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बुधवार, 18 नवंबर 2015

बीएसएफ ने बांटी पाठ्य और खेलकूद सामग्री

बीएसएफ  ने बांटी पाठ्य और खेलकूद सामग्री


अनूपगढ़. सीमा सुरक्षा बल की ओर से गांव 18 पी के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन समादेष्टा परशुराम की अध्यक्षता में किया गया। इस मौके पर बच्चों के लिए लेखन, अध्ययन सामग्री, खेलकूद सम्बंधी सामान, कुर्सी, मेज और पंखे वितरित किए गए।कार्यक्रम के दौरान समादेष्टा परशुराम ने लोगों को सीमा सुरक्षा बल की ओर से सीमा क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में अवगत करवाया और उपस्थित बच्चों को कठोर मेहनत और लगन से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने 8 वीं वाहिनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा की। कार्यक्रम में सुनील कुमार पॉयल उपसमादेष्टा, निरीक्षक महेन्द्र सिंह, उप निरीक्षक शिवाराम, सरपंच अमरजीत कौर, पूर्व सरपंच लखविन्द्र सिंह व प्रधानाध्यापक सुल्तान सिंह उपस्थित थे।

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

बाड़मेर बोतलों में भर कर आई पाकिस्तान से हेरोइन


बाड़मेर तस्करी का न्य तरीका इज़ाद किया

बाड़मेर  बोतलों में भर कर आई पाकिस्तान से हेरोइन

बाड़मेर सहरदी जिलो बाड़मेर और जैसलमेर में ऐ टी एस और पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में बरामद की गयी करीब 9 kg हेरोइन पाकिस्तान से 550 ml की बोतलों में भर कर भेजी गयी।ऐसा पहली बार हुआ जब हेरोइन पेकेट में भेजने की बजाय बोतलों में भर कर खेप भेजी।खेप केलनोर बोर्डर से आने की सुचना हे ।इस मामले में बाड़मेर से तीन और जैसलमेर से पांच तस्करो को हिरासत में लिए जाने की खबर हे।पाकिस्तान से नशीले पदार्थ के आने का सिलसिला अनवरत जारी हैं। इस मामले में ऐ टी इस राजस्थान पुलिस और सीमा सुरक्षा बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही दो स्थानों से नौ किलो छ सौ ग्राम हेरोइन बरामद की।

सीमा सुरक्षा बल, एटीएस व पुलिस के संयुक्त प्रयास से यह सफलता मिली है। तीनों सुरक्षा एजेंसियों ने शुक्रवार सुबह जल्दी जैसलमेर जिले के झिनझिनयाली थाना क्षेत्र के लखा गांव में छापा मारा। यहां पर उन्होंने दो जनों करीम खान व अरब खान को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उनकी ढाणी के निकट जमीन में दबा कर रखे गए हेरोइन के पैकेट बरामद हुए। इसकी कुल मात्रा छह किलो चार सौ ग्राम थी। इसके अलावा आज सुबह ही पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर जिले के गडरा रोड थाना क्षेत्र में एक ढाणी में छापा मार सुरक्षा एजेंसियों ने दो जनों को हिरासत में लेकर उनके पास से तीन किलोग्राम हेरोइन बरामद की।सुरक्षा एजेंसियां इनसे पूछताछ में जुटी है। इस मामले का खुलासा होने की उम्मीद है कि इस हेरोइन को किस मार्ग से और किस तरह भारत की सीमा में लाया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका दाम करीब 9 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।

मंगलवार, 3 मार्च 2015

foto..सीमा सुरक्षा बल महिला कैमल सफारी बाड़मेर सरहद पर- -----

सीमा सुरक्षा बल महिला कैमल सफारी सरहद पर- -----











सीमा सुरक्षा बल महिला कैमल सफारी बाड़मेर सरहद पर- -----

बाड़मेर बछेन्द्री पाल के नेतृत्व में महिला कैमल सफारी दल भारत पाकिस्तान सरहद गुजरात से राजस्थान सीमा बी के डी में प्रवेश किया।सताईस सदस्यीय महिला कैमल सफारी दल का भव्य स्वागत उप महानिरीक्षक प्रतुल गौतम सहित सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो ने और ग्रामीणों ने कियाअर्जुन पुरस्कार ज़ से नवाजी बछेंद्री पाल प्रेमलता और डॉ सरोज के नेतृत्व में गुजरात पाकिस्तान सरहद का सात सौ पचास किलोमीटर का सफ़र तय कर बी जी डी पोस्ट में प्रवेश किया।जंहा दल के समनं में सांस्कृतिक कार्यक्रम जा आयोजन किया किया।मुख्य आरक्षी राजेश कुमार ने देश भक्ति गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।इस वसर पर मुनाबाव कमांडेंट रविन्द्र ठाकुर ,शेर सिंह ,विजय चाहर सहित सीमा सुरक्षा बल के कई अधिकारी मौजूद थे ,बाखासर के जन प्रतिनिधियों और बड़ी तादाद में उपस्थित ग्रामीणो ने दल का स्वागत किय। 



यह पहला अवसर होगा कि सीमा सुरक्षा बल की महिला कैमल सफारी इन दिनों सरहद पर है।- यह महिला टीम करीब 2300 किमीका सफर तय करेगी। सीमा सुरक्षा बल के स्थापना के स्वर्ण जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृखला में वृहद महिला कैमल सफारी इन दिनों सरहद के दौरे पर है। महिला कैमल सफारी 2015 का शुभारम्भ- 24 फरवरी को 30 बटालियन सीमा सुरक्षा बल भुज (गुजरात) में- एम के सिघंला (आईपीएस) अपर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल द्वारा ध्वज दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर- सन्तोष मेहरा (आईपीएस) महानिरीक्षक, गुजरात सीमान्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी , अधीनस्थ अधिकारी, बल के अन्य कार्मिक तथा उनके परिवारजन उपस्थित थे।
सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटीयर के सूत्रों अनुसार कैमल सफारी के रवानगी से पूर्व एक रंगारंग और भव्य समारोह आयोजित किया गया जिसमें कैमल परेड और टैटू शो का भी आयोजन किया गया। इसके पश्चात् मुख्य अतिथि द्वारा महिला ऊँट सवारों- का परिचय प्राप्त किया गया। महिला कैमल सफारी का नेतृत्व डॉ. सुजाता शिंदे, सहायक कमाण्डेंट, पशु चिकित्साधिकारी द्वारा किया जा रहा है। सफारी में- सीमा सुरक्षा बल की 13 महिला आरक्षक और टाटा फांउडेशन की 14 महिलायें भी हिस्सा ले रही है।
सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटीयर के सूत्रों अनुसार कैमल सफारी भुज (गुजरात) से शुरू होकर पाकिस्तान के साथ लगी अन्तरराष्ट्रीय सीमा मे भारत के सीमाई गाँवों से गुजरती हुई 22 मार्च- को अपने समापन स्थल पंजाब में भारत पाक सीमा पर स्थित अट्टारी- पर रीट्रिट परेड के दौरान होगा। कैमल सफारी 3 राजयों गुजरात ( लगभग 900 किलोमीटर), राजस्थान ( लगभग 1100 किलोमीटर) एवं पंजाब (लगभग 300 किलोमीटर)े कुल लगभग 2300 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि- ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से महिलाशक्ति को बढावा मिलता है। यह कैमल सफारी- सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों के मन में सुरक्षा की भावना पैदा करेगी। साथ ही सीमाई गांव के लोग सीमा सुरक्षा बल द्वारा कठिन परिस्थ्तियों में की जा रही- ड्यूटी के बारे में अवगत होगें। कैमल सफारी-2  मार्च- को राजस्थान सीमान्त में प्रवेश कर गयी 

रविवार, 22 जून 2014

जैसलमेर दुनिया का एक मात्र देवी मंदिर जन्हा अमर बकरों की बलि नहीं देखभाल होती हे।

जैसलमेर दुनिया का एक मात्र देवी मंदिर जन्हा अमर बकरों की बलि नहीं देखभाल होती हे। 




जैसलमेर पश्चिमी पाकिस्तानी सरहद से सटा जैसलमेर जिले का सैन्य देवी मंदिर तनोट माता मंदिर अपनी विशेषताओ के कारण देश भर में ख्याति अर्जित कर रहा हें।1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान सरहद वासियों की सुरक्षा माता जी के द्वारा करने के बाद सुर्खियों में आये इस मंदिर की पूजा से लेकर यात्रियों की सुविधा मंदिर की देख भाल सीमा सुरक्षा बल के जवान करते हें। इस मंदिर में अपनी मनोकामनाए पूर्ण होने के बाद बकरे की बलि चढाने सेकड़ो की तादाद में लोग अपनी कुलदेवी को प्रसन्न करने बकरे बलि चढाने के लिए लाते हे। पूर्व में इस मंदिर में बकरों की बलि चढ़ती थी। मगर बाद में मंदिर प्रबंधन सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो ने बलि पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया। 

इसके बावजूद लोग अपनी कुलदेवी को समर्पण के लिए चढ़ावे के रूप में बकरे लाते हे। सीमा सुरक्षा बल के पास अब तक एक हज़ार से अधिक बकरे एकत्रित हो चुके हे। चूँकि बलि पर रोक के बाद इन बकरों को देवी के नाम अमर कर दिया। इनके चारे पानी का प्रबंध बल के जवान करते हें। एक हज़ार से अधिक बकरों की एवड के लिए वन भूमि की व्यवस्था भी की हें। इनकी पूरी देख भाल होती हें। भारतीय महीनो में भद्रवा और चेत्र बड़े महीने माने जाते हे। इन महीनो में सर्वाधिक बकरे बलि के लिए श्रद्धालु लाते हे। सबसे बड़ी बात की बकरों को बांध के नहीं रखा जाता। 
बकरे मंदिर परिसर में आसानी से विचरण कर अपने बाड़े में चले जाते हें। अमूमन जैसलमेर की सभी नौ देवी मंदिरों में से आठ मंदिरों में बकरों की बलि आज भी चढ़ाई जाती हें ।मगर तनोट मंदिर प्रबंधन ने अनूठी पहल कर बकरों को न केवल जीवन दान दे रहे अपितु उनकी समुचित देखभाल भी करते हें। इसी मंदिर परिसर में मुस्लिम धर्म के बाबा की दरगाह हें। हिन्दू मंदिर परिसर में दरगाह वाला यह संभवत पहला मंदिर हें। इस मंदिर में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण के लिए परिसर में रुमाल बंधाते हें ।इस परिसर में हजारो रुमाल बंधे हें ।मनोकामना पूर्ण होने के बाद रुमाल को वापस खोलते हे शराद्धालू। तनोत माता का यह चमत्कारिक मंदिर देश भर में ख्याति अर्जित कर रहा हें ।हजारो की तादाद में देश भर से सेना के जवान अधिकारी जनप्रतिनिधि धोक देने पहुंचाते हें।

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

foto...मरु महोत्सव- ''टैटू शो'' के हैरतअंगेज एवं रोमाचंक करतबों ने दर्शकाें को किया रोमांचित
















मरु महोत्सव- ''टैटू शो'' के हैरतअंगेज एवं रोमाचंक करतबों ने दर्शकाें को किया रोमांचित
सीमा प्रहरियों ने पेष किए अनूठे करतब
रेगिस्तान के जहाज ने निभार्इ अपने साथी की दोस्ती
देषी विदेषी सैलानियों को खूब भाया टैटू शो का करतब

दुष्मन को गच्छा देकर सुरक्षित स्थान पर साथी को ले जाने का सजीव प्रदर्षन

जैसलमेर, 24 फरवरी मरु महोत्सव के दूसरे दिन डेडानसर मैदान मे सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रस्तुत किया गया ऊँटों के विभिन्न हैरतअंगेज करतबों वाले ''केमल टैटू शो'' ने दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों द्वारा ऊंट के विभिन्न रोमांचकारी करतबों को प्रस्तुत कर मरु भूमि एवं सीमाओं की सुरक्षा में इस मूक पशु रेगिस्तान जहाज ने अपनी महत्ता से अवगत करा दिया।
टैटू शो समारोह में राष्ट्रीय मानवाधिकार केे विषेष रेपोटर अजय कुमार ,महानिरीक्षक पुलिस रैंज जोधपुर सुनीलदत ,, जिला कलक्टर एन.एल.मीना,, उप महानिरीक्षक बीएसएफ अमित लोढ़ा , बी.एस.राजपुरोहित , एयर कमाण्डोर चंद्रमोली सेवा निवृत आर्इ.ए.एस.अजयकुमार सिंह ,,अतिरिक्त जिला कलक्टर मानाराम पटेल ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के.सी.यादव ,उपखण्ड अधिकारी गजेन्द्रसिंह चारण ,सहायक निदेषक विनोद पंडया के साथ ही आर्मी व बीएसएफ के अधिकारी , मेला व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारीगण एवं भारी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी उपसिथत थे।
सीमा सुरक्षा प्रहरियों का साथ दिया रेगिस्तान जहाज ने
केमल टैंटू शो में उपसेमादेष्टा कमल सिंह चौधरी़ के नेतृत्व में सीमा प्रहरियों का रेगिस्तान के जहाज ऊंट ने सच्चे साथी का साथ निभाने का सचित्र प्रदर्शन कर दर्शकाें को अचमिभत कर दिया।
ऊटाें पर सीमा प्रहरियों द्वारा मार्च पास्ट
कैमल टैंटू शो के अवसर पर विश्व का एक मात्र केमल माउण्टेण्ड बैण्ड एवं इसकी मधुर धुनों पर प्रशिक्षित ऊंटों ने जो करतब दिखाये वे बहुत ही आकर्षित रहे। राजस्थानी गीतो की धुनों पर ''आओ नी पधारो म्हारे देश'' पर ऊंटों की टोली ने आकर्षक मार्चपास्ट किया तथा अतिथियों को सलामी मंच के सामने सलामी देते हुए गुजरे।
बैण्ड मास्टर के नेतृत्व में राजस्थानी लोकगीत की मधुर धुन पर ''ढोला-ढोल मंजीरा बाजे रे'' ''बन्ना रे बागों में झूला झूलया म्हारी बन्नी ने झूलण दीजे गैन गजरा , म्हारे लहरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा ,म्हाने लायो दी नी ं'' ''सागर जानी भरने जाऊ, नजर लग जावे'' ''म्हारी घूमर छै नखराली घूमर रमवा मै ज्यासू'' पर कैमल म्युजिक रार्इट का प्रदर्शन किया।
ऊंटों पर एक्रोबैटस
टैंटू शो में सीमा प्रहरियों ने दौड़ते हुए ऊंट पर सवार खड़ी पोजीशन में सैल्यूट दिया वही दौडते हुए ऊट पर मयूर पोजीशन, मच्छी पोजिशन का अदभूत प्रदर्शन कर दर्शको का मन मोह लिया।
सीमा प्रहरियों द्वारा फोरमेशन प्रदर्शन
केमल टैंटू शों में सीमा प्रहरियों ने छ:-छ: की पंä,ि 12-12 ऊटों की क्रासिंग, डार्इगनल फोरमेशन, शक्कर पारा फोरमेशन करने, चक्रव्यूह लहरिया, चौराहा, पीपल के पत्ते के फोरमेशन की प्रस्तुति ने दर्शकाें को आश्चर्य चकित कर दिया।
ऊटों पर पीटी प्रदर्शन
केमल टैंटू शो में सीमा प्रहरियों ने लेटे हुए ऊटो में पीटी का आकर्षक प्रदर्शन किया।
जोकर एवं पणिहारी प्रस्तुति रही सैन्यक
टैंटू शो में जोकर एवं पणिहारी की प्रस्तुति भी रौचक रही एवं जोकर के करतबों को देखकर दर्शक अपनी हंसी रोक नही सके।
बी.ओ.पी आक्रेस्ट्रा का मनोरंजन प्रदर्शन , सीमा प्रहरियों के मनोरंजन का जीवंत प्रदर्षन
शो में बल के लतीफ खां लंगा एवं उनके साथियों ने घरों में उपयोग में आने वाले जरीकन चायपत्ती के खाली डिब्बे, बाल्टी, थाली, मंगा, पाउडर के खाली डिब्बे, बेलचा, गैती, बैलचा इत्यादि वाध यंत्रों का उपयोग लेते हुए देश भकित गीत ''हम तो सीमा के प्रहरी है, फीदा इस पर हो जायेंगे'' ''ए वतन हमको तरी कसम, तुज पर जान लुटायेगे'', चला-चला रे डलेवर गाडी होले-होले इंजन की सीटी में म्हारो मन डोले , फिल्मी गीत चाहिए थोड़ा प्यास प्रस्तुत कर दर्शकाें की वाहवाही लूटी। पूरा पूनम स्टेडियम इनकी प्रस्तुती पर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इन सीमा प्रहरियों ने यह दिखा दिया कि वे किस प्रकार सीमा पर अपना मनोरंजन करते हैं।
ये थे उपसिथत
इस अवसर पर सहायक निदेषक विकास पण्डया, सहायक पर्यटन अधिकारी खेमेन्द्र सिंह जाम, चीमाराम प्रजापत, उपअधीक्षक पुलिस सोहनराम विष्नोर्इ के साथ ही हजारों की संख्या में दर्शकगण, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी एवं जवानों के साथ ही विदेशी सैलानियो ने भी अपनी उपसिथति दर्ज करार्इ एवं इस हैरत अंगेज रेगिस्तानी जहाज के करतबों को उत्साह के साथ देखा तथा इन कार्यक्रमों को अपने कैमरों में कैद किया। कार्यøम का संचालन आकाषवाणी के उदधोषक जफरखान सिंधी ने बहुत ही सुंदर तरीके से किया जिसकी भी वाहवाही हुर्इ। --000--

बुधवार, 22 जनवरी 2014

1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध का असली हीरो रणछोड़दास, दिखाया था जीत का रास्ता

1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध का असली हीरो रणछोड़दास, दिखाया था जीत का रास्ता

अहमदाबाद। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ‘मार्गदर्शक’ आम आदमी के सम्मान में अपनी बॉर्डर पोस्ट का नामकरण किया है। इस पोस्ट पर रणछोड़दास की एक प्रतिमा भी लगाई जाएगी। उत्तर गुजरात के सुईगांव अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक बॉर्डर पोस्ट को रणछोड़दास पोस्ट नाम दिया है।
रणछोड़भाई रबारी ने भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 व 71 में हुए युद्घ के समय सेना का जो मार्गदर्शन किया, वह सामरिक दृष्टि से निर्णायक रहा। जनवरी-2013 में 112 वर्ष की उम्र में रणछोड़भाई रबारी का निधन हो गया था। बीएसएफ के इन्स्पेक्टर जनरल ए के सिंहा ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से इजाजत मिलने पर पोस्ट को नामकरण किया गया है।

संक्षिप्त में उनके बारे में जानकारी व उनके योगदान को भी अंकित किया जाएगा। इसमें एक महीना लग सकता है। सुरक्षा बल की कई पोस्ट के नाम मंदिर, दरगाह और जवानों के नाम पर हैं, किन्तु रणछोड़भाई पहले ऐसे गुजराती हैं जिनके नाम पर पोस्ट का नामकरण किया गया है। रणछोड़भाई अविभाजित भारत के पेथापुर गथडो गांव के मूल निवासी थे। पेथापुर गथडो विभाजन के चलते पाकिस्तान में चला गया। पशुधन के सहारे गुजारा करने वाले रणछोड़भाई पाकिस्तानी सैनिकों की प्रताड़ना से तंग आकर बनासकांठा में बस गए थे।
क्या थी भूमिका:

युद्घ-1965:
साल 1965 के आरंभ में पाकिस्तानी सेना ने भारत के कच्छ सीमा स्थित विद्याकोट थाने पर कब्जा कर लिया था। इसको लेकर हुई जंग में हमारे 100 सैनिक शहीद हो गए थे। इसलिए सेना की दूसरी टुकड़ी (10 हजार सैनिक) को तीन दिन में छारकोट तक पहुंचना जरूरी हो गया था, तब रणछोड़ पगी के सेना का मार्गदर्शन किया था। फलत: सेना की दूसरी टुकड़ी निर्धारित समय पर मोर्चे पर पहुंच सकी। रणक्षेत्र से पूरी तरह परिचित पगी ने इलाके में छुपे 1200 पाकिस्तानी सैनिकों के लोकेशन की जानकारी भी भारतीय सेना तक पहुंचाई थी, जो भारतीय सेना के लिए अहम साबित हुई। सेना ने इन पर हमला कर विजय प्राप्त की।
साल 1971:

इस युद्घ के समय रणछोड़भाई बोरियाबेट से ऊंट पर सवार होकर पाकिस्तान की ओर गए। घोरा क्षेत्र में छुपी पाकिस्तानी सेना के ठिकानों की जानकारी लेकर लौटे। पगी के इनपुट पर भारतीय सेना ने कूच किया। जंग के दौरान गोली-बमबारी के गोला-बारूद खत्म होने पर उन्होंने सेना को बारूद पहुंचाने का काम भी किया। इन सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति मैडल सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।


सुरक्षा बल करता है कद्र:

सुरक्षा बल के एक उच्च अधिकारी ने पहचान छुपाने की शर्त पर कहा कि राष्ट्रसेवा और सामरिक जरूरत के समय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले रणछोड़ पगी की सेवाओं की सुरक्षाबल कद्र करता है। बीएसएफ ने ही पहल कर रणछोड़दास रबारी ऊर्फ रणछोड़ पगी के नाम पर बॉर्डर पोस्ट का नामकरण करने का सुझाव दिया था।
जनरल साम मॉणोक शा के हीरो थे रणछोड़पगी:

रणछोड पगी जनरल साम माणोक-शॉ के ‘हीरो’ थे। इतने अजीज कि ढाका में माणोकशॉ ने रणछोड़भाई पगी को अपने साथ डिनर के लिए आमंत्रित किया था। बहुत कम ऐसे सिविल लोगों थे, जिनके साथ माणोकशॉ ने डिनर लिया था। रणछोडभाई पगी उनमें से एक थे। पगी का पूरा नाम है रणछोड़भाई सवाभाई रबारी। वे पाकिस्तान के घरपारकर, जिला गढडो पीठापर में जन्मे थे । बनासकांठा पुलिस में राह दिखाने वाले (पगी) के रूप में सेवारत रहे। जुलाई-2009 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। विभाजन के समय वे एक शरणार्थी के रूप में आए थे।
अंतिम समय तक माणोकशॉ नहीं भूले थे पगी को:

वर्ष 2009 में 27 जून को जनरल सैम माणोकशॉ का निधन हो गया। वे अंतिम समय तक रणछोड़ पगी को भूल नहीं पाए थे। निधन से पहले हॉस्पिटल में वे बार-बार रणछोड़ पगी का नाम लेते थे। बार-बार पगी का नाम आने से सेना के चैन्नई स्थित वेलिंग्टन अस्पताल के दो चिकित्सक एक साथ बोल उठे थे कि ‘हू इज पगी’। जब पगी के बारे में चिकित्सकों को ब्रीफ किया गया तो वे भी दंग रह गए।
रणछोड़भाई के कलेउ के लिए उतारा था हैलिकॉप्टर:

साल 1971 के युद्घ के बाद रणछोड़ पगी एक साल नगरपारकर में रहे थे। ढाका में जनरल माणोकशॉ ने रणछोड़ पगी को डिनर पर आमंत्रित किया था। उनके लिए हैलिकॉप्टर भेजा गया। हैलिकॉप्टर पर सवार होते समय उनकी एक थैली नीचे रह गई जिसे लेने के लिए हैलिकॉप्टर वापस उतारा गया। अधिकारियों ने थैली देखी तो दंग रह गए क्योंकि उसमें दो रोटी, प्याज और बेसन का एक पकवान (गांठिया) भर था।
इनके भी नाम पर:

फ्रीडम फाइटर व सिविलियन के नाम पर एक। मंदिर व दरगाह के नाम पर दो-दो तथा जवान व अधिकारियों के नाम पर 40 से अधिक पोस्ट का नामकरण बीएसएफ ने गुजरात क्षेत्र में किया है। गांव व स्थानीय इलाके के नाम पर 100 से अधिक पोस्ट को पहचाना जाता है।
रणछोड़भाई रबारी ने भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 व 71 में हुए युद्घ के समय सेना का जो मार्गदर्शन किया, वह सामरिक दृष्टि से निर्णायक रहा। जनवरी-2013 में 112 वर्ष की उम्र में रणछोड़भाई रबारी का निधन हो गया था।

मंगलवार, 14 जनवरी 2014

बॉर्डर पर ऑपरेशन सर्द हवा आज से शुरू हुआ


बॉर्डर पर ऑपरेशन सर्द हवा आज से शुरू हुआ

चौकस रहेगी निगाहें पेट्रोलिंग पर रहेगा फोकस

बाड़मेर गडरारोड़. देश की पश्चिमी सीमा पर शीतलहर व धुंध के चलते सीमा पार से घुसपैठ की आशंका को देखते हुए समूची पश्चिमी सीमा पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा मंगलवार से विशेष एक्सरसाइज ऑपरेशन अलर्ट सर्द हवा शुरू किया गया । यह ऑपरेशन 28 जनवरी तक चलेगा। गौरतलब है कि कड़ाके की ठंड के साथ ही सीमाई क्षेत्र इन दिनों कोहरे की चपेट में है। ऐसे में घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सीमाई क्रियाकलापों को बेहतर बनाने तथा चौकस निगरानी के लिए बीएसएफ ऑपरेशन सर्द हवा चला रही है। जिसमें बीएसएफ की सभी शाखाओं के अधिकारी व जवान हिस्सा लेंगे।

क्या है ऑपरेशन सर्द हवा : ऑपरेशन सर्द हवा में सीमा पर गश्त बढ़ा दी जाएगी। चप्पे चप्पे पर बीएसएफ के जवान 24 घंटे निगरानी करेंगे। इसके साथ ही कैमल व व्हीकल पेट्रोलिंग को भी बढ़ा दिया जाएगा। सीमा चौकियों के पीछे रियर नाका भी लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार विपरीत परिस्थितियों में सीमाई क्रियाकलापों में किस तरह मजबूती लाई जाए और क्या-क्या कमियां है उसका आंकलन भी इस ऑपरेशन सर्द हवा में किया जाएगा। इस ऑपरेशन के लिए जवानों को कोर पाटका, वूलन स्वीपिंग किट, बालकेलावा, वूलन सॉक्स व वूलन इनर आदि मुहैया करवाए गए हैं।






शनिवार, 7 दिसंबर 2013

आईजी ने किया बीएसएफ मुख्यालय का निरीक्षण

बीकानेर। सीमा सुरक्षा बल सीमान्त मुख्यालय जोधपुर के महानिरीक्षक पी सी मीणा ने बीकानेर सैक्टर मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होनें स्थापना दिवस पर बल द्वारा किए गए कार्यक्रमों तथा इनमें उमड़े जनसैलाब की प्रशंसा की। मीणा ने जवानों के कर्तव्य निर्वाहन के परिपे्रक्ष्य में उनका मनोबल बढ़ाये रखने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
मीणा ने शुक्रवार को सैक्टर मुख्यालय बीकानेर में सैनिक सम्मेलन में बीकानेर सैक्टर को लगातार चार बार इन्टर फ्रन्टियर मोटर ट्रंासपोर्ट कम्पीटिशन में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई दी। सम्मेलन में जवानों की समस्याओं को सुन निराकरण के लिए सक्षम अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया।

मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने किया रक्तदान

रक्तदान महादान:मेहता

बाडमेर, 3 दिसम्बर। रक्तदान महादान है। रक्तदान के जरिए कर्इ लोगाें की जान बचार्इ जा सकती है। यह बात बाड़मेर सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक बी.के.मेहता ने सेक्टर मुख्यालय पर आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान कही। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के 51 जवानाें ने रक्तदान किया।

बीएसएफ के स्थापना दिवस को लेकर आयोजित रक्तदान शिविर में संबोधित करते हुए उप महानिरीक्षक मेहता ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान रक्तदान के लिए सदैव तत्पर है। रक्तदान शिविर में उप महानिरीक्षक बी.के.मेहता के अलावा विभिन्न अधिकारियाें एवं जवानों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर 171 वाहिनी मनोज कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी राजेन्द्र यादव, डिप्टी कमाडेंट शेरसिंह चौधरी, आर.के.डागर, उप कमाडेंट सुरेश कुमार, आर.बालाकृष्णन समेत कर्इ अधिकारी उपसिथत थे।

रविवार, 1 दिसंबर 2013

सीमा सुरक्षा बल के 48 वे स्थापना दिवस समारोह का आयोजन




सीमा सुरक्षा बल के 48 वे स्थापना दिवस समारोह का आयोजन


सीमा सुरक्षा बल सेक्टर मुख्यालय बाडमेर एंवम आधिन वाहिनीयों मे बल का 48 वा स्थापना दिवस समारोह बडे जोषों खरोष एंवम उत्साह के साथ मनाया गया। इसमे दिनांक 30 नवम्बर 2013 को बाडमेर षहर मे केमल सफारी का आयोजन किया तथा दिनांक 01 दिसंम्बर 2013 के दिन श्री बि्रजेष कुमार मेहता, उप महानिरिक्षक के द्वारा मुख्यालय प्रांगण मे सीमासुरक्षा बल के षहिदों को पुष्प चक्र अर्पित किया गया एंवम सभी वाहिनी के कार्मिकों का सैनिक सम्मेलन को भी सम्बोधित कर उन्हे एंवम उनके परिवारों को स्थापना दिवस की षुभकामनायें दी। तदउपरान्त जवानों एंवम उनके परिवारों के लिए बडे खाने का आयोजन किया गया जिसमे सांस्कृतिक कार्यक्रम, केमल टेटु सो एंवम रस्सा-कसी आदि का कार्यक्रम हुआ जिसमे बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों ने भी हिस्सा लिया। इसी क्रम मे षाम को आयोजित कार्यक्रम मे प्रषासन अधिकारीयों एंवम बाडमेर षहर मे तैनात डिफेन्स एंवम सुरक्षा एजेन्सीयों के अधिकारीयों ने भी भाग लिया।


इसी क्रम मे सेक्टर मुख्यालय बाडमेर की बावा अध्यक्षा श्रीमती संगीता मेहता की देखरेख मे बच्चों के लिए हेल्दी बेबी सो एंवम टेलेन्ट हन्ट तथा महिलाओं के लिए मेहंदी, कुकिंग व सलाद मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम सभी विजेता एंवम उपविजेताओं को पुरस्कृत किया गया तथा षहिद एंव पुर्व कार्मिकों की विधवाओं को भेंट प्रदान कर सम्मानित किया गया । बावा के अधिन सप्ताह भर चलने वाले आयोजन के दौरान अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें जिसमे रक्तदान षिविर, एंवम महिलाओं एंवम बच्चों के स्वास्थ से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

बुधवार, 16 अक्तूबर 2013

बाड़मेर सी सु बल के जवान ने की आत्महत्या

सी सु बल के जवान ने की आत्महत्या 

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में सीमा सुरक्षा बल के एक जवान ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला। सूत्रानुसार सीमा सुरक्षा बल सेक्टर हेड क्वार्टर में जवान ने आत्महत्या की। 11अक्टूबर से था लापता । जवान का नाम सुरजीत बिश्वास निवासी त्रिपुरा बताया गया हें। मामला दर्ज कर जाँच आरम्भ की गई हें

सोमवार, 29 अप्रैल 2013

पाकिस्तानी किशोर की वतन वापसी

पाकिस्तानी किशोर की वतन वापसी

श्रीगंगानगर। अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय सीमा में घुसे एक पाकिस्तानी किशोर को रविवार को सीमा सुरक्षा बल ने पाक रेंजर्स को सुुपुर्द कर दिया। श्रीगंगानगर सेक्टर के अनूपगढ़ क्षेत्र में दोनों देशों के कम्पनी कमाण्डर स्तर के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग के बाद किशोर की वतन वापसी हुई।

बीएसएफ के राजस्थान फ्रंटियर के उप महानिरीक्षक आर.के. थापा ने बताया कि शनिवार शाम 5 बजकर 45 मिनट पर अनूपगढ़ क्षेत्र में कैलाश चेकपोस्ट के पास बल के जवानों ने पाकिस्तान के भावलनगर जिले के गांव 242 एचएल निवासी नदीम माहर (14) पुत्र आमीन माहर को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि नदीम अपने माता-पिता से नाराज होकर घर से निकल गया था और अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में आ गया। तलाशी में उसके पर्स से भारतीय फिल्मी अभिनेताओं के फोटो मिले।

पैरों के निशान दिखाए

नदीम को पुशबैक करने के लिए बीएसएफ की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिल्लर नम्बर 369 के पास पाकिस्तानी रेंजर के साथ कम्पनी कमाण्डर स्तर की फ्लैग मीटिंग की गई। पाक रेंजर के प्रतिनिधि को नदीम के जीरो लाइन पार करने के पैरों के निशान दिखाए गए। इस पर उन्होंने नदीम को वापस लेने पर सहमति दी। इसके बाद दोपहर एक बजे अनूपगढ़ क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नदीम को पाक रेंजर को सौंप दिया।

तीन दिन की जगह एक दिन

सीमा सुरक्षा बल की ओर से बीते एक साल के दौरान श्रीगंगानगर सेक्टर में 12 पाक नागरिकों को पुशबैक किया गया है। इनमें एक महिला और उसका बच्चा भी शमिल है। पिछले दिनों खाजूवाला क्षेत्र में भारतीय बालिका भूलवश पाकिस्तान की सीमा में घुस गई थी। पाकिस्तान ने उसे तीन बाद लौटाया, जबकि भारतीय सीमा में घुसे नदीम को महज एक दिन में पाक के सुपुर्द कर दिया।

बुधवार, 27 मार्च 2013

foto...गृह मंत्री शिंदे ने जवानो के साथ होली की खुशिया बांटी






गृह मंत्री शिंदे ने जवानो के साथ सरहद पर खेली होली 

जवानो के साथ होली की खुशिया बांटी 

जैसलमेर देश के गृह मंत्री सुशिल कुमार शिंदे ने होली का त्यौहार बुधवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानो के साथ पाकिस्तान की सरहद के सामने बावार वाला में मनाई .गृह मंत्री सिंदे बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे जैसलमेर पहुँच गए जहां बल के अधिकारियो ने उनका स्वागत किया .जैसलमेर से शिंदे सीधे तनोट के लिए रवाना ,तनोट से वे बावर वाला सीमा चौकी पौंचे ,जन्हा जवानो ने उनका गर्म जोशी के साथ स्वागत किया .शिंदे ने यहाँ बल के अधिकारियो जवानो के साथ होली खेली . खुशिया बांटी ,शिंदे ने जवानो को होली के उपहार स्वरुप मिठाईया भी भेंट कर होली की शुभकामनाए दी .यह पहला अवसर हें जब देश के गृहमंत्री ने पश्चिमी सरहद पर सीमा सुरक्षा बल के जवानो के साथ होली खेली .प्रायः अपने परिवार से दूर जवान होली अकेले ही खेलते थे .इस बार गृहमंत्री के साथ होली खेल जवानो में उत्साह का संचार हुआ .शिंदे ने जवानो के साथ बैठकर उनकी समस्याओ पर चर्चा भी की .. 

गृह मंत्री शिंदे ने जवानो के साथ सरहद पर खेली होली

गृह मंत्री शिंदे ने जवानो के साथ सरहद पर खेली होली

जवानो के साथ होली की खुशिया बांटी

जैसलमेर देश के गृह मंत्री सुशिल कुमार शिंदे ने होली का त्यौहार बुधवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानो के साथ पाकिस्तान की सरहद के सामने बावार वाला में मनाई .गृह मंत्री सिंदे बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे जैसलमेर पहुँच गए जहां बल के अधिकारियो ने उनका स्वागत किया .जैसलमेर से शिंदे सीधे तनोट के लिए रवाना ,तनोट से वे बावर वाला सीमा चौकी पौंचे ,जन्हा जवानो ने उनका गर्म जोशी के साथ स्वागत किया .शिंदे ने यहाँ बल के अधिकारियो जवानो के साथ होली खेली . खुशिया बांटी ,शिंदे ने जवानो को होली के उपहार स्वरुप मिठाईया भी भेंट कर होली की शुभकामनाए दी .यह पहला अवसर हें जब देश के गृहमंत्री ने पश्चिमी सरहद पर सीमा सुरक्षा बल के जवानो के साथ होली खेली .प्रायः अपने परिवार से दूर जवान होली अकेले ही खेलते थे .इस बार गृहमंत्री के साथ होली खेल जवानो में उत्साह का संचार हुआ .शिंदे ने जवानो के साथ बैठकर उनकी समस्याओ पर चर्चा भी की ..

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

सरहदी इलाकाें में बीएसएफ का सिविल एक्शन प्रोग्राम



सरहदी इलाकाें में बीएसएफ का सिविल एक्शन प्रोग्राम
- सरहदी लोगाें को देश की प्रमुख धारा से जोड़ने के लिए देश भर में सीमा सुरक्षा बल सिविल एक्शन प्रोग्राम चला रहा है। इसके तहत गडरारोड़ में 99 बटालियन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 31 विधालयाें को सिनटैक्स, शिक्षण एवं खेलकूद सामग्री वितरित की गर्इ।

बाड़मेर, 22 मार्च। पाकिस्तान से सटी सीमा पर संदिग्ध गतिविधियाें पर अंकुश लगाने एवं आमजन से सामंजस्य बढाने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने सिविल एक्शन प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार सरहदी इलाकाें में चिकित्सा शिविराें के आयोजन के अलावा बोर्डर की स्कूलाें में शिक्षण एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध करार्इ जा रही है। बाड़मेर जिले के गडरारोड कस्बे में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 99 वाहिनी ने 31 स्कूलाें को सिनटैक्स,खेलकूद एवं शिक्षण सामग्री वितरित की गर्इ।

गडरारोड़ कस्बे में सिविल एक्शन प्रोग्राम के दौरान संबोधित करते हुए कमाडेंट इन्द्र कुमार मेहता ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमाें का आयोजन आमजन में देश भकित की भावना विकसित करने के साथ आपसी सामजंस्य को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इससे आतंकवाद एवं अवांछनीय गतिविधियाें पर अंकुश लगेगा। साथ ही आमजन में सुरक्षा की भावना विकसित होगी। उन्हाेंने कहा कि इस प्रोग्राम की मंशा है कि इससे न केवल आमजन खुद को सुरक्षित महसूस करे, बलिक देश की प्रमुख धारा से जुड़ सके। उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान से सटी सीमा के बाशिंदाें को विशेष रूप से जागरूक रहने की जरूरत है, ताकि सरहद पर अवाछंनीय गतिविधियाें पर अंकुश लग सके। समारोह में कमाडेंट इन्द्र कुमार मेहता, सहायक कमाडेंट सुरेन्द्रसिंह शेखावत, कंपनी कमांडर अजीतसिंह के साथ कर्इ अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपसिथत थे। ग्रामीणाें में सीमा सुरक्षा बल के इस कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

विधार्थियाें ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: सिविल एक्शन प्रोग्राम के दौरान विभिन्न विधालयाें के विधार्थियाें ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देते हुए अंध विश्वास छोड़ने एवं देश भकित का संदेश दिया।

चिकित्सा शिविर में हुआ ग्रामीणाें का इलाज: इस दौरान चिकित्सा शिविर में ग्रामीणाें का नि:शुल्क इलाज करने के साथ दवाइयां वितरित की गर्इ।

शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

विश्व की एकमात्र ऊंट बैंड जिसकी धुनें राष्ट्रभक्ति का ज़ज्बा पैदा करती हें




विश्व की एकमात्र ऊंट बैंड जिसकी धुनें राष्ट्रभक्ति का ज़ज्बा पैदा करती हें
चन्दन सिंह  भाटी 
जैसलमेर भारतीय सरहदों की निगेहबान सीमा सुरक्षा बल के जवान देश की सुरक्षा के साथ देश की लोक संस्कृति के सरंक्षण के प्रयासों में जुटी ,हें सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने कमल टेटू शो और कैमल बंद के  विश्व में ना केवल अपनी अलग पहचान बने अपितु कैमल बंद को गिनीज बुक्स ऑफ़ वर्ड्स रिकोर्ड में दर्ज करा लिया .देश की सुरक्षा में जुटे सीमा सुरक्षा बल के जवान राजस्थान की संस्कृति को भी विश्व पटल पर ले आये हें ,जवानों ने देश की सुरक्षा और संस्कृति के सरंक्षण का अनूठा प्रयोग किया जो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकोर्ड्स तक पहुंचा , चटख राजस्थानी रंगों से सजे धजे और गिनीज बुक ऑफ रिकार्डस में स्थान बनाने वाले दुनिया के एक मात्रा ऊंट बैंड (कैमल बैंड) की छटा देखते ही बनी। 1986-87 में स्थापित हुआ यह ऊंट बैंड दस्ता सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के जवानों से सुसज्जित था। दुनिया के इस अनूठे और अद्वितीय कैमल बैंड द्वारा राजपथ पर छोड़ी जाने वाली राष्ट्रभक्ति की शिहरण पैदा करती हें ,देशभक्ति का ज़ज्बा भी । कैमल बैंड दस्ते के साथ ही रेगिस्तान का जहाज माने जाने वाले ऊॅंटों पर राजस्थान-गुजरात के परिवेश में सुसज्जित उॅंट परेड दस्ता’ शामिल होता हें । कैमल माउंटेन बैंड में एक बैंड मास्टर और 34 अन्य कार्मिक होते हैं, जो ऊंटों पर सवारी करते हुए वाद्ययंत्र पर धुन बजाते हैं।सीमा सुरक्षा बल के विश्व के एक मात्र केमल माउंटेन बैंड की धुन पर उप समादेष्टा अमोल सिंह राठौड़ के निर्देशन में सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों ने राजस्थानी गीतों की सुमधुर धुनों पर विभिन्न रोमांचकारी करतब प्रस्तुत कर देशी-विदेशी सैलानियों को अचंभित कर देते हें ।राजस्थानी लोक संस्कृति की पहचान बने इस बैंड ने राजपथ पर अपनी भागीदारी हर साल निभाई ,राजपथ से राजस्थानी संस्कृति का जलवा पुरे विश्व में दिखाया .राष्ट्रिय कार्यक्रमों और लोक मेलो में अपनी सुखद उपस्थिति का अहसास करते हें सीमा सुरक्षा बल के जवान .

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