शुक्रवार, 27 जनवरी 2012

बाड़मेर जन्हा बहूओ के सपने साकार कर रही हें सासू माए

बाड़मेर जन्हा बहूओ के सपने साकार कर रही हें सासू माए

बाड़मेर (राजस्थान)। भारतीय समाज में अक्सर सास की छवि बहुत नकारात्मक ढंग से पेश की जाती है। लेकिन राजस्थान के बाड़मेर जिले में बहुओं के सपने सास के कारण ही साकार हो रहे हैं। सामाजिक बदलाव के इस नए उदाहरण में गांवों में सरकारी नौकरियों के अवसरों ने योगदान दिया है।क्षेत्र की अनेक बहूओ ने ससुराल में रहते हुए सरकारी नौकरिया पाने में सफलता हासिल की हें ,

चैनी देवी (19) के माता-पिता ने कक्षा आठवीं के बाद उनका स्कूल छुड़ा दिया था और शादी कर दी थी। लेकिन आज वह अपनी सासू मां के प्रोत्साहन और गांव में सरकारी नौकरी की उम्मीद से स्नातक कक्षा की पढ़ाई कर रही हैं।

चैनी अकेली नहीं हैं। राजस्थान के बाड़मेर जिले में ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसरों के आकर्षण में कई शादीशुदा अनुसूचित जाती जनजातीय महिलाओं ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है।

अधिकांश मामलों में रोचक बात यह है कि इन महिलाओं के समर्थन में सबसे पहले उनकी सासू मां आई हैं, जिनकी भारतीय समाज में अक्सर एक नकारात्मक छवि बनी हुई है।

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ने बताया, "2,000 से अधिक शादीशुदा महिलाएं ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में आ रही हैं। इनमें से कुछ ऐसी हैं, जिनकी शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी और वे किताब का मुह तक नहीं देख पाई थीं।

वे अपने पास-पड़ोस की उन महिलाओं का अनुसरण कर रही हैं, जिन्हें पढ़ाई करने के बाद सरकारी नौकरी मिल गई है।"

अधिकारी ने कहा, "ढेरों महिलाएं आंगनवाड़ी केंद्रों से जुड़ रही हैं। इन महिलाओं को ग्रामीण इलाकों के लिए शुरू की गई विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायकों के रूप में नियुक्त किया जा रहा है।"कई बहूए ग्राम सेवक ,पटवारी ,अध्यापिका ,आंगनवाडी कार्यकर्ता ,रोजगार सहायिका,सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाए दे रही हें ,यह बाड़मेर वो जिला हें जन्हा किसी समय पढ़ी लिखी महिला तो दूर पुरुष भी गिने चुने मिलते थे ,मगर आज इस सरहदी क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में आई क्रांति ने कहानी बदल कर रख दी ,


इन नौकरियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास है। चैनी देवी बाड़मेर की महिला महाविद्यालय से बीए कक्षा की पढ़ाई कर रही हैं। चैनी देवी ने कहा, "मुझे लगा था कि मैं अब दोबारा कभी स्कूल नहीं जा पाऊंगी।

मैंने आंगनवाड़ी कर्मी की नौकरी के लिए आवेदन किया था और मेरी मामूली शैक्षिक योग्यता के कारण मुझे नौकरी मिल गई। इससे मेरी सासू मां का उत्साह बढ़ा और उन्होंने मुझे फिर से स्कूल जाने के लिए विवश कर दिया।"

चैनी कहती हैं कि जब गांव की अन्य महिलाओं ने उन्हें नौकरी करते देखा तो उनका भी उत्साह बढ़ा।

चैनी देवी ने कहा, "यहां की महिलाएं आमतौर पर घूंघट में रहती हैं, लेकिन कई महिलाओं ने घूंघट हटा दिया है और अब वे स्कूल जाने लगी हैं।"

चैनी देवी ने कहा कि उनके कॉलेज में पढ़ाई करने वाली कम से कम दो दर्जन महिलाओं की शादी बचपन में ही हो गई थी।

इस नई प्रक्रिया ने पाकिस्तान के साथ लगे इस पश्चिमी जिले में सामाजिक बदलाव का सूत्रपात कर दिया है। अधिकांश महिलाएं 15 से 16 वर्ष उम्र की हैं।


रुखमा नामक एक अन्य महिला ने कहा कि इस इलाके में बदलाव पिछले तीन-चार साल से शुरू हुआ है। पार्वती ने कहा, "पहले शादीशुदा महिलाएं अपने घर का चौखट लांघने की कल्पना नहीं कर पाती थीं। बहुओं की तो बात दूर, बेटियों को पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई की अनुमति नहीं होती थी।"
उसने उन दिनों को याद किया जब उसका शिक्षिका बनने का सपना चूर-चूर हो गया था और उसके माता-पिता ने बहुत कम उम्र में उसकी शादी कर दी थी।

रुखमा ने कहा, "मेरे ससुराल के लोगों ने मुझे स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं 22 की उम्र में कक्षा 12वीं में हूं, लेकिन मैं हतोत्साहित नहीं हूं। मैं अपने सपने को साकार करने के लिए कम से कम बीएड करना चाहती हूं।"रुखमा आज बी एड कर सरकारी स्कूल में अध्यापिका लगी हें

प्रतिबंधित क्षेत्र में ....सरकार को नहीं मिली विशेष अपील की अनुमति

बाड़मेर में पाकिस्तान के सीमावर्ती प्रतिबंधित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-फरोख्त व नामांतरण के मामले में राज्य सरकार की अर्जियां राजस्व मंडल की एकलपीठ ने खारिज कर दी है। राज्य सरकार की ओर से इन अर्जियों के जरिए एकलपीठ से खंडपीठ में विशेष अपीलों पर सुनवाई के लिए अनुमति मांगी गई थी।

एकलपीठ के सदस्य बीएल नवल ने राज्य सरकार की विशेष अपीलों को देरी से पेश हुआ मानते हुए सुनवाई योग्य नहीं माना व अनुमति देने से इंकार कर दिया है।

एकलपीठ ने राज्य सरकार के 331 प्रकरण में विशेष अपील की सुनवाई के लिए भू राजस्व अधिनियम के तहत अनुमति की अर्जियों को खारिज कर दिया।

भू राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील के लिए उसी एकलपीठ से अनुमति लिया जाना जरूरी है, जिसके फैसले को चुनौती दी जा रही है। एकलपीठ ने इस मामले में सरकार की ओर से प्रस्तुत इस तर्क को नामंजूर कर दिया कि सीमावर्ती प्रतिबंधित क्षेत्र में पीएसीएल कंपनी ने अपने एजेंटों के जरिए जमीन खरीदी थी।
 
एकलपीठ ने कहा कि इस स्तर पर सरकार को यह नया आधार प्रस्तुत करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। एकलपीठ ने कहा कि 14 अक्टूबर को हुए फैसले के खिलाफ अपील 30 दिवस में पेश होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने देरी से 30 नवंबर को अपील पेश की है।

एकलपीठ के इस फैसले से सरकार का राजस्व मंडल में प्रकरण को चुनौती देने का रास्ता बंद हो गया है। खंडपीठ में अब सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई नहीं हो पाएगी।

अब हाईकोर्ट का सहारा :

एकलपीठ के इस फैसले से सरकार का राजस्व मंडल में प्रकरण को विशेष अपील के जरिए चुनौती देने का रास्ता बंद हो गया है। अब राज्य सरकार को इस मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट दायर करने का विकल्प बाकी है। राजकीय अभिभाषक रविकांत गुप्ता ने बताया कि एकलपीठ के आदेश की प्रति मिलने के बाद उस पर विचार विमर्श कर आगामी निर्णय किया जाएगा।


यह थी दोनों पक्षों की दलील :

इससे पहले सरकार की ओर से एकलपीठ के समक्ष पेश अर्जी में पीएसीएल कंपनी द्वारा जमीन खरीद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था।

सरकार की ओर से पीएसीएल कंपनी द्वारा जमीन खरीद को लेकर पुलिस की जांच रिपोर्ट भी एकलपीठ के समक्ष पेश की गई। इन रिपोर्ट में जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर की सीआईडी को सौंपी गई 14 नवंबर 2007 और जिला कलेक्टर बाड़मेर को दी गई 17 फरवरी 2010 की रिपोर्ट शामिल है।

राज्य सरकार की दलील है कि पीएसीएल कंपनी ने एजेंटों के जरिए बड़े पैमाने पर सीमावर्ती प्रतिबंधित क्षेत्र में जमीन खरीद की है। ऐसे में ना तो खरीदारों को जमीन का कब्जा मिला ना ही उनका जमीन में सीधा हित है। इसलिए सेल डीड के आधार पर जो नामांतरण खोले गए वे निरस्त होने लायक हैं।

वहीं दूसरी ओर खरीदारों ने नामांतरण को वैध ठहराने संबंधी एकलपीठ के फैसले को सही बताते हुए कहा था कि सेल डीड में जमीन पर कब्जा सौंपने का साफ उल्लेख है इसलिए और किसी जांच की जरूरत नहीं है।


सरकार के पक्ष पर हुई देरी ! :

14 अक्टूबर को एकलपीठ के सदस्य बीएल नवल ने कुछ प्रकरणों में सरकार के खिलाफ निर्णय पारित करते हुए नामांतरण को वैध ठहराया था। इन निर्णयों की नकल के लिए सरकार की ओर से कार्रवाई कर विशेष अपील व उसके साथ अनुमति प्रदान करने की अर्जी प्रस्तुत कर दी गई।

सरकारी पक्ष की माने तो एकलपीठ के निर्णय की नकल लेने में जो समय लगा उसे छोड़ दिया जाए तो निर्धारित तीस दिवस के भीतर अपील प्रस्तुत कर दी गई थी। लेकिन एकलपीठ ने बुधवार को सरकार की अर्जी को खारिज करने का महत्वपूर्ण आधार अपीलों को पेश करने में हुई देरी को माना है।

कानूनविदों के अनुसार देरी हुई तो यह अत्यंत गंभीर है, क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त समय था। देरी के तकनीकी बिंदु पर सरकार की अर्जी नामंजूर होना भी गंभीर मुद्दा है।


फ्लैश बैक.. :

राज्य के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में वर्ष 2005-06 में प्रतिबंधित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद फरोख्त हुई थी। इसमें वास्तविक खरीदारों के बजाय एक कंपनी द्वारा भुगतान के तथ्य उजागर हुए थे। प्रतिबंधित क्षेत्र में हुई खरीद-फरोख्त को तब विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बनाकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

इसके बाद तत्कालीन कई उप पंजीयकों को चार्जशीट भी दी गई थी। कई फौजदारी मुकदमे भी दर्ज हुए थे। सरकार की ओर से विवादित बेचाननामों को निरस्त कराने के लिए सिविल कोर्ट में दायर किए गए वाद अब भी लंबित हैं।

सांसद का नाम देख बिफरे विधायक

सांसद का नाम देख बिफरे विधायक

बालोतरा। बायतु विधायक सोनाराम चौधरी और क्षेत्रीय सांसद हरीश चौधरी के बीच छत्तीस का आंकड़ा बुधवार को कलह की वजह बन गया। एक उद्घाटन समारोह में शरीक होने आए बायतु विधायक सोनाराम को शिलापिका पर सांसद का नाम इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने भरे मजमे में हंगामा खड़ा कर दिया। अधिकारियों को इस गुस्ताखी के लिए सरे समारोह आड़े हाथों लिया।

ग्राम पंचायत संाभरा में बुधवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन का उद्घाटन था। समारोह आयोजक ग्राम पंचायत ने शिला पिका पर बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद हरीश चौधरी का नाम लिखवाया था। हालांकि वे यहां शरीक नहीं हुए। समारोह के अन्य अतिथि जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर,पचपदरा विधायक मदन प्रजापत, प्रधान श्रीमती जमनादेवी गोदारा आदि भी यहां नहीं पहुंचे।

ग्राम पंचायत सांभरा पंचायत समिति बालोतरा के क्षेत्रान्तगर्त है,लेकिन विधानसभा क्षेत्र बायतु है। समारोह अध्यक्ष बायतु विधायक सोनाराम चौधरी तय समय पर यहां पहुंच गए। कुछ समय तक सारा कुछ ठीक चलता रहा,लेकिन शिलापिका के अनावरण का समय आया,माहौल बदल गया।शिलापिका पर क्षेत्रीय संासद हरीश चौधरी का नाम देखते ही विधायक का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने वहां खड़े अधिकारियों को काफी खरी खोटी सुनाई।

नदारद के नाम क्यों
मुख्यमंत्री का निर्देश है कि राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का उद्घाटन जिला प्रभारी या क्षेत्रीय विधायक करें। समारोह मे जो व्यक्ति मौजूद नहीं है,उसके नाम लिखा जाना गलत है।
सोनाराम चौधरी विधायक, बायतु

केरल के राज्यपाल के निधन पर शोक में डूबा झारखंड

एमओएच फारूक 

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने गुरुवार को केरल के राज्यपाल एमओएच फारूक के निधन पर शोक व्यक्त किया।

झारखंड के पूर्व राज्यपाल को श्रद्धांजलि देते हुए मुंडा ने कहा कि बतौर राज्यपाल अपने कार्यकाल में उन्होंने हमेशा राज्य के विकास के बारे में ही सोचा।

फारूक वर्ष 2010 में झारखंड के राज्यपाल थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने शुक्रवार को राजकीय शोक की घोषणा कर दी है। ध्वज को आधा झुका दिया जाएगा।

भंवरीदेवी प्रकरण के कारण अटका बालोतरा का पानी!



 भंवरीदेवी प्रकरण के कारण अटका बालोतरा का पानी!

बालोतरा  दिग्गजों को सलाखें दिखाने वाले बहुचर्चित भंवरीदेवी प्रकरण की मार से बालोतरा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा। वर्षों से मीठे पानी के इंतजार में बेचैन बालोतरा के वाशिंदों को उम्मेदसागर-धवा योजना से मीठे पानी की लाइन स्वीकृत होने से आस जगी थी। मगर नागाणा से बालोतरा तक पाइप लाइन बिछाने वाले ठेकेदार के भंवरी मामले में उलझने से कार्य कुछ समय से एकदम ढीला पड़ गया था। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अब इस कार्य को फिर से गति देने की कवायद में जुटा है। पर इसका असर यह जरूर हुआ कि जनवरी तक बालोतरा पहुंचने वाला पानी अब मार्च-अप्रेल तक पहुंच पाएगा। 

कहां व कैसे अटका कार्य: पोकरण-फलौदी-फलसूंड-बालोतरा नहरी पेयजल योजना में अभी काफी समय लगेगा यह तय हो जाने के बाद बालोतरा के वाशिंदों के लिए उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी योजना से सीधी पाइप लाइन बिछाकर पानी पहुंचाने की योजना बनी। योजना के लिए 12.45 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए और अगस्त 2011 में कार्य भी शुरू हो गया। सब कुछ समय पर चल रहा था, कि भंवरी मामले की आंच पाइप लाइन बिछाने वाली फर्म डारा कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर पप्पूराम डारा पर भी गिरी। सूत्रों के अनुसार सीबीआई उसे पूछताछ के लिए ले गई तो वह घबरा कर कुछ समय के लिए भूमिगत हो गया । उसका अकाउंट सीज हो जाने के चलते समय पर पाइप भी नहीं पहुंचे और काम बालोतरा से महज साढ़े दस किलोमीटर दूरी पर पचपदरा तक पहुंचकर अटक गया।

निर्धारित समय से करीब ढाई महीने देरी से बालोतरा पहुंचेगा उम्मेदसागर-धवा नहरी परियोजना का पानी,भंवरी मामले में उलझा ठेकेदार लंबे समय तक रहा भूमिगत, अब पाइप की कमी बनी रोड़ा


॥पचपदरा तक पाइप बिछ गए हैं, जिसकी टेस्टिंग शीघ्र हो जाएगी। पाइप पहुंच जाए तो बालोतरा तक लाइन बिछा दी जाएगी। रेलवे से बात हो गई है, शीघ्र ही स्वीकृति मिल जाएगी तो लाइन को पटरी पार कराने में कोई परेशानी नहीं होगी।ञ्जञ्ज

धर्मेंद्रसिंह परिहार, एक्सईएन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग।

पचपदरा. पाइप लाइन पचपदरा तक पहुंची।



आइये जाने की आपकी बिटिया का विवाह कब और कहाँ होगा..

आइये जाने की आपकी बिटिया का विवाह कब और कहाँ होगा..

Pt. DAYANANDA SHASTRI;
पंडित दयानन्द शास्त्री-
M--09024390067 & 09711060179


हमारे यहाँ कहावत है कि जोड़े स्वर्ग से तय होकर आते हैं और उनका मिलन पृथ्वी पर निर्धारित समय में विवाह-संस्कार से होता है| अर्थात सब कुछ विधि के विधान के अनुसार तय होने के बावजूद जब बेटी की उम्र 20-21 के पार हो जाती है तो मां-बाप की चिंताएं बढ़ने लगती है| दिन-रात उन्हें यही सवाल सालने लगता है कि हमारी लाडली के हाथ पीले कब होंगे?
उसे पति (वर) कैसा मिलेगा? ससुराल कैसी और कहां होंगी आदि| चिंता मत करिए ज्योतिष शास्त्र में आपके इन सवालों का जवाब है और आप खुद थोड़ी मेहनत करके इन बातों का जवाब जान सकते हैं|
ज्योतिष में लग्न कुंडली का प्रथम भाव जातक का स्वयं का होता है और इसके ठीक सामने वाला सातवां भाव जीवनसाथी का होता है| इस भाव से प्रमुख रूप से विवाह का विचार किया जाता है| इसके अलावा यह भी पता कर सकते हैं कि जीवनसाथी का स्वभाव कैसा होगा? उसका चरित्र कैसा होगा, ससुराल कैसी मिलेगी और वर-वधू में आपसी मित्रता कैसी रहेगी|

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केसा होगा जीवनसाथी का स्वभाव..????
सप्तम भावस्थ राश्यानुसार जीवनसाथी के सामान्य स्वभाव के बारे में जानें---
मेष: जिस कन्या के सप्तम भाव में मेष राशि होती है| उसका जीवनसाथी जमीन-जायदाद वाला होता है| इनका दांपत्य जीवन सुखी रहता है|
वृष: इनका जीवनसाथी सुन्दर और गुणवान होता है| मधुर-भाषी, काम-कला में प्रविण और पत्नी भक्त होता है|
मिथुन: सामान्य रंग रूप वाला, समझदार और उच्च विचारों वाला जीवनसाथी मिलता है| जीवनसाथी बातों में चतुर और व्यवसाय करने वाला होता है|
कर्क: सुन्दर, तीखे नाक-नक़्शे वाला जीवनसाथी मिलता है|
सिंह: अपनी बात मनवाने वाला और ईमानदार जीवनसाथी मिलता है|
कन्या: जिस कन्या के सप्तम भाव में कन्या राशि होती है, उसे सुन्दर और सुशील जीवनसाथी मिलता है| विवाह के बाद कन्या का भाग्योदय होता है|
तुला: सुशिक्षित, सुन्दर और मर्यादापूर्ण बात करने वाला, मुसीबत के समय पत्नी के साथ कदम मिलाकर चलने वाला जीवनसाथी मिलता है|
वृश्चिक: जिस कन्या के सप्तम भाव में वृश्चिक राशि होती है| उसका जीवनसाथी सामान्य शिक्षा, कठिन परिश्रमी, हर मुसीबत में हंसने वाला होता है|
धनु: अपने सम्मान को सर्वोपरि समझना, अपने आप पर गर्व करने वाला और साधारण परिवार का जीवनसाथी मिलता है|
मकर: पूजा-पाठ और पराशक्तियों में आस्था रखने वाला, अपने वायदे का पक्का, शौकीन प्रवृत्ति का जीवनसाथी मिलता है|
कुम्भ: भगवान में श्रद्धा रखने वाला, मर्यादित व्यवहार वाला जीवनसाथी मिलता है|
मीन: चंचल, गुणवान, धर्म के प्रति आस्थावान, सुन्दर, बातचीत में होशियार और कन्या के सौभाग्य में वृद्धि करने वाला जीवनसाथी मिलता है|
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कब होगा विवाह..???
प्रायः: माता-पिता की इच्छा यही होती है कि कन्या का विवाह कब होगा? इसका पता लगाने के लिए सप्तम भाव स्थित राशि, सप्तम भाव स्थित गृह व उस पर पड़ने वाली दृष्टियाँ, सप्तमेश की स्थिति व प्रकृति, सप्तमेश पर अन्य ग्रहों की दृष्टि व प्रभाव एवं महादशा आदि का विश्लेषण करते हुए निम्न बातों को ध्यान में रखते हुए विवाह के समय की गणना करें-
सप्तमेश शुभ ग्रह की राशी में बैठा हो, शुक्र अपनी स्वराशी या उच्च राशि में बैठा हो| शुक्र लग्न या केंद्र स्थान में बैठकर शुभ ग्रहों से युति कर रहा हो तो कन्या का विवाह शीघ्र होता है| इसके विपरीत होने पर विवाह में विलम्ब होता है|
सप्तमेश यदि सुभ ग्रह से युति नहीं कर रहा हो या 6 , 8 , 12 वें स्थान में हो, शुक्र व चन्द्रमा पर मंगल या शनि कि दृष्टि हो, 7 या 12 वें स्थान में पाप ग्रहों की युति हो या पंचम भाव में चन्द्रमा हो, सप्तम भाव में केतु हो व शुक्र की दृष्टि हो तो शादी देरी से होती है|
लग्नेश व सप्तमेश के स्पष्ट राशि व अंश जोड़ने पर जो राशि व अंश आते हैं, गोचर का बृहस्पति जब वहां आता है तो शादी का समय समझें|
राशीश (जन्म राशि) व अष्टमेश के योग तुल्य राशी व अंश पर जब गोचर का बृहस्पति आता है तो विवाह का समय समझें|
शुक्र व चन्द्रमा दोनों में से जो बलवान हो उसकी महादशा में गुरु, चन्द्र या शुक्र के प्रत्यंतर में विवाह होता है|
यदि सप्तमेश शुक्र के साथ हो तो सप्तमेश कि अन्तर्दशा में विवाह का योग बनता है| इसके अलावा सप्तम भाव स्थित ग्रह, भाग्येश व कर्मेश की अन्तर्दशा भी विवाह कारक होती है|
गोचर का गुरु लग्न कुंडली में 2 , 5 , 7 , 9 , 11 वें स्थान में आता है तो भी विवाह का समय शास्त्रों में माना गया है|
लग्न सप्तम व द्वितीय भाव में शुभ ग्रह हों एवं इन पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नहीं हो तो शीघ्र विवाह होता है|
लग्नेश व सप्तमेश कुंडली में नजदीक हों तो विवाह शीघ्र होता है एवं दूर हो तो विवाह देरी से होता है| साथ ही शुक्र जिस राशि में बैठा हो, उस राशि के स्वामी की महादशा में, गुरु की अन्तर्दशा में विवाह योग बनते हैं|
कुंडली में सप्तमेश या शुक्र के साथ केंद्र स्थान में गोचरवश जब चन्द्रमा, बृहस्पति आते हैं तो विवाह होता है|
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जानिए की ससुराल कहां होगी ...????


ससुराल कि दिशा व स्थान का निर्धारण कुंडली में शुक्र कि स्थिति से किया जाता है| शुक्र यदि शुभ स्थान, राशि में हो व कोई भी पाप ग्रह उसे नहीं देख रहा हो तो ससुराल स्थानीय या आसपास होती है| यदि चतुर्थ भाव, चतुर्थेश व शुक्र किसी पाप ग्रह से देखे जा रहे हों या शुक्र 6 , 8 , 12 वें भाव में हो तो जन्म स्थान से दूर कन्या का ससुराल होता है| विवाह जन्म स्थान से किस दिशा में होगा इसका निर्धारण भी शुक्र से ही किया जाता है| कुंडली में जहां शुक्र स्थित है उस से सातवें स्थान पर जो राशि स्थित है उस राशि के स्वामी की दिशा में ही विवाह होता है| ग्रहों के स्वामी व उनकी दिशा निम्न प्रकार है:-
राशि स्वामी दिशा
मेष, वृश्चिक मंगल दक्षिण
वरिश, तुला शुक्र अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व)
मिथुन, कन्या बुध उत्तर
कर्क चंद्रमा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम)
सिंह सूर्य पूर्व
धनु, मीन गुरु ईशान (उत्तर-पूर्व)
मकर, कुम्भ शनि पश्चिम


मतान्तर से मिथुन के स्वामी राहु व धनु के स्वामी केतु माने गए हैं तथा इनकी दिशा नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) कोण मानी गयी है|
उदाहरण के लिए किसी कन्या का जन्म लग्न मेष है व शुक्र उसके पंचम भाव में बैठे हैं तो शुक्र से 7 गिनने पर 11 वां भाव आता है, जहां कुम्भ राशि है| इसके स्वामी शनि हैं| राशि कि दिशा पश्चिम है| इसलिए इस कन्या का ससुराल जन्म स्थान से पश्चिम दिशा में होगा| कन्या के पिता को चाहिए कि वह इस दिशा से प्राप्त विवाह प्रस्तावों पर प्रयास करें ताकि समय व धन की बचत हो|

वसंत पंचमी: विश्वविजय सरस्वती कवच से करें सरस्वती की उपासना

देवी सरस्वती ज्ञान, बुद्धि, कला व संगीत की देवी हैं। इनकी उपासना करने से मुर्ख व्यक्ति भी विद्वान बन सकता है। विश्वविजय सरस्वती कवच का नित्य पाठ करने से साधक में अद्भुत शक्तियों का संचार होता है। विद्यार्थियों के लिए यह विशेष फलदाई है। 
धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवती सरस्वती के इन अदुभुत विश्वविजय सरस्वती कवच को धारण करके ही महर्षि वेदव्यास, ऋष्यश्रृंग, भरद्वाज, देवल तथा जैगीषव्य आदि ऋषियों ने सिद्धि पाई थी।



विश्वविजय सरस्वती कवच



श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा शिरो मे पातु सर्वत:।

श्रीं वाग्देवतायै स्वाहा भालं मे सर्वदावतु।।

ऊँ सरस्वत्यै स्वाहेति श्रोत्र पातु निरन्तरम्।

ऊँ श्रीं ह्रीं भारत्यै स्वाहा नेत्रयुग्मं सदावतु।।

ऐं ह्रीं वाग्वादिन्यै स्वाहा नासां मे सर्वतोवतु।

ह्रीं विद्याधिष्ठातृदेव्यै स्वाहा ओष्ठं सदावतु।।

ऊँ श्रीं ह्रीं ब्राह्मयै स्वाहेति दन्तपंक्ती: सदावतु।

ऐमित्येकाक्षरो मन्त्रो मम कण्ठं सदावतु।।

ऊँ श्रीं ह्रीं पातु मे ग्रीवां स्कन्धं मे श्रीं सदावतु।

श्रीं विद्याधिष्ठातृदेव्यै स्वाहा वक्ष: सदावतु।।

ऊँ ह्रीं विद्यास्वरुपायै स्वाहा मे पातु नाभिकाम्।

ऊँ ह्रीं ह्रीं वाण्यै स्वाहेति मम पृष्ठं सदावतु।।

ऊँ सर्ववर्णात्मिकायै पादयुग्मं सदावतु।

ऊँ रागधिष्ठातृदेव्यै सर्वांगं मे सदावतु।।

ऊँ सर्वकण्ठवासिन्यै स्वाहा प्राच्यां सदावतु।

ऊँ ह्रीं जिह्वाग्रवासिन्यै स्वाहाग्निदिशि रक्षतु।।

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा।

सततं मन्त्रराजोऽयं दक्षिणे मां सदावतु।।

ऊँ ह्रीं श्रीं त्र्यक्षरो मन्त्रो नैर्ऋत्यां मे सदावतु।

कविजिह्वाग्रवासिन्यै स्वाहा मां वारुणेऽवतु।।

ऊँ सदाम्बिकायै स्वाहा वायव्ये मां सदावतु।

ऊँ गद्यपद्यवासिन्यै स्वाहा मामुत्तरेवतु।।

ऊँ सर्वशास्त्रवासिन्यै स्वाहैशान्यां सदावतु।

ऊँ ह्रीं सर्वपूजितायै स्वाहा चोध्र्वं सदावतु।।

ऐं ह्रीं पुस्तकवासिन्यै स्वाहाधो मां सदावतु।

ऊँ ग्रन्थबीजरुपायै स्वाहा मां सर्वतोवतु।।

गुरुवार, 26 जनवरी 2012

नहीं आई शर्म, बाबा साहेब की मूर्ति को फिर किया अपवित्र

हैदराबाद| आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में गुरुवार को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की एक मूर्ति को अज्ञात लोगों ने एक बार फिर अपवित्र कर दिया। एक सप्ताह से भी कम समय में इस तरह की यह दूसरी घटना है।
 
कई दलित संगठन इसके विरोध में प्रदर्शन कर करहे हैं। ज्ञात हो कि पूर्वी गोदावरी जिले के ही अमलापुरम कस्बे में सोमवार को अम्बेडकर की तीन मूर्तियों को अपवित्र कर दिया गया था। इससे उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो ही रही थी कि एक और घटना सामने आ गई।


ताजा घटना के बाद दलित संगठनों ने चेन्नई-भुवनेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करना शुरू कर दिया। इस कारण देर तक यातायात ठप्प रहा। उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह स्थल के निकट प्रदर्शन किया और काला दिवस मनाया।


दलित संगठनों के नेताओं ने इस घटना को अंजाम देने में शामिल लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। निकटवर्ती राजामुंद्री कस्बे में भी प्रदर्शन किए गए।


किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल कस्बे के लिए रवाना हो गया है। इस बीच, मूर्तियों को अपवित्र किए जाने के बाद गत सोमवार को दो गुटों के बीच हुई झड़प के मद्देनजर आलमपुरम कस्बे में लागू निषेधाज्ञा जारी है।


राज्य सरकार ने गुरुवार को आलमपुरा में स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्रियों की एक टीम भेजने का फैसला लिया। मंत्रियों की चार सदस्यीय टीम मूर्तियों को अपवित्र किए जाने के बारे में तथ्यों का पता लगाने का प्रयास करेंगे।

राजस्थान की स्नेहा शेखावत ने रचा इतिहास

राजस्थान की स्नेहा शेखावत   ने रचा इतिहास

नई दिल्ली। राजस्थान के सीकर जिले की बेटी फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत ने गुरूवार को दिल्ली में राजपथ पर 63वें गणतंत्र दिवस समारोह में वायुसेना की परेड का नेतृत्व कर एक नया इतिहास रच दिया। गणतंत्र दिवस पर वायु सेना दल का स्नेहा ने नेतृत्व कर पहली महिला पायलट बन गई हैं। फ्लाइल लेफ्टिनेंट शेखावत के साथ तीन फ्लाइंग अधिकारी हीना पोर, अनुपम चौधरी और पूजा नेगी ने भी एयर फोर्स के मार्चं धुन पर कदम से कदम मिला कर नया इतिहास कायम किया।

63वें गणतंत्र दिवस पर वायु सेना का नेतृत्व महिला कमांडर के द्वारा किए जाने पर दर्शकों ने भी खुशी व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि एयरो विमान की पायलट स्नेहा फिलहाल हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात हैं।

महावीर सिंह व जड़ाव कंवर की बेटी स्नेहा के पति भी फ्लाइट लेफ्टिनेंट हैं। महावीर सिंह गुुजरात के राज्यपाल कार्यालय में सचिव हैं।
स्नेहा के दादा सायर सिंह व बहन मुकेश ने बताया कि जैसे ही स्नेहा के परेड की अगुवाई करने की सूचना मिली, पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।

अग्निपथ ....संजय के फैन है तो अपने चहेते स्टार की इस फिल्म को मिस ना करें


करीब दो दशक पहले यश जौहर ने अमिताभ बच्चन को लीड रोल में लेकर अग्निपथ बनाई थी। उस वक्त इस फिल्म कोबॉक्स ऑफिस पर औसत कामयाबी मिली थी। दरअसल , इस फिल्म में अमिताभ ने अपनी आवाज के साथ अलगएक्सपेरिमेंट किया और फिल्म में अलग अंदाज से डॉयलाग बोले। उस वक्त अमिताभ के फैंस को अपने चहेते स्टार का यहअंदाज जमा नहीं और फिल्म बी व सी क्लास सेंटरों के बॉक्स ऑफिस पर औसत से भी कमजोर रही। करीब 22 साल बादकरन जौहर ने अपने स्वर्गीय पापा की इस फिल्म को नए सिरे से बनाने का फैसला किया तो उस वक्त कई लोगों को यहफैसला इसलिए खटका कि जब अमिताभ बच्चन जैसे नामी स्टार की अग्निपथ बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाईथी तो अब करण ऐसा क्या करिश्मा करेंगे कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट साबित हो जाएगी।

करन ने इन अटकलों पर ध्यान नहीं दिया और करीब 8 महीने में इस मेगा बजट मल्टि - स्टारर फिल्म को पूरा करदिखाया। यकीनन , जब भी किसी फिल्म का रीमेक बनाया जाता है तो पिछली फिल्म की तुलना नई फिल्म के साथ जरूरहोती है। यहीं वजह है , यंग डायरेक्टर करण मल्होत्रा की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म की तुलना नब्बे के दशक केदिग्गज डायरेक्टर मुकुल एस आंनद द्वारा निर्देशित फिल्म के साथ हो रही है। करन जौहर के पापा यश जौहर को अग्निपथइस कदर पसंद थी कि बीमारी के दिनों में भी यश जब भी रिलेक्स फील करते तो इसी फिल्म को अस्पताल के बेड पर लेटेहुए देखा करते थे। यहीं वजह रही करन ने पापा की पसंदीदा फिल्म का रीमेक बनाने में दिल खोलकर पैसा खर्च किया।बेशक , करन ने फिल्म में कुछ बदलाव भी किए है लेकिन पिछली फिल्म की मूल कहानी को टच नहीं किया। फिल्म मेंसैकड़ों लोगों की मौजदूगी में फिल्माए स्टंट ऐक्शन सीन्स का जवाब नहीं। फिल्म के कैमरामैन की तारीफ करनी होगी किजिन्होंने फिल्म के हर फ्रेम पर खूब मेहनत की है।

कहानी : कहानी मुंबई - गोवा सीमा से सटे मांडवा गांव से शुरू होती है। इस छोटे से गांव में रहने वाले विजय दीनानाथचौहान ( रितिक रोशन ) को उसके आदर्शवादी और ईमानदार स्कूल प्रिंसिपल पिता ( चेतन पंडित ) ने बचपन में हीईमानदारी और आर्दशों का ऐसा पाठ पठाया , जिसने नन्हें विजय की सोच के नजरिया ही बदल दिया। विजय की जिंदगीमें उस वक्त अचानक भूचाल सा आता है जब ड्रग डीलर कांचा ( संजय दत्त ) बरसों बाद एकबार फिर गांव लौटता है।कांचा को जितनी नफरत अपनी डरावनी शक्ल से है उससे कहीं ज्यादा नफरत ऐसे लोगों से है जो उसकी बात नहीं मानते।मांडवा आकर कांचा को लगता है गांव में अपना दबदबा बनाने के लिए स्कूल प्रिसिंपल को अपने रास्ते से हटाना होगा।कांचा एक षड्यंत्र में विजय के पिता को फंसाकर गांव वालों के सामने फांसी पर लटकाकर मार डालता है। विजय अपनीमां के साथ गांव छोड मुंबई पहुंचता है , अब उसकी जिंदगी का मकसद अपने पिता के नाम पर कांचा द्वारा लगाए गए दागको साफ करना और कांचा को उसके गुनाह की सजा देना है।

मुंबई पहुंचे 12 साल के विजय का सामना जब रऊफ लाला ( ऋषि कपूर ) से होता है तो उसे लगता है गुनाह की दुनियामें अपना अलग मुकाम रखने वाला और कांचा से बेपनाह नफरत करने वाला रऊफ उसे उसकी मंजिल तक पहुंचा सकताहै। कांचा तक पहुंचने के रास्ते में विजय को ना जाने क्या कुछ नहीं करना पड़ता है। कानून तोड़ना और लाला के हरगैरकानूनी काम में उसका सबसे करीबी साथी बना विजय अब गुनाह की दुनिया में पहचान बना चुका है। विजय को हरमोड़ पर उसकी बचपन की दोस्त काली गावड़े ( प्रियंका चोपड़ा ) का साथ मिलता है , लेकिन अपनों का नहीं। करीब 15साल बाद विजय एक बार फिर मांडवा पहुंचता है जहां उसका सामना कांचा से होता है।

ऐक्टिंग : खलनायक , वास्तव , और मुन्ना भाई सीरीज की दो फिल्मों के बाद संजय दत के लिए यह फिल्म उनके करियरके लिए एक बडा टर्निंग पॉइंट्स है। कांचा के रोल में संजय दत्त ने खुद को ऐसा ढाला है कि दर्शकों को फिल्म में स्टार्ट टुलास्ट संजय कांचा दिखाई देता है। सदाबहार फिल्म शोले के विलेन गब्बर सिंह के साथ कांचा की तुलना की जा सकती हैजिन्हें हॉल में बैठे दर्शकों की नफरत के अलावा कुछ और नहीं मिलता। वहीं , अमिताभ बच्चन और रितिक रोशन कीतुलना करे तो विजय दीनानाथ के रोल के मामले में अमिताभ का पलड़ा कहीं ज्यादा भारी है। फिल्म की शुरुआत मेंरितिक की डायलॉग डिलीवरी और उनके चेहरे के एक्सप्रेशन कमजोर हैं , वहीं आखिरी 50 मिनट की फिल्म में रितिक नेसंजय को टक्कर देने की अच्छी कोशिश की है। काली गावड़े के रोल में प्रियंका चोपड़ा पूरी तरह परफेक्ट है। एक आइटमसॉन्ग में नजर आई कटरीना कैफ ने जब स्क्रीन पर अपने लटके झटके दिखाए तब हॉल में खूब सीटियां बजीं।

डायरेक्शन : करण मल्होत्रा अपने काम में पूरी तरह से कामयाब रहे। करण ने कांचा के कैरक्टर को जिस दमदार ढंग सेपेश किया और स्टार्ट टु लास्ट फिल्म के दो लीड किरदारों विजय दीनानाथ और कांचा को जिस अंदाज में पेश कियाकाबिले तारीफ है। वहीं , अगर करण चाहते तो तीन घंटे लंबी इस फिल्म को आसानी से तीस मिनट कम किया जा सकताथा।

संगीतः कटरीना पर फिल्माए आइटम सॉन्ग चिकनी चमेली को छोड़ दिया जाए तो बाकी गानों में दमखम नहीं। हां ,अजय - अतुल की जोड़ी ने स्टोरी और कहानी की पृष्ठभूमि के अनुकूल संगीत दिया है।

क्यों देखें : अगर आप संजय के फैन है तो अपने चहेते स्टार की इस फिल्म को मिस ना करें। कांचा के रोल में संजय काजीवंत अभिनय और उनकी पावरफुल डायलॉग डिलीवरी का जवाब नहीं। रितिक का मासूम चेहरा और आखिरी पचासमिनट की फिल्म में रितिक की गजब ऐक्टिंग और बिना डुप्लिकेट यूज किए रितिक के गजब स्टंट और ऐक्शन सीन्स। दबंग, बॉडीगार्ड के बाद ऐसी फिल्म जो ऐक्शन फिल्मों के शौकीनों को अपसेट नहीं करेगी।

भंवरी केस में नया किरदार रामदेव, रेशमा का समर्पण

 

जोधपुर.भंवरी के अपहरण और हत्या की साजिश में शामिल लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई की बहन इंद्रा के साथ फरार हुए रेशमाराम विश्नोई ने गुरुवार सुबह सीबीआई के समक्ष समर्पण कर दिया। रेशमाराम भी पिछले ढाई माह से फरार चल रहा था। रेशमाराम के आने से इंद्रा के समर्पण की संभावना भी बढ़ गई है।

रेशमाराम पेशे से सरकारी शिक्षक है। वह इंद्रा के साथ ही रहता था और उसका घर भी मधुबन हाउसिंग बोर्ड में इंद्रा के मकान के पास है। रेशमाराम भंवरी के अपहरण की साजिश में इंद्रा का सहयोगी रहा है। पैसों के लेन-देन, मलखान-भंवरी का विवाद और इंद्रा के घर हुई साजिश की हर बात की जानकारी रेशमाराम को भी है। सीबीआई पिछले कई दिनों से उसकी तलाश में छापे मार रही थी। चार दिन पहले उसके व उसके भाइयों के घर तलाशी भी ली थी।



बुधवार को जैसे ही इंद्रा के भतीजे पुखराज व दिनेश गिरफ्तार हुए, गुरुवार सुबह रेशमाराम भी सर्किट हाउस पहुंचा और सीबीआई के समक्ष समर्पण कर दिया। रेशमाराम से इंद्रा का सुराग लग सकता है और दबाव में इंद्रा समर्पण भी कर सकती है।



इससे पहले बुधवार को भंवरी के अपहरण और हत्या की साजिश में लिप्त फरार चल रहे आरोपी दिनेश विश्नोई और पुखराज पकड़े गए थे। सीबीआई ने दोनों को कोर्ट में पेश कर 30 जनवरी तक रिमांड पर लिया है।
इस बीच भाजपा के पूर्व नेता और ओसियां में महिपाल मदेरणा के सामने चुनाव लड़े शंभूसिंह खेतासर से भी पूरे दिन पूछताछ की गई। वहीं भंवरी जिस बस में रोजाना आती-जाती थी, उसके कंडक्टर रामदेव के भी मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराए गए हैं।
भंवरी और रामदेव के नजदीकी रिश्ते बताए जाते हैं। भंवरी की कॉल डिटेल से पता चला था कि उन दोनों के बीच रोजाना 30-40 बार बातें होती थी।

वाह! पुलिस... लुटेरे को ही लूट लिया

जालोर के रानीवाड़ा थाने के एएसआई ने ऐसी करतूत कर डाली जिससे पूरा पुलिस महकमा शर्मसार हो गया। इस एएसआई ने लूट के आरोपी से ही दो हजार रुपए की रिश्वत मांग ली और लुटेरे की तलाशी में मिले 1780 रुपए बतौर रिश्वत अपने पास रख लिए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उसे रंगे-हाथों पकड़ लिया, अब उसे मजिस्टे्रट के समक्ष पेश किया है।


एसीबी के डीआईजी संजीब कुमार नार्जारी ने बताया कि एएसआई शिवाराम ने कुछ समय पहले लूट के आरोपी अशोक कुमार को पकड़ा था। उसकी तलाशी में हाथघड़ी, मोबाइल और 2280 रुपए बरामद हुए थे। यह सामान मालखाने में जमा करने के बजाय एएसआई ने अपने पास रख लिए। इन सामान व रुपयों को लौटाने के लिए उसने अशोक कुमार से 2 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। एसीबी में शिकायत होने पर एएसआई को ट्रेप करने की योजना बनाई गई। जैसे ही अशोक रिश्वत के 2 हजार रुपए लेकर एएसआई के पास पहुंचा, एएसआई ने हाथघड़ी व मोबाइल के साथ 500 रुपए लौटाए और 1780 रुपए बतौर रिश्वत अपने पास रख लिए।

महिला जिला कलेक्टर साफा पहन ने ली सलामी


महिला जिला कलेक्टर साफा पहन ने ली सलामी 


गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया 


बाडमेर, 26 जनवरी। गणतन्त्र दिवस का जिला स्तरीय समारोह गुरूवार को आदर्श स्टेडियम में हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह की मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने प्रातः 9 बजे ध्वजारोहरण कर परेड का निरीक्षण किया तथा मार्च पास्ट की सलामी ली। आज के समारोह का मुख्य आकशर्शण जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान थी जिन्हाकनक घ्वजारोहण के समय परम्परागत राजस्थानी साफा पहना।आजादी के बाद बाडमेर में यह पहला अवसर था जब महिला कलेकटर नें गणतंत्र दिवस पर घ्वजारोहण किया। 
इस अवसर पर डॉ. प्रधान ने सभी को गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाए दी तथा शहीदों को नमन किया। गणतन्त्र दिवस के अवसर पर आयोजित मार्च पास्ट में परेड कमाण्डर पुलिस इन्सपेक्टर मोहनसिंह के नेतृत्व में बी.एस.एफ., राजस्थान पुलिस, अरबन होम गार्ड, सीनियर व जूनियर एन.सी.सी. केडेट्स, राश्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविकाएं एवं स्वयं सेवक, स्काउट और गाइड दल की टुकडियों ने परेड में हिस्सा लिया। मार्च पास्ट के पश्चात अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित द्वारा महामहिम राज्यपाल के सन्देश का पठन किया गया। 
इसके पचात जिले की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के लगभग 2000 छात्रछात्राओं द्वारा व्यायाम प्रदर्शन किया गया तथा इन्ही छात्र छात्राओं द्वारा सामुहिक गान की भानदार प्रस्तुति दी गई। सामूहिक गान के पश्चात 200 से अधिक स्काउट द्वारा आकशर्क पिरामिड का प्रदर्शन किया गया। इसी कडी में समारोह की मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान द्वारा जिले में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दो भक्ति गीत की प्रस्तुति के बाद में रंग बिरंगे परिधानों से सुसज्जित करीब 150 बालिकाओं द्वारा सामूहिक लोक नृत्य ॔॔ हम है भारत की जाबाज नारी ...॔॔ प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अन्त में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं तथा सरकारी विभागों द्वारा अलग अलग विषयों पर तैयार झांकियों का प्रदार्न किया गया। 
समारोह में जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर, विधायक मेवाराम जैन, पुलिस अधीक्षक सन्तोश चालके समेत पुलिस, प्रशासन, सेना, वायुसेना, बीएसएफ के अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया। प्रातः कालीन कार्यक्रम की कमेन्ट्री प्रवक्ता मुको पचौरी तथा श्रीमती रक्षिता नैगी द्वारा की गई। 
समूचे जिले में गणतन्त्र दिवस पूर्ण हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चौराहों एवं सरकारी भवनों पर आकर्षक रोशनी की व्यवस्था की गई थी। 
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जिला कलेक्टर की हठधर्मिता के चलते मिडिया कर्मियों ने गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह का किया बहिष्कार

जिला कलेक्टर की हठधर्मिता के चलते मिडिया कर्मियों ने गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह का किया बहिष्कार


जैसलमेर- जैसलमेर के जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद स्वामी की कार्यप्रणाली को लेकर स्थानीय मिडिया कर्मियों में इतना आक्रोश फैला कि जैसलमेर के मिडिया कर्मियों ने गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. जिसके चलते आज मुख्य समारोह स्थल पर मिडिया कर्मियों के लिए आरक्षित स्थल खाली नज़र आया.


हुआ यूँ कि गणतंत्र दिवस पर उल्लेखनीय व सराहनीय कार्यों के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष एक दो मिडिया कर्मियों को सम्मानित किये जाने कि परंपरा है. इसी कड़ी में इस बार भी मिडिया कर्मियों द्वारा एक प्रस्ताव जिला कलेक्टर को भेजकर एक न्यूज़ चेनल के संवाददाता को सम्मानित किये जाने कि मांग कि, जिस पर जिला प्रशासन द्वारा हमेशा कि भांति गठित कमिटी कि बैठक के बाद 36 नाम सम्मानित सूची में डाले गए जिसमे से एक नाम न्यूज़ चेनल के संवाददाता का भी था. ज्योंही यह सूची जारी हुई त्योंही जिला कलेक्टर द्वारा इस सूची को मंगवाकर न्यूज़ चेनल के संवाददाता का नाम उस लिस्ट में से हटाने के लिए निर्देशित किया गया. जिला कलेक्टर कि इस कार्यप्रणाली को लेकर यहाँ के मिडिया कर्मियों में काफी आक्रोश है. जिला कलेक्टर द्वारा नाम लिस्ट से हटवाए जाने के निर्णय पर मिडिया कर्मियों ने तुरंत जिला कलेक्टर से संपर्क किया पर जिला कलेक्टर ने सूची से नाम हटवाने के बारे में कोई संतोषजनक जवाब न देने पर मिडिया कर्मियों ने गणतंत्र दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में शामिल न होने का निर्णय लिया .
जिसके चलते आज जिला प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के समारोह स्थल पर मिडिया कर्मियों का आरक्षित स्थल खाली नज़र आया.

गणतंत्र दिवस: राष्ट्रपति ने फहराया तिरंगा, जश्न



देश के 63वें गणतंत्र दिवस के मौके पर गुरुवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने राजपथ पर तिरंगा फहराया और इस मौके पर आज राजपथ पर राष्ट्रपति ने परेड की सलामी ली। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में थाईलैण्ड की पहली महिला प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इससे पहले राष्ट्रपति ने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

गणतंत्र दिवस समारोह में इस साल सबके आकर्षण का केंद्र होगी 150 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली प्रहार मिसाइल। परमाणु हथियार ले जाने वाली यह बैलिस्टिक मिसाइल जमीन से जमीन पर मार कर सकती है। डीआरडीओ ने इसे विकसित किया है। वहीं, अग्नि 4 मिसाइल का भी औपचारिक प्रदर्शन होगा। 3000 किलोमीटर तक मार करने वाली यह मिसाइल सबसे अहम हथियारों में से एक है। मानव रहित विमान रुस्तम भी लोगों को लुभाएगा। यह विमान 250 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इसके अलावा पहली बार रॉकेट लॉन्चर पिनाका और अत्याधुनिक जैमर भी लोग देखेंगे।
India celebrates 63rd Republic Day 


प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से ट्विटर पर दिए गए बधाई संदेश में गणतंत्र दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर आईबी के आतंकी हमले के अलर्ट के बाद राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में चौकसी बढ़ा दी गई है।

राज्यपाल ने फहराया तिरंगा

राज्यपाल ने फहराया तिरंगा

जयपुर। 63वें गणतंत्र दिवस पर राजस्थान में राज्य स्तरीय समारोह यहां एसएमएस स्टेडियम में हुआ। सुबह 9:30 बजे राज्यपाल शिवराज पाटिल ने तिरंगा फहराया।
इसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर सिविल लाइंस स्थित अपने राजकीय निवास पर प्रात: 7 बजे झंडारोहण किया। गहलोत को आर.ए.सी. की चतुर्थ बटालियन के कंपनी कमांडर सत्यप्रकाश के नेतृत्व में टुकड़ी ने सलामी दी।

मुख्यमंत्री ने सलामी गारद का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं निवास पर कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सुरक्षाकर्मियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और मुंह मीठा करवाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्रीमत पांडेय, पुलिस महानिरीक्षक मुख्यमंत्री सतर्कता एवं सुरक्षा सौरभ श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव रजत मिश्र, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता गहलोत, उनके पुत्र वैभव गहलोत सहित बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री कार्यालय एवं निवास के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।

भावी पीढ़ी को सुरक्षित गणतंत्र सौंपें
विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि हम भारतीय संविधान के मान सम्मान की रक्षा करें और देश की भावी पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित गणतंत्र सौंपे। शेखावत गणतंत्र दिवस के अवसर पर गुरूवार को राजस्थान विधानसभा में ध्वजारोहण करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम उन शहीदों को भी याद करें जिन्होंने हमें आजादी दिलायी और हमें गणतंत्र की ओर अग्रसर किया।

लोकतंत्र मजबूत करने में हर व्यक्ति की भागीदारी
राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. बी.डी. कल्ला ने देश की अखण्डता एवं एकता को चुनौती देने वालों से सावधान रहते हुए ऎसी ताकतों का मुंहतोड़ जवाब देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त आदर्शों का अनुसरण कर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है। डॉ. कल्ला गुरूवार को यहां वित्त भवन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करने के बाद उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष ने इस अवसर पर कोषालयों में एकीकृत वित्त प्रबंध प्रणाली लागू करने तथा सराहनीय कार्य करने के लिए 19 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

राजपथ पर बिखरे राजस्थानी रंग

राजपथ पर बिखरे राजस्थानी रंग

जयपुर। नई दिल्ली में राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में राजस्थान की बहुरंगी छटा देखने को मिली। परेड में निकली केन्द्र एवं राज्यों की 23 झांकियों में राजस्थान की ऎतिहासिक आमेर किले की झांकी ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। इस झांकी के माध्यम से राजस्थान की ऎतिहासिक एवं सांस्कृतिक वैभव की छवि प्रदर्शित की गई। गुलाबी रंग से सजी इस झांकी की परिकल्पना यूनिस्को द्वारा विश्व धरोहर संरक्षित सूची में आमरे किले को शामिल करने के प्रस्ताव के संदर्भ में की गई है।

परेड में चटख राजस्थानी रंगों से सजे धजे और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस में स्थान बनाने वाले दुनिया के एक मात्र कैमल बैंड की छटा देखते ही बनी। वर्ष 1986-87 में स्थापित हुआ यह ऊंट बैंड दस्ता सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के जवानों से सुसज्जित था। कैमल बंैड की ओर से राजपथ पर छोड़ी जाने वाले राष्ट्रभक्ति की धुनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

परेड में शामिल हुआ राजस्थान का बहादुर
गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित देश के 24 बहादुर बच्चे शामिल हुए। इनमें सबसे कम उम्र का जैसलमेर जिले के सिंह की ढाणी (ग्राम प्रतापगढ़)निवासी सात वर्षीय बहादुर बालक मास्टर डूंगर सिंह भी शामिल हुआ।

सुर संगम में आज - सारंगी की सुरमई तान

पश्चिमी राजस्थान में एक कहावत प्रचलित है - ''ताल मिले तो पगाँ रा घुंघरु बाजे'' अर्थात गायकी के साथ यदि सधा हुआ संगतकार (साथ वाद्य बजाने वाला) हो तो सुननेवाला उस गीत-संगीत में डूब जाता है। राजस्थानी लोक संस्कृति में लोक वाद्यों का काफ़ी प्रभाव रहा है। प्रदेश के भिन्न-भिन्न अंचलों में वहाँ की संस्कृति के अनुकूल स्थानीय लोक वाद्य खूब रच-बसे हैं। जिस क्षेत्र में स्थानीय लोक कला एवं वाद्यों को फलने-फूलने का अवसर मिला है वहाँ के लोक वाद्यों की धूम देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक मची है। इन्हीं वाद्य यंत्रों में एक प्रमुख वाद्य यंत्र है - ''सारंगी''। सुर-संगम के २४वें साप्ताहिक अंक में मैं, सुमित चक्रवर्ती सभी श्रोता-पाठकों का अभिनंदन करता हूँ।

सारंगी शब्द हिंदी के 'सौ' और 'रंग' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है सौ रंगों वाला। ऐस नाम इसे इस्लिए मिला है कि इससे निकलने वाले स्वर सैंकड़ों रंगों की भांति अर्थवत और संस्मरणशील हैं। सारंगी प्राचीन काल में घुमक्कड़ जातियों का वाद्य था। मुस्लिम शासन काल में यह नृत्य तथा गायन दरबार का प्रमुख वाद्य यंत्र था। इसका प्राचीन नाम ''सारिंदा'' था जो कालांतर के साथ ''सारंगी'' हुआ। राजस्थान में सारंगी के विविध रूप दिखाई देते हैं। मीरासी, लाँगा, जोगी, मांगणियार आदि जाति के कलाकारों द्वारा बजाये जाने वाला यह वाद्य गायन तथा नृत्य की संगीत की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। संगत वाद्य के साथ सह स्वतंत्र वाद्य भी हैं। इसमें कंठ संगीत के समान ही स्वरों के उतार-चढ़ाव लाए जा सकते हैं। वस्तुत: सारंगी ही ऐसा वाद्य है जो मानव के कंठ के निकट है। सांरगी शास्त्रीय संगीत का भी एक प्रमुख संगति वाद्य है। परंतु एकल वाद्य के रूप में भी सारंगी बहुत मनोहारी सुनाई पड़ती है। पं.राम नारायण,साबरी ख़ाँ,लतीफ़ख़ाँ और सुल्तान ख़ाँ जैसे कई उस्ताद सारंगी का प्रयोग शास्त्रीय संगीत में करते रहे हैं।


"एक चांटे से आ जाएगा दिमाग ठिकाने"

"एक चांटे से आ जाएगा दिमाग ठिकाने"

रालेगण सिद्धी। अन्ना हजारे ने एक बार फिर विवादित टिप्प्णी की है। अन्ना ने कहा है कि जब
किसी व्यक्ति के भ्रष्टाचार सहन करने की ताकत खत्म हो जाती है तो उसके पास थप्पड़ के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचता।

आम आदमी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पर आधारित फिल्म "गली गली चोर है" देखने के बाद अन्ना ने कहा, जब किसी व्यक्ति के भ्रष्टाचार सहन करने की ताकत खत्म हो जाती है तो सामने कोई भी हो उसे एक थप्पड़ जड़ देने से सामने वाला का दिमाग सही हो जाता है। अब केवल यही रास्ता बचा है।

मंगलवार को अन्ना के लिए इस फिल्म का विशेष शो आयोजित किया गया था। गौरतलब है
कि अन्ना ने गत 24 नवंबर को केंद्रीय मंत्री शरद पवार को थप्पड़ पड़ने पर कहा था, बस एक ही मारा?

भंवरी सेक्स सीडी सौदा, अब भंवर में पूर्व बीजेपी नेता!

जोधपुर.सीबीआई ने बुधवार को भाजपा के पूर्व नेता व पिछली बार मदेरणा के सामने ओसियां से विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले शंभूसिंह खेतासर को सर्किट हाउस बुलाया। खेतासर से पूरे दिन गहन पूछताछ की गई। बताया जाता है कि सीबीआई को संदेह है कि भंवरी के अपहरण के बाद हुए आंदोलनों में खेतासर ने सहयोग किया था। इसके अलावा भंवरी और मदेरणा की आपत्तिजनक सीडी के सौदे के संबंध में भी उनसे पूछताछ की जा सकती है।

इंद्रा-रेशमाराम का सुराग नहीं लगा:

सीबीआई को अब लूणी विधायक मलखानसिंह की बहन इंद्रा विश्नोई और उसके सहयोगी रेशमाराम की तलाश है। ये दोनों भी करीब ढाई माह से फरार हैं और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुके हैं। पिछले चार दिन से इन दोनों की भी सरगर्मी से तलाश की जा रही है, मगर उनका सुराग नहीं लगा है।