शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

*झालापट्टी के 84 गांवों ने लिया संकल्प, हमारे राजा चंद्रजीतसिंह जी, फर्जी राजा दुष्यंत को भेजेंगे धौलपुर!* _- यहां के लोग स्वाभिमानी, दो बोटी व एक रोटी में नही बिकने वाले_

*झालापट्टी के 84 गांवों ने लिया संकल्प, हमारे राजा चंद्रजीतसिंह जी, फर्जी राजा दुष्यंत को भेजेंगे धौलपुर!*
_- यहां के लोग स्वाभिमानी, दो बोटी व एक रोटी में नही बिकने वाले_


@सबलसिंह भाटी

रायपुर। झालरापाटन विधानसभा के रायपुर क्षेत्र के झाला राजपूतों के 84 गांवों के लोगों ने संकल्प लिया कि इन विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को बुरी तरह से हरा कर झालरापाटन को इनके चंगुल से आजाद करेंगे। साथ ही कहा कि यहां के राजा चंद्रजीतसिंह जी है व रहेंगे। खुद को यहां का राजा समझने वाले दुष्यंत को धौलपुर भेज देंगे।

रायपुर केवड़ा स्वामी मंदिर में आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में 84 गांवों के लगभग 2500 लोगों ने शिरकत की, जिसमे मातृशक्ति की संख्या अधिक रही।

इस कार्यक्रम में सभी ने संकल्प लिया कि वसुन्धरा राजे ने 30 साल ने इस विधानसभा पर कब्जा कर रखा है। लेकिन कभी भी राजपूतों को तव्वजों नही दी, लेकिन अब इनको राजपूतों की अब याद आ रही है।

कुछ दिन पहले छोटी कोठी में वसुन्धरा राजे ने झालरापाटन विधानसभा के मौजिज राजपूतों को बुलाया, साथ ही संदेश दिया कि महारानी ने वहां पर शराब व कबाब की पूरी व्यवस्था कर रखी है।

इस तरह खाने के मेनू के साथ राजपूतों को बुलावा भेज कर राजपूतों के साथ यहां की जनता अपमान किया है। यहां की जनता स्वाभिमानी है, वो दो बोटी व एक बोटी के पीछे नही बिकने वाली है। इस बार इस अपमान का बदला वसुन्धरा राजे को बुरी तरह से हरा कर लिया जाएगा।

*18 ऐसे उम्मीदवार जिनको टिकट तो मिली,कार्यकर्ताओ ने बनाई दूरी,पार्टीयां टेंशन में*

*18 ऐसे उम्मीदवार जिनको टिकट तो मिली,कार्यकर्ताओ ने बनाई दूरी,पार्टीयां टेंशन में*


जयपुर . चुनाव के रण में सर्द मौसम में भी सियासी गर्माहट बराबर बनी हुई है. खास तौर पर उन सीटों पर ये गर्माहट ज्यादा ही दिखाई दे रही है, जहां मैदान में उतरे नेता अपने लिए टिकट तो लेकर आ गए. लेकिन, सियासी जमीन पर उन्हें अपनों का साथ नहीं मिल पा रहा है. ये हालात कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही बने हुए हैं. अपनों की दूरी ने इन नेताओं की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. जीत को पक्की करने के लिए जरूरी पार्टी कार्यकर्ता और नेताओं का साथ लेने के लिए हर कोशिश जारी है. लेकिन, राजस्थान में करीब 12 से अधिक सीटें ऐसी भी हैं जहां पर मैदान में उतरे नेताओं को अभी भी अपनों का पूरा साथ नहीं मिल पाया है.

खास बात यह है कि जिन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को संबंधित विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का साथ नहीं मिल रहा है. उनमें दोनों दलों के बड़े नेताओं की सीट भी शामिल है. कई सीटों पर जहां भाजपा-कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे नेताओं का साइड इफेक्ट साफतौर पर दिखाई दे रहा है. वहीं, कई सीटों पर टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं के समर्थकों का रोष अभी तक शांत होता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ी हुई है. हालांकि, जीत के लिए सियासी गोटियों को बिठाने हुए ये प्रत्याशी हर दांव भी चल रहे हैं. लेकिन, कार्यकर्ताओं और संगठन के नेताओं की अंदरखाने बनी दूरी ने सांसे भी फुला रखी है. हम आपको आज उन सीटों और वहां के गणित के बारे में बताते हैं जहां कार्यकर्ताओं और नाराज नेताओं राजनीतिक पारे को चढ़ा रखा है.

राजस्थान की इन 12 सीटों का यह है गणित
सिवाणा बाडमेर जिले की सियान सीट से कांग्रेस ने अनचाहे उम्मीदवार पंकज प्रताप सिंह को टिकट देकर मुसीबत मोल ले ली।।यहां से स्थानीय दावेदारों को टिकट न देकर नाराज कर दिया कार्यकर्ताओ को।।कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस नेता बालाराम को बागी खड़ा कर दिया।पंकज प्रताप स्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दूरी  बना रखी हैं।।।

टोंक राजस्थान की हॉट सीट में से एक टोंक विधानसभा क्षेत्र पर हर किसी की नजर गड़ी हुई है. इस सीट पर कांग्रेस के पीसीसी चीफ सचिन पायलट के सामने भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री यूनुस खान चुनाव लड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास मंत्री यूनुस को यहां सियासी रूप से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, इस सीट से पहले विधायक अजीत सिंह मेहता का टिकट काटकर भाजपा ने यूनुस खान को उतारा है. जिसके बाद अजीत नाराज हो गए. वसुंधरा राजे की ओर से मनाने पर अजीत तो मान गए, लेकिन, उनके समर्थकों की दूरी अभी भी बरकार बनी हुई है. यूनुस के साथ प्रचार-प्रसार में अजीत के समर्थक पूरी तरह से नहीं जुड़ पाए हैं.

बामनवास सवाईमाधोपुर जिले की बामनवास विधानसभा सीट से कांग्रेस ने इंद्रा मीणा को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. जबकि, भाजपा ने राजेंद्र मीणा को टिकट देकर सियासी मैदान में उतारा है. कांग्रेस से पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के भाई नवलकिशोर मीणा टिकट मांग रहे थे. लेकिन, टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी है. सूत्रों ने बताया कि नवल किशोर मीणा के चुनाव लड़ने के कारण कांग्रेस के कई कार्यकर्ता अंदरखाने नवल के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं.

पीपल्दा टिकट बंटवारे के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई ममता शर्मा को भाजपा ने पिपल्दा से टिकट देकर मैदान में उतारा है. ममता शर्मा को टिकट देने के लिए पार्टी ने विद्याशंकर नंदवाना का टिकट काटा था. जिसके चलते उनके समर्थकों में रोष बना हुआ है. सूत्रों का कहना है कि ममता शर्मा के साथ पार्टी के कई मूल कार्यकर्ता अभी भी नहीं जुड़ पाए हैं. वहीं, कांग्रेस ने यहां पर रामनारायण शर्मा को मैदान में उतारा है.

खंडेला सीकर जिले के खंडेला विधानसभा सीट से कांग्रेस ने इस बार सुभाष मील को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि, पार्टी ने पांच बार के विधायक महादेव सिंह खंडेला को टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर महादेव सिंह निर्दलीय ही मैदान में उतर गए. महादेव सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण कांग्रेस कई पुराने कार्यकर्ताओं का साथ सुभाष मील को नहीं मिल पा रहा है. कई कार्यकर्ता खंडेला के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं, इस सीट पर भाजपा ने बंशीधर खंडेला को चुनाव मैदान में उतार रखा है.

थानागाजी अलवर जिले के थानागाजी विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा ने रोहिताश्व शर्मा को टिकट देकर मैदान में उतारा है. इस सीट से पहले मंत्री हेमसिंह भड़ाना पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन, इस बार पार्टी ने भड़ाना का टिकट काटकर रोहिताश्व को चुनाव मैदान में उतार दिया. खुद का टिकट कटने से नाराज भड़ाना ने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी है. भड़ाना के निर्दलीय उतरने के चलते यहां कई कार्यकर्ता उन्हीं के साथ दिखाई दे रहे हैं. जबकि, इस सीट पर कांग्रेस ने सुनील कुमार को टिकट देकर मैदान में उतारा है.

लाडपुरा कोटा की लाडपुरा विधानसभा सीट से इस बार पूर्व सांसद इज्यराज सिंह की पत्नी कल्पना सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. लाडपुरा से तीन बार से विधायक भवानी सिंह राजावत का टिकट भाजपा ने काट दिया था. जिससे नाराज होकर भवानी सिंह ने पहले निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया था. लेकिन, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मनाने के बाद भवानी सिंह मान गए और नामांकन पत्र वापस ले लिया. इसके बाद वे सीने में दर्द के कारण राजस्थान से बाहर इलाज कराने चले गए. सूत्रों ने बताया कि टिकट वितरण से असंतोष के कारण पार्टी के कई कार्यकर्ता दूरी बनाए हुए हैं.

नागौर नागौर विधानसभा सीट पर इस बार बदले समीकरण के बाद यहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है. भाजपा में टिकट नहीं मिलने पर नाराज हबीबुर्रहमान इस बार कांग्रेस में शामिल हो गए. जिसके बाद कांग्रेस ने हबीबुर्रहमान को नागौर से टिकट देकर मैदान में उतार दिया. जबकि, इस सीट से कांग्रेस की तरफ से विजयपाल मिर्धा टिकट मांग रहे थे. सूत्रों ने बताया कि टिकट नहीं मिलन उनके समर्थकों में नाराजगी बनी हुई है. जिसके बाद ये कार्यकर्ता चुनाव से दूरी बना रखी है.

विद्याधर नगर जयपुर की विद्याधर नगर सीट पर इस बार कांग्रेस विक्रम सिंह शेखावत का टिकट काटकर सीताराम अग्रवाल को मैदान में उतारा है. जिसके बाद नाराज विक्रम सिंह शेखावत ने निर्दलीय ही चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है. सूत्रों ने बताया कि विक्रम सिंह के निर्दलीय खड़ा होने के कारण उनके समर्थकों के साथ ही पार्टी के कई निचले स्तर के पदाधिकारियों ने सीताराम अग्रवाल से अंदरखाने दूरी बना रखी है. उनका झुकाव पार्टी के सामने बागी होकर चुनाव लड़ रहे विक्रम सिंह की तरफ बना हुआ दिखाई दे रहा है. इस सीट पर भाजपा की तरफ से नरपत सिंह राजवी मैदान में हैं.

केशवरायपाटन केशवरायपाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस ने राकेश बोयत को चुनाव मैदान में उतारा है. इनका टिकट सीएल प्रेमी के बदले दिया गया है. बताया जाता है कि कांग्रेस की ओर से पहले सीएल प्रेमी का टिकट पक्का माना जा रहा था. लेकिन, अंतिम समय में राकेश बोयत को टिकट देकर मैदान में उतार दिया गया. इससे नाराज होकर सीएल प्रेमी में निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी है. जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी बोयत के लिए सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेना चुनौती बन गया है. इस सीट पर भाजपा की तरफ से चंद्रकांता मेघवाल को चुनावी मैदान में उतारा है.

बारां-अटरू मंत्री बाबूलाल वर्मा को भाजपा ने इस बार बारां-अटरू सीट से मैदान में उतारा है. उनकी अपनी सीट केशवरायपाटन से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था. पार्टी की ओर से टिकट मिलने पर बाबूलाल वर्मा बारां-अटरू में प्रचार में जुटे हैं. लेकिन, उन्हें कार्यकर्ताओं का पूरा साथ अभी पूरा नहीं मिल पाया है. इस सीट पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सभा भी कर चुकी हैं. लेकिन, कार्यकर्ताओं पूरे मन से एकजुट नहीं हो पाए हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर पानाचंद मेघवाल को चुनाव मैदान में उतारा है.

फुलेरा फुलेरा विधानसभा सीट से भाजपा ने इस बार निर्मल कुमावत को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. इससे नाराज होकर यहां से टिकट की दावेदारी कर रहे डीडी कुमावत ने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक रखी है. टिकट की घोषणा से नाराज कई मंडल अध्यक्ष इस्तीफा देकर चले गए. सूत्रों का कहना है कि कई कार्यकर्ताओं ने दूरी बना रखी है. इस सीट पर कांग्रेस ने विद्याधर चुनाव मैदान में उतारा है.

टोडाभीम टोडाभीम विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पीआर मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है. वे पिछली बार राजपा प्रत्याशी थे. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की ओर से टिकट मिलने के बाद भी पार्टी के स्थानीय संगठन के जुड़े कार्यकर्ता पूरे मन के साथ चुनाव प्रचार में नहीं जुड़ रहे हैं. इस सीट पर भाजपा ने रमेशचंद को चुनाव मैदान में उतारा है.

इनके साथ ही मुंडावर और कुशलगढ़ की दो सीटें शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल, भरतपुर और मालपुरा सीटें राष्ट्रीय लोकदल, पाली की बाली सीट एनसीपी को दी गई थी. लेकिन गठबंधन के प्रत्याशियों को प्रचार में अकेले ही जूझना पड़ रहा है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस स्थानीय कार्यकर्ता और पार्टी का स्थानीय संगठन टिकट की घोषणा के बाद से ही खुलकर गठबंधन के प्रत्याशियों के प्रचार में नहीं आया है. हालांकि गठबंधन के प्रत्याशियों ने कांग्रेस के स्थानीय संगठन और अन्य नेताओं को मनाने के प्रयास भी किए. बताया जाता है कि कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता जरूर दिखावे के लिए साथ लगे हैं लेकिन वे भी अंदरखाने गठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में नहीं हैं. कुल मिलाकर गठबंधन के प्रत्याशियों को अपने-अपने दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के भरोसे ही प्रचार करना पड़ रहा है.

*दिल्ली पहुंची शिकायत*

वहीं गठबंधन की सीटों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से गठबंधन के प्रत्याशियों को सहयोग नहीं मिलने की शिकायतें गठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से की है. जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश प्रभारी और प्रदेश नेतृत्व को निर्देश भी दिए हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कई बड़े नेता अब गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार भी करते नजर आएंगे. बता दें कि अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से समान विचारधारा वाले दलों का महागठबंधन बनाने के चलते प्रदेश में पांच सीटें गठबंधन को दी गई थी.

पूर्व मंत्री पर युवती ने लगाया Me Too का आरोप...


राजस्थान के इस कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री पर युवती ने लगाया Me Too का आरोप...


झुंझुनूं. जहां नेता अपने-अपने प्रचार में लगे हुए है. ऐसे में शेखावाटी में एक वीडियो ने तहलका मचा दिया है. वायरल वीडियो में एक युवती राजस्थान सरकार में मंत्री रहे नेता पर मी टू का आरोप लगाते हुए खुद की जिंदगी खराब करने की बात कह रही है.

पूर्व मंत्री पर युवती ने लगाया Me Too का आरोप... देखें वीडियो


वीडियो जारी करने वाली युवती ने एक प्रत्याशी पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. युवती ने प्रत्याशी को ना केवल कटघरे में खड़ा किया, बल्कि यूट्यूब पर भी वीडियो अपलोड कर दिया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. युवती ने अपने आप को गोल्ड मेडलिस्ट और लेखन कला में कई अवार्ड जीतना भी बताया है.

युवती ने अपने वीडियो में यह मांग की है कि जनता और कुछ करें या ना करें लेकिन 7 दिसंबर को होने वाले चुनाव में प्रत्याशी का बहिष्कार करें. वहीं युवती के जल्द ही धरने पर बैठने के ऐलान के बाद क्षेत्र में बड़ी चर्चा ने जोर पकड़ लिया है.
चुनावी मैदान में प्रत्याशी हैं पूर्व मंत्री
वीडियो जारी करने वाली लड़की ने अपनी वीडियो में सभी से प्रत्याशी को वोट ना देने की अपील की है. साथ ही लड़की रोते हुए बता रही है कि मेरे पास आपके पास आने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था. अब आपको मेरा साथ देकर इसको चुनाव हराना है. साथ ही उसने यह भी कहा है कि किसी को भी वोट करें, लेकिन इसको ना करें.लड़की जिस नेता के बारे में बता रही है वह पहले मंत्री भी रह चुके हैं.

इसलिए विवादित बताया जा रहा है मामला मिली जानकारी के मुताबिक वीडियो जारी करने वाली युवती किसी नेता की बेटी बताई जा रही है. युवती के अपलोड किए गए वीडियो को अब तक 5 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. अब क्षेत्र के लोग युवती के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि उसने ना केवल धरना देने की बात कही है बल्कि इसके अलावा बीच-बीच में उसके ब्रह्मचर्य धारण कर मंदिर में रहने की बात भी सामने आई है.

बाड़मेर। हमने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया- राजे

बाड़मेर। हमने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया - राजे


राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में विभिन्न राजनीतिक दलों ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कर रहे हैं। शुक्रवार को मुख्ममंत्री वसुंधरा राजे ने बाड़मेर के शिव के भियाड़ गाँव में चुनावी सभा को संबोधित किया।



वसुंधरा ने कहा कांग्रेस के लोग हवा में चलते हैं, भाजपा के नेता छोटे से छोटे कार्यकर्ता को साथ लेकर चलते हैं। भाजपा में निचले स्तर का कार्यकर्ता भी शीर्ष नेता बन सकता है। कांग्रेस में यह संभव नहीं।

मतदान में सात दिन का समय बचा है। भाजपा की सरकार आपके सामने झुक के खड़ी है। यह सरकार राज करने के लिए नहीं बल्कि आपसी सेवा के लिए खड़ी है।

वसुंधरा ने कहा जब आपने यह सरकार हमें सौंपी थी तो प्रदेश बीमारू राज्य कहलात था। आज मैं कह सकती हूं कि राजस्थान बीमारू नहीं है। प्रदेश बहुत आगे बढ़ चुका है जिसके लिए हमें बहुत मेहनत करनी पड़ी।

बिजली विभाग पर 80 हजार करोड़ का कर्जा था। लेकिन सरकार ने गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का काम किया। सौभाग्य योजना के तहत हमने 2017 सितंबर से लेकर दिसंबर 2018 तक गरीब घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों के लिए पहली बार 5प्रदेश में किसानों के लिए पहली बार 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ किए गए।  वसुंधरा ने कहा कि हमने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

बाड़मेर। महज एक हादसा जिसे हमले का रूप देने का प्रयास :- कर्नल सोनाराम

बाड़मेर। महज एक हादसा जिसे हमले का रूप देने का प्रयास  :- कर्नल सोनाराम

बाड़मेर। बुधवार को बाड़मेर विधायक और प्रत्याशी मेवाराम जैन ने आरोप लगाया कि उनके काफिले पर कर्नल सोनाराम चौधरी ने अपने समर्थकों द्वारा हमला करवाया.



हालांकि मेवाराम जैन ने इस संबंध में सदर थाना में एक रिपोर्ट भी पेश की है. इस पूरे घटनाक्रम के बाद बाड़मेर जैसलमेर भाजपा के सांसद और बाड़मेर विधानसभा से कांग्रेस बीजेपी के प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी ने आज अपनी पहली प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा कि जो घटना कल विधायक मेवाराम जैन की तरफ से बताई जा रही है वो महज एक हादसा था और उसको हमले का रूप दिया गया है जो कि इस बात को दर्शाता है कि मेवाराम जैन बुरी तरीके से हार रहा है. हार की बौखलाहट के चलते इस तरीके से बातें कर रहा है.

इस वक्त विधानसभा चुनाव में मेरी अच्छी स्थिति है और मैं विधानसभा चुनाव जीत रहा हूं. मैंने अभी तक अपनी राजनीति में आठ चुनाव लड़े हैं कभी भी इस तरीके की कायराना हरकत नहीं की तो अब क्यों करूंगा. मैं यहां पर मुद्दों के साथ चुनाव लड़ रहा हूं.

बता दें मेवाराम जैन मगने की ढाणी में सभा करने के लिए जा रहे थे. इस दौरान उनके काफिले में चल रही गाड़ी में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ कर दी. इससे एक गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा है.

हालंकि घटना के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. पुलिस ने हमले की घटना से इंकार करते हुए कहा काफिले में चल रही गाड़ियां ही आपस मे भिड़ी हैं जिससे स्कोर्पियो गाड़ी को नुकसान हुआ है. हमले जैसी कोई बात नही है.

बुजुर्ग किसानों को पेंशन और बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए भत्ता - कांग्रेस का घोषणापत्र

बुजुर्ग किसानों को पेंशन और बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए भत्ता - कांग्रेस का घोषणापत्र

जयपुर. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'जन घोषणापत्र' नाम दिया है. प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष हरीश चौधरी ने घोषणा पत्र जारी किया.

घोषणा पत्र जारी करते हुए पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने बीजेपी के उस बयान का पलटवार किया जिसमें बीजेपी ने कहा था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो केंद्र और राज्य सरकार में खिंचाव होगा. पायलट ने कहा कि बीजेपी को आभास हो गया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. इसलिए बीजेपी ऐसी बयानबाजी कर रही है.

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किसानों को शामिल किया. सचिन पालयट ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हम किसानों का कर्जा माफ करेंगे, बुजुर्ग किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान लाएंगे, महिलाओं को निशुल्क शिक्षा देगें, कृषि यंत्रों को जीएसटी मुक्त करेंगे, साढ़े तीन हजार बेरोजगारी भत्ता देंगे, युवाओं को आसानी से ऋण उपलब्ध कराएंगे.

स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे है हम : चित्रा सिंह

स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे है हम-  चित्रा सिंह



झालावाड़. झालरापाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर पूर्व बीजेपी विधायक मानवेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुकाबले में उतरे हुए हैं. इस चुनाव में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी बराबर प्रचार में जुटी हुई हैं.

टिकट बंटवारे से पहले चित्रा सिंह के शिव या जैसलमेर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं थी. पर कांग्रसे ने मानवेन्द्र सिंह को झालावाड़ से चुनाव मैदान में उतार दिया. प्रचार की इस मुहिम के बीच चित्रा सिंह ने ईनाडू इंडिया के साथ खास बातचीत की और कई पहलुओं को सामने रखा.

मानवेन्द्र सिंह की हार को लेकर लगाये जा रहे कयासों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे नेता के सामने चुनाव लड़ने से प्रदेश की राजनीति में मानवेन्द्र सिंह का कद बढ़ेगा. इसको लेकर खुद मानवेन्द्र सिंह को भी गर्व है.


राजे के कारण छोड़ी भाजपा


चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने परेशान किया. उनके मुताबिक भ्रष्टाचार और तानाशाही ने परेशान किया. पर आलाकमान ने कोई सुनवाई नहीं की. दोनों के इस रुख को लेकर अब बाड़मेर की जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी जा रही है.

खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर चित्रा सिंह ने इसे कार्यकर्ताओं की मंशा से जुड़ा मुद्दा बताया और कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं को भी बराबर का मौका मिलना चाहिए.


2004 से ही टार्गेट पर था जसवंत सिंह परिवार


चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को वसुंधरा राजे ने 2004 से ही टार्गेट पर रखा था. वो उन्हें पसंद नहीं करती थी. इसलिए यह लड़ाई तब से शुरू हुई. हमारी लड़ाई हमेशा वसुंधरा राजे से रही कभी भाजपा के खिलाफ हमारी कोई लड़ाई नहीं रही. यह तो हमारे कार्यकर्ताओं का फैसला था इसलिए भाजपा छोड़ी और कांग्रेस का दामन थामा.










झालावाड़। तीस साल में रायपुर को उप तहसील नही बनवा सकी मुख्यमंत्री वसुंधरा,शिक्षा की कोई सुविधा नही* *लहसुन खरीद के नाम पर दलालों ने करोड़ो कूटे,किसानों का आरोप बाजार से खरीद सरकार को बेचा*

*झालावाड़। तीस साल में रायपुर को उप तहसील नही बनवा सकी मुख्यमंत्री वसुंधरा,शिक्षा की कोई सुविधा नही*

*लहसुन खरीद के नाम पर दलालों ने करोड़ो कूटे,किसानों का आरोप बाजार से खरीद सरकार को बेचा*

*झालावाड़  मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजपाठ में झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र के लोग मौत के आंसू पी रहे।विकास के नाम पर तीस सालों में लोगो को सिर्फ और बरगलाया।बिधानसभा का रायपुर क्षेत्र विकास को तरस रहे है तो किसान खून के आंसू रुओ रहे।।रायपुर के किसानों से बात की तो बताया कि हमे लहसुन खरीद के कूपन सरकार द्वारा जारी हुए।।कूपन जारी होने के बाद सत्ता के नजदीकी लोगो ने बाज़ार से लहसुन खरीद कर सरकार को तय दामों में बेच दिया।।नब्बे फीसदी किसानों के पास आज भी कूपन ज्यूँ के त्यों पड़े है।लहसुन खराब हो गई घर पड़े पड़े।।दलालों के सक्रिय होने से पांच से सात रुपये किलो लहडून बाजार से खरीद सरकार को पैंतीस रुपये के दामो में बेच करोड़ो का खेल कर दिया धरती पुत्र आज भी वहीं का वही है।फसल चौपट होने के साथ जिन्दगि भर का कर्ज बढ़ गया।यही हालत सोयाबीन की फसल के रहे।।मुख्यमंत्री और सांसद दोनो को किसानों ने अपनी पीड़ा बताई कोई मदद नही मिली।।किसानों के साथ साथ तीस सालों से रायपुर को उप तहसील बनाने के वादे वसुंधरा राजे किये जा रही है ।प्रदरेश कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपने ही विधानसभा क्षेत्र की रायपुर में उप तहसील नही खुलवा सकी।।क्षेत्र में आई टी आई,पोलोटेक्निक,गर्ल्स स्कूल,सहित शिक्षा की कोई व्यवस्था नही है।।हाई स्कूल विज्ञान संकाय में भौतिक और रसायन के व्याख्याता नही है।स्कूल प्रबंधक छात्राओं को टी सी भी नही दे रहे।ये  बारह लड़कियां विज्ञान संकाय में है ये चली गई तो फेकलिटी बन्द हो जाएगी।।रायपुर समस्याओं का घर बन चुका है कोई सुनवाई है नही।।लोगो मे आज भी सरकार के प्रति आक्रोश है। यह आक्रोश बम कब फुट जाए कह नही सकते।।

फलौदी का सट्टा बाजार : भाजपा की सीटें बढ़कर हुईं 62, कांग्रेस 122 पर पहुंची

फलौदी का सट्टा बाजार : भाजपा की सीटें बढ़कर हुईं 62, कांग्रेस 122 पर पहुंची

   
जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान यूं तो रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है. जोधपुर जिले का फलौदी कस्बा भी इसी में आता है. यूं तो फलौदी एक नमक उत्पादक कस्बे के रूप में भी पहचान रखता है, लेकिन इस छोटे कस्बे की बड़ी पहचान सट्टे के बाजार में खास अहमियत रखती है.

क्रिकेट की हर बॉल या रन, चुनाव के दौरान टिकट वितरण हो या जीत-हार, यहां तक बारिश पर भी यहां सट्टे के भाव खुलते हैं. पूरे देश में राजस्थान की चुनावी गणित जानने के लिए लोग फलौदी के सट्टेबाजों को सबसे भरोसेमंद माना जाता है. इसका कारण भी है यहां चुनाव के दौरान समय-समय पर भाव बदलते रहते हैं।

कैसे बदला भाव
सूत्रों के मुताबिक चुनाव के टिकट आने से पहले राजस्थान में सट्टा बाजार कांग्रेस को 150 सीटें दे रहा था. लेकिन फलौदी में 135-137 सीटों का बाजार खुला था. भाजपा को 48-49 सीटें बताई गई.
वहीं टिकट वितरण के बाद और 23 अक्टूबर तक नामांकन वापस लेने और प्रत्याशियों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह आंकड़ा और बदल गया. 28 अक्टूबर को जो नए भाव खुले उसमें कांग्रेस को प्रदेश में मिलने वाली सीटों का अनुमान 122 से 124 तक लगाया गया. इस बार भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी भी हुई. 50-52 सीटों का यह आंकड़ा बढकर 60 से 62 सीटों तक पहुंच गया.लेकिन सट्टेबाज सरकार कांग्रेस की मान रहे हैं. अभी सरकार को लेकर सौदे नहीं हो रहे हैं.

इससे जुड़े लोगों का कहना है कि तीन या चार दिसंबर तक प्रदेश में बड़े नेताओं की रैली के बाद नए भाव आएंगे. सूत्रों की माने तो अंतिम भाव मतदान होने के बाद यानी की 7 दिसंबर की रात को भी आने की संभावना है. इसके बाद ही सरकार बनाने के सौदे शुरू होंगे

झालावाड़ तीस साल में समाज को एक ब्लॉक अध्यक्ष नही दिया,आज खाना खिला रहे हो* *झालावाड़ के राजपूतो की मुख्यमंत्री को दो टूक*

*झालावाड़ तीस साल में समाज को एक ब्लॉक अध्यक्ष नही दिया,आज खाना खिला रहे हो*

*झालावाड़ के राजपूतो की मुख्यमंत्री को दो टूक*

*पार्टी नही छोड़ेंगे पर वोट समाज के उम्मीदवार को देंगे*

झालावाड़ की राजनीति में उबाल आ रहा है।।सबसे हॉट शीट पर पहली बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कांग्रेस के मानवेन्द्र सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही है।।जसोल परिवार को मिल रहे समर्थन से हिली मुख्यमंत्री ने बुधवार रात्रि छोटी कोठी में 30 साल में पहली बार झालावाड़ के राजपूतो को खाने पर बुलाया।।अमूम्मंन खास चलती वाले राजपूत इस खाने पे नही पहुंचे।।सूत्रों की माने तो सरपंच,पार्टी से जुड़े पदाधिकारी राजपूत इस खाने पे पहुंचे।।राजपूतो ने मेडम को खरी खरी सुना दी। राजपूतो ने स्पस्ट कहा कि तीस साल में पहली बार आपको राजपूतो की याद आई और खाने पे बुलाया।।आपने तीस साल में झालावाड़ के राजपूतो को क्या दिया।।पार्टी में एक ब्लॉक अध्यक्ष तक नही बनाया जिला अध्यक्ष तो दूर की बात।।राजपूतो के उलाहने यही समाप्त नही हुए।।उन्होंने झालावाड़ के राजपूतो की दुर्दशा के लिए भी मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए स्पस्ट कहा कि हम पार्टी नही छोड़ेंगे मगर इस बार वोट तो समाज के प्रत्यासी को ही देंगे।।कई राजपूत नेता बिना खाना खाएं भी लौटे।।वसुंधरा ने राजपूतो को आस्वस्त करते कहा कि मेरी गलती है लेकिन आगे ऐसा नही होगा। तब राजपूतो ने फिर कहा कि मानवेन्द्र नही आते तो न खाना खिलाती न ही पोस्ट मिलती ।।इसी तरह वसुंधरा राजे ने भाजपा से जुड़े ब्राह्मण समाज के मौजिज लोगो से भी गुरुवार सुबह बात की।।इधर मानवेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी चित्रा सिंह का ग्रामीण क्षेत्रो में जनसंपर्क जारी रहा।।

बुधवार, 28 नवंबर 2018

बाड़मेर। जानिए हमले के बाद क्या बोले कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन

बाड़मेर। जानिए हमले के बाद क्या बोले कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन

बाड़मेर। बाड़मेर विधासनसभा कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन पर बुधवार दोपहर 12 बजे चार वाहनों में सवार लोगों ने पीछा कर हमला कर दिया। हमले में विधायक मेवाराम जैन को चोट नहीं लगी। उनके दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। अचानक हुई वारदात के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है। अभी तक कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है।



यों हुई वारदात
प्रत्यक्षदॢशयों ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन मगने की ढाणी में प्रस्तावित सभा के लिए जा रहे थे। इतने में पीछे से चार वाहनों ने पीछा करना शुरू किया। फिर अवरेटक करते हुए वाहन को रुकवाने का प्रयास करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम के वाहन के आगे अचानक ब्रेक दिए। इतने में उनके ड्राईवर ने वाहन को बचा लिया। और अन्य तीन वाहन आपस में भिड़ गए। इस दौरान मेवाराम साथ भी कई समर्थक थे।


विधायक बोले- विपक्ष के लोगों ने करवाया हमला
विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि यह हरकत विपक्ष के लोगों ने करवाई है। उन्होंने कहा कि यह लोग मेरा पीछा कर रहे थे। इसकी सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन पुलिस इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव में आंशका है कि कुछ गड़बडी होगी। इसको लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी। यह हमला विपक्ष के प्रत्याशी के इशारे पर हुआ है।


आक्रोशित हुए समर्थक
घटनाक्रम की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। समर्थक बड़ी संख्या में वाहनों में सवार होकर मौके पर पहुंच गए। यहां उन्होंने आक्रोश जताते हुए तत्काल आरोपियों की गिरफ्तार करने की मांग की। पुलिस तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार कर सुरक्षा बढाई जाए।

बिग ब्रेकिंग :- बाड़मेर। कॉंग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन पर हमला

बिग ब्रेकिंग :- बाड़मेर। कॉंग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन पर हमला


बाड़मेर । बाड़मेर शहर से करीबन 23 किलोमीटर दूर मंगने की ढाणी के पास काँग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन पर हमले होने के समाचार मिल रहे है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हमले में जैन की गाड़ी तोड़फोड़ की गई जिसमें वाहन क्षतिग्रस्त हो गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर मांगने की ढाणी में एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस एवं प्रशासन मोके के लिए हुए रवाना । विस्तृत जानकारी आना शेष।

बीकानेर पश्चिम पर जीजा लगातार भारी पड़ रहे हैं साले

बीकानेर पश्चिम पर जीजा लगातार भारी पड़ रहे हैं साले पर



जयपुर. इस बार राजस्थान की चार सीटों पर परिवारिक जंग देखने को मिल रही है. इनमें से तीन सीटों पर यह जंग पहली बार होगा. लेकिन बीकानेर पश्चिम की सीट पर यह जंग पुरानी है. यहां पर जीजा और साले का मुकाबला पिछले दो चुनावों से चल रहा है. और इस जंग में जीजा लगातार साले पर भारी पड़ रहा है.

.


बीडी कल्ला यानि की बुलाकीदास कल्ला के रिश्ते में गोपाल कृष्ण जोशी जीजा लगते हैं. साल 2008से ये जीजा साले की जोड़ी सीधे तौर पर एक दूसरे के आमने सामने हैं. जहां जीजा बीजेपी से चुनाव जीत रहा है तो वहीं साला कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हार रहा है. यह स्थिति इस हालत तक भी पहुंची कि जीजा की जीत को देखते हुए कांग्रेस ने साले का टिकट तक काट दिया था. लेकिन फिर समर्थकों की नाराजगी को बाद कांग्रेस ने सूची में संशोधन कर फिर से साले को टिकट देकर जीजा के सामने खड़ा कर दिया.


साल 2008 में जब पहली बार यह जोड़ी मैदान में उतरी तो काफी चर्चा हुई. इस चुनाव में बीजेपी के गोपाल कृष्ण जोशी को 55 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. जोशी को 56572 वोट मिले जबकि कांग्रेस के बीडी कल्ला को 36 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. इन्हें 37711 वोट मिले. इस हिसाब से पहले ही चुनाव में जीजा ने साले को बड़ी शिकस्त दी.
साल 2013 की बात करें तो एक बार फिर ये दोनों मैदान में उतरे. इस बार भी जीजा ही साले पर भारी पड़ा. हालांकि इस बार बीजेपी के गोपाल कृष्ण जोशी के को पिछली बार के मुकाबले कम फीसदी वोट मिले. जोशी को 49 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. उन्हें 65129 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के बीडी कल्ला को पिछले बार से ज्यादा फीसदी मतदान मिले. उन्हें 44 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. इन्हें 58705 वोट मिले. लेकिन यह चुनाव भी साला हार गया. 
इस बार 2018 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर यह जीजा-साले की जोड़ी तीसरी बार आमने सामने है. आंकड़ों के हिसाब से जीजा ही अबतक साले पर भारी पड़ता नजर आया है. ऐसे में इस बार मतगणना के दिन बीकानेर पश्चिम की सीट के इस रोमांचक मुकाबले पर सबकी नजर रहेगी. 

मंगलवार, 27 नवंबर 2018

दिल्ली। रैंप पर दिव्यागों सहित हर वर्ग के लोगो ने दिखाया जलवा

दिल्ली। रैंप पर दिव्यागों सहित हर वर्ग के लोगो ने दिखाया जलवा

@छगनसिंह चौहान

दिल्ली। द्वारका स्थित पैरामाउंट स्कूल में नॉमिनेट पिक्चर्स की ओर से रविवार की शाम दिव्यांगों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे सजे- धजे परिधानों में दिव्यांगों के साथ हर उम्र के लोगो ने अपनी धमाकेदार परफार्मेंस दी।

ये अनूठा कार्यक्रम समाज कल्याण के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इस फैशन शो में खास बात यह भी थी कि दिव्यांग बच्चों के साथ - साथ हर उम्र के लोगों हिस्सा बने ओर रैंप पर मॉडल के साथ कैटवॉक कर अपना जलवा दिखाया। दिल्ली समेत देशभर से सेकड़ो की संख्या में आये लोग इस कार्यक्रम के साक्षी बने।

कार्यक्रम में स्वमान संस्था के दिव्यांग बच्चों ने आकर शानदार प्रस्तुति रैंप पर प्रस्तुत किया। लीमा के ताइक्वांडो की पूरी टीम ने महिला सुरक्षा पर आधारित बहुत ही शानदार प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में आदिशक्ति फाउंडेशन , द्वारका प्रोग्रेसिव क्लब , प्रेरणा दर्पण साहित्य एवं संस्कृतिक मचं का सहयोग रहा।

इस दौरान प्रसिद्ध मंच संचालिका और कवियित्री डॉ कीर्ति काले, भाजपा नेता  सूरजभान कटारिया, डॉ भगत चंद्रा, राश दादा राश, डॉ अतिराज सिंह, नरसिंह भाटी , ओमप्रकाश कल्याणे सहित आदिशक्ति फाउंडेशन से राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमति सुषमा पंवार, शोभा उपाध्याय, इंदु बाला बोयल, ज्योति चांडक , डॉ श्वेता श्रीवास्तव , नीलम सैनी, सुषमा यादव, मृदुला जी, सारिका सिंह , रिगिनी पांडे, करिश्मा सोनी, प्रीति शर्मा सहित कई  गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान श्री आदित्य प्रताप सिंह कलाकार एवम प्रोड्यूसर APS एंटरटेनमेंट अतिथि (संघ से द्वितीय वर्ष शिक्षित )  और रवि मान की आने वाली फिल्म पगलेआज़म के फर्स्ट लुक का प्रमोशन भी उनके शानदार कॉमेडी एक्ट के साथ संपन्न हुआ। यह एक शुद्ध कॉमेडी फिल्म है।



*बाडमेर विधानसभा क्षेत्र कड़े मुकाबले में फंसे कर्नल,मेवाराम अभी सुरक्षित नही*

*बाडमेर विधानसभा क्षेत्र कड़े मुकाबले में फंसे कर्नल,मेवाराम अभी सुरक्षित नही*

*बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार अपने वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कड़े मुकाबले में फंसे है तो अनुसूचित जाति मोर्चा के डॉ राहुल बामनिया ने दोनों के टेंशन पैदा कर दी।।कड़े मुकाबले में फंसे दोनो उम्मीदवारों के वोट बैंक खिसकते नजर आ रहे।।भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी क्षेत्र के जाट,दलित और रावणा राजपूत वोटों के गणित को पक्ष में रखकर टिकट ले आये थे।मगर शिव विधसनसबग क्षेत्र में कर्नल ने धन सिंह मौसेरी की उम्मीदवारी के साथ विश्वासघात कर खुमान सिंह को टिकट दिल दी। इसमें रावण राजपूत समाज के लोग नाराज हो गए।।कर्नल की शिव में दोगली राजनीति उनके समीकरणों को प्रभावित कर रही है। दलित वर्ग के वोट के लिए कर्नल ने राहुल बामनिया को उतारा जो अब उनके गले की फांस बन गया।। उनके परंपरागत जाट मतदाताओं में भी सेंध लगने की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता।

दलित मतदाताओं को उदाराम मेघवाल की इस अपील के बाद कि उनका राहुल बामनिया से कोई सरोकार नही के बाद दलितों का रुख राहुल बामनिया से मुड़ने लग गया।इधर दलित नेता रूपाराम धनदे दलितों से निरन्तर संपर्क में है ।भाजपा निरन्तर प्रयास कर रही है मगर शहरी क्षेत्र में अभी तक भाजपा अपने ढंग से प्रचार शुरू नही कर पाए जबकि काँग्रेस ने शहर में अच्छी खासी पकड़ बना ली है। भाजपा के पास वोट बैंक के नाम पर परंपरागत जैन,ब्राह्मण,और राजपूत है तीनो भाजपा से नाराज है।।कर्नल सोनाराम जीत का गणित तैयार जरूर कर रहे है मगर इस गणित में किस किस की भागीदारी होगी अभी तय नही है। भाजपा कांग्रेस के किसी बड़े नेता की कोई रैली अभी तक नही हुई। शहर में चुनावी रंगत नही है तो ग्रामीण इलाकों में अभी मान मन्नुवल का दौर चल रहा है। कांग्रेस के पास मूल ओबीसी का वोट बैंक सुरक्षित है फिर भी इसमे सेंध लग जाये तो कोई आश्चर्य नही।।धीरे धीरे चुनाव परवान चढ़ रहा है।।दोनो प्रत्यासी अभी रूठो को मनाने के साथ साथ गांवो में जनसंपर्क भी कर रहे। बाडमेर का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। इस वक़्त जीत का दम कोई प्रत्यासी भरने की स्थति में नही। आने वाले दिनों में मुकाबला रोचक होने की संभावना है जीत का अंतर बहुत कम रहने वाला है।।

*पोकरण योगी हिंदुत्व का रंग नही भर पाए थार की सद्भावना हावी रही,चौकीदार चोर छाया रहा*


*पोकरण योगी हिंदुत्व का रंग नही भर पाए थार की सद्भावना हावी रही,चौकीदार चोर छाया रहा*




पोकरण मेआयोजित भाजपा के आदित्यनाथ योगी और कांग्रेस के राहुल गांधी की दो बड़ी मीटिंगे आयोजित हुई। दोनो मीटिंगों की तुलना की जाए तो इस बार साफ लगा कि देष के सबसे बड़े साम्प्रदायिक सद्भावना के सबसे बड़े लोक देव बाबा राम देव की इस पावन धरा पर कट्टरता को कोई स्थान नही दिया। भाजपा द्वारा आदित्यनाथ योगी के जरिये क्षेत्र में हिंदूवाद को सांप्रदायिक रंग देने के प्रयास आमजन ने असफल कर करारा जवाब दे दिया । योगी की सभा मे भीड़ भले जुटी मगर सम्प्रदायिकता सद्भावना को बिगड़ने नही दिया यहां की जनता ने। योगी ने फिर राहुल गांधी के ब्राह्मण होने पर सवाल खड़े किए।।तो राहुल के गोत्र पर भी बात की।।योगी के भाषण में विकास कोई मुद्दा नही था,किसान का दर्द कोई मुद्दा नही था। भगवा की बाते की और चले गए।।इधर कांग्रेस की और से राहुल गांधी की सभा हुई।।राहुल गांधी ने किसान बाहुल्य क्षेत्र की नब्ज पहचानकर सरकार बनने पर किसानों के कर्जे दस दिन में माफ करने की घोषणा कर किसानों का दिल जीत लिया तो अपने चिरपरिचित अंदाज़ में युवाओ को चौकीदार चोर है का नारा लगाकर रिझाया।।राहुल ने नपे तुले शब्दो मे अपना भाषण दिया।युवाओ की बात की।।महिलाओ की भी बात की ।।तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को शेर बताते हुए उन्हें नसीहत भी दी।।सभा मे जुटी भीड़ साफ संकेत कर रही थी।भाजपा के धर्म और राजनीति के फार्मूले को जनता ने कहीं न कही नकार दिया।।योगी की सभा की चर्चा आम जन में ज्यादा नही हुई।।भाजपा प्रत्यासी स्वामी प्रतापपुरी का जादू क्षेत्र में कितना चलेगा यह वक़्त की बात है पर फील वक़्त पोकरण की जनता विकास को प्राथमिकता दे रही है। बनते बिगड़ते जातिगत समीकरणों के साथ पोकरण में जिस तरफ़ अनुसूचित जाति जनजाति के मत पड़ेंगे उसका पक्ष मजबूत होगा यह तय है।।बाकी यह स्पस्ट हो गया कि लोग धर्म आधारित राजनीति से तौबा करने लगे है।

रविवार, 25 नवंबर 2018

ब्रेकिंग: जेसलमेर। सुनीता भाटी समेत 28 कांग्रेसी नेता 6 साल के लिए बाहर

ब्रेकिंग: जेसलमेर। सुनीता भाटी समेत 28 कांग्रेसी नेता 6 साल के लिए बाहर

जेसलमेर। कांग्रेस ने रविवार को बागी बनकर उभरे अपने 28 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। राजस्थान कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी हुए आदेश में जेसलमेर की सुनीता भाटी समेत कई बड़े नाम शामिल हैं।

राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे की अनुमति पर जारी हुए आदेश में बताया गया है कि विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे कांग्रेसजनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया जाता है. इस सूची में 28 ऐसे नाम हैं जिन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर किया गया है।

ये कांग्रेसी नेताओं पार्टी से 6 साल तक निष्कासन

भीमराज भाटी, पूर्व विधायक संयम लोढ़ा, खुशवीर सिंह जोजावर, पूर्व मंत्री बाबू लाल नगर, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, पूर्व राज्यपाल कमल बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल, सीएल प्रेमी, रामकेश मीणा, सीएस बैद, ओम विश्नोई, राजकुमार गौड़, पृथ्वीपाल सिंह संधू, नवलकिशोर मीणा, नाथूराम सिनोदिया, जगन्नाथ बुरड़क, राजेश कुमावत, सुनीता भाटी, जगदीश चौधरी, रेशमा मीणा, गोपाल केसावत को पार्टी से निष्कासित किया गया है.

पूरी सुूची देखें



झालावाड़। राजे को विदाई देनी है : पायलट

झालावाड़। राजे को विदाई देनी है: पायलट


झालावाड़. राजस्थान विधानसभा के चुनावी रण की सबसे हॉट सीट झालरापाटन से कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह जसोल के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन करने पीसीसी चीफ सचिन पायलट रविवार को झालरापाटन पहुंचे। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के विजयी भव राजस्थान कैंपेन का शुभारंभ भी झालावाड़ से किया.



सचिन पायलट ने झालावाड़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है और सबसे दमदार मजा तब आएगा जब झालरापाटन सीट से विधायक के रुप में मानवेंद्र सिंह चुनकर विधानसभा में आएंगे.यह सब झालावाड़ के प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता की सहायता से ही संभव है. इसलिए इस बार के चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और वसुंधरा राजे यहां से विदाई देनी है.



वीडियो वायरल: जोधपुर। वोट मांगने आई वसुंधरा को एक वृद्ध ने दिया ओलभा , खरी खरी सुनाते हुए कहा- टाबर तो घरां बेरोजगार बैठ्या, काईं मुंह से वोट मांगबा आई हो

वीडियो वायरल: जोधपुर। वोट मांगने आई वसुंधरा को एक वृद्ध ने दिया ओलभा , खरी खरी सुनाते हुए कहा- टाबर तो घरां बेरोजगार बैठ्या, काईं मुंह से वोट मांगबा आई हो


जोधपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शनिवार को जोधपुर की सीटों पर प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार पर रहीं. इस दौरान भोपालगढ़ में उनकी सभा आयोजित हुई लेकिन वहां उन्हें एक महिला से खरी-खरी बातें भी सुननी पड़ीं।


वसुंधरा राजे ने सबसे पहले ओसियां में सभा संबोधित की ओर उसके बाद वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा भोपालगढ़ के रवाना हुईं. भोपालगढ़ में सभा खत्म करने के दौरान लौटते वक्त ग्रामीण क्षेत्रो की महिला ने मुख्यमंत्री पर कस कर तंज कसते हुए कहा कि बच्चे बेरोजगार घर बैठे हैं और आप अब क्यों वोट मांगने आई हो.



वीडियो जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र भोपालगढ़ से आया है. जहां मुख्यमंत्री बीजेपी से उम्मीदवार कमसा मेघवाल के समर्थन में आम सभा करने गयी थीं. सभा समाप्त करने के बाद जाते समय वसुंधरा राजे ने वहां मौजूद महिलाओं से हाथ मिलाया और अभिवादन स्वीकार किया. इसी बीच एक ग्रामीण महिला ने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया. मुख्यमंत्री ने बड़े सम्मान के साथ महिला का प्रस्ताव स्वीकार किया.

लेकिन इसके साथ ही महिला ने उनको अपने शब्दों से घेर ही लिया. हाथ मिलाने के दौरान महिला ने मुख्यमंत्री राजे को कह दिया कि घर के बच्चे पढ़े लिखे हैं और वो बेरोजगार घर पर ही बैठे हैं... क्या वोट दें आपको...महिला ने अपनी पीड़ा महिला मुख्यमंत्री के सामने रखी...एक पल के लिए राजे ने रूककर उनकी बात को सुना जरूर लेकिन हाथ हिलाते हुए वे आगे बढ़ गईं.

*पहली बार अविश्वास,भितरघात और जातिवाद से लबरेज होंगे चुनाव बाडमेर जेसलमेर के* *बाडमेर जेसलमेर की सभी सीटों पर विश्लेषण*








*पहली बार अविश्वास,भितरघात और जातिवाद से लबरेज होंगे चुनाव बाडमेर जेसलमेर के*

*बाडमेर जेसलमेर की सभी सीटों पर विश्लेषण*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक खास रिपोर्ट*

आगामी 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जैसलमेर की नो सीट पर पहली बार अविश्वास,जातिवाद,भितरघात, धार्मिक उन्माद,और सामाजिक बंटवारे पर आधारित होने वाला हुए चुनाव। मतदाता दोनों पार्टीयो से पांच पांच साल बाद ठगे जाते है।।इस बार भी खुले आम ठगे जा रहे। कोई प्रत्यासी विकास की बात नही कर रहा न किसी के पास चुनाव लड़ने का जनहित के कोई विजन है।।इस बार सब अपने अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए चुनाव लड़ रहे है।।सत्ता के संघर्ष में मतदाता कही गम हो गया।।सभी प्रत्यासी जातिगत समीकरणों के आधार पर मौजिज लोगो को पकड़ने में लगे है।।

*बाडमेर विधानसभा*

बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के मेवाराम जैन,भाजपा से कर्नल सोनाराम चौधरी, निर्दलीय डॉ राहुल बामनिया के बीच मुकाबला है।।तीनो अपने अपने विजन के लिए खड़े है।।मेवाराम जैन को जनता का नेता माना जाता रहा है।।वास्तविकता चुनाव आते आते सामने आ जाती है।।आज जिस तरह जनता के विधायक को एक एक वोटर को पक्ष में करने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे है।।वोट बैंक का मामला अब रहा नही।।लोग अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए कहीं भी जाकर समर्थन कर देता है।।कर्नल सोनाराम चौधरी जिद करके बाडमेर की टिकट लाये यह सब जानते है।।उनका विजन साफ है कि वो मेवाराम जैन को हराना चाहते है।।बाकी आम जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नही।जिला मुख्यालय की सीट है जो जीतेगा उसका ठरका रहेगा।।इन दोनों के बीच राहुल बामनिया को बलि का बकरा बना दिया।।बामनिया को अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चे ने अपना उम्मीदवार बनाया।।अब लोग सवाल उठा रहे मोर्चे के दो बड़े नेता हनुमान बेनिवल की पार्टी से टिकट लाये तो राहुल बामनिया को निर्दलीय खड़ा क्यों किया।।उनको बेनिवल की पार्टी से टिकट क्यों नही दिलाई।।राजनीति में थोड़ी बहुत समझ रखने वाले राहुल बामनिया की गणित को समझ गए होंगे मगर खुद बामनिया नही समझे।।

चूंकि कर्नल और बेनीवाल दोस्त है तो बेनिवल ने मुस्लिम प्रत्यासी उतारा बाडमेर से।।ताकि मेवाराम के मुस्लिम वोट काट सके दुर्भाग्य  से हयात खान ने नाम वापस ले लिया।।मेवाराम के दलित वोट काटने की रणनीति के तहत बामनिया को उतारा गया मगर बामनिया मोर्चे की सोच से कही ज्यादा ताकतवर उम्मीदवार निकले।।वो 5 से 7 हजार नही करीब 20 हजार से अधिक वोट लेने वाला उम्मीदवार है अब भाजपा के गले की फांस बन गया।।कर्नल के साथ भितरघात की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता।।ऐसा ही कुछ शिव क्षेत्र में हुआ।।जाट दलित गठबंधन कर हनुमान बेनीवाल ने पूर्व प्रधान को मैदान में उतारा।।उतारा तो कांग्रेस को हराना था मगर अब यहां पर उदाराम के कारण भाजपा प्रत्यासी तीसरे नम्बर पर चला गया।।कांग्रेस अपनी गणित के हिसाब से चुनाव लड़ रही।।इधर सबसे बडा संख्त चौहटन सीट पर है।।अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर दलित समाज तार तार हो जाएगा।।तीन मुख्य उम्मीदवार दलित है।।आर एल पी के उम्मीदवार सुरताराम की रैली ने सुर्खिया बंटोरी।।जाट दलित बड़ी तादाद में रैली में आये।।वोट कितने देंगे यह 11 को पता चलेगा।।सुरताराम के कारण भाजपा के आदूराम तीसरे नम्बर पर पहुंच गए। कांग्रेस के पदमाराम के पास दलित वोट के साथ बड़ी तादाद में मुस्लिम वोट है। जाट मत सुरताराम,आदूराम और पदमाराम में बंट जाएंगे दलित वोट की तरह। कौन किसपे विश्वास करे।।कर्नल सोनाराम ने आदूराम को टिकट का समर्थन इसी बात पर किया था कि आदूराम को चोहटन में कर्नल जाट वोट दिलाएंगे आदूराम कर्नल को दलित वोट बाडमेर में दिलाएंगे।।मगर सुरताराम ने गेम बिगाड़ दिया।।ऐसा कुछ बायतु में हुआ।हनुमान बेनिवल के सबसे ज्यादा समर्थक बायतु में है।उनके खास समर्थकों में कर्नल सोनाराम के पुत्र डॉ रमन चौधरी का भी नाम आता है जो मीटिंगों में अपील करते है कि बाडमेर में कर्नल साब और बाकी जगह हनुमान बेनिवल को जाट मजबूत करे।।इस जाट बाहुल्य सीट पर भाजपा के कैलाश चौधरी,कांग्रेस के हरीश चौधरी,आर एल पी के उम्मेदाराम मैदान में है।।बहुत मुश्किल गणित। तीनो दावेदार अन्य समाजो के वोट पर नजर गड़ाए है।हरीश चौधरी रूपाराम धनदे को ले आये मगर बेनिवल की पार्टी को दलित वोट दिलाने की जिम्मेदारी शिव प्रत्यासी उदाराम मेघवाल की ।।भाजपा अपने परंपरागत वोट के साथ बढ़त बनाये हुए है।मगर इतना तय है हर वोट पर नजर रहेगी।।भितरघात होगा किसके साथ होगा यह भविष्य के गर्भ में है।।यहां बी एस पी के किशोर सिंह कानोड़ भी मैदान में है उन्हें भी हल्का आंकना राजनीति विशेषग्यो की भूल होगी।।
 पचपदरा में भाजपा के अमराराम और कांग्रेस के मदन प्रजापत के राह में राजपूत अजित सिंह,सहित ब्राह्मण,और माली उम्मीदवार कांटे बिछा रहे है।।यहां जातिगत नाराजगी के चलते जातिगत उम्मीदवार खड़े है। सिवाणा में भाजपा के हमीर सिंह ,कांग्रेस के पंकज प्रताप और निर्दलीय बालाराम के बीच त्रिकोणीय संघर्ष साफ करता है कि जातिगत और सामाजिक रिश्ते प्रभावित हो रहे है।।

अब चलते है जजेसलमेर और पोकरण।।जेसलमेर में कांग्रेस के रूपाराम धनदे और भाजपा के सांग सिंह की सीधी लड़ाई है।।रूपाराम दलित,और ओबीसी मूल वोट के साथ सुरक्षित नजर आ रहे।मगर उन्हें मुस्लिम मत कितने मिलेंगे वही उनकी जीत हार तय करेगी ।फकीर परिवार और धनदे परिवार के बीच सम्बन्ध सबको पता है अविश्वास के बीच है।।सांग सिंह राजपूत वोट के साथ भाजपा के परंपरागत मत पर अपना हक बता रहे।।सांग सिंह पांच साल विधायकी कर चुके है तो सब उनके बारे में जानते है। उनकी भाषा फूहड़ रहती है।।यह उनके लिए नकारात्मक पहलू है।।अगर स्वाभिमान जगा दिया तो सांग सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है।।पिछली बार सांग सिंह का टिकट क्यों कटा मतदाता अतीत में जरूर जाएंगे।।पोकरण में विवेकानंद मॉडल स्वामी प्रतापपुरी और मुस्लिम धर्म के गुरु गाज़ी फकीर के पुत्र साले मोहम्मद उम्मीदवार है पोकरण से।।तो पोकरण में उनके मुकाबले शास्त्री की उपाधि प्राप्त स्वामी प्रतापपुरी को भाजपा ने मैदान में उतार दिया।।पोकरण मुस्लिम राजपूत बाहुल्य क्षेत्र है।।यहां हिन्दू कार्ड खेल भाजपा ने बाबा रामदेव की समोरदायिक सद्भभावना के मूल मंत्र को तहस नहस करने की शुरुआत की। बाबा रामदेव की धरती पर लाखों लोग विभिन धर्मो से आते है ।।पोकरण की पहचान ही बाबा रामदेव के कारण है ,परमाणु विस्फोट इसी पवित्र धरती पर भाजपा के प्रधानमंत्री ने किया।।यहां जातिगत समीकरण मुस्लिम जाट मूल ओबीसी,कांग्रेस राजपूत और स्वर्ण जातीय भाजपा की मॉनी जाती है।।दलित वोट यहां निर्णायक रहेंगे।।रूपाराम धनदे की दलित वोट पर पकड़ है वो फ़क़ीर परिवार को कितने वोट धार्मिक उन्मादत के बीच दिला पाते है।यह देखने की बात है। यहां भी धनदे और फ़क़ीर परिवार के बीच अविश्वास की डोर बीच मे है।।इस बार दोनो को एक दूसरे पे भरोसा करना होगा चाहे मजबूरी में करे।।दोनो के लिए कांग्रेस में अंतिम मौका साबित हो सकता है। फकीर परिवार की सल्तनत को प्रतापपुरी वैसे चुनोती दे चुके है।।पोकरण के लोग भगवे में कितने रंगते है यह देखने की बात है।प्रतापपुरी के पास खोने को कुछ नही है।मगर उन्होंने खतरनाक मंशा पाल ली।।राज्य का मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख लिया।।जिन जिन ने वसुन्धरा राजे के रहते मुख्यमंत्री बनना तो दूर सपने में भी सोचा उनके क्या हश्र हुए सबके सामने है। खैर क्षेत्र में राजनीति में बड़ा बदलाव आया।।भाईचारा और सौहार्द की जगह अविश्वास और धोखे ने ले लिया।।