जोधपुर। उम्र ढाई साल, याद हैं 150 देशों की राजधानी के नाम
जोधपुर। त्रिपोलिया क्षेत्र में रहने वाली ढाई साल की छवि उर्फ कामाख्या राठी को भारत के सभी राज्यों, दुनिया के 150 देशों की राजधानी, टीवी, स्कूटर और टेलीफोन सहित विभिन्न वस्तुओं के आविष्कारकों के नाम याद हैं।
यही नहीं उसको बड़ी हस्तियों और क्रान्तिकारियों के कई नारे भी याद हैं। जालोर के सांचौर निवासी और गांधीनगर (गुजरात) में वायुसेना में कार्यरत सुनील राठी की यह पुत्री अभी स्कूल भी नहीं जाती है।
मम्मी पूजा के साथ रोजाना 30 से 45 मिनट तक बैठकर जानकारी हासिल करने वाली छवि को राष्ट्रीय चिन्हों और पार्को के नाम तक याद हैं। कई आरतियां वह गाती है।
पूजा ने बताया कि पिछले दिनों हरियाणा के कौटिल्य की स्मरण शक्ति से उन्हें प्रेरणा मिली। इसके बाद से वह छवि को रोजाना सिखाती है। स्मरण शक्ति अच्छी होने से वह बताई गई बात नहीं भूलती नहीं।
जोधपुर। त्रिपोलिया क्षेत्र में रहने वाली ढाई साल की छवि उर्फ कामाख्या राठी को भारत के सभी राज्यों, दुनिया के 150 देशों की राजधानी, टीवी, स्कूटर और टेलीफोन सहित विभिन्न वस्तुओं के आविष्कारकों के नाम याद हैं।
यही नहीं उसको बड़ी हस्तियों और क्रान्तिकारियों के कई नारे भी याद हैं। जालोर के सांचौर निवासी और गांधीनगर (गुजरात) में वायुसेना में कार्यरत सुनील राठी की यह पुत्री अभी स्कूल भी नहीं जाती है।
मम्मी पूजा के साथ रोजाना 30 से 45 मिनट तक बैठकर जानकारी हासिल करने वाली छवि को राष्ट्रीय चिन्हों और पार्को के नाम तक याद हैं। कई आरतियां वह गाती है।
पूजा ने बताया कि पिछले दिनों हरियाणा के कौटिल्य की स्मरण शक्ति से उन्हें प्रेरणा मिली। इसके बाद से वह छवि को रोजाना सिखाती है। स्मरण शक्ति अच्छी होने से वह बताई गई बात नहीं भूलती नहीं।
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