स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे है हम- चित्रा सिंह
झालावाड़. झालरापाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर पूर्व बीजेपी विधायक मानवेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुकाबले में उतरे हुए हैं. इस चुनाव में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी बराबर प्रचार में जुटी हुई हैं.
टिकट बंटवारे से पहले चित्रा सिंह के शिव या जैसलमेर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं थी. पर कांग्रसे ने मानवेन्द्र सिंह को झालावाड़ से चुनाव मैदान में उतार दिया. प्रचार की इस मुहिम के बीच चित्रा सिंह ने ईनाडू इंडिया के साथ खास बातचीत की और कई पहलुओं को सामने रखा.
मानवेन्द्र सिंह की हार को लेकर लगाये जा रहे कयासों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे नेता के सामने चुनाव लड़ने से प्रदेश की राजनीति में मानवेन्द्र सिंह का कद बढ़ेगा. इसको लेकर खुद मानवेन्द्र सिंह को भी गर्व है.
राजे के कारण छोड़ी भाजपा
चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने परेशान किया. उनके मुताबिक भ्रष्टाचार और तानाशाही ने परेशान किया. पर आलाकमान ने कोई सुनवाई नहीं की. दोनों के इस रुख को लेकर अब बाड़मेर की जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी जा रही है.
खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर चित्रा सिंह ने इसे कार्यकर्ताओं की मंशा से जुड़ा मुद्दा बताया और कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं को भी बराबर का मौका मिलना चाहिए.
2004 से ही टार्गेट पर था जसवंत सिंह परिवार
चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को वसुंधरा राजे ने 2004 से ही टार्गेट पर रखा था. वो उन्हें पसंद नहीं करती थी. इसलिए यह लड़ाई तब से शुरू हुई. हमारी लड़ाई हमेशा वसुंधरा राजे से रही कभी भाजपा के खिलाफ हमारी कोई लड़ाई नहीं रही. यह तो हमारे कार्यकर्ताओं का फैसला था इसलिए भाजपा छोड़ी और कांग्रेस का दामन थामा.
झालावाड़. झालरापाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर पूर्व बीजेपी विधायक मानवेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुकाबले में उतरे हुए हैं. इस चुनाव में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी बराबर प्रचार में जुटी हुई हैं.
टिकट बंटवारे से पहले चित्रा सिंह के शिव या जैसलमेर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं थी. पर कांग्रसे ने मानवेन्द्र सिंह को झालावाड़ से चुनाव मैदान में उतार दिया. प्रचार की इस मुहिम के बीच चित्रा सिंह ने ईनाडू इंडिया के साथ खास बातचीत की और कई पहलुओं को सामने रखा.
मानवेन्द्र सिंह की हार को लेकर लगाये जा रहे कयासों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे नेता के सामने चुनाव लड़ने से प्रदेश की राजनीति में मानवेन्द्र सिंह का कद बढ़ेगा. इसको लेकर खुद मानवेन्द्र सिंह को भी गर्व है.
राजे के कारण छोड़ी भाजपा
चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने परेशान किया. उनके मुताबिक भ्रष्टाचार और तानाशाही ने परेशान किया. पर आलाकमान ने कोई सुनवाई नहीं की. दोनों के इस रुख को लेकर अब बाड़मेर की जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी जा रही है.
खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर चित्रा सिंह ने इसे कार्यकर्ताओं की मंशा से जुड़ा मुद्दा बताया और कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं को भी बराबर का मौका मिलना चाहिए.
2004 से ही टार्गेट पर था जसवंत सिंह परिवार
चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को वसुंधरा राजे ने 2004 से ही टार्गेट पर रखा था. वो उन्हें पसंद नहीं करती थी. इसलिए यह लड़ाई तब से शुरू हुई. हमारी लड़ाई हमेशा वसुंधरा राजे से रही कभी भाजपा के खिलाफ हमारी कोई लड़ाई नहीं रही. यह तो हमारे कार्यकर्ताओं का फैसला था इसलिए भाजपा छोड़ी और कांग्रेस का दामन थामा.
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