कारा रो प्रस्ताव भी राज्य सरकार सूं अनुमोदित व्‍है गियो हैं। युवाओं और महिलाओं रे लिए भी व्‍हैला पुरस्कार अकादमी सचिव पृथ्वीराज रतनू बतायो कि महिला रचनाकारावां रे लिए 'महिला लेखन पुरस्कार, युवा रचनाधर्मियों रे 'युवा साहित्य पुरस्कार' एवं साहित्यिक पत्रकारिता रे क्षेत्र में उल्लेखनीय अवदान रे लिए 'साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार' भी अणी वरस सूं प्रारंभ किया जावेला। पुरस्कारों रे लिए प्रविष्टियां जल्द ही आमंत्रित की जावेला।
  • सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार जैसलमेर के डॉआईदान सिंह को,

    बीकानेर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी वर्ष 2012-13 लिए पुरस्कारा री घोषणा कर दी है। इण वर्ष सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार जैसलमेर रे साहित्यकार डॉ. आईदान सिंह भाटी ने वारी काव्य पोथी 'आंख हियै रा हरियल सपना' रे लिए दियो गयो है। वांने 71 हजार रु.
  • राजस्‍थानी साहित्‍य में पुरस्‍कारा री वरखा
    पद्य विधा रो गणेशलाल व्यास उस्ताद पुरस्कार राजस्थानी साहित्यकार अजमेर निवासी विनोद सोमानी 'हंस' ने पोथी 'म्हैं अभिमन्यु' रे लिए दियो जावेला। शिवचंद भरतिया गद्य पुरस्कार जयपुर के डॉ. गोविंद शंकर शर्मा पौथी 'राजस्थानी भाषा शास्त्र' रे लिए दियो जावेला। मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा साहित्यकार पुरस्कार रे लिए बीकानेर रे कथाकार प्रमोद शर्मा री पौथी 'राम जाणै' रो चयन कियो गयो है । लेखक री पेली प्रकाशित कृति रे लिए दियो जावा वाळो 31 हजार रु. रा सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार जोधपुर री कवयित्री किरण राजपुरोहित 'नितिला' ने वांरी कृति 'ज्यूं सैणी तितली' रे लिए मिलेला। राजस्थानी बाल साहित्यकार पुरस्कार सलूम्बर (उदयपुर) री डॉ. विमला भंडारी ने वांरी बाल साहित्य री पौथी 'अनमोल भेंट' रे लिए दियो जावेला।

foto..बाड़मेर की प्राचीन राजधानी जूना: जर्रा जर्रा इतिहास




बाड़मेर की प्राचीन राजधानी जूना: जर्रा जर्रा इतिहास



सरहदी जिले बाड़मेर पश्चिम  दिशा  में सिहाणी की अटल पहाड़ियो के मध्य कभी आबाद राह जूना गढ  आज इतिहास का साक्षी है। जिले के स्वर्णिम इतिहास को गौरव प्रदान करने वाला जूना का किला जो पूर्व बाहड़मेर था।

काले भूरे रंग की पहाड़ी नगरी में पाशाण ही पाशाण है। रेतीले टीलो की कतारे मन्दिरो से भरा पानी के सूखे तालाब, कंटिली झाड़ियो में कभी आबाद राह ऐतिहासिक जूना आज सूना है। जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर दुर्गम काली पहाड़ियो को तीन किलोमीटर पैदल चलकर पार करने पर जूना का स्वरुप दिखाई देता है।

भग्नावोश किले की िल्पकला, अनायास ही अपनी ओर आकिशर्त करती है। सोलंकी सम्राटो की कभी राजधानी रही जूना के पाशाण आज सिसकारियों ले रहे है, मुगल सम्राटो के कोपभाजन का िकार 12 वी भाताब्दी में चौहान सामंत सिंह ने जूना का किला बनाया था जिस पर 16वीं भाताब्दि में सोलकी राजा भीमदेव का आधिपत्य था उनकी उदारता कर्तव्यनिश्ठा, वीरता आज भी जूना के पाशाणो में बोलती है। वीरता तथा पराक्रम का प्रतीक जूना जहां उनकी चमचमाती तलवारे चमकती थी शहनाई बजी युद्व के शंखनाद हुए मांगलिक गान की झंकार उठी, रात्री में आरती के थाल सजें।

इसका साक्षी पहाड़ी के चोटी पर वीरो की स्मृति में बना जूना दूर्ग है। जिसके भग्नावोश दस मील की परिधि में बिखरे पड़े है। कभी बाड़मेर नगरी रही जूना आज मानव जाति को तरस रहा है।

भग्नावोशों से स्पश्ट है कि जूना कभी समृद्व नगरी रही है। यहां स्थित भग्नावोश इमारतो से यहां व्यापार केन्द्र होने का आचर्य जनक तथ्य सामने आता है। यहां स्थित भग्न प्रसादो में समृद्वि की झलक दिखाई देती है। पहाड़ो की गोद में बिखलती जूना नगरी का जर्राजर्रा जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। 11वीं सदी के ऊंचे तोरण वाला मन्दिर स्वर्णिम इतिहास का साक्षी है। जूना में तीन मन्दिर है जो सम्भवतः सोमेवर मन्दिर है। मन्दिरो की िल्प कला नक्काी में उच्च श्रेणी की है।

मन्दिरो की दिवारो पर अंकित काम कलाकृतियों काम क्रीडाओ की जीता जागता उदाहरण है। मन्दिरो के गुम्बज पूर्णतः गिर चुके है। जगहजगह जूना का इतिहास बिखेरा पड़ा है। आवयकता समेटने वालो की है। सुरक्षित स्थान की सोच के साथ निर्मित हुआ यह किला मुगलो की दृश्टि से बच नही सका। चारो ओर काली भूरी पहाड़ियो के मध्य में भग्नावेोश मन्दिर यहां आक्रमण की कल्पना बेमानी सी लगती होगी मगर मुगलो की कुटिल नजरो से यह नगरी बच नही पाई। महानतम िल्प कला का उत्कृश्ट नमूना जूना दुर्ग भग्नावोश इतिहास बनकर रह गया है। इतिहास का अंतिम स्वर्णिम साक्षी जो गौरवाली है। भाूरवीरो की कर्म भूमि जहां मर्यादा स्वतः बोलती है। कणकण में लोक संस्कृति की झलक दिखाई देती है। 12वीं भाताब्दि का साक्षी जूना आज जर्जरावस्था में है।

सदी के महान संयोग के हम बनेंगे साक्षी

सदी के महान संयोग के हम बनेंगे साक्षी

जोधपुर। अगले माह हम सदी के एक अद्भुत संयोग के गवाह बनने जा रहे हैं। दिसम्बर में 12 तारीख, 12वां महीना, 12वां साल, दोपहर 12 बजकर 12 मिनट एवं 12 सैकण्ड पर 12 के छ: अंकों के आंकड़ों का दुर्लभ संयोग बनेगा। सदी का ये अनोखा संयोग अब अगली सदी यानि सौ साल बाद ही देखने को मिलेगा।

बारह के छ: अंकाें वाली इस मैजिकल डेट क ी खुमारी लोगों पर इस कदर छाई हुई है कि12 दिसम्बर को इस बार सावा न होने के बावजूद शादी करने के लिए जोड़ों में होड़ मची है। वहीं कई परिवार मैजिकल डेट पर नई संतान के लिए डॉक्टर से सर्जरी प्लान कर रहे हैं। नई गाडियां खरीदने के लिए बुकिंग करवानी शुरू कर दी है। जिनका इस दिन जन्म दिवस और विवाह की वर्षगांठ है, उनके लिए भी विशेष यादगार रहेगा। लोगों ने अपने दिन को स्पेशल बनाने के लिए भव्य योजना बना ली है।

पंडितों और ज्योतिçष्ायों के अनुसार 12 के छ: आंकड़ों वाली ये घटना देश और विदेश में कई तरह के आर्थिक और राजनैतिक उथल-पुथल लाने वाली है। वहीं राशियों पर भी इस संयोग का विशेष असर रहेगा।

ये है 12 स्पेशल
हिंदू मान्यता अनुसार 12 ज्योर्तिलिंग हैं।
12 ही भाव होते लग्न से व्यय तक जन्म कुण्डली में।
12 प्रकार की कलाएं होती हैं सूर्य की।
12 सालों को मिलाकर एक युग बनता है।
एक दिन मे 12 घंटे होते हैं।

12, 12, 12, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा
कंपनी सचिव व एडवोकेट विजया माहेश्वरी और सीए जितेन्द्र तापडिया ने विवाह के लिए इस स्पेशल डे को चुना है। इनका कहना है कि जिदंगी में ये संयोग फिर नहीं मिलेगा, इसलिए शादी के लिए ये दिन चुना। शादी हर जोडे का सबसे खास दिन होता है, अंकों का यह संयोग खुशियों में चार चांद लगा देगा, जो ताउम्र यादगार रहेगा।

बहुत खास बना दिया
बी.ए के छात्र रोशन खान सिंधी कहते हैं, इस दिन ने मुझे बहुत ही खास बना दिया है। दोस्तों और परिवार के साथ मनाने क ी पूरी तैयारी कर ली है।

मैजिकल डेट लेकर आई सौगात
खुशकिस्मत हैं कि इतने स्पेशल दिन हम बंधन में बंधेंगे, ये कहना है एडवोकेट प्रेम खींची और भाग्य श्री का। इस दिन को लेकर विशेष उत्साह है।। सदी की ये मैजिकल डेट हमें जीवनभर के लिए यादगार सौगात देकर जाएगी।

ऎनिवर्सरी होगी खास
अध्यापक शैतान सिंह और किरन कं वर ने मैजिकल डेट पर पड़ने वाली ऎनिवर्सरी को यादगार बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। खुशकिस्मती से सदी के संयोग के दिन ऎनिवर्सरी है, ये दिन हमारी जिंदगी में फिर वापस नही आएगा।

बच्चे तेजस्वी, प्रबल भाग्य वाले होंगे
पं. रमेश द्विवेदी कहते हैं ज्योतिष के अनुसार इसका विशेष प्रभाव है। 12 का मुल्यांक तीन होता है। इसका प्रतिनिधि बृहस्पति होता है, जो मंगलकारक होता है। सावा न होने के बावजूद विवाह करने वालों के लिए वैवाहिक सुख के आसार हैं। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे तेजस्वी, महत्वकांक्षी एवं प्रबल भाग्य वाले होंगे। वहीं, देश और दुनिया में राजनैतिक अस्थिरता का भाव बनेगाा, पेट्रोल डीजल और गैस के भावों में बढ़ोतरी होगी। अर्थ जगत में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

राशियों पर प्रभाव : मेष, वृृषभ, कर्क , तुला, धनु, कुंभ, मकर एवं मिथुन के लिए विशेष फलदायी है तथा सिंह, कन्या, वृश्चिक एवं मीन के लिए ये योग अशुभकारी रहेगा।

खुदकुशी के मामले : 4 साल में करीब 400 ने दी जान

जिन्दगी के मोर्चे पर डाले हथियार सेना के जवानो ने 

खुदकुशी के मामले : 4 साल में करीब 400 ने दी जान

बाड़मेर देश भर में राष्ट्री सुरक्षा के लिए तैनात सेना के जवानो के ख़ुदकुशी करने के मामलो में लगातार बढ़ोतरी हो रही हें ,गत चार सालो में चार सौ जवान आत्महत्या कर चुके हें ,अपने घरो से हज़ारो मील दूर रह कर देश की सरहदों की हिफाज़त में जुटे कई सैनिक अपनी जिंदगी के मोर्चे पर हार जाते हें ,घरेलु अवसादों से जवान अपने आप को बाहर नहीं निकाल पाते ,ख़ुदकुशी का रास्ता अपना लेते हें ,

 इसे बढ़ते तनाव का परिणाम मानें या कुछ और, लेकिन सेना के मोर्चे पर दुश्मन के दांत खट्टे करने वाले जवान जिंदगी के मोर्चे पर हथियार डाल रहे हैं। भारतीय सेना में आत्महत्या करने वाले जवानों और अधिकारियों की संख्या तो ऎसा ही संकेत देती है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक विगत चार साल में भारतीय सेना के 394 अधिकारी व जवान मौत को गले लगा चुके हैं। इसमें से 81 सैन्यकर्मियों ने तो इसी साल (वर्ष 2012 में) 20 नवम्बर तक जान दी है। इसके अलावा वर्ष 2009 में 96, 2010 में 115 तथा 2011 में 102 फौजियों ने खुदकुशी की है। सैन्यकर्मियों की आत्महत्या के कारण जुदा-जुदा हैं, लेकिन सभी में तनाव प्रमुख रूप से उभर कर आया है। 

ACB के डर से छत से कूदा DTO, टूट गया पांव

नागौर/डीडवाना.हनुमानगढ़-किशनगढ़ मेगा हाइवे पर कुचामन के समीप खड़े होकर ट्रक चालकों से चौथ वसूली करते डीडवाना के डीटीओ बीएल मीणा को बुधवार को एसीबी अजमेर व नागौर की टीम ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पकड़े जाने के बाद डीटीओ को लेकर एसीबी उनके निवास पर पहुंची।
 
तलाशी के दौरान तो आरोपी डीटीओ मकान की छत पर चढ़कर नीचे कूद गया। गिरने से उसका एक पैर फ्रैक्चर हो गया।

डीडवाना अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद एसीबी की हिरासत में ही डीटीओ को अजमेर ले जाकर वहां के अस्पताल में भर्ती किया गया। एसीबी के नागौर एएसपी राजेन्द्र मीणा व अजमेर एएसपी भंवरसिंह नाथावत ने बताया कि मीणा के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थी। एसीबी ने मंगलवार को जाल बिछाया। टीम सीधे कुचामन पहुंची।

पता चला कि यहां डीटीओ मीणा आने वाले हैं। टीम ने मेगा हाइवे पर बुधवार सुबह 11 बजे डीटीओ मीणा व उनकी जीप के चालक छीतर को चार ट्रक चालकों से दो हजार रुपए लेते धर दबोचा। डीटीओ ट्रक चालकों से 500-500 रुपए वसूल रहे थे। टीम ने उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया।

सड़क हादसे में दो की मौत

सड़क हादसे में दो की मौत

पोकरण। पोकरण से करीब तीन किमी दूर जोधपुर मार्ग पर बुधवार शाम को ट्रक व मोटरसाइकिल की भिड़ंत में दो जनों की मौत हो गई। हादसे मे एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रैफर किया गया। पुलिस के अनुसार बुधवार शाम करीब छह बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक पोकरण की तरफ आ रहे थे, तभी उनकी मोटरसाइकिल जोधपुर मार्ग पर सामने से आ रही ट्रक की चपेट मे आ गई। ये तीनो युवक धूड़सर गांव स्थित सोलर ऊर्जा कंपनी मे नौकरी करते थे और पोकरण लौट रहे थे।

हादसे मे राजमथाई निवासी मनोहरसिंह (28 ) पुत्र जुगतसिंह की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर 108 एम्बुलेंस के ईएमटी नारायण व पायलट भवानीसिंह उज्जवल तत्काल मौके पर पहुंचे तथा दो घायलों को स्थानीय राजकीय अस्पताल लेकर आए। उपचार के दौरान एक अन्य घायल ओसियां निवासी नेपालसिंह (25) पुत्र प्रेमसिंह ने दम तोड़ दिया। एक अन्य घायल बागोड़ा भीनमाल निवासी दानाराम (23) पुत्र पीराराम को जोधपुर रैफर किया गया है।

पूर्णिमा पर खेड़ तीर्थ में भरा मेला

पूर्णिमा पर खेड़ तीर्थ में भरा मेला


भगवान रणछोडऱाय को लगाया अन्नकूट का भोग



बालोतरा  खेड़ स्थित रणछोडऱाय भगवान तीर्थ पर बुधवार को अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में भगवान रणछोडऱाय को 56 भोग व 32 व्यंजनों का भोग लगाया गया। साथ ही पूर्णिमा को लेकर आयोजित मेले में दूर-दराज के आए भक्तों ने भगवान रणछोडऱाय के दर्शन कर पूजा-अर्चना की तथा सुख-समृद्धि की कामना की।
 
प्रचार मंत्री भंवरलाल वैष्णव ने बताया कि महोत्सव को लेकर पूरे तीर्थ को विविध प्रकार की रंग-बिरंगी रोशनी व फूलों से सुसज्जित किया गया और भगवान रणछोडऱाय एवं हनुमान की प्रतिमा को अनेक प्रकार की आंगी व फूलों से सुसज्जित कर श्रृंगारित किया गया। इसके बाद सवेरे 11 बजे कथा के आयोजन के बाद 11.30 बजे संगीतमय वातावरण में भगवान रणछोडऱाय को 56 भोग 32 व्यंजनों का भोग लगाया गया। अन्नकूट के बाद महाआरती कर अन्नकूट की प्रसादी का श्रद्धालुओं में वितरण की गई। इस दौरान ट्रस्ट के उपाध्यक्ष भंवरलाल टावरी, मंत्री पुरुषोत्तम, राधेश्याम, महेंद्र, राजेंद्र, रामचंद्र घांची, भगवानदास, महेश व रमेशचंद्र उपस्थित थे।

मेले में उमड़े श्रद्धालु

भगवान रणछोडऱाय तीर्थ व पूर्णिमा को लेकर खेड़ तीर्थ पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बुधवार सवेरे सूर्य की प्रथम किरण के साथ श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी। मेले में पूरे दिन श्रद्धालुओं की रेलमपेल लगी रही। श्रद्धालुओं ने भगवान रणछोडऱाय के दर्शन कर पूजा-अर्चना की तथा परिवार व क्षेत्र में सुख-समृद्धि की कामना की। मेले में श्रद्धालुओं के अन्नकूट भोग के बाद महाआरती में भाग लिया तथा अन्नकूट की प्रसादी ग्रहण की। साथ ही मेले में सजी स्टालों पर लजीज व्यंजनों तथा विभिन्न प्रकार के झूलों का आनंद उठाया। मेले में बालोतरा, पचपदरा, सिवाना, समदड़ी सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।

चक्की पाट बांध वृद्धों को नग्न घुमाया

चक्की पाट बांध वृद्धों को नग्न घुमाया

बैतूल।जिले के ग्राम आरूल में दो वृद्धों को जादू-टोने के शक में पहले मारा-पीटा गया और उसके बाद उनके गले में अनाज पीसने की चक्की के पाट बांधकर गांव में निर्वस्त्र घुमाया गया।बुधवार सुबह की इस घटना में इन वृद्धों के साथ यह अमानवीय कृत्य लगभग एक घंटे तक चलता रहा। पूरे आरूल के लोग सिर्फ तमाशबीन बने रहे।

इधर, पुलिस ने भी इस मामले में शिकायत मिलने पर मारपीट का प्रकरण दर्ज किया है। अशोक, राजू और गुड्डू के चाचा फूलसिंह पिता मादर उईके 60 वर्ष लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गत मंगलवार को ग्राम बोरीकास में उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए फूलसिंह को ग्राम आरूल लाया गया।

अंतिम संस्कार के पहले उसके शव को नहलाया जा रहा था, उस वक्त अशोक, राजू और गुड्डू ने चुन्नी और कोकीलाल को शव को नहलाए गए पानी को बॉटल में भरते हुए देख लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद पूरा घटनाक्रम हुआ।

चूहे मारने के लिए भरा पानी


इधर, चुन्नी और कोकीलाल ने शव का पानी बॉटल में भरने की बात स्वीकार की, उनका कहना था कि यह पानी उन्होंने जादू-टोने के लिए नहीं बल्कि इसलिए भरा कि इस पानी का खेतों में छिड़काव करने से चूहे समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में जादू-टोने की बात से इनकार किया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ 294, 323, 506 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

बुधवार, 28 नवंबर 2012

वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!

PIX: वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!PIX: वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!


वेश्यावृत्ति जिसका नाम सुनते ही एक ऐसी छवि उभरती है, जिसे समाज में हेय नजर से देखा जाता रहा है। यहां तक की भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित भी कर रखा है। लेकिन क्या आपको पता है कि आज से लगभग 2,500 साल पहले वेश्यावृत्ति जायज हुआ करता था। साथ ही इसके बदले वेश्याओं को राज्य में टैक्स भी देना पड़ता था। यकीनन आप इससे इत्तेफाक न रखते हों, लेकिन यह सच है।आज से लगभग 2,500 साल पहले मौर्य शासन काल में ऐसी प्रथा थी। तब नगर के लोग इन वेश्याओं के पास जाते थे और उनपर पैसे भी लुटाते थे। इन वेश्याओं की कमाई भी खूब होती थी ऐसे में इनसे इनकी कमाई के हिस्से से टैक्स लिया जाता था, जिसका राजकाज में उपयोग किया जाता था।यहीं नहीं मौर्य शासन काल में राजकाज को सही ढंग से चलाने के लिए कई दूसरी तरह के कर भी लगाए गए थे। इसमें शराब बनाने, नमक बनाने, घी-तेल पर, जानवरों को मारने, कलाकारों पर, जुआरियों और जुए घरों पर, मंदिरों में होने वाली आय पर, वेतन पाने वालों के साथ वेश्याओं को होने वाली आय पर भी टैक्स लगता था।बता दें कि मौर्य राजवंश (322-185 ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। इस राजवंश ने भारत में लगभग 137 सालों तक राज्य किया था।साम्राज्य का शासन शुरूआती दौर में बिहार में था, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विस्तार किया था। इस दौरान चंद्रगुप्त ने अपने शासन को सही ढंग से चलाने के लिए कई तरह के नियम भी बनाए थे।

सेक्स की बातों से भले शर्माएं, लेकिन खुशहाल जिंदगी के लिए इसे जरूर पढ़ें!

सेक्स की बातों से भले शर्माएं, लेकिन खुशहाल जिंदगी के लिए इसे जरूर पढ़ें!सेक्स की बातों से भले शर्माएं, लेकिन खुशहाल जिंदगी के लिए इसे जरूर पढ़ें!

अकेले में या अपने दोस्तों के साथ हम सेक्स संबंधी बातें तो खूब करते हैं, लेकिन परिजनों के सामने सेक्स का नाम आते ही हम शर्म से पानी-पानी हो जाते हैं। कई लोग तो अपनी सेक्स संबंधी बिमारियां तक परिजनों को नहीं बताते हैं। ऐसे में एक ऐसा ग्रंथ है जो आपकी भरपूर मदद कर सकता है, वो है वात्स्यायन लिखित 'कामसूत्र'।

जब दुनिया में यौन बीमारियों का बोलबाला बढ़ा तो लोगों का ध्यान कामसूत्र सरीखी पुस्तकों पर खूब गया। ऐसी पुस्तकें भारत में तो ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुईं, लेकिन पश्चिमी देशों में बहुत पॉपुलर हुईं। इस तरह की किताबों में यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा व्यवहार की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।कामसूत्र का नाम सभी ने सुना होगा, साथ ही इससे संबंधित वीडियो या किताबें भी पढ़ी होंगी। अगर नहीं पढ़ी है तो जरूर पढ़िए, क्योंकि यह एक मात्र ऐसी किताब है, जिसमें काम कला का बेहद ही बढ़िया तरीके से वर्णन किया गया है। प्राचीन मगध (वर्तमान बिहार) में जन्मे महर्षि वात्स्यायन द्वारा लिखा गया 'कामसूत्र' भारत का सेक्स से संबंधित एक प्राचीन ग्रंथ है।अर्थ के क्षेत्र में जो स्थान कौटिल्य का है, काम के क्षेत्र में वही स्थान महर्षि वात्स्यायन का है। अधिकृत प्रमाण के अभाव में महर्षि के जन्म और कर्म काल का निर्धारण नहीं हो पाया है, परन्तु अनेक विद्वानों तथा शोधकर्ताओं के अनुसार महर्षि ने अपने विश्वविख्यात ग्रन्थ 'कामसूत्र' की रचना ईसा की तृतीय शताब्दी के मध्य में की होगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि विगत सत्रह शताब्दियों से कामसूत्र का वर्चस्व समस्त संसार में छाया रहा है और आज भी कायम है।महर्षि के कामसूत्र ने न केवल दाम्पत्य जीवन का श्रृंगार किया है, वरन कला, शिल्पकला एवं साहित्य के क्षेत्र में भी अप्रतिम योगदान किया है। राजस्थान की दुर्लभ यौन चित्रकारी तथा खजुराहो, कोणार्क आदि की जीवन्त शिल्पकला भी 'कामसूत्र' से प्रभावित हैं। 'कामसूत्र' को उसके विभिन्न आसनों एवं सेक्स से जुड़ी तमाम बारीकियों के लिए ही जाना जाता है।उल्लेखनीय है कि महर्षि वात्स्यायन द्वारा इस ग्रंथ की रचना के पहले भी कई मनीषियों ने इस विषय पर अनेक ग्रंथों की रचना की थी। वात्स्यायन ने कामसूत्र में अपने पूर्ववर्ती विद्वानों का उल्लेख किया है और उनका आभार माना है। ऐसे विद्वानों में गोणिकापुत्र का स्थान प्रमुख है। वात्स्यायन रचित कामसूत्र की विशेषता यह है कि इसमें यौन संबंधी जटिल और संवेदनशील विषय का बहुत ही गहराई से विश्लेषण तो किया ही गया है, साथ ही यह सभी के लिए बोधगम्य भी है।मूल संस्कृत में लिखित इस ग्रंथ का पाश्चात्य विद्वानों ने सबसे पहले अंग्रेजी में अनुवाद किया। इसके बाद दुनिया की लगभग सभी महत्वपूर्ण भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है। आज भी इस ग्रंथ पर आधारित अनेकों किताबें प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में प्रकाशित होती हैं।

गुर्जरों सहित एसबीसी की पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण



जयपुर. गुर्जरों सहित एसबीसी की चार जातियों को अलग से पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। यह आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से बाहर मिलेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद एसबीसी को अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया।

सरकार के इस फैसले से ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण की अटकलों पर विराम लग गया है। कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 14 प्रतिशत आरक्षण के मामले में ईबीसी आयोग का गठन करने का फैसला किया गया।

गुर्जरों के साथ एसबीसी में गड़रिया जाति को भी जोड़ा: एसबीसी के पांच प्रतिशत आरक्षण में अब गड़रिया नई जाति जोड़ी गई है। इस तरह अब एसबीसी में गुर्जर, रैबारी, गाडिया लुहार, बंजारा और गड़रिया जातियां शामिल हैं।

ओबीसी आयोग की रिपोर्ट में साबित किया गुर्जर एसबीसी के लायक : मुख्यमंत्री

बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने एसबीसी की जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। हाईकोर्ट में रिपोर्ट ओबीसी कमिशन वाले भेजेंगे। हाईकोर्ट के आदेश हैं कि दो माह तक रिपोर्ट लागू नहीं करेंगे सरकार इसका पालन करेगी।

इंदिरा साहनी केस के आधार ही फैसला किया है। पूरी कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार ही चल रहा है। ओबीसी कमिशन ने यह सिद्ध कर दिया कि ये एसबीसी के लायक हैं ।

अभी दो माह तक लागू नहीं होगा आरक्षण: गुर्जरों का आरक्षण लागू होने में अब भी कम से कम दो माह का समय लगेगा। सरकार ने गुर्जरों को एसबीसी में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इसके बाद कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए सरकार को एसबीसी की जातियों के क्वांटिफाइड डाटा एकत्रित कर ओबीसी आयोग से सिफारिश लेकर ही लागू करने को कहा थ। यह रिपोर्ट भी दो माह के बाद ही लागू करने को कहा था, ताकि कोई भी वर्ग इसे कोर्ट में चुनौती देना चाहे तो उसे पूरा अवसर मिल सके।

प्रदेश में अब 54 प्रतिशत आरक्षण: एसबीसी की जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के बाद प्रदेश में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत के दायरे से बाहर 54 प्रतिशत हो जाएगी। अभी एससी का 16, एसटी 12, ओबीसी 21 और 1 प्रतिशत एसबीसी का आरक्षण मिलाकर कुल 50 प्रतिशत आरक्षण है।

गुर्जरों को आखिर क्या मिला, क्या गुर्जर चार साल बाद फिर उसी जगह पर आ गए हैं जहां से चले थे :

हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार एसबीसी के 5 प्रतिशत आरक्षण को दो माह से पहले लागू नहीं किया जा सकेगा। गुर्जरों की मांग के खिलाफ जाकर सरकार ने एक तो 50 प्रतिशत की सीमा से बाहर आरक्षण दिया है, वहीं एक और नई जाति को उनके आरक्षण में हकदार बना दिया है। कानूनी जानकारों की राय के अनुसार इस आरक्षण को अब भी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। दो माह के समय में अगर किसी ने इसे चुनौती दे दी तो यह आरक्षण फिर अटक सकता है।

पिछली भाजपा सरकार के समय एसबीसी को पांच प्रतिशत आरक्षण और गरीब सवर्णों को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। यह आरक्षण भी कोर्ट में अटक गया। इसके बाद अब चार साल बाद फिर वही हालात हैं। लेकिन इस बार हालात पहले की तुलना में कुछ बेहतर हैं और सरकार के पास एसबीसी आरक्षण को जायज ठहराने के लिए ओबीसी आयोग की रिपोर्ट और पिछड़ापन साबित करने के लिए क्वांटिफाइड डाटा रिपोर्ट है।

मिस्र के सात ईसाइयों को मौत की सजा

मिस्र के सात ईसाइयों को मौत की सजा
काहिरा। मिस्र की एक अदालत ने अमरीका में रह रहे सात कोप्टिक ईसाइयों को इस्लाम-विरोधी फिल्म के निर्माण में मदद करने के लिए मौत की सजा सुनाई। इन्हें सजा अनुपस्थिति में सुनाई गई है।


इस फिल्म के विरोध में दुनिया के सभी मुस्लिम देशों में प्रदर्शन हुए थे। कुछ जगहों पर प्रदर्शन बेहद हिंसक थे। काहिरा की अपराध अदालत ने फिल्म निर्माता समेत मिस्र के सात ईसाइयों को मौत की सजा सुनाई है। फ्लोरिडा में एक छोटी धर्मसभा के प्रमुख अमरीकी पास्टर टेरी जोन्स को भी मौत की सजा सुनाई गई है।


इन सभी को ईशनिंदा संबंधी फिल्म के निर्माण में सहयोग करने के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। अमरीका में रहने वाले इन सभी आठ दोçष्ायों को मिस्र की अदालत ने भगोड़ा करार दिया है।

प्रिंसीपल ने किया परेशान,दे दी जान

प्रिंसीपल ने किया परेशान,दे दी जान
जयपुर। राजधानी के एक नर्सिग कॉलेज के स्टूडेंट ने बुधवार को प्रिंसीपल से तंग आकर जान दे दी। 17 वर्षीय अनिल कुमार सैनी ने अपने सुसाइड नोट में मौत के पीछे कॉलेज प्रिंसीपल को जिम्मेदार ठहराया है। उधर,कॉलेज प्रिंसीपल ने पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है। पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए पोस्टमार्टम के बाद जांच में जुट गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक अनिल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है,"मैं अनिल कुमार,सभी घर वालों से माफी चाहता हूं,सोनी कॉलेज के प्रिंसीपल ने मुझे बहुत परेशान किया,इस लिए मैं यह काम कर रहा हूं"। मुरलीपुरा स्थित शिव नगर प्रथम में किराए से रहने वाले इस नर्सिग स्टूडेंट ने फंदे से लटककर अपनी जान देने वाला अनिल मूलत: गुढ़ा गौड़जी (झुंझुनूं) के किशोरपुरा निवासी शिवपाल सिंह सैनी का पुत्र था। यहां पर वह अपने बड़े मामा महेश व छोटे मामा दिनेश के साथ रहकर सोनी नर्सिग कॉलेज में बीएससी नर्सिग प्रथम वष्ाü की पढ़ाई कर रहा था।

होगी एफएसएल जांच

मंगलवार की शाम 5.30 बजे मृतक के मामा ने अनिल का कमरा बंद देखा और खुलवाने की कोशिश की लेकिन दरवाजा नहीं खुला। ऎसे में खिड़की से देखा तो अनिल पंखे से फंदे पर लटका था। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और गेट तोड़ शव फंदे से उतारा। पुलिस के अनुसार उसके कमरे में कुछ दवाईयां व सुसाइड नोट मिला,जिसकी एफएसएल से जांच करवाएगी।

फीस नहीं लौटाई थी...

कॉलेज प्रशासन के अनुसार अनिल कॉलेज कॉलेज शुरू होने के कुछ दिन बाद ही अचानक गायब हो गया था। और फिर 3-4 दिन बाद अपने पिता के साथ लौटा था। तब उन्होंने कॉलेज में नहीं पढ़ने और फीस वापस देने की मांग की थी। लेकिन नियमानुसार फीस वापस नहीं देना बताया गया और अनिल को मजबूरन वहीं पढ़ना पड़ा।

"नाम क्यो लिखा,पता नहीं"

अनिल के सुसाइड नोट से शक के दायरे में आए कॉलेज प्रिंसीपल ने मामले से खुद को कोई लेना-देना नहीं बताया। उनका कहना है कि अनिल ने सुसाइड नोट में उनका नाम क्यों लिखा,उनको पता नहीं।

वीर भूमि मेवाड़ जौहर: चित्तौड़गढ़ (मेवाड़)


वीर भूमि मेवाड़ जौहर: चित्तौड़गढ़ (मेवाड़)
चित्तौड़गढ़ राजस्थान राज्य का प्रमुख शहर है । वीर भूमि मेवाड़ का यह प्रसिद्ध नगर रहा है, जो भारत के इतिहास में सिसोदिया राजपूतों की वीरगाथाओं के लिए अमर है । प्राचीन नगर चित्तौड़गढ़ रेल्वे जंक्शन से चार कि.मी. दूर है । भूमितल से 508 फुट एवं समुद्रतल से 1338 फुट की ऊँचाई पर एक विशाल ह्वेल आकार का दुर्ग इस नगर के गौरव का प्रमुख केन्द्र है । दुर्ग के भीतर ही चित्तौड़गढ़ का प्राचीन नगर बसा है। जिसकी लम्बाई साढ़े तीन मील और चौड़ा है एक मील है । किले के परकोटे की परिधि 12 मील है । कहा जाता है कि चित्तौड़गढ़ से 8 मील उत्तर की ओर नगरी नामक प्राचीन बस्ती है जो महाभारतकालीन माध्यमिका है । चित्तौड़गढ़ का निर्माण इसी के खंडहरों से प्राप्त सामग्री से किया गया था ।

चित्तौड़गढ, वह वीरभूमि है, जिसने समूचे भारत के सम्मुख अपूर्व शौर्य, विराट बलिदान और स्वातंत्र्य प्रेम का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया । बेड़च की लहरों में यहाँ के असंख्य राजपूत वीरों ने अपने देश तथा धर्म की रक्षा के लिए असिधारा रूपी तीर्थ में स्नान किया । वहीं राजपूत वीरांगनाओं ने कई अवसर पर अपने सतीत्व की रक्षा के लिए अपने बाल-बच्चों सहित जौहर की अग्नि में प्रवेश कर आदर्श उपस्थित किए । स्वाभिमानी देशप्रेमी योद्धाओं से भरी पड़ी यह भूमि पूरे भारत वर्ष के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर देश प्रेम का ज्वार उत्पन्न करने में अपनी भूमिका आज भी अदा करती है । वीरांगनाओं की स्मृति स्वरूप खड़े दुर्ग के ये स्मारक अपनी मूक भाषा में अतीत की गौरव गाथाएँ सुनाते दिखाई पड़ते हैं ।


प्रथम जौहर:- रानी पद्मिनी ने चित्तौड़गढ़ में दुर्ग स्थित विजय स्तम्भ व गौ-मुख कुण्ड़ के पास विक्रम संवत् 1360 भादवा शुक्ला तेरस 25 अगस्त 1303 में सौलह हजार क्षत्राणियों के साथ अग्नि प्रवेश किया।

द्वितीय जौहर:- महाराणा संग्रामसिंह (महाराणा सांगा) की पत्नी राजमाता महाराणा विक्रमादित्य की माता कर्णावती का विक्रम संवत 1592 में चैत्र शुक्ल चतुर्थी सोमवार, 8 मार्च 1535 को 23,000 क्षत्राणियों के साथ अग्नि प्रवेश किया। यह जौहर चित्तौड़गढ़ में दुर्ग स्थित विजय स्तम्भ व गौ-मुख कुण्ड़ के पास हुआ।
तृतीय जौहर:- महाराणा उदयसिंह के समय जयमल मेड़तिया राठौड़ फत्ताजी के नेतृत्व में चार माह के युद्ध के बाद सांवतों की स्त्रियों ने फत्ताजी की पत्नी ठकुराणी
फूलकंवर जी के नेतृत्व में विक्रम संवत 1624 चैत्र कृष्णा एकादशी सोमवार 13 फरवरी सन् 1568 को सात हजार क्षत्राणियों के साथ चित्तौड़गढ़ में दुर्ग स्थित विजय स्तम्भ व गौ-मुख कुण्ड़ के पास अपनी-अपनी हवेलियों में अग्नि प्रवेश किया। फत्ताजी वंशज मुख्य ठिकाना आमेर आदि ठिकाने में जयमल जी चित्तौड़गढ़ के सेनानायक अथवा किले के दरवाजों के चाबीदार थे। इनको महाराणा संग्रामसिंह जी ने बदनोर, माही गांव दिये। जयमल जी को उनके चाचा रतनसिंह जी की पुत्री मीराबाई का विवाह महाराणा सांगा के ज्येष्ठ कुंवर भोजराज के साथ हुआ। मीराबाई पूर्ण रूप से भगवान कृष्ण की सेविका थी। मीराबाई का जन्म कुड़की बाजोली में हुआ। इनकी माता कुसुम कंवर का स्वर्गवास मीराबाई के बाल्यकाल में ही हो गया था। मीरा राव दूदा मेड़तिया के पौत्री थी। राव दूदा का ज्येष्ठ पुत्र विरमदेव जी थे और विरमदेव जी के ज्येष्ठ पुत्र जयमल जी थे। राव दूदाजी के पांच संतानें थी। विरमदेव जी के 10 पुत्र और 3 पुत्रियां थीं।
राव दूदाजी के वंशजों के नाम:- रावदूदा की दो रानियां थीं जिनमें प्रथम रानी देवलिया प्रतापगढ़ के नरसिंह की पुत्री सिसोदणी चंद्र कुंवरी और दूसरी रानी बबावदा के मानसिंह की पुत्री चौहान मृगकुंवरी। इन दोनों रानियों से राव दूदा के पांच पुत्र और एक पुत्री गुलाब कुंवरी उत्पन्न हुई। राव दूदा के पुत्रों में प्रथम विरमदेव, दूसरे रायमल, ये रायसलोत शाखा के मूल पुरूष थे। इनके वंशजों में अधिकार में मारवाड़ के भण्डाणा, बांसणी, जीलारी आदि ठिकाने हैं तथा मेवाड़ राज्य में हुरड़ा प्रांत के कुछ ग्रामों में भौम है। तीसरे पुत्र पंचायणजी, जिनके कोई संतान नहीं थी और इनका कोई वृतान्त उपलब्ध नहीं हो सका। चौथा पुत्र रतनसिंह थे, जिनके सिर्फ एक पुत्री थी जो मीराबाई के नाम से विख्यात हुई। मीराबाई का विवाह चित्तौड़ के प्रसिद्ध महाराणा संग्रामसिंह के युवराज भोजराज से हुआ। रतनसिंह को निर्वाह के लिये मेड़ता राज्य से कुड़की, बाजोली सहित कुल 12 गांव दिये गये।
विक्रम संवत् 1584 चैत्र शुक्ला चतुर्दशी, 17 मार्च सन् 1527 को महाराणा संग्रामसिंह का मुगल बादशाह बाबर से जो प्रसिद्ध युद्ध हुआ
था, उसमें मुसलमानों से बड़ी वीरता से लड़ते हुए रतनसिंह वीरगति को प्राप्त हुआ। मीराबाई के पिता रतनसिंह के पांचवे पुत्र रायमल थे, जो जोधपुर नरेश राव गंगाजी ने बयाने के युद्ध में महाराणा की सहायता के लिये जो सेना भेजी थी, उसके प्रधान सेनापति थे। ये भी उस युद्ध में बड़ी बहादुरी से लड़कर मारे गये। मारवाड़ में इनके वंशजों के अधिकार में मुख्य ठिकाने रेण और रायरा थे। वीरमदेव की रानियों में प्रथम रानी निवरवाड़ा के राणा केशवदास की पुत्री चालुक्य सोलंकी कल्याण कुंवरी, दूसरी रानी निवरवाड़ा अथवा बीसलपुर के राव फतहसिंह की पुत्री चालुक्या गंग कुंवरी, तीसरी रानी चित्तौड़ के महाराणा रायमल की पुत्री सिसोदिनी गोरज्या कुंवरी, चौथी रानी जयपुर राज्य के कालवाड़ा के महाराजा किशनदास की पुत्री कछवाहा रानी मान कुंवरी थी।
वीरमदेव के तीन पुत्रियां थी जिनमें प्रथम पुत्री राजकुमारी श्यामकुंवरी, जिनका विवाह मदारिया के रावत सागाजी शिशोदिया से हुआ। दूसरी पुत्री राजकुमारी फुलकुंवरी, इनका विवाह केलवा के सुविख्यात वीर सामंत रावत फत्ताजी शिशोदिया से किया गया। वीरवर रावत फत्ताजी ने चित्तौड़ के युद्ध में अकबर के विरूद्ध बड़ी बहादुरी से लड़कर वीरगति प्राप्त की। आजकल मेवाड़ में रावत फत्ताजी के वंशजों का मुख्य ठिकाना आमेट है। तीसरी राजकुमारी अभयकुंवरी का विवाह गंगराव के राव राघवदेव चौहान से हुआ था।
जयमल निवरवाड़ा के भाणेज और जयलोत राजपूतों के मूल पुरूष थे। प्रथम पुत्र जयमल जी, दूसरे पुत्र ईसरदास जी थे। जयमल जी के दूसरे नम्बर के भाई चित्तौड़ में संवत् 1624 में वीरगति को प्राप्त हुए। वे मुसलमानों के विरूद्ध लड़ाई में सुरजपोल पर काम आ गये। तीसरा पुत्र जगमाल जी, चौथा पुत्र चांदाजी, पांचवां पुत्र करण जी, छठा पुत्र अचला जी, सातवां पुत्र बिकाजी, आठवां पुत्र पृथ्वीराज जी, नोवां पुत्र सारंगदेव जी, दसवां पुत्र प्रतापसिंह जी।
जयमल जी का जन्म विक्रम संवत् 1564 आश्विन शुक्ला एकादशी, 17 सितम्बर सन् 1507 को शुक्रवार के दिन रात्रि दस ृृबजकर दस मिनट पर हुआ, तब राव दूदा और प्रथम कुंवर विरमदेव जिन्दा थे। जयमल जी की प्रथम रानी लुणावाड़ा के राणा रणधीर सिंह जी की पुत्री थी, दूसरी रानी खंड़ेला के राजा केशवदास जी की पुत्री विनयकुंवरी, तीसरी रानी देसुरी के राव केसरीसिंह जी की पुत्री सोलंकी पद्मकुंवरी थी।
जयमल की पुत्रियों का विवाह:- प्रथम राजकुमारी गुमानकुंवर का विवाह गंगरार राव बख्तावर सिंह जी चौहान से हुआ। दूसरी राजकुमारी गुलाब कुंवरी का पाणिग्रहण शिशोदिया रावत पंचायणजी के साथ हुआ।
जयमल जी के प्रथम पुत्र सुलतान सिंह को संवत् 1631, सन् 1574 को बादशाह अकबर ने इनको बीकानेर के राजा रायसिंह जी के साथ जोधपुराधीश राव चंद्रसेनजी के विरूद्ध करने के लिये भेजा और दूसरे ही वर्ष बादशाह अकबर ने गुजरात पर चढ़ाई की, उसमें सुलतान सिंह जी ने वीरगति पाई।
जयमलजी का दूसरा पुत्र शार्दुलजी, तीसरा पुत्र केशवदास जी, चौथा माधवदास जी, पांचवां मुकुंद दास जी, छठा हरिदासजी, सातवां कल्याणदास जी, आठवां रामदास जी, जो कि महाराणा प्रताप की सेना में थे और अकबर की सेना से लड़ते हुए हल्दीघाटी के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। नौवां पुत्र गोचंद दास जी, दसवां विट्ठलदास जी, ग्यारहवां नरसिंहदास जी, बारहवां श्यामदास जी, तेरहवां द्वारिकादास जी, चौदहवां अनोपसिंहजी, पंद्रहवां नारायणदासजी, सोलहवां अचलदास जी थे। इस प्रकार जयमलजी के दो राजकुमारियां और सोलह पुत्र थे।
जयमल फत्ता चित्तौड़गढ़ के सेनानायक थे। विदेशी हमलावर ने मांड़लगढ़ की ओर कूच किया। विक्रम संवत् 1624, माघ कृष्णा छठ, 23 अक्टूबर सन् 1567, गुरूवार को चित्तौड़ से तीन कोस दूरी पर उत्तर में स्थित नगरी गांव में ड़ेरा ड़ाला। उस समय आकाश मेघाच्छन्न हो रहा था। बादलों की भीषण गर्जना से पृथ्वी कम्पायमान हो रही थी। बिजलियां झकाझक चमक रहीं थी और बड़ी तेज हवा चल रही थी। इसी कारण बादशाह को किला दिखाई नहीं दिया परंतु आधे घण्टे बाद आकाश के मेघरहित हो जाने पर बादशाह को चित्तौड़ का गगन सुगढ़ दुर्ग दिखाई दिया। बादशाह ने दुर्ग के समीप पहुंच कर पहाड़ी के नीचे ड़ेरा ड़ाल दिया। किले पर घेरा ड़ालने का काम बरिन्शयों को सौंपा गया जो एक महीने में समाप्त हुआ। इसी माह के अंत में बादशाह ने आसफ खां को रामपुरा के दुर्ग पर भेजा जिसको उसने विजय कर लिया। महाराणा के उदयपुर, अजमेर या कुंभलगढ़ की ओर चले जाने की खबर पाकर अकबर ने हुसैन कुली खां को बड़ी सेना देकर उधर भेजा। हुसैन कुली खां ने उदयपुर पहुंचकर बहुत लुटमार की। उसने आसपास के प्रदेश में महाराणा का पता लगाने की बहुत कोशिश की परंतु कहीं भी पता नहीं लगने से अंत में वह निराश होकर बादशाह के पास लौट गया। इधर बादशाह ने चित्तौड़ पर अपना अरमान पूरा न होता देखकर साबात और सुरंगें बनाने का हुक्म दिया तथा जगह-जगह मोर्चा कायम करके तोपखाने से उनकी रक्षा की गई।

साबात और सुरंगें बनाने के काम में शाही सैनिक बड़ी मुस्तैदी के साथ कटिबद्ध होकर लग गये। अनेक स्थानों पर मोर्चाबंदी की गई। दो सुरंगें किले की दीवार के नीचे तक पहुंच गईं जिनमें से एक में 120 मन और दूसरी में 80 मन बारूद भर दिया गया। विक्रम संवत् 1624, माघ कृष्णा एकम्, 17 दिसम्बर सन् 1567 को एक सुरंग में आग ड़ाली गई जिससे 50 राजपूतों सहित किले की एक बुर्ज उड़ गई फिर दूसरी सुरंग भी उड़ गई जिसमें 500 शाही सैनिक जो दुर्ग में प्रवेश कर रहे थे और कुछ दुर्ग के राजपूत तत्काल मारे गये।
सुरंग के विस्फोट का धमाका 50 कोस तक सुनाई दिया। इस धमाके में मारे गये लगभग 100 राजपूत सैनिकों में से 20 प्रसिद्ध तोपची और अन्य उच्च सैनिक कर्मचारी थे जिन्हें स्वयं बादशाह भी अच्छी तरह से जानता था।
राव जयमलजी ने दुर्ग का प्रबंध ऐसी तरीकेबद्ध योजना से कर रखा था कि किले की जो दीवारें विपक्षियों के द्वारा गिराई गई थी उसी जगह पर तुरंत पहले जैसी नई दीवार बना ली गई। उसी दिन बीका खोह और मोहर मंगरी की तरफ आसफ खां के मोर्चे में जो एक तीसरी सुरंग खुदी हुई थी, वह भी उड़ गई परंतु उससे किले के केवल 30 सैनिक ही मारे गये और दुर्ग को कोई विशेष क्षति नहीं पहुंची। बादशाह को उस समय तक भी कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाई।
जयमलजी राठौड बदनोरा मेड़तिया़ की आयु उस समय 60 वर्ष 5 माह और 17 दिन थी। इस अवस्था में भी चित्तौड़ के प्रसिद्ध संग्राम में आर्य जाति की स्वाधीनता की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। इन्होंने 24 वर्ष राज्य किया।
राव जयमल जी का कद लम्बा, शरीर पुष्ट, विशाल नेत्र, चौड़ा वक्षस्थल, गेहुंआ रंग और प्रतिभाशाली चेहरा था। इनकी बड़ी-बड़ी मुंछें थी परंतु ये दाढ़ी नहीं रखते थे।
अकबर के साथ युद्ध के समय राव जयमल जी को रात्रि के समय लाकोटा दरवाजे के पास दीवार की मरम्मत कराते समय अकबर ने संग्राम नाम की बंदुक से गोली चलाई जो जयमलजी की जांघ में लगी और वो जख्मी हो गये। इसके बाद सामंतों ने आपस में सलाह कर चित्तौड़ दुर्ग के दरवाजे खोल दिये। दशामाता के दूसरे दिन एकादशमी को केसरिया बाना धारण करके बड़ी बहादुरी से लड़ते हुए जयमल फत्ता, जो कि कलाकुंवर जयमलजी के कुटुंब के थे, ने अपनी पीठ पर बिठाकर चारों हाथों में तलवारें चलाते हुए हनुमान पोल और भैडू पोल के बाच वीरगति पाई।
विक्रम संवत् 1927 में आसोज सुदी एकम्, सोमवार को इनकी छतरी पर श्री प्रतापसिंह जी राठौड़ ने आगे वाले खंभे पर एक खिलालेख खुदवाया जो आज भी मौजूद है। इनके वंशज बदनोर, मेड़ता अजमेर भीलवाड़ा आदि में है जिनमें धौली कुंवर उम्मेदसिंह जी आदि का ठिकाना है। जयमल वंशावली प्रथम भाग अथवा दूसरे भाग में कर्नल डाड के द्वारा उल्लेख किया गया है।

गुजिश्ता जमाने की हरदिल अजीज शमशाद बेगम

गुजिश्ता जमाने की हरदिल अजीज शमशाद बेगम
गुजिश्ता जमाने की हरदिल अजीज पा‌र्श्व गायिका शमशाद बेगम को कभी इस बात का मलाल नहीं रहा कि जिन संगीतकारों के करियर को बनाने में उनका हाथ रहा। उन्होंने कामयाबी की मंजिलें तय करने के बाद उनसे किनारा कर लिया। गायकी के उच्चतम शिखर पर पहुंचकर लगभग चालीस साल पहले फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने के बाद खामोशी के साथ जिंदगी बिता रहीं सुरों की मलिका शमशाद बेगम को अब जाकर गणतंत्र दिवस पर पद्म भूषण पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

पा‌र्श्व गायन में उल्लेखनीय योगदान के लिए नब्बे वर्षीय शमशाद बेगम को प्रतष्ठित ओ. पी. नैयर पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा भी हुई है, जो उन्हें मुंबई के पोवई में उनके घर पर 29 जनवरी को प्रदान किया जाएगा, लेकिन उन्होंने पुरस्कार की पच्चीस हजार रुपये की राशि लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस राशि को धर्मार्थ कार्यो में लगा दिया जाए। पंजाब के अमृतसर में 1919 में जन्मी शमशाद बेगम 1937 में लाहौर रेडियो से अपनी गायकी का सफर शुरू करने के बाद निर्माता-निर्देशक महबूब खान के अनुरोध पर 1944 में मुंबई पहुंचीं और संगीत की विधिवत् तालीम नहीं लेने के बावजूद शीशे जैसी साफ, सुरीली और खनकती आवाज के दम पर सभी संगीतकारों की पहली पसंद बन गई। खेमचंद प्रकाश, श्याम सुंदर, ओ.पी.नैयर, राम गांगुली, मदन मोहन, सचिन देव बर्मन, नौशाद, सी.रामचंद्र आदि सभी संगीतकारों की स्वर-रचनाओं पर गाए उनके गीत बेहद मकबूल रहे। उन्होंने पांच भाषाओं में पांच हजार से अधिक गीतों को अपने स्वरों से सजाया। इनमें लगभग सभी गीत सुपर हिट रहे और बालीवुड के पा‌र्श्व गायन के सिंहासन पर उन्होंने लगभग छब्बीस साल तक एकछत्र राज किया।
शमशाद बेगम के लिए चित्र परिणाम
शमशाद बेगम के गाए गीत आज भी उतने ही मकबूल हैं जितने उनके जमाने में थे। उनके कई गीत रीमिक्स होकर लोगों की जुबां पर आज भी चढे़ हुए हैं, लेकिन उन्हें इस बात पर कोई एतराज नहीं है बल्कि उनका मानना है कि इसी बहाने लोग उन्हें याद तो करते हैं। वर्षो की खामोशी के बाद हाल में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि निर्माता-निर्देशक राजकपूर और संगीतकार मदनमोहन के करियर के शानदार आगाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी, लेकिन मदन मोहन ने अपनी पहली फिल्म आंखें में उनके गाए गीतों से कामयाबी के कदम चूमने के बाद उनसे आंखें चुराना शुरू कर दिया। इसी तरह राजकपूर की निर्माता-निर्देशक के रूप में पहली फिल्म आग की कामयाबी में भी उनके गाए गीतों का योगदान रहा, लेकिन इस फिल्म के बाद उन्होंने अपनी कुछ ही फिल्मों में उन्हें गायन का मौका दिया। अलबत्ता शमशाद बेगम को इस बात का कोअी रंज नहीं है। उनका कहना था कि उन्होंने मेरे साथ ऐसा कोई करार तो किया नहीं था कि मकबूल होने और दौलतमंद बन जाने के बाद वह उन्हें साइन करेंगे।
शमशाद बेगम के लिए चित्र परिणाम
हालांकि शमशाद बेगम ने यह भी बताया कि राजकपूर ने सार्वजनिक तौर पर माना था कि वह जो कुछ हैं उन्हीं बदौलत हैं और उन्होंने अफसोस जताया था कि वह उनके लिए कुछ नहीं कर सके क्योंकि संगीत निर्देशक शंकर-जयकिशन उन्हें पसंद नहीं करते थे। शमशाद बेगम बताती हैं कि वह कभी महत्वाकांक्षी नहीं रहीं। यहां तक कि फिल्म इंडस्ट्री की रस्म के मुताबिक उन्हें निर्माता से अपने काम के लिए अधिक धनराशि की मांग करते हुए भी शर्म आती थी। इस सिलसिले में एक दिलचस्प वाकया है कि उन्होंने एक बार निर्माता दलसुख पंचोली से झिझकते हुए अपने हर गाने के लिए पांच सौ रुपये की मांग की थी। इस पर तुरंत राजी होते हुए उन्होंने कहा था कि यदि वह दो हजार रुपये भी मांगतीं तो उन्हें मिल जाते। शमशाद बेगम से जुड़ा एक और दिलचस्प वाकया है। वह देखती थीं कि एक युवक छड़ी लिए हुए दोस्ताना अंदाज में घूमता रहता है। बाद में उन्हें पता चला कि वह अभिनेता अशोक कुमार का भाई किशोर कुमार है। एक दिन किशोर कुमार ने उनसे कहा कि मेरे भाइयों को देखो वे कितने प्रसिद्ध हैं और मैं अभी तक संघर्ष कर रहा हूं। इस पर शमशाद बेगम ने कहा कि हो सकता है कि किसी दिन वह अपने दोनों भाइयों को भी पीछे छोड़ दें। किशोर कुमार ने उनकी बात हंसी में उड़ा दी, लेकिन जल्दी ही उन्हें शमशाद बेगम के साथ गाने का मौका मिला और उनकी बात सही साबित होने पर वह उनके पैरों पर गिर पडे़।
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उन्होंने एक और रोचक किस्सा बयान किया था कि लाहौर में उन्होंने एक ग्रामोफोन रिकार्ड कंपनी के लिए संगीतकार मास्टर जी, गुलाम हैदर के निर्देशन में एक गैर फिल्मी भक्ति रचना तेरे पूजन को भगवान..का गायन इस शर्त पर किया था कि वह गायिका के रूप में उनके नाम का उल्लेख नहीं करेगी। कंपनी ने उनकी बात मानते हुए रिकार्ड पर गायिका का नाम राधारानी और गीतकार का नाम मिस शांति दिया। गीत बेहद लोकप्रिय हुआ, लेकिन उनके अंकल यह बात नहीं जानते थे। उन्होंने गायिका की तारीफें करते हुए शमशाद बेगम से कहा कि वह इस गीत की गायिका से मिलने के लिए बेताब हैं और सलाह भी दी कि उन्हें रिकार्ड को सुनकर उसकी तरह गीत गाना चाहिए। शमशाद बेगम के नाम से कुछ खास उपलब्धियां जुड़ी हुई हैं। वह फिल्म इंडस्ट्री की उन कुछ गायिकाओं में हैं जिन्होंने फिल्मों की पा‌र्श्व गायन की परम्परा की शुरूआत की। उनसे पहले अपनी फिल्मों में नायिकाएं खुद ही गीत गाती थीं। पाश्चात्य असर वाले कुछ प्रारंभिक गीतों में एक गीत आना मेरी जान.., मेरी जान संडे के संडे.. संगीतकार सी रामचंद्र की धुन पर उन्होंने ही गाया था। इसी तरह परदे पर अभिनेत्री नर्गिस की पहली फिल्म तकदीर के लिए पहला गीत शमशाद बेगम ने ही गाया। गीतों के सुरीले सफर में संगीतकार नौशाद और ओ.पी. नैयर से उनका अधिक जुड़ाव रहा। नौशाद के लिए उन्होंने मेला, दुलारी, अंदाज, बाबुल, दीदार, बैजू बावरा, आन, शबाब आदि फिल्मों में गीत गाए, जबकि ओ. पी. नैयर के लिए 23 फिल्मों में लगभग चालीस गीतों को अपना सुरीला स्वर दिया। शमशाद बेगम के कुछ यादगार गीतों में प्रमुख हैं मेरा जीवन पल..(पल जाए रे), काहे कोयल शोर मचाए रे..(आग), काहे जादू किया मुझको इतना बता..(जादूगर बालमा), नगमा. चमन में रहके वीराना मेरा दिल होता जाता है.(दीदार), मेरे घूंघर वाले बाल हो राजा.(परदेस), एक दो तीन आजा मौसम है रंगीन..(आवारा), मेरी नींदों में तुम.., मेरे ख्वाबों में तुम..(नया अंदाज). मिलते ही आंखें दिल हुआ दीवाना किसी का..(बाबुल), जब रात है ऐसी मतवाली फिर सुबह का आलम क्या होगा..(मुगले आजम), मैंने देखी जग की रीत मीत सब झूठे पड़ गए..(सुनहरे दिन), कजरा मोहब्बत वाला अंखियों में ऐसा डाला..(किस्मत) आदि। शमशाद बेगम ने अपने गायन काल के दौरान अपना फोटो कभी नहीं खिंचवाया। लगभग पचास साल पहले तक लोग उन्हें उनकी सुरीली आवाज के जरिए ही पहचानते रहे थे।

शमशाद बेगम को लगता था कि उनका चेहरा सुंदर नहीं है, इसलिए वह फोटो खिंचवाने से हमेशा बचती रहीं। उनका संभवत: केवल एक फोटो है, जो उनके गीतों के कैसटों पर दिखाई देता है। अपने जमाने के चर्चित गायक, अभिनेता के.एल. सहगल की दीवानी इस गायिका की आवाज के बारे में संगीतकार ओ.पी. नैयर ने एक बार कहा था कि उनके स्वर बिलकुल स्पष्ट होते हैं और मंदिर की घंटियों की तरह सुनाई देते हैं। आज के संगीत के बारे में शमशाद बेगम का विचार है कि उसमें सुरीलापन कम है और शोर ज्यादा है। इस गायिका के बारे में कुछ साल पहले इस तरह की भ्रामक खबरें प्रकाशित, प्रसारित हो गई थीं कि उनका इंतकाल हो गया है। बाद में पता लगा कि जिन शमशाद बेगम का निधन हुआ है। वह गुजरे जमाने की प्रसिद्ध अभिनेत्री नसीम बानो की मां और अभिनेता दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो की नानी थीं।

राज के खिलाफ कमेंट पर लड़का अरेस्ट

राज के खिलाफ कमेंट पर लड़का अरेस्ट
मुंबई। महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार के खिलाफ कुछ भी कमेंट करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई बंद को लेकर फेसबुक पर कमेंट करने वाली दो लड़कियों को गिरफ्तार किया गया। अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष और ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक कमेंट करने पर एक लड़के को गिरफ्तार किया गया है।

एक समाचार पत्र के मुताबिक 19 साल के सुनील विश्वकर्मा को बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया। उसने अपने फेसबुक पेज पर कुछ ऎसा लिखा था जो राज ठाकरे के समर्थकों को रास नहीं आया। सुनील पालघर का रहने वाला है। पहले जिन लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था वे भी पालघर की ही रहने वाली थी। सुनील के पोस्ट से गुस्साए मनसे कार्यकर्ताओं ने उसके घर को घेर लिया। वे उस पकड़कर पालघर पुलिस स्टेशन ले गए। सुनील पर अभी तक कोई आरोप नहीं लगाया गया है।

पुलिस किसी भी तरह की कार्रवाई से पहले कानूनी सलाह लेना चाहती है। इससे पहले 17 नवंबर को मुंबई बंद को लेकर फेसबुक पर कमेंट को लेकर दो लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में दोनों को रिहा कर दिया गया था। दोनों को बेल देने वाले जज का ट्रांसफर कर दिया गया।

जेल में मुंबई हमले का आरोपी कैसे बना बाप?

जेल में मुंबई हमले का आरोपी कैसे बना बाप?
इस्लामाबाद। भारत ने पाकिस्तान से पूछा है कि मुंबई हमले का आरोपी और लश्कर ए तैयबा का आतंकी जकी उर रहमान लखवी जेल में कैसे पिता बन गया? भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह सवाल सऊदी अरब से गिरफ्तार किए गए अबु जुंदाल के इकबालिया बयान के बाद किया है। पाकिस्तान ने सवाल का अभी तक जवाब नहीं दिया है। पाकिस्तान की एक वेबसाइट यह जानकारी दी है।

पाकिस्तान को लिखे पत्र में भारत ने आरोप लगाया है कि लखवी को जेल में वीवीआईपी की तरह रखा जा रहा है। उसे मोबाइल की भी सुविधा दी गई है ताकि वह आतंकियों के संपर्क में रह सके। लखवी फिलहाल रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में कैद है। उसे पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। जुंदाल ने पूछताछ के दौरान बताया है कि वह पाकिस्तान गया था। उसने अजमल आमिर कसाब और लश्कर के अन्य आतंकियों को कराची से मुंबई भेजने के लिए पाक का दौरा किया था।

जुंदाल ने बताया कि 2010 में लखवी ने उसे फोन पर जानकारी दी थी कि अडियाला जेल में रहते हुए वह बाप बन गया। लखवी ने बताया था कि जेल में उसे अपनी अपनी सबसे छोटी पत्नी से मिलने की इजाजत है और वह विशेष इंतजाम के तहत उससे संबंध बना लेता है।

वाहन पिलर से टकराया एक की मौत

वाहन पिलर से टकराया एक की मौत




बाड़मेर जिले के सिंघोदिया गाँव के समीप एक वाहन सड़क किनारे लगे पिलरो से टकरा गया जिससे एक की मौत हो गई .इस आशय का मामला गिडा ठाणे में दर्ज कराया गया हें .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार श्री चेतनराम पुत्र चौखाराम जाट नि. सिघोडीया ने मुलजिम प्रभूराम पुत्र चेतनराम जाट नि. सिघोडीया के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा अपनी स्वयं की मोटर साईकल को तेजगति व लापरवाही पूर्वक चलाने से रोड़ के साईड में लगे पीलर से टकराने से लगी चोटो से मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना गिड़ा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

बाड़मेर दो विवाहितो को दहेज़ के लिए किया प्रताड़ित











बाड़मेर दो विवाहितो को दहेज़ के लिए किया प्रताड़ित 

अब पुलिस का डंडा आरोपियों पर

बाड़मेर जिले में दो अलग अलग मामलो में दो विवाहितो को दहेज़ के कारन प्रताड़ित करने के मामले दर्ज हुए .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की श्रीमति संगीता पुत्री जोराराम भील नि. बालोतरा ने मुलजिम गोविन्दराम पुत्र थानाराम भील नि. सिवाना वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीसा को दहेज की मांग को लेकर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इसी तरह श्रीमति पदमोदेवी पत्नि पूर्णाराम जटीया नि. दिनग ने मुलजिम पूर्णाराम पुत्र प्रभुराम जटीया नि. सिणधरी वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीसा को दहेज की मांग को लेकर तंग परेशान कर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

जैसलमेर मोबाईल पर अनावश्यक कॉल एवं एसएमएस करना पडा महंगा

जैसलमेर मोबाईल पर अनावश्यक कॉल एवं एसएमएस करना पडा महंगा

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने एक जने को अनाव्यस्क मोबाइल कल कर महिला को परेशान करने वाले को सबक सिखाते हुए गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश किया .पुलिस अधीक्षक के अनुसार मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय जैसलमेर में एक महिला गुलशन जो कि होटल सुर्याग में कार्यरत है, ने पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल के समक्ष रिपोर्ट पेश कि की दिनांक 26.11.2012 को रात्रि में एक मोबाईल धारक द्वारा बारबार मेरे मोबाईल पर कॉल एवं एसएमएम कर परेशान कर रहा है, जिसको मना करने पर भी वह माना नहीं तथा अनावश्यक कॉल एवं एसएमएस करता रहा। जिससे मेरे द्वारा नाम पुछा गया तो उसने अपना नाम महेन्द्रसिंह निवासी खाभा बताया। उक्त रिपोर्ट को पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा गम्भीरता से लेते हुए, किशोरसिंह थानाधिकारी पुलिस थाना खुहडी को शक्स को गिरफतार कर अग्रिम कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिस पर थानाधिकारी पुलिस थाना खुहडी मय जाब्ता द्वारा महेन्द्रसिंह पुत्र भगवानसिंह निवासी खाभा को गिरफतार कर आज दिनांक 28.11.2012 को न्यायालय में पेश किया गया। जहॉ से उसे जमानत पर रिहा किया गया।

कार्तिक पूर्णिमा पर गरीबो को कराया भोजन

युवाओं की अनूठी और अनुकरणीय पहल 


कार्तिक पूर्णिमा पर गरीबो को कराया भोजन


गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर बाड़मेर के युवाओं ने अनूठी पहल करते हुए आज गरीब व्यक्तियों को भोजन कराया ,समाजसेवी और राजस्थानी मोटियार परिषद् और भारतीय जनता युवा न्मोर्चा के नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ने अपने युवा साथियो के साथ अंहिंसा सर्किल और रेलवे स्टेशन पर रह रहे गरीब व्यक्तियों को निशुल्क्ल भोजन कराया .कार्तिक पूर्णिमा के पर्व के उपलक्ष में रमेश सिंह इन्दा ,अशोक सारला ,दिग्विजय सिंह चुली ,ॐ प्रकाश त्रिवेदी ,तेजाराम हुड्डा सहित कई युवाओं ने मानव सेवा का अनुकरणीय उदाहरण पेश कर गरीब व्यक्तियों को भोजन करा उनका आशीर्वाद लिया ,रमेश सिंह इन्दा ने बताया की कार्तिक पूर्णिमा पर समस्ज सेवा का कार्य करने की प्रेरणा मिली .उसू अनुरूप कार्य करने का प्रयास जिया जा रहा हें