बाड़मेर, पालनहार योजना मंे प्रदेश मंे 3.18 लाख से अधिक बच्चे हो रहे लाभान्वित
बाड़मेर, 04 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार योजना संचालित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की व्यवस्था, बच्चों के निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर आर्थिक सहायता देकर की जाती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव सांवर मल वर्मा ने बताया कि योजना में अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मुत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एचआईवी, एडस पीडित,पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीडित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे एवं तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला के बच्चे पात्र है। निदेशक ने बताया कि योजना मे 0 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 500 रूपए प्रतिमाह आंगनबाडी जाना अनिवार्य एवं 6 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 1000 रूपए प्रतिमाह विद्यालय जाना अनिवार्य तथा वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि के लिए 2000 रूपए वार्षिक अतिरिक्त एक मुश्त विधवा एवं नाता पालनहार में देय नही, सहायता दी जाती है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपए से कम होनी चाहिए तथा बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। इस संबध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाइट www.sje.rajasthan.gov.in पर प्राप्त की जा सकती है।
बाड़मेर, 04 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार योजना संचालित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की व्यवस्था, बच्चों के निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर आर्थिक सहायता देकर की जाती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव सांवर मल वर्मा ने बताया कि योजना में अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मुत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एचआईवी, एडस पीडित,पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीडित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे एवं तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला के बच्चे पात्र है। निदेशक ने बताया कि योजना मे 0 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 500 रूपए प्रतिमाह आंगनबाडी जाना अनिवार्य एवं 6 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 1000 रूपए प्रतिमाह विद्यालय जाना अनिवार्य तथा वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि के लिए 2000 रूपए वार्षिक अतिरिक्त एक मुश्त विधवा एवं नाता पालनहार में देय नही, सहायता दी जाती है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपए से कम होनी चाहिए तथा बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। इस संबध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाइट www.sje.rajasthan.gov.in पर प्राप्त की जा सकती है।