सोमवार, 5 मार्च 2012

तस्करों ने कर दी थाना प्रभारी की पिटाई

तस्करों ने कर दी थाना प्रभारी की पिटाई

जयपुर। हरियाणा से आई शराब की तस्करी को रोकने वाले सांगानेर आबकारी थाना प्रभारी की तस्करों ने पिटाई कर दी। अब आलम यह है कि आबकारी थाना सहमा हुआ है और थाना प्रभारी आबकारी कमिश्नर के सामने फरियाद लेकर पहुंची है। उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत कमिश्नर दिनेश कुमार को दी है, जिसमें उसने खुद को पीटे जाने की बात भी लिखी है।

दरअसल, मुखबिर की सूचना मिलने पर राजापार्क स्थित एक दुकान के पास निरीक्षण करने पहुंची महिला थाना प्रभारी ने बड़ी मशक्कत के बाद हरियाणा मार्का शराब की करीब दो दर्जन बोतलें तो जब्त की हीं, साथ ही दो लोगों को पूछताछ के लिए थाने ले आई। यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद थाना प्रभारी के साथ जो कुछ हुआ, उसने न सिर्फ थाना प्रभारी के होश उड़ा दिए बल्कि शराब तस्करों के हौसले की भी कहानी कह दी।

राजधानी में शराब तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं, इस बात का अंदाजा सांगानेर आबकारी थाने के हालात से लगाया जा सकता है। दरअसल, शराब तस्करों ने यहां पहुंच कर न सिर्फ उत्पात मचाया, बल्कि थाना प्रभारी ममता सार्दुल पर घूंसे भी बरसाए। मामला शनिवार देर रात का है। हालांकि हंगामे की सूचना मिलते ही सांगानेर व प्रतापनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उसका जोर भी समझाइश पर ही रहा। बताया जाता है कि आरोपियों में से एक व्यक्ति तो अस्पताल में इलाज करवाने के नाम पर भर्ती हो गया है, जबकि दूसरा आबकारी थाने की हिरासत में है।

आबकारी थाना प्रभारी ममता सार्दुल ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि राजापार्क में राजस्थान आबकारी विभाग की दुकान के समीप ही हरियाणा निर्मित शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के दस्ते ने तोलाराम परवानी व किशोर सिंधी को गिरफ्तार करते हुए दुकान के पास से करीब 24 बोतलें जब्त कीं। जब दल दोनों आरोपियों को लेकर सांगानेर थाने पहुंचे, तो वहां पर आरोपियों के परिजन थाने पर आ धमके और थाना प्रभारी ममता को दोनों हाथों से पकड़ कर उन पर घूंसे बरसाना शुरू कर दिया।

सांगानेर आबकारी थाना प्रभारी ममता सार्दुल ने बताया कि गिरफ्तार शराब तस्करों के खिलाफ पूर्व में भी करीब सात मामले दर्ज किए जा चुके हैं। थाना प्रभारी ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए शराब तस्करों के राजधानी के कई इलाकों में सरकारी शराब की दुकानों के लाइसेंस हैं।

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