मंगलवार, 30 दिसंबर 2014

अधिकारियों-कर्मचारियों के दौरे रात्रि विश्राम के मानदंड तय



अधिकारियों-कर्मचारियों के दौरे रात्रि विश्राम के मानदंड तय


जयपुर. आमजनकी समस्याओं की सुनवाई कर उनके त्वरित समाधान निराकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर अधिकारियों और कर्मचारियों के दौरे रात्रि विश्राम के मानदंड निर्धारित किए हैं।

नागरिकों को सुशासन उपलब्ध कराने की दृष्टि से पटवारी से लेकर कलक्टर एवं उच्चतर अधिकारियों को जवाबदेह बनाने के लिए दौरे रात्रि विश्राम के मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत किए जाने वाले दौरों, निरीक्षणों एवं रात्रि विश्राम का पूर्ण विवरण निर्धारित प्रपत्र में राजस्थान संपर्क पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। दौरों, निरीक्षणों एवं रात्रि विश्राम के मानदंड संबंधित प्रशासनिक विभागों द्वारा निर्धारित कर आदेश जारी करेंगे। इन दौरों, निरीक्षणों एवं रात्रि विश्राम के लिए मूल इकाई ग्राम पंचायत तथा पंचायत समिति होगी। साथ ही प्रत्येक अधिकारी के लिए ग्राम पंचायतों के अलग-अलग समूह बनाए जाएंगे एवं एक समूह में आने वाली सभी पंचायतें संबंधित अधिकारी द्वारा गोद ली जाएंगी। आदेशानुसार अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव माह में एक बार दो दिवसीय निरीक्षण एवं रात्रि विश्राम किसी भी निर्धारित जिले में करेंगे। इसी प्रकार संभागीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष, महानिरीक्षक पुलिस रेंज प्रत्येक माह में दो बार दो दिवसीय निरीक्षण एवं रात्रि विश्राम विभिन्न जिलों में करेंगे। तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं अन्य उपखंडीय अधिकारी तथा इनसे उच्च समस्त अधिकारी एवं जिला स्तरीय विभिन्न अधिकारी प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे।

जनसुनवाई प्रत्येक गुरुवार को आयोजित की जाएगी, जो पंचायत समिति, जिला एवं राज्य स्तर पर होगी। इसकी सूचना भी राजस्थान संपर्क पोर्टल पर उपलब्ध होगी।

आदेश के अनुसार ग्राम पंचायत मुख्यालय अथवा ग्राम के भ्रमण के दौरान अधिकारी कर्मचारी ग्राम पंचायत कार्यालय एवं राजस्थान संपर्क केन्द्र में आवश्यक रूप से जाएंगे और नागरिकों की शिकायतें और परिवेदनाएं प्राप्त करेंगे। भ्रमण स्थल पर जनसुनवाई करने तथा नजदीक के अन्य कार्यालयों एवं कार्यों का सामान्य निरीक्षण करने के अतिरिक्त सेवाओं में रहे दोष एवं कमियों को इंगित करने के प्रयास किए जाएंगे। भ्रमण एवं निरीक्षणों की मॉनिटरिंग के मानदंड भी निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत कमियों पर सुधारात्मक कदम उठाने तथा अन्य अपेक्षित कार्रवाई कराने के लिए राज्य स्तर पर प्रशासनिक सुधार विभाग (एआरडी) को नोडल विभाग बनाया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें