सोमवार, 1 जुलाई 2019

राजस्थान में झालावाड़ जेल से फरार 3 बंदियों में से 2 ने मध्य प्रदेश में खाया जहर!

राजस्थान में जेल से फरार 3 बंदियों में से 2 ने मध्य प्रदेश में खाया जहर!

राजस्थान में झालावाड़ जेल से फरार 3 बंदियों में से 2 ने मध्य प्रदेश में खाया जहर!


झालावाड़ जिला कारागृह से करीब 10 दिन पहले फरार हुए तीन बंदियों में से 2 ने आर्थिक तंगी के चलते मध्य प्रदेश में जहर खाकर आत्महत्या करने को प्रयास किया है. मध्यप्रदेश पुलिस ने उनको भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया है. वहां उनमें से एक ही हालत गंभीर बनी हुई है. इसकी सूचना पर झालावाड़ पुलिस मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो गई है.

पुलिस पूछताछ में खुला राज

पुलिस के मुताबिक फरार बंदी अप्पू उर्फ अकूड़ा और सोनू ने रविवार को भोपाल के खजूरी थाना इलाके में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. उन्हें गंभीर हालत में मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया. वहां होश में आने के बाद जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो पता चला कि वे झालावाड़ जेल से फरार हुए मुजरिम हैं. इस पर मध्य प्रदेश पुलिस ने झालावाड़ पुलिस को सूचना दी. अप्पू ऊर्फ अकूड़ा झालावाड़ जिले के डग कस्बे का और सोनू पिड़ावा इलाके के डोला गांव का रहने वाला है.

22 जून को फरार हुए थे तीन बंदी

ये दोनों बंदी अपने तीसरे साथी दिनेश प्रजापति के साथ गत 22 जून को झालावाड़ जिला कारागृह से फरार हो गए थे. तीनों कंबल की रस्सी बनाकर जेल की दीवार फांदकर फरार हुए थे. इनमें से अप्पू एक नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में जेल में बंद था. वहीं सोहन उर्फ सोनू और दिनेश प्रजापति नाबालिग से रेप केस में जेल में बंद थे.

आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे
तीनों बंदी फरार होने के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर छिपते फिर रहे थे, लिहाजा कहीं कामकाज भी नहीं कर सकते थे. इस बीच उनका तीसरा साथी दिनेश उनसे अलग हो गया. दूसरी तरफ मुफलिसी में दिन गुजार रहे अप्पू और सोनू ने तंग आकर रविवार को जहर खाकर जान देने का प्रयास किया.

जेलर समेत पांच कार्मिकों को किया गया था निलंबित
बंदियों के फरार होने के बाद डीजी जेल ने लापरवाही बरतने के आरोप में जेलर विनीता सक्सेना और मुख्य प्रहरी शंकरलाल सहित 5 कार्मिकों को निलंबित कर दिया था. पुलिस पिछले 10 दिन से लगातार फरार बंदियों की तलाश में जुटी हुई थी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाया था.

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