सोमवार, 29 दिसंबर 2014

जैसलमेर जनता की जरुरत की अनदेखी ,संवेदनहीन सरकार और जनप्रतिनिधि

जैसलमेर के माँ तुझे सलाम आंदोलन पर विशेष 
जैसलमेर जनता की जरुरत की अनदेखी ,संवेदनहीन सरकार और जनप्रतिनिधि

जैसलमेर भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसी पर्यटन नगर ने चाहे विश्व पटल  पर स्वर्ण नगरी के रूप में ख्याति हासिल कर ली हो मगर स्थानीय वाशिंदे मूल बहुत सुविधाओ को तरस रहे हैं ,नरक बन चूका शहर का एक मात्र राजकीय जवाहर चिकित्सालय की बदहाली को दुरुस्त करने के प्रति जान प्रतिनिधि पुरी  तरह संवेदनहीन साबित हो रहे हैं ,जान प्रतिनिधियों को जान समस्याओ से कोई सरोकार नहीं लग रहा।

जैसलमेर के युवाओ ने जवाहर चिकित्सालय में सुविधाए बहाल करने ,नए चिकित्सक लगाने और लगे हुए चिकित्सको की मोनोपोली ख़त्म करनरे की मांग को लेकर माँ तुझे सलाम संगठन के बैनर तले आन्दोलनरत हैं ,युवाओ के इस आंदोलन को जैसलमेर की जनता ने भरपूर समर्थन दिया। संगठन द्वारा केंडल मार्च ,धरना ,जैसलमेर बंद और रैली जैसे बड़े प्रदर्श किये ,ऐसे प्रदर्शनों से अक्सर सरकारों की चले हिल जाती हैं मगर जैसलमेर के स्वार्थ से भरे जान प्रतिनिधि इतने कपुत्र हे की सरकार के सामने जनता की समस्या को ठीक ढंग से नहीं रख पा रहे ,जान्दोलन के बावजूद जैसलमेर की जनता का दामन खली रहा एक भी चिकित्सक जैसलमेर नहीं लगाया ,चिकितसकों के आभाव में मरीजों को नाज़ुक स्थति तक में रेफर किये जा रहे हैं जैसलमेर निवासियों की बदकिस्मती हे की इस अस्पताल में प्राथमिक उपचार तक उपलब्ध नहीं हैं।

चिकित्सालय में अव्यवस्थाओ का आलम तो कई दशको से हैं ,चिकित्सकीय पेशे की शरुआत जैसा;लमेर में करने वाले चिकित्सक प्रमुख अधिकारी भले ही बने हो  मगर नियम विरुद्ध काम खुद करने से किसी चिकित्सक को कहने की हिम्मत नहीं कर पते।

पी एम ओ खुद दोषी    अव्यवस्थाओ को लेकर

परामर्श चिकित्सा अधिकारी अस्पताल में अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं ,पी एम ओ खुद अपने घर पर निजी अस्पताल चलते हैं अस्पताल समय पर भी खुद घर पर मरीजों को देखते हैं जिसके कारण अस्पताल में लगे अन्य चिकित्सको के हौंसले बुलंद हैं ,चिकित्सक मनमर्जी करते हैं मगर पी एम ओ उन्हें रोक नहीं पाते ,अस्पताल के एक विवादित महिला चिकितसक क्षेत्रीय विधायक की हज़ारी भर्ती हे इसीलिए उसे खुद विधायक बचा रहे हैं इस महिला चिकित्सक का व्यवहार की भी सूरत में मानवीय नहीं कहा जा सकता ,इसके खिलाफ ही आंदोलन का आगाज़ हुआ मगर विधायक का वरदहस्त इसका सुरक्षा कवच बना हुआ हैं ,

करीब एक माह से जैसलमेर का युवा वर्ग अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग को लेकर आन्दोलनरत हैं इसके बावजूद कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी ,जैसलमेर की सीधी सादी जनता के धैर्य की परीक्षा लेना उचित नहीं।

जैसलमेर की जनता की आमंगो को अनदेखा कर क्षेत्री जनप्रतिनिधि और राज्य सरकार संवेदनहीनता का परिचय दे रही हैं ,विधायक को जान समस्याओ से शायद कोई सरोकार नही   हैं ,जनता की मानगो को अनदेखा  पद सकता हैं जनप्रतिनिधियो और सरकार को।

चिकित्सको के पद रिक्त

जैसलमेर के जवाहर चिकित्सालय में कु अड़तालिश चिकित्सको के पद हे जिसमे मात्र तरह भरे हैं इन तरह में करीब आठ चिकित्सक स्थानीय निवासी हैं ,तो कुछ चिकितसकों कई सालो से जैसलमेर में जमे हैं इन्हे चिकित्सालय में सेवाए देने से परहेज हे क्यूनी इनमे  अधिकांस चिकितसकों के घर सामानांतर चिकित्सालय खुले हुए हे तो कुछ चिकित्सक निजी अस्पतालों में अपनी ड्यूटी देते हैं। गरीब और जरूरतमंद जनता के उपचार में इनकी कोई दिलचस्पी नहीं ,

युवाओ का आंदोलन रंग लाएगा

जैसलमेर जिले में यह पहला मौका हे जब मुलभुत सुविधा उपलब्ध करने के लिए युवा वर्ग को एकजुट होकर आंदोलन पर उतारना पड़ा ,आंदोलन के पांच चरण हो चुके हे आगे की रणनीति बन रही हैं ,युवा उग्र आंदोलन की तयारी में जुटे हैं ,सरकार और जान प्रतिनिधियों की आँखे समय रहते नहीं खुली तो सरकार को लेने के देने पद जायेंगे ,


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें