शनिवार, 12 मार्च 2011

बेटियों की होगी ढूंढ, बजेगी थाली


बेटियों की होगी ढूंढ, बजेगी थाली 

बाड़मेर। बेटियों के प्रति लगाव बढ़ाने एवं बेटे-बेटी के फर्क को दूर करने के उद्देश्य से इस बार चिकित्सा विभाग के मार्फत जिला प्रशासन बेटियों का ढूंढ संस्कार करवाएगा। बेटी के जन्म पर प्रशासन की ओर से परिवार को बधाई दी जाएगी और यथा संभव बेटी के जन्म पर भी थाली बजाई जाएगी।
 जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि बेटे बेटी में भेद खत्म करना और कन्याभ्रूण के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है। सीमावर्ती जिले में लिंगानुपात की स्थिति में काफी अंतर है। इसके लिए जरूरी है कि इस भेद को खत्म करने का माहौल तैयार किया जाए। इसके लिए अब इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें बेटी के जन्म की खुशियां परिवार और समाज में सामने आए। इसकी शुरूआत होली से की जाएगी।  होली पर बेटों की ढूंढ का कार्यक्रम होता है।
बेटियों के लिए यह उत्सव नहीं मनाया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अघिकारी को निर्देश दिए है कि होली पर सामूहिक ढूंढ का उत्सव रखा जाए। इसमें बाड़मेर शहर मे इस वर्ष में जन्म लेने वाली बेटियों को आमंत्रित किया जाएगा। स्वास्थ्य भवन में होने वाले इस कार्यक्रम में बेटियों की ढूंढ की रस्म की जाएगी। साथ ही संदेश दिया जाएगा कि बेटे बेटी में फर्क नहीं रखा जाए।
बधाई देने की योजना तय करेंगे
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के चिकित्सा प्रभारियों को ऎसे कार्ड दिए जाएंगे जिसमें बेटी के जन्म पर संबंघित को बधाई दी जाए। जिला कलक्टर, जिला प्रमुख, नगरपालिका अध्यक्ष सहित अन्य की तरफ से मिलने वाली इस बधाई से बेटी का जन्म होने पर भी परिवार में एक माहौल तैयार होगा।

शुक्रवार, 11 मार्च 2011

सरहद की सैन्य गतिविधियों से रूबरू होंगे राजस्थान के स्काउट्स


 सरहद की सैन्य गतिविधियों से रूबरू होंगे राजस्थान के स्काउट्स
शनिरवि को सीसुब के साथ बाँटेंगे अनुभव
जैसलमेर, देश की सीमाओं के अवलोकन और सीमा सुरक्षा बल के जवानों की जीवनशैली और कर्मयोग से रूबरू होने के लिए राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से शताधिक स्काउट्स शुक्रवार को जैसलमेर पहुंचे।
राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड के राजस्थान सहायक राज्य सचिव श्री आर. एस. कसेरा ने बताया कि भारत के स्काउट गाइड के इतिहास में अपनी तरह का यह पहला और अनूठा कार्यक्रम राज्य के मुख्य आयुक्त श्री निरंजन आर्य की पहल पर सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से हो रहा है।
देश में अपनी तरह की इस पहली बहुद्देशीय भ्रमण यात्रा के पहले दौर में इन सभी स्काउट्स ने शुक्रवार को जैसलमेर का सौन्दर्य निहारा। शनिवार और रविवार को ये सभी सरहदों पर रहेंगे। इन दोनों दिनों में ये युवा स्काउट्स शुक्रवार और शनिवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ सीमाओं पर रहेंगे और भारतपाक सीमा आउट पोस्ट का आवासीय भ्रमण करेंगे।
वाह क्या खूब है जैसलमेर
शुक्रवार को इन सभी स्काउट्स ने राज्य स्तर से नियुक्त शिविर निदेशक सहायक राज्य सचिव आर. एस. कसेरा के नेतृत्व में शहर भ्रमण के अन्तर्गत स्वर्ण नगरी जैसलमेर में ऐतिहासिक एवं कलात्मक शिल्प स्थापत्य और पुरातन दर्शनीय स्थलों का अवलोकन किया। इनमें पटवा हवेली, नथमल हवेली, सोनार किला, ग़ीसर तालाब आदि के अप्रतिम कलात्मक सौन्दर्य की झलक पाकर तथा इन ऐतिहासिक धरोहरों की कीर्तिगाथाओं को सुन बेहद अभिभूत हुए। ख़ासकर स्वर्णनगरी का पीत सौन्दर्य और सूक्ष्म कला सौन्दर्य इन स्काउट्स को खूब भाया।
दल के सदस्यों को शिविरसंचालक सहायक राज्य संगठन आयुक्त जोधपुर श्री महेन्द्र सिंह राठौड़ एवं सहायक संचालक सर्कल आर्गेनाईजर (स्काउट) जैसलमेर जसवन्त सिंह राजपुरोहित तथा सहयोगियों सर्वश्री मुकेश हर्ष व चाँद मोहम्मद ने जैसलमेर की संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व और कलासाहित्य आदि के बारे में परिचित कराया।
मुख्यमंत्री ने रवाना किया स्काउट्स दलों को
जैसलमेर आए स्काउट्स दल को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने आवास से गुरुवार को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
राजस्थान भर से आए हैं स्काउट्स प्रतिनिधि
जैसलमेर भ्रमण तथा सरहदी इलाकों में जवानों के साथ दौरे के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से एक सौ दो स्काउट्स यहां आए हुए हैं। इनमें अजमेर से 14, भरतपुर से 11, बीकानेर से 15, जयपुर से 21, जोधपुर से 10, कोटा से 16 व उदयपुर से 11 स्काउट्स को मिलाकर कुल सातों सम्भागों से इनसे संबंधित जिलों के 102 सम्भागी जैसलमेर आए हैं।

टी55 टैंक की विदाई एवं एम.बी.टी. अर्जुन का आगमन होगा


जैसलमेर में 75 कवचित रेजीमेंट में शनिवार को भव्य समारोह,
टी55 टैंक की विदाई एवं एम.बी.टी. अर्जुन का आगमन होगा
जैसलमेर, 11 मार्च/रक्षा मंत्रालय की 75 कवचित रेजीमेंट में 12 मार्च, शनिवार को प्रातः 9.30 बजे भव्य समारोह का आयोजन होगा। इसमें सेना के टैंक55 की विदाई होगी तथा एम.बी.डी. अर्जुन का आगमन होगा। समारोह के मुख्य अतिथि सेना की दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल श्री ए.के. सिंह होंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारीगण एवं रेजीमेंट के पुराने सैनिक भी उपस्थित रहेंगे।
बारह मार्च को हुई थी रेजिमेंट की स्थापना
जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) जोधपुर ले. कर्नल श्री एस.डी. गोस्वामी के अनुसार सेना की 75 कवचित रेजिमेंट अपनी तरह की बेहतरीन कवचित रेजिमेंट है जिसकी नींव 12 मार्च 1972 को तीन स्क्वाड्रनों को मिलाकर रखी गई। इन तीनों स्क्वाड्रनों ने सन 1971 के युद्ध में भाग लिया और अद्वितीय साहस का परिचय दिया। इसके लिए रेजिमेंट को राष्ट्रपति द्वारा ॔सिंध’ युद्ध सम्मान से नवाज़ा गया। रेजिमेंट ने अपनी शुरूआत से लेकर अब तक कई सैन्य अभ्यासों एवं सैन्य कार्यवाहियों में शानदार प्रदर्शन किया और जरूरत पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा और सिविल प्रशासन की ब़चढ़ कर मदद की।

बाड़मेर अस्पताल से गायब हुआ ‘दलित’


बाड़मेर अस्पताल से गायब हुआ ‘दलित’
देर रात तीन बजे गायब हुआ, सिणधरी थाने में प्रताडऩा का मामला
ये है मामला
सिणधरी निवासी जबरनाथ जोगी को सिणधरी थाने में छह दिन तक पुलिस ने जबरन बंधक बना कर रखा था। इस दौरान उसकी पिटाई करने के साथ शराब और पेशाब पिलाई गई। हालत बिगडऩे के बाद उसे छोड़ दिया गया। परिवार के सदस्य उसे लेकर राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर पहुंचे। जहां जांच के बाद मेल सर्जिकल वार्ड के बेड नंबर 5 पर उसे भर्ती किया गया।
शक की सुई पुलिस पर
 
जबरनाथ को उपचार के दौरान अचानक हॉस्पीटल से गायब करने का शक पुलिस पर है। मेल सर्जिकल वार्ड में ड्यूटी कर रहे मेल नर्स धनसिंह ने बताया कि बुधवार को टिकट पर्ची संख्या ५०३ पर जबरनाथ को भर्ती किया गया। रात्रि दो बजे तक उसका उपचार चल रहा था। लेकिन रात्रि तीन बजे के बाद वो अचानक गायब हो गया।
बाड़मेर 
राजकीय अस्पताल के बेड नंबर ५ पर भर्ती एवं पुलिस यातना से पीडि़त दलित जबरनाथ कालबेलिया गुरुवार तड़के यकायक गायब हो गया। लेकिन वो कहां गया और उसे कौन ले गए इस बारे में न तो अस्पताल प्रशासन को जानकारी है और न ही पुलिस को। यहां तक की वार्ड इंचार्ज तक को उसके गायब होने की भनक नहीं लगी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने देर रात ही थानेदार व दो कांस्टेबल को निलंबित करने के साथ पीडि़त के परिवार और जातीय पंचो से मिलकर मामले की जानकारी ली। दलित समाज के नेताओं ने घटना पर रोष जताते हुए पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है।

 मामले की जानकारी मिली है लेकिन किसने और क्यों ऐसा किया इसकी जानकारी नहीं है। कई बार मरीज स्वयं भी बिना बताए चले जाते हैं। संभवतया इस मामले में भी ऐसा हुआ है।

अ ार.के. माहेश्वरी, पीएमओ


 पुलिस और पीडि़त में राजीनामा चल रहा है। उसे पुलिस ने अस्पताल से नहीं उठाया बल्कि उनमें राजीनामा होने के बाद वह स्वयं ही चला गया होगा। मैंने सुबह जानकारी ली तो वो अस्पताल में नहीं था।’

संत ोष चालके, जिला पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर


 ‘ यह सीधा मानवाधिकार हनन का मामला है। इस मामले में एसपी को निर्देश दिए गए है कि वे स्वयं पूरे मामले की तहकीकात करें। जहां तक सवाल मरीज के अस्पताल से गायब होने का है, निश्चित ही गंभीर मामला है। पीएमओ से इस बारे में जवाब मांगा है। रोगी को तलाशने के भी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे हकीकत सामने आ सके।

गौर व गोयल, जिला कलेक्टर, बाड़मे



गुरुवार, 10 मार्च 2011

हजारों पाकिस्तानी हिंदू खटखटा रहे हैं भारत का दरवाजा

पाकिस्‍तान में एक मंदिर का वजूद मिटने वाला है। एक निजी कंपनी ग्रेनाइट निकालने के लिए खुदाई कर रही है, जिसके लिए वह मंदिर का वजूद मिटा रही है। लोगों के तमाम विरोध के बावजूद मंदिर बचने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।यह मंदिर पाकिस्‍तान के दक्षिण में स्थित सिंध प्रांत के चोरयो में है। स्‍थानीय मीडिया ने खबर दी है कि पहाड़ी पर बसे इस मंदिर के पास खुदाई की तैयारी पूरी हो गई है।हर साल शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में दर्शन के लिए नेपाल और भारत के हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस साल इन श्रद्धालुओं को भी निराशा हाथ लगी। स्‍थानीय लोग खुदाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर गए हैं। पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।पाकिस्तान में वैसे भी हिंदुओं की कोई सुनने वाला नहीं है। उन पर काफी अत्‍याचार होता रहा है। देश में हिंदुओं की आबादी करीब दो फीसदी है। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के साथ बहुसंख्यक अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं। कई हिंदू परिवारों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ने और मंदिर को तोड़े जाने के फरमान जारी होते रहते हैं। पेशावर जैसे कई शहरों में ऐसे फरमान जारी हो चुके हैं। हिंदु लड़कियों का अपहरण करके उनके साथ जबर्दस्ती शादी करने और धर्म परिवर्तन की कई घटनाएं हो चुकी हैं। यही वजह है कि १९४८ में पाकिस्तान में जहां हिंदुओं की आबादी करीब १८ फीसदी थी, वही अब घटकर करीब दो फीसदी हो गई है।पाकिस्तान में तालिबानी कट्टरपंथी भी पिछले कुछ सालों से हिंदू परिवारों पर कहर बरपा रहे हैं। हिंदू परिवार की लड़कियों का अपहरण और उनका जबरन धर्म परिवर्तन अब आम बात हो गई है। सरकारी तंत्र ने भी कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।हजारों हिंदू खटखटा रहे हैं भारत का दरवाजा 
एक आकलन के मुताबिक पिछले छह वर्षो में पाकिस्तान के करीब पांच हजार परिवार भारत पहुंच चुके हैं। इनमें से अधिकतर सिंध प्रांत के चावल निर्यातक हैं, जो अपना लाखों का कारोबार छोड़कर भारत पहुंचे हैं, ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रह सकें।2006 में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। हफ्ते में एक बार चलनी वाली यह ट्रेन कराची से चलती है भारत में बाड़मेर के मुनाबाओ बॉर्डर से दाखिल होकर जोधपुर तक जाती है। पहले साल में 392 हिंदू इस ट्रेन के जरिए भारत आए। 2007 में यह आंकड़ा बढ़कर 880 हो गया। पिछले साल कुल 1240 पाकिस्तानी हिंदू भारत जबकि इस साल अगस्त तक एक हजार लोग भारत आए और वापस नहीं गए हैं। वह इस उम्मीद में यहां रह रहे हैं कि शायद उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाए, इसलिए वह लगातार अपने वीजा की मियाद बढ़ा रहे हैं।


एयरफोर्स की मोटरसाईकिल रैली अमनचैन का पैगाम लेकर निकली चार राज्यों की यात्रा पर


एयरफोर्स की मोटरसाईकिल रैली अमनचैन का पैगाम लेकर निकली चार राज्यों की यात्रा पर
जैसलमेर, /आत्मीयता, शांति और संगठन जैसे आदर्शों का पैगाम देने भारतीय वायु सेना के आठ सदस्यों की मोटरसाईकिल रैली जैसलमेर से शुरू हुई। इसका नेतृत्व सार्जेन्ट श्री ए.के. बाजपेयी कर रहे हैं।
जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन में आयोजित समारोह में वायु सेना के ग्रुप कैप्टेन श्री राजीव रंजन ने झण्डी दिखाकर इस मोटरसाईकिल रैली को रवाना किया। यह रैली तीस मार्च तक अपने बाईस दिवसीय दौरे में चार राज्यों का भ्रमण करेगी। इस दौरान यह दल इन प्रदेशों में स्कूलकॉलेजों, एनसीसी इकाइयों, सामाजिक संस्थानों और वायु सेना यूनिट्स में अपना संदेश पहुंचाएगा।

आंकड़े गलत तो मैं इस्तीफा दूं, नहीं तो कर्नल दे : हेमाराम चौधरी

सैनिकों और युद्ध शहीदों को अच्छा पैकेज दे रही है सरकार, सैनिकों के मामले में हंगामा होता देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को करना पड़ा हस्तक्षेप

जयपुर। बाड़मेर के पारंपरिक प्रतिस्पर्धी दो कांग्रेसी जाट नेताओं सैनिक कल्याण मंत्री हेमाराम चौधरी और बायतु विधायक कर्नल सोनाराम गुरुवार को विधानसभा में गैलेंटरी अवार्ड विजेता सैनिकों और शहीदों के परिजनों को पैकेज के मामले में उलझ गए। हेमाराम चौधरी ने कर्नल को यह तक चुनौती भी दे दी कि यदि सवाल के जवाब में दिए आंकड़े गलत बताए हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे, नहीं तो कर्नल त्याग पत्र दे।

भाजपा के अशोक परनामी की ओर से राज्य के गैलेंटरी अवार्ड विजेता सैनिकों को दी जा रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी मांगी थी। इसे लेकर विपक्षी सदस्यों ने भी कई सवाल दागे। सैनिक कल्याण मंत्री इसका जवाब दे रहे थे, लेकिन इस बीच हंगामा हो गया। हंगामे के बीच ही कर्नल सोनाराम ने मंत्री के जवाब को यह कहते हुए गलत करार दिया था कि 1994 के बाद मेडल प्राप्त सैनिकों को नहर के पास जमीनें नहीं दी गई है। उन्होंने सुविधाओं को कम बताया। भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ कर्नल के समर्थन में बोलने लगे तो कर्नल को जोश आ गया और वे मंत्री के खिलाफ बार बार बोलने लगे। इस पर कांग्रेस के रघु शर्मा ने उन्हें हर बार बैठा दिया।

सैनिकों के मामले में हंगामा होता देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार सैनिकों को सुविधाओं के मामले में गंभीर है। चाहे वह मेडल प्राप्त सैनिकों का मामला हो या शहीदों का। उन्होंने कहा कि कारगिल के युद्ध में शहीदों के परिजनों को राजस्थान में आकर्षक पैकेज दिया गया है। शहीदों के नाम से स्कूलों का नामकरण किया गया है। सामाजिक परिवेश में शहीदों के माता पिताओं का भी ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि इनके बच्चों के लिए नौकरी का भी प्रावधान रखा है।

थाने मेंऔर पिटाई के साथ शराब और पेशाब पिलाया


रिश्वत नहीं दी तो थाने में दलित को बेरहमी से पीटा, तीन निलंबित

और पिटाई के साथ शराब और पेशाब पिलाया?


बाड़मेर . सिणधरी के एक कालबेलिया परिवार में पुलिस के डर से सदमे में है। इस परिवार के एक सदस्य का आरोप है कि उसे सिणधरी थाना पुलिस ने न सिर्फ बेहरमी से पीटा गया बल्कि थाने में बैठाए रखने के दौरान उससे र्दुव्‍यवहार भी किया। घटना को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर एसपी ने सिणधरी थानाधिकारी मूलाराम व दो कांस्टेबलों को जांच होने तक निलंबित कर दिया है।

दलित जाति के सिणधरी निवासी जबरनाथ ने बताया कि उसे 2 मार्च को चोरी का कथित आरोपी बताते हुए पुलिस ने बिना कागजों में गिरफ्तारी दिखाए थाने में छह दिन तक बंधक बनाए रखा। 8 मार्च तक उसे पुलिस के जवान थाने में बेहरमी से पीटते बाद में निदरेष मानते हुए पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पुलिस की यातनाओं से जबरनाथ की तबीयत बिगडने पर परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर आए। जहां उपचार चल रहा है।

रिश्वत नहीं दी तो किया गिरफ्तार:
 

जबरनाथ ने बताया कि दो कांस्टेबलों ने 15 हजार रुपए की रिश्वत के पूरे रुपए नहीं देने पर उसे झूठे मामले में फंसाया है। मांगी। उसने पांच हजार रुपए दे दिए। शेष राशि नहीं चुकाने पर कांस्टेबल आए दिन उसे परेशान करते थे। 1 मार्च को पुलिस ने उसे झूठे मामले पकड़ कर ले गई।
सिणधरी थानाधिकारी
मूलाराम  से सवाल
क्या जबरनाथ को थाने में बंधक बना कर रखा गया?
थानाधिकारी : हां उसे चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए थाने लाए थे। बंधक नहीं बनाया।
तो फिर कागजों में इसे दर्ज क्यों नहीं किया?
थानाधिकारी : जरूरत नहीं समझी और पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
जबरनाथ पर शक करने का आधार क्या था?
थानाधिकारी : वो तो एक पागी (पैरों के निशान देखकर पहचान करने वाले) को दिखाया था। उसने उसके पैर होने की बात कही।

तो क्या पुलिस के पास पागी होते हैं और रिकॉर्ड में ये बात दर्ज होती है?

थानाधिकारी : ऐसे कोई सरकारी पागी तो नहीं होते। न ही जांच में इसे माना जाता है लेकिन ऐसे ही पैर दिखा दिए थे।

लेकिन पीड़ित का आरोप है कि उसे 6 दिन थाने में रखा और पिटाई के साथ शराब और पेशाब पिलाया?

थानाधिकारी : आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आप जरा हमारा ध्यान रखना।

बुधवार, 9 मार्च 2011

आयकर : 3.15 करोड़ के अघोषित आय का उजागर


आय से कम कर देनेवाले व्यवसायी पर आयकर विभाग की नजर

बाड़मेर । आय से अधिक संपत्ति की जानकारी मिलने पर आयकर विभाग ने जोधपुर स्थित एक बीड़ी व्यवसायी तथा बाड़मेर में 3 ज्वैलर्स के यहां सर्वे करने के बाद बुधवार को 3.15 करोड़ की अघोषित आय उजागर की है। इससे विभाग को 94 लाख 50 हजार रुपए का कर राजस्व प्राप्त हुआ है।

आयकर आयुक्त बीपी जैन ने बताया कि आय से कम कर जमा कराने वाले व्यवसाइयों के ठिकानों पर सर्वे करने के निर्देश दिए थे। जिस पर अपर आयकर आयुक्त एमएन मौर्य के नेतृत्व में चार दलों ने जोधपुर व बाड़मेर में मंगलवार को सर्वे शुरू किया।

उन्होंने कहा कि बाड़मेर के ज्वैलर्स के यहां 1.30 करोड़, 1.10 करोड़ और 0.30 करोड़ की अघोषित आय उजागर हुई, जबकि जोधपुर स्थित बीड़ी व्यवसायी के यहां 0.45 करोड़ की अघोषित आय उजागर हुई। जैन ने बताया कि अपर आयकर आयुक्त एमएन मौर्य के ही नेतृत्व में बुधवार अपराह्न से सुमेरपुर में सीमेंट व सिरेमिक्स के व्यावसाइयों के 3 ठिकानों पर आयकर सर्वे किया जा रहा है। 

Never been to school; commentary comes to the rescue


Never been to school; commentary comes to the rescue

A cricket fan from a border village in Barmer is attracting a fan following with his British-accented commentary for village cricket matches.
If you don't find anything out of the ordinary in this match, take a peek into the commentator's box. In the sand dunes sits Rabu Khan, who hasn't been anywhere near Oxford, but that has not stopped him from getting the accent right.
So just how did he learn it?
 A cricket fan from a border village in Barmer is attracting a fan following with his British-accented commentary for village cricket matches.
If you don't find anything out of the ordinary in this match, take a peek into the commentator's box. In the sand dunes sits Rabu Khan, who hasn't been anywhere near Oxford, but that has not stopped him from getting the accent right.
So just how did he learn it?
"I would quietly sneak out with the radio and go to the sand dunes with the sheep and camels where I listened to the commentary on the radio and learnt it, " says Rabu Khan.
When this twenty year old cricket buff is not playing cricket, he's on the job grazing his camel or ploughing the fields with his radio. Rabu Khan loves the commentator's microphone as much as he loves his camel. And he's got everything going for him. His facts are straight , he's tuned into his surroundings, and he even knows what to call Joginder Sharma.
But for all that cricket wisdom, Khan can't even spell school.
"I never went to school and I can't even write my name, " he says.
But Khan's fans don't really care.
Arshad Khan, one of Rabu Khan's fan from Sawa village in Barmer says, "I hope he gets a chance to do commentary on the big stage."
Though Khan is partial to the Queens language, he isn't bad with Urdu either.
Move over Ian Chappells and Ravi Shastris of the world, the desert's own Rabu Khan's all set to take over the commentators' box.


राजस्थान बजट 2011: खुला गहलोत का पिटारा

 राजस्थान का बजट 2011 मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय देख रहे अशोक गहलोत ने बुधवार सुबह जैसे ही पढ़ना शुरू किया तो इसके साथ ही यह तय हो गया कि इस बार की पिछड़ों, गरीब तबकों, अल्पसंख्यकों के लिए काफी कुछ लेकर आया है।  हालांकि इन योजनाओं का असर प्रदेश पर कितना होगा, यह आंकड़ें और योजनाओं का आकार तय नहीं कर सकता। लेकिन ये तय है कि शिक्षा, पानी और ऊर्जा प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से है।

बजट के मुख्य अंश:
ऊर्जा उत्पादन के लिए 12 हजार 600 करोड़ रुपए की योजना।

पंचायती राज को मजबूत किया जाएगा।

4 हजार करोड़ रुपए सड़कों के लिए दिए जाएंगे।

65 हजार किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे।

रेलवे लाइन के निर्माण पर जोर।

जल का बेहतर प्रबंधन होगा। राजस्थान जल प्रबंधन व नियामक प्राधिकरण गठित होगा।

बीकानेर में हाइड्रोलॉजी व वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा।

30 हजार सैक्टर सिंचित क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा।

205 लघु सिंचित परियोजना के बांध का निर्माण, पांच लघु परियोजनाएं लाई जाएंगी।

पंजाब स्थित इंदिरागांधी नहर परियोजना के लिए भी योजना, 952 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। फीडर की मरम्मत के लिए भी राशि स्वीकृत।

मुख्यमंत्री आवास योजना  

3400 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री आवास योजना बनाई जाएगी। इस योजना में इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत निर्मित आवासों के अतिरिक्त 2 लाख 80 हजार आवास बनाए जाएंगे। वर्ष 2012 व 2013 में दो दो लाख अतिरिक्त आवास स्वीकृत कराए जाएंगे। हुडको से ऋण लेंगे। आगामी तीन वर्षों में 10 लाख ग्रामीण बीपीएल को आवास मिलेंगे।

1 लाख 58 हजार इंदिरा आवास बनाए जाएंगे।

महिलाओं के लिए खास 

महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए महिला अत्याचार निवारण संरक्षण विधेयक लाया जाएगा। साथ ही 45 करोड़ रुपए महिलाओं संबंधी परियोजना पर खर्च होंगे और महिलाओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी।

पोषाहार के लिए 177 करोड़ रुपए का प्रावधान।
पिछड़ों के लिए विशेष पैकेज 

विशेष पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए पैकेज लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना शुरू।

एससी एसटी व पिछड़ा वर्ग के लिए छात्रवृत्ति 750 से बढ़ाकर 1250 रुपए किया।

अल्पसंख्यकों के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास निगम में राज्य की हिस्सा पूंजी 11 करोड़ 71 लाख रुपए किया।

संभागीय मुख्यालयों पर अल्पसंख्यक कन्या छात्रावास बनेंगे। इस वर्ष जयपुर और अगले वर्ष कोटा में।

अल्पसंख्यकों के लिए अनुप्रति योजना। युवाओं के लिए रोड़ा निर्माण एकेडमी बनेगी।

4 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों के लिए सस्ता आटा।

अल्पसंख्यकों को रखा याद 

अल्पसंख्यकों को उद्योग निर्माण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। 200 मदरसों को उच्च प्राथमिक स्कूलों में बदला जाएगा। कंप्यूटर शिक्षा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मदरसा बोर्ड के लिए नए भवन बनवाए जाएंगे। अजमेर भाषाई शिक्षण प्रशिक्षण की व्यवस्था थी, जो बंद थी उसे पुन: खोला जाएगा।

हज यात्रियों की सुविधाओं के लिए योजना।

वक्फ बोर्ड को 50 लाख रुपए देने की घोषणा।
शिक्षा पर भी ध्यान 

50 हजार शिक्षकों की भर्ती, जिनमें संस्कृत शिक्षा भी शामिल। इसके लिए राइट टू एजूकेशन एक्ट तहत टीईटी के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड गठित किया गया है। अब ये नियुक्ति बिना विलंब के होंगी।

राज्य में शिक्षा व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रथम ग्रेड शिक्षक व लैब टेक्नीशियनों के 25406 पदों की भर्ती होगी।

रहवास वाले गांवों के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर 8वीं कक्षा प्राप्त करने पर साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अंशदान राशि 300 से घटाकर 100 रुपए किया। यह योजना छात्राओं के लिए ही। 142 हजार छात्राएं लाभान्वित होंगी।

विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना में सभी स्कूली विद्यार्थियों का 1 लाख रुपए तक का बीमा किया जाएगा। जन जातिय क्षेत्र में एनटीटी प्रशिक्षितों को नियुक्ति दी जाएगी।

अध्यापक ग्रेड तीन के लिए उर्दू शिक्षकों की 500 पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।

आगामी वर्ष प्रयोगशाला सहायकों के 200 पद भरे जाएंगे।

कोटा में आईआईआईटी की घोषणा। इसके लिए निशुल्क भूमि व 45 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति केंद्र को भेजी गई है।

उदयपुर व सहरिया क्षेत्र में पॉलीटेक्नीक कॉलेज।

कलेक्टर ने लोक जीवन की हकीकत जानी


कलेक्टर ने लोक जीवन की हकीकत जानी
जैसलमेर। जिला कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी सुविधाएं और व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत राज्यकर्मियों का दायित्व है कि वे अपने क्षेत्रा से संबंधित समस्याओं के त्वरित निस्तारण के प्रति गंभीर रहते हुए ग्रामीणों को हरसंभव मदद करें।  जिला कलेक्टर ने जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे में विभिन्न राजकीय संस्थाओं को देखा तथा क्षेत्रीय विकास के लिए किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। कलेक्टर ने घंटियाली, तनोट एवं किशनगढ़ गांवों में भ्रमण किया और स्थानीय ग्रामीणों से मुखातिब होते हुए ग्रामीण समस्याओं तथा ग्राम्य जन जीवन के मौजूदा हालातों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। कलेक्टर ने घंटियाली में ग्रामीणों द्वारा मन्दिर में बीएडीपी योजना में सोलर लाइट लगावाने के आग्रह पर कार्यवाही का आश्वासन दिया। कुशवाहा ने तनोट में बीएडीपी योजना में निर्मित चिकित्सालय का अवलोकन किया और पार्किंग स्थल को पीले पत्थरों से बनाए जाने को कहा। किशनगढ़ में विद्यालय की चारदीवारी के काम को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए और कहा कि स्वीकृति कार्य की अब तक नींव तक नहीं खोदे जाने पर नाराजगी जाहिर की।  मौके पर सिर्फ  चार गाड़ी पत्थर ही डाले हुए पाए गए। ग्रामीणों द्वारा विद्यालय में शिक्षक आईदानसिंह की अनियमित उपस्थिति पर उन्होंने सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। 
 

पालिकाध्यक्ष तंवर व लोक कलाकारों ने किए हस्ताक्षर


पालिकाध्यक्ष तंवर व लोक कलाकारों ने किए हस्ताक्षर
राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष कमेटी का हस्ताक्षर अभियान
जैसलमेर।  राजस्थान की लोक संस्कृति के पहरूए मंगणियार लोक कलाकार आज कृष्णा संस्था, वारियर्स सोशियल एण्ड डवलपमेंट सोसाइटी, गु्रप फ ोर पीपुल्स तथा गुणसागर लोक संगीत संस्थान जैसलमेर के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुए तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये पुरजोर समर्थन किया।
राजस्थानी भाषा की मान्यता पर राजस्थानी गीत परम्परागत अंदाज में गाकर शहरवासियों को सहयोग का आह्वान किया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी राजस्थानी भाषा को मान्यता के समर्थन में हस्ताक्षर कर अभियान को गति दी। पालिका अध्यक्ष तंवर ने कहा कि अन्तरराष्टÑीय लोक कलाकारों के दम पर ही राजस्थानी संस्कृति का सरक्षंण संभव हुआ है। राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये आगे आकर इन्होने अपना फर्ज अदा किया है। लोक कलाकारों ने सात समन्दर पार अपनी जादुई आवाजों से पहुंचाई है। समिति के चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि अभियान के आठवें दिन आज जैसलमेर जिले के अन्तर्राष्टीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार मंगणियारों द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता के समर्थन में सामुहिक रूप से समर्थन हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा की मान्यता पर तैयार किए राजस्थानी भाषा रो है मान घणों, देश विदेशों में सम्मान घणों, मायड़ दे दो मानता, नहीं तो गीत गाकर थारवासियों को जागरूकता का संदेश दिया। 

दहेज की मांग को लेकर मारपीट ,आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले के आरोपी रिमाण्ड पर


दहेज की मांग को लेकर मारपीट 

 धोरीमन्ना। धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के ठठर का डेर बामणोर गांव में एक महिला को दहेज की मांग को लेकर मारपीट कर घर से निकालने पर पति, सास, ससुर, जेठ व देवर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। पुलिस के अनुसार फतमा पुत्र मोहमद रहीम निवासी ठठर का डेर बामणोर ने मामला दर्ज करवाया कि पति हैदर पुत्र सोना, सास जमियत पत्नी सोना, ससुर सोना पुत्र अब्दुला व जेठ मौसन पुत्र सोना व देवर आदू पुत्र सोना ने मारपीट कर दहेज कम लेने के कारण मारपीट के बाद घर से निकाल दिया।
इसी तरह जूना खेड़ा लोहारवा की एक विवाहिता ने मामला दर्ज करवाया। पुलिस के अनुसार अमीया पत्नी हनुमान ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके पति हनुमान पुत्र पदमाराम ने दहेज के लिए प्रताडित किया

आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले के आरोपी रिमाण्ड पर 

धोरीमन्ना। धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के बामणोर गांव में नरेगा कार्यो के सामाजिक अंकेक्षण के लिए हुई ग्राम सभा में आरटीआई कार्यकर्ता के हाथ पैर तोड़ने के चार आरोपियों को आज न्यायालय में  पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपियों को पांच दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए।
पुलिस के अनुसार मंगलाराम पुत्र नेहचलराम निवासी बामणोर ने मामला दर्ज करवाया था कि गत गुरूवार को ग्राम पंचायत भवन में सामाजिक अंकेक्षण के लिए हुई ग्रामसभा के दौरान बामणोर सरपंच गुलाम शाह व अन्यों ने जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर लाठियों से पैर व हाथ तोड़ दिए। पीठ व सिर में भी गंभीर चोटें पहुंचाई।
घायल को धोरीमन्ना में प्राथमिक उपचार के बाद बाड़मेर रैफर किया। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक बाड़मेर ने कर आरोपी जमील पुत्र विलाल, हमीरा पुत्र जीमा, जीला पुत्र समाना, अली पुत्र मीरा खां निवासी बामणोर को गिरफ्तार कर बाड़मेर न्यायालय में पेश किया। इन्हें पांच दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए।

मंगलवार, 8 मार्च 2011

जिला कलक्टर की संवेदनशीलता से मिला जीने का सुकून नारायण को


जिला कलक्टर की संवेदनशीलता से मिला जीने का सुकून नारायण को

जैसलमेर कहाँ तो तय था कि पुराने कर्ज के मर्ज को ले जिन्दगी यों ही गुजर जाती जैसेतैसे। उनकी मिली निगाह ऐसी कि निहाल हो गए।’’ जैसलमेर जिले की साँकड़ा पंचायत समिति अन्तर्गत ग़ी चंपावतों गाँव के रहने वाले श्री नारायणलाल मेघवाल की ठहरी हुई जिन्दगी में जिला कलक्टर की बदौलत शुरू हुए बदलाव के दौर ने जीने का सुकून दे दिया।
जैसलमेर जिला कलक्टर श्री गिरिराज सिंह कुशवाहा की संवेदनशीलता के कारण जिले के ग़ी चम्पावतों निवासी श्री नारायणराम पुत्र भीखाराम मेघवाल को 23 वर्ष पूर्व लिए गये सहकारी ऋण से छुटकारा मिल गया है। कर्ज के चुकारे के बाद अब वह ग्रामसेवा सहकारी समिति के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष में अपनी आवश्यकता के अनुरूप अल्प अवधि कृषि ऋण ले सकेगा।
श्री नारायणराम मेघवाल ने अपने व्यवसाय में वृद्धि के लिए सहकारी ऋण लेने हेतु झाबरा ग्राम सेवा सहकारी समिति की सदस्यता ग्रहण की। अनुसूचित जाति के इस कमजोर तबके के व्यक्ति को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। सहकारी समिति के चक्कर काटने के बाद वर्ष 198889 में समिति द्वारा ऊँट खरीद और खादबीज के लिए 3 हजार रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की गई।
श्री नारायणराम ने बड़े उत्साह के साथ अपने खेत में खरीफ फसल बोयी तथा ऊँट खरीद कर गांव में ही फुटकर घरेलू सामग्री एवं सवारियाँ पहुंचाने का काम प्रारंभ किया। नारायणराम की किस्मत ने साथ नहीं दिया तथा थोड़े दिनों बाद ही उसके ऊँट के मर जाने से आय के स्रोत समाप्त से हो गए। इस क्षेत्र में पड़े अकाल ने उसकी रहीसही आशाओं को भी निराशा में बदल दिया। रोजीरोटी के साधन समाप्त हो जाने से समय पर ऋण की किश्तों का भुगतान भी नहीं कर पाया तथा उसके सिर पर कर्ज का बोज ब़ता ही गया। ऋण का समय पर भुगतान नहीं करने के कारण नारायणराम राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं से भी वंचित रहा।
केन्द्र सरकार की ऋण माफी योजनाओं का भी नारायणराम को लाभ नहीं मिल पाया। इन हालातों में उसके द्वारा ली गई ऋण राशि ब्याज सहित लगातार ब़ती ही गयी। वह पिछले 23 साल से न तो नया ऋण ले सका एवं न ही पूर्व में लिये गये ऋण से छुटकारा पा सका।
श्री नारायणराम मेघवाल के लिए जिला कलक्टर श्री गिरिराज सिंह कुशवाहा सचमुच देवदूत सिद्ध हुए। नारायणराम ने श्री कुशवाहा की संवेदनशीलता के बारे में सुना तो हिम्मत करके जिला कलक्टर से मिलने का निश्चय किया। उसने श्री कुशवाहा को अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति से अवगत कराया तथा पूर्व में लिए गये ऋण एवं इसके ब़ते ब्याज के कारण उसे हो रही परेशानियों की जानकारी दी।
श्री कुशवाहा ने श्री नारायणराम मेघवाल के ऋण राहत आवेदनपत्र को दी जैसलमेर सैन्ट्रल कॉआपरेटिव बैंक लिमिटेड जैसलमेर को भेज कर इस सम्बन्ध में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर कृषिअकृषि ऋण राहत योजना के अन्तर्गत उसे राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। नारायणराम मेघवाल ने अपने भाई बंधुओं के सहयोग से पूर्व में लिये गये ऋण के बदले 3 हजार 948 रुपये का चुकारा किया। कृषिअकृषि ऋण राहत योजनान्तर्गत झाबरा ग्राम सहकारी समिति द्वारा उसे पुनः ऋण साख चक्र से जोड़ा गया। इस प्रकार ऋण राहत आवेदनपत्र के आधार पर 23 साल पूर्व लिए गये 3000 रुपये के ऋण के बदले मात्र 3 हजार 948 रूपये के भुगतान से पुराने ऋण से नारायणराम मेघवाल को छुटकारा मिल गया है।
दी जैसलमेर सैण्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के वरिष्ठ प्रबन्धक श्री एम.एल. भाटिया के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष 1 अप्रेल 2011 से नारायणराम मेघवाल अपने 20 बीघा खेत में खरीफ फसल की बुवाई के लिये झाबरा ग्रामसेवा सहकारी समिति के माध्यम से अपनी आवश्यकतानुसार खादबीज के लिये 15 से 20 हजार रुपये की ऋण राशि प्राप्त कर सकेगा।
जिला कलक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा की संवेदनशीलता से बेहद अभिभूत श्री नारायणलाल मेघवाल मानते हैं कि जिला कलक्टर की बदौलत उसे बहुत बड़ी राहत मिली है। इसके लिए वह जिला कलक्टर को लाखलाख धन्यवाद देता हुआ कहता है कि अब वह ऋण प्राप्त कर नई जिन्दगी जीएगा और घरपरिवार में खुशहाली लाने के लिए जी जान से प्रयास करेगा।