पत्नी के किया ऎसा कारनामा की पति हो गया हैरान
भीलवाड़ा। पति के जीवित रहते हुए उसे मृत घोषित कर एक महिला गत डेढ़ वर्ष से विधवा पेंशन उठा रही है। यह मामला कोटड़ी तहसील क्षेत्र के लसाडिया में सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार लसाडिया निवासी नंदकिशोर तेली भीलवाड़ा में रह कर एम.कॉम व सीएस की तैयारी कर रहा है, लेकिन उस वक्त उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उसे मालूम हुआ कि सरकारी कागजों में उसकी धर्मपत्नी कंकू पुत्री भगवान लाल तेली निवासी जाटो खेड़ा कोटड़ी ने उसे मृत घोषित कर रखा है। इसी आधार पर वह राज्य सरकार की विधवा पेंशन योजना का लाभ उठा रही है।
पांच सौ रूपए की पेंशनपंचायत समिति कोटड़ी के लोकसूचना अधिकारी की ओर से सूचना के अधिकार तहत दिए गए दस्तावेजों के अनुसार कंकू ने 19 जून 2013 को विधवा पेंशन आवेदन पेश किया था।
इसी आवेदन के आधार पर उसकी विधवा पेंशन 20 जून 2013 को मंजूर की गई। उसे प्रति माह 500 रूपए का भुगतान मनीऑडर के जरिए किया जा रहा है।
देखो मैं जिंदा हूंनंदकिशोर (25) ने पत्रिका के समक्ष पेश होते हुए बताया कि वह मरा नहीं, बल्कि जीवित है। उसने बताया कि घरेलू विवाद को लेकर पत्नी कंकू ने उसके खिलाफ एक प्रकरण परिवार न्यायालय में चार मार्च 2013 को दर्ज करवाया, जिसकी गत दिनों पेशी थी।
एक अन्य मामले में सदर थाना पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में पेश की है। उसका कहना है कि उसने गलत किया है, यह राजकोष की राशि का दुरूपयोग है। -
सूत्रों के अनुसार लसाडिया निवासी नंदकिशोर तेली भीलवाड़ा में रह कर एम.कॉम व सीएस की तैयारी कर रहा है, लेकिन उस वक्त उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उसे मालूम हुआ कि सरकारी कागजों में उसकी धर्मपत्नी कंकू पुत्री भगवान लाल तेली निवासी जाटो खेड़ा कोटड़ी ने उसे मृत घोषित कर रखा है। इसी आधार पर वह राज्य सरकार की विधवा पेंशन योजना का लाभ उठा रही है।
पांच सौ रूपए की पेंशनपंचायत समिति कोटड़ी के लोकसूचना अधिकारी की ओर से सूचना के अधिकार तहत दिए गए दस्तावेजों के अनुसार कंकू ने 19 जून 2013 को विधवा पेंशन आवेदन पेश किया था।
इसी आवेदन के आधार पर उसकी विधवा पेंशन 20 जून 2013 को मंजूर की गई। उसे प्रति माह 500 रूपए का भुगतान मनीऑडर के जरिए किया जा रहा है।
देखो मैं जिंदा हूंनंदकिशोर (25) ने पत्रिका के समक्ष पेश होते हुए बताया कि वह मरा नहीं, बल्कि जीवित है। उसने बताया कि घरेलू विवाद को लेकर पत्नी कंकू ने उसके खिलाफ एक प्रकरण परिवार न्यायालय में चार मार्च 2013 को दर्ज करवाया, जिसकी गत दिनों पेशी थी।
एक अन्य मामले में सदर थाना पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में पेश की है। उसका कहना है कि उसने गलत किया है, यह राजकोष की राशि का दुरूपयोग है। -
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