नव वर्ष के स्वागत का हम सभी को इंतजार है। यह साल हम लोगों के लिए कैसा रहेगा, यह जानने के लिए हम सबकी उत्सुकता बनी हुई है। इसके लिए हमने ज्योतिष, अंक ज्योतिष व लाल किताब के जाने-माने विशेषज्ञों से आपका भविष्य जानने की कोशिश की है। साथ ही देश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य क्या रहेगा, इसका भी आकलन करने की कोशिश की है। आज हम पहली छह राशियों का वार्षिक भविष्यफल दे रहे हैं। आगे की राशियों के बारे में कल पढ़ें...
मेष - (21 मार्च-20 अप्रैल)
आपकी राशि का स्वामी मंगल वर्ष के प्रारंभ में अपनी उच्च राशि में चल रहा है। 5 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। स्वभाव में चिड़चिड़ापन लाएगा, पर संपत्ति निवेश की दृष्टि से लाभप्रद रहेगा। बृहस्पति अपनी उच्च राशिगत होकर वक्री है, चतुर्थ भाव में है। 15 जुलाई को सिंह राशि में प्रवेश कर पंचम भाव में आएगा। बौद्धिक कार्यों से धन प्राप्ति होगी। पूरे वर्ष राहु षष्ठ भाव में रहेगा। पुराने मित्रों से संपर्क बनेंगे। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। शनि पूरे वर्ष अष्टम भाव में लघुकल्याणी ढैया बना रहा है। नौकरीवालों की यात्राएं अधिक रहेंगी। धन की कमी हो सकती है। अधिकारियों से सद्भाव बना रहेगा। 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। किसी कार्य से मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
क्या करें
शनिवार के दिन प्रात: एक लोटे में जल भर कर उसमें थोड़ा कच्च दूध व चुटकी भर काले तिल डाल कर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं।
शाम के समय आटे का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे उसकी जड़ के पास जलाएं। ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:’ मंत्र की नित्य एक माला जप करें।
लाल किताब के उपाय
काले रंग के कपड़े न पहनें।
प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल का दान करते रहें।
बढ़िया कपड़े व जूते पहनें।
अपने वाहन की मरम्मत और पॉलिश करवाते रहें।
गली के कुत्तों को दूध-बिस्किट खिलाते रहें।
वृष - (21 अप्रैल-20 मई)
आपकी राशि का स्वामी शुक्र वर्ष के प्रारंभ में उच्च के मंगल के साथ नवम् भाव में स्थित है। 23 जनवरी को शुक्र कुंभ में तथा 17 फरवरी को मीन राशि में रहेगा। अत: वर्ष की प्रारंभिक तिमाही में मित्रों के सहयोग से आय के स्नोत विकसित होंगे। रोजगार के अवसर मिलेंगे। बृहस्पति उच्च राशि का होकर तृतीय भाव में है। नवम् दृष्टि से एकादश भाव को देख रहा है। बौद्धिक कार्यो से आय होती रहेगी। लेकिन केतु की इस भाव में स्थिति होने से आय में अवरोध भी आते रहेंगे। राहु की पंचम् भाव में स्थिति से शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न होंगे, लेकिन आय वृद्धि के अवसर देता रहेगा। शनि पूरे वर्ष सप्तम् भाव में ही होकर अच्छे और बुरे यानी मिश्रित फल देता रहेगा।
क्या करें
शनिवार के दिन लोटे में जल भर कर, उसमें चुटकी भर काले तिल तथा दो बूंद सरसों का तेल डाल कर इसे शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शनिवार के ही दिन लोटे में कच्च दूध व काले तिल जल के साथ डाल कर पीपल के वृक्ष पर चढ़ाएं। भगवान शिव की नित्य आराधना करें।
लाल किताब के उपाय
घर आये मेहमानों की उचित रूप से आवभगत करें।
घर का सोना सुरक्षित जगह पर रखें, लापरवाही से बचें।
विवाहेतर संबंधों से बचें।
दुर्गा पूजा-अर्चना करते रहें।
दुनियादार बनें और किसी बात को मानने से पहले खुद तथ्यों की जांच करें।
मिथुन - (21 मई-21 जून)
आपकी राशि का स्वामी बुध 2 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करके आपकी राशि से अष्टम भाव में आ जाएगा। 24 जनवरी से 12 फरवरी तक वक्री रहेगा। 9 मार्च तक मकर राशि में भ्रमण करेगा। अत: इस अवधि में निराशा व असंतोष के भावों से परेशान रहेंगे। दिनचर्या अस्त-व्यस्त रहेगी। इस वर्ष विदेश जाने का भी अवसर मिल सकता है। विदेश यात्रा लाभप्रद रहेगी। कुछ पुराने मित्रों से संपर्क बनेंगे। 15 जुलाई तक उच्चधिकारियों से पूर्ण सहयोग मिलेगा। इसके बाद वैचारिक मतभेद बढ़ सकते हैं। पर धार्मिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी। चतुर्थ भाव में राहु की स्थिति माता को कष्ट देती रहेगी। जोड़ों का दर्द परेशान कर सकता है। वर्ष के प्रारंभ में भाइयों से विरोध बढ़ सकते हैं।
क्या करें
शनिवार के दिन सरसों के तेल में अपना मुंह देख कर दान करें।
शनिवार को शाम के समय आटे के बने सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डाल कर पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
मंगलवार के दिन लाल कपड़े में गुड़ बांध कर दान करें अथवा हनुमान जी के आगे चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
लाल किताब के उपाय
पूरे काले कुत्ते को रोटी, ब्रेड आदि खिलायें।
चमड़े का नया जूता न पहनें।
शौचालय में बेवजह तोड़-फोड़ कराने को टालें।
ईशान कोण में बिजली के उपकरण न रखें।
अहंकार से बचें।
कर्क - (22 जून-23 जुलाई)
आपकी राशि का स्वामी चंद्रमा दशम भाव में मेष राशि में है। लग्न में वृहस्पति वक्री होकर अपनी उच्च राशि में बैठा है। मंगल सप्तम भाव में उच्च राशि का होकर बैठा है, लेकिन लग्न पर अपनी नीच राशि को देख रहा है। अत: आशा-निराशा के मिश्रित भाव रहेंगे। परिवार में सुख-शांति रहेगी। वृहस्पति लग्न में बैठ कर भाग्य भाव को नवम दृष्टि से देख रहा है। लेकिन केतु की नवम भाव में स्थिति से तरक्की प्रारंभिक कठिनाइयों के बाद ही होनी चाहिए। राहु पूरे वर्ष तृतीय भाव में रहेगा। कार्यक्षेत्र में कार्य निष्पादन संतोषप्रद रहेगा। विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष उत्तम फल देने वाला रहेगा। उच्च शिक्षा व शोध आदि कार्यो के लिए किसी दूरस्थ स्थान पर जाना पड़ सकता है।
क्या करें
प्रतिदिन रात्रि में एक कप दूध में चुटकी भर हल्दी पाउडर डाल कर दूध का सेवन करें तथा रात्रि में सरसों का तेल हाथों व पैरों के नाखूनों पर लगाएं।
वृहस्पतिवार के दिन गाय को तीन केले या बेसन के लड्ड या बेसन का मीठा परांठा खिलाएं।
लाल किताब के उपाय
वाहन सावधानी से चलायें।
किसी से ताबीज/भभूत न लें।
जीवनसाथी के माता-पिता का उचित मान-सम्मान करें।
घर में जले-कटे-फटे कपड़े न रखें।
प्रत्येक मंगलवार को हनुमानजी की पूजा-अर्चना करें एवं मीठा प्रसाद बांटें।
सिंह - (24 जुलाई-22 अगस्त)
आपकी राशि का स्वामी सूर्य पंचम भाव में बुध के साथ 15 जनवरी तक रहेगा। पंचम भाव का स्वामी वृहस्पति अपनी उच्च राशि में 14 जुलाई तक द्वादश भाव में ही रहेगा। 15 जनवरी तक अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें। 14 जुलाई तक का समय विद्यार्थियों के लिए संघर्ष का रहेगा। अध्ययन में परिश्रम के बावजूद सफलता दूर ही रहेगी। लेकिन थोड़ा संयम रखें। 15 जुलाई के बाद आपके सारे गिले-शिकवे दूर हो जाएंगे। अध्ययन में मन भी लगेगा और परिणाम भी सुखद प्राप्त होंगे। दूसरे भाव में राहू की स्थिति संपूर्ण वर्ष में यही रहेगी। आय की स्थिति थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद सुधरती रहेगी। रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है। 24 मार्च के बाद संपत्ति में निवेश कर सकते हैं।
क्या करें
बुधवार के दिन गाय को पालक आदि हरी सब्जी खिलाएं। शनिवार के दिन एक जटाधारी नारियल (सफेद पानी वाला) जटा सहित शिवलिंग पर चढ़ाएं।
14 जुलाई तक वृहस्पतिवार के दिन गाय को तीन केले या बेसन के लड्ड या बेसन का परांठा खिलाएं।
लाल किताब के उपाय
हरे रंग के कपड़े न पहनें।
जरूरत न हो तो सफर न करें।
अपनी कार्य-कुशलता बढ़ाने के लिए छोटी-बड़ी अवधि वाले कोर्स करें।
कार्तिक मास की पूर्णिमा को पुष्कर में स्नान करें।
दिन के समय प्रेमालाप से बचें।
कन्या - (23 अगस्त-22 सितम्बर)
आपकी राशि का स्वामी बुध 2 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करके पंचम भाव में चला जाएगा। 15 जनवरी तक सूर्य के प्रभाव से भी मुक्त रहेगा। लेकिन आपकी राशि में राहू की स्थिति मानसिक परेशानियों को बढ़ाती है। सप्तम भावस्थ केतु की स्थिति से किसी से धोखा मिलने की संभावना बनती है। अत: किसी से अनुबंध करते समय विशेष सतर्कता बरतें। शनि वृश्चिक राशि में तृतीयस्थ होने से परिश्रम अधिक रहेगा। यात्राएं अधिक रहेगी तथा आय यथोचित नहीं होनी चाहिए। उच्च शिक्षा व शोध आदि कार्यो में सफलता मिलेगी। बौद्धिक कार्य व लेखनादि के कार्यो में सफलता मिलेगी तथा धनाजर्न होगा। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। माता से धन प्राप्ति हो सकती है।
क्या करें
वृहस्पतिवार के दिन तीन मूली पत्तों के साथ शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शनिवार के दिन एक लोटे में जल भर कर उसमें चुटकी भर काले तिल तथा दो बूंद सरसों का तेल डालकर जल शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शनिवार के दिन जटाधारी नारियल जटा सहित शिवलिंग पर चढ़ाएं।
लाल किताब के उपाय
नीले कपड़े न पहनें।
खुशहाली के लिए तीन कुत्तों को दूध/बिस्किट खिलाते रहें।
किसी भी किस्म का गैर-कानूनी काम न करें।
रविवार को मंदिर में गेहूं का दान करें।
वायदाखिलाफी न करें।
भविष्यवाणी>> पं. राघवेन्द्र शर्मा
गणतंत्र वर्ष कुंडली के अनुसार नवम भाव (योजना) में उच्चस्थ गुरु की लग्न पर मित्र दृष्टि पड़ रही है। अत: विपक्षी पार्टियों के विरोधों के बावजूद सरकार आधारभूत ढांचे को मजबूत कर सरकारी कामकाज में सुधार का प्रयास करेगी। मुंथेश सूर्य तृतीय भाव में बुध के साथ होने व नवमस्थ गुरु की प्रत्यक्ष दृष्टि होने से सत्तारूढ़ दल विदेश नीति के अंतर्गत पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने की दिशा में काम करेगा। विकासशील देशों में भारत का प्रभाव व प्रभुत्व बढ़ेगा।
विदेशी निवेश के भारत में प्रवाह से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कई प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस शुरू करेंगे। गणतंत्र वर्ष कुंडली के लग्न भाव में शनि की तृतीय दृष्टि स्वराशिस्थ होने से आईटी सेक्टर का भारत में पुन: विस्तार होगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर तथा रक्षा क्षेत्र के उपकरणों के निर्माण में विदेशी सहयोग बढ़ेगा।
भाजपा की कुंडली के अनुसार 14 जुलाई 2015 तक वृहस्पति अपनी उच्च राशि में ही रहेगा। अत: यह समय भाजपा के लिए लाभकारी रहेगा। इस अवधि में होने वाले छोटे-बड़े चुनावों में सफलता मिलेगा। नरेंद्र मोदी का प्रभाव बढ़ेगा। गोचर के प्रभाव से ग्रह दीर्घकालिक सत्ता में टिके रहने के संकेत दे रहे हैं।
क्या कहना है अंक ज्योतिष का
अंक ज्योतिष के अनुसार 2015 का योग आठ बनता है, अत: यह साल देश के लिए चुनौतियां और उपलब्धियां दोनों ही लाएगा। नंबर 8 का स्वामी शनि है। शनि वो कठोर न्यायाधीश है, जो किसी को नहीं बख्शता और जातक के कर्मानुसार न्याय/दंड देता है। सन 2015 में अदालतों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण फैसले दिए जायेंगे और वे फैसले सालों तक याद किये जायेंगे। आपके लिए कैसा है यह साल, देखें अपना नंबर...
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है)
नंबर 1 वालों को इस साल संघर्ष व चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऑफिस के टारगेट पूरे होने में रुकावटें आ सकती हैं। छात्रों को मनवांछित कोर्स में दाखिला मिलने में दिक्कतें आ सकती हैं। विपरीत परिणाम जनवरी व फरवरी में विशेषकर दृष्टिगोचर होंगे। सुबह नहाने के बाद सूर्य नमस्कार करने से आत्मिक बल प्राप्त होगा और रुकावटें दूर होंगी। 15 मई से 14 जून तक का समय सावधानीपूर्वक बिताना चाहिए। इस अवधि में कोई नया या महत्वपूर्ण काम शुरू न करें। जुलाई और अगस्त महीने सहायक होंगे।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है)
धन के मामले में जल्दबाजी न करें तो खूब तरक्की करेंगे, अन्यथा रेत की तरह धन हाथों से फिसल सकता है। छोटी अवधि की बजाय लम्बी अवधि के निवेश फायदा पहुचाएंगे। पीला रंग पहनना शुभ फलदायी होगा। किसी मार्गदर्शक के अंतर्गत काम करने से हानि से बचेंगे। छात्र गुरु निंदा करने की बजाय बेहतर मार्गदर्शक की तलाश करें। मार्च, अप्रैल, जुलाई व दिसंबर महीने लाभदायी होंगे। 12 अगस्त से 7 सितम्बर तक का समय सावधानी से बिताएं। इस अवधि में कोई नया काम न करें।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है)
इस साल बनते कामों में रुकावटों का एहसास हो सकता है। विश्वसनीय लोग आपकी सहायता नहीं कर पाएंगे। किसी से कोई भी उम्मीद न ही रखें तो अच्छा होगा। आप अपने दम पर ही बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना करने में सक्षम हैं। पेट का ध्यान रखें, अपच/गैस होने का योग बन सकता है। 12 अगस्त से 7 सितम्बर तक का समय सावधानीपूर्वक बिताएं। इस अवधि में कोई नया काम शुरू न करें। उपदेशकों, अध्यापकों और सलाहकारों को अपनी स्वच्छ छवि का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो लांछन लग सकता है।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है)
इस साल आपकी बल-बुद्धि द्वारा कई अधूरे काम पूरे होंगे और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यर्थ के विवादों से खुद को बचायें। जनवरी के महीने में आपकी सामाजिक लोकप्रियता बढ़ेगी। अपने से छोटी उम्र के लोगों से, घर के सदस्यों से प्रेमपूर्वक व्यवहार करने से ही आप उनका दिल जीत पाएंगे और घर में तालमेल बिठा पाएंगे। दूसरों की भावनाएं आहत न हों, इसका ध्यान जरूर रखें। अगर कहीं पैसा फंसा हुआ है तो इस साल अकस्मात् धनलाभ हो सकता है। भूमि संबंधित विवाद सुलझ सकते हैं।
महत्वपूर्ण दिवस/व्रत-त्योहार
4 जनवरी: ईद-ए-मिलाद
5 जनवरी: गुरु गोविंद सिंह जयंती
8 जनवरी: गणेश संकष्ट चतुर्थी
12 जनवरी: विवेकानंद जयंती
13 जनवरी: लोहड़ी (पंजाब/हि.प्र.)
14 जनवरी: मकर संक्रांति
16 जनवरी: षटतिला एकादशी व्रत
20 जनवरी: मौनी अमावस्या
23 जनवरी: नेताजी सुभाष जयंती
24 जनवरी: वसंत पंचमी
26 जनवरी: गणतंत्र दिवस
30 जनवरी: महात्मागांधी पुण्यतिथि
1 फरवरी: विश्वकर्मा जयंती
3 फरवरी: माध पूर्णिमा/रविदास जयंती
14 फरवरी: स्वामी दयानंद जयंती
17 फरवरी: महाशिवरात्रि
19 फरवरी: छत्रपति शिवाजी जयंती
20 फरवरी: रामकृष्ण जयंती
27 फरवरी: बरसाने की होली
28 फरवरी: नंदगांव की होली/राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
6 मार्च: होली
8 मार्च: विश्व महिला दिवस
11 मार्च: रंग पंचमी
21 मार्च: गुडी पडवा/वासंतिक वरात्र आरंभ
28 मार्च: श्रीराम नवमी/नवरात्र समाप्त
2 अप्रैल: महावीर जयंती
3 अप्रैल: गुड फ्राइडे
4 अप्रैल: हनुमान जयंती
5 अप्रैल: ईस्टर संडे
14 अप्रैल: अंबेडकर जयंती/बैशाखी
20 अप्रैल: परशुराम जयंती
21 अप्रैल: अक्षय तृतीया
23 अप्रैल: आद्यशंकराचार्य जयंती
1 मई: अंत. श्रमिक दिवस
4 मई: बुद्ध पूर्णिमा
21 मई: गुरु अर्जुनदेव शहीदी दिवस
29 मई: निजर्ला एकादशी
2 जून: वट पूर्णिमा
5 जून: विश्व पर्यावरण दिवस
(शेष...कल देखें)