नई दिल्ली। बीमा नियमन एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने किसी कंपनी या संस्थान के जरिए ग्रुप इंश्योरेंस कराने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए किसी दावे की स्थिति में पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा कराने का आदेश दिया है।
पिछले दिनों यहां एक कार्यक्रम के दौरान इरडा अध्यक्ष टी.एस.विजयन ने कहा था कि कई बीमा कंपनियां ँ लाभार्थी के खाते में दावे का भुगतान करने के बदले मुख्य बीमाधारक (कंपनी या संस्थान) के खाते में पैसे जमा कराती हैं जिसके वास्तविक जरूरतमंद तक पहंुचने में देरी हो जाती है।
इसे देखते हुए जारी निर्देश में इरडा ने कहा है कि अब कंपनियों को इसका भुगतान सीधे बीमा धारक या उसकी मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी के खाते में करना होगा।
प्राधिकरण ने कहा है कि बीमा कंपनियों को मुख्य बीमा धारक से हरेक बीमा धारक का नाम, जोखिम की शुरूआत की तिथि, उसकी बीमा राशि, यदि उसने बीमा पर कोई ऋण लिया है तो उसकी रकम तथा इसमें से चुकाई गई राशि का विवरण लेना होगा।
किसी अनहोनी की स्थिति में ऋण की बकाया राशि मुख्य बीमा धारक के खाते में तथा शेष राशि लाभार्थी या उसके नॉमिनी के खाते में जमा करानी होगी। ये निर्देश 1 जनवरी 2015 से प्रभावी होंगे। -
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