गुरुवार, 29 नवंबर 2012

foto...बेटियों का आदर्श गाँव सनावाडा ...जंहा बेटिया शिक्षित बहुए अनपढ़

बेटियों का आदर्श गाँव सनावाडा ...जंहा बेटिया शिक्षित बहुए अनपढ़ 








बाड़मेर सरहदी बाड़मेर जिला मुख्यालय से मात्र पचीस किलोमीटर नेशनल हाई वे 15 पर स्थित सनवाडा गाँव शिक्षा के लिहाज़ से पिछले कई सालो से अग्रणी रहा .मगर बीते चार सालो में इस गाँव की बेटियों ने चुपचाप से जो प्रगति शिक्षा और खेल के क्षेत्र में की वो शकुन देने वाली हें ,आज हर जगह कन्या भ्रूण हत्या को लेकर सरकारे पानी की तरह पैसा बहा रही हें ,मगर उन्हें बेटियों के लिए एक आदर्श गाँव नहीं मिल रहा .जबकि बाड़मेर का सनावड़ा और डुगेरो का तला ऐसे गाँव हें जंहा बेटियों की प्रगति समूचे भारत के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करती हें ,इन दोनों गाँवो में एक भी स्कूल जाने योग्य बालिका शिक्षा से वंचित नहीं हें ,यह सरकारी आंकड़ा नहीं हें।यह जागरूक और प्रेरक अभिभावकों का सार्थक प्रयास हें की हर घर की बालिका चाहे किसी धर्म जाति की हो स्कूल जाती ,इन गाँवों की स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाए पढाई में अपना और गाँव का नाम रोशन कर ही रही हें अपितु खेल के मैदान में देश भर में बाड़मेर और राजस्थान का नाम रोशन कर रही हें ,कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल कौशल का दम ख़म पिछले कई सालो में दिखा रही हें ,कबड्डी ,खो खो ,और जिम्नास्टिक में इन बालिकाओ का कोई सानी नहीं ,इन गाँवों की लडकिय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर बाड़मेर का नाम रोशन कर रही हें ,इन गाँवों में एक परिवार में अगर चार पांच बालिकाए भी हें तो उन्हें भी नियमित शिक्षा प्राप्ति के लिए स्कूल भेजा जाता हें ,गाँव में प्रस्ताव पारित हें की जो परिवार बालिकाओ को शिक्षा से वंचित रखेगा उन पर पंचायत दंड डालेगी ,एक सकारात्मक और प्रगतिशील अभिभावकों की सोच का ही नतीजा हे की इन गाँवों के एक भी बेटी अनपढ़ नहीं हें ,अलबता इन गाँवो की बहुए आज भी अनपढ़ आ रही हें ,गाँव की बेतिया काफी आगे निकल गई ,सरकारी नौकरियों में भी इन दोनों गाँवो की बेटियों की दखल अंदाजी साफ़ दिखाई देती हें ,अध्यापिका ,परिचायीका ,आंगनवाडी कार्यकर्ता ,सहायिका ,आशा ,ग्राम सेविका ,,पटवारी पद तक इन गाँवों की बालिकाए पहुँच चुकी हें ,सनावड़ा गाँव शिक्षा के लिहाज़ से इतना जागरूक हे की इस गाँव को आदर्श गाँव घोषित किया जका चुका हें ,मगर यहाँ शिक्षा के प्रति रूचि दिखने वाली बालिकाए के लिए ना तो सरकार ने समुचित शिक्षा की व्यवस्था की ना ही खेल प्रशिक्षण की,बाड़मेर जैसे पिछड़े जिले में बेटियों के इस गाँव को राज्य सरकार द्वारा मोडल गाँव के रूप में चयन कर ब्रांड एम्बेसेडर घोषित करना चाहिए ताकि अन्य जिले और गाँव इससे प्रेरणा ले सके ,

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