मंगलवार, 6 मार्च 2012

जैसलमेर के लोक कलाकार उस्ताद कमरूद्दीन खां को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार , अहमदाबाद में बुधवार को नवाजा जाएगा


जैसलमेर के लोक कलाकार उस्ताद कमरूद्दीन खां को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार ,
अहमदाबाद में बुधवार को नवाजा जाएगा
जैसलमेर, 6 मार्चलम्बे समय से राजस्थानी लोकसंगीत क्षेत्र में समर्पित सेवाओं के लिए जाने-माने लोक कलाकारउस्ताद कमरुद्दीन खां को गुजरात लोक कला फाउण्डेशन ने सन् 2012 के गुजरात लोककला राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार प्रदानकरने का निर्णय लिया है।
फाउण्डेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी जोरावरंिसंह यादव ने बताया कि बुधवार, 7 मार्च को अहमदाबाद के टेगोर हॉल मेंआयोजित अवार्ड वितरण समारोह में उन्हें 11 हजार रुपए नकद पुरस्कारस्मृति चिह्न,सम्मान-पत्र शॉल आदि सेसम्मानित किया जाएगा। इसी समारोह में उस्ताद कमरुदीनखां राजस्थानी लोकसंगीत पर  एक घण्टे की प्रस्तुति देंगे।इस पुरस्कार को पाने के लिए उस्ताद कमरुद्दीन खां एवं दल जैसलमेर से अहमदाबाद पहुंच चुका है। राष्ट्रीय गौरवपुरस्कार से सम्मानित होने पर जैसलमेर की विभिन्न संस्थाओंकलाकारों एवं बुद्धिजीवियों तथा कलाप्रेमियों नेउस्ताद कमरुद्दीन खां को बधाई दी हैं।

एक ऐसा गॉव........जहॉ दूसरी बेगम से होती संतान


एक ऐसा गॉव........जहॉ दूसरी बेगम से होती संतान 

चन्दनसिंह भाटी की खास रिपोर्ट 

बाडमेर भारत पाकिस्तान सरहद पर बसे बाडमेर जिले के एक गाूव के साि अजीब संयोग जुडा हैं।इस गॉव में प्रत्येक परिवार में दूसरी बेगम से ही संतान होने का अजीब संयोग जुडा हेै।बाडमेर गडरा रोड सडक मार्ग पर जिला मुख्यालय से अठाइस किलोमीटर दूर स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्प संख्यक बाहुल्य राजस्व गांव रामदियों की बस्ती के सतर परिवारों कें साथ यह संयोग जुडा हैं। 
बाडमेर जिला मुख्यालय से अठाइस किलोमीटर गउरा रोड सउक मार्ग पर स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्पसंख्यक बाहुल्य रामदियों की बस्ती में सतर परिवार आबाद हैं।सभी परिवार रामदिया मुसलमान समुदाय से हैं।इस गावॅ के हर परिवार में हर व्यक्ति क दो दो निकाह किऐं हैं।मुसलिम परिवारों में दो निकाह कोइ्र आश्चर्य का कारण नही हैं।मगर इस गांव के लोगों द्घारा दूसरा निकाह करने के पीछे जो कारण हेंवो आचर्यजनक हैं।इस गॉव में किसी भी परिवार में पहली भादी कें बाद किसी के भी संतान नहीं हैं।मगर दूसरी भादी के बाद सभी के दूसरी बीबी से संतान हैं। 
एक दो परिवारों में ऐसा हो तो उसे संयोग मात्र कह सकते हैं।मगर हर व्यक्ति कें दूसरी भादी के बाद ही संतान होना किसी आचर्य से कम नही हैं।गांव कें बुजुर्ग पैंसठ वशीर्य आरब खान बताते हैं कि गांव कें साथ यह संयोग कई दाकों से जूडा हैं।गांव कें लाला मीठा के भादी के बाद कई सालों तक संतान नहीं हुई।परिजनों नें कई र्मतबा उस पर दूसरी निकाह के लिऐं दबाव डाला मगर मीठा नें साफ इन्कार कर दिया।लगभग पचपन साल की उम्र में उसकी पत्नी का निधन हो गया।उसके बाद परिजनों कें दबाव कें कारण मीठा नें दूसरी भादी के लिऐं अपनी रजामंदी दी।निकाह के एक साल बाद ही उसकें घर लडकी पैदा हुई।फिर तीन लडकें भी हुऐं।इसकें बाद सें तो हर परिवार में पहली भादी के बाद पहली बीबी से किसी को भी संतान नही हुइ्रं। 
दूसरी भादी करनें कें बाद दूसरी बेंगम से हर परिवार में संतानें हुई।यह परिपाटी आज भी बदस्तुर जारी हैं।इसका कारण पूदने पर आरब नें इसे खुदा की मेहर बताया।गांव में कइ्र लोगों नें आधी उम्र बीत जानें कें बाद संतान की चाह में भादीया की तों उन्हें निराा हाथ नही लगी।जिसने भी दूसरी ादी की उसकें संतानें जरूर हुई।गत माह भी तीन तनों नें दूसरी भादीया की हैं।गांव में लगभग सभी लोग आिक्षित हैं।इस गांव कें जादम खान के अनुसार उसकी पहला निकाह सत्रह साल की उम्र में हो गई थी।चार साल तक घर में बच्चा नही होनें कें कारण मेरा दूसरा निकाी सफियत कें साथ हुआ।जिससें मेरे को तीन लडकें और चार लडकिया हुर्ह। 


बहाहाल रामदियो की बस्ती नामक इस गाँव कें साथ रोचक तथ्य जुडा हें।आखिर कोइ्र वैज्ञानिक कारण हें या महज संयोग सोचने वाली बात हैं। े 





पति का था बेटी से अवैध संबंध, पत्नी की हत्या कर आंगन में दफनाई लाश!

बटाला. सागरपुरा में एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद घर में ही दबाए उसके शव को पुलिस ने सोमवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार जशनप्रीत सिंह की मौजूदगी में जमीन से खोद निकाला है।  

मौके पर सिविल अस्पताल के डा. ललित मोहन, डा. राजीव अरोड़ा, डा. परमजीत कौर मौजूद थीं। उधर, हत्यारोपी अनवर मसीह उर्फ गोल्डी मृतक महिला शीरो की नाबालिग बेटी को साथ लेकर फरार है।

एसपी डी परमजीत सिंह ग्रेवाल और डीएसपी सिटी बलजीत सिंह ने बताया कि मृतका के बेटे अजय के बयान पर अनवर मसीह उर्फ गोल्डी पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

मृतका की माता खुरशैदां और बहन मनजीत ने बताया कि पिछले कई दिनों से शीरो से उनका संपर्क नहीं हो रहा था। जब वे उसके सागरपुरा स्थित घर आए तो घर खाली था और कोई नहीं था। बरामदे में खोदे गए गड्ढे में उसका शव दबा प्रतीत हो रहा था। कुछ दिन पहले शीरो ने फोन पर बताया था कि अनवर घर में शौचालय के लिए रात में गड्ढा खोद रहा है। संदेह होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी।


समाज के लिए खतरे की घंटी है यह हत्याकांड

इस हत्याकांड में सामाजिक रिश्तों के घिनौने जख्मों से ऐसा मवाद रिसा है, जिसकी बदबू से ही घृणा होती है। मृतका व फरार पति और बेटी के आपसी संबंध सभ्य समाज के लिए खतरे की घंटी है। मृतका शीरो का पति बताया जाने वाला अनवर मसीह उर्फ गोल्डी दरअसल उसकी बुआ का बेटा है। बताया गया है कि मृतका शीरो का अपने पति से तलाक हो चुका था और उसकी पहले पति से एक बेटी व बेटा है।


तलाक के बाद शीरो के अपनी बुआ के बेटे अनवर मसीह उर्फ गोल्डी से संबंध बना लिए और वह उसके पति की हैसियत से उसके साथ रहने लगा। इसी दौरान गोल्डी के संबंध शीरो की बेटी प्रीति जो रिश्ते में उसकी भांजी लगती थी, के साथ भी बन गए और यही वजह बनीं शीरो की मौत की। हत्या के बाद से ही गोल्डी और प्रीति फरार हैं।

रुझानों में सपा नंबर 1 और भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी

 

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। उत्‍तर प्रदेश में 216 सीटों के रुझान में से सपा 95 पर आगे है, जबकि बसपा 35, कांग्रेस 25 और भाजपा 55 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
पंजाब में अभी तक 67 सीटों के रूझान आए हैं। कांग्रेस 25 और भाजपा 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। चार सीटों पर अन्य ने बढ़त बनाई है।


उत्तराखंड की 51 सीटों के लिए रूझान आए हैं। कांग्रेस ने 23, भाजपा ने 25 और अन्य ने तीन सीटों पर बढ़त बनाई है।


गोवा में अभी दो ही सीटों के रूझान आए हैं। भाजपा और कांग्रेस एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है।

उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रूझान रायबरेली से आ रहे हैं। यहां सभी पांच सीटों पर कांग्रेस पीछे चल रही है।


पांचों राज्‍यों में काउंटिंग जारी है। पहला परिणाम एक से दो घंटे में आने का अनुमान है। दोपहर तक सभी राज्यों में स्थिति साफ हो जाएगी। नतीजों का राजनीतिक दल नब्ज थाम कर इंतजार कर रहे हैं।
नतीजे ही तय करेंगे किसकी होली रंगीन होगी। दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा ने अपने संभावित बेहतर पक्ष और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर आगे की तैयारियों पर होमवर्क किया है। दोनों पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर सतर्क हैं। पंजाब, उत्तराखंड दोनों दलों की उम्मीदों के लिहाज से अहम राज्य है। जहां तक बात यूपी की है, दोनों दलों को तीसरे नंबर पर रहने में अपनी जीत नजर आ रही है।

राजस्थान के लोकनाट्य - जैसलमेर व बीकानेर की रम्मते

राजस्थान के लोकनाट्य -   जैसलमेर व बीकानेर की रम्मते

रामत खेत सिंह जंगा,मुकन लाल जगाणी

लोक संगीत की दृष्टि से जैसलमेर क्षेत्र का एक विशिष्ट स्थान रहा है। यहाँ पर प्राचीन समय से मा राग गाया जाता रहा है, जो इस क्षेत्र का पर्यायवाची भी कहा जा सकता है। यहाँ के जनमानस ने इस शुष्क भू-ध्रा पर मन को बहलाने हेतु अत्यंत ही सरस व भावप्रद गीतों की रचना की। इन गीतों में लोक गाथाओं, कथाओं, पहेली, सुभाषित काव्य के साथ-साथ वर्षा, सावन तथा अन्य मौसम, पशु-पक्षी व सामाजिक संबंधों की भावनाओं से ओतप्रोत हैं। लोकगीत के जानकारों व विशेषज्ञों के मतों के अनुसार जैसलमेर के लोकगीत बहुत प्राचीन, परंपरागत और विशुद्ध है, जो बंधे-बंधाये रुप में अद्यपर्यन्त गाए जाते हैं।


जन्म के अवसर पर हालरिया नामक गीत श्रंखला गाई जाती है, इसमें दाई, हारलोगोरो, धतूरों, खाँवलों व खरोडली आदि प्रमुख है। विवाह के समय गणेश स्थापना से वधु के घर आने तक विभिन्न  अवसरों पर विनायक, सोमरों, घोङ्ी, कोयल, रालोटोबनङा, रेजो, कलंगी, पैरो, बालेसर आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा मेले के गीत, सावण के गीत, घूमर आदि प्रमुख हैं। यहाँ के लोक संगीत की प्रमुखता मृत्यु पर भी भावप्रद गीत गाए जाने की है, जिनमें मरने वाले के गुणों का वर्णन करते हुए मृतक के परिवारजनों के प्रति हमदर्दी व्यक्त की जाती है। यह गीत महिलाओं द्वारा ही गाए जाते हैं। इनमें पार, छजिया, ओझिन्गार राग से गाये जाने वाले गीत प्रमुख हैं।


लोकगीतों के अतिरिक्त यहाँ के लोकनाटय जिसे रम्मते कहते हैं, का बबुत प्रचलन रहा है। इसमें किसी व्यक्ति की चरित्र गाथा गा कर जन-साधारण में सुनाई जाती है। इसी प्रकार यहाँ ख्याल की भी रचना की गई थी। इसमें लोक चरित्र नायक के जीवन के किसी अंश को गाकर सुनाया जाता है। रम्मत में रामभरतरी रम्मत प्रमुख है तथा ख्याल में मूमलमेंद्र से ख्याल प्रमुख है। लोकदेवी-देवताओं से संबंधित गीत भी यहाँ पर स्थानीय वाद्य यंत्र सारंगी, रावण हत्था तथा अन्य स्थानीय वाद्ययंत्र प्रमुख है, के साथ गाये जाने की परंपरा भी है।


यहाँ पर झीङ्े नामक एक विशिष्ट काव्य पद्धदि भी रही है। ढोलामारु रा दूहा इसके अंतर्गत गाया जाने वाला सबसे पुराना काव्य है। इसके आलावा रामदेव जी, गोगा जी, संबंधी झीङ्े भी गाये जाने की प्राचीन प्रथा है। लोक संगीत एवं साहित्य गीत के लिए यह प्रदेश बङा ही समृद्ध रहा है।


' रम्मत ' खेल को ही कहते हैं। ऐतिहासिक एवं पौराणिक आख्यानों पर रचित काव्य रचनाओं का मंचीय अभिनय की बीकानेर - जैसलमेर शैली को रम्मत के नाम से अभिहित किया गया है। बीकानेर की रम्मतों का अपना अलग ही रंग है। बीकानेर के अलावा रम्मतें पोकरण, फलौदी, जैसलमेर और आस-पड़ोस के क्षेत्र में खेली जाती हैं। ये कुचामन, चिड़ावा और शेखावटी के ख्यालों से भिन्न होती है। 100 वर्ष पूर्व बीकानेर क्षेत्र में होली एवं सावन आदि के अवसर पर होने वाली लोक काव्य प्रतियोगिताओं से ही इनका उद्भव हुआ है। कुछ लोक कवियों ने राजस्थान के सुविख्यात ऐतिहासिक एवं धार्मिक लोक - नायकों एवं महापुरुषों पर काव्य रचनाएँ की। इन्हीं रचनाओं को रंगमंच पर मंचित कर दिया गया। इन रम्मतों के रचयिताओं के नाम इस प्रकार हैं -
(i) मनीराम व्यास
(ii) सूआ महाराज
(iii) फागू महाराज
(iv) तुलसीराम
(v) तेज कवि (जैसलमेरी)

यहाँ यह उल्लेख कर देना आवश्यक है कि तेज कवि जैसलमेरी रंगमंच के क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। उन्होंने रंगमंच को क्रांतिकारी नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने अपनी रम्मत का अखाड़ा 'श्रीकृष्ण कम्पनी' के नाम से प्रारंभ किया। सन् 1943 में उन्होंने "स्वतंत्र बावनी" की रचना कर उसे महात्मा गाँधी को भेंट किया। उनकी क्रांतिकारी गतिविधि को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने तेज कवि पर निगरानी रखी और इन्हें गिरफ्तार करने का वारण्ट जारी कर दिया। जब उन्हें वारण्ट की सूचना मिली, वह पुलिस कमिश्नर के घर गये एवं अपनी ओजस्वी वाणी मे कहा -
" कमिश्नर खोल दरवाजा,
हमें भी जेल जाना है।
हिन्द तेरा है न तेरे बाप का,
हमारी मातृभूमि पर लगाया बन्दीखाना है॥ "

इससे प्रकार रम्मत और ख्याल के खिलाड़ी सिर्फ मनोरंजनकर्ता ही नहीं थे, अपितु वे समाज में हो रही क्रांति के प्रति पूरी तरह से जागरूक भी थे।
आरंभ में रम्मत को पाठशालाओं में खेलाया जाता था। इसे खेलने वाले 'खेलार' कहलाते थे। बीकानेर में रम्मत होलाष्टक के प्रारंभ अर्थात फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से चतुर्दशी या पूर्णिमा तक खेली जाती है। बीकानेर के लगभग प्रत्येक चौक में रम्मत घाली जाती है।

रम्मत की उल्लेखनीय विशेषताएँ निम्नांकित हैं -

(i) रम्मत प्रारंभ होने से पूर्व मुख्य कलाकार मंच पर आकर बैठ जाते हैं, ताकि हरेक दर्शक उन्हें अपनी वेशभूषा एवं मेक-अप में देख सके।

(ii) संवाद विशेष गायकों द्वारा गाए जाते हैं। ये मंच पर ही बैठे रहते हैं और मुख्य चरित्र उन गायकों द्वारा गाये जाने वाले संवादों को नृत्य व अभिनय करते हुए स्वयं भी बोलते जाते हैं।

(iii) रम्मत में मुख्य वाद्य नगाड़ा तथा ढोलक होते हैं।

(iv) कोई रंगमंचीय साज-सज्जा नहीं होती। मंच का धरातल थोड़ा-सा ऊँचा बनाया जाता है।

(v) रम्मत में निम्नलिखित मुख्य गीत गाये जाते हैं -

# रामदेवजी का भजन :- रम्मत शुरु होने से पहले यह भजन गाया जाता है।

# चौमासा :- यह वर्षा ॠतु के वर्णन का गीत है।

# लावणी :- देवी-देवताओं की पूजा से संबंधित गीत है।

# गणेश वंदना :- इसमें गणेशजी की वन्दना की जाती है।


(vi) रम्मत की सबसे उल्लेखनीय विशेषता उसकी साहित्यिकता है। वाद्यवादक व संगत करने वाले कलाकार रम्मत में स्वयं मनोरंजन का विशेष साधन बन जाते हैं और लोक समाज में इन वाजिन्दों साजिन्दों की बहुत इज्जत होती है।

(vii) रम्मत के शेष तत्व शेखावटी ख्याल से मेल खाते हैं। फर्क इतना ही रहता है कि जहाँ शेखावटी ख्याल पेशेवर ख्याल की गिनती में आ गए हैं, रम्मत आज भी गैर पेशेवर सामुदायिक जनरंजन के लोकनाट्य का ही रूप बनाए हुए है।

(viii) इसमें किसी भी जाति का व्यक्ति भाग ले सकता है।

रम्मत के कुछ विख्यात खिलाड़ियों के नाम इस प्रकार है -
स्वर्गीय श्री रामगोपाल मेहता
साईं सेवग
गंगादास सेवग
सूरज काना सेनग
जीतमल
और गीड़ोजी।
ये सभी बीकानेर के हैं। गीडोजी अपने समय के विख्यात नगाड़ावादक रहे हैं। इन रम्मतों में अत्यधिक लोक ख्याति अर्जित करने वाली रम्मते हैं -
हेड़ाऊ री रम्मत,
अमरसिंह री रम्मत,
पूरन भक्त री रम्मत,
मोरध्वज री रम्मत,
डूंगजी जवाहर जी री रम्मत,
राजा हरिशचन्द्र री रम्मत
और गोपीचन्द भरथरी री रम्मत।

जैसलमेर ....पुलिस न्यूज़ इनबॉक्स .. मंगलवार, ६ मार्च, 201२


करंट की चपेट में आने से युवक की मौत

जैसलमेर देवीकोट के पास भेड़ बकरियां चरा रहे एक युवक को जमीन पर गिरे बिजली तार से करंट लगने पर उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक के भाई समू खां ने बताया कि रविवार सुबह 11 बजे हसन खां पुत्र गामू खां निवासी जिंदे की ढाणी देवीकोट के पास भेड़ बकरियां चरा रहा था। वहां 11 केवी की बिजली की तार जमीन पर गिरी हुई थी जिसकी चपेट में आने से हसन की मौके पर ही मौत हो गई। उसने बताया कि इस संबंध में पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया है।

होली पर धारा 144 लागू

कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने लागूृ किए प्रतिबंध



जैसलमेर कलेक्टर एवं जिला मजिस्टे्रट एम.पी.स्वामी ने होली व घुलंडी के त्योहार पर जैसलमेर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में साम्प्रदायिक सद्भावना तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत प्रावधानों एवं प्रतिबंधों को लागू किया है।

जिला मजिस्ट्रेट स्वामी द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार किसी भी सम्प्रदाय का कोई भी व्यक्ति ऐसे ऑडियो कैसेट्स आदि नहीं चलाएगा और न ही ऐसे नारे लगाएगा जिससे अन्य सम्प्रदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचती हो। कोई भी व्यक्ति रंग इस तरह से नहीं खेलेंगे जिससे किसी दूसरे सम्प्रदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचती हो एवं किसी धार्मिक स्थान, दुकान पर रंग, गुलाल, गुब्बारे आदि नहीं फेकेंगे और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। रंग भरे गुब्बारे, घातक रसायन, धूल, कीचड़, ऑयल पेंट आदि का उपयोग नहीं करेंंगे एवं रंग खेलने के लिए अनिच्छुक व्यक्ति को न तो रंग लगाएंगे एवं न ही उन पर रंग फेकेंगे।

आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जैसलमेर की सीमा के भीतर अपने पास विस्फोटक पदार्थ , किसी प्रकार के आग्नेय शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, बन्दूक एवं एम.एन. गन आदि अन्य हथियार जैसे गन्डासा, फरसा, तलवार, भाला, कृपाल, चाकू -छूरी, बरछी, गुप्ती, खाखरी, अलम कटार, धारिया ,बगनक जो किसी धातु से शस्त्र के रुप में बना हो एवं तेज धारदार हथियार, लाठी, स्टीक इत्यादि साथ लेकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूमेगा एवं न ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे। इसी तरह कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा न ही किसी को सेवन करवाएगा तथा अधिकृत विक्रेताओं को छोड़कर कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के कारण अथवा किसी अन्य उपयोग के लिए सार्वजनिक स्थलों से मदिरा आवागमन नहीं करेगा।


फतेहगढ़ में सीएलजी की बैठक


फतेहगढ़उपखण्ड मुख्यालय स्थित अस्थाई पुलिस चौकी में सोमवार को सीएलजी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस उप अधीक्षक प्रशिक्षु सुनिल के पंवार तथा सांगड़ थानाधिकारी ओमप्रकाश गोदारा सहित ग्रामीणों ने भाग लिया।

बैठक में पंवार ने ग्रामीणों एवं सीएलजी सदस्यों से कहा कि होली का त्यौहार सभी जातियों के लोग शांति पूर्वक भाईचारे के साथ मनाए। ग्रामीणों ने क्षेत्र में बढ़ती चोरियों के कारण बाजार तथा राजीव गांधी सेवा केन्द्र में पहरेदार नियुक्त करने, रात्रि गश्त में कानिस्टेबल की नियुक्ति करने, टैक्सी स्टैंड का स्थान निर्धारित कर वाहनों को व्यवस्थित खड़ा करने की मांग रखी। पंवार ने संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी रखने तथा क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने की ग्रामीणों से अपील की। मिटिंग में सदस्यों ने भी सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में पूर्व सरपंच चंगेज खान, वैद गजेन्द्र प्रसाद, चौकी प्रभारी नीम्बसिंह, अमोलखदास ओझा, नागोदर खान, बालाराम, किशनाराम, माणकाराम, चंदनाराम, अब्दुलखान सहित ग्रामीण उपस्थित थे।

चोरी हुई बोलेरो बरामद

जैसलमेर नाचना क्षेत्र से रविवार की रात्रि में चोरी हुई बोलेरो को पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सोमवार दोपहर में बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार रविवार को भगवानसिंह पुत्र कानसिंह राजपुरोहित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी सफेद रंग की बोलेरो एसएलएक्स आरजे- 5 यूए 986 रात्रि में घर से आगे से गायब हो गई। रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर थानाधिकारी गौतम डोटासरा ने मय जाब्ता गाड़ी तलाश शुरू कर दी। इस दौरान उन्हें सत्याया सरहद पर लावारिश हालत में बोलेरो मिल गई जिसे कब्जे में लेकर चोरों की तलाश शुरू कर दी गई है।
सीमा से सटे गांवों में रात्रि प्रवेश पर प्रतिबंध

जैसलमेर त्न जिले से लगने वाली भारत-पाक सीमा पर तस्करी ,घुसपैठियों तथा असामाजिक तत्वों के अवैध प्रवेश एवं अन्य अवांछनीय गतिविधियों की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्टे्रेट एम.पी.स्वामी ने सीमा के पास लगती हुई पांच किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में प्रवेश तथा विचरण करने वाले व्यक्तियों के लिए पाबंदी लगाई है।

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह पाबंदी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है तथा 3 मई , 2012 तक रहेगी। इसके अंतर्गत इन निर्धारित क्षेत्रों में प्रवेश व विचरण 6 बजे से सुबह 7 बजे तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना प्रतिबंध रहेगा।आदेश के अनुसार जैसलमेर एवं पोकरण तहसील के ग्राम किशनगढ़, तनोट , साधेवाला , घोटारू , लौंगेवाला , गणेशिया , लंगतला , रतड़ाऊ ,लीलोई , कारटा , खारीया , शेखर , कोठ , जामराऊ ,खुईयाला उर्फ खुडजनवाली ,जाजीया , खारा , मंूंगर , सोम, रोहिड़ेावाला, लौहार , आसूदा , धौरोई , बिछड़ा , मीठड़ाऊ , किरड़वाली , जीयाऊ , केरला , बगनाऊ , बसना, बिरयारी, मीठीखुई, भुग, मूरार, धनाना, लूणार, पोछीना, करड़ा, गोधूवाला, भूटोवाला, अकनवाली, दातावानी , झालरिया, नीचूवाली, बुईली(सरकारी), बाहला, भारेवाला, दादुड़ावाला, मोहरोवाला, मालासर, याजलार , रायचन्दवाली तथा कुरीया बैरी सम्मिलित है।





बाड़मेर पुलिस...आज की ताजा खबर.

झुलसी अवस्था में मिला विवाहिता का शव

पीहर पक्ष ने लगाया दहेज हत्या का आरोप

बालोतरा  स्टेट हाइवे बाइपास मार्ग के पास स्थित नई भील बस्ती में सोमवार शाम एक विवाहिता की झुलसने से मौत हो गई। विवाहिता के पीहर पक्ष ने दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाहिता के पति बालकराम व ससुर भगाराम को हिरासत में ले लिया है।

पुलिस के अनुसार रुकमणी (30) पत्नी बालकराम का शव उसके नई भील बस्ती स्थित घर के एक कमरे में झुलसी अवस्था में मिला। ससुराल पक्ष ने बताया कि करीब साढ़े तीन बजे उसने केरोसीन उलेड़कर आग लगा ली। रुकमणी आठ माह से गर्भवती थी, उसकी शादी करीब 15 वर्ष पूर्व बालकराम के साथ हुई थी व इनके छह बच्चे हैं। मृतका के भाई अर्जुनराम पुत्र भगाराम भील निवासी हाउसिंग बोर्ड माजीवाला ने आरोप लगाया कि रुकमणी के साथ उसका पति वगेरह आए दिन मारपीट करते रहते थे। उसने रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी बहन को दहेज के लिए केरोसीन उलेड़कर उसकी हत्या कर दी। पीहर पक्ष को शाम करीब सात बजे इस घटना की जानकारी मिलने पर वे मृतका के घर पहुंचे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया है।

पांच कराइयों में लगी आग, लाखों का चारा खाक

बालोतरा सोमवार अलसवेरे करीब 4 बजे अराबा दूदावता गांव के पास स्थित खलिहान में चारे की कराइयों में आग लग गई। तेज हवा के चलते आग तेजी से फैली और पांच कराइयों को चपेट में लिया। सूचना के बाद भी दमकल दो घंटे बाद मौके पर पहुंची। तब तक ग्रामीणों ने ट्रैक्टर टंकियों व बाल्टियों से आग बुझाने में जुटे रहे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, तब तक पांचों कराइयोंं में भरा चारा पूरी तरह खाक हो गया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया।

इनका हुआ नुकसान

अराबा दूदावता गांव के पास ही बने खलिहानों में प्रेमसिंह पुत्र सुल्तानसिंह राजपुरोहित, पुखराजसिंह पुत्र प्रेमसिंह, लालसिंह पुत्र सुल्तानसिंह, तुलसाराम पुत्र सांवलराम मेघवाल व तेजाराम पुत्र अमराराम के खलिहान आस-पास आए हुए हैं। इन्हीं की कराइयों में आग लगी। ग्रामीणों का अनुमान है कि आग से लाखों रुपए का चारा खाक हो गया। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण खलिहानों में कराइयां बनाकर उसमें सूखा चारा भरकर रखते हैं ताकि अकाल के समय उनके पशुओं के लिए चारे की कमी नहीं आए। वर्षों की मेहनत से एकत्रित किया चारा तीन घंटे में जलकर खाक हो गया।


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दोहरे हत्याकांड के आरोपी पांच दिन के रिमांड पर
बाड़मेरदोहरे हत्याकांड के तीन आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने एसीजेएम कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने तीनों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए। सदर थानाधिकारी कैलाशचन्द्र मीणा ने बताया कि ओमप्रकाश व भजनलाल हत्याकांड के आरोपी गोपसिंह, चुन्नीलाल व जेठाराम को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने तीनों को रिमांड पर सौंपा है। तीनों से पूछताछ की जा रही है।

जुआ खेलते तीन गिरफ्तार
बाड़मेरकोतवाली थानातंर्गत सोमवार को चौहटन रोड स्थित सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलते तीन लोगों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से तीन सौ रुपए बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि टीवीएस शो रूम के पास चौहटन रोड पर जुआ खेलते मिश्रा खां पुत्र बरकत खां निवासी शास्त्री नगर, राजू पुत्र लूणाराम भार्गव बाड़मेर व ओमप्रकाश पुत्र घीसाराम जटियों का नया वास बाड़मेर को जुआ खेलते गिरफ्तार किया । इनके कब्जे से तीन सौ रुपए बरामद किए गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरु कर दिया।

17 जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज

बाड़मेरत्नचौहटन थानातंर्गत समाज से बहिष्कृत करने व प्रताडि़त करने के मामले में सत्रह जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि वीराराम पुत्र देवाराम निवासी कोठे का तला धारासर ने मामला दर्ज करवाया कि हरचंद पुत्र तेजा, गोरखा पुत्र हरजी, हरजी पुत्र वखता, तुलछा पुत्र रुगा, सुरता पुत्र रुगा, सता पुत्र मूला, मोडा पुत्र मूला, खेराज पुत्र चिमना, रेखा पुत्र भीखा, बाबू पुत्र भीखा, मेहर पुत्र विरधा, वीरा पुत्र विरधा, मोडा पुत्र चैना, वीरमा पुत्र चैना, हिम्मता पुत्र चैना, गुमना पुत्र मोडा व मेगराज पुत्र हरजी ने उसे पहले प्रताडि़त किया, फिर पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया। पुलिस ने जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।

आनंद, प्रेम व उल्लास का पर्व है होली


 
चैत्र माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को धुरेड़ी का त्योहार मनाया जाता है। होली का त्योहार देश के कई क्षेत्रों में पांच दिनों तक मनाया जाता है। इसी क्रम में चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को रंगपंचमी का त्यौहार भी मनाया जाता है। जहां फाल्गुन पूर्णिमा को होली का धार्मिक महत्व अधिक दिखाई देता है, वहीं धुरेड़ी और रंगपंचमी के दिन सामाजिक और व्यावहारिक रूप से अधिक महत्व रखते हैं।

धुरेड़ी पर मुख्यत: अबीर गुलाल का उपयोग अधिक होता हैं, वही रंगपंचमी का दिन गीली होली के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस दिन सारे लोग पुराने कपड़े पहनते हैं और गीला रंग और रंगीन पानी पिचकारियों में भरकर एक-दूसरे पर उड़ाते हैं। अनेक लोग समूह बनाकर ढोल, मंजिरे, तालियों, नृत्य करते हुए एक दूसरे से मिलते हैं। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में यह पर्व अलग-अलग लोक पंरपराओं के साथ मनाया जाता है। किंतु भाव एक ही होते हैं - आनंद, प्रेम, उल्लास और उमंग।

इस प्रकार रंगों के यह त्यौहार न केवल पारिवारिक, सामाजिक बंधनों को मजबूत करते हैं बल्कि जातिवाद, सांप्रदायिकता की घृणित मानसिकता से दूर कर अनेकता में एकता की भारतीय संस्कृति और धर्म की नई परिभाषा भी गढ़ते हैं।

सोमवार, 5 मार्च 2012

थार महोत्सव ...तीस साल बाद भी पहचान नहीं मिली ...

थार महोत्सव ...तीस साल बाद भी पहचान नहीं मिली ...

प्रशासनिक लापरवाही बनी बाधा 

बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान की लोक कला ,संस्कृति ,परम्परा लोक गीत संगीत लोक जीवन ,थार की जीवन शैली ,इतिहास से दुनिया को रूबरू करने के उद्देश्य से तीस साल पहले जिला प्रशासन ने थार महोत्सव नामक लोक मेले की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी की विदेशी पर्यटक थार की संस्कृति से जुड़े ,मगर अफ़सोस तीस साल बाद भी बाड़मेर का थार महोत्सव विदेशो की बात छोड़े आसपास के जिलो में भी अपनी पहचान नहीं बना पाया ,थार महोत्सव से देशी विदेशी पर्यटकों को जोड़ने की बजाय स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के मनोरंजन का साधन बन गया सबसे बड़ी बात की थार महोत्सव की कलेंडर तारीख आज भी तय नहीं हें जो नया कलेक्टर आया अपनी मर्जी व् सुविधा के अनुसार तारीखे तय करते हें ,थार महोत्सव के आयोजन की कमेटी में आज भी नब्बे फ़ीसदी लोग बाहरी प्रान्तों के हे जो थार की लोक कला और संस्कृति के बारे में कुछ नहीं जानते इन सदस्यों की सलाह पर थर महोत्सब्व में थार की लोक कला संस्कृति लोक गीत संगीत को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को स्थान देने की बजाय उलुल जुलूल कार्यक्रमों को इसमे शामिल कर महोत्सव के उद्देश्य को ही ख़तम कर दिया प्रशासनिक अधिकारी अपना अपना टाइम पास करने के उद्देश्य से कभी राजा हसन तो कभी कैलाश खेर को मोटी रकम देकर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बुलाते हे जिनका थार की संस्कृति से कोई लेना देना नहीं बाड़मेर जैसलमेर लोक गीत संगीत का खजाना हें यंहा लोक गायकी और संगीत से जुड़े नायब हीरे जड़े हें जिन्होंने राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को सातवे आसमान तक और सात समुन्दर पार तक पंहुचाया यंहा के लोक कलाकारों को अपने ही महोतासवो में मौका नहीं मिलता उन्हें हमेशा ऐसे  कार्यक्रमों में नज़र अंदाज़ किया जाता रहा हें ,थार महोत्सव का आयोजन का जिम्मा उन लोगो के पास हें जिनका थार से कोई जुड़ाव नहीं एक तरफ जैसलमेर का मरू महोत्सव हें जिसने कम समय में पुरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई जिसका मूल कारण स्थानीय लोक कलाकार हें जिन्होंने अपने कला से मरू महोत्सव को नई ऊँचाइया प्रदान की वन्ही दूसरी तरफ थार महोत्सव हे जो तीस साल में अपनी कोई पहचान नहीं बना पाया जिसके जिम्मेदार प्रशासन की नासमझी हें .आखिर थार महोत्सव का  आयोजन क्यों और किसके  लिए किया जा रहा हें यह समझ से परे हें  

दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला? वर्षों बाद चेहरे से हटा नकाब

बला की खूबसूरत यह कोई आम महिला नहीं बल्कि एक रानी है। फातिमा कुलसुम जौहर,विश्व के सबसे समृद्ध देशों में से एक सउदी अरब राजघराने की रानी हैं।


पारवारिक रीति-रिवाजों के कारण फातिमा का चेहरा आजतक शायद ही किसी बाहरी व्यक्ति ने देखा हो,लेकिन पिछले महीने ही उनकी कुछ तस्वीरें जारी की गई है।

थार महोत्सव का आयोजन 12 से कैलाश खैर कार्यक्रम प्रस्तुत करेगें।


थार महोत्सव का आयोजन 12 से 

कैलाश खैर कार्यक्रम प्रस्तुत करेगें। 


बाडमेर, 5 मार्च। जिले की कला तथा संस्कृति को बावा देने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव का आयोजन होली के पचात शीतला सप्तमी के मौके पर 12,13 तथा 14 मार्च को होगा। थार महोत्सव आयोजन के संबंध में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने महोत्सव में रोचक एवं मनोरंजक कार्यक्रम शामिल करने के निर्देश दिए है ताकि अधिकाधिक लोग कार्यक्रमों में शामिल हो सकें। 
इस अवसर पर जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने कहा कि बाडमेर जिले की कला, संस्कृति, हस्तिशल्प को जग जाहिर करने तथा पर्यटन विकास के मकसद से आयोजित किये जाने वाले थार महोत्सव में सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होने कहा कि थार महोत्सव के कार्यक्रमों में इस बार ख्यातिनाम कलाकारों को आमन्ति्रत किया गया है। इनमें विख्यात गायक कैला खैर भामिल है। उन्होने महोत्सव के व्यापक प्रचार प्रसार के निर्दो दिए। उन्होने कहा कि कार्यक्रमों को रोचक एवं मनोरंजक रूप प्रदान किया जाए तथा अधिकाधिक दोी विदोी पर्यटकों को महोत्सव में आमन्ति्रत करने के पुरजोर प्रयास किए जाए। 

उन्होने बताया कि तीन दिवसीय थार महोत्सव का आगाज 12 मार्च को प्रातः 8.30 बजे निकाली जाने वाली भव्य शोभा यात्रा के साथ होगा। जिला कलेक्टर ने बताया कि महोत्सव का आगाज भाोभायात्रा से होगा, जो गांधी चौक से रवाना होकर भाहर के मुख्य मार्गो से होती हुई आदशर स्टेडियम पहुंचेगी। जहां विविध आकशर्क प्रतियोगिताएं यथा थार श्री, थार सुन्दरी, पगडी बांध, मूंछ ,रस्सा कसी, मटका दौड, दादापोता दौड आदि आयोजित की जाएगी। इसके पचात महाबार में केमल टेटू भाौ होगा तथा सायं कालीन कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। इसमें कैलाश खैर कार्यक्रम प्रस्तुत करेगें। महोत्सव के दूसरे दिन चौहटन में आकशर्क कार्यक्रम होंगे जिसमें मालानी फूड फेस्टीवल तथा डेजर्ट सिम्फनी आकशर्ण का केन्द्र होगा। महोत्सव के अन्तिम दिन के कार्यक्रमो का केन्द्र बालोतरा होगा जहां दिन में कनाना में आकशर्क गैर नृत्य आयोजित होगें तथा सायं कालीन कार्यक्रम बालोतरा के भाहीद भगतसिंह स्टेडियम में आयोजित किए जाएगे। 
उन्होने सभी कार्यक्रमों के लिए आयोजन समितियों का गठन करने के भी निर्दो दिए है तथा समितियों को सौपे गयें कार्यक्रमों की व्यापक तैयारी के निर्दो दिए तथा मौके पर जाकर निरीक्षण करने तथा सभी कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित कराने को कहा। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने थार महोत्सव की तैयारियों की जानकारी दी। इससे पूर्व जिला कलेक्टर ने थार महोत्सव के पोस्टर का विमोचन किया। 

देह व्यापार रोकने के लिए सामूहिक विवाह

अहमदाबाद वाडिया बनासकांठा जिले के थारड ब्लाक का एक छोटा सा गांव है जहां गैर अधिसूचित जनजाति में आने वाले सरानिया समुदाय के लोग रहते हैं | इस गांव की महिलाएं पीढ़ियों से परिवार की आजीविका के लिए देह व्यापार करती रही हैं | अक्सर इस गांव को ‘देह व्यापार करने वाली महिलाओं का गांव’ भी कहा जाता है |

इस समुदाय की महिलाएं विभिन्न कारणों जैसे सामाजिक दबाव, गरीबी के चलते या फ़िर जबरदस्ती देह व्यापार करती हैं | परिवार के पुरूष अक्सर महिलाओं की आमदनी पर गुजारा करते हैं और उनके लिए ग्राहक भी लाते हैं. पटेल ने कहा, सामूहिक विवाह से इस समुदाय की महिलाओं के लिए सामाजिक क्रांति आ सकती है, साथ ही पीढ़ियों से चली आ रही एक नकारात्मक परंपरा का अंत भी हो जाएगा |

यहां की महिलाओं के जीवन में सामाजिक क्रांति लाने के उद्देश्य से इस गाँव में सरानिया समुदाय की लड़कियों का सामूहिक विवाह कराया जाएगा | इस योजना और देहव्यापार को बंद करने की पहल के पीछे गैर सरकारी संगठन ‘विचारत समुदाय समर्थन मंच’ वीएसएसएम का हाथ है | जिसने पिछले पांच सालो से अथक प्रयास किया है | सामूहिक विवाह 11 मार्च को होगा |

वीएसएसएम की समन्वयक मित्तल पटेल ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, विवाह का मतलब है कि युवतियों को देह व्यापार के परंपरागत धंधे से बचाया जाएगा | यहां चलन है कि एक बार अगर लड़की की सगाई हो जाए या विवाह हो जाए तो उसे देह व्यापार के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता |

देह व्यापर को रोकने की कोशिश के चलते पटेल ने कहा, सामूहिक विवाह के लिए भेजे गए शुरूआती आमंत्रणों में हमने लिखा है कि सात युवतियों का विवाह किया जाएगा जबकि आठ अन्य लड़कियों का भी विवाह किया जाएगा | आज तक तो यह तय है कि आठ लड़कियों का विवाह होगा और उसी दिन 24 लड़कियां सगाई के लिए तैयार हो गई हैं |

वीएसएसएम के सदस्यों ने सरानिया समुदाय के युवकों को भी समझाया है कि वे विश्वास जगा कर युवतियों से विवाह करें | समझा जाता है कि गांव में करीब 100 महिलाएं देह व्यापार में लिप्त हैं |

पटेल ने कहा, हमने देह व्यापार में लिप्त महिलाओं को यह नहीं कहा है कि वह गलत कर रही हैं | वह बहुत मुश्किल से दो वक्त की रोटी जुटा पाती हैं | हमने तो उन्हें आजीविका के अन्य विकल्प बताए हैं | वर्ष 2006 में हमने गांव में काम शुरू किया और तब से हालात में सुधार हुआ है | सरकार ने भी सरानिया समुदाय की महिलाओं के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों का वादा किया है |

मरुस्थल में गूंजने लगी चंग की थाप

 
मरुस्थल में गूंजने लगी चंग की थाप

बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर जिले में मदनोत्सव एवं रंगोत्सव की मस्ती छाई हुई है। आधुनिकता की दौड के बावजूद थार मरुस्थल में लोक कला और संस्कृति से जुड़ी परम्पराओं का निर्वहन किया जा रहा है। ग्रामीण अंचलों में होली की धूम मची हैं। ग्रामीण अंचलों में रंगोत्सव की मदमस्ती बरकरार है। गांव की चौपालों पर सूरज ढलते ही ग्रामीण चंग की थाप पर फाग गाते नजर आते है वहीं फागुनी गीत गाती महिलाओं के दल फागोत्सव के प्रति दीवनगी का एहसास कराती है।

सीमावर्ती बाड़मेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोक परम्पराओं का निर्वहन हो रहा है। रंग और मद के इस त्यौहार के प्रति ग्रामीण अंचलों में दीवानगी बरकरार है। ग्रामीण चौपालों पर ग्रामीणों के दल सामूहिक रुप से चंग की थाप पर फाग गीत गाते नजर आते हैं। जिले में लगातार पड़ रहे अकाल का प्रभाव भी इस उत्सव पर नजर नहीं आ रहा है। होली के धमाल के लिए प्रसिद्ध नावड़ा गांव के बुजुर्ग रुपाराम ने बताया कि अकाल के कारण गांव के युवा रोजगार के लिए गुजरात गये हुये है। अकाल के कारण हमारे गांव में होली का रंग फीका नहीं पड़ता। रोजगार के लिए बाहर गये युवा होली से तीन चार दिन पूर्व पर्व मनाने यहां पहुंच जाते है। हमारे गांव की यहीं परम्परा है जो हम अपने बुजुर्गो के समय से देखते आ रहे और इसकी पालना करते आ रहे है।

होली से एक पखवाड़ा पूर्व गांव में होली का आलम शुरु हो जाता है। चौपाल पर शाम होते होते गांव के बुजुर्ग, जवान और बच्चे एकत्रित हो जाते है, चंग बजाने वालों की थाप पर ग्रामीण सामूहिक रुप से फाग गाते हैं वहीं गांव की महिलायें रात्रि में एक जगह एकत्रित होकर बारी-बारी से घरों के आगे फाग गाती है, जो महिलायें इस दल में नहीं आती उस महिला के घर के आगे जाकर महिला दल अश्लील फाग गाती है जिसे सुनकर अंदर बैठी महिला शरमा कर इसमे शामिल हो जाती है। महिलाओं द्वारा दो दल बनाकर लूर फाग गाया जाता है। लूर में महिलाओं के दोनों दल गीतों के माध्यम से आपस में सवाल जवाब करते है। लूर थार की प्राचीन परंपरा हैं। लुप्त हो रही लूर परम्परा अब सनावड़ा तथा सिवाना क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों तक ही सिमट कर रह गई है।
फाग गीतों के साथ साथ डांडिया गेर नृत्य का भी आयोजन होता है। भारी भरकम घुंघुरु पांव में बांध कर हाथों में आठ दस मीटर लंबे डांडियल करोल की थाप और थाली की टंकार पर जब गेरियें नृत्य करते है तो लोक संगीत की छटा माटी की सौंधी में घुल जाती है। सनावड़ा में होली के दूसरे दिन बड़े स्तर पर गेर नृत्यों का आयोजन होता है जिसमें आसवास के गांवों के कई दल हिस्सा लेते है। ग्रामीण क्षेत्रों में होली का रंग जमने लगा है। शहरी क्षेत्र में भी इस बार गेरियों के दल नजर आ रहे है। जो शहर की गलियों में चंग की थाप पर फाग गाते नजर आते है।

अब तक चबा चुकी हैं 4000 बर्तन धोने के स्पंज

अब तक चबा चुकी हैं 4000 बर्तन धोने के स्पंज
माइलर, कॉनवेल (यूके)। पेशे से डेंटल नर्स 21 वर्षीय केरी ट्रेबिलकॉक का पसंददीदा नाश्ता है चाय में डूबा हुआ बर्तन धोने का स्पंज और खाने में वे हॉट सॉस, कैचप या फिर मस्टर्ड जैम के साथ स्पंज लेना पसंद करती हैैं, शाम के नाश्ते में वे कभी-कभार साबुन की टिकिया खाना पसंद करती हैं।

जी हां, केरी को बर्तन धोने के स्पंज खाने की ऎसी लत है कि वे अभी तक करीब 4000 स्पंज गटक चुकी हैं और इसके अलावा साबुन की करीब 100 टिकिया भी चबा चुकी हैं। दरअसल केरी "पिका" नामक बीमारी से पीडित हैं, जिसकी वजह से पीडित को ऎसी ही किसी अजीबो-गरीब वस्तु को खाने की तीव्र इच्छा महसूस होती है।

इस समस्या से पीडित अन्य लोगों को भी, धातु, कोयला, प्लास्टिक, रेत, चॉक और यहां तक की कांच तक खाते हुए देखा गया है। केरी को साबुन और स्पंज खाने की इतनी तीव्र इच्छा होती है कि वे नहाते हुए या फिर बर्तन धोते हुए अक्सर इन्हें खाने लगती हैं।

केरी बताती हैं कि वर्ष 2008 में मोरक्कों में छुटि्टयां बिताने के दौरान उन्हें "हुकवॉम" का संक्रमण हुआ था, जिसके बाद उन्हें इन चीजों को खाने की लत सी पड़ गई। साबुनों की टिकिया में केरी का पसंददीदा स्वाद है ऑरगैनिक लेमन अपने हर भोजन के साथ केरी एक इंच स्क्वेयर स्पंज और तीन चम्मच ऑरगैनिक साबुन लेती हैं, लेकिन उनकी इच्छा इस अनोखी लत से छुटकारा पाने की भी है

अपहृत के परिजनों से रुपए मिलने की पुष्टि पर सिरोही के समीप युवक को छोड़ा,


अपहृत के परिजनों से रुपए मिलने की पुष्टि पर सिरोही के समीप युवक को छोड़ा,

 नाकाबंदी के दौरान स्वरूपगंज पुलिस ने पकड़ा आरोपियों को, रुपयों के लेनदेन का था मामला


सायला थाना क्षेत्र के चौराऊ गांव के समीप एक युवक का कार में गुजरात से आए कुछ लोगों ने शनिवार शाम को अपहरण कर लिया। अपहृत युवक को आरोपियों ने निर्धारित रकम मिलने की पुष्टि होने पर सिरोही के समीप छोड़ दिया। बाद में स्थानीय पुलिस ने स्वरूपगंज पुलिस के सहयोग से सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि व्यापार में रुपयों के लेनदेन को लेकर आरोपियों ने युवक का अपहरण किया था। पुलिस ने अपहृत के भाई सांवलाराम की रिपोर्ट पर मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार सायला निवासी कालाराम पुत्र नरसाराम चौधरी शनिवार दोपहर तीन बजे के करीब मोटरसाइकिल पर पोषाणा की तरफ जा रहा था। इस दौरान हरियाली स्टेशन (चौराऊ) के निकट पहुंचा ही था कि पीछे से आ रही एक कार उसके आगे आकर खड़ी हो गई। गुजरात पासिंग कार में सवार युवकों ने उसे मोटरसाइकिल से नीचे उतार पूछताछ की। कार में सवार दो युवक खुद को क्राइम ब्रांच के अफसर बता रहे थे। इस दौरान विरोध करने पर आरोपियों ने कालाराम को जबरदस्ती कार में डाल दिया तथा अपहरण कर ले गए। वहीं मोटरसाइकिल पर अपने एक साथी को बिठाकर रवाना किया। आरोपियों की पहचान अहमदाबाद (गुजरात) निवासी ओमप्रकाश पुत्र लक्ष्मणदास, धीरज पुत्र कल्याणसिंह राजपूत, रवि पुत्र मानसिंह राजपूत, राखी (सिवाना) निवासी गोपाल पुत्र भैराराम खवास और कालंद्री निवासी दिनेश पुत्र कलाराम माली के रूप में हुई है। पुलिस ने इन सभी आरोपियों गिरफ्तार कर लिया है।

बेटे की शादी पर मां को न्यूड़ कर पूरे गांव में घुमाया

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लाहौर। लाहौर में एक महिला को पूरे गांव में न्यूड़ कर घुमाया गया। पुलिस के मुताबिक महिला के बेटे पर एक लड़की से जबर्दस्ती शादी करने का आरोप है। जबरन शादी का बदला लेने के लिए 36 लोगों के एक ग्रूप में लड़के की मां के कपड़े उतारकर उसे नग्र पूरे गांव में घुमाया। मिली जानकारी मुताबिक लड़की गोपांग कबीले की है, वहीं लड़का दाहा कबीले से है। दोनों कबीलों के बीच खराब रिश्ते हैं। इस कारण गोपांग कबीले के लोगों ने बदला लेने के लिए ऐसा किया। पुलिस में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक गोपांग कबीले के लोगों ने खुंदई गांव में लड़के के घर पर छापा मारा और लड़के की मां और उसकी पत्नी को वे अपने साथ ले गए। जब लड़के के घरवालों ने विरोध जताया तो, उनके साथ भी खूब मारपीट की और लड़के की मां पूरे गांव में न्यूड कर घुमाया गया। पुलिस इस मामले में अब तक 24 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है।

'बच्चे पैदा करने में नंबर वन बन गया है राजस्थान'

जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बच्चे पैदा करने में राजस्थान नंबर वन बन गया है। देश की करीब साढ़े पांच प्रतिशत आबादी राजस्थान में बसती है। इसलिए प्रदेशवासी दो बच्चों के बाद फुल स्टॉप लगाएं, ताकि बच्चों की परवरिश अच्छे से हो सके। उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं होगा तो भविष्य में तकलीफ ही तकलीफ होगी। वे रविवार को मंडोर रोड स्थित विशेष पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रावास के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिशन 72’ के चक्कर में प्रदेश में 7 लाख कर्मचारियों के प्रमोशन रुक गए। 

ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बच्चे पढ़े-लिखे होंगे तो सरकार में नौकरी मिलेगी। अगर बच्चा काबिल है तो छठी से लेकर कॉलेज तक का पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाएगी, लेकिन पढ़ेंगे ही नहीं तो कौन मदद करेगा। उप मुख्य सचेतक रतन देवासी ने बताया कि प्रदेश में ऐसे करीब 40 छात्रावासों का निर्माण आगामी डेढ़ साल में होगा। कृषि राज्य मंत्री गुरमीतसिंह कुन्नर ने कहा कि पिछड़ी जातियों के लिए सरकार कई योजनाएं लेकर आएगी। समारोह में जेडीए चेयरमैन राजेंद्र सिंह गहलोत, अमृतदास महाराज भी मौजूद थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निदेशक विश्राम मीणा ने आभार व्यक्त किया।

अत्यधिक दोहन से खराब हो रहा है पानी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में आबादी निरंतर बढ़ रही है और जल की उपलब्धता महज एक प्रतिशत है। हम 135 प्रतिशत ‘वाटर माइनिंग’ करके जल संकट को बुलावा दे रहे हैं। हम कुल जल उपभोग में से 90 फीसदी पानी भूगर्भ से निकाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को न्यू पावर हाउस स्थित जोधपुर डिस्कॉम एमडी कार्यालय परिसर में करीब ढाई करोड़ रुपए की लागत से निर्मित कस्टमर केयर सेंटर के उद्घाटन समारोह में ये बातें कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। इसलिए राज्य में अब 11 हजार 590 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 7 हजार 750 मेगावाट के प्लांट राज्य में 9 परियोजनाओं के रूप में आएंगे, जबकि 3 हजार 840 मेगावाट के प्लांट प्राइवेट सेक्टर से आएंगे।

तीन ग्राम पंचायतों पर होगा एक जीएसएस: ऊर्जा मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में हर तीन ग्राम पंचायतों पर एक जीएसएस होगा। ऐसे कुल 1100 जीएसएस बनाए जाएंगे। इनमें से 700 जीएसएस का कार्य पूरा हो चुका है। समारोह में कृषि राज्य मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर, उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, जेडीए चेयरमैन राजेंद्रसिंह सोलंकी, विधायक कैलाश भंसाली, ऊर्जा सचिव नरेशपाल गंगवार, डिस्कॉम सीएमडी कुंजीलाल मीणा और उद्यमी उमेश लीला, सुनील परिहार आदि मौजूद थे।


मगरा पूंजला में सीएम ने किया भूमिगत केबलिंग कार्य का शिलान्यास

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को मगरा पूंजला स्थित भूमिगत केबलिंग योजना का शिलान्यास किया। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह, कृषि राज्य मंत्री गुरमीतसिंह कुन्नर, जोधपुर डिस्कॉम एडी एस.एल.माथुर, तकनीकी निदेशक के.सी.गोदानी, एसई सिटी महीराम विश्नोई, बिजली इंजीनियर एसोसिएशन के सचिव अमिताभ देवड़ा सहित कई अधिकारी मौजूद थे। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने रविवार शाम को पालरोड स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद मुस्लिम सीनियर सैकंडरी स्कूल में कंप्यूटर लैब का उद्घाटन करने के साथ रसायन शास्त्र प्रयोगशाला का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक दिवसीय प्रवास के दौरान विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने ज्ञापन सौंपे। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष कृष्णमुरारी शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सोनिया गांधी के नाम से कर्मचारी कॉलोनी बसाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उनके साथ राजेंद्र परिहार, उदयकिशन व्यास, हापूराम चौधरी आदि मौजूद थे। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष शंभूसिंह मेड़तिया के नेतृत्व में कर्मचारियों ने राज्य कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ 1 जनवरी 2006 से देने सहित विभिन्न मांगों का ज्ञापन दिया।

मुख्यमंत्री ने पुस्तक का विमोचन किया

मुख्यमंत्री ने रविवार को एनआईसी में गोविंदचंद मेहता और राकेश मेहता द्वारा सुविचारों को संकलित कर लिखी गई पुस्तक ‘संजीवनी’ का विमोचन किया। सर्किट हाउस में कोमलसिंह चंपावत द्वारा लिखित पुस्तक ‘संवैधानिक विकास और राज व्यवस्था’ का विमोचन किया।

भूकंप से कांपा उत्तर भारत

भूकंप से कांपा उत्तर भारत

जयपुर। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली), हरिणाया और राजस्थान समेत पूरा उत्तर भारत सोमवार दोपहर भूकंप के झटकों से थर्रा गया। दोपहर 1.10 बजे लगभग 10-12 सैकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़ आदि तमाम शहरों में भूकंप से सहमे लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल आए।

हालांकि किसी भी जगह से कोई जान-माल की क्षति की खबर नहीं है। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई है।

भूकंप के तुरंत बाद विभिन्न शहरों में लोगों ने पत्रिका कार्यालय फोन कर सूचना दी। सूत्रों के अनुसार भूकंप का केन्द्र हरियाणा के बहादुरगढ़ में था। सबसे तेज झटका दोपहर 1.10 बजे आया।

टि्वटर पर शेयर हुआ झटका

भूकंप के झटकों को महसूस करने के तुरंत बाद लोगों ने इसके एहसास को माइक्रो सोशल नेटवर्किग साइट टि्वटर पर शेयर करना शुरू कर दिया। एक दूसरे को अपने अनुभव बांटने के साथ ही ट्वीट कर अपनी खैरियत की बात भी कही।

कार्यकारिणी के चुनाव पर विरोध जताया

कार्यकारिणी के चुनाव पर विरोध जताया

बाड़मेर जैन श्री संघ कार्यकारिणी के चुनाव को लेकर रविवार को आयोजित बैठक में प्रतिनिधि सभा ने विरोध जताया। प्रतिनिधि सभा जैन श्री संघ के सदस्य पारसमल छाजेड़ एवं लूणकरण बोथरा की ओर से जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया सर्वसम्मति से नहीं हुई क्योंकि दो-तिहाई कार्यकारिणी सदस्यों ने इस प्रक्रिया को मंजूर नहीं किया। उनके अनुसार यह प्रक्रिया विसंगति पूर्ण है। चुनाव का विरोध करने के साथ ही कार्यकारिणी की बैठक रद्द कर दी गई। सदस्यों ने पुरानी कार्यकारिणी एवं चुनाव अधिकारी को भी विरोध पत्र भेजा जिसमें सदस्यों ने चुनाव रद्द होने की बात कही।

जैन श्री संघ के निर्वाचन अधिकारी को प्रतिनिधि सभा के पारसमल छाजेड़, संपतराज छाजेड़, चंपालाल, शंकरलाल बोथरा, लूणकरण बोथरा, चंपालाल बोथरा, सजन राज मेहता, शंकरलाल मालू, सुखरामदास, रमेश धारीवाल, संपतराम सखलेचा, पारसमल सेठिया, लूणकरण नाहटा, बंशीधर, देवीचंद गुलेच्छा, प्रकाश व भगवानदास मालू ने विरोध जताते हुए कहा इस चुनाव प्रक्रिया को स्वीकार नहीं किया । इन्होंने नई कार्यकारिणी को चार्ज नहीं देने की बात कही है।

तस्करों ने कर दी थाना प्रभारी की पिटाई

तस्करों ने कर दी थाना प्रभारी की पिटाई

जयपुर। हरियाणा से आई शराब की तस्करी को रोकने वाले सांगानेर आबकारी थाना प्रभारी की तस्करों ने पिटाई कर दी। अब आलम यह है कि आबकारी थाना सहमा हुआ है और थाना प्रभारी आबकारी कमिश्नर के सामने फरियाद लेकर पहुंची है। उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत कमिश्नर दिनेश कुमार को दी है, जिसमें उसने खुद को पीटे जाने की बात भी लिखी है।

दरअसल, मुखबिर की सूचना मिलने पर राजापार्क स्थित एक दुकान के पास निरीक्षण करने पहुंची महिला थाना प्रभारी ने बड़ी मशक्कत के बाद हरियाणा मार्का शराब की करीब दो दर्जन बोतलें तो जब्त की हीं, साथ ही दो लोगों को पूछताछ के लिए थाने ले आई। यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद थाना प्रभारी के साथ जो कुछ हुआ, उसने न सिर्फ थाना प्रभारी के होश उड़ा दिए बल्कि शराब तस्करों के हौसले की भी कहानी कह दी।

राजधानी में शराब तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं, इस बात का अंदाजा सांगानेर आबकारी थाने के हालात से लगाया जा सकता है। दरअसल, शराब तस्करों ने यहां पहुंच कर न सिर्फ उत्पात मचाया, बल्कि थाना प्रभारी ममता सार्दुल पर घूंसे भी बरसाए। मामला शनिवार देर रात का है। हालांकि हंगामे की सूचना मिलते ही सांगानेर व प्रतापनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उसका जोर भी समझाइश पर ही रहा। बताया जाता है कि आरोपियों में से एक व्यक्ति तो अस्पताल में इलाज करवाने के नाम पर भर्ती हो गया है, जबकि दूसरा आबकारी थाने की हिरासत में है।

आबकारी थाना प्रभारी ममता सार्दुल ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि राजापार्क में राजस्थान आबकारी विभाग की दुकान के समीप ही हरियाणा निर्मित शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के दस्ते ने तोलाराम परवानी व किशोर सिंधी को गिरफ्तार करते हुए दुकान के पास से करीब 24 बोतलें जब्त कीं। जब दल दोनों आरोपियों को लेकर सांगानेर थाने पहुंचे, तो वहां पर आरोपियों के परिजन थाने पर आ धमके और थाना प्रभारी ममता को दोनों हाथों से पकड़ कर उन पर घूंसे बरसाना शुरू कर दिया।

सांगानेर आबकारी थाना प्रभारी ममता सार्दुल ने बताया कि गिरफ्तार शराब तस्करों के खिलाफ पूर्व में भी करीब सात मामले दर्ज किए जा चुके हैं। थाना प्रभारी ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए शराब तस्करों के राजधानी के कई इलाकों में सरकारी शराब की दुकानों के लाइसेंस हैं।

गाजे-बाजे के साथ 'ईलोजी' को पाट बिठाया जयकारों व मंत्रोच्चार के साथ किया पूजन गाजे-बाजे के साथ 'ईलोजी' को पाट बिठाया जयकारों व मंत्रोच्चार के साथ किया पूजन


गाजे-बाजे के साथ 'ईलोजी' को पाट बिठाया

जयकारों व मंत्रोच्चार के साथ किया पूजन

बालोतरा

होली के देवता घुंघराले भैरुजी के विवाह को लेकर पाट बिठाने की रस्म रविवार सुबह 10 बजे पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार व श्रद्धालुओं के जयकारे के साथ अदा की गई। श्रद्धालु मगराज जिंदल ने बताया कि इस दौरान भैरूजी का फूल बंगला सजाने के साथ धूप व अगरबत्ती से पूजन किया गया। पाट बिठाने की रस्म के साथ होली पर्व का भी आगाज हो गया। जिंदल ने बताया कि पर्व के दौरान रविवार से होली तक प्रतिदिन धूप, आरती व प्रसादी का वितरण कार्यक्रम होगा। प्रतिदिन दोपहर 3 से सांय 5.30 तथा रात्रि में 9 से 12.30 बजे तक नृत्य कलाकारों द्वारा होली फाग के गीतों के साथ रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। 7 मार्च को रात्रि में 8.30 बजे भैरु बाजार से बैंड बाजों की धुनों पर घुंघराला भैरुजी की बारात रवाना होगी। बारात जूनाकोट, श्रीमालियों का चौक होते हुए लोहाणा चौक पहुंचेगी। यहां पर नृत्य कलाकारों द्वारा फाग गीत पेश किए जाएंगे। बारात लोहाणों का चौक से संभवनाथ चौक, श्री नृसिंह मंदिर, श्री केसरियानाथ मंदिर व सायर थाना होकर बलदेवजी की पोल में शाह हस्तीमल मदनलाल हीरालाल श्रीश्रीमाल के यहां जाएगी। तोरण व मिलनी की रस्म के बाद बाराती भैरु बाजार जानीवासा में विश्राम करेंगे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में मनोज कांकरिया, गौतमचंद गोलेच्छा, रमेश कोठारी, सोहनलाल कंदोई, महावीर सालेचा व जिनेश सालेचा सहित कई कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं।

तुझे किन होरी खिलाई...बावरी बन आई...




तुझे किन होरी खिलाई...बावरी बन आई...
 

गेरियों की ग्यारस पर राज परिवार के सदस्यों ने लिया फाग में हिस्सा, बाद में विभिन्न समाजों की गेरें पूर्व महारावल के निवास पहुंची




जैसलमेर
वर्षों पुरानी परंपराओं को निभाने में जैसलमेरवासी सबसे आगे हैं। पारंपरिक होली उत्सव को भी यहां के लोग धूमधाम से परंपरा के अनुसार ही मनाते हैं। रविवार को फाल्गुनी ग्यारस के दिन लक्ष्मीनाथ के मंदिर में बड़ी तादाद में लोग एकत्र हुए और फाग महोत्सव में भाग लिया। परंपरा के अनुसार राजपरिवार के सदस्य विक्रमसिंह एवं दुष्यंतसिंह भी मंदिर परिसर में पहुंचे और लक्ष्मीनाथजी के साथ होली खेली। इसके बाद ब्राहमण समाज के विभिन्न धड़ों की अलग-अलग गेरे निकाली गई। लक्ष्मीनाथजी का मंदिर परिसर सोमवार को महिलाओं, पुरुषों और बच्चों से भरा हुआ था। मंदिर में भगवान की मूर्ति के सम्मुख कई युवा फाग के गीत गा रहे थे।

हर कोई रंगा था होली के गीतों में

रविवार को लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में फाग खेलने का सिलसिला दोपहर एक बजे शुरू हुआ। एक तरफ फाग के गीत गाए जा रहे थे, दूसरी ओर लक्ष्मीनाथजी के गुलाल लगाई जा रही थी और बाद में एक-दूसरे में गुलाल छिड़ककर माहौल को रंग-बिरंगा बना दिया गया। मंदिर का दृश्य देखने के लिए कई विदेशी पर्यटक भी उपस्थित थे। युवा गा रहे थे - खेलिये महाराज... रंग भर हो, हो हो रंग होळी रे म्हाराज हो रंग होळी रे म्हारा राज खेलिये महाराज रंग भर हो.... जैसे फाग गीतों का सिलसिला काफी देर तक चलता रहा। मंदिर परिसर में मस्ती का आलम छाया हुआ था। इस अवसर पर फाग के रसिया स्त्री-पुरुष भी उपस्थित थे।



गेरियों ने घर-घर घूम गाया 'हालरा'



पुष्करणा समाज की और से निकाली पारंपरिक गेरे



जैसलमेर
दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर में फागोत्सव की धूम के बाद पुष्करणा समाज के सभी धड़ों की गेरे रविवार से प्रारंभ हुई। ग्यारस से ही गेरियें विभिन्न गली मौहल्लों में घूम-घूम कर अपने-अपने समाज के घरों में दस्तक दे रहे है। हालरो हुलरावों ऐं सैंयां.... थोरी बोली प्यारी लागे सहित कई तरह के श्लील ख्याल गाते गेहरिए सुर में सुर मिला कर गेर की रंगत को गहरा कर रहे है।

सदियों पुरानी परंपरा है गेर

फाल्गुन सुदी एकादशी के दिन लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में नियमित फाग खेलने के पश्चात लक्खुबीरा की गेर पूर्व महारावल के निवास की ओर प्रस्थान करने से पूर्व लक्ष्मीनाथजी का हालरा गाती है। मंदिर पैलेस में भी महारावल व राज परिवार के अन्य सदस्यों के यहां भी हालरा गाया जाता है। तत्पश्चात लक्खुबीरा, नऊव्यासों की गेर, बिरतेस्वरियों की गेर व बिस्सा केवलियों की गेर अपने-अपने धड़ों में बंट कर अपने भाईपे में हालरा गाती है।

ऐसी होती है गेर

परंपरा अनुसार तबला, झांझ, मंजीरा, मृदंग एवं अन्य वाद्य यंत्रों से सुसज्जित पारंपरिक वेशभूषा धारण किए हुए गेहरिए की गेर बारी-बारी से अपने-अपने भाइयों के घर के आगे पहुंचती है। न्यात के चौधरी की अगुवाई में होळी की गेर लेकर आए हुए गेहरिए भाइयों का स्वागत परिवार के मुखिया द्वारा अबीर-गुलाल छिड़ककर किया जाता है। इस अवसर पर अब कहीं-कहीं गेहरियों का स्वागत शीतल जल, चाय-नाश्ते और फगुवा-प्रसादी के साथ किया जाता है। इस अवसर पर गेहरिए जिस घर के आगे गेर गाई जाती है उसके पुरुष सदस्यों का नाम ले लेकर उनके सफल एवं संपन्न गृहस्थ जीवन की कामना करते हैं। गेर से प्राप्त सहयोग राशि और बधाई की वस्तुओं के संग्रहण से चारों धड़ों द्वारा गड़सीसर की पाल पर होलिका दहन से एक दिन पूर्व की रात्रि में पृथक-पृथक रूप से गोठ की जाती है।

11वीं से 18वीं सदी के शिलालेख मिले

रियां सेठों की, पीपाड़, खारिया, अरटिया कलां, संखवास, हुरड़ी, सिलारी व बुचकला आदि गांवों से करीब 22 अप्रकाशित शिलालेख खोजे गए हैं। ये शिलालेख 11वीं से 18वीं शताब्दी के हैं। ये शिलालेख मोहणोत परिवार, चौहान, मेड़तिया राठौड़, चंपावत राठौड़, श्रीमाली ब्राह्मण व भाटी वंश से संबंधित हैं।

इंटेक द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट के तहत विशेषज्ञ डॉ. विक्रमसिंह भाटी ने इन गांवों से शिलालेख खोजे हैं। रियां सेठों की स्थित मोहणोत परिवार की 20 स्तंभों की कलात्मक छतरी का भी पता लगाया गया।

इसके बाहरी स्तंभों में लगे अभिलेख से पता चलता है कि गोरधनदास ने विक्रम संवत 1841 की फाल्गुन सुदी 1 को छतरी की नींव रखी। रघुनाथदास हरजीमल ने इसका निर्माण कराया। मोहणोत सेठ जीवणदास ने विक्रम संवत 1844 की माघ सुदी 15 को छतरी पर कलश चढ़ाया था।

दस दिन में गिरा दूसरा मिराज



जयपुर। सवाई माधोपुर बामनवास के भांवरा गांव की पहाडिय़ों में वायु सेना का लड़ाकू विमान मिराज- 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान मध्यप्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से उड़ा था।

 

विमान के दोनों पायलट सुरक्षित बताए जा रहे हैं। प्रारंभिक तौर पर विमान के इंजन में फ्यूल लीकेज होना दुर्घटना का कारण माना जा रहा है। वायुसेना ने मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं।

जानकारी के अनुसार दोपहर 12.40 पर ग्रामीणों ने पहाडिय़ों में जोरदार धमाके की आवाज सुनी। वहां आग की लपटें और धुआं भी उठ रहा था। सूचना मिलने पर बामनवास के सीओ नरेंद्र सिंह व थानाप्रभारी सुरेश चंद मौके पहुंचे।



रास्ता दुर्गम होने के कारण बचाव के लिए दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में पुलिस को काफी परेशानी हुई। वायुसेना अपने हेलीकॉप्टरों की सहायता से दुर्घटना स्थल पर उतरने की तैयारी कर रही है।





पिछले 10 दिनों में मिराज-2000 की यह दूसरी दुर्घटना है। इस श्रेणी का एक प्रशिक्षण विमान 24 फरवरी को मध्य प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, लेकिन विमान के दोनों पायलट जान बचाने में कामयाब रहे थे।

एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास 201112 संयुक्त भारतअमरिका अभ्यास राजस्थान में प्रारंभ


एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास 201112 
संयुक्त भारतअमरिका अभ्यास राजस्थान में प्रारंभ 

एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास 201112 की शुरूआत, आज सुबह महाजन, राजस्थान में दोनों देशों के राष्ट्र ध्वजों के फहराने एवं ॔॔जन गण मन ... ’’ व ॔॔द स्टार स्पेन्गल्ड बैनर’’ की धुनों के साथ एक संक्षिप्त व प्रभावी उद्घाटन समारोह में हुई। भारतीय और अमरीकी सैनिक, अपने प्दिंदजतल ब्वउइंज टमीपबसमे ;प्ब्टद्ध एवं ।तउवनतमक च्मतेवददमस बंततपमत ;।च्ब्द्ध के साथ दोनों तरफ खड़े हुए और परेड का निरीक्षण कर रहे भारत एवं अमरीका के दो वरिष्ठतम अधिकारियों की विधिपूर्वक सैल्यूट किया। 

अमरीकी टोली का प्रतिनिधित्व कर्नल थॉमस जे रॉय, कमाण्डर द्धितीय इंजीनियर ब्रिगेड, संयुक्त राज्य सेना ने किया। उनके भारतीय समकक्ष ब्रिगेडियर बी एस थनोआ ने अपने उद्घाटन भाषण में दोनों देशों के सामुहिक व महत्वपूर्ण सहभागी विचारों प्रजातन्त्र, स्वतंत्रता, समानता व न्याय को रेखांकित किया। 

दो सप्ताह लम्बे अभ्यास में एक अमरीकी सैनिक कम्पनी और इतने ही दक्षिण पश्चिम कमान के भारतीय सैनिक भाग ले रहे हैं। इससे उन्हें संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक, जिसमें मैकनाइज्ड बल शामिल होते हैं, के रूप में अपनी युक्ति एवं तकनीकी कौशलों को निखारने में मदद मिलेगी। दोनों तरफ से निगरानी एवं ट्रेनिंग के लिए उन्नत उपकरण, आतंकवादियों से आमनेसामने की लड़ाई के लिए विशेष हथियार, विस्फोटक व प्उचतवअपेमक म्गचसवेपअम क्मअपबम ;प्म्क्द्ध का पता लगाने वाले उपकरण तथा अत्याधुनिक संचार उपकरणों को लगाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र शांति कार्यवाहियों के दौरान आने वाले संभावित खतरों से निपटने के लिए दोनों दलों द्वारा तैयार की गई टैक्टिकल डि्र्लों का संयुक्त अभ्यास मार्च के दूसरे सप्ताह में होगा। 

रविवार, 4 मार्च 2012

अर्धनग्न महिलाओं ने किया पुलिस के सामने प्रदर्शन

मास्को.रूस के प्रधानमंत्नी और राष्ट्रपति चुनाव में यूनाईटेड रशिया पार्टी के उम्मीदवार व्लादीमीर पुतिन जैसे ही रविवार अपना मत देकर मतदान केन्द्र से बाहर निकले वैसे ही उनके शासन से खिन्न अर्धनग्न महिला प्रदर्शनकारियों ने मतदान केन्द्र पर धावा बोल दिया।

 



रूस के रशिया टुडे टेलीविजन नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक ये महिलाएं 'फेमेन' नामक महिला अधिकारों के लिये काम करने वाले समूह से जुड़ी हुई थीं। इन प्रदर्शनकारियों ने मतदान केन्द्र से मत-पेटियों को चुराने का प्रयास किया।





इनके सीनों पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था 'मैं पुतिन के लिए चोरी करूंगी' इस नारे को पुतिन समर्थक आंदोलनकारियों के खिलाफ् एक कटाक्ष के तौर पर लिया जाता है जो महिलाओं के सौंदर्य का इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए करते आए हैं।





महिला प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही मतदान केन्द्र में अपने ओवरकोट उतारकर पुतिन विरोधी नारे लगाने शुरु किए वैसे ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी हरकत में आ गए और प्रदर्शनकारियों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया।





फेमेन की स्थापना 2008 में यूक्रेन में हुई थी। इस संगठन से जुडे कार्यकर्ता इससे पहले भी महिलाओं से जुडे विभिन्न मुद्दो पर अर्धनग्न प्रदर्शन करते रहे हैं। फेमेन यूक्रेन में बढ़ रहे सेक्स-पर्यटन के खिलाफ् भी समय-समय पर आवाज उठाता आया है।





उल्लेखनीय है कि रूस में रविवार को राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया चल रही है। इस चुनाव में पुतिन के जीतने की पूरी संभावना जताई जा रही है।





पुतिन के अलावा रूसी कम्युनिस्ट पार्टी (केपीआरएफ्) की ओर से गेन्नादी झिगानोव,दक्षिणपंथी दल लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से व्लादीमिर झिरीनोवस्की,सोशल डेमोक्रेटिक दल जस्ट रशिया की ओर से सेर्गेई मिरोनोव और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मिखाईल प्रोखोरोव मैदान में हैं।


प्रशासन ने परिजन को मृतकों के शव सुपुर्द किये

 प्रशासन ने परिजन को मृतकों के शव सुपुर्द किये 

बाड़मेर दोहरे हत्याकांड के बाद आज सुबह दोनों मृतकों का पोस्ट मार्टम बालोतरा के नाहटा अस्पताल में हुआ सुबह मृतकों के परिजनों ने शव लेने से मन कर दिया सुबह तक सेकड़ो की संख्या में विश्नोई समाज के लोग अस्पताल पहुचने लगे और उन्होंने बालोतरा थाना धिकारी पर हत्यारों का साथ देने के आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की और मृतकों के परिजनों को मुआवजा व् सरकारी नौकरी की मांग की और सेकड़ो की संख्या में उपखंड कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए स्तिथि को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर व् पुलिस अधीक्षक सभी अधिकारिओ के साथ वहा पहुचे जहा उन्होंने समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर उचित कार्यवाही की बात कही दिन भार चले इस घटना क्रम के बाद करीब चार बजे अधिकारिओ ने धरने पर बैठे लोगो को थानाधिकारी को बल्त्र से हटा कर उनका मुख्यालय बाड़मेर करनी की बात कही और अपराधियों की मोबाईल की काल डिटेल में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के बात होने जाँच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का आश्वाशन दिया !अतिरक्त जिला कलेक्टर ने मुआवजे के लिए जिला प्रशासन की और हर संभव मदद का भरोषा दिलाया तब जाकर धरना समाप्त हुआ और प्रशासन ने परिजन को मृतकों के शव सुपुर्द किये !

होली का आगाज आज, पाट बैठेंगे घुंघराले भैरुजी





होली का आगाज आज, पाट बैठेंगे घुंघराले भैरुजी



बालोतरा
होली के देवता घुंघराले भैरुजी के विवाह को लेकर पाट बिठाने की रस्म के साथ ही रविवार सुबह 10 बजे पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होली का आगाज होगा। श्रद्धालु मगराज जिंदल ने बताया कि पाट मुहूर्त के समय भैरुजी का शृंगार करने के साथ फूल बंगला, धूप व अगरबत्ती पूजन के साथ श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया जाएगा। पाट बिठाने की रस्म अदायगी के साथ होली पर्व का आगाज किया जाएगा। इसके तहत रविवार से होली तक प्रतिदिन धूप, आरती व प्रसादी का वितरण कार्यक्रम होगा। प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 5.30 तथा रात 9 से 12.30 बजे तक नृत्य कलाकारों की ओर से होली फाग के गीतों के साथ रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। सात मार्च की रात 8.30 बजे भैरु बाजार से बैंड बाजों की धुन पर घुंघराला भैरुजी की बारात रवाना होगी। बारात जूनाकोट, श्रीमालियों का चौक होते हुए लोहाणा चौक पहुंचेगी। यहां पर नृत्य कलाकार फाग गाएंगे। बारात लोहाणों का चौक से संभवनाथ चौक, श्री नृसिंह मंदिर, श्री केसरियानाथ मंदिर व सायर थाना होकर बलदेवजी की पोल में शाह हस्तीमल मदनलाल हीरालाल श्रीश्रीमाल के यहां जाएगी। तोरण व मिलनी की रस्म के बाद बाराती भैरु बाजार जानीवासा में विश्राम करेंगे। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर मनोज कांकरिया, गौतमचंद गोलेच्छा, रमेश कोठारी, सोहनलाल कंदोई, महावीर सालेचा व जिनेश सालेचा सहित कई कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं।

जैसलमेर. पुस्तक का लोकार्पण करते अतिथि।

जैसलमेर. पुस्तक का लोकार्पण करते अतिथि।

शोध का अपना एक दर्शन होता है

जैसलमेर. एसबीके राजकीय महाविद्यालय में शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में आधुनिक शोध प्रविधियां एवं प्रक्रियाएं विषय पर बोलते हुए मुख्य अतिथि प्राचार्य डा. जेके पुरोहित ने कहा कि शोध का अपना एक दर्शन होता है। अनुसंधान की प्रेरणा से लेकर परिणति तक शोधार्थी को प्रविधि एवं प्रक्रियाओं को आत्मसात करना होता है। विशिष्ट अतिथि उपपंजीयक बाड़मेर बद्रीनारायण बिश्नोई ने कहा कि सामाजिक अनुसंधान समाज के विद्वानों को नई दिशा देता है। सेमिनार संयोजक डा. उम्मेदसिंह इंदा ने कहा कि आधुनिक शोध सुनियोजित, सुनिश्चित कार्य विधि, विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किए जा रहे है। मॉडल कॉलेज प्रभारी एमआर सोऊ ने सेमिनार की विषय वस्तु एवं मॉडल कॉलेज की जानकारी दी। इस अवसर पर डा. स्नेहलता की पुस्तक गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री की भूमिका का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर डा. अरुण जाखड़, भंवरीदेवी, सुनीता शर्मा, विरेन्द्रसिंह, अमित कुमार, पीआर चौधरी, विजय कुमार कांटीवाल, अनिल मीणा, रविशंकर सैनी, डा. मुरलीधर कटारिया, डा. चित्रा छीपा, डा. नवीन जोशी, तेजस हिरानी आदि ने शोधपत्र का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अशोक तंवर ने किया अंत में संयोजक डा. इंदा ने आभार प्रकट किया।

स्वर्णनगरी में होली के दिन बादशाह व जिंदा-ङ्क्षजदी के स्वांग रचने की चली आ रही है परंपरा होली के दिन दुर्ग के व्यासा पाड़ा में सजेगा दरबार तो चैनपुरा में बनेंगे जिंदा-जिंदी


एक तरफ सजता है बादशाह का दरबार तो दूसरी तरफ जिंदा-जिंदी के स्वांग



स्वर्णनगरी में होली के दिन बादशाह व जिंदा-ङ्क्षजदी के स्वांग रचने की चली आ रही है परंपरा
होली के दिन दुर्ग के व्यासा पाड़ा में सजेगा दरबार तो चैनपुरा में बनेंगे जिंदा-जिंदी



जैसलमेर
स्वर्णनगरी जैसलमेर में होली का त्यौहार अपनी अनूठी परंपराओं के चलते काफी लोकप्रिय है। स्वर्णनगरी में होली की धूम फाल्गुन शुक्ला एकम से चैत्र कृष्ण एकम तक चलती है। गेरियों की ग्यारस से निकलने वाली गेरों की धूम तथा नगर अराध्य लक्ष्मीनाथ में फाग की धूम के साथ ही धूलंडी के दिन दो निराली परंपराओं का निर्वाह अभी भी हो रहा है। एक तरफ भगवान शंकर और पार्वती का स्वांग तो दूसरी तरफ दुर्ग के व्यासा पाड़ा में सजता है बादशाह का दरबार।

दुर्ग में सजता है दरबार:होली पर बादशाह का दरबार सजाने की एक दिलचस्प परंपरा है। सोनार दुर्ग के व्यासा पाड़ा में व्यास जाति के पुष्करणा ब्राह्मण ही होली पर बादशाह बनते है। इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा बताते है कि इस संबंध में प्रचलित कथा के अनुसार महारावल लक्ष्मण के काल में पंजाब का एक ब्राह्मण रामरक्ष दिल्ली से भागकर जैसलमेर राज्य में शरण मांगता है। व्यास जाति का वह ब्राह्मण पेशे से वैद्य था। उसने दिल्ली के तत्कालीन बादशाह के साध्य रोग का इलाज किया था। इससे प्रसन्न होकर बादशाह अपनी पुत्री की शादी उससे करना चाहता था। इस शर्त पर रामरक्ष राजी न था और वहां से भाग निकला। जैसलमेर के महारावल से उसे सम्मान देकर यहां के कुल पुरोहित की पुत्री से शादी भी करवा दी। जब यह संदेश बादशाह तक पहुंचा तो रामरक्ष को पकडऩे के लिए जैसलमेर में सैनिक भेजे। संयोग से उस दिन धूलंडी थी। महारावल को विवाद टालने का बहाना मिल गया। उसे होली के स्वांग के रूप में बादशाह बनाकर बिठा दिया गया। जिससे संतुष्ट होकर सैनिक वहां से चले गए। रामरक्ष के एक पुत्र भी था उसे शहजादा बना दिया गया था। उसी दिन से होली के अगले दिन बादशाह का दरबार सजाने की परंपरा चल पड़ी।

बादशाही बरकरार-शहजादा सलामत: धूलंडी के दिन व्यासा पाड़ा में समस्त लोग एकत्र होकर सर्व सम्मति से बादशाह व शहजादे का चुनाव करते है। जिसके बाद व्यासा पाड़ा में बादशाह का दरबार सजाया जाता है। दरबार सजने के बाद बादशाह व शहजादे को पालकी पर बिठा कर व्यासा पाड़ा से जैन मंदिर, कुंड पाड़ा होते हुए सवारी निकाली जाती है। रास्ते में लोगों द्वारा बादशाह का स्वागत किया जाता है। इस दौरान बादशाह पर कोई भी गुलाल नहीं छिड़कता है। साथ ही बादशाही बरकरार व शहजादा सलामत का जयघोष किया जाता है। कालांतर में इसके साथ बादशाह बनने वाले को पूरी जाति को गोठ(पार्टी) देने की परंपरा जुड़ गई लेकिन वह आवश्यक नहीं है।

जिंदा-जिंदी का करते है पूजन

एक तरफ दुर्ग में बादशाह का दरबार सजता है वहीं दूसरी तरफ नगर के चैनपुरा मौहल्ला में जिंदा जिंदी का स्वांग रचाया जाता है। गिरधर लाल पुरोहित ने बताया कि धूलंडी के दिन दो युवकों को जिंदा-जिंदी बनाया जाता है। जिन्हें शिव व पार्वती का रूप माना जाता है। जिंदा-जिंदी के साथ ही चैनपुरे की गैर निकलती है जो पहले पूरे मौहल्ले में घुमती है। हर परिवार द्वारा उनका पूजन किया जाता है तथा गैरियों द्वारा हालरा(खुशी व उल्लास के गीत) गाए जाते है। साथ ही गोठ के लिए सहयोग राशि भी एकत्र की जाती है। शेष त्नपज १५

चैनपुरे की गैर दुर्ग से आने वाली लक्खूबीरे की गेर के साथ मिलकर महारावल के निवास पहुंचती है। वहां से चैनपुरे व लक्खूबीरे की गेर दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर जाती है जहां लक्ष्मीनाथजी के हालरा गाने के बाद गैर समाप्ति की घोषणा होती है। इसी के साथ धूलंडी का त्यौहार भी खत्म होता है।